Wednesday, May 7, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाँजियों से मेरा संगम

FUN-MAZA-MASTI

भाँजियों से मेरा संगम

मैं एक 26 साल का युवक हूँ. मेरा नाम महमूद है. हमारी फॅमिली बहुत बड़ी है, मेरी पाँच बहने हैं और मैं एक भाई. सभी बहने मुझसे बड़ी हैं और मेरी सबसे छ्होटी बहन मुझसे लगभग 9 साल बड़ी है. मेरी बहने इस तरह से हैं: 1. फ़रज़ाना (48 य्र्स), 2. सादिया (46 य्र्स), 3. रुश्दा (41 य्र्स), 4. नय्यर (37 य्र्स) और 5. अतिया (35 य्र्स). बचपन में मैं बहुत ही लाड प्यार से पला और अकेला होने की वजह से मुझको ज़यादा बाहर आना जाना भी अलोड नहीं था.
मेरी सभी बहनो की शादी हो चुकी है. जब मैं 7 साल का था तब मेरी 2 नंबर. की बेहन सादिया विडो हो गयी. उसके ससुराल वालों ने उसे बहुत सताया और पापा उसको घर ले आए. जब वो घर पर आई तब उसकी दो बेटियाँ थी, एक 3 साल की और दूसरी लगभग 2 महीने की. सादिया बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लड़की थी. पापा ने चाहा कि उसकी दूसरी शादी कर्दे लेकिन सादिया ने मना कर दिया. खैर जब तो मैं छ्होटा था, इन बातों की समझ नहीं थी. मेरे दोस्त बहुत ही कम थे. क्यूंकी मुझे बाहर आने जाने नहीं दिया जाता था. इसलिए अपनी बहनो को देखकर ही मैं जवान होने लगा.
जब मैं 11 – 12 साल का हुआ तब मुझे थोड़ी थोड़ी सेक्स की समझ आने लगी. अतिया मुझको सबसे ज़्यादा प्यार करती थी, वही मुझे नहलाती, कपड़े बदल वाती और दूसरे काम करती थी. लेकिन जब कभी भी सादिया को यह मोका मिलता तो वो भी मुझे नहलाना कर देती थी, लेकिन जब भी वो मुझे नहलाती तभी वो मेरी जाँघो के बीच में देखती रहती, कभी मेरे अंडरवेर में हाथ डालकर सॉफ करती और मेरे लंड को भी पकड़ लेती. लेकिन मुझको कुच्छ ख़ास एहसास नहीं होता था. लेकिन जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तब मुझको सेक्स का मन होने लगा.
क्यूंकी अतिया मुझसे सबसे ज़्यादा करीब थी तो मैं उसी को देखता रहता. तब मेरी उम्र लगभग 18 साल होगी और अतिया की 22 साल. वो एक अच्छी सुडोल बदन की लड़की थी, उसकी फिगर बहुत अच्छी थी, ख़ास तोर पर उसके बूब्स बहुत सेक्सी थे, कभी कभी जब वो अपने कपड़े उतार कर बाथरूम या चेंजिंग रूम में लटकाती तो मैं उनको देखता और उसकी ब्रा और पॅंटीस के साथ छेड़खानी करता, और उसके मैले कपड़ो पर मूठ भी मारता था. उसकी ब्रा का साइज़ 34 था और पॅंटी का 36. मैं बचपन से ही रात में उसके पास सोता था.
कभी कभी जब मुझे सेक्स का मन होता तो मैं रात में उसको लिपट जाता और अपना लंड उसके पीछे लगा कर हल्का फूलका धक्का मारता. कभी कभी उसकी बाहों को सहलाता और कमर पर हाथ फिराता. वो कुच्छ बोलती नहीं थी, मैं समझता था कि वो सो रही है. ऐसे बहुत दिन से चल रहा था. एक दिन मुझको बहुत दिल किया तो मैने रात में उसके बूब्स पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा, वो कुच्छ बोली नहीं लेकिन मुझे लगा के वो जाग गयी है, तो मैने डर से अपना हाथ उसके बूब्स से हटा लिया.
थोड़ी देर मैं ऐसे ही लेटा रहा. तब अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख लिया और सीधी लेट गयी. मैं तो सर्प्राइज़ हो गया, मैने उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और उसको बुरी तरह लिपट गया. पहली बार मुझे एहसास हुआ कि लड़की के बूब्स कितने मुलायम होते हैं. मैं बहुत गरम हो गया था तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके हाथ में दे दिया. उसने उसे पकड़ लिया मगर कुच्छ किया नहीं. मैं उठकर टाय्लेट में गया और मूठ मार कर आ गया. उसके बाद अतिया भी टाय्लेट गयी और शायद उंगली चला कर आई.
सुबह जब हम दोनो उठे तो मुझको बहुत गिल्टी फील हो रहा था लेकिन अतिया मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी. उसने मुझको बताया के रात में जब भी मैं उसे लिपट कर धक्का मारता हूँ तो उसे बहुत अक्च्छा लगता है. ऐसे ही लगभग दो तीन महीने चलता रहा, रात में मैं उसको खूब रगड़ता और चूमता था. कभी कभी उसकी सलवार में भी हाथ डाल देता था, और उसकी चूत में उंगली चलाता था.
वो हल्की फुल्की आवाज़ करती और फिर बाद में उसकी चूत गीली हो जाती तो वो मुझसे अलग हो जाती थी. फिर मैं जाकर टाय्लेट में मूठ मारता था. पर मैं कभी उसको चोद नहीं पाता था, क्यूंकी सभी लोग आस पास सोते रहते थे और मोका नहीं मिलता था. फिर एक दिन उसने मुझको बोला के हम दोनो टेरेस पर सोएंगे, गर्मी के दिन थे. मैं मान गया और हम दोनो अपना बिस्तर लेकर उपर सोने चले गये. फिर रात में वही सब कुच्छ शुरू हो गया, आज मेरे पास पूरा मोका था उसे चोदने का.
मैने उसकी सलवार में हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा. वो तरह तरह की आवाज़ें करने लगी. मैने उसे चुप रहने को कहा और उससे कहा के मैं उसके कपड़े उतारना चाहता हूँ. वो थोड़ा शरमाई लेकिन मान गयी. पहले मैने उसकी कमीज़ उतारी वो अंदर कुच्छ नहीं पहने थी, उसके बूब्स बहुत ही बड़े बड़े थे शायद पिच्छले दो महीने मे मैने ही सहला सहला कर बड़े किए थे मैं उसके बूब्स चूसने लगा.
फिर मैने उसकी सलवार उतार दी. अब वो बिल्कुल नंगी हो गयी थी. रात के लगभग 2 बज रहे थे. उसके बूब्स चूसने की वजह से मैं बहुत गरम हो गया था, मुझसे रहा नहीं गया. मैने अपना पाजामा खोल कर अपना लंड उसको दिखाया उसने बोला के तुम्हारा तो काफ़ी बड़ा है. मैने उसको बोला के मेरा लंड चूस ले लेकिन वो नहीं मानी. फिर मैने उसको कहा के मैं उसको चोदना चाहता हूँ, वो कुच्छ नहीं बोली पर थोड़ा मुस्कराई. मैने फिर अपना लंड सीधा उसकी चूत पर रख दिया. वो और मैं दोनो काँप रहे थे.
दोनो को जबरदस्त पसीना आ रहा था. मैने कोशिश की लेकिन मेरा लंड उसकी चूत से फिसल जाता था. मैने उसको बोला के मुझको मदद करे तो उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रख लिया फिर मैने ईक ज़ोर के झटके से उसकी चूत मे आधा लंड अंदर डाल दिया. मुझको ऐसा लगा के मेरा लंड मानो आग मे चला गया हो, मैं बदहवास हो गया. वो रोने लगी. जब मैं 14 साल का रहा हूँगा और वो 23 साल की. मैने उसका मुँह दबा लिया और अपना पूरा लंड उसके अंदर घुसा दिया. तब मेरा लंड 5.5 इंच के आसपास होगा.
थोड़ी देर तक वो कहती रही के महमूद मुझे छोड़ दे मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैं पागल हो गया था. मैने उसकी एक नहीं सुनी. थोड़ी देर बाद वो अपनी कमर से उपर को झटका मारने लगी और कहने लगी के महमूद मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. फिर मैं शुरू हो गया और उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. थोड़ी देर बाद वो झार गयी लेकिन मैं शुरू रहा, फिर थोड़ी देर में मैं भी झार गया और मैने सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया. उसको लगा के जैसे किसी ने उसकी चूत में आग डाल दी हो.
उस रात मैने उसे दो बार चोदा. अब तो रोज़ ही रात में हम टेरेस पेर सोते और मैं उसे चोद्ता. पहले मैं उसको बाजी बोलता था, मगर अब उसको अतिया कह कर बुलाता, कभी कभी मैं उसको बोलता के मेरे लिए रंडी बनेगी क्या तो वो गुस्सा हो जाती लेकिन मुझे बहुत अक्च्छा लगता. अब हम काफ़ी फ्रॅंक हो गये थे, मैं उसको बोलता के मुझको सादिया बहुत अच्छी लगती है तो उसने मुझे बताया के उसने सादिया को अपनी चूत में गाजर चलाते हुए देखा है. अतिया को लगातार चोदने के बावजूद मेरा मन सादिया को चोदने का करता था, वो बहुत सेक्सी थी.
उसका फिगर 32-28-35 था. कभी कभी उसके ब्रा और पॅंटीस मुझे मिल जाते तो मैं उन्हे चूस्ता था और उसमे मूठ मार देता था. हू जब भी अपने पॅंटी गंदी देखती तो चुप ही रहती. बट जब मैं उसकी पॅंटीस ज़्यादा ही गंदी करने लगा तो एक दिन उसने मा को बोल दिया, मा को लगा के इस घर में दो ही मर्द हैं एक मैं और एक पापा. उसने मुझको बुलाया और पूछा तो मैने मना कर दिया. खैर बात रफ़ा दफ़ा हो गयी.
अतिया की चुदाई में हम से एक गड़बड़ हो गयी, पता ना होने की वजह से मैं कभी भी डिसचार्ज होते हुए अपना लंड अतिया की चूत से बाहर नहीं निकालता, हमेशा उसकी चूत में ही डिसचार्ज हो जाता था. तीन चार महीने बाद वो प्रेग्नेंट हो गयी. उसको उल्टियाँ आने लगीं. हम दोनो बहुत डर गये, कहें तो किससे कहें और करें तो क्या करें. क्यूंकी सादिया से अतिया काफ़ी फ्रॅंक थी तो हिम्मत करके उसने ये बात सादिया को बता दी. तब तक मेरी तीन बड़ी बहनो की शादी हो चुकी थी (सादिया को मिलाकर). नय्यर और अतिया की नहीं हुई थी.
सादिया बहुत गुस्सा हो गयी, उसने मुझे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और अतिया को भी. फिर वो बोली के मेरी पॅंटीस में भी तू ही गंदगी करता है. मैं कुच्छ नहीं बोल पाया. लेकिन हमारे समझाने पर उसने अतिया को लेजा कर उसका अबॉर्षन करवा दिया. अब हमारे बीच कुच्छ नहीं होता था. अतिया अब मुझसे अलग सोती थी. मैं काफ़ी डर गया था, इसलिए कुच्छ करने की हिम्मत नहीं होती थी. लेकिन इस इन्सिडेंट से एक फायेदा मुझे ये हुआ के मेरी सबसे सेक्सी बहन सादिया जिसकी उम्र तभी लगभग 35 साल की होगी, उसको पता लग गया था के मेरा भाई अब जवान हो गया है.
वो कभी कभी मुझे बड़ी गहरी नज़रो से देखती. मेरा कभी कभी जी करता के सादिया पर हाथ रख दूं लेकिन हिम्मत नहीं होती. अतिया को चोदने का तो कोई चान्स नहीं बन पा रहा था. सादिया के साथ कुच्छ करने की हिम्मत नहीं होती थी क्यूंकी उसको सब कुच्छ पता था. कभी कभी तो मैं जब बहुत गरम हो जाता तो दिल करता के नय्यर को या फिर अपनी मा को ही चोद डालूं. मैं छुप छुप कर सादिया, नय्यर और मा को कपड़े बदलते हुए देखता था. हमारे यहाँ बाथरूम की दीवार में एक छ्होटा होल है, अगर देखा जाए तो उसमे से बाथरूम के अंदर का सबकुच्छ दिखता था.
जब भी सादिया, नय्यर या मेरी मा नहाने जाती तभी मैं उनको छुप छुप कर देखता. कभी कभी ऐसा होता के नहाते वक़्त सादिया और नय्यर अपनी चूत में उंगली चलाने लगती, तो मुझे बड़ा मज़ा आता. मुझको बड़ा मज़ा तब आया जब एक दिन मैने मा को अपनी चूत में उंगली चलाते देखा. मेरी मा काफ़ी एज होते हुए भी बुढ़िया नहीं लगती थी, उसके बूब्स बहुत सुडोल थे और जब वो नंगी होती तो बहुत सेक्सी लगती. वो थोड़ी मोटी हो गयी थी, उसका ब्रा साइज़ 40 था.
एक दिन जब मैं दोपेहर 2.00 बजे स्कूल से आया तो घर में कोई नहीं था. मा सो रही थी, और सादिया घर में थी. वो मुझको गहरी नज़रों से देख रही थी. मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ.
मैने पूछा, “क्या देख रही हो?”
सादिया: “देख रही हूँ कैसे तूने अपनी ही बहन तो चोद डाला, तुझको शर्म नहीं आई.”
मैं चुप रहा.
सादिया फिर बोली, “मैं सोच रही हूँ के सब कुच्छ मा को बता दूँ.”
मैं डर गया, मैने कहा, “नहीं ऐसा मत करना, अब तो बात ख़तम हो गयी है.”
हू बोली, “अच्छा नहीं करूँगी, लेकिन मेरी एक शर्त है.”
मैने पूछा, क्या.
वो बोली, “मुझको ये बता के तू मेरी ब्रा और पॅंटी के साथ क्या करता है?”
मैं चुप रहा.
फिर वो बोली, “मैने तो अब ब्रा और पॅंटी पहनना ही बंद कर दिया है.”
मैं सर्प्राइज़ हो गया, के क्यूँ ये मुझे ये सब कुच्छ बता रही है.
मैने पूछा, “क्यूँ बंद कर दिया है.”
वो बोली, “गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है.”
मैने पूछा, “कैसी गर्मी?’
वो बोली, “तुझको नहीं पता कैसी गर्मी.”
मैं चुप रहा, तो वो बोली, “वोही गर्मी जो तूने अतिया की ठंडी की थी.”
मैं फिर भी चुप रहा.
वो आगे बोली, “मैं तुझको कैसी लगती हूँ?”
मैं चुप रहा, लेकिन थोड़ा मुस्काराया.
वो बोली, “नहीं बताएगा.”
मैने कहा, “अच्छी लगती हैं.”
वो बोली, “कितनी अच्छी.”
मैने कहा, “बहुत अच्छी, अतिया से भी ज़्यादा.”
उसने बोला, “सच बोल रहा है या ऐसी ही मुझको खुश करने के लिए कह रहा है.”
मैने कहा, “सच बोल रहा हूँ, अल्लाह की कसम. जब तुम हँसती हो और तुम्हारे गाल पे गड्ढे पड़ते हैं तो बहुत अच्छे लगते हैं”
वो बोली, “तुझको नहीं पता कैसे कैसे मैं जीती हूँ.”
मैने पूछा, “मैं समझा नहीं.”
वो बोली, “ज़्यादा भोला मत बन, तू मेरी ब्रा और पॅंटी के साथ क्या करता है.”
मैं बोला, “आपको मालूम है तो क्यूँ पूछ रही हैं?”
वो बोली, “मेरे साथ भी वही करेगा?.”
मैं सर्प्राइज़ हो गया, यही तो मैं चाहता था. मैने उसे फॉरन हां कर दी.
रात में मैने और सादिया ने कहा के हम टेरेस पर सोएंगे, ये सुनकर अतिया मुस्कराई और मुझको बोली, क्या हुआ सादिया बाजी को भी पटा लिया है क्या. मैं भी मुस्करा दिया.
फिर रात में हम दोनो टेरेस पर सोने गये. वो रात मेरी ज़िंदगी की सबसे हसीन रात थी. मैने रात के लगभग 11.00 बजे सादिया के साथ चूमना शुरू किया और तीन बजे तक मैने सादिया को जो मुझसे लगभग 20 साल बड़ी थी चोदा. मुझको लगा कि इतनी सेक्सी औरत तो हो ही नहीं सकती. मेरी टाँगो की जान निकल गयी. सादिया ने मुझे बताया के पिछले 9 साल से वो लंड के लिए तरस रही थी. फिर तो मैं उसे रोज़ चोद्ता था. अब तो मुझे पूरी छ्छूट मिल गयी थी.
कभी कभी मोका मिलने पर मैं अतिया को भी चोद देता था. सादिया तो मेरी पूरी रखैल बन गयी थी. वो मुझसे बहुत खुश थी और मैं उससे. हल्के हल्के हम दोनो में बेशर्मी बढ़ती गयी अब तो हम कभी कभी दिन में भी शुरू हो जाते थे. एक दिन दोपेहेर के खाने के बाद मैं और सादिया एक ही कमरे में सो रहे थे, मुझको जोश चढ़ा और मैं उसको लिपट कर लेट गया और चूमने लगा. थोड़ी देर में वो भी आवाज़ निकालने लगी.
हम को पता ही नहीं चला के कब मा आगाई और उसने सब कुच्छ देख लिया. उस दिन उसने हम दोनो को बहुत डाँट पिलाई. लेकिन हम पर कुच्छ असर नहीं हुआ. तीन साल बीत गये मैं 20 साल का हो गया था और सादिया 40 साल की. अब तो यह हालत हो गयी थी के घर में पापा को छोड़ कर सभी को पता था कि सादिया महमूद की रखैल है. अब तो मैं सादिया को अपनी मा के सामने ही लिपट जाता था और चूमता था. मा ने भी शायद आक्सेप्ट कर लिया था. नय्यर की शादी की बात चल रही थी. मेरी नय्यर पर कभी कभी नियत खराब होती थी तो मैं सादिया से बोलता था के मुझे नय्यर की चूत दिलवा दे, लेकिन वो मना कर देती थी.
खैर नय्यर की शादी हो गयी और वो अपने घर चली गयी. अब सादिया की बेटियाँ भी बड़ी हो गयीं थी पहली बेटी 15 साल की और दूसरी 12 साल की. मेरा मन कभी कभी उनको चोदने का भी होता. मैने आख़िर एकदिन सादिया से अपने मन की बात कह दी. सादिया चुप रही कुच्छ नहीं बोली. फिर एकदिन मैने रात में सादिया की बड़ी बेटी सफ़ीना को पकड़ लिया और उसे चोदना चाहा. सब कुच्छ सही चल रहा था, लेकिन जब मैने अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो चीख पड़ी. उसकी चीख से सादिया उठ गयी और उठ कर हमारे पास आगाई.
मेरा आधा लंड सफ़ीना की चूत में था, और मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था. सादिया आई और कहने लगी के आख़िरकार तूने इसे जवान कर ही दिया, चल अब इसको अच्छी तरह चोद. इतना कह कर वो चली गयी. फिर मैने सफ़ीना की चूत में लगभग 1 घंटे तक अपना लंड डाले रखा और बीच बीच में धक्के मारता रहा. जब बात मा को पता चली तो वो बहुत गुस्सा हो गयी और कहने लगी के पापा को बताएगी. हम डर गये,
सादिया बोली, मा को चुप रखने का एक तरीका है. मैने पूछा क्या. उसने कहा किसी औरत का मुँह बंद रखना हो तो उसके नीचे वाले मुँह मे डार्ट लगा देनी चाहिए. मैने पुछा मैं समझा नहीं, तो उसने कहा के मा को भी चोद डाल. मा तब 58 59 की होगी. हमने प्लान बनाया, पापा तब 2 दिन के लिए बाहर गये थे. मैं रात को मा के बेड पर जाकर उससे लिपट गया, मा बोली ये क्या कर रहा है. मैने कहा मा मैं तेरा ख़सम बनना चाहता हूँ.
वो मुझे मारने लगी लेकिन मैने उसे नहीं छोड़ा. सादिया भी मेरे साथ थी. उसने मा के हाथ पकड़ लिए और मैने मा के कपड़े उतार दिए. और अपना लंड मा की चूत मे डाल दिया. पहले पहले तो मा मना करती रही लेकिन बाद में उसको भी मज़ा आने लगा. सादिया ने मा के हाथ छोड़ दिए और हँसती हुई बाहर चली गयी. उस रात मैने मा को 3 बार चोदा. फिर 2 रातों तक मैं मा के पास ही सोया जब तक पापा नही आगाये. सादिया अब मुझे कभी बहन चोद और कभी मा चोद कह कर बुलाती थी. मुझको बड़ा अक्च्छा लगता था.
सबसे ज़्यादा मज़ा तो तब आता था जब सादिया मा को छेड़ती थी, कहती के तुमको क्या कहूँ मा या सौतन. मा भी काफ़ी मज़ाक करती. अभी मा एकदम चुप थी, पापा आए तो मा ने पापा को कुच्छ नहीं बताया. बल्कि अब मा का बिहेवियर ही मेरे साथ बदल गया. अब वो मेरा कुच्छ ज़्यादा ही ख़याल रखती थी. कभी कभी मुझको जब दिल करता तो अपना दूध पिलाती और फिर चुदवाती थी. मुझे मा को चोदने में सबसे ज़्यादा मज़ा आता था.
अब मेरा मन पढ़ाई लिखाई में बिल्कुल नहीं लगता था. पापा के ऑफीस जाते ही मैं घर आजाता और किसी ना किसी को पकड़ लेता और चोदता. अब घर पर मेरी चार रखैल थीं, सादिया, अतिया, सफ़ीना और मेरी मा. मा ज़्यादा तो नहीं लेकिन कभी कभी महीने मे एक बार मेरे साथ सो जाती थी, ज़्यादातर दिन मे ऐसा होता था. सादिया तो रोज़ रात में उठकर मेरे पास आजाती और मेरा बिस्तर गरम करती थी. फिर जब मैं 21 साल का हुआ तो अतिया की भी शादी हो गयी. अब मैं सादिया और सफ़ीना पर ही हाथ सॉफ करता था. ये बात सादिया की छ्होटी बेटी मरयम को भी पता थी.
वो मेरे पापा के बहुत ज़्यादा करीब थी, उसने हम से कुच्छ कहे बिना एकदिन पापा को बता दिया. अब तो मानो ग़ज़ब ही आगेया, पापा का BP बढ़ गया, घर में बहुत हंगामा हुआ और अंजाम ये हुआ के पापा का हार्ट फैल हो गया. 10-15 दिन तक मैं बहुत गिल्टी फील करता रहा, लेकिन आख़िर मेरा सेक्स करने का फिर से मन करने लगा. मैने सादिया से बोला तो उसने कहा के ये सब तेरी वजह से नहीं हुआ है बल्कि मरयम की वजह से हुआ है, वो बोली कि मरयम और किसी को भी बता सकती है, इसलिए उसके नीचे वाले मुँह में भी डार्ट लगा दे. मैं बहुत खुश हुआ. तब मरयम 14साल की हुई होगी.
उस रात मैं मरयम के पास जाकर लेट गया. मरयम मेरी मा के पास लेटी थी. मैने मा से कहा कि आज मैं मरयम को चोदुन्गा. मैने मा को बताया के जैसे मरयम ने पापा को बताया था ऐसे ही ये किसी और को भी बता सकती है तो उसने कुच्छ नहीं बोला. सर्दी के दिन थे, मैं रात में मरयम की रज़ाई मे घुस गया और उसे चूमने लगा, वो जाग गयी और उसने मा को जगा दिया, और बोली ये मामा मेरे साथ ग़लत कर रहा है. मा चुप रही और उसने दूसरी तरफ मुँह कर लिया.
मैने मरयम को समझाया के कुच्छ नहीं होगा और उसकी कमीज़ उतारने लगा, वो थोड़ा छटपताई, लेकिन मैने उसकी कमीज़ उतार कर फेंक दी. फिर उसके बूब्स, जो बहुत छ्होटे थे उनको मसल्ने लगा, थोड़ी ही देर में वो तरह तरह की आवाज़ करने लगी. फिर मैने उसकी सलवार उतार दी और अपना 6 इंच का लंड उसकी चूत पर रख दिया. मैने मरयम को बोला थोड़ा दर्द होगा, और एक झटके में लंड अंदर घुसा दिया.
वो चिल्ला पड़ी और कहने लगी, मामा मुझे मत चोदो बहुत दर्द हो रहा है. इतने में मा उठी और उसने मरयम का मुँह पकड़ लिया और मुझसे कहा के अब चोदो. मुझे और मरयम को चुदाई करते हुए देखकर मा गरम हो गयी. मरयम को चोदने के बाद मैं मा की रज़ाई में घुस गया और मा को उस दिन पूरा नंगा कर दिया और 2 बार चुदाई की. अगले दो तीन दिन तक मैं मरयम को छोड़ता रहा. अब सब कुच्छ ठीक हो गया था,
मरयम खुद आकर मेरे पास चुदाई करवाती थी, उसको अब कोई दिक्कत नहीं थी. इस बीच एक दिन पता चला के सादिया प्रेग्नेंट हो गयी है. मैने सादिया से कहा के अबॉर्षन करवा ले तो उसने मना कर दिया. फिर दुनिया की नज़रों से बचने के लिए हम लोगों ने अपना ऊP वाला घर छोड़ने का मन बनाया और, महाराष्ट्रा आगाये. अब 4 साल गुज़र गये हैं. सादिया मेरे 2 बच्चो की माँ बन गयी है लेकिन अभी भी उतनी ही सेक्सी है, उसकी उम्र 46 है. सफ़ीना के भी दो बच्चे हैं उसकी उम्र 22 साल है. मरयम 19 साल की है और 6 महीने से प्रेग्नेंट है.
मज़ा तो तब आया जब एक दिन मालूम चला के मा भी प्रेग्नेंट है, मा तो अपने बेटे के बच्चे की मा बनना चाहती थी लेकिन मैने कह कर अबॉर्षन करा दिया. अब भी महीने मे एक आध बार उसकी चुदाई हो जाती है. कभी कभी मैं सोचता हूँ के दुनिया में सभी लड़के अपनी मा बहेनॉ को खुल्लम खुल्ला चोद पाते तो कितना अच्छा होता. मैं अपना एक्सपीरियेन्स बताऊं तो अपनी मा की चुदाई करने में जो मज़ा है वो शायद माधुरी दीक्षित या ऐश्वर्या राई की चुदाई में भी नहीं
समाप्त
 
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