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मैं ; मेरी बीवी और भाभी
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मैं ; मेरी बीवी और भाभी
मेरे
तायाजी के लड़के यानि सुमित भैया कनाडा में दो साल के ट्रेनिंग के लिए गए
तो विशाखा भाभी हमारे यहाँ रहने के लिया गई. कारण कि तायाजी चाहते थे कि
भाभी को अकेलापन ना लगे. सुमित और विशाखा की शादी भी वाल एक महीने पहले हुई
थी. तायाजी अकेले ही हैं इसलिए. भाभी मुझसे दो साल बड़ी है. मेरी शादी
केवल दस दिन पहले ही हुई थी. सयाली और मैं नई नई शादी का पूरा मजा ले रहे
थे. जब भी समय मिलता हम दोनों कमरे में बंद हो जाते. भाभी हमें खूब चिढाती.
सयाली लेकिन चिढती नहीं बल्कि भाभी को उलटा चिढाती और कहती " भाभी कभी
एकदम से कमरे में मत आ जाना नहीं तो और भी आपकी हालत खराब हो जायेगी."
दोनों खूब मजाक करती.
धीरे
धीरे भाभी की तड़प हम दोनों के सामने भी दिखाई देने लगी. एक दिन सयाली ने
मुझसे कहा "जानूं, भाभी की हालत देखी नहीं जाती. कल रात को मैंने उन्हें
तकिया दबाते हुए और सिसकी भरते हुए देखा तो मुझे उन पर बहुत या आ गई. भैया
तो अभी दो साल के बाद आयेंगे. उन्होंने तो भाभी के साथ केवल तीन रातें
बिताई है. " हम दोनों अब जब भी भाभी को अकेला कमरे में जाता देखते तो पीछे
चले जाते. एक बार हम दोनों ने देखा कि भाभी ने अपने सभी कपडे उतार दिए और
पलंग पर लेट गई. वो तड़पने लगी और तकिये को पकड़ कर लोटने लगी. फिर हमने
देखा कि भाभी ने अपनी ऊँगली अपने जननांग में डाली और सिसकी भरते हुए ऊँगली
अन्दर बहार करने लगी. हम दोनों को ही भाभी पर बहुत दया आई. हम दोनों भरे मन
से अपने कमरे में लौट आये.
रात
को सयाली जब भाभी के कमरे में गई तो सयाली ने देखा भाभी फिर वो ही दोहरा
रही थी. सयाली ने धीरे से दरवाजा बंद किया और भाभी के पास पलंग पर बैठ गई.
उसने भाभी का हाथ पकड़ा और बोली " भाभी आप ऐसा मत करो." भाभी बोली " तो फिर
मैं क्या करूँ?
दो
साल कैसे गुजारुंगी मैं?" सयाली कुछ ना बोली. भाभी ने सयाली का हाथ पकड़
लिया. भाभी का हाथ गरम हो रहा था. भाभी ने सयाली का हाथ पकड़ा और अपने
गुप्तांग और जननांग से छुआ दिया. सयाली काँप गई. वो जैसे ही उठने को हुई तो
भाभी ने उसे अपनी बाहों में भर लिया. भाभी निर्वस्त्र थी. सयाली को लगातार
भाभी पर आती दया ने उठने नहीं दिया. वो कुछ देर बैठी रही. जब भाभी शांत
हुई तो वो लौट आई. सयाली ने मुझे यह सब बताया तो मैंने कहा कि इसमें कोई
गलत नहीं है. तुम उससे लिपट जाया करो भाभी की आग थोडा तो शांत हो जायेगी.
अब दोनों इस तरह से कई बार आपस में मिलने लगी.
एक
बार मुझे किसी जरुरी काम से रात की गाड़ी पकड़कर दिल्ली जाना था. मैं स्टेशन
चला गया. पहले कहा गया कि ट्रेन एक घंटा लेट है. फिर कहा गया कि दो घंटा
लेट है कोई अक्सिडेंट हुआ है इसलिए. रात के बारह बज गए और घोषणा हुई कि कल
दोपहर तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी. मैं घर के लिए वापस रवाना हो गया. करीब एक
बजे मैं घर पहुंचा. मैं जैसे ही अपने कमरे में दाखिल हुआ तो मैंने देखा कि
भाभी सयाली के साथ मेरे पलंग पर लेटी हुई है. सयाली विशाखा भाभी को चूम
रही है. सयाली और भाभी दोनों ही निर्वस्त्र है.
मुझे
ना जाने क्यूँ ये अच्छा लगा. मैंने सामान रखा और पलंग के पास आ गया. दोनों
ने जैसे ही मुझे देखा तो सयाली ने भाभी के ऊपर एक चद्दर ओढा दी. मैंने
सयाली से कहा " मेरी ट्रेन कल दोपहर के बाद ही जायेगी. सयाली ये तुमने बहुत
अच्छा किया जो भाभी की मदद कर रही हो. दो साल तक भाभी कब तक तड़पेगी."
सयाली ने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और बोली " जानूं, मुझे भी ख़ुशी हुई कि
तुमने इस बात का बुरा नहीं माना.. भाभी आज मेरे साथ यहीं सो जायेगी; तुम
पास वाले सोफे पर लेट जाओ." मैंने हाँ कह दी. तभी भाभी ने कहा " प्रभात
सोफे पर कैसे सोयेगा. डबल बेड है. तुम हम दोनों के बीच आ जाओ और प्रभात को
भी यहीं सोने दो. अब हम तीनों उसी पलंग पर सो गए. सयाली के एक तरफ मैं था
तो दूसरी तरफ भाभी. मैं कपडे बदलने के लिए बाथरूम गया. जब वापस लौटा तो
सयाली भाभी के स्तनों का मसाज कर रही थी. मैं पलंग पर बीत कर दोनों को
देखने लगा. सयाली ने मेरी तरफ देखा. भाभी हम दोनों को देख रही थी. मैंने
सयाली के होंठों को चूम लिया. सयाली ने भी मेरे होंठों को चूम लिया. इस
दौरान सयाली भाभी के स्तनों का मसाज जारी रखे हुए थी. भाभी हम दोनों को इस
तरह से चूमता देख बेकाबू होने लगी. उसके जिस्म में बढती हलचलों को काबू में
रखने केलिए मैं भी उसके स्तनों पर मसाज करने लगा. भाभी अब तड़पने लगी.
सयाली को और मुझे दोनों को भाभी को लेकर चिंता होने लगी. सयाली ने मेरे कान
में कहा " जानूं; अगर तुम बुरा ना मानो तो मेरा यह सोचना है कि जब तक भाभी
अकेली है हम इन्हें सबसे छुपाकर अपने साथ ही सुला लिया करेंगे. " मैंने
हाँ कह दिया. सयाली ने मुझे कहा " जानूं; ये बात हम तीनों के बीच में ही
रहेगी. " भाभी की हालत लगातार बिगड़ने लगी. उसके मुंह से अजीब अजीब आवाजें
आने लगी. मैंने सयाली से कहा " इस तरह से हम भाभी को किस तरह से
संभालेंगे." सयाली ने कुछ सोचा और बोली " जानूं; तुम हमेशा मेरे ही रहोगे
लेकिन मेरा कहा मानो; जब तक भैया नहीं आ जाते; तुम भाभी को मेरे साथ साथ
संभाल लो. भाभी के लिए तुम सुमित बन जाओ." मैंने सयाली की तरफ हैरानी से
देखा. सयाली ने कहा " जब मुझे कोई आपत्ति नहीं तो! भाभी को देखो कैसा तड़प
रही है. आओ मेरे साथ आ जाओ." सयाली के बार बार कहने पर मैं सयाली के साथ
भाभी के साथ सटकर लेट गया. मैंने भाभी के गाल पर एक हल्का सा चुम्बन लिया.
भाभी ने एक आह भारी और मुझसे लिपट गई. सयाली ने मुझे इशारा किया और मैंने
भाभी को लगातार चूमना शुरू कर दिया. सयाली भी अब मुझे भाभी को संभालने में
मदद करने लगी. उसने भी भाभी को गालों पर चूमा. अब भाभी मुझसे एकदम खुलकर
चुम्बन लेने और देने लगी. सयाली भी अब शामिल हो गई और थ्रीसम सेक्स ग्रुप
हो गया था. अब धीरे धीरे मैं भाभी को अपनी गिरफ्त में लेने लगा. सयाली ने
मेरे लिंग को चूमकर एकदम खड़ा कड़क और लंबा कर दिया और उस पर कोंडोम चढ़ा
दिया. सयाली ने भाभी को मुझसे अलग किया और उसकी टांगें फैला दी. मैंने
तुरंत भाभी की टांगों के बीच में लेटकर अपना लिंग उसके जननांग के तरफ बढ़ा
दिया. सयाली ने मेरे लिंग को भाभी के जननांग में थोड़े से जोर से अन्दर डाल
दिया और फिर मैंने जोर लगाकर उसे और अन्दर पहुंचा दिया. भाभी के मुंह से
ख़ुशी की आवाजें निकलने लगी. अब सयाली ने रहा नहीं गया. उसने मुझे इशारा
किया. मैंने अपना लिंग भाभी के अन्दर से निकाला और सयाली के जननांग में
घुसा दिया. भाभी हमारे करीब आ गई और
हम दोनों को चूमने लगी. उसने भी अब सयाली की पूरी मदद की. कुछ देर के बाद
मैंने सयाली के जननांग में अपने लिंग की धारा चला दी. यह देख भाभी ने भी
जिद की. सयाली ने मुझे हाँ कहा., लेकिन मैंने भाभी को समझा लिया और अगली
बार उनके जननांग में लिंग को ले जाने की बात कह दी. भाभ्मान गई.
हम
दोनों इसी तरह से लेटे हुए थे. भाभी जब यह देखा तो उन्हें बहुत अच्छा लगा.
सयाली ने भाभी से कहा " भाभी अगर आप बुरा नहीं मानो और आप की इजाजत हो तो
कल ये आपके साथ कल एक बार फिर इनसे दोहरा दूंगी." भाभी ने सयाली को चूमा
और बोली " तुम मेरा कितना ख़याल रख रही हो. मुझे मंज़ूर है लेकिन यह बात केवल
हम तीनों तक ही रहनी चाहिये." मैंने भाभी के गाल चूमे और बोला " आप
बिलकुल चिंता मत करो. इस कमरे के बाहर यह बात बिलकुल नहीं जायेगी.." भाभी
ने मुझे और सयाली के होंठों को एक साथ जोर से चूम लिया. भाभी की आग थोड़ी
बुझ चुकी थी. इस तरह से लगातार मैं
सयाली के जननांग को भेदता रहा और भाभी को चूमता रहा और करीब करीब सारी रात
ऐसे ही बिताई. जब हम थक कर चूर हो गए तो देखा कि सवेरे के छह बज गए हैं.
हम सो गए.
अगले
दिन मैं दिल्ली चला गया और जब दो दिन के बाद लौटा तो सयाली और भाभी दोनों
ने मुझे एक साथ अपनी बाहों में भर लिया. वे दोनों ही तड़प रही थी. जैसे तैसे
कर हमने दिन बिताया. रात को हम तीनों हमारे कमरे में थे. भाभी ने आज गहरे
लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी. सयाली ने उसे होंठों पर गहरे लाल रंग की
ढेर सारी लिपस्टिक भी लगाईं. भाभी एक बार गर्ल जैसी सेक्सी लगने लगी थी.
मैंने भाभी को बाहों में लिया और एक साथ उसके होठों का सारा रंग अपने
होंठों और जीभ पर ले लिया. भाभी का सारा बदन सरसरा उठा. फिर सयाली मेरे
पास आ गई. हमने भाभी को और उत्तेजित कर ने लिए आपस में कई सेक्स मुद्राएँ
की. भाभी अब पूरी तरह से चार्ज हो गई और मैंने कोंडोम लगाकर अपने को फुल्ली
लोडेड कर लिया. भाभी पलंग पर लेटी. सयाली उसके पास लेट गई और उसे चूमने
लगी. मैंने भाभी के जननांग पर अपना और सयाली का हाथ रखा. भाभी का जननांग
एकदम कच्चा और गुदगुदा लग रहा था जैसे कोई फल आधा पका हुआ हो. सयाली और
मैंने एक दूजे को देखा. सयाली ने मुझे होंठों पर चूमा और भाभी के जननांग
को दिखाते हुए बोली " जानूं, इस कच्चे फल को आज तुम पूरी तरह से पका दो. उस
दिन पहली बार तुमने इए छुआ था लेकिन देखो कैसा अनछुआ लग रहा है. उस दिन
तुमने केवल थोड़े समय के लिए ही इसे छुआ था. आज तुम इसे पूरा छूलो और इसे
लाल लाल कर पूरा पका दो. ये फल तुम्हारे लिए ही बना है ऐसा समझो. "
भाभी
लेटी हुई थी और हम दोनों उसके जननांग को बैठे हुए देख रहे थे. मैंने अपने
को भाभी के ऊपर लिटा लिया और सयाली ने तुरंत मेरे लिंग को भाभी की उस
गुदगुदी गुफा में धकेल दिया. मैंने जोर लगाया
मेरा
लिंग दूर बहुत दूर अन्दर तक चला गया. सयाली ने भाभी के होंठों को अपने
होंठों से छु लिया. अब सयाली भी मुझसे चिपक गई. सयाली ने अपना एक हाथ भाभी
के जननांग के पास ले जाकर मेरे लिंग को पकड़कर उसके अन्दर धकेलने लगी. मुझे
और भाभी को यह बहुत अच्छा लगा. मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और एक मेरी और एक
भाभी की ऊँगली साथ में मिलाकर सयाली के जननांग में दोनों उंगलीयाँ डाल दी.
सयाली को बहुत अच्छा लगा. हम दोनों अपनी उंगलीयाँ सयाली के अन्दर धीरे
धीरे सहलाते रहे. काफी देर तक इसी तरह करने के बाद अचानक हम तीनों ही जोर
से तड़प उठे. सयाली का जननांग अब गीला होकर बहने लगा. हमारी उंगलीयों ने उस
मलाईदार रस को बाहर आने से रोक दिया. तभी मेरा लिंग भी अपने से मलाई
निकालकर भाभी के अन्दर छोड़ने लगा. अद्भुत नजारा था. हम तीनों इतना तडपे और
आनंद में आये कि हमें मजा आ गया. इसके बाद मैंने सयाली के जननांग अपने
लिंग से भर दिया. भाभी ने अब सयाली की भूमिका निभाई.
सारी रात हम तीनों इसी तरह से सेक्स का मजा लेटे रहे. सयाली की इच्छानुसार भाभी का जननांग अब पूरी तरह से गहरा लाल लाल हो चुका था.
सवेरे जब मैं ऑफिस के लिए रवाना होने लगा तो भाभी ने मुझे अपने कमरे में बुलाकर मेरे होंठों को चासनी से भरा हुआ एक चुम्बन दे दिया.
इसी
तरह से दिन बीतने लगे. एक दिन खबर आई कि भैय्या को तीन दिन के लिए अपने
परिवार से मिलने के लिए भारत आने का मौका मिल रहा है. मैं और सयाली खुश हो
गए कि चलो अच्छा है भाभी और भैया का मिलन हो जाएगा. भैया आ गए लेकिन हम
दोनों उस वक्त बहुत हैरान हो गए जब भाभी रात को भैया के कमरे से निकलकर
हमारे कमरे में आ गई. भाभी ने कहा कि वो हम दोनों के ही साथ सोएगी. भाभी ने
बताया कि भैया तो कब के सो गए हैं.दोनों हैरान कि आखिर भैया ऐसे कैसे सो
गए जब कि पूरे एक साल बाद वो भाभी से मिल रहे हैं. भाभी हम दोनों के साथ
ही सो गई. मैंने और सयाली ने भाभी के दर्द को समझा और उनसे संभोग किया. जब
उन्हें नींद आने लगी तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. अगले दिन भाभी ने बताया
कि भैया का वहां एक औरत से दुसरा विवाह हो चुका है और वो अब भाभी को नहीं
अपनाएंगे. भाभी ने मुझसे और सयाली से कहा कि यह बात घर में किसी को भी पता
नहीं चलनी चाहिये. भाभी का मतलब यह था कि जब किसी को पता नहीं चलेगा तो
भाभी का मेरे और सयाली के साथ का रिश्ता कायम रह पायेगा. सयाली और मैं मान
गए. भैया लौट गए.
आज
उस भैया को गए दो साल हो गए हैं. भैया साल में एक बार आते हैं और तीन चार
दिन रुक कर लौट जाते हैं. सयाली जब जब भैया आते हैं तो कमरे में उनके साथ
सोती है लेकिन सिर्फ सभ्को बताने के लिए. भैया भाभी को छूते तक नहीं है..
सभी को यह लगता है कि सब कुछ सामान्य है. इस बार जब भैया गए तो कह गए कि अब
उनका आना बहुत कम या नहीं के बराबर रहेगा. उन्हें कनाडा के नागरिकता मिल
चुकी है.
सयाली और भाभी दोनों ही अब मां बनने वाली है. दोनों ही के पेट में मेरा ही बच्चा पल रहा है. मैं , सयाली और भाभी बहुत ही खुश हैं.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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