FUN-MAZA-MASTI
किसी से ना कहना : भाग पांचवा
मैं और लीना शादी के बाद सेक्स का पूरा पूरा मजा लेकर जी रहे थे. लीना अपने शरीर का पूरा ध्यान रखती थी. वो हर दो-तीन सप्ताह के बाद ब्यूटी पार्लर जाती और अपने शरीर को चिकना करवाकर आती. एक दिन वो ब्यूटी पार्लर गई .वो अपने साथ पर्स ले जाना भूल गई. उसने मुझे वहां से फोन किया. मैं रुपये लेकर पार्लर पहुंचा. जैसे ही मैंने पार्लर के काउंटर पर रूपये देने के लिए रखे तो सामने उसी लड़की को देखा जो मेरी शादी के दिन मेरे और वामा के साथ सेक्स में शामिल हुई थी. मैं पसीने पसीने हो गया. तभी लीना बाहर आ गई. उस लड़की ने मुझे बाय कहा और मुस्कुराने लगी.
उस दिन तो मैं घर लौट आया लेकिन मन में यह डर घर कर गया कि कहीं यह लड़की लीना को कुछ बता ना दे. हर समय मेरा मन इस अनजाने दर से घबराने लग गाय थ।
रविवार का दिन थ। मै और लीना नाश्ता कर रहे थे कि डोर बेल बजी। लीना ने दरवाजा खोला मैने देखा कि ब्यूटी पार्लर वाली लडकी थी। मै पसीने पसीने हो गया। वो लडकी मुस्कुराते हुए लीना के साथ भीतर आ गई. लीना ने मुझसे कहा " मेरी और सान्या की अच्छी दोस्ती हो गई है. संया ने कहा है कि अब वो घर आकर ही सब कर देगी और मुझे इसके ब्यूटी पार्लर नहीं जाना पडेगा." मैं समझ गया कि सान्या कोई गुल जरुर खिलाएगी. मैं सिर्फ हंस कर रह गया. सान्या चाय पीते पीते मुझे लगातार देखकर मुस्कुरा रही थी.
करीब एक सप्ताह के बाद शाम को जब मैं घर लौटा तो दरवाजा सान्या ने खोला. मैं चौंक गया. सान्या बोली " लीना मैडम का वेक्सिंग का काम चल रहा है. वे अन्दर लेटी हुई है." मैं चुपचाप अपने कमरे में आ गया. कुछ देर के बाद लीना ने मुझे आवाज दी और मैं बेडरूम में गया. लीना केवल ब्रा और पैंटी में लेटी हुई थी और सान्या लीना का मसाज कर रही थी. लीना ने मुझे देखा और बोली " तुम भी मसाज करवा लो. सान्या बहुत अच्छा करती है." मैंने मना किया. सान्या ने आँख मारकर मुझे ईशारा किया. मैं समझ गया कि वो मुझे धमकी दे रही है. सान्या ने मेरी कपडे उतारने में मदद की.
मैं केवल अंडर वेअर में बिस्तर पर लेट गया. सान्या मेरा मसाज करने लगी. सान्या ने मसाज करने से पहले अपना कुर्तिदार टॉप खोल दिया. उसने अन्दर एक स्लीव लेस टॉप पहना हुआ था जिसका गला काफी नीचे तक खुला हुआ था. सान्या ने मसाज शुरू किया. वो बहुत नीचे झुक कर मसाज कर रही थी. इससे उसके सीने के उभार मुझे छु रहे थे. सान्या ने मेरे कान में धीमी आवाज में पुछा " उस दिन वो लड़की कौन थी?" मैंने आँख दिखाई और छुप रहने का ईशारा किया. सान्या ने अब लीना के चेहरे पर मसाज कर फेसियल उतरा और कहा " आप अपना चेहरा धो आइये." लीना जैसे ही बाथरूम में गई सान्या ने मेरे होंठ चूमे और मेरे ऊपर लेट गई. सान्या ने अपने सीने से मुझे दबाया और बोली " एक दिन लीना के साथ उस दिन की तरह हम तीनों करें क्या?" मैंने गुस्से से कहा " बिलकुल भी मत कहना. ऐसा सोचना भी मत." सान्या ने एक बार फिर मेरे होंठ चूमे और वापस खड़ी होकर मसाज करने लग गई.
मेरी चिंता अब बढती जा रही थी. लीना इन सब से बेखबर थी. करीब एक महीने के बाद सान्या एक बार फिर रविवार के दिन घर आई. लीना की उसने वेक्सिंग की और फिर उसे फेसियल लगाया. सान्या ने आज लीना की आँखों पर ककड़ी के टुकड़े रख दिए. लीना पलंग पर लेट गई. मैं बाहर ड्राइंग रूम में था. सान्या आई और मेरे गोद में बैठ गई. उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी मजबूरी देखते हुए सान्या को चूम लिया. मैंने सान्या के साथ एक लंबा फ्रेंच किस भी किया. तभी सान्या उठाकर लीना के पास चली गई. मैंने राहत महसूस की.
एक दिन इसी तरह शनिवार के दिन सान्या घर आई हुई थी. मेरी शनिवार को आधी छुट्टी रहती है. मैं जब घर पहुंचा तो सान्या लीना को सोप मसाज दे रही थी. मैं चौंक गया. मेरे दिमाग में तुरंत आया कि सान्या ने शुरुवात कर दी है. सान्या केवल ब्रा और पैंटी में थी और लीना ने केवल पैंटी पहन रखी थी. लीना के पूरे बदन पर ढेर सारा साबुन का झाग था. उस वक्त सान्या लीना के स्तनों को झाग के साथ मसल रही थी और लीना बहुत आनंद के साथ यह सब करवा रही थी. सान्या ने जैसे ही मुझे देखा उसने आँख मारी और लीना के स्तनों को मसलते मसलते अचानक उन्हें अपने होंठों से थोडा सा चूम लिया. लीना ने एक बहुत ही मीठी आवाज निकाली. सान्या ने एक बार फिर लींना के स्तनों को चूम लिया. लीना मचल गई. सान्या ने लीना की इस हालत का फायदा उठाया और लीना के पास लेट गई और उसे बाहों में भर लिया. लीना ने आन्ल्खें खोली. सान्या बोली " मैडम ; आप लेटी रहिये. मैं एक अलग तरह का मसाज कर रही हूँ." लीना लेटी रही. सान्या ने अब लीना के जिस्म पर खुद को लिटा लिया और एक मर्द की तरह उसे दबाने लगी. लीना को शायद बहुत ही मजा आया. उसने भी सान्या को गालों पर चूम लिया. अब लीना ने भी सान्या के चुम्बनों का जवाब उसी तरह से देना शुरू किया. मैंने ईशारे से सान्या को नहीं करने के लिए कहा लेकिन सान्या लगातार मुझे आँख मार मारकर मुस्कुरा रही थी. मैं खिड़की की आड़ से उन दोनों को देख रहा था.
लीना ने सान्या से पानी पिलाने के लिए कहा. सान्या रसोई में गई. मैं तुरंत लीना के पास आया और बोला " लीनु; ये क्या करवा रही हो तुम? चलो उठो. उस लड़की के साथ इस तरह से मत लेटो. ये लडकीयाँ अच्छी नहीं होती है." लीना ने अचानक मुझे चूमा और बोली " जानेमन; बड़ा मजा आ रहा है मुझे. सान्या बहुत मस्ती करवा रही है. अब तुम ही बताओ केवल चार सौ रुपयों में इस शहर में ये सब मसाज कौन करके देता है और साथ में वेक्सिंग और फेसियल भी. बहुत सस्ता है. मैं तो कहती हूँ तुम भी सोप मसाज करवा लो. फ्रेश हो जाओगे. आज वैसे भी शनिवार है. हमें सारी रात जागना भी तो है. " मैं समझ गया कि सान्या का दांव सफल हो गया है. अब वो कभी भी मुझे साथ लेकर थ्रीसम सेक्स कर लेगी और मस्ती में उसके मुंह से वामा वाली बात भी निकल जायेगी.
मैंने अब सान्या को अलग तरह से पटाने की सोची. लीना थोड़ी देर के बाद नहाने के लिए चली गई. मैंने सान्या को दबोच लिया. सान्या केवल ब्रा और पैंटी में ही थी. सान्या खुश हो गई. मैं और सान्या बिस्तर पर आ गए. मैंने तुरंत सान्या की पैंटी नीचे की और अपने हाफ पैंट में से अपना लिंग निकालकर सान्या के जननांग में धकेल दिया. सान्या कराह उठी. मैंने जल्दी जल्दी सान्या को जोर जोर से ढेर सारे झटके दिए. सान्या को बहुत मजा आया. मैंने सान्या से कहा " हम लगातार मिलेंगे लेकिन उस दिन वाली बात तुम लीना से बिलकुल मत कहना. तुम्हें अलग से मैं खुश करता रहूंगा." सान्य ने मुझे जोर से चूमा और बोली " तुम बहुत अच्छे और मीठे हो. मैं तुम्हारी बात मानूंगी. बस तुम ऐसे ही मिलते रहना. मैं मैडम को इसी तरह से मस्त कर कर के एक दिन थ्रीसम में शामिल कर ही लुंगी. बस फिर उस दिन वाली बात हमेशा हमेशा के लिए दफ़न हो जायेगी. " मैं बहुत खुश हो गया. तभी बाथरूम का दरवाजा खुल गया. सान्या ने अपनी पैंटी पहनी और मेरी पीठ पर मसाज करने लग गई. लीना ये देखकर खुश हो गई.
अब सान्या लगभग हर दसवें दिन आने लगी और लीना भी उसे जल्दी जल्दी बुलाने लगी. अब यह होने लगा कि जब भी सान्या लीना के लिए घर आती लीना जब जब नहाने जाती तब तब मैं और सान्या जो भी समय होता हम दोनों हमबिस्तर हो जाते. यह सिलसिला लगातार चलने लगा.
एक दिन सान्या लीना की वेक्सिंग कर रही थी. सान्या ने लीना से कहा " मैडम; आपने कभी सूना है या पढ़ा है कि एक मर्द और दो औरतों के बीच का सेक्स बहुत मजेदार होता है. कामसूत्र में भी यह बात लिखी गई है." लीना एक छोटे शहर से थी और एक मध्यमवर्गीय घर से; इसलिए इस तरह की किताबें उसने ना के बराबर पढ़ी थी. उसने ना में सर हिलाया. सान्या ने कहा " ये बहुत ही उतेजना वाला होता है. एक बार इसकी आदत पड़ जाए तो फिर हर समय बहार ही बहार होती है." लीना ने पूछा " क्या तुम कोई किताब दे सकती हो जिसमे ऐसी कोई कहानी या किसा है." सान्या ने हाँ कहा और दुरे ही दिन एक इंग्लिश मैगजीन लाकर उसे दे दी. लीना उसे पढ़कर और उसकी तस्वीरें देखकर पागल सी हो गई. उसने सान्या से फोन पर बात की और कहा कि उसे बहुत अच्छा लगा है. सान्या ने लीना को और ऐसी ढेर सारी मेग्जीनें लाकर दे दी.
रात को जब मैं बेडरूम में आया तो लीना वही मैगजीन देख रही थी. मैं उन मैगजीनों को देखते हे सब समझ गया कि ये सारा सान्या का किया हुआ है. लीना बड़े ही उत्साह से मुझे दिखाने लगी. मैंने उसे कुछ नहीं कहा केवल उसके साथ साथ देखता रहा और फिर हम दोनों एक दूसरे में खो गए.
दो दिन के बाद आखिर लीना ने मुझसे रात को उस वक्त कहा जब मेरे लिंग ने उसके जननांग को पूरी तरह से काबू में किया हुआ था " जानेमन; अगर हम दोनों के अलावा एक और औरत आ जाए तो हम दोनों को बहुत मजा आयेगा. मुझे सान्या की किताबें बहुत उत्तेजित कर गई है. अगर वो ही हमारे साथ आ जाए तो! हम उसे जानते हैं. अच्छी और मजेदार लड़की है. हम दोनों से खुली हुई भी है. सच कहती हूँ बहुत मजा आयेगा. बस अब तुम हाँ कह दो." इतना कहकर लीना ने मेरे होंठ सी दिए और उन्हें चूसने लगी. मैंने भी सोचा कि इससे सान्या की जुबान भी खामोश हो जायेगी और वामा वाला किस्सा भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. मैं हाँ कह दिया.
अगले ही दिन सान्या आ गई. उस दिन शनिवार था. लीना ने मेरे आने से पहले सान्या के साथ मिलकर सारी तैय्यारी कर ली. मैं जब नहाकर बाथरूम से बाहर आया तो बेडरूम में दोनों अपने सभी कपडे उतार कर बैठ हुई थी. मुझे देखते ही दोनों मुस्कुरा दी. मैंने अपना तौलिया उतरा और दोनों के साथ मिल गया. सान्या और लीना को मैंने लगातार चूमा और फिर इसके बाद सान्या जिन मैगजीनों को लेकर आई थी; उन मैगजीनों से हम तीनों ने तस्वीरों जैसी सेक्स पोजीशंस की . इसके बाद मैंने लीना के साथ सेक्स किया. लीना ने सान्या को भी मेरे नीचे लेटने को कहा. मैंने सान्या के साथ भी सेक्स कर लिया.
अब हर शनिवार की रात थ्रीसम सेक्स की रात होने लगी. लीना भी अब काफी कामुक हो गई थी. उसके सेक्सुअल व्यवहार में बहुत बदलाव आ गया था और हरदम उत्तेजित रहने लग गई. मुझे भी अब बहुत मजा और मस्ती आने लगी थी. अब तो सान्या कभी भी आ जाती. कई बार तो सप्ताह में तीन तीन बार ये होने लगा. इस तरह से हम तीनों ने पूरे सात महीने निकाल लिए.
एक दिन लीना के पास वामा का फोन आया कि वो अपने पीटीआई के सात दो दिनों के लिए हमारे यहाँ आ रही है. उसके पति का हमारे ही शहर में किसी कंपनी में इंटरव्यू है. रात तो जब यह बात लीना ने मुझे बताई तो मेरी तो सांस ही रुक गई. लगातार एक के बाद एक नई नई मुसीबत. अगर वामा के पति की इसी शहर में नौकरी पक्की हो गई तो मैं तो बरबाद ही हो गया समझो.
तय कार्यक्रम के अनुसार वामा और उसका पति पहुँच गए. मैं वामा को देख एक तरह से पागल हो गया. वामा अब और भी ज्यादा निखर गई थी. उसका अंग अंग जैसे खुद ही कह रहा हो कि देखो हर जगह रस ही रस छलक रहा है. आओ पिलो. वामा भी सबकी नजर बचाकर मुझे देखकर मुस्कुरा दी.
रात को खाना खाने के बाद हम चारों आपस में बातें करने लग गए. वामा लगातार सभी से नजरें बचाकर मुझे देखती और मुझसे नजरें मिलते ही एक शरारत भरी मुस्कान से मुझे हिला देती.
सवेरे मैं वामा के पति को लेकर रवाना हो गया. वामा और लीना ने पूरे दिन खूब गप्पें लड़ाई. वामा ने लीना को बहुत ही प्रभावित कर दिया. वैसे भी लीना बहुत भोली-भली है इसलिए बहुत जल्दी वामा से प्रभावित होकर उससे घुलमिल गई. वामा ने लीना को अपने पति के साथ के सेक्स के कई किस्से सूना डाले. लीना ने भी उसे ऐसे ही कई किस्से सुनाये. दोनों शाम तक बहुत ही खुल गई.
वामा का पति देर शाम को लौटा और उसने बताया कि उसका सेलेक्शन हो गया है और एक बार कल से ही उसे ड्यूटी ज्वाइन करी होगी. वामा और लीना यह खबर सुन खुही से चिल्ला पड़ी. मैंने भी बहुत खुश हुआ कि लीं को एक अच्छी सहेली मिल गई है. लेकिन दूसरे ही पल यह ख्याल आया कि वामा का फिर से आना जाना शुरू हो जाएगा और मेरे लिए सान्या के अलावा एक और मुसीबत खड़ी हो जायेगी. मैं अपने कमरे में था. वामा अचानक मेरे कमरे में आई और बोली " देखो' हमारा मिलना फिर से होने लगेगा. खूब मजा आयेगा. अब तो हम दोनों को कोई नहीं रोक सकेगा." यह कहकर वो वापस चली गई. मेरी ख़ुशी अब एक बहुत बड़ी चिंता में बदल गई. अब मुझे ये पक्का विश्वास हो गया कि लीना को अब मेरे और वामा के बारे में सब कुछ पता चल ही जाएगा.
आगे क्या हुआ आप छठवें भाग का इंतज़ार करें.
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किसी से ना कहना : भाग पांचवा
मैं और लीना शादी के बाद सेक्स का पूरा पूरा मजा लेकर जी रहे थे. लीना अपने शरीर का पूरा ध्यान रखती थी. वो हर दो-तीन सप्ताह के बाद ब्यूटी पार्लर जाती और अपने शरीर को चिकना करवाकर आती. एक दिन वो ब्यूटी पार्लर गई .वो अपने साथ पर्स ले जाना भूल गई. उसने मुझे वहां से फोन किया. मैं रुपये लेकर पार्लर पहुंचा. जैसे ही मैंने पार्लर के काउंटर पर रूपये देने के लिए रखे तो सामने उसी लड़की को देखा जो मेरी शादी के दिन मेरे और वामा के साथ सेक्स में शामिल हुई थी. मैं पसीने पसीने हो गया. तभी लीना बाहर आ गई. उस लड़की ने मुझे बाय कहा और मुस्कुराने लगी.
उस दिन तो मैं घर लौट आया लेकिन मन में यह डर घर कर गया कि कहीं यह लड़की लीना को कुछ बता ना दे. हर समय मेरा मन इस अनजाने दर से घबराने लग गाय थ।
रविवार का दिन थ। मै और लीना नाश्ता कर रहे थे कि डोर बेल बजी। लीना ने दरवाजा खोला मैने देखा कि ब्यूटी पार्लर वाली लडकी थी। मै पसीने पसीने हो गया। वो लडकी मुस्कुराते हुए लीना के साथ भीतर आ गई. लीना ने मुझसे कहा " मेरी और सान्या की अच्छी दोस्ती हो गई है. संया ने कहा है कि अब वो घर आकर ही सब कर देगी और मुझे इसके ब्यूटी पार्लर नहीं जाना पडेगा." मैं समझ गया कि सान्या कोई गुल जरुर खिलाएगी. मैं सिर्फ हंस कर रह गया. सान्या चाय पीते पीते मुझे लगातार देखकर मुस्कुरा रही थी.
करीब एक सप्ताह के बाद शाम को जब मैं घर लौटा तो दरवाजा सान्या ने खोला. मैं चौंक गया. सान्या बोली " लीना मैडम का वेक्सिंग का काम चल रहा है. वे अन्दर लेटी हुई है." मैं चुपचाप अपने कमरे में आ गया. कुछ देर के बाद लीना ने मुझे आवाज दी और मैं बेडरूम में गया. लीना केवल ब्रा और पैंटी में लेटी हुई थी और सान्या लीना का मसाज कर रही थी. लीना ने मुझे देखा और बोली " तुम भी मसाज करवा लो. सान्या बहुत अच्छा करती है." मैंने मना किया. सान्या ने आँख मारकर मुझे ईशारा किया. मैं समझ गया कि वो मुझे धमकी दे रही है. सान्या ने मेरी कपडे उतारने में मदद की.
मैं केवल अंडर वेअर में बिस्तर पर लेट गया. सान्या मेरा मसाज करने लगी. सान्या ने मसाज करने से पहले अपना कुर्तिदार टॉप खोल दिया. उसने अन्दर एक स्लीव लेस टॉप पहना हुआ था जिसका गला काफी नीचे तक खुला हुआ था. सान्या ने मसाज शुरू किया. वो बहुत नीचे झुक कर मसाज कर रही थी. इससे उसके सीने के उभार मुझे छु रहे थे. सान्या ने मेरे कान में धीमी आवाज में पुछा " उस दिन वो लड़की कौन थी?" मैंने आँख दिखाई और छुप रहने का ईशारा किया. सान्या ने अब लीना के चेहरे पर मसाज कर फेसियल उतरा और कहा " आप अपना चेहरा धो आइये." लीना जैसे ही बाथरूम में गई सान्या ने मेरे होंठ चूमे और मेरे ऊपर लेट गई. सान्या ने अपने सीने से मुझे दबाया और बोली " एक दिन लीना के साथ उस दिन की तरह हम तीनों करें क्या?" मैंने गुस्से से कहा " बिलकुल भी मत कहना. ऐसा सोचना भी मत." सान्या ने एक बार फिर मेरे होंठ चूमे और वापस खड़ी होकर मसाज करने लग गई.
मेरी चिंता अब बढती जा रही थी. लीना इन सब से बेखबर थी. करीब एक महीने के बाद सान्या एक बार फिर रविवार के दिन घर आई. लीना की उसने वेक्सिंग की और फिर उसे फेसियल लगाया. सान्या ने आज लीना की आँखों पर ककड़ी के टुकड़े रख दिए. लीना पलंग पर लेट गई. मैं बाहर ड्राइंग रूम में था. सान्या आई और मेरे गोद में बैठ गई. उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी मजबूरी देखते हुए सान्या को चूम लिया. मैंने सान्या के साथ एक लंबा फ्रेंच किस भी किया. तभी सान्या उठाकर लीना के पास चली गई. मैंने राहत महसूस की.
एक दिन इसी तरह शनिवार के दिन सान्या घर आई हुई थी. मेरी शनिवार को आधी छुट्टी रहती है. मैं जब घर पहुंचा तो सान्या लीना को सोप मसाज दे रही थी. मैं चौंक गया. मेरे दिमाग में तुरंत आया कि सान्या ने शुरुवात कर दी है. सान्या केवल ब्रा और पैंटी में थी और लीना ने केवल पैंटी पहन रखी थी. लीना के पूरे बदन पर ढेर सारा साबुन का झाग था. उस वक्त सान्या लीना के स्तनों को झाग के साथ मसल रही थी और लीना बहुत आनंद के साथ यह सब करवा रही थी. सान्या ने जैसे ही मुझे देखा उसने आँख मारी और लीना के स्तनों को मसलते मसलते अचानक उन्हें अपने होंठों से थोडा सा चूम लिया. लीना ने एक बहुत ही मीठी आवाज निकाली. सान्या ने एक बार फिर लींना के स्तनों को चूम लिया. लीना मचल गई. सान्या ने लीना की इस हालत का फायदा उठाया और लीना के पास लेट गई और उसे बाहों में भर लिया. लीना ने आन्ल्खें खोली. सान्या बोली " मैडम ; आप लेटी रहिये. मैं एक अलग तरह का मसाज कर रही हूँ." लीना लेटी रही. सान्या ने अब लीना के जिस्म पर खुद को लिटा लिया और एक मर्द की तरह उसे दबाने लगी. लीना को शायद बहुत ही मजा आया. उसने भी सान्या को गालों पर चूम लिया. अब लीना ने भी सान्या के चुम्बनों का जवाब उसी तरह से देना शुरू किया. मैंने ईशारे से सान्या को नहीं करने के लिए कहा लेकिन सान्या लगातार मुझे आँख मार मारकर मुस्कुरा रही थी. मैं खिड़की की आड़ से उन दोनों को देख रहा था.
लीना ने सान्या से पानी पिलाने के लिए कहा. सान्या रसोई में गई. मैं तुरंत लीना के पास आया और बोला " लीनु; ये क्या करवा रही हो तुम? चलो उठो. उस लड़की के साथ इस तरह से मत लेटो. ये लडकीयाँ अच्छी नहीं होती है." लीना ने अचानक मुझे चूमा और बोली " जानेमन; बड़ा मजा आ रहा है मुझे. सान्या बहुत मस्ती करवा रही है. अब तुम ही बताओ केवल चार सौ रुपयों में इस शहर में ये सब मसाज कौन करके देता है और साथ में वेक्सिंग और फेसियल भी. बहुत सस्ता है. मैं तो कहती हूँ तुम भी सोप मसाज करवा लो. फ्रेश हो जाओगे. आज वैसे भी शनिवार है. हमें सारी रात जागना भी तो है. " मैं समझ गया कि सान्या का दांव सफल हो गया है. अब वो कभी भी मुझे साथ लेकर थ्रीसम सेक्स कर लेगी और मस्ती में उसके मुंह से वामा वाली बात भी निकल जायेगी.
मैंने अब सान्या को अलग तरह से पटाने की सोची. लीना थोड़ी देर के बाद नहाने के लिए चली गई. मैंने सान्या को दबोच लिया. सान्या केवल ब्रा और पैंटी में ही थी. सान्या खुश हो गई. मैं और सान्या बिस्तर पर आ गए. मैंने तुरंत सान्या की पैंटी नीचे की और अपने हाफ पैंट में से अपना लिंग निकालकर सान्या के जननांग में धकेल दिया. सान्या कराह उठी. मैंने जल्दी जल्दी सान्या को जोर जोर से ढेर सारे झटके दिए. सान्या को बहुत मजा आया. मैंने सान्या से कहा " हम लगातार मिलेंगे लेकिन उस दिन वाली बात तुम लीना से बिलकुल मत कहना. तुम्हें अलग से मैं खुश करता रहूंगा." सान्य ने मुझे जोर से चूमा और बोली " तुम बहुत अच्छे और मीठे हो. मैं तुम्हारी बात मानूंगी. बस तुम ऐसे ही मिलते रहना. मैं मैडम को इसी तरह से मस्त कर कर के एक दिन थ्रीसम में शामिल कर ही लुंगी. बस फिर उस दिन वाली बात हमेशा हमेशा के लिए दफ़न हो जायेगी. " मैं बहुत खुश हो गया. तभी बाथरूम का दरवाजा खुल गया. सान्या ने अपनी पैंटी पहनी और मेरी पीठ पर मसाज करने लग गई. लीना ये देखकर खुश हो गई.
अब सान्या लगभग हर दसवें दिन आने लगी और लीना भी उसे जल्दी जल्दी बुलाने लगी. अब यह होने लगा कि जब भी सान्या लीना के लिए घर आती लीना जब जब नहाने जाती तब तब मैं और सान्या जो भी समय होता हम दोनों हमबिस्तर हो जाते. यह सिलसिला लगातार चलने लगा.
एक दिन सान्या लीना की वेक्सिंग कर रही थी. सान्या ने लीना से कहा " मैडम; आपने कभी सूना है या पढ़ा है कि एक मर्द और दो औरतों के बीच का सेक्स बहुत मजेदार होता है. कामसूत्र में भी यह बात लिखी गई है." लीना एक छोटे शहर से थी और एक मध्यमवर्गीय घर से; इसलिए इस तरह की किताबें उसने ना के बराबर पढ़ी थी. उसने ना में सर हिलाया. सान्या ने कहा " ये बहुत ही उतेजना वाला होता है. एक बार इसकी आदत पड़ जाए तो फिर हर समय बहार ही बहार होती है." लीना ने पूछा " क्या तुम कोई किताब दे सकती हो जिसमे ऐसी कोई कहानी या किसा है." सान्या ने हाँ कहा और दुरे ही दिन एक इंग्लिश मैगजीन लाकर उसे दे दी. लीना उसे पढ़कर और उसकी तस्वीरें देखकर पागल सी हो गई. उसने सान्या से फोन पर बात की और कहा कि उसे बहुत अच्छा लगा है. सान्या ने लीना को और ऐसी ढेर सारी मेग्जीनें लाकर दे दी.
रात को जब मैं बेडरूम में आया तो लीना वही मैगजीन देख रही थी. मैं उन मैगजीनों को देखते हे सब समझ गया कि ये सारा सान्या का किया हुआ है. लीना बड़े ही उत्साह से मुझे दिखाने लगी. मैंने उसे कुछ नहीं कहा केवल उसके साथ साथ देखता रहा और फिर हम दोनों एक दूसरे में खो गए.
दो दिन के बाद आखिर लीना ने मुझसे रात को उस वक्त कहा जब मेरे लिंग ने उसके जननांग को पूरी तरह से काबू में किया हुआ था " जानेमन; अगर हम दोनों के अलावा एक और औरत आ जाए तो हम दोनों को बहुत मजा आयेगा. मुझे सान्या की किताबें बहुत उत्तेजित कर गई है. अगर वो ही हमारे साथ आ जाए तो! हम उसे जानते हैं. अच्छी और मजेदार लड़की है. हम दोनों से खुली हुई भी है. सच कहती हूँ बहुत मजा आयेगा. बस अब तुम हाँ कह दो." इतना कहकर लीना ने मेरे होंठ सी दिए और उन्हें चूसने लगी. मैंने भी सोचा कि इससे सान्या की जुबान भी खामोश हो जायेगी और वामा वाला किस्सा भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. मैं हाँ कह दिया.
अगले ही दिन सान्या आ गई. उस दिन शनिवार था. लीना ने मेरे आने से पहले सान्या के साथ मिलकर सारी तैय्यारी कर ली. मैं जब नहाकर बाथरूम से बाहर आया तो बेडरूम में दोनों अपने सभी कपडे उतार कर बैठ हुई थी. मुझे देखते ही दोनों मुस्कुरा दी. मैंने अपना तौलिया उतरा और दोनों के साथ मिल गया. सान्या और लीना को मैंने लगातार चूमा और फिर इसके बाद सान्या जिन मैगजीनों को लेकर आई थी; उन मैगजीनों से हम तीनों ने तस्वीरों जैसी सेक्स पोजीशंस की . इसके बाद मैंने लीना के साथ सेक्स किया. लीना ने सान्या को भी मेरे नीचे लेटने को कहा. मैंने सान्या के साथ भी सेक्स कर लिया.
अब हर शनिवार की रात थ्रीसम सेक्स की रात होने लगी. लीना भी अब काफी कामुक हो गई थी. उसके सेक्सुअल व्यवहार में बहुत बदलाव आ गया था और हरदम उत्तेजित रहने लग गई. मुझे भी अब बहुत मजा और मस्ती आने लगी थी. अब तो सान्या कभी भी आ जाती. कई बार तो सप्ताह में तीन तीन बार ये होने लगा. इस तरह से हम तीनों ने पूरे सात महीने निकाल लिए.
एक दिन लीना के पास वामा का फोन आया कि वो अपने पीटीआई के सात दो दिनों के लिए हमारे यहाँ आ रही है. उसके पति का हमारे ही शहर में किसी कंपनी में इंटरव्यू है. रात तो जब यह बात लीना ने मुझे बताई तो मेरी तो सांस ही रुक गई. लगातार एक के बाद एक नई नई मुसीबत. अगर वामा के पति की इसी शहर में नौकरी पक्की हो गई तो मैं तो बरबाद ही हो गया समझो.
तय कार्यक्रम के अनुसार वामा और उसका पति पहुँच गए. मैं वामा को देख एक तरह से पागल हो गया. वामा अब और भी ज्यादा निखर गई थी. उसका अंग अंग जैसे खुद ही कह रहा हो कि देखो हर जगह रस ही रस छलक रहा है. आओ पिलो. वामा भी सबकी नजर बचाकर मुझे देखकर मुस्कुरा दी.
रात को खाना खाने के बाद हम चारों आपस में बातें करने लग गए. वामा लगातार सभी से नजरें बचाकर मुझे देखती और मुझसे नजरें मिलते ही एक शरारत भरी मुस्कान से मुझे हिला देती.
सवेरे मैं वामा के पति को लेकर रवाना हो गया. वामा और लीना ने पूरे दिन खूब गप्पें लड़ाई. वामा ने लीना को बहुत ही प्रभावित कर दिया. वैसे भी लीना बहुत भोली-भली है इसलिए बहुत जल्दी वामा से प्रभावित होकर उससे घुलमिल गई. वामा ने लीना को अपने पति के साथ के सेक्स के कई किस्से सूना डाले. लीना ने भी उसे ऐसे ही कई किस्से सुनाये. दोनों शाम तक बहुत ही खुल गई.
वामा का पति देर शाम को लौटा और उसने बताया कि उसका सेलेक्शन हो गया है और एक बार कल से ही उसे ड्यूटी ज्वाइन करी होगी. वामा और लीना यह खबर सुन खुही से चिल्ला पड़ी. मैंने भी बहुत खुश हुआ कि लीं को एक अच्छी सहेली मिल गई है. लेकिन दूसरे ही पल यह ख्याल आया कि वामा का फिर से आना जाना शुरू हो जाएगा और मेरे लिए सान्या के अलावा एक और मुसीबत खड़ी हो जायेगी. मैं अपने कमरे में था. वामा अचानक मेरे कमरे में आई और बोली " देखो' हमारा मिलना फिर से होने लगेगा. खूब मजा आयेगा. अब तो हम दोनों को कोई नहीं रोक सकेगा." यह कहकर वो वापस चली गई. मेरी ख़ुशी अब एक बहुत बड़ी चिंता में बदल गई. अब मुझे ये पक्का विश्वास हो गया कि लीना को अब मेरे और वामा के बारे में सब कुछ पता चल ही जाएगा.
आगे क्या हुआ आप छठवें भाग का इंतज़ार करें.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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