FUN-MAZA-MASTI
मेरी जिंदगी--12
संभोग के बाद भावना ने एक तकिया अपनी कमर के नीचे रख लिया ताकि राजेश का विर्य उसकी चूत से बाहर ना निकले, वो चाहती थी की जल्द से जल्द वो मा बने अपने और राजेश के बच्चे की और उसका एक नया परिवार शुरू हो जिसमे प्यार ही प्यार हो.
राजेश बाथरूम में जा कर खुद को सॉफ करता है पर भावना बिस्तर से नही उठती काफ़ी देर तक वो एसे ही बिस्तर पे पड़ी रहती है और फिर करीब घंटे बाद उठ कर बाथरूम जाती है और अपनी सफाई कर के फिर राजेश के साथ चिपक के लेट जाती है
'नींद आ रही है क्या' राजेश भावना से पूछता है.
'आज किसे नींद आएगी - आज तो हमारे मिलन की रात है' भावना बोल तो देती है पर शर्मा के अपना चेहरा राजेश की छाती में धसा लेती है और राजेश प्यार से उसके बालों में हाथ फेरने लग गया.
'जानू जानते हो उस दिन रोज़ के साथ मेरा जो हादसा हुआ था उसके बाद रोज़ मेरी और भी पक्की दोस्त बन गयी थी. उसके बाद हफ्ते में एक दिन हम ज़रूर संभोग किया करते थे. ये बात मैने मा से भी छुपा के रखी थी क्यूंकी मैं नही चाहती थी की मा को किसी भी तरहा का दुख पहुँचे मेरी वजह से.
कभी कभी जब मेरे अंदर लड़कों के हार्मोंस बाद जाते तो मुझे ग्लानि सी लगती की एल लड़का होते हुए भी मेरा जिस्म एक लड़के की तरहा सकत नही था, मेरा जिस्म एक लड़की की तरहा कोमल था मैं अंदर ही अंदर बहुत रोती, पर ऐसा बहुत कम होता था, जायदातर तो मेरे अंदर लड़की के हार्मोंस ही काम करते थे. मेरे वक्ष रोज़ के साथ और मा के साथ होने वाली चुदाई से बॅडते जा रहे थे और, मेरे उरोज़ ही मेरा सबसे ज़यादा संवेदन अंग बन गये थे. जब भी मैं खुद अपने उरोज़ सहलाती तो मेरे अंदर भयंकर कामोतेजना बॅड जाती. वक़्त गुजरा और मैं १८ साल की हो गयी अब वो समय आ गया था जब इसका निर्णय होना था की मेरी आगे की जिंदगी क्या होगी. मेरे बहुत से टेस्ट हुए और फिर ये डिसाइड किया गया की मेरा ऑपरेशन कर पुरुष अंग निकाल दिए जाएँगे और
मेरी योनि का रास्ता खोल दिया जाएगा. ऑपरेशन के बाद एक महीना मैं हॉस्पिटल में रही, मेरा हारमोस का इलाज़ एक साल तक चला, मा बहुत दुखी रहने लगी पर दिखती नही थी, उसने अपना बेटा जो खो दिया था. आज से तुम उसके बेटे हो और मैं बहू वादा करो, उसे पूरा सुख दोगे'
'मैं अपनी जानू से वादा करता हूँ अपनी बीवी और मा दोनो को हमेशा खुश रखूँगा'
'जब मैं २० साल की हुई तो मेरी शादी तुम्हारे पापा से कर दी गयी और शादी के एक साल के अंदर ही तुम्हारा जन्म हो गया' तुम्हें पा कर मैं बहुत खुश थी क्यूंकी तुम्हारे अंदर मुझे अपना वो बचपन हस्ता हुआ दिखाई दे रहा था जो मैने तड़प के गुज़रा था- तब भी तुम मेरे सब कुछ थे और आज तो मैं तुम्हारी हो गयी हूँ- आज मेरा अधूरापन ख़तम हो गया है तुम्हारे प्यार की बरसात ने मुझे नया जीवन दे दिया है- आई लव यू जान- आई लव यू टू मच'
'आई लव यू टू ' और दोनो फिर एक दूसरे को चूमने लगे.
इस तरहा भव्य से जनम हुआ था भावना का यानी मेरा.
उस रात भावना और राजेश एक बार फिर संभोग करते हैं, सुबह दोनो नाश्ते के लिए समय पर रेडी हो जाते हैं. भावना का चेहरा खिला हुआ था और जब सीमा उनके पास आती है तो दोनो उससे आशीर्वाद लेते हैं फिर नाश्ता ख़तम कर ये लोग वापस दिल्ली के लिए निकल पड़ते हैं, भावना बिल्कुल एक नयी नवेली दुल्हन की तरहा ही लग रही थी, उसके चेहरे पे नयी चमक और नया उल्लास था.
सीमा वापस जब पहुँचती है तो इन दोनो को एक कमरे में भेज देती है और आने रूम में जा कर एक फाइल निकालती है जिसमे भावना के पति की सारी करतूतों का पुलंदा था, सीमा उनमे से कुछ स्केन कर भावना के पति को भेज देती है साथ में डाइवोर्स नोटीस
जो सभूत सीमा के पास थे उनकी वजह से कोई भी कोर्ट डाइवोर्स बड़ी जल्दी मान लेता - भावना के पति के पास कोई चारा नही था वो डाइवोर्स पेपर्स पर साइन कर वापस भेज देता है.
इस तरहा सीमा ने भावना को उसकी पहली शादी से मुक्त करवा लिया था .
ये बात सीमा अपने तक ही रखती है वो भावना को कुछ भी नही बताती पर राजेश के दिमाग़ में जो कीड़ा बैठ गया था वो अपने बाप से सीधा फ़ोन पे बात करता है और बात को ज़यादा ना बड़ाते हुए उसका बाप सच्चाई बता देता है . वो सच्चाई सुन कर राजेश का खून खोल जाता है और अपने बाप को काफ़ी कड़वे शब्द कह कर फोन बंद कर देता है.
उसकी निगाह में सीमा की इज़्ज़त और बॅड जाती है किस तरहा उसने भव्य की भावना तक होनेवाली यात्रा में उसका पूरा साथ दिया था और आज भी उसके लिए सब कुछ कर रही थी.
राजेश अपना अड्मिशन वहीं दिल्ली मैं करा लेता है और खूब मेहनत कर एम. बी. ए में टॉप कर एक बहुत अच्छी नोकरी करने लगता है.
जिंदगी के दो साल इस तरहा गुजर जाते हैं सीमा एक मा की तरहा उसकी देखरेख करती है और भावना एक बीवी की तरहा.
जिस दिन राजेश की नोकरी पक्की हो जाती है वो एक हफ्ते की छुट्टी ले कर भावना और सीमा के साथ गोआ घूमने का प्रोग्राम बनाता है .
तीनो फ्लाइट पकड़ के गोआ पहुँच गये, राजेश ने होटल ऐसा लिया थे जो गोआ के एक दम किनारे थोड़ा हट के और बीच पे था.
कमरे दो लिए थे जो आपस में जुड़े हुए थे यानी अंदर से ही दूसरे कमरे में जया जा सकता था. सबसे पह काम जो राजेश ने किया इन दोनो को होटल में छोड़ कर वो था दोनो के लिए वन पीस ओर २ पीस बिकिनी खरीदने का, जब राजेश ये सब खरीद के होटल पहुँचा तो देखा दो बीच पे लोंग चेयर पर बैठी बातें कर रही थी. राजेश ने कुछ पीने और खाने का ऑर्डर किया और दोनो के पास चला गया
अपने हाथ में पकड़े पॅकेट दोनो को देते हुए बोला फटाफट चेंज कर के आओ.
दोनो कमरे में गयी और जब पॅकेट खोला तो दोनो का मुँह खुला रह गया.
'भावना तेरा मिया तो फुल मस्ती के मूड में है, तेरी बात तो ठीक है मेरे लिए ये कपड़े- ना ना इस उम्र में मैं ये कपड़े नही पह्न सकती'
राजेश वहाँ पहुँच सुन रहा था वो जानता था की दोनो नखरे करेंगी वो जा कर पीछे से सीमा के साथ लिपट गया.
'मों डार्लिंग आज भी तुम क़त्ले आम मचा सकती हो- अब ये नोटॅंकी छोड़ो और फटाफट चेंज कर लो वरना मुझे करना पड़ेगा'
'धत मारूँगी' सीमा बोली
'जितना मर्ज़ी मार लेना --- भावना डार्लिंग यू हेव ५ मीं फटाफट आओ' और राजेश बाहर निकल गया.
राजेश के जाने के बाद दोनो ने २ पीस वाली बिकनी पह्न ली और भावना तो सीमा के हुस्न को देखती रह गयी.
'सासू मा लगता है आज आपका बेटा आपकी ले के रहेगा'
'वो तेरा दीवाना है आज तक उसने किसी और को देखा भी है जो तुझे ये लगता है'
'मुझे तो उसका मूड कुछ और ही लग रहा है- देख लेना वहीं खुले में आपको दबोच लेगा'
'तो दबोच ले - उसका ही तो हक़ है मुझ पे - जब से तेरे पापा गये और तू लड़की बन गयी तब से तरस रही हूँ'
भावना ने सीमा को गले लगा लिया और उसके होंठ चूम कर बोली ' आज तुम्हें इतना चुदवाउंगी सारी कसर निकल जाएगी'
'आहह' सीमा सिसक पड़ी और दोनो बाहर निकल गयी राजेश के पास जाने के लिए.
वहाँ बीच पे खाने का समान पहुँच चुका था और कुछ बोतलें बियर की भी थी.
राजेश ने जब दोनो को देखा तो बस देखता ही रह गया.
खाने में रोस्टेड सीफुड था.
तीनो मज़े से खाने लगे और एक एक बियर की बोतल चड़ा गये
फिर राजेश दोनो को ले कर समुद्र में कूद पड़ा और तीनो पानी में खेल ने लगे भावना को पता नही क्या सूजा वो सीमा के पीछे चली गयी और फाटक से सीमा की ब्रा खोल डाली.
सीमा के उन्नत उरोज़ छलक पड़े और राजेश की नज़रें उनपे जम गयी सीमा गुस्से में भावना की तरफ पलटी और लगभग खिच कर उसकी ब्रा फाड़ डाली अब दो हसीनाएँ पानी में बिना ब्रा के अपने मममे दिखा रही थी .
राजेश दोनो के करीब आ गया और उसने सीमा को अपनी बाँहों में ले लिया - दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे एक जवालामुखी फटने को तयार था राजेश के होंठ सीमा के होंठों से जुड़ गये और उसके दोनो हाथ सीमा के उरोज़ को मसल्ने लगे भावना राजेश की पीठ से चिपक गयी और अपने उरोज़ उसकी पीठ से रगड़ने लगी.
अचानक सीमा को पता नही क्या हुआ उसने खुद को राजेश से छुड़ाया और लगभग रोते हुए पानी में तैरती अपनी ब्रा उठाई और पह्न कर अपने रूम में भाग गयी. राजेश और भावना आवाज़ देते रह गये पर सीमा नही रुकी.
भावना वहीं लोंग चेयर पे बैठ गयी और राजेश को सीमा के पास भेज दिया उसे मनाने के लिए.
राजेश सीमा के पीछे गया तो देखा रूम खुला है और वो बेड पे बैठी सूबक रही थी.
राजेश उसके साथ बैठ गया और उसके कांडों पे हाथ रख उसे अपने से लिपटा लिया.
'क्या हुआ मों अगर मेरी वजह से दुख पहुँचा है तो माफ़ करदो दुबारा ऐसा नही करूँगा'
'हमारे बीच ये सब ठीक नही है'
'मैने तो बस तुम्हें खुश रखने की कोशिश करी थी'
'चाहे तो मुझे मा बोले पर असल में तो तेरी नानी हूँ - मेरी उम्र देख क्या ये सब ठीक लगेगा'
'अरे मों ये जिंदगी दुबारा नही मिलती और सबको खुश रहने का हक़ है - तुम्हें भी है'
'भावना क्या सोचेगी'
'यही की उसके पति ने उसकी मा को पटा लिया है - अरे कुछ नही सोचती वो - उल्टा खुश होगी की उसकी मा को कोई खुश रखने वाला मिल गया है- अब ये रोना धोना छोड़ो और चलो मेरे साथ'
राजेश उसे लगभग खींचता हुआ वहीं ले गया जहाँ भावना इंतज़ार कर रही थी.
सीमा को वहाँ बिठा कर राजेश ने फिर टीन बोतलें बियर की खोली और तीनो फटाफट पी गये उसके बाद राजेश ने फिर एक बोतल खोल डाली जिसे तीनो ने शेयर किया और राजेश फिर दोनो को पानी में खींच कर ले गया राजेश ने भावना के साथ पानी में मस्ती शुरू कर दी कभी उसे चूमता तो कभी उसके मम्मे दबाता सीमा सब देख रही थी और वो भी गरम हो रही थी.
राजेश ने भावना की ब्रा खोल डाली और पानी में घुस कर उसके निपल चूसने लग गया.
राजेश भावना के निपल जब चूस रहा था तो भावना सीमा को इशारे से अपने पास बुलाती है - सीमा सर हिला के मना कर देती है पर उसकी साँसे बहुत तेज हो चुकी थी जिस्म गरम हो रहा था और पानी की ठंडक भी उसे कम नही होने दे रही थी.
सीमा को ये दर भी था की कहीं कोई आ ना जाए इसलिए वो बार बार इधर उधर नज़रें उड़ा रही थी. भावना के निप्ले कड़े हो गये थे और वो मस्ती में भरती जा रही थी . राजेश के मुँह में समुद्र का नमकीन पानी भी जा रहा था. वो पानी से अपना सर बाहर निकालता है और भावना को गहरी आँखों से देखता है भावना की एक फेंटेसी थी खुले में चुद्ने की जिसे राजेश आज पूरा करने वाला था और भावना भी यही सोच रही थी .
राजेश भावना को गोद में उठा कर पानी से बाहर आ गया और उसे वहीं रेत पे लिटा दिया भावना के जिस्म पे बस छोटी पेंटी ही रह गयी थी. फिर राजेश ने जो हरकत की उसे देख सीमा भी मुस्कुरा पड़ी. राजेश ने भावना के जिस्म पर चेहरे से पाँव तक बियर की बोतल उडेल डाली. ठंडी ठंडी बियर जब भावना के जिस्म पे गिरी तो चीख ही पड़ी और उसके बाद राजेश उसके जिस्म को चाटने लग गया.
राजेश ने उसकी पेंटी उतार डाली और अपना शॉर्ट भी उतार डाला दूर खड़ी सीमा ने जब उसका लंबा मोटा लंड देखा तो उसकी आँहें वहीं गड़ गयी.
राजेश ने ज़यादा देर ना करते हुए भावना की टाँगों को अपने कंधों पे रखा अपने लंड को उसकी गीली छूट पे सेट किया और एक ही धक्के में पूरा अंदर घुसा डाला.
म्*म्म्ममममममममममममममम
भावना ज़ोर से चीखी उसकी आवाज़ चारों तरफ फैल गयी और सीमा चारों तरफ देखने लगी की कहीं कोई उसकी चीख सुन वहाँ तो नही आ रहा
राजेश वहीं रेत पे भावना को सटासॅट चोद्ने लगा और सीमा आँहें फाडे उनकी चुदाई देख रही थी.
आधे घंटे तक राजेश भावना को चोद्ता रहा और सीमा राजेश का स्टॅमिना देख हैरान हो गयी.
रेत पे दो जिस्म तूफ़ानी गति से एक दूसरे से टकरा रहे थे और भावना की सिसकिया चारों दिशा में गूँज रही थी.
खड़ी खड़ी सीमा भी अपनी चूत मसल्ने लगी, भावना दो बार झड़ चुकी थी और राजेश के तूफ़ानी धक्के उसे हिला के रख रहे थे जब राजेश ने अपना फव्वारा भावना की चूत में छोड़ा तो भावना चीख ती हुई उसके साथ चिपक गयी और वो फिर झड़ने लगी इनके झड़ने के साथ सीमा भी झड़ी और वहीं रेत पे गिर हाँफने लगी.
राजेश भावना के उपर से हट के उसकी बगल में गिर पड़ा और तीनो अपनी साँसे संभालने लगे.
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मेरी जिंदगी--12
संभोग के बाद भावना ने एक तकिया अपनी कमर के नीचे रख लिया ताकि राजेश का विर्य उसकी चूत से बाहर ना निकले, वो चाहती थी की जल्द से जल्द वो मा बने अपने और राजेश के बच्चे की और उसका एक नया परिवार शुरू हो जिसमे प्यार ही प्यार हो.
राजेश बाथरूम में जा कर खुद को सॉफ करता है पर भावना बिस्तर से नही उठती काफ़ी देर तक वो एसे ही बिस्तर पे पड़ी रहती है और फिर करीब घंटे बाद उठ कर बाथरूम जाती है और अपनी सफाई कर के फिर राजेश के साथ चिपक के लेट जाती है
'नींद आ रही है क्या' राजेश भावना से पूछता है.
'आज किसे नींद आएगी - आज तो हमारे मिलन की रात है' भावना बोल तो देती है पर शर्मा के अपना चेहरा राजेश की छाती में धसा लेती है और राजेश प्यार से उसके बालों में हाथ फेरने लग गया.
'जानू जानते हो उस दिन रोज़ के साथ मेरा जो हादसा हुआ था उसके बाद रोज़ मेरी और भी पक्की दोस्त बन गयी थी. उसके बाद हफ्ते में एक दिन हम ज़रूर संभोग किया करते थे. ये बात मैने मा से भी छुपा के रखी थी क्यूंकी मैं नही चाहती थी की मा को किसी भी तरहा का दुख पहुँचे मेरी वजह से.
कभी कभी जब मेरे अंदर लड़कों के हार्मोंस बाद जाते तो मुझे ग्लानि सी लगती की एल लड़का होते हुए भी मेरा जिस्म एक लड़के की तरहा सकत नही था, मेरा जिस्म एक लड़की की तरहा कोमल था मैं अंदर ही अंदर बहुत रोती, पर ऐसा बहुत कम होता था, जायदातर तो मेरे अंदर लड़की के हार्मोंस ही काम करते थे. मेरे वक्ष रोज़ के साथ और मा के साथ होने वाली चुदाई से बॅडते जा रहे थे और, मेरे उरोज़ ही मेरा सबसे ज़यादा संवेदन अंग बन गये थे. जब भी मैं खुद अपने उरोज़ सहलाती तो मेरे अंदर भयंकर कामोतेजना बॅड जाती. वक़्त गुजरा और मैं १८ साल की हो गयी अब वो समय आ गया था जब इसका निर्णय होना था की मेरी आगे की जिंदगी क्या होगी. मेरे बहुत से टेस्ट हुए और फिर ये डिसाइड किया गया की मेरा ऑपरेशन कर पुरुष अंग निकाल दिए जाएँगे और
मेरी योनि का रास्ता खोल दिया जाएगा. ऑपरेशन के बाद एक महीना मैं हॉस्पिटल में रही, मेरा हारमोस का इलाज़ एक साल तक चला, मा बहुत दुखी रहने लगी पर दिखती नही थी, उसने अपना बेटा जो खो दिया था. आज से तुम उसके बेटे हो और मैं बहू वादा करो, उसे पूरा सुख दोगे'
'मैं अपनी जानू से वादा करता हूँ अपनी बीवी और मा दोनो को हमेशा खुश रखूँगा'
'जब मैं २० साल की हुई तो मेरी शादी तुम्हारे पापा से कर दी गयी और शादी के एक साल के अंदर ही तुम्हारा जन्म हो गया' तुम्हें पा कर मैं बहुत खुश थी क्यूंकी तुम्हारे अंदर मुझे अपना वो बचपन हस्ता हुआ दिखाई दे रहा था जो मैने तड़प के गुज़रा था- तब भी तुम मेरे सब कुछ थे और आज तो मैं तुम्हारी हो गयी हूँ- आज मेरा अधूरापन ख़तम हो गया है तुम्हारे प्यार की बरसात ने मुझे नया जीवन दे दिया है- आई लव यू जान- आई लव यू टू मच'
'आई लव यू टू ' और दोनो फिर एक दूसरे को चूमने लगे.
इस तरहा भव्य से जनम हुआ था भावना का यानी मेरा.
उस रात भावना और राजेश एक बार फिर संभोग करते हैं, सुबह दोनो नाश्ते के लिए समय पर रेडी हो जाते हैं. भावना का चेहरा खिला हुआ था और जब सीमा उनके पास आती है तो दोनो उससे आशीर्वाद लेते हैं फिर नाश्ता ख़तम कर ये लोग वापस दिल्ली के लिए निकल पड़ते हैं, भावना बिल्कुल एक नयी नवेली दुल्हन की तरहा ही लग रही थी, उसके चेहरे पे नयी चमक और नया उल्लास था.
सीमा वापस जब पहुँचती है तो इन दोनो को एक कमरे में भेज देती है और आने रूम में जा कर एक फाइल निकालती है जिसमे भावना के पति की सारी करतूतों का पुलंदा था, सीमा उनमे से कुछ स्केन कर भावना के पति को भेज देती है साथ में डाइवोर्स नोटीस
जो सभूत सीमा के पास थे उनकी वजह से कोई भी कोर्ट डाइवोर्स बड़ी जल्दी मान लेता - भावना के पति के पास कोई चारा नही था वो डाइवोर्स पेपर्स पर साइन कर वापस भेज देता है.
इस तरहा सीमा ने भावना को उसकी पहली शादी से मुक्त करवा लिया था .
ये बात सीमा अपने तक ही रखती है वो भावना को कुछ भी नही बताती पर राजेश के दिमाग़ में जो कीड़ा बैठ गया था वो अपने बाप से सीधा फ़ोन पे बात करता है और बात को ज़यादा ना बड़ाते हुए उसका बाप सच्चाई बता देता है . वो सच्चाई सुन कर राजेश का खून खोल जाता है और अपने बाप को काफ़ी कड़वे शब्द कह कर फोन बंद कर देता है.
उसकी निगाह में सीमा की इज़्ज़त और बॅड जाती है किस तरहा उसने भव्य की भावना तक होनेवाली यात्रा में उसका पूरा साथ दिया था और आज भी उसके लिए सब कुछ कर रही थी.
राजेश अपना अड्मिशन वहीं दिल्ली मैं करा लेता है और खूब मेहनत कर एम. बी. ए में टॉप कर एक बहुत अच्छी नोकरी करने लगता है.
जिंदगी के दो साल इस तरहा गुजर जाते हैं सीमा एक मा की तरहा उसकी देखरेख करती है और भावना एक बीवी की तरहा.
जिस दिन राजेश की नोकरी पक्की हो जाती है वो एक हफ्ते की छुट्टी ले कर भावना और सीमा के साथ गोआ घूमने का प्रोग्राम बनाता है .
तीनो फ्लाइट पकड़ के गोआ पहुँच गये, राजेश ने होटल ऐसा लिया थे जो गोआ के एक दम किनारे थोड़ा हट के और बीच पे था.
कमरे दो लिए थे जो आपस में जुड़े हुए थे यानी अंदर से ही दूसरे कमरे में जया जा सकता था. सबसे पह काम जो राजेश ने किया इन दोनो को होटल में छोड़ कर वो था दोनो के लिए वन पीस ओर २ पीस बिकिनी खरीदने का, जब राजेश ये सब खरीद के होटल पहुँचा तो देखा दो बीच पे लोंग चेयर पर बैठी बातें कर रही थी. राजेश ने कुछ पीने और खाने का ऑर्डर किया और दोनो के पास चला गया
अपने हाथ में पकड़े पॅकेट दोनो को देते हुए बोला फटाफट चेंज कर के आओ.
दोनो कमरे में गयी और जब पॅकेट खोला तो दोनो का मुँह खुला रह गया.
'भावना तेरा मिया तो फुल मस्ती के मूड में है, तेरी बात तो ठीक है मेरे लिए ये कपड़े- ना ना इस उम्र में मैं ये कपड़े नही पह्न सकती'
राजेश वहाँ पहुँच सुन रहा था वो जानता था की दोनो नखरे करेंगी वो जा कर पीछे से सीमा के साथ लिपट गया.
'मों डार्लिंग आज भी तुम क़त्ले आम मचा सकती हो- अब ये नोटॅंकी छोड़ो और फटाफट चेंज कर लो वरना मुझे करना पड़ेगा'
'धत मारूँगी' सीमा बोली
'जितना मर्ज़ी मार लेना --- भावना डार्लिंग यू हेव ५ मीं फटाफट आओ' और राजेश बाहर निकल गया.
राजेश के जाने के बाद दोनो ने २ पीस वाली बिकनी पह्न ली और भावना तो सीमा के हुस्न को देखती रह गयी.
'सासू मा लगता है आज आपका बेटा आपकी ले के रहेगा'
'वो तेरा दीवाना है आज तक उसने किसी और को देखा भी है जो तुझे ये लगता है'
'मुझे तो उसका मूड कुछ और ही लग रहा है- देख लेना वहीं खुले में आपको दबोच लेगा'
'तो दबोच ले - उसका ही तो हक़ है मुझ पे - जब से तेरे पापा गये और तू लड़की बन गयी तब से तरस रही हूँ'
भावना ने सीमा को गले लगा लिया और उसके होंठ चूम कर बोली ' आज तुम्हें इतना चुदवाउंगी सारी कसर निकल जाएगी'
'आहह' सीमा सिसक पड़ी और दोनो बाहर निकल गयी राजेश के पास जाने के लिए.
वहाँ बीच पे खाने का समान पहुँच चुका था और कुछ बोतलें बियर की भी थी.
राजेश ने जब दोनो को देखा तो बस देखता ही रह गया.
खाने में रोस्टेड सीफुड था.
तीनो मज़े से खाने लगे और एक एक बियर की बोतल चड़ा गये
फिर राजेश दोनो को ले कर समुद्र में कूद पड़ा और तीनो पानी में खेल ने लगे भावना को पता नही क्या सूजा वो सीमा के पीछे चली गयी और फाटक से सीमा की ब्रा खोल डाली.
सीमा के उन्नत उरोज़ छलक पड़े और राजेश की नज़रें उनपे जम गयी सीमा गुस्से में भावना की तरफ पलटी और लगभग खिच कर उसकी ब्रा फाड़ डाली अब दो हसीनाएँ पानी में बिना ब्रा के अपने मममे दिखा रही थी .
राजेश दोनो के करीब आ गया और उसने सीमा को अपनी बाँहों में ले लिया - दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे एक जवालामुखी फटने को तयार था राजेश के होंठ सीमा के होंठों से जुड़ गये और उसके दोनो हाथ सीमा के उरोज़ को मसल्ने लगे भावना राजेश की पीठ से चिपक गयी और अपने उरोज़ उसकी पीठ से रगड़ने लगी.
अचानक सीमा को पता नही क्या हुआ उसने खुद को राजेश से छुड़ाया और लगभग रोते हुए पानी में तैरती अपनी ब्रा उठाई और पह्न कर अपने रूम में भाग गयी. राजेश और भावना आवाज़ देते रह गये पर सीमा नही रुकी.
भावना वहीं लोंग चेयर पे बैठ गयी और राजेश को सीमा के पास भेज दिया उसे मनाने के लिए.
राजेश सीमा के पीछे गया तो देखा रूम खुला है और वो बेड पे बैठी सूबक रही थी.
राजेश उसके साथ बैठ गया और उसके कांडों पे हाथ रख उसे अपने से लिपटा लिया.
'क्या हुआ मों अगर मेरी वजह से दुख पहुँचा है तो माफ़ करदो दुबारा ऐसा नही करूँगा'
'हमारे बीच ये सब ठीक नही है'
'मैने तो बस तुम्हें खुश रखने की कोशिश करी थी'
'चाहे तो मुझे मा बोले पर असल में तो तेरी नानी हूँ - मेरी उम्र देख क्या ये सब ठीक लगेगा'
'अरे मों ये जिंदगी दुबारा नही मिलती और सबको खुश रहने का हक़ है - तुम्हें भी है'
'भावना क्या सोचेगी'
'यही की उसके पति ने उसकी मा को पटा लिया है - अरे कुछ नही सोचती वो - उल्टा खुश होगी की उसकी मा को कोई खुश रखने वाला मिल गया है- अब ये रोना धोना छोड़ो और चलो मेरे साथ'
राजेश उसे लगभग खींचता हुआ वहीं ले गया जहाँ भावना इंतज़ार कर रही थी.
सीमा को वहाँ बिठा कर राजेश ने फिर टीन बोतलें बियर की खोली और तीनो फटाफट पी गये उसके बाद राजेश ने फिर एक बोतल खोल डाली जिसे तीनो ने शेयर किया और राजेश फिर दोनो को पानी में खींच कर ले गया राजेश ने भावना के साथ पानी में मस्ती शुरू कर दी कभी उसे चूमता तो कभी उसके मम्मे दबाता सीमा सब देख रही थी और वो भी गरम हो रही थी.
राजेश ने भावना की ब्रा खोल डाली और पानी में घुस कर उसके निपल चूसने लग गया.
राजेश भावना के निपल जब चूस रहा था तो भावना सीमा को इशारे से अपने पास बुलाती है - सीमा सर हिला के मना कर देती है पर उसकी साँसे बहुत तेज हो चुकी थी जिस्म गरम हो रहा था और पानी की ठंडक भी उसे कम नही होने दे रही थी.
सीमा को ये दर भी था की कहीं कोई आ ना जाए इसलिए वो बार बार इधर उधर नज़रें उड़ा रही थी. भावना के निप्ले कड़े हो गये थे और वो मस्ती में भरती जा रही थी . राजेश के मुँह में समुद्र का नमकीन पानी भी जा रहा था. वो पानी से अपना सर बाहर निकालता है और भावना को गहरी आँखों से देखता है भावना की एक फेंटेसी थी खुले में चुद्ने की जिसे राजेश आज पूरा करने वाला था और भावना भी यही सोच रही थी .
राजेश भावना को गोद में उठा कर पानी से बाहर आ गया और उसे वहीं रेत पे लिटा दिया भावना के जिस्म पे बस छोटी पेंटी ही रह गयी थी. फिर राजेश ने जो हरकत की उसे देख सीमा भी मुस्कुरा पड़ी. राजेश ने भावना के जिस्म पर चेहरे से पाँव तक बियर की बोतल उडेल डाली. ठंडी ठंडी बियर जब भावना के जिस्म पे गिरी तो चीख ही पड़ी और उसके बाद राजेश उसके जिस्म को चाटने लग गया.
राजेश ने उसकी पेंटी उतार डाली और अपना शॉर्ट भी उतार डाला दूर खड़ी सीमा ने जब उसका लंबा मोटा लंड देखा तो उसकी आँहें वहीं गड़ गयी.
राजेश ने ज़यादा देर ना करते हुए भावना की टाँगों को अपने कंधों पे रखा अपने लंड को उसकी गीली छूट पे सेट किया और एक ही धक्के में पूरा अंदर घुसा डाला.
म्*म्म्ममममममममममममममम
भावना ज़ोर से चीखी उसकी आवाज़ चारों तरफ फैल गयी और सीमा चारों तरफ देखने लगी की कहीं कोई उसकी चीख सुन वहाँ तो नही आ रहा
राजेश वहीं रेत पे भावना को सटासॅट चोद्ने लगा और सीमा आँहें फाडे उनकी चुदाई देख रही थी.
आधे घंटे तक राजेश भावना को चोद्ता रहा और सीमा राजेश का स्टॅमिना देख हैरान हो गयी.
रेत पे दो जिस्म तूफ़ानी गति से एक दूसरे से टकरा रहे थे और भावना की सिसकिया चारों दिशा में गूँज रही थी.
खड़ी खड़ी सीमा भी अपनी चूत मसल्ने लगी, भावना दो बार झड़ चुकी थी और राजेश के तूफ़ानी धक्के उसे हिला के रख रहे थे जब राजेश ने अपना फव्वारा भावना की चूत में छोड़ा तो भावना चीख ती हुई उसके साथ चिपक गयी और वो फिर झड़ने लगी इनके झड़ने के साथ सीमा भी झड़ी और वहीं रेत पे गिर हाँफने लगी.
राजेश भावना के उपर से हट के उसकी बगल में गिर पड़ा और तीनो अपनी साँसे संभालने लगे.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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