FUN-MAZA-MASTI
मान मर्यादा--2
मैंने उसके लुंड को अभी भी न छोड़ा था और जब उसका औजार और भी
कदा हो गया तो मैंने कहा" भैया, हम भाई बहिन होने से पहले क मर्द और औरत हैं. जवान जिस्म की गर्मी रिश्ते नहीं देखती. अगर देखती तो तेरा लुंड खड़ा नहीं होता अपनी बहिन के हाथ में आ कर. भाई, देख कैसे उठक बैठक कर रहा है मेरे हाथों में ये जानवर. और किया तुझे मज़ा नहीं एय मेरी चूची को पकड़ कर. तुमने भी तो मेरी चूची को पकड़ रखा है. तुझे मेरे जिस्म की भूख और मुझे तेरे जिस्म की ज़रूरत है. मेरे भैया, दुनिया में सिर्फ छूट और लुंड का रिश्ता होता है, और कुछ भी नहीं. बाकि सब झूठ है. देखो तेरे लुंड से कैसे पानी निकल रहा है. तेरा लुंड छूट में घुसना चाहता है और इस वक्त मेरी छूट से अधिक नज़दीक और इस से अधिक गरम छूट और कहाँ है? चल मेरे भाई हम दोनों एक हो जाएँ और एक दुसरे की प्यास बुझा डालें. मुझे अपना बना लो. ये आज की बरसात की रात हम को कह रही है की इस्सका फायदा उठा लें. मेरे भाई आज तू मुझे चोद कर मेरे पति का हक़ ले लो, मुझे चोद डालो, मेरी चूत को अपना बना लो, अब देर न करो,"
विक्की मुझे अजीब नज़रों से देखने लगा. लगता था की मेरा स्पर्श उसके अन्दर काम की भावना को जागृत कर रहा था और मेरे शब्द तो उसकी सोच और समझ को ही बदलने के लिए काफी थे. बढती हुई हवास के कारन भाई रिश्तों की पवितार्ता को भूल केर मेरे उप्पेर छाने लगा. कम्पते हिये हाथों से उसने मेरी चुचिओं को दबाना शुरू कर दिया और मेरे होंठों पर अपने तपते हिये होंठ रख दिए. उसके होंठ गरम थे और उसने अपनी जीभ मेरे मुहं में घुसेड डाली. मेरी बाहें उसकी गर्दन से लिपट गयी और उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया हमरे जिस्म एक हो गए और उसके हाथ मेरे नंगे जिस्म पर रेंगने लगे. हम दोनों चुदाई की गरमी में जल रहे थे. मेरा हाथ भाई के लुंड पर मचल रहा था जो की साइज़ में और भी बड़ा हो रहा था.
भैया ने मेरी चुचिओं को जोर से मसलना शुरू कर दिया और मेरे निप्प्ले को उन्ग्लिओं से दबाना शुरू कर दिया। मेरा हाथ विक्की के लुंड से खेलने लगा तो वो बोल पड़ा" प्रतिभा, ये ठीक है की जो हम करने जा रहे हैं, दुनिया की निगाह में पाप है मगर मैं अपने आप को रोक नहीं प् रहा हूँ. तेरा जिस्म मेरे अन्दर एक अजीब सी कसक पैदा कर रहा है. मुझे तेरे जिस्म की ज़रूरत है. मैं इस्सके बिना नहीं रह सकता. मुझे माफ़ कर देना, दीदी आज हमारा रिश्ता ही बदल जाये गा. मेरे पास आ कर मुझे सहयोग दो मेरी बहाना. अज हम एक हो जाएँ," इस्सके साथ ही उसने एक हाथ मेरी जांघों के बीच घुसा दिया और मेरी चूत को टटोलने लगा. मेरी चूत तो पहले से ही गरम हो चुकी थी और जैसे ही उसकी ऊँगली मेरी चूत में घुस्सी, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा हाथ भी अब मेरे भाई के लुंड को कास के पकड़ कर मुथिअने लगा. भाई ने मुझे लिटा दिया और मेरी चूची को चूमने लगा और मैंने भी अपना मुहं उसके सुपदे पर रख कर चुसना शुरू कर दिया. कमरे में मस्ती का माहौल बना हुआ था.
विक्की अब ज़यादा ही कामुक हो चूका था. मैंने भी ऑंखें बंद कर ली थी और चुप चाप लेती हुई थी. भाई मेरे उप्पेर चढ़ गया और अपना मस्त लुंड मेरे गलों पर रगड़ने लगा, मेरी आँखों पर रगड़ने लगा. उसके अंडकोष मेरी ठुड्डी पर लग रहे थे. मैंने भाई के चुत्तर कास के पकड़ लिए. " भैया, चोद डालो अपनी बहिन को. मुझ से नहीं बर्दाश्त होता अब. विक्की, मेरे भाई तेरी बहना तुझ से चुदवाने के लिए तड़प रही है. किओं तदपा रहे हो मेरे रजा भाई, प्लेअसे पेल दो अपना लुंड मेरी प्यासी चूत के अन्दर और मेरे पति से पहले मेरी चूत का उद्घाटन कर डालो. अज मौसम भी यही कह रहा है के चोद डालो मुझे मेरे भैया. देखो तुम्हारा लुंड भी यही चाहता है," मैंने उतेजना में कहा और विक्की मेरे बगल में आ कर लेट गया और मुझे बे-तहाशा चूमने लगा.
" मैंने तेरे जैसी कामुक लड़की अज तक नहीं देखि, मेरी प्रतिभा. तेरे हुस्न ने मुझे दीवाना बना रखा है मेरी बहना। मेरा लुंड कब से तेरी चूत को छोड़ने के लिए तड़प रहा है. तू अगर मेरी बहिन न होती तो मैं तुझे कब का चोद चूका होता, अपनी बीवी बना चूका होता. अब मेरा दिल जलता है जब ये सोचता हूँ के कोई और तेरी जवानी का रस पी जाये गा. लेकिन मेरी रानी तेरी चूत का असली रस तो मेरा लुंड ही निकले गा. मेरी रानी अब देर मत करो अपनी टाँगें खोल दो और अपने भैया को सैन्य बना डालो. तेरी चूत तो पहले से ही लप म्लापा रही है. " भाई ने कहा और साइड से मुझे अपनी बाँहों में जकड के मेरी चूत पर अपना लुंड रगड़ने लगा. उसके हाथ मेरे कूल्हों को पकडे हिये थे और अचानक भाई ने अपना सुपदा मेरी चूत के मुहाने पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मर डाला. अंगारे जैसा दहकता हुआ लुंड दनदनाता हुआ मेरी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर समता चला गे. मेरे मुह से चीख निकलने वाली थी लेकिन मैंने उसको रोक लिया और अपने होंठ भींच लिए. दर्द को नज़र अंदाज़ करने की पूरी कोशिश की.
" ओह्ह्हह्ह भैया मैं मर गयीई. तुम्हारा लुंड तो बहुत बड़ा है. मुझे दर्द हो रहा है, धीरे से छोड़ो अपनी बहिन को. मुझे प्यार से छोड़ो मेरे रजा, है मेरे भाई चोद डालो अपनी बहिन को, प्लेअसे" मेरे मुह से निकल गया. भाई ने धक्कों की स्पीड कम कर दी और मुझे चूमने चाटने लगा. मेरी बड़ी बड़ी चूची को मसलने लगा और थोड़ी देर में ही मुझे स्वर्गीय आनंद आने लगा. मैंने अपनी टाँगें भाई की कमर के इर्द गिर्द कास डाली और अपनी कमर उचका के भाई का सहयोग देने लगी." हां भिया अब तेरा लुंड जड़ तक अन्दर समां चूका है. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. कैसे लग रहा है अपनी सगी बहिन को चोद कर? विक्की सेल अब तू बेहनचोद बन गया है. जोर से चोद मुझे, पेल दो अपना लुंड मरी चूत में. अगर मैं माँ भी बन गयी तो नाम मेरे पति का ही होगा किओं की दो दिन में मेरी शादी हो जाये गी और मैं एक शाही खंडन की बहु बन जावून गी. एक राज घराने की बहु समझ कर चोद डालो मुझे मेरे भाई. अज मेरी चूत तेरी हो चुकी है. चोद मुझे बेहनचोद, चोद दल मुझे, "
विक्की हांफ रहा था और अपनी गांड आगे पीछे करते हुए मुझे चोद रहा था। उसके लुंड पर मेरी चूत का रस चमक रहा था और अब उसका बड़ा लुंड आसानी से मेरी चूत में समां रहा था. वो कभी तो अपना लुंड पूरी तरह से चूत से निकल लेता और कभी जड़ तक अन्दर घुसा देता. मुझे जन्नत का आनंद मिल रहा था. हांफता हुआ भाई बोला," प्रतिभा, अज की रात तू मेरी है मेरी रानी बहना. तेरी चूत अंगारे की तरह देहक रही है. अज मेरी बहिन की चूत पर मेरा हक़ है. मैं तेरी चूत में अपना रस डालने वाला हूँ. तेरी चूत को भरने वाला हूँ. हे भगवन मुझे इस चूत का स्वामी बना दे. तेरे हुस्न का रस पीने के लिए मैं बेहन्च्झोद तो किया मठेर्चोद बन सकता हूँ. ले मेरी बहना मैं झड रहा हूँ, तू भी चोद ले अपने भाई के लुंड को. तेरा भाई झड रहा है, मैं झदाआआ"
मेरी चूत से लगातार रस की बरसात हो रही थी. जिओं ही भाई का लुंड मेरी चूत में जाता तो मेरी चूत से रस का फोवारा छोट पड़ता. मेरी गांड तेज़ी से झटके मर रही थी और जैसे ही भाई के लुंड ने पिचकारी मरी तो मेरी चूत से चूत-रस की गनगा बह निकली. हम दोद्नो हांफते हिये झड गए और एक दुसरे से लिपट कर लेट गए. भाई का लुंड अभी भी मेरी चूत के अन्दर समाया हुआ था और हमको कोई होश नहीं था.
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मान मर्यादा--2
मैंने उसके लुंड को अभी भी न छोड़ा था और जब उसका औजार और भी
कदा हो गया तो मैंने कहा" भैया, हम भाई बहिन होने से पहले क मर्द और औरत हैं. जवान जिस्म की गर्मी रिश्ते नहीं देखती. अगर देखती तो तेरा लुंड खड़ा नहीं होता अपनी बहिन के हाथ में आ कर. भाई, देख कैसे उठक बैठक कर रहा है मेरे हाथों में ये जानवर. और किया तुझे मज़ा नहीं एय मेरी चूची को पकड़ कर. तुमने भी तो मेरी चूची को पकड़ रखा है. तुझे मेरे जिस्म की भूख और मुझे तेरे जिस्म की ज़रूरत है. मेरे भैया, दुनिया में सिर्फ छूट और लुंड का रिश्ता होता है, और कुछ भी नहीं. बाकि सब झूठ है. देखो तेरे लुंड से कैसे पानी निकल रहा है. तेरा लुंड छूट में घुसना चाहता है और इस वक्त मेरी छूट से अधिक नज़दीक और इस से अधिक गरम छूट और कहाँ है? चल मेरे भाई हम दोनों एक हो जाएँ और एक दुसरे की प्यास बुझा डालें. मुझे अपना बना लो. ये आज की बरसात की रात हम को कह रही है की इस्सका फायदा उठा लें. मेरे भाई आज तू मुझे चोद कर मेरे पति का हक़ ले लो, मुझे चोद डालो, मेरी चूत को अपना बना लो, अब देर न करो,"
विक्की मुझे अजीब नज़रों से देखने लगा. लगता था की मेरा स्पर्श उसके अन्दर काम की भावना को जागृत कर रहा था और मेरे शब्द तो उसकी सोच और समझ को ही बदलने के लिए काफी थे. बढती हुई हवास के कारन भाई रिश्तों की पवितार्ता को भूल केर मेरे उप्पेर छाने लगा. कम्पते हिये हाथों से उसने मेरी चुचिओं को दबाना शुरू कर दिया और मेरे होंठों पर अपने तपते हिये होंठ रख दिए. उसके होंठ गरम थे और उसने अपनी जीभ मेरे मुहं में घुसेड डाली. मेरी बाहें उसकी गर्दन से लिपट गयी और उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया हमरे जिस्म एक हो गए और उसके हाथ मेरे नंगे जिस्म पर रेंगने लगे. हम दोनों चुदाई की गरमी में जल रहे थे. मेरा हाथ भाई के लुंड पर मचल रहा था जो की साइज़ में और भी बड़ा हो रहा था.
भैया ने मेरी चुचिओं को जोर से मसलना शुरू कर दिया और मेरे निप्प्ले को उन्ग्लिओं से दबाना शुरू कर दिया। मेरा हाथ विक्की के लुंड से खेलने लगा तो वो बोल पड़ा" प्रतिभा, ये ठीक है की जो हम करने जा रहे हैं, दुनिया की निगाह में पाप है मगर मैं अपने आप को रोक नहीं प् रहा हूँ. तेरा जिस्म मेरे अन्दर एक अजीब सी कसक पैदा कर रहा है. मुझे तेरे जिस्म की ज़रूरत है. मैं इस्सके बिना नहीं रह सकता. मुझे माफ़ कर देना, दीदी आज हमारा रिश्ता ही बदल जाये गा. मेरे पास आ कर मुझे सहयोग दो मेरी बहाना. अज हम एक हो जाएँ," इस्सके साथ ही उसने एक हाथ मेरी जांघों के बीच घुसा दिया और मेरी चूत को टटोलने लगा. मेरी चूत तो पहले से ही गरम हो चुकी थी और जैसे ही उसकी ऊँगली मेरी चूत में घुस्सी, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा हाथ भी अब मेरे भाई के लुंड को कास के पकड़ कर मुथिअने लगा. भाई ने मुझे लिटा दिया और मेरी चूची को चूमने लगा और मैंने भी अपना मुहं उसके सुपदे पर रख कर चुसना शुरू कर दिया. कमरे में मस्ती का माहौल बना हुआ था.
विक्की अब ज़यादा ही कामुक हो चूका था. मैंने भी ऑंखें बंद कर ली थी और चुप चाप लेती हुई थी. भाई मेरे उप्पेर चढ़ गया और अपना मस्त लुंड मेरे गलों पर रगड़ने लगा, मेरी आँखों पर रगड़ने लगा. उसके अंडकोष मेरी ठुड्डी पर लग रहे थे. मैंने भाई के चुत्तर कास के पकड़ लिए. " भैया, चोद डालो अपनी बहिन को. मुझ से नहीं बर्दाश्त होता अब. विक्की, मेरे भाई तेरी बहना तुझ से चुदवाने के लिए तड़प रही है. किओं तदपा रहे हो मेरे रजा भाई, प्लेअसे पेल दो अपना लुंड मेरी प्यासी चूत के अन्दर और मेरे पति से पहले मेरी चूत का उद्घाटन कर डालो. अज मौसम भी यही कह रहा है के चोद डालो मुझे मेरे भैया. देखो तुम्हारा लुंड भी यही चाहता है," मैंने उतेजना में कहा और विक्की मेरे बगल में आ कर लेट गया और मुझे बे-तहाशा चूमने लगा.
" मैंने तेरे जैसी कामुक लड़की अज तक नहीं देखि, मेरी प्रतिभा. तेरे हुस्न ने मुझे दीवाना बना रखा है मेरी बहना। मेरा लुंड कब से तेरी चूत को छोड़ने के लिए तड़प रहा है. तू अगर मेरी बहिन न होती तो मैं तुझे कब का चोद चूका होता, अपनी बीवी बना चूका होता. अब मेरा दिल जलता है जब ये सोचता हूँ के कोई और तेरी जवानी का रस पी जाये गा. लेकिन मेरी रानी तेरी चूत का असली रस तो मेरा लुंड ही निकले गा. मेरी रानी अब देर मत करो अपनी टाँगें खोल दो और अपने भैया को सैन्य बना डालो. तेरी चूत तो पहले से ही लप म्लापा रही है. " भाई ने कहा और साइड से मुझे अपनी बाँहों में जकड के मेरी चूत पर अपना लुंड रगड़ने लगा. उसके हाथ मेरे कूल्हों को पकडे हिये थे और अचानक भाई ने अपना सुपदा मेरी चूत के मुहाने पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मर डाला. अंगारे जैसा दहकता हुआ लुंड दनदनाता हुआ मेरी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर समता चला गे. मेरे मुह से चीख निकलने वाली थी लेकिन मैंने उसको रोक लिया और अपने होंठ भींच लिए. दर्द को नज़र अंदाज़ करने की पूरी कोशिश की.
" ओह्ह्हह्ह भैया मैं मर गयीई. तुम्हारा लुंड तो बहुत बड़ा है. मुझे दर्द हो रहा है, धीरे से छोड़ो अपनी बहिन को. मुझे प्यार से छोड़ो मेरे रजा, है मेरे भाई चोद डालो अपनी बहिन को, प्लेअसे" मेरे मुह से निकल गया. भाई ने धक्कों की स्पीड कम कर दी और मुझे चूमने चाटने लगा. मेरी बड़ी बड़ी चूची को मसलने लगा और थोड़ी देर में ही मुझे स्वर्गीय आनंद आने लगा. मैंने अपनी टाँगें भाई की कमर के इर्द गिर्द कास डाली और अपनी कमर उचका के भाई का सहयोग देने लगी." हां भिया अब तेरा लुंड जड़ तक अन्दर समां चूका है. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. कैसे लग रहा है अपनी सगी बहिन को चोद कर? विक्की सेल अब तू बेहनचोद बन गया है. जोर से चोद मुझे, पेल दो अपना लुंड मरी चूत में. अगर मैं माँ भी बन गयी तो नाम मेरे पति का ही होगा किओं की दो दिन में मेरी शादी हो जाये गी और मैं एक शाही खंडन की बहु बन जावून गी. एक राज घराने की बहु समझ कर चोद डालो मुझे मेरे भाई. अज मेरी चूत तेरी हो चुकी है. चोद मुझे बेहनचोद, चोद दल मुझे, "
विक्की हांफ रहा था और अपनी गांड आगे पीछे करते हुए मुझे चोद रहा था। उसके लुंड पर मेरी चूत का रस चमक रहा था और अब उसका बड़ा लुंड आसानी से मेरी चूत में समां रहा था. वो कभी तो अपना लुंड पूरी तरह से चूत से निकल लेता और कभी जड़ तक अन्दर घुसा देता. मुझे जन्नत का आनंद मिल रहा था. हांफता हुआ भाई बोला," प्रतिभा, अज की रात तू मेरी है मेरी रानी बहना. तेरी चूत अंगारे की तरह देहक रही है. अज मेरी बहिन की चूत पर मेरा हक़ है. मैं तेरी चूत में अपना रस डालने वाला हूँ. तेरी चूत को भरने वाला हूँ. हे भगवन मुझे इस चूत का स्वामी बना दे. तेरे हुस्न का रस पीने के लिए मैं बेहन्च्झोद तो किया मठेर्चोद बन सकता हूँ. ले मेरी बहना मैं झड रहा हूँ, तू भी चोद ले अपने भाई के लुंड को. तेरा भाई झड रहा है, मैं झदाआआ"
मेरी चूत से लगातार रस की बरसात हो रही थी. जिओं ही भाई का लुंड मेरी चूत में जाता तो मेरी चूत से रस का फोवारा छोट पड़ता. मेरी गांड तेज़ी से झटके मर रही थी और जैसे ही भाई के लुंड ने पिचकारी मरी तो मेरी चूत से चूत-रस की गनगा बह निकली. हम दोद्नो हांफते हिये झड गए और एक दुसरे से लिपट कर लेट गए. भाई का लुंड अभी भी मेरी चूत के अन्दर समाया हुआ था और हमको कोई होश नहीं था.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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