FUN-MAZA-MASTI
भाभी सब जानती है (पार्ट - 2)
थोड़ी देर के बाद मेरा लंड ढीला हो गया. मैने बूर से उसे निकाल लिया. भाभी अभीतक पड़ी हुई थी. धीरे धीरे उसकी साँस नॉर्मल हो गयी. वो उठी. मुझे बाहों मे जकड़कर एक लंबा चुम्मा लिया. मानो मेरी चुदाई का इनाम दे रही हो. फिर उसने मेरे लंड को मूह मे लेकर चूस लिया. हम दोनो फिर एक दूसरे को बाहों मे जकड़कर फ्लोर पर ही लेट गये. इसी तरह नंगे एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे. भाभी थोड़ी देर बाद उठकर नंगे ही किचन मे गयी – पानी पीने. पीछे से भाभी की मचलती नंगी चूतड़ को देखकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैं भी उसी तरह खड़े लंड के साथ किचन मे चला गया. नंगी भाभी अब बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. उनके होठों पर तृप्ति की मुस्कान थी और आँखों मे शरारत. नंगा बदन चमक रहा था. चुदाई से बूर एकदम लाल हो गयी थी. मैं भाभी को अपनी बाहों मे जकड़कर चुम्मा लेने लगा. वो भी जोश मे आ गयी. मेरा लंड पकड़कर दबाने लगी.
फिर अचानक वो नीचे बैठ गयी और लंड को मूह मे लेकर आइस क्रीम की तरह चूसने लगी..
भाभी ने मेरे लंड को इतना चूसा कि मैं तड़प कर चरम सीमा पर पहुच गया. उस समय मेरा वीर्य नही निकलता था. लेकिन भाभी मेरी तृप्ति को समझ गयी. उन्होने लंड को थोड़ा और चुस्कर छोड़ दिया.
किचन मे मस्ती.
लंड बूर मे घुसने को बेताब भाभी बैठकर मेरा लंड चूसने लगी
मैं बोला-‘भाभी आप जब मेरा लंड चूस रही थी तो मुझे बहुत मज़ा आया. क्या बूर की तरह लंड मे भी रस होता है.’
भाभी बोली-‘हाँ, लंड और बूर के रस के संजोग से ही बच्चा पैदा होता है. दूसरी बात, तुम वर्जिन हो. तुम्हारा पहला वीर्य मैं पीना चाहती थी. इस से जवानी और खूबसूरती कायम रहती है. अभी तुम्हारा वीर्य निकलने का समय नही हुआ है. और कुच्छ समय के बाद तुम्हारा वीर्य जब निकलने लगेगा तो मुझे पिलाना. पिलाओगे ना.’
‘हाँ भाभी ज़रूर’
‘लेकिन इसपर तुम्हारी पत्नी का अधिकार होता है.’
‘लेकिन आप तो मेरी गुरु हो. गुरु का स्थान सबसे उँचा होता है. और अब तो मैं वर्जिन नही रहा.’
‘वाह तुम तो बहुत ज्ञानी हो.पता नही उस समय मैं कहाँ और तुम कहाँ होगे.’
‘भाभी आपकी बेमिसाल बूर की कसम, मैं प्रॉमिस करता हूँ, मेरा पहला वीर्य आप ही पिएंगी, मैं कहीं भी रहूं आ जाऊँगा.
‘जाओ जाओ मेरी बूर की कसम मत खाओ . ये तुम्हारे भैया की प्रॉपर्टी है. वैसे भी मैं जानती हूँ -चोद्ने के लिए तो आ ही जाओगे.’
‘भाभी तुम सचमुच गुरु हो.‘ कहकर मैने बूर का जोरदार चुम्मा ले लिया. भाभी मेरा लंड चूस रही थी, मैं भाभी का बूर चूस रहा था भाभी अब अपना गुलाबी ब्लाउज पहनने लगी. मैने बटन नही लगाने दिया. दो नो चुचियों को पकड़ लिया. जैसे ही उन्होने साया उठाया, मैने छीन लिया. फिर बाहों मे जकड़कर चुम्मा लेने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं जान बूझकर चुम्मा लेते समय भाभी के शरीर से लंड को रगड़ रहा था. फिर भाभी की दोनो चुचियो के बीच मे लंड घुसाकर रगड़ने लगा. भाभी एकदम मतवाली हो गयी. वो मुझे लिटाकर मेरे उपर उल्टा लेट गयी.
अब मेरा लंड भाभी के मूह मे था और उनकी बूर मेरे मूह मे.हमने इस अवस्था मे एक दूसरे की बूर और लंड को खूब चूसा. भाभी की बूर एकदम लाल हो गयी. भाभी ने मेरे लंड को भी चुस्कर पूरा लाल कर दिया.
किचन टेबल पर चुदाई चेर पर चुदाई
हम दोनो पूरी तरह मस्त हो चुके थे. लेकिन मुझे भाभी के इशारे का इंतेजर था. आख़िर भाभी तड़पते हुए बोली-‘अब…. बस…. करो …चोदो…चो…दो…..’
भाभी किचन के फ्लोर पर लेट गयी. दोनो पैर फैला दिए. बूर निमंत्रण दे रही थी. फ्लोर पर ही मैने भाभी की बूर मे लंड घुसाया और चोद्ने लगा. लेकिन यहाँ दोनो को कंफर्टबल नही लग रहा था.
भाभी ने मुझे रोका और उठकर किचिन के टेबल पर पैर फैलाकर आधा लेट गयी. . उनकी लाल बूर बिल्कुल सामने थी. मैने खड़े होकर अपना लंड भाभी की बूर मे घुसा दिया. चुचियों को हाथो मे लेकर दबाने लगा. भाभी ने मुझे पकड़कर चुम्मा लेना शुरू कर दिया. भाभी बार बार लंड को पूरा घुसाने के लिए बोल रही थी. मैं भी पूरी कोसिस कर रहा था लेकिन लंड इस पोज़िशन मे बूर मे पूरा घुस नही रहा था. भाभी को बॅलेन्स करने मे भी प्राब्लम हो रहा था.
भाभी ने रोक दिया और बोली- ‘तुम चेर पर बैठो’. मैं लंड को खड़ा किए हुए चेर पर बैठ गया. भाभी मेरे लंड को बूर मे घुसाकर मेरे जाँघ पर बैठ गयी. पूरा लंड घाप से बूर मे घुस गया. इस बार बहुत मज़ा आया. भाभी मुझे चोद रही थी. मैं भाभी की चुचि दबा रहा था और मस्त चूतड़ कस्के मसल रहा था.. भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकारी मार रही थी और तेज़ी से चूतड़ को उपर नीचे कर रही थी. हर बार उनकी चूतड़ मेरे जाँघ से ज़ोर से टकराती थी. आह क्या मज़ा आ रहा था.इस बार पूरी चुदाई भाभी ने की. भाभी कमर उच्छल उच्छल कर पूरे लंड को अपनी बुवर से निकालती और घुसाती थी. इस पोज़ मे पूरा का पूरा लंड बूर मे घाप से घुस जाता था. लग भाग दस मिनिट की चुदाई के बाद हम दोनो एक साथ तृप्त हुए. मैं भाभी को गोद मे उठाकर बेड पर लेट गया. चरम सुख की अनुभूति से दोनो निहाल हो गये थे.
थोड़ी देर बाद भाभी उठी और बड़े प्यार से मेरा चुम्मा लिया. फिर शरारत से बोली-‘तुमने मेरी बूर चोद्कर और चुचि, चूतड़ मिस कर एकदम लाल कर दिया है. रात मे तुम्हारे भैया देखेंगे तो क्या समझेंगे.’
मैं बोला- ‘लाइट मत जलना’.
बाथरूम मे भाभी ने मेरा लंड पकड़कर चुम्मा दिया.
इतनी चुदाई के बाद हम दोनो चरम तृप्ति के आगोश मे एक दूसरे को बाहों मे लिए हुए लेट गये. दोनो को नींद आ गयी. जब नींद खुली तो देखा पाँच बज रहे हैं. भैया छ्हह बजे घर आते थे. भाभी मदहोश पड़ी थी. मैने भाभी का चुम्मा लिया , बूर पर हाथ फिराया और चुचियों को दबाते हुए भाभी को जगाया. वो हड़बड़कर उठी. घड़ी देखा और बाथ रूम मे घुस गयी. मैं भी बाथरूम मे घुस गया. हम दोनो ने साथ मे नंगे नाहया. मैं फिर जोश मे आकर बाथरूम मे ही भाभी को चोद्ना चाहता था. लेकिन भाभी ने बड़े प्यार से मेरा लंड पकड़कर चुम्मा देकर मना कर दिया.
भाभी तैयार होकर भैया के लिए नाश्ता बनाने लगी. मैं तैयार होकर भाभी का चुम्मा लेकर और उनकी बूर उपर से सहला कर बगल के पार्क मे चला गया.
इस तरह भाभी से चुदाई का लेसन मिला. आगे बहुत रोचक मोमेंट्स आए. भाभी ने मुझे चुदाई के बहुत नये नये पोज़ सिखाए . मैं हैरान था .इतनी कम उमर की भाभी चुदाई का कितना तरीका जानती है. तो दोस्तो कैसी लगी ये दास्तान फिर मिलेंगे एक ओर नई कहानी के साथ आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
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भाभी सब जानती है (पार्ट - 2)
थोड़ी देर के बाद मेरा लंड ढीला हो गया. मैने बूर से उसे निकाल लिया. भाभी अभीतक पड़ी हुई थी. धीरे धीरे उसकी साँस नॉर्मल हो गयी. वो उठी. मुझे बाहों मे जकड़कर एक लंबा चुम्मा लिया. मानो मेरी चुदाई का इनाम दे रही हो. फिर उसने मेरे लंड को मूह मे लेकर चूस लिया. हम दोनो फिर एक दूसरे को बाहों मे जकड़कर फ्लोर पर ही लेट गये. इसी तरह नंगे एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे. भाभी थोड़ी देर बाद उठकर नंगे ही किचन मे गयी – पानी पीने. पीछे से भाभी की मचलती नंगी चूतड़ को देखकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैं भी उसी तरह खड़े लंड के साथ किचन मे चला गया. नंगी भाभी अब बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. उनके होठों पर तृप्ति की मुस्कान थी और आँखों मे शरारत. नंगा बदन चमक रहा था. चुदाई से बूर एकदम लाल हो गयी थी. मैं भाभी को अपनी बाहों मे जकड़कर चुम्मा लेने लगा. वो भी जोश मे आ गयी. मेरा लंड पकड़कर दबाने लगी.
फिर अचानक वो नीचे बैठ गयी और लंड को मूह मे लेकर आइस क्रीम की तरह चूसने लगी..
भाभी ने मेरे लंड को इतना चूसा कि मैं तड़प कर चरम सीमा पर पहुच गया. उस समय मेरा वीर्य नही निकलता था. लेकिन भाभी मेरी तृप्ति को समझ गयी. उन्होने लंड को थोड़ा और चुस्कर छोड़ दिया.
किचन मे मस्ती.
लंड बूर मे घुसने को बेताब भाभी बैठकर मेरा लंड चूसने लगी
मैं बोला-‘भाभी आप जब मेरा लंड चूस रही थी तो मुझे बहुत मज़ा आया. क्या बूर की तरह लंड मे भी रस होता है.’
भाभी बोली-‘हाँ, लंड और बूर के रस के संजोग से ही बच्चा पैदा होता है. दूसरी बात, तुम वर्जिन हो. तुम्हारा पहला वीर्य मैं पीना चाहती थी. इस से जवानी और खूबसूरती कायम रहती है. अभी तुम्हारा वीर्य निकलने का समय नही हुआ है. और कुच्छ समय के बाद तुम्हारा वीर्य जब निकलने लगेगा तो मुझे पिलाना. पिलाओगे ना.’
‘हाँ भाभी ज़रूर’
‘लेकिन इसपर तुम्हारी पत्नी का अधिकार होता है.’
‘लेकिन आप तो मेरी गुरु हो. गुरु का स्थान सबसे उँचा होता है. और अब तो मैं वर्जिन नही रहा.’
‘वाह तुम तो बहुत ज्ञानी हो.पता नही उस समय मैं कहाँ और तुम कहाँ होगे.’
‘भाभी आपकी बेमिसाल बूर की कसम, मैं प्रॉमिस करता हूँ, मेरा पहला वीर्य आप ही पिएंगी, मैं कहीं भी रहूं आ जाऊँगा.
‘जाओ जाओ मेरी बूर की कसम मत खाओ . ये तुम्हारे भैया की प्रॉपर्टी है. वैसे भी मैं जानती हूँ -चोद्ने के लिए तो आ ही जाओगे.’
‘भाभी तुम सचमुच गुरु हो.‘ कहकर मैने बूर का जोरदार चुम्मा ले लिया. भाभी मेरा लंड चूस रही थी, मैं भाभी का बूर चूस रहा था भाभी अब अपना गुलाबी ब्लाउज पहनने लगी. मैने बटन नही लगाने दिया. दो नो चुचियों को पकड़ लिया. जैसे ही उन्होने साया उठाया, मैने छीन लिया. फिर बाहों मे जकड़कर चुम्मा लेने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं जान बूझकर चुम्मा लेते समय भाभी के शरीर से लंड को रगड़ रहा था. फिर भाभी की दोनो चुचियो के बीच मे लंड घुसाकर रगड़ने लगा. भाभी एकदम मतवाली हो गयी. वो मुझे लिटाकर मेरे उपर उल्टा लेट गयी.
अब मेरा लंड भाभी के मूह मे था और उनकी बूर मेरे मूह मे.हमने इस अवस्था मे एक दूसरे की बूर और लंड को खूब चूसा. भाभी की बूर एकदम लाल हो गयी. भाभी ने मेरे लंड को भी चुस्कर पूरा लाल कर दिया.
किचन टेबल पर चुदाई चेर पर चुदाई
हम दोनो पूरी तरह मस्त हो चुके थे. लेकिन मुझे भाभी के इशारे का इंतेजर था. आख़िर भाभी तड़पते हुए बोली-‘अब…. बस…. करो …चोदो…चो…दो…..’
भाभी किचन के फ्लोर पर लेट गयी. दोनो पैर फैला दिए. बूर निमंत्रण दे रही थी. फ्लोर पर ही मैने भाभी की बूर मे लंड घुसाया और चोद्ने लगा. लेकिन यहाँ दोनो को कंफर्टबल नही लग रहा था.
भाभी ने मुझे रोका और उठकर किचिन के टेबल पर पैर फैलाकर आधा लेट गयी. . उनकी लाल बूर बिल्कुल सामने थी. मैने खड़े होकर अपना लंड भाभी की बूर मे घुसा दिया. चुचियों को हाथो मे लेकर दबाने लगा. भाभी ने मुझे पकड़कर चुम्मा लेना शुरू कर दिया. भाभी बार बार लंड को पूरा घुसाने के लिए बोल रही थी. मैं भी पूरी कोसिस कर रहा था लेकिन लंड इस पोज़िशन मे बूर मे पूरा घुस नही रहा था. भाभी को बॅलेन्स करने मे भी प्राब्लम हो रहा था.
भाभी ने रोक दिया और बोली- ‘तुम चेर पर बैठो’. मैं लंड को खड़ा किए हुए चेर पर बैठ गया. भाभी मेरे लंड को बूर मे घुसाकर मेरे जाँघ पर बैठ गयी. पूरा लंड घाप से बूर मे घुस गया. इस बार बहुत मज़ा आया. भाभी मुझे चोद रही थी. मैं भाभी की चुचि दबा रहा था और मस्त चूतड़ कस्के मसल रहा था.. भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकारी मार रही थी और तेज़ी से चूतड़ को उपर नीचे कर रही थी. हर बार उनकी चूतड़ मेरे जाँघ से ज़ोर से टकराती थी. आह क्या मज़ा आ रहा था.इस बार पूरी चुदाई भाभी ने की. भाभी कमर उच्छल उच्छल कर पूरे लंड को अपनी बुवर से निकालती और घुसाती थी. इस पोज़ मे पूरा का पूरा लंड बूर मे घाप से घुस जाता था. लग भाग दस मिनिट की चुदाई के बाद हम दोनो एक साथ तृप्त हुए. मैं भाभी को गोद मे उठाकर बेड पर लेट गया. चरम सुख की अनुभूति से दोनो निहाल हो गये थे.
थोड़ी देर बाद भाभी उठी और बड़े प्यार से मेरा चुम्मा लिया. फिर शरारत से बोली-‘तुमने मेरी बूर चोद्कर और चुचि, चूतड़ मिस कर एकदम लाल कर दिया है. रात मे तुम्हारे भैया देखेंगे तो क्या समझेंगे.’
मैं बोला- ‘लाइट मत जलना’.
बाथरूम मे भाभी ने मेरा लंड पकड़कर चुम्मा दिया.
इतनी चुदाई के बाद हम दोनो चरम तृप्ति के आगोश मे एक दूसरे को बाहों मे लिए हुए लेट गये. दोनो को नींद आ गयी. जब नींद खुली तो देखा पाँच बज रहे हैं. भैया छ्हह बजे घर आते थे. भाभी मदहोश पड़ी थी. मैने भाभी का चुम्मा लिया , बूर पर हाथ फिराया और चुचियों को दबाते हुए भाभी को जगाया. वो हड़बड़कर उठी. घड़ी देखा और बाथ रूम मे घुस गयी. मैं भी बाथरूम मे घुस गया. हम दोनो ने साथ मे नंगे नाहया. मैं फिर जोश मे आकर बाथरूम मे ही भाभी को चोद्ना चाहता था. लेकिन भाभी ने बड़े प्यार से मेरा लंड पकड़कर चुम्मा देकर मना कर दिया.
भाभी तैयार होकर भैया के लिए नाश्ता बनाने लगी. मैं तैयार होकर भाभी का चुम्मा लेकर और उनकी बूर उपर से सहला कर बगल के पार्क मे चला गया.
इस तरह भाभी से चुदाई का लेसन मिला. आगे बहुत रोचक मोमेंट्स आए. भाभी ने मुझे चुदाई के बहुत नये नये पोज़ सिखाए . मैं हैरान था .इतनी कम उमर की भाभी चुदाई का कितना तरीका जानती है. तो दोस्तो कैसी लगी ये दास्तान फिर मिलेंगे एक ओर नई कहानी के साथ आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
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