FUN-MAZA-MASTI
भाभी सब जानती है--1
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दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी लेकर हाजिर हू कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना
मेरे बड़े भैया प्रकाश की शादी हुई.घर मे चाँद सी सुंदर भाभी आई जो 19 साल की थी. भाभी का नाम आर्चीता है. मेरी बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी . भाभी के आने के बाद दीदी ससुराल चली गई. सारे रिलेटिव्स वापस चले गये. घर मे सबसे छ्होटा मैं था. भाभी से दोस्ती हो गयी. भाभी मेरे स्कूल से लौटने के बाद मुझसे खूब बातें करती थी.. स्कूल मे मेरा मन नही लगता था. सब समय आँखों के सामने भाभी का चेहरा घूमने लगता था. वो इतनी स्वीट और फ्रेंड्ली थी. उनके उमर की लड़कियाँ तो मेरे स्कूल मे पढ़ती थी. भाभी की शादी बारहवी पास करने के बाद 1स्ट एअर मे ही हो गयी थी. शादी के बाद भैया ने उन्हे एम.एससी कराया.
प्रकाश भैया पटना मे एसबीआइ मे पी.ओ. थे. पटना हमारे विलेज से 120 किमी दूर है. पहले वो पटना मे वर्किंग में हॉस्टिल मे रहा करते थे. शादी के बाद उन्होने कंकाड़बग मे फ्लॅट किराए पर लिया और भाभी को लेकर चले गये. मम्मी भी साथ मे गयी. घर मे मैं और पापा रह गये. बड़ा सूना सूना लगता था. भाभी की याद सताया करती थी.
भाभी के जाने के दो महीने के बाद सम्मर वाकेशन हुआ. पापा की तबीयत थोड़ी खराब हुई. उन्होने फोन करके मम्मी को बुला लिया. मेरा स्कूल बंद था. मैने मम्मी को राज़ी कर लिया और पटना पहुच गया. भाभी मुझे देख कर बहुत खुश हुई. क्योंकि भैया तो सुबह ऑफीस जाकर शाम को घर लौटते थे. भाभी दिन भर अकेले रहती थी और बोर होती थी.
अब भाभी के साथ बहुत मज़ा आने लगा. मैं किचन में उनका हाथ बटाया करता था. हमलोग साथ मे मार्केट जाया करते थे. खूब बातें करते थे. भाभी के बेड पर ही उनके साथ लेट कर उनकी बातें सुनता रहता था. वो बहुत मजेदार किस्से सुनाती रहती थी. चार दिन बीत गये. एक दिन मैने भाभी को अपने स्कूल के मस्टेरज़ी का किस्सा सुनाया तो ज़ोर से हस्ने लगी और हस्ते हस्ते मुझे बाहों मे भर लिया. मैं शर्मा गया. लेकिन बहुत अक्च्छा लगा. भाभी ने पुछा- ‘क्या हुआ’ मैने कोई जवाब नही दिया. भाभी बोली –‘अरे पगले, ये तो दोस्ती मे होता है.’
उसी दिन मैं बाथरूम मे पेसाब कर रहा था. अचानक मुझे लगा कोई अंदर आया.मेरी पेसाब रुक गयी. मैं पीछे घूमकर देखा – भाभी है. मेरा लंड पॅंट से निकला हुआ था. भाभी देखकर मुस्करा कर चली गयी. बाहर निकल कर मैं भाभी से आँखे नही मिला पा रहा था. भाभी मुझे देखकर लुभावने अंदाज मे बोली-‘सॉरी’ और मुस्कराती रही. उस दिन पहली बार मुझे भाभी मे चेंज नज़र आया.
एक दिन इसी तरह दोपहर मे खाना खाकर बातें करते करते मुझे नींद लग गयी. बिजली चली गयी थी.गरमी लगने पर नींद खुली तो पाया भाभी मुझसे लिपट कर सो रही है. उनका एक हाथ मेरे गले के नीचे था. दूसरा हाथ मेरे पॅंट पर मेरे लंड के उपर था. और उनका गाल मेरे गाल से सटा हुआ था. भाभी की चुचि मेरे बगल से सटी हुई थी. मेरे अंदर बिजली दौड़ने लगी. मेरी सांस तेज तेज चलने लगी. भाभी पूरी नींद मे थी. मेरे लंड मे सुर सूरी होने लगी. ये अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया था. आज भाभी मुझे बहुत सुंदर लग रही थी. मैने भाभी की तरफ करवट ले ली. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. लेकिन मैं चुप चाप पड़ा रहा की भाभी जाग ना जाए. थोड़ी देर बाद भाभी की नींद खुली. मैं बहाना बनाए हुए सोने का नाटक करने लगा. भाभी ने अपना हाथ धीरे से मेरे गले के नीचे से निकाला और उठकर बाथरूम मे चली गयी.
पाँचवे दिन भैया के ऑफीस जाने के बाद भाभी ने जल्दी से खाना बनाया और बेड पर जा कर लेट गयी. उन्होने आज मुझसे ज़्यादा बात भी नही किया. मुझे उलझन हुई.
मैने भाभी से पुचछा –‘क्या हुआ भाभी’. उन्होने कहा -‘बदन मे दर्द है. सोने दो’
मैं बगल मे बेड पर बैठ गया और भाभी का सर दबाने लगा. भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर बड़े प्यार से मुझे ‘थॅंक यू’ कहा. मैं उनका सर सहलाता रहा. भाभी आँख मूंदकर लेटी रही. उनकी साँस तेज चल रही थी, जिस से उनकी चुचि कपड़े के नीचे उपर नीचे हो रही थी.
थोड़ी देर बाद भाभी बोली ‘प्लीज़, थोड़ा पेट सहलाता, दर्द हो रहा है’. गर्मी लग रही थी. भाभी ने अपनी साड़ी छाती और पेट से हटा दी और मेरा हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख दिया. मैं उनका पेट सहलाने लगा. भाभी की गोरी चिकनी कोमल पेट पर हाथ फिराते समय मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. भाभी ने एक बार मोहक मुस्कान के साथ मुझे देखा और आँखे बंद कर ली.
बोली- ‘थोड़ा और नीचे दबाओ’. मैं हाथ और नीचे ले गया.
भाभी ने अपनी सारी और साया लूज कर के नीचे सरका दिया. पैरो को मोड़ कर जंघे फैला दी.अब भाभी का बदन पेट से जाँघ तक नंगा दिख रहा था. मेरा गला सुख गया. बदन मे जैसे आग लग गई. मैं चोरी चोरी कभी भाभी की नंगी पेट और जाँघो को देखता, कभी ब्लाउज से उभरी चुचि को. भाभी ने आँखे मुन्दे हुए कहा- ‘क्या हुआ- दबाओ, शर्मा रहे हो क्या’
मैं धीरे धीरे भाभी के पेट से लेकर नाभि के नीचे तक सहलाने लगा. भाभी आँख मूंद कर लेटी रही. फिर उन्होने मेरा हाथ पकड़कर अपनी बूर पर रख दिया और बोली-‘यहाँ सहलाओ’. मैने देखा नही कि मेरा हाथ कहाँ है. लेकिन वहाँ छुते ही मुझे करेंट लग गया.
उस समय मुझे बूर का ज्ञान नही था. मैने छ्होटी लड़कियों का बूर देखा था. लेकिन उसके बारे मे कोई भावना मेरे मन मे नही जागी थी. मैं बूर को सहलाने लगा. मुझे देखने का भी मन कर रहा था लेकिन हिम्मत नही हुआ. भाभी अब मचलने और सिसकियाँ भरने लगी.
मैने पुछा –‘क्या हुआ भाभी’. भाभी बोली- ‘हाए, तुमने क्या कर दिया. मेरी छाती मे दर्द होने लगा, थोडा दबा दो’. मुझे झिझकता देख कर उन्होने मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चुचि पर रख दिया और बोली –‘दबाओ’. अब मेरी झिझक दूर हो रही थी. मैं तो भाभी की आग्या का पालन कर रहा था.
भाभी की चुचियाँ एकदम गोल गोल और खड़ी थी. मैं अपने दोनो हाथो से उनकी दोनो चुचियाँ दबाने लगा. भाभी ने अपना ब्लाउज खोल दिया. ब्लाउज के नीचे कुच्छ भी नही था. अब चुचियाँ बिल्कुल नंगी हो गयी . इस तरह नंगी चुचि मैं पहली बार देख रहा था. मैं बड़े प्यार से चुचियों को दबाता और सहलाता रहा. मुझे मज़ा आ रहा था.
मेरे पॅंट के अंडर मेरा लंड खड़ा होकर बार बार उच्छल रहा था. मैं मदहोश हो रहा था. ये सब मेरे लिए बिल्कुल नया अनुभव था.
मेरे पॅंट के अंडर की हरकत को भाभी ने देख लिया.
भाभी बोली- ‘वो तुम्हारे पॅंट के अंदर क्या हिल रहा है. तुमने कोई चूहा छुपा रखा है क्या.’
मैं शर्मा गया. बोला ‘कुच्छ नही है भाभी’
भाभी बोली- ‘कुच्छ तो है’ और उन्होने मेरे लंड को पॅंट के उपर से पकड़ लिया.
बोली-‘अरे बाप रे ये तुमने कितना बड़ा चूहा अपनी पॅंट मे च्छुपाया है. पॅंट खोलो मैं देखूं कैसा है. मैने तो मेरा वाला तुम्हे दिखा दिया अब तुम अपना वाला मुझे दिखाओ.’
मैं एकदम शर्मा गया. और उठकर खड़ा हो गया . भाभी भी बेड से उठ गयी और मुझसे लिपट गयी. उनकी सारी और साया नीचे गिर गयी. मेरा हाथ उन होने अपनी नंगी चुचि पर रख दिया. अपने एक हाथ से मुझे पकड़ कर अपने से सटा लिया और दूसरे हाथ से पॅंट के उपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. मैं पागल हो गया. मैने भी अपने एक हाथ से भाभी की नंगी कमर लपेटली और अपने से सटा लिया. दूसरे हाथ से भाभी की नंगी चुचि दबा रहा था. भाभी ने अपने होठ मेरे होठ पर रख कर कस्के चुम्मा लिया. मैने भी भाभी के दो नो गाल पर फिर होठ पर कसकर चुम्मा लिया. हम दोनो मतवाले हो गये.
भाभी ने मेरी पॅंट का बटन खोल दिया. मेरी पॅंट सरक कर नीचे गिर गयी. भाभी ने मेरा अंडर वेर भी नीचे सरका दिया. अब मेरा नंगा खड़ा लॅंड भाभी के हाथ मे था. भाभी ने मुझे शर्ट और बनियान खोलने को कहा. मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए- क्योकि अंदर और बाहर दोनो तरफ की गरमी बेचैन कर रही थी. 19 साल की कमसिन भाभी भी पूरी नंगी मेरे सामने थी. मैने किसी लड़की का नंगा शरीर कभी नही देखा था. और भाभी का नंगा बदन जैसे तराश कर बनाया हुआ था. गोरी देह, खड़ी गोल चुचिया, पेट के नीचे की मतवाली गहराई, भारी भारी बाहें और जाँघ सब कुछ मतवाला कर रहा था.
मैं जानता था लड़कियों का लॅंड नही होता लेकिन मुझे शरारत सूझी.
मैने भाभी से पुछा –‘भाभी आपका लॅंड कहा है. आप पेसाब कैसे करती हो.’
भाभी हस्ने लगी. बोली –‘लड़कियों को लंड नही होता बूर होती है, देखो ये बूर है’. पैर फैलाकर उन्होने अपना खूबसूरत बूर दिखाया. मैं दंग रह गया. एकदम गुलाबी और चिकनी बूर. सारे शरीर मे बिजली दौड़ने लगी. उन्होने मेरा हाथ पकड़कर अपनी चिकनी बूर पर रख दिया और बोली-‘सहलाओ. जानते हो बूर लॅंड की बीबी होती है. लॅंड बूर के घर मे घुसकर उसे मज़ा देता है और मज़ा लेता है.’ मैं सर्प्राइज़ होकर बूर को देखने और सहलाने लगा.
फिर मैने बूर को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और दबा दिया. भाभी सिसकारी भरने लगी.
मेरा लॅंड ज़ोर ज़ोर से उच्छल रहा था. भाभी लॅंड को देख रही थी.
बोली- ‘पीयूष, तुम अभी इतने छोटे हो, लेकिन तुम्हारा लंड इतना बड़ा और मोटा कैसे हो गया. ये बहुत उच्छल रहा है, इसे इसकी बिल मे घुसा दो. शांत हो जाएगा.’
मैं समझा नही. भाभी मेरे लंड को किस बिल मे घुसाने को बोल रही है. मैं इधर उधर देखने लगा.
भाभी ने पुछा ‘क्या देख रहे हो’
मैने कहा -‘लंड को किस बिल मे घुसाऊ.’
भाभी हस्ने लगी बोली ‘तुम एकदम नादान हो.तुमने कभी किसिको चोदा है’.
मैने कहा – ‘चोदा माने.’ मैने ‘चोदा-चोदि’ शब्द तो सुना था, लेकिन जानता नही था.
अब तो भाभी ज़ोर से हस्ने लगी. फिर बोली –‘वो तेल लेकर आओ, तुम्हारे साथ मज़ा आएगा.’
मैं टेबल पर रखी नारियल तेल की सीसी उठा लाया. भाभी ने मेरे लंड पर तेल लगाया. फिर बोली –‘थोड़ा तेल मेरी बूर मे लगा दो’.
भाभी पैर फैला कर लेट गयी. उनकी गोरी, गुलाबी, लुभावनी बूर सामने थी. मैं अपने को रोक नही सका. मैने बुर का कसकर चुम्मा लिया. भाभी सिसकारी भरने लगी. मैने बूर पर तेल लगा दिया.
भाभी बोली – ‘अब अपने चूहे को मेरी बूर की बिल मे घुसादो’
मैने कहा- ‘भाभी बिल कहाँ है’
भाभी बोली –‘अरे बुधु ये है मेरी बूर और ये है बूर की बिल’. कह कर उन्होने बूर के अंदर अपनी उंगली घुसा दी. बोली-‘देखा बिल है ना’. मैं सर्प्राइज़्ड हो गया.
बूर मे उंगली घुसाई उंगली घुसाकर भाभी ने बूर का होल दिखाया
मैं तो समझता था लड़कियाँ बूर से सिर्फ़ पेसाब करती हैं. मेरा एक बिट्टा लंबा और मोटा लंड भाभी की बूर मे कैसे घुसेगा. लड़को के लॅंड का पेसाब का बिल तो बहुत छ्होटा होता है-उसमे तो उंगली नही घुस सकती. शायद लड़कियों का पेसाब का बिल बड़ा होता होगा.
भाभी बोली-‘अब तुम अपनी उंगली मेरी बूर मे घुसा कर देख लो, बिल है कि नही.’
मैं उत्सुकता से अपना चेहरा भाभी की बूर के पास लेगया और देखा. लेकिन कोई बिल नज़र नही आया. फिर अपनी उंगली भाभी की बूर पर फिराने लगा और धीरे धीरे भीतर की तरफ दबाने लगा . अचानक मेरी उंगली बूर के अंदर घुस गई.
भाभी बोली- ‘बिल मिली’
मैने कहा- ‘हां’
भाभी हासकर बोली-‘अपनी उंगली मेरी बूर मे से निकालो नही तो मेरी बूर तुम्हारी उंगली काट लेगी’
मैने जल्दी से उंगली भाभी की बूर से निकाल ली. भाभी ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी..
बोली-‘अरे बुद्धू. बूर काट ती नही है ये तो लंड का स्वागत करती है और मज़ा देती है.’
मैने कहा-‘ऐसा ‘ और मैने भाभी की बूर का चुम्मा ले लिया. बहुत देर से मन कर रहा था इस खूबसूरत बूर का स्वाद लेने का. इस लिए मैने जीभ से चाट कर बूर का अनोखा स्वाद भी चखा.
भाभी उत्तेजना से पागल हो रही थी. बोली – ‘अपनी उंगली को बूर मे घुसा कर बाहर भीतर करो.’
मैं वैसा ही करने लगा. इस तरह बूर मे उंगली करने पर भाभी सिसकारी भरने लगी. फिर अपने चूतर नीचे उप्पेर उच्छालने लगी. मुझे भी मज़ा आ रहा था. बूर मे पानी आ गया.
भाभी हान्फ्ते हुए बोली- ‘बस करो. अपना लंड मेरी बूर मे घुसाओ.’
भाभी मेरे लंड पर सवार हो गयी
मैने अपने को पोज़िशन करके अपना लंड भाभी की बूर पर रख दिया. भाभी ने नीचे से अपनी कमर उठा दी. मैने लंड को बूर मे घुसाना चाहा लेकिन लंड दूसरी तरफ फिसल गया.
भाभी पागल हो रही थी. बोली –‘बुधूमल तुम नीचे लेटो’ भाभी उठ गयी और मैं नीचे लेट गया. मेरा लंड सीधा उपर की ओर खड़ा था. भाभी ने मेरे दोनो तरफ अपना पैर फैलाया और एक हाथ से मेरे लंड को अपनी बूर से सताकर लंड पर बैठ गयी. लॅंड खच से बूर मे घुस गया. भाभी ने ज़ोर से सिसकारी मारी. मुझे भी लगा कि स्वर्ग मे आ गया हूँ. अब भाभी अपनी बूर मे मेरे लॅंड को घुसाए हुए अपनी कमर उपर नीचे करने लगी. हाफते हुए बोली- ‘देखो इसिको चुदाइ कहते हैं. तुम मेरी चुचि दबाते रहो.’
भाभी कमर उच्छाल उच्छाल कर लपा लप बूर से लंड को लील रही थी. इस से ‘फ़च’ ‘फ़च’ की आवाज़ पूरे कमरे मे गूँज रही थी. मैं अचरज से भरा हुआ अपने जीवन की पहली चुदाई का भरपूर आनंद ले रहा था. मैं नीचे लेटे लेटे भाभी की दोनो चुचिया मसलने लगा. उपेर से भाभी मेरे लंड पर कबड्डी खेल रही थी.
लगभग दस मिनिट के बाद बोली- ‘अभी मैं तुम्हे चोद रही हूँ. अब तुम मुझे चोदो.’
कहकर वो उठ गयी. मुझे उठाकर खुद पैर फैलाकर लेट गयी और बोली-‘कम ओन, मेरी बूर मे अपना लॅंड घुसाओ. मुझे चोदो, खूब चोदो.’
मुझे अब असीम आनंद आ रहा था. मैं उत्तेजना से थर थर कर रहा था. मेरा लंड उफान रहा था. भाभी कितना अद्भुत लेसन मुझे सीखा रही है.
मैने लंड को भाबी की बूर के सामने किया
फिर लंड को भाभी की बूर मे घुसा दिया
अब मैं भाभी के उपर आ गया. अपना लंड भाभी की बूर के सामने रखकर धक्का दिया. इसबार लंड खच से आधा घुस गया. मैं रुक गया. भाभी सिसकारी लेते हुए बोली –‘रुके क्यो, पूरा घुसाओ’
भाभी ने नीचे से अपनी कमर उठाई और मैने उपर से फिर धक्का दिया. इस बार लंड पूरा जड़ तक बूर मे घुस गया. भाभी नीचे से चूतड़ उच्छालने लगी. मैं भी उपर से धक्के पर धक्का देने लगा. लंड बूर मे घुस और निकल रहा था. अपार आनंद आ रहा था. हमारी ट्यूनिंग इतनी अच्छी थी कि जब भाभी कमर नीचे करती तो मैं लंड को बूर से निकाल लेता. और जब भाभी कमर उपर उठाती तो मैं लंड को बूर मे पूरा घुसा देता. इस तरह लंड पूरा निकलता और पूरा जड़ तक बूर मे घुस जाता. भाभी हानफते हुए बोली – ‘शाबास राज. देखो यही जीवन का सबसे बड़ा आनंद है .और ज़ोर से चोदो.’
मेरे धक्के का स्पीड बढ़ने लगा. फ़च फ़च की आवाज़ रूम मे गूँज रही थी, जिस से मैं और भाभी दोनो मतवाले हो रहे थे. चुदाई ज़ोर से चल रही थी. दोनो मस्त हो गये थे.
भाभी सिसकारी लेने लगी. बोली- ‘मज़ा… .आ ..रहा… है…ना ..’
मैं हफ्ते हुए बोला-‘….हां…. भा….भी… बहुत….’
लग भग दस मिनिट लगातार चुदाई के बाद एक ज़ोर की सिसकारी के साथ भाभी मेरे लंड को एकदम पूरा बूर मे घुसाए हुए मुझसे लिपट गयी. साँसे तेज तेज चल रही थी. फिर वो ढीली पड़ गयी. बोली-‘वाह राज आज तुमने मुझे तृप्त कर दिया.इतनी अच्छी चुदाई मैने पहली बार कराई है’ मैने पुछा-‘क्या भैया भी तुम्हे इसी तरह चोद्ते हैं.’
भाभी हस्ने लगी. बोली-‘तुम एकदम बुद्धू हो. शादी तो चुदाई का लाइसेन्स है. शादी के बाद पति और पत्नी चुदाई ही तो करते हैं. अब तुम मेरे बूर का पानी चाट लो.’
मैं बोला – ‘क्यों.’
भाभी .बोली-‘तृप्त हुई बूर का पानी चाटने से तुम्हारी काम वासना और शक्ति स्ट्रॉंग रहेगी. जानते हो कुवारि लड़की की तृप्त बूर का पानी अमृत होता है. इसीलिए वर्जिन से शादी करते हैं.वर्जिन को चोद्ने से और उसकी बूर के पानी से लंड मजबूत होता है.’
मैं भाभी की बूर का पानी चाटने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. भाभी भी असीम आनंद से बिभोर हो बूर चटवा रही थी.. उनका सारा शरीर सिहर रहा था जैसे करेंट लग रहा हो.
मैने भाभी से पुछा - ‘भाभी, मेरे लंड से आपकी बूर की चुदाई हुई. अब क्या हम पति पत्नी हो गये.’ भाभी बोली-‘नही बुद्धू. तुम्हारे भैया मुझे चोद्ते है. आज तुमने चोदा. दोनो का तरीका अलग है. इस तरह वेराइटी चुदाई मे ज़्यादा मज़ा मिलता है. लेकिन कुच्छ मर्यादा पालन भी ज़रूरी है’ मैं बोला – ‘मर्यादा मतलब ’
‘मैं समझाउंगी. अभी चोदो. अभी तुम तृप्त नही हुए हो. तुम तो कुवारे हो .तुम्हारा होने पर मैं तुम्हारा रस चुसुन्गि.. इस से मेरा रूप यौवन निखरेगा’ मैं भाभी को चोद्ने लगा.
बूर चुदाई, चुम्मा और चुचि मिसाई एक साथ चल रहा था.
भाभी को मैने लंड पर थाम लिया मेरा जोश चरम पर था. भाभी थोड़ी ढीली पड़ रही थी. लेकिन वो मेरा पूरा साथ भी दे रही थी. चुदाई, चुम्मा और चुचि मसलाना एक रिदम मे चल रहा था. अचानक भाभी उठ गयी. मुझे भी खड़ा किया और जंप करके मेरी गोद मे चढ़ गयी.. मैने अपने खड़े लॅंड पर भाभी को संभाल लिया. लंड ठीक भाभी की बूर के होल पर था. भाभी जब नीचे सरकी तो लंड पूरा का पूरा उनके भार से बूर मे बिल्कुल जड़ तक घाप से घुस गया. भाभी ज़ोर से चिल्लाई. अब मैं अपने हाथों से भाभी को सम्हाले हुए खड़े खड़े भाभी को चोद्ने लगा.
इस पोज़िशन मे चुदाई का एक अलग मज़ा मिल रहा था. भाभी ने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और उपर नीचे होने लगी. ये अद्भुत चुदाई हो रही थी.. आप लोग भी इसे आजमा कर देख सकते हैं.
भाभी की बूर मे इस चुदाई से थोड़ा दर्द होने लगा. क्योकि लंड बहुत भीतर तक घुसता था. भाभी थोड़ा आघात फील कर रही थी.वो उतर गयी .
भाभी का जोश लगता था ठंडा हो रहा था, लेकिन मेरा जोश उफान पर था. मैने भाभी को उठाकर फिर उपने खड़े लंड पर बैठा लिया, और नीचे से ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा. लगा. भाभी फिर मस्ती मे आ रही है. वो बोली- ‘ठहरो इस बार मैं घोड़ी की तरह पोज़ करती हूँ. तुम घोड़े की तरह मुझे चोदो.’ भाभी हाथ पाओ पर घोड़ी की तरह पोज़िशन करली. अपनी गोल गोल भारी हुई गुलाबी मस्त चूतड़ को इस तरह उठाया कि उसकी बूर का होल दिखाई देने लगा. इसे देख कर मेरा लंड दुगुने जोश मे आ गया. मैं भाभी की पीठ के उपर घोड़े की पोज़ मे आ गया.
भाभी ने घोड़ी का पोज़ लिया. मैं घोड़े की तरह पिछे से छोड़ने लगा दोनो हाथ नीचे करके मैने भाभी की चुचिया पकड़ ली और लंड को बूर के होल पर रखकर एक ही धक्के में पूरा घुसा दिया. भाभी सिसक उठी. बोली-‘वाह जीते रहो. ज़ोर से चोदो’ मैं ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा. वो बोली- ‘और ज़ोर से चोदो.’ मैं और ज़ोर से चोद्ने लगा. साथ ही साथ चुचिया भी मिसता रहा. लगभग दस मिनिट के बाद ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर का सारा जोश लंड के रास्ते बूर के अंदर निकलने वाला है. यह अद्भुत हेवन्ली एक्सपीरियेन्स हो रहा था. मेरे चोद्ने की स्पीड बढ़ती चली गयी. सारा बेड हिल रहा था. और भाभी थी कि खूब मज़े मे चुदवाये जा रही थी. अचानक भाभी ने ज़ोर से सिसकारी मारी . ठीक उसी समय मेरे अंदर का जोश भी तृप्त हो गया. हम दोनो एक साथ तृप्त हुए. मैं लंड को बूर के भीतर घुसाए हुए भाभी को लेकर बेड पर पसर गया. हम दोनो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रहे थे. मुझे ऐसा सुख आजतक नही मिला था. अब मैं समझा बाय्स आंड गर्ल्स इसी मज़े के लिए छुप छुप कर चुदाई करते हैं.
क्रमशः ...................................
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भाभी सब जानती है--1
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दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी लेकर हाजिर हू कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना
मेरे बड़े भैया प्रकाश की शादी हुई.घर मे चाँद सी सुंदर भाभी आई जो 19 साल की थी. भाभी का नाम आर्चीता है. मेरी बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी . भाभी के आने के बाद दीदी ससुराल चली गई. सारे रिलेटिव्स वापस चले गये. घर मे सबसे छ्होटा मैं था. भाभी से दोस्ती हो गयी. भाभी मेरे स्कूल से लौटने के बाद मुझसे खूब बातें करती थी.. स्कूल मे मेरा मन नही लगता था. सब समय आँखों के सामने भाभी का चेहरा घूमने लगता था. वो इतनी स्वीट और फ्रेंड्ली थी. उनके उमर की लड़कियाँ तो मेरे स्कूल मे पढ़ती थी. भाभी की शादी बारहवी पास करने के बाद 1स्ट एअर मे ही हो गयी थी. शादी के बाद भैया ने उन्हे एम.एससी कराया.
प्रकाश भैया पटना मे एसबीआइ मे पी.ओ. थे. पटना हमारे विलेज से 120 किमी दूर है. पहले वो पटना मे वर्किंग में हॉस्टिल मे रहा करते थे. शादी के बाद उन्होने कंकाड़बग मे फ्लॅट किराए पर लिया और भाभी को लेकर चले गये. मम्मी भी साथ मे गयी. घर मे मैं और पापा रह गये. बड़ा सूना सूना लगता था. भाभी की याद सताया करती थी.
भाभी के जाने के दो महीने के बाद सम्मर वाकेशन हुआ. पापा की तबीयत थोड़ी खराब हुई. उन्होने फोन करके मम्मी को बुला लिया. मेरा स्कूल बंद था. मैने मम्मी को राज़ी कर लिया और पटना पहुच गया. भाभी मुझे देख कर बहुत खुश हुई. क्योंकि भैया तो सुबह ऑफीस जाकर शाम को घर लौटते थे. भाभी दिन भर अकेले रहती थी और बोर होती थी.
अब भाभी के साथ बहुत मज़ा आने लगा. मैं किचन में उनका हाथ बटाया करता था. हमलोग साथ मे मार्केट जाया करते थे. खूब बातें करते थे. भाभी के बेड पर ही उनके साथ लेट कर उनकी बातें सुनता रहता था. वो बहुत मजेदार किस्से सुनाती रहती थी. चार दिन बीत गये. एक दिन मैने भाभी को अपने स्कूल के मस्टेरज़ी का किस्सा सुनाया तो ज़ोर से हस्ने लगी और हस्ते हस्ते मुझे बाहों मे भर लिया. मैं शर्मा गया. लेकिन बहुत अक्च्छा लगा. भाभी ने पुछा- ‘क्या हुआ’ मैने कोई जवाब नही दिया. भाभी बोली –‘अरे पगले, ये तो दोस्ती मे होता है.’
उसी दिन मैं बाथरूम मे पेसाब कर रहा था. अचानक मुझे लगा कोई अंदर आया.मेरी पेसाब रुक गयी. मैं पीछे घूमकर देखा – भाभी है. मेरा लंड पॅंट से निकला हुआ था. भाभी देखकर मुस्करा कर चली गयी. बाहर निकल कर मैं भाभी से आँखे नही मिला पा रहा था. भाभी मुझे देखकर लुभावने अंदाज मे बोली-‘सॉरी’ और मुस्कराती रही. उस दिन पहली बार मुझे भाभी मे चेंज नज़र आया.
एक दिन इसी तरह दोपहर मे खाना खाकर बातें करते करते मुझे नींद लग गयी. बिजली चली गयी थी.गरमी लगने पर नींद खुली तो पाया भाभी मुझसे लिपट कर सो रही है. उनका एक हाथ मेरे गले के नीचे था. दूसरा हाथ मेरे पॅंट पर मेरे लंड के उपर था. और उनका गाल मेरे गाल से सटा हुआ था. भाभी की चुचि मेरे बगल से सटी हुई थी. मेरे अंदर बिजली दौड़ने लगी. मेरी सांस तेज तेज चलने लगी. भाभी पूरी नींद मे थी. मेरे लंड मे सुर सूरी होने लगी. ये अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया था. आज भाभी मुझे बहुत सुंदर लग रही थी. मैने भाभी की तरफ करवट ले ली. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. लेकिन मैं चुप चाप पड़ा रहा की भाभी जाग ना जाए. थोड़ी देर बाद भाभी की नींद खुली. मैं बहाना बनाए हुए सोने का नाटक करने लगा. भाभी ने अपना हाथ धीरे से मेरे गले के नीचे से निकाला और उठकर बाथरूम मे चली गयी.
पाँचवे दिन भैया के ऑफीस जाने के बाद भाभी ने जल्दी से खाना बनाया और बेड पर जा कर लेट गयी. उन्होने आज मुझसे ज़्यादा बात भी नही किया. मुझे उलझन हुई.
मैने भाभी से पुचछा –‘क्या हुआ भाभी’. उन्होने कहा -‘बदन मे दर्द है. सोने दो’
मैं बगल मे बेड पर बैठ गया और भाभी का सर दबाने लगा. भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर बड़े प्यार से मुझे ‘थॅंक यू’ कहा. मैं उनका सर सहलाता रहा. भाभी आँख मूंदकर लेटी रही. उनकी साँस तेज चल रही थी, जिस से उनकी चुचि कपड़े के नीचे उपर नीचे हो रही थी.
थोड़ी देर बाद भाभी बोली ‘प्लीज़, थोड़ा पेट सहलाता, दर्द हो रहा है’. गर्मी लग रही थी. भाभी ने अपनी साड़ी छाती और पेट से हटा दी और मेरा हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख दिया. मैं उनका पेट सहलाने लगा. भाभी की गोरी चिकनी कोमल पेट पर हाथ फिराते समय मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. भाभी ने एक बार मोहक मुस्कान के साथ मुझे देखा और आँखे बंद कर ली.
बोली- ‘थोड़ा और नीचे दबाओ’. मैं हाथ और नीचे ले गया.
भाभी ने अपनी सारी और साया लूज कर के नीचे सरका दिया. पैरो को मोड़ कर जंघे फैला दी.अब भाभी का बदन पेट से जाँघ तक नंगा दिख रहा था. मेरा गला सुख गया. बदन मे जैसे आग लग गई. मैं चोरी चोरी कभी भाभी की नंगी पेट और जाँघो को देखता, कभी ब्लाउज से उभरी चुचि को. भाभी ने आँखे मुन्दे हुए कहा- ‘क्या हुआ- दबाओ, शर्मा रहे हो क्या’
मैं धीरे धीरे भाभी के पेट से लेकर नाभि के नीचे तक सहलाने लगा. भाभी आँख मूंद कर लेटी रही. फिर उन्होने मेरा हाथ पकड़कर अपनी बूर पर रख दिया और बोली-‘यहाँ सहलाओ’. मैने देखा नही कि मेरा हाथ कहाँ है. लेकिन वहाँ छुते ही मुझे करेंट लग गया.
उस समय मुझे बूर का ज्ञान नही था. मैने छ्होटी लड़कियों का बूर देखा था. लेकिन उसके बारे मे कोई भावना मेरे मन मे नही जागी थी. मैं बूर को सहलाने लगा. मुझे देखने का भी मन कर रहा था लेकिन हिम्मत नही हुआ. भाभी अब मचलने और सिसकियाँ भरने लगी.
मैने पुछा –‘क्या हुआ भाभी’. भाभी बोली- ‘हाए, तुमने क्या कर दिया. मेरी छाती मे दर्द होने लगा, थोडा दबा दो’. मुझे झिझकता देख कर उन्होने मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चुचि पर रख दिया और बोली –‘दबाओ’. अब मेरी झिझक दूर हो रही थी. मैं तो भाभी की आग्या का पालन कर रहा था.
भाभी की चुचियाँ एकदम गोल गोल और खड़ी थी. मैं अपने दोनो हाथो से उनकी दोनो चुचियाँ दबाने लगा. भाभी ने अपना ब्लाउज खोल दिया. ब्लाउज के नीचे कुच्छ भी नही था. अब चुचियाँ बिल्कुल नंगी हो गयी . इस तरह नंगी चुचि मैं पहली बार देख रहा था. मैं बड़े प्यार से चुचियों को दबाता और सहलाता रहा. मुझे मज़ा आ रहा था.
मेरे पॅंट के अंडर मेरा लंड खड़ा होकर बार बार उच्छल रहा था. मैं मदहोश हो रहा था. ये सब मेरे लिए बिल्कुल नया अनुभव था.
मेरे पॅंट के अंडर की हरकत को भाभी ने देख लिया.
भाभी बोली- ‘वो तुम्हारे पॅंट के अंदर क्या हिल रहा है. तुमने कोई चूहा छुपा रखा है क्या.’
मैं शर्मा गया. बोला ‘कुच्छ नही है भाभी’
भाभी बोली- ‘कुच्छ तो है’ और उन्होने मेरे लंड को पॅंट के उपर से पकड़ लिया.
बोली-‘अरे बाप रे ये तुमने कितना बड़ा चूहा अपनी पॅंट मे च्छुपाया है. पॅंट खोलो मैं देखूं कैसा है. मैने तो मेरा वाला तुम्हे दिखा दिया अब तुम अपना वाला मुझे दिखाओ.’
मैं एकदम शर्मा गया. और उठकर खड़ा हो गया . भाभी भी बेड से उठ गयी और मुझसे लिपट गयी. उनकी सारी और साया नीचे गिर गयी. मेरा हाथ उन होने अपनी नंगी चुचि पर रख दिया. अपने एक हाथ से मुझे पकड़ कर अपने से सटा लिया और दूसरे हाथ से पॅंट के उपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. मैं पागल हो गया. मैने भी अपने एक हाथ से भाभी की नंगी कमर लपेटली और अपने से सटा लिया. दूसरे हाथ से भाभी की नंगी चुचि दबा रहा था. भाभी ने अपने होठ मेरे होठ पर रख कर कस्के चुम्मा लिया. मैने भी भाभी के दो नो गाल पर फिर होठ पर कसकर चुम्मा लिया. हम दोनो मतवाले हो गये.
भाभी ने मेरी पॅंट का बटन खोल दिया. मेरी पॅंट सरक कर नीचे गिर गयी. भाभी ने मेरा अंडर वेर भी नीचे सरका दिया. अब मेरा नंगा खड़ा लॅंड भाभी के हाथ मे था. भाभी ने मुझे शर्ट और बनियान खोलने को कहा. मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए- क्योकि अंदर और बाहर दोनो तरफ की गरमी बेचैन कर रही थी. 19 साल की कमसिन भाभी भी पूरी नंगी मेरे सामने थी. मैने किसी लड़की का नंगा शरीर कभी नही देखा था. और भाभी का नंगा बदन जैसे तराश कर बनाया हुआ था. गोरी देह, खड़ी गोल चुचिया, पेट के नीचे की मतवाली गहराई, भारी भारी बाहें और जाँघ सब कुछ मतवाला कर रहा था.
मैं जानता था लड़कियों का लॅंड नही होता लेकिन मुझे शरारत सूझी.
मैने भाभी से पुछा –‘भाभी आपका लॅंड कहा है. आप पेसाब कैसे करती हो.’
भाभी हस्ने लगी. बोली –‘लड़कियों को लंड नही होता बूर होती है, देखो ये बूर है’. पैर फैलाकर उन्होने अपना खूबसूरत बूर दिखाया. मैं दंग रह गया. एकदम गुलाबी और चिकनी बूर. सारे शरीर मे बिजली दौड़ने लगी. उन्होने मेरा हाथ पकड़कर अपनी चिकनी बूर पर रख दिया और बोली-‘सहलाओ. जानते हो बूर लॅंड की बीबी होती है. लॅंड बूर के घर मे घुसकर उसे मज़ा देता है और मज़ा लेता है.’ मैं सर्प्राइज़ होकर बूर को देखने और सहलाने लगा.
फिर मैने बूर को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और दबा दिया. भाभी सिसकारी भरने लगी.
मेरा लॅंड ज़ोर ज़ोर से उच्छल रहा था. भाभी लॅंड को देख रही थी.
बोली- ‘पीयूष, तुम अभी इतने छोटे हो, लेकिन तुम्हारा लंड इतना बड़ा और मोटा कैसे हो गया. ये बहुत उच्छल रहा है, इसे इसकी बिल मे घुसा दो. शांत हो जाएगा.’
मैं समझा नही. भाभी मेरे लंड को किस बिल मे घुसाने को बोल रही है. मैं इधर उधर देखने लगा.
भाभी ने पुछा ‘क्या देख रहे हो’
मैने कहा -‘लंड को किस बिल मे घुसाऊ.’
भाभी हस्ने लगी बोली ‘तुम एकदम नादान हो.तुमने कभी किसिको चोदा है’.
मैने कहा – ‘चोदा माने.’ मैने ‘चोदा-चोदि’ शब्द तो सुना था, लेकिन जानता नही था.
अब तो भाभी ज़ोर से हस्ने लगी. फिर बोली –‘वो तेल लेकर आओ, तुम्हारे साथ मज़ा आएगा.’
मैं टेबल पर रखी नारियल तेल की सीसी उठा लाया. भाभी ने मेरे लंड पर तेल लगाया. फिर बोली –‘थोड़ा तेल मेरी बूर मे लगा दो’.
भाभी पैर फैला कर लेट गयी. उनकी गोरी, गुलाबी, लुभावनी बूर सामने थी. मैं अपने को रोक नही सका. मैने बुर का कसकर चुम्मा लिया. भाभी सिसकारी भरने लगी. मैने बूर पर तेल लगा दिया.
भाभी बोली – ‘अब अपने चूहे को मेरी बूर की बिल मे घुसादो’
मैने कहा- ‘भाभी बिल कहाँ है’
भाभी बोली –‘अरे बुधु ये है मेरी बूर और ये है बूर की बिल’. कह कर उन्होने बूर के अंदर अपनी उंगली घुसा दी. बोली-‘देखा बिल है ना’. मैं सर्प्राइज़्ड हो गया.
बूर मे उंगली घुसाई उंगली घुसाकर भाभी ने बूर का होल दिखाया
मैं तो समझता था लड़कियाँ बूर से सिर्फ़ पेसाब करती हैं. मेरा एक बिट्टा लंबा और मोटा लंड भाभी की बूर मे कैसे घुसेगा. लड़को के लॅंड का पेसाब का बिल तो बहुत छ्होटा होता है-उसमे तो उंगली नही घुस सकती. शायद लड़कियों का पेसाब का बिल बड़ा होता होगा.
भाभी बोली-‘अब तुम अपनी उंगली मेरी बूर मे घुसा कर देख लो, बिल है कि नही.’
मैं उत्सुकता से अपना चेहरा भाभी की बूर के पास लेगया और देखा. लेकिन कोई बिल नज़र नही आया. फिर अपनी उंगली भाभी की बूर पर फिराने लगा और धीरे धीरे भीतर की तरफ दबाने लगा . अचानक मेरी उंगली बूर के अंदर घुस गई.
भाभी बोली- ‘बिल मिली’
मैने कहा- ‘हां’
भाभी हासकर बोली-‘अपनी उंगली मेरी बूर मे से निकालो नही तो मेरी बूर तुम्हारी उंगली काट लेगी’
मैने जल्दी से उंगली भाभी की बूर से निकाल ली. भाभी ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी..
बोली-‘अरे बुद्धू. बूर काट ती नही है ये तो लंड का स्वागत करती है और मज़ा देती है.’
मैने कहा-‘ऐसा ‘ और मैने भाभी की बूर का चुम्मा ले लिया. बहुत देर से मन कर रहा था इस खूबसूरत बूर का स्वाद लेने का. इस लिए मैने जीभ से चाट कर बूर का अनोखा स्वाद भी चखा.
भाभी उत्तेजना से पागल हो रही थी. बोली – ‘अपनी उंगली को बूर मे घुसा कर बाहर भीतर करो.’
मैं वैसा ही करने लगा. इस तरह बूर मे उंगली करने पर भाभी सिसकारी भरने लगी. फिर अपने चूतर नीचे उप्पेर उच्छालने लगी. मुझे भी मज़ा आ रहा था. बूर मे पानी आ गया.
भाभी हान्फ्ते हुए बोली- ‘बस करो. अपना लंड मेरी बूर मे घुसाओ.’
भाभी मेरे लंड पर सवार हो गयी
मैने अपने को पोज़िशन करके अपना लंड भाभी की बूर पर रख दिया. भाभी ने नीचे से अपनी कमर उठा दी. मैने लंड को बूर मे घुसाना चाहा लेकिन लंड दूसरी तरफ फिसल गया.
भाभी पागल हो रही थी. बोली –‘बुधूमल तुम नीचे लेटो’ भाभी उठ गयी और मैं नीचे लेट गया. मेरा लंड सीधा उपर की ओर खड़ा था. भाभी ने मेरे दोनो तरफ अपना पैर फैलाया और एक हाथ से मेरे लंड को अपनी बूर से सताकर लंड पर बैठ गयी. लॅंड खच से बूर मे घुस गया. भाभी ने ज़ोर से सिसकारी मारी. मुझे भी लगा कि स्वर्ग मे आ गया हूँ. अब भाभी अपनी बूर मे मेरे लॅंड को घुसाए हुए अपनी कमर उपर नीचे करने लगी. हाफते हुए बोली- ‘देखो इसिको चुदाइ कहते हैं. तुम मेरी चुचि दबाते रहो.’
भाभी कमर उच्छाल उच्छाल कर लपा लप बूर से लंड को लील रही थी. इस से ‘फ़च’ ‘फ़च’ की आवाज़ पूरे कमरे मे गूँज रही थी. मैं अचरज से भरा हुआ अपने जीवन की पहली चुदाई का भरपूर आनंद ले रहा था. मैं नीचे लेटे लेटे भाभी की दोनो चुचिया मसलने लगा. उपेर से भाभी मेरे लंड पर कबड्डी खेल रही थी.
लगभग दस मिनिट के बाद बोली- ‘अभी मैं तुम्हे चोद रही हूँ. अब तुम मुझे चोदो.’
कहकर वो उठ गयी. मुझे उठाकर खुद पैर फैलाकर लेट गयी और बोली-‘कम ओन, मेरी बूर मे अपना लॅंड घुसाओ. मुझे चोदो, खूब चोदो.’
मुझे अब असीम आनंद आ रहा था. मैं उत्तेजना से थर थर कर रहा था. मेरा लंड उफान रहा था. भाभी कितना अद्भुत लेसन मुझे सीखा रही है.
मैने लंड को भाबी की बूर के सामने किया
फिर लंड को भाभी की बूर मे घुसा दिया
अब मैं भाभी के उपर आ गया. अपना लंड भाभी की बूर के सामने रखकर धक्का दिया. इसबार लंड खच से आधा घुस गया. मैं रुक गया. भाभी सिसकारी लेते हुए बोली –‘रुके क्यो, पूरा घुसाओ’
भाभी ने नीचे से अपनी कमर उठाई और मैने उपर से फिर धक्का दिया. इस बार लंड पूरा जड़ तक बूर मे घुस गया. भाभी नीचे से चूतड़ उच्छालने लगी. मैं भी उपर से धक्के पर धक्का देने लगा. लंड बूर मे घुस और निकल रहा था. अपार आनंद आ रहा था. हमारी ट्यूनिंग इतनी अच्छी थी कि जब भाभी कमर नीचे करती तो मैं लंड को बूर से निकाल लेता. और जब भाभी कमर उपर उठाती तो मैं लंड को बूर मे पूरा घुसा देता. इस तरह लंड पूरा निकलता और पूरा जड़ तक बूर मे घुस जाता. भाभी हानफते हुए बोली – ‘शाबास राज. देखो यही जीवन का सबसे बड़ा आनंद है .और ज़ोर से चोदो.’
मेरे धक्के का स्पीड बढ़ने लगा. फ़च फ़च की आवाज़ रूम मे गूँज रही थी, जिस से मैं और भाभी दोनो मतवाले हो रहे थे. चुदाई ज़ोर से चल रही थी. दोनो मस्त हो गये थे.
भाभी सिसकारी लेने लगी. बोली- ‘मज़ा… .आ ..रहा… है…ना ..’
मैं हफ्ते हुए बोला-‘….हां…. भा….भी… बहुत….’
लग भग दस मिनिट लगातार चुदाई के बाद एक ज़ोर की सिसकारी के साथ भाभी मेरे लंड को एकदम पूरा बूर मे घुसाए हुए मुझसे लिपट गयी. साँसे तेज तेज चल रही थी. फिर वो ढीली पड़ गयी. बोली-‘वाह राज आज तुमने मुझे तृप्त कर दिया.इतनी अच्छी चुदाई मैने पहली बार कराई है’ मैने पुछा-‘क्या भैया भी तुम्हे इसी तरह चोद्ते हैं.’
भाभी हस्ने लगी. बोली-‘तुम एकदम बुद्धू हो. शादी तो चुदाई का लाइसेन्स है. शादी के बाद पति और पत्नी चुदाई ही तो करते हैं. अब तुम मेरे बूर का पानी चाट लो.’
मैं बोला – ‘क्यों.’
भाभी .बोली-‘तृप्त हुई बूर का पानी चाटने से तुम्हारी काम वासना और शक्ति स्ट्रॉंग रहेगी. जानते हो कुवारि लड़की की तृप्त बूर का पानी अमृत होता है. इसीलिए वर्जिन से शादी करते हैं.वर्जिन को चोद्ने से और उसकी बूर के पानी से लंड मजबूत होता है.’
मैं भाभी की बूर का पानी चाटने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. भाभी भी असीम आनंद से बिभोर हो बूर चटवा रही थी.. उनका सारा शरीर सिहर रहा था जैसे करेंट लग रहा हो.
मैने भाभी से पुछा - ‘भाभी, मेरे लंड से आपकी बूर की चुदाई हुई. अब क्या हम पति पत्नी हो गये.’ भाभी बोली-‘नही बुद्धू. तुम्हारे भैया मुझे चोद्ते है. आज तुमने चोदा. दोनो का तरीका अलग है. इस तरह वेराइटी चुदाई मे ज़्यादा मज़ा मिलता है. लेकिन कुच्छ मर्यादा पालन भी ज़रूरी है’ मैं बोला – ‘मर्यादा मतलब ’
‘मैं समझाउंगी. अभी चोदो. अभी तुम तृप्त नही हुए हो. तुम तो कुवारे हो .तुम्हारा होने पर मैं तुम्हारा रस चुसुन्गि.. इस से मेरा रूप यौवन निखरेगा’ मैं भाभी को चोद्ने लगा.
बूर चुदाई, चुम्मा और चुचि मिसाई एक साथ चल रहा था.
भाभी को मैने लंड पर थाम लिया मेरा जोश चरम पर था. भाभी थोड़ी ढीली पड़ रही थी. लेकिन वो मेरा पूरा साथ भी दे रही थी. चुदाई, चुम्मा और चुचि मसलाना एक रिदम मे चल रहा था. अचानक भाभी उठ गयी. मुझे भी खड़ा किया और जंप करके मेरी गोद मे चढ़ गयी.. मैने अपने खड़े लॅंड पर भाभी को संभाल लिया. लंड ठीक भाभी की बूर के होल पर था. भाभी जब नीचे सरकी तो लंड पूरा का पूरा उनके भार से बूर मे बिल्कुल जड़ तक घाप से घुस गया. भाभी ज़ोर से चिल्लाई. अब मैं अपने हाथों से भाभी को सम्हाले हुए खड़े खड़े भाभी को चोद्ने लगा.
इस पोज़िशन मे चुदाई का एक अलग मज़ा मिल रहा था. भाभी ने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और उपर नीचे होने लगी. ये अद्भुत चुदाई हो रही थी.. आप लोग भी इसे आजमा कर देख सकते हैं.
भाभी की बूर मे इस चुदाई से थोड़ा दर्द होने लगा. क्योकि लंड बहुत भीतर तक घुसता था. भाभी थोड़ा आघात फील कर रही थी.वो उतर गयी .
भाभी का जोश लगता था ठंडा हो रहा था, लेकिन मेरा जोश उफान पर था. मैने भाभी को उठाकर फिर उपने खड़े लंड पर बैठा लिया, और नीचे से ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा. लगा. भाभी फिर मस्ती मे आ रही है. वो बोली- ‘ठहरो इस बार मैं घोड़ी की तरह पोज़ करती हूँ. तुम घोड़े की तरह मुझे चोदो.’ भाभी हाथ पाओ पर घोड़ी की तरह पोज़िशन करली. अपनी गोल गोल भारी हुई गुलाबी मस्त चूतड़ को इस तरह उठाया कि उसकी बूर का होल दिखाई देने लगा. इसे देख कर मेरा लंड दुगुने जोश मे आ गया. मैं भाभी की पीठ के उपर घोड़े की पोज़ मे आ गया.
भाभी ने घोड़ी का पोज़ लिया. मैं घोड़े की तरह पिछे से छोड़ने लगा दोनो हाथ नीचे करके मैने भाभी की चुचिया पकड़ ली और लंड को बूर के होल पर रखकर एक ही धक्के में पूरा घुसा दिया. भाभी सिसक उठी. बोली-‘वाह जीते रहो. ज़ोर से चोदो’ मैं ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा. वो बोली- ‘और ज़ोर से चोदो.’ मैं और ज़ोर से चोद्ने लगा. साथ ही साथ चुचिया भी मिसता रहा. लगभग दस मिनिट के बाद ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर का सारा जोश लंड के रास्ते बूर के अंदर निकलने वाला है. यह अद्भुत हेवन्ली एक्सपीरियेन्स हो रहा था. मेरे चोद्ने की स्पीड बढ़ती चली गयी. सारा बेड हिल रहा था. और भाभी थी कि खूब मज़े मे चुदवाये जा रही थी. अचानक भाभी ने ज़ोर से सिसकारी मारी . ठीक उसी समय मेरे अंदर का जोश भी तृप्त हो गया. हम दोनो एक साथ तृप्त हुए. मैं लंड को बूर के भीतर घुसाए हुए भाभी को लेकर बेड पर पसर गया. हम दोनो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रहे थे. मुझे ऐसा सुख आजतक नही मिला था. अब मैं समझा बाय्स आंड गर्ल्स इसी मज़े के लिए छुप छुप कर चुदाई करते हैं.
क्रमशः ...................................
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