FUN-MAZA-MASTI
"भोला गरम पानी का झरना चालू कर" कलुआ बोला। भोला ने गीजर चला के गरम पानी चालू किया। कलुआ ने शालिनी को गरम पानी के झरने के नीचे रखा और उसे भिगोने लगा। "आआहहहह अहहहहह अअअअहहहह" बदन पे पानी गिरने से शालिनी की नीद खुलने लगी। कलुआ ने शालिनी के पूरे शरीर पे साबुन लगा के उसे अच्छी तरह नहलाने लगा। "आआआहहहह आआआहहह" शालिनी जागते ही कराहने लगी। उसके पूरे शरीर का दर्द अभी भी पूरा ठीक नही हुआ था। कराहती शालिनी को भोला और कलुआ ने साबुन मल-मल के खूब नहलाया गरम पानी से और बाहर ला के तौलिये से उसके पूरे बदन को पोछा। इसके बाद वो उसे सहारा दे के फिर राजीव के रूम मे ले आये जहाँ थोडी देर पहले दोनो से उसके साथ बलात्कार किया था। कलुआ बिस्तर पे बैठा और शालिनी को अपनी गोद मे बिठा के हेयर ड्रायर से उसकी जुल्फो को सुखाने लगा। शालिनी अब पूरे होश मे थी। वो फिर सुबकने लगी। बेचारी के पास अब बचा भी क्या था जिसे बचाने वो भागती-चिल्लाती। १५ मिनट मे शालिनी के कमर तक लंबे बाल पूरी तरह से सूख के अपने मस्त अंदाज मे लहराने लगे। उनमे गजब की चमक थी। वो नेचुरली काले और बेहद घने थे। कलुआ ने शालिनी के गालोपर चूमा और उसे बिस्तर पे लिटा दिया। फिर कलुआ ने भोला से कुछ कान मे कहा और भोला कमरे से बाहर चला गया। २ मिनट मे वो लौटा तो उसकी हाथ मे वो लाल जोडा था जिसे पहन के शालिनी ने गौतम से शादी की थी। शालिनी ने उस जोडे को बडे अरमान से अलमारी मे सहेज रखा था यहाँतक कि उस जोडे के नीचे पहनी लाल ब्रा-पैंटी भी शालिनी ने वैसे ही उसके साथ सहेज के रखी थी। । चूँकि भोला उसी घर मे लंबे समय से नौकर था सो उसे पूरा मालूम था कि कौन चीज कहाँ रहती है इसलिए उसे शालिनी का वो लाल जोडा ढूँढने मे कोई परेशानी नही हुई।
"चल साली, ये जोडा पहन हमारे लिए" कलुआ शालिनी को जोडा थमाते हुए बोला। शालिनी जानती थी कि ना-नुकुर करने का कोई फायदा नही और वो मानसिक रूप से भी पूरा टूट चुकी थी सो उसने कुछ नही कहा और पहनने के लिए बिस्तर से नीचे उतरी। उसका रोना फिर तेज हो गया। उसेन पहले पैटी चढाई, फिर ब्रा पहनी, फिर पेटीकोट पहन के ब्लाउज भी पहन लिया, फिर उसने साडी पहनी और अंत मे अपनी दुल्हनवाली चुनरी ओढ ली। भोला और कलुआ आँखे फाडे हैवानियत से सब देख रहे थे। कलुआ से रहा नही गया। उसे शालिनी को उठा के फिर पलंग पे फेका और उसपे टूट पडा। वो उसे बाँहो मे भरके बेतहाशा चूमने, मसलने लगा। ५ मिनट चुम्माचाटी के बाद उसने शालिनी को पेट के बल लिटाया और उसकी साडी और पेटीकोट कमर तक उठा दी। अब शालिनी की लाल कच्छी दिखने लगी। कलुआ ने कच्छी के उपर से ही शालिनी की गाँड को खूब चूमा, चाटा और मसला फिर वो कच्छी नीचे सरका दी घुटनो तक। वो चाहता तो उसे पूरा भी उतार सकता था लेकिन वो शालिनी की शादी की पूरी ड्रेस के साथ उसे चोदना चाहता था। शालिनी लगातार सिसक रही थी। उसकी आँखे रोते-रोते सूज गई थी। कलुआ ने अब एक हाथ आगे ले जा के शालिनी के ब्लाउज के सारे बटन एक-एक कर खोल दिये और दूसरे हाथ से शालिनी की लाल ब्रा का हुक खोल दिया लेकिन कुछ भी उसने शालिनी कि जिस्म से उतार के अलग नही किया। उसने अपने दोनो हाथ शालिनी के ब्रा-ब्लाउज मे घुसा के उसके बूब्स, पीठ, काँख, कंधो सबको मसलना शुरु किया और उसके बदन पे लेट गया। कलुआ ने अब अपना लंड शालिनी के चूतडो के बीच मलना शुरु कर दिया और अपने पैरो से वो उसके पैरो को भी लगातार रगड रहा था। १५ मिनट तक ऐसा करने के बाद कलुआ उठा और अपने दोनो हाथो से शालिनी के चूतडो को जितना फैला सकता था फेलाया और उसके बाद अपना लंड शालिनी के गाँड की छेद से सटा दिया। शालिनी फिर सिहर उठी। उसे भोला ला दिया भयानक दर्द या था। उसका रोना और तेज हो गया "आँआँआँआँआँआआआ आँआँआँआँआँआआआ"। सब से बेपरवाह कलुआ ने अब लंड का एक जोरदार धक्का मारा आआआआआआहहहहहहहह और उसका लंड आधा शालिनी की गाँड मे घुस गया। "आआआआआआआआआआह" शालिनी फिर पूरी जान से चीखी और तडपने लगी। कलुआ को तो यही चाहिए था। वो जोश मे आ के एक और धक्का मारा आआआआआआआहहहहहहहहहहहहहहहह और इसबार उसका पूरा लंड शालिनी की गाँड मे घुस गया। "आआआआआआआआहहहहह माँ आआआहहह" शालिनी दर्द मे डूब के अपना सिर पागलो की तरह इधर-उधर हिलाने लगी। कलुआ शालिनी पे लेट गया और अपने दोनो हाथ उसके ब्रा-ब्लाउज मे ले जा के बूब्स, पेट, काँख, नाभि सबकुछ को पागलो की तरह सहलाने, मसलने लगा और शालिनी की गाँड मे धक्के मारने लगा आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह"। शालिनी भी दर्द से दोहरी होने लगी आआआआह आआआआह आआआआह आआआआह। शालिनी ने भयंकर दर्द के कारण बिस्तर पे बिछी चादर को अपनी दोनो मुठ्टियों से कसके भीच रखा था और उसकी आँखे असहनीय पीडा से बाहर आने को उतारु थी। उसकी चुनरी उसके सिर से हट के बदन पे बेतरतीब लिपटी थी। कलुआ नीचे धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। कलुआ लंबाई मे शालिनी से चार इंच छोटा था सो शालिनी पे लेटने से उसका सिर शालिनी की गरदन तक ही आ पा रहा था इसलिए वो बार-बार अपना बाँया हाथ आगे ले जा के शालिनी के सलोने चेहरे को जोर-जोर से रगड, मसल रहा था। वो मजे के सातवे आसमान मे था। शालिनी की गाँड से फिर खून आने लगा। कलुआ का लंड भोला से भी मोटा और लंबा था सो इसबार तेज खून आ रहा था। कलुआ का लंड शालिनी को अपनी आँतो तक पहुँचता महसूस हो रहा था। वो रोए जा रही थी, कलुआ धक्के मारता जा रहा था। कलुआ ने अब अपने नाखूनो से शालिनी के बूब्स, पेट और पीठ को जोर-जोर से खरोचना शुरु कर दिया था "आआहहह आआआहहहह ये ले रंडी आआआहह आआआहहह"। शालिनी और चीखने लगी "आआ माँ आआअहह माँ आआआहहहहहह आआ माँ आआअहह माँ आआआहहहहहह"। नीचे भयंकर धक्के मारते-मारते कलुआ ने २५ मिनट निकाल दिए। शालिनी की गाँड से खून अब काफी तेज बहने लगा। कलुआ का लंड, अंडकोष, झाँटे, काली जाँघे सब शालिनी के खून से सन गई। शालिनी की जान दर्द से निकलने को बेताब थी। उसकी गोरी जाँघे, चूत,लाल कच्छी, पेटीकोट, साडी सब अपने ही खून से सनी थी। अचानक कलुआ ने एक भयानक जोरदार धक्का शालिनी की गाँड मे मारा और चीखा आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ रंडीडीडीडी साली आआहह और उसका लंड झटके मारते हुए शालिनी की गाँड की जाने कितना अंदर घुस के पानी फेकने लगा। "आआह आआह आआह आआह आआह" कलुआ धक्के मारे जा रहा था। शालिनी अब फिर दर्द से अपने होश मे नही थी। वो पागल जानवरो की तरह चीख रही थी "आआआआआरर्रर्रर्रर्रर्र आआआआहहहहहहहह आआह माँ आआआआहहहहहहहहह"। दो मिनट पानी फेकने के बाद कलुआ का लंड खाली हुआ और वो आआहहह बोल के शालिनी के तडपते बदन पे गिर गया और हाँफने लगा "हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ"। थोडी देर मे कलुआ का लंड सिकुड के शालिनी की गाँड से बाहर आया तो शालिनी की गाँड से खून बलबला के फेंकने लगा। कलुआ ने राक्षसो की तरह शालिनी को देखा और बिस्तर से उतर गया। भोला ने राजीव के तकिये से कवर निकाला और शालिनी की गाँड से बहता खून पोछने लगा। थोडी देर मे शालिनी की गाँड से खून आना रुका तो भोला ने तकिए का कवर बिस्तर पे एक तरफ रख दिया और शालिनी की टाँगो को सहलाने लगा। शालिनी फिर आधी बेहोशी की हालत मे थी। उसका चीखना बंद हो चुका था। वो शिथिल पडी थी
भोला ने शालिनी को पकड के सीधा लिटाया और उसकी चूत मे बिना देरी अपना लंड पेल दिया। "आआआआहहहहहहहहहहहह" शालिनी फिर कराह उठी। भोला ने शालिनी के बूब्स, पेट, बाँहे सबको सहलाते-मसलते हुए शालिनी की चूत मारनी शुरु कर दी। "आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह" भोला तेज-तेज धक्के मारने लगा। "आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ" शालिनी बची-खुची ताकत से कराहने लगी। भोला शालिनी के होठो, गालो, गरदन सबको चूमता-चाटता धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। शालिनी अपनी शादी के लाल जोडे मे लिपटी बेबस रो रही थी, कराह रही थी। वो अपने शरीर को बेबसी से रौदा जाता देख रही थी। भोला शालिनी को उसके लाल जोडे मे चोद के बहुत जोश मे था सो १५ मिनट मे ही उसका छूट गया "आआआआआआआआआआआआआहहहह मै आ गया रे आआह आआह आआआह आआआहह" कहता हुआ भोला शालिनी की चूत मे धक्के मारते हुए पानी छोडने लगा। "आ आ आ आ आ आ आ आ" शालिनी लगातार दर्द से कराहती रही। सारा पानी निचोड के भोला शालिनी पे लेट गया और हाँफने लगा "हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ"। थोडी देर मे उसका लंड भी सिकुड के शालिनी की चूत से बाहर आ गया। शालिनी की चूत से इसबार खून नही बहा। उसकी चूत अब उस लडको का लंड लेने से फैलने लगी थी। वो बेसुध सी बिस्तर पे पडी तेज-तेज साँसे ले रही थी। उसके कपडे पूरे बेतरतीब हो चुके थे। साडी, पेटीकोट कमर तक उठे थे। लाल कच्छी घुटनो तक सरकी थी। ब्लाउज के सारे बटन खुले थे और वो भी सामने से पूरा खुला था। ब्रा की हुक खुली थी और वो उसके उपर उसके गले तक खिसकी थी। उसका आँचल भी उसके सीने से हटा बिस्तर पे बिखरा था। उसकी चुनरी उसके बदन के नीचे बेतरतीब सी पडी थी। शालिनी के बूब्स, पेट, गरदन, चेहरे, हाथो, जाँघो, चूतड सभी जगह खरोच के निशान थे जो लाल हो गये थे और उनसे हल्का-हल्का खून बह रहा था। रात के आठ बज चुके थे। थके भोला और कलुआ सोफे पे बैठ साँसे संभाल रहे थे। दोनो सुबह से नंगे ही थे। उनका नाटा, काला भद्दा शरीर शालिनी के खून से सना और गंदा लग रहा था। उनके लंड से अभी भी थोडा-थोडा वीर्य रिस रहा था। बैठे-बैठ कब उनकी आँख लग गई उन्हे पता ही नही चला। जब उनकी आँख खुली तो रात के ११ बज रहे थे। उन्होने देखा की शालिनी बेसुध सी पलंग पे उसी स्थिति मे सोई थी जैसा उन्होने उसे छोडा था। कलुआ शालिनी के पस गया और देखते-देखते उसके लाल जोडे को चिथडे-चिथडे कर उसके बदन से अलग कर दिया। शालिनी अब फिर से पूरी नंगी थी। हाथो के चूडी-कंगन, कानो मे टॉप्स, नाक मे नथ, पैरो मे पायल-बिछिया, और गले मे मंगलसूत्र के अलावा उसके बदन पे और कुछ नही था। भोला और कलुआ बिस्तर पे चढे और शालिनी से लिपट के सो गये। (क्रमशः)
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शालिनी का बलात्कार-3
अब बारी कलुआ की थी। लेकिन उसने जब शालिनी को बेहोशी मे जाते देखा तो वो रुक गया। वो नही चाहता था कि वो शालिनी को बेहोशी की हालत मे लूटे। उसकी इच्छा थी कि शालिनी को पता चले कि वो उसे साथ क्या-क्या कर रहा है। सो वो बिस्तर पे चढा और शालिनी के पास बैठ के भोला से बोला "भोला, जा जरा किचेन से सरसो का तेल ले आ कटोरी मे"। भोला गया और एक कटोरी सरसो का तेल ले के आया। कलुआ ने शालिनी के टूटे पूरे बदन की सरसो तेल से मालिश शुरु कर दी। उसने शालिनी के हाथों, पैरो, सीने, पीठ, गाँड, चूत, कंधे, पेड़ू, पेट, सब की खूब अच्छे से मालिश करते हुए भोला से कहा "भोला, एक गिलास दूध गरम कर"। भोला दूध गरम करने चला गया। २५ मिनट तक कलुआ शालिनी के जिस्म की सरसो तेल से खूब मन लगा के मालिश करता रहा। शालिनी के थके, टूटे बदन को सचमुच काफी राहत मिली। उसकी भागती धडकने लौटने लगी। तभी भोला गरम दूध ले के आया। कलुआ ने शालिनी को अपनी गोद मे सहारा दे के बिठाया और उसे दूध पिलाने लगा। शालिनी धीरे-धीरे घूँट-घूँट करके दूध पीने लगी। पूरा गिलास उसे पिला के कलुआ ने उसे फिर से बिस्तर पे लिटा दिया और कहा "चल भोला, हमलोग भी कुछ खा-पी ले अब। शाम हो चुकी है। इस साली को आधे घंटे आराम करने दे, फिर और मजा देगी ये"। इसके बाद दोनो किचेन मे गये और खिचडी बनाकर खाई और चाय पी। इससब मे घंटाभर बीत गया। दोनो फिर राजीव के कमरे मे आये जहाँ शालिनी बिस्तर पे पडी थी। उन्होने देखा कि शालिनी गहरी नीद मे थी। उसकी साँसे भी अब सामान्य हो चुकी थी और नब्ज भी। उसकी गाँड और चूत से बहता खून भी अब रुक चुका था। कलुआ ने शालिनी को उठाया और बाथरूम मे ले आया। शालिनी अभी भी सो रही थी।"भोला गरम पानी का झरना चालू कर" कलुआ बोला। भोला ने गीजर चला के गरम पानी चालू किया। कलुआ ने शालिनी को गरम पानी के झरने के नीचे रखा और उसे भिगोने लगा। "आआहहहह अहहहहह अअअअहहहह" बदन पे पानी गिरने से शालिनी की नीद खुलने लगी। कलुआ ने शालिनी के पूरे शरीर पे साबुन लगा के उसे अच्छी तरह नहलाने लगा। "आआआहहहह आआआहहह" शालिनी जागते ही कराहने लगी। उसके पूरे शरीर का दर्द अभी भी पूरा ठीक नही हुआ था। कराहती शालिनी को भोला और कलुआ ने साबुन मल-मल के खूब नहलाया गरम पानी से और बाहर ला के तौलिये से उसके पूरे बदन को पोछा। इसके बाद वो उसे सहारा दे के फिर राजीव के रूम मे ले आये जहाँ थोडी देर पहले दोनो से उसके साथ बलात्कार किया था। कलुआ बिस्तर पे बैठा और शालिनी को अपनी गोद मे बिठा के हेयर ड्रायर से उसकी जुल्फो को सुखाने लगा। शालिनी अब पूरे होश मे थी। वो फिर सुबकने लगी। बेचारी के पास अब बचा भी क्या था जिसे बचाने वो भागती-चिल्लाती। १५ मिनट मे शालिनी के कमर तक लंबे बाल पूरी तरह से सूख के अपने मस्त अंदाज मे लहराने लगे। उनमे गजब की चमक थी। वो नेचुरली काले और बेहद घने थे। कलुआ ने शालिनी के गालोपर चूमा और उसे बिस्तर पे लिटा दिया। फिर कलुआ ने भोला से कुछ कान मे कहा और भोला कमरे से बाहर चला गया। २ मिनट मे वो लौटा तो उसकी हाथ मे वो लाल जोडा था जिसे पहन के शालिनी ने गौतम से शादी की थी। शालिनी ने उस जोडे को बडे अरमान से अलमारी मे सहेज रखा था यहाँतक कि उस जोडे के नीचे पहनी लाल ब्रा-पैंटी भी शालिनी ने वैसे ही उसके साथ सहेज के रखी थी। । चूँकि भोला उसी घर मे लंबे समय से नौकर था सो उसे पूरा मालूम था कि कौन चीज कहाँ रहती है इसलिए उसे शालिनी का वो लाल जोडा ढूँढने मे कोई परेशानी नही हुई।
"चल साली, ये जोडा पहन हमारे लिए" कलुआ शालिनी को जोडा थमाते हुए बोला। शालिनी जानती थी कि ना-नुकुर करने का कोई फायदा नही और वो मानसिक रूप से भी पूरा टूट चुकी थी सो उसने कुछ नही कहा और पहनने के लिए बिस्तर से नीचे उतरी। उसका रोना फिर तेज हो गया। उसेन पहले पैटी चढाई, फिर ब्रा पहनी, फिर पेटीकोट पहन के ब्लाउज भी पहन लिया, फिर उसने साडी पहनी और अंत मे अपनी दुल्हनवाली चुनरी ओढ ली। भोला और कलुआ आँखे फाडे हैवानियत से सब देख रहे थे। कलुआ से रहा नही गया। उसे शालिनी को उठा के फिर पलंग पे फेका और उसपे टूट पडा। वो उसे बाँहो मे भरके बेतहाशा चूमने, मसलने लगा। ५ मिनट चुम्माचाटी के बाद उसने शालिनी को पेट के बल लिटाया और उसकी साडी और पेटीकोट कमर तक उठा दी। अब शालिनी की लाल कच्छी दिखने लगी। कलुआ ने कच्छी के उपर से ही शालिनी की गाँड को खूब चूमा, चाटा और मसला फिर वो कच्छी नीचे सरका दी घुटनो तक। वो चाहता तो उसे पूरा भी उतार सकता था लेकिन वो शालिनी की शादी की पूरी ड्रेस के साथ उसे चोदना चाहता था। शालिनी लगातार सिसक रही थी। उसकी आँखे रोते-रोते सूज गई थी। कलुआ ने अब एक हाथ आगे ले जा के शालिनी के ब्लाउज के सारे बटन एक-एक कर खोल दिये और दूसरे हाथ से शालिनी की लाल ब्रा का हुक खोल दिया लेकिन कुछ भी उसने शालिनी कि जिस्म से उतार के अलग नही किया। उसने अपने दोनो हाथ शालिनी के ब्रा-ब्लाउज मे घुसा के उसके बूब्स, पीठ, काँख, कंधो सबको मसलना शुरु किया और उसके बदन पे लेट गया। कलुआ ने अब अपना लंड शालिनी के चूतडो के बीच मलना शुरु कर दिया और अपने पैरो से वो उसके पैरो को भी लगातार रगड रहा था। १५ मिनट तक ऐसा करने के बाद कलुआ उठा और अपने दोनो हाथो से शालिनी के चूतडो को जितना फैला सकता था फेलाया और उसके बाद अपना लंड शालिनी के गाँड की छेद से सटा दिया। शालिनी फिर सिहर उठी। उसे भोला ला दिया भयानक दर्द या था। उसका रोना और तेज हो गया "आँआँआँआँआँआआआ आँआँआँआँआँआआआ"। सब से बेपरवाह कलुआ ने अब लंड का एक जोरदार धक्का मारा आआआआआआहहहहहहहह और उसका लंड आधा शालिनी की गाँड मे घुस गया। "आआआआआआआआआआह" शालिनी फिर पूरी जान से चीखी और तडपने लगी। कलुआ को तो यही चाहिए था। वो जोश मे आ के एक और धक्का मारा आआआआआआआहहहहहहहहहहहहहहहह और इसबार उसका पूरा लंड शालिनी की गाँड मे घुस गया। "आआआआआआआआहहहहह माँ आआआहहह" शालिनी दर्द मे डूब के अपना सिर पागलो की तरह इधर-उधर हिलाने लगी। कलुआ शालिनी पे लेट गया और अपने दोनो हाथ उसके ब्रा-ब्लाउज मे ले जा के बूब्स, पेट, काँख, नाभि सबकुछ को पागलो की तरह सहलाने, मसलने लगा और शालिनी की गाँड मे धक्के मारने लगा आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह"। शालिनी भी दर्द से दोहरी होने लगी आआआआह आआआआह आआआआह आआआआह। शालिनी ने भयंकर दर्द के कारण बिस्तर पे बिछी चादर को अपनी दोनो मुठ्टियों से कसके भीच रखा था और उसकी आँखे असहनीय पीडा से बाहर आने को उतारु थी। उसकी चुनरी उसके सिर से हट के बदन पे बेतरतीब लिपटी थी। कलुआ नीचे धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। कलुआ लंबाई मे शालिनी से चार इंच छोटा था सो शालिनी पे लेटने से उसका सिर शालिनी की गरदन तक ही आ पा रहा था इसलिए वो बार-बार अपना बाँया हाथ आगे ले जा के शालिनी के सलोने चेहरे को जोर-जोर से रगड, मसल रहा था। वो मजे के सातवे आसमान मे था। शालिनी की गाँड से फिर खून आने लगा। कलुआ का लंड भोला से भी मोटा और लंबा था सो इसबार तेज खून आ रहा था। कलुआ का लंड शालिनी को अपनी आँतो तक पहुँचता महसूस हो रहा था। वो रोए जा रही थी, कलुआ धक्के मारता जा रहा था। कलुआ ने अब अपने नाखूनो से शालिनी के बूब्स, पेट और पीठ को जोर-जोर से खरोचना शुरु कर दिया था "आआहहह आआआहहहह ये ले रंडी आआआहह आआआहहह"। शालिनी और चीखने लगी "आआ माँ आआअहह माँ आआआहहहहहह आआ माँ आआअहह माँ आआआहहहहहह"। नीचे भयंकर धक्के मारते-मारते कलुआ ने २५ मिनट निकाल दिए। शालिनी की गाँड से खून अब काफी तेज बहने लगा। कलुआ का लंड, अंडकोष, झाँटे, काली जाँघे सब शालिनी के खून से सन गई। शालिनी की जान दर्द से निकलने को बेताब थी। उसकी गोरी जाँघे, चूत,लाल कच्छी, पेटीकोट, साडी सब अपने ही खून से सनी थी। अचानक कलुआ ने एक भयानक जोरदार धक्का शालिनी की गाँड मे मारा और चीखा आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ रंडीडीडीडी साली आआहह और उसका लंड झटके मारते हुए शालिनी की गाँड की जाने कितना अंदर घुस के पानी फेकने लगा। "आआह आआह आआह आआह आआह" कलुआ धक्के मारे जा रहा था। शालिनी अब फिर दर्द से अपने होश मे नही थी। वो पागल जानवरो की तरह चीख रही थी "आआआआआरर्रर्रर्रर्रर्र आआआआहहहहहहहह आआह माँ आआआआहहहहहहहहह"। दो मिनट पानी फेकने के बाद कलुआ का लंड खाली हुआ और वो आआहहह बोल के शालिनी के तडपते बदन पे गिर गया और हाँफने लगा "हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ"। थोडी देर मे कलुआ का लंड सिकुड के शालिनी की गाँड से बाहर आया तो शालिनी की गाँड से खून बलबला के फेंकने लगा। कलुआ ने राक्षसो की तरह शालिनी को देखा और बिस्तर से उतर गया। भोला ने राजीव के तकिये से कवर निकाला और शालिनी की गाँड से बहता खून पोछने लगा। थोडी देर मे शालिनी की गाँड से खून आना रुका तो भोला ने तकिए का कवर बिस्तर पे एक तरफ रख दिया और शालिनी की टाँगो को सहलाने लगा। शालिनी फिर आधी बेहोशी की हालत मे थी। उसका चीखना बंद हो चुका था। वो शिथिल पडी थी
भोला ने शालिनी को पकड के सीधा लिटाया और उसकी चूत मे बिना देरी अपना लंड पेल दिया। "आआआआहहहहहहहहहहहह" शालिनी फिर कराह उठी। भोला ने शालिनी के बूब्स, पेट, बाँहे सबको सहलाते-मसलते हुए शालिनी की चूत मारनी शुरु कर दी। "आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह आआह" भोला तेज-तेज धक्के मारने लगा। "आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ" शालिनी बची-खुची ताकत से कराहने लगी। भोला शालिनी के होठो, गालो, गरदन सबको चूमता-चाटता धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। शालिनी अपनी शादी के लाल जोडे मे लिपटी बेबस रो रही थी, कराह रही थी। वो अपने शरीर को बेबसी से रौदा जाता देख रही थी। भोला शालिनी को उसके लाल जोडे मे चोद के बहुत जोश मे था सो १५ मिनट मे ही उसका छूट गया "आआआआआआआआआआआआआहहहह मै आ गया रे आआह आआह आआआह आआआहह" कहता हुआ भोला शालिनी की चूत मे धक्के मारते हुए पानी छोडने लगा। "आ आ आ आ आ आ आ आ" शालिनी लगातार दर्द से कराहती रही। सारा पानी निचोड के भोला शालिनी पे लेट गया और हाँफने लगा "हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ हम्फ"। थोडी देर मे उसका लंड भी सिकुड के शालिनी की चूत से बाहर आ गया। शालिनी की चूत से इसबार खून नही बहा। उसकी चूत अब उस लडको का लंड लेने से फैलने लगी थी। वो बेसुध सी बिस्तर पे पडी तेज-तेज साँसे ले रही थी। उसके कपडे पूरे बेतरतीब हो चुके थे। साडी, पेटीकोट कमर तक उठे थे। लाल कच्छी घुटनो तक सरकी थी। ब्लाउज के सारे बटन खुले थे और वो भी सामने से पूरा खुला था। ब्रा की हुक खुली थी और वो उसके उपर उसके गले तक खिसकी थी। उसका आँचल भी उसके सीने से हटा बिस्तर पे बिखरा था। उसकी चुनरी उसके बदन के नीचे बेतरतीब सी पडी थी। शालिनी के बूब्स, पेट, गरदन, चेहरे, हाथो, जाँघो, चूतड सभी जगह खरोच के निशान थे जो लाल हो गये थे और उनसे हल्का-हल्का खून बह रहा था। रात के आठ बज चुके थे। थके भोला और कलुआ सोफे पे बैठ साँसे संभाल रहे थे। दोनो सुबह से नंगे ही थे। उनका नाटा, काला भद्दा शरीर शालिनी के खून से सना और गंदा लग रहा था। उनके लंड से अभी भी थोडा-थोडा वीर्य रिस रहा था। बैठे-बैठ कब उनकी आँख लग गई उन्हे पता ही नही चला। जब उनकी आँख खुली तो रात के ११ बज रहे थे। उन्होने देखा की शालिनी बेसुध सी पलंग पे उसी स्थिति मे सोई थी जैसा उन्होने उसे छोडा था। कलुआ शालिनी के पस गया और देखते-देखते उसके लाल जोडे को चिथडे-चिथडे कर उसके बदन से अलग कर दिया। शालिनी अब फिर से पूरी नंगी थी। हाथो के चूडी-कंगन, कानो मे टॉप्स, नाक मे नथ, पैरो मे पायल-बिछिया, और गले मे मंगलसूत्र के अलावा उसके बदन पे और कुछ नही था। भोला और कलुआ बिस्तर पे चढे और शालिनी से लिपट के सो गये। (क्रमशः)
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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