FUN-MAZA-MASTI
थोडी देर मे भोला और कलुआ दोनो मूत के बाथरुम से बाहर आये। शालिनी दुख मे डूबी रोती जा रही थी, रोती जा रही थी। तभी शालिनी का मोबाइल बजा। कलुआ ने उठा के देखा और बोला " इसी चूतवाली के मरद का फोन है, साला जानता भी नही कि उसका माल लुट गया हा हा हा हा हा" कहके वो हँसने लगा। भोला ने दौड के तेजाबवाली शीशी उठाई और शालिनी के पास बैठ गया और बोला "देख रंडिया, अपने मर्द से बात कर लेकिन कुछ बोली तो ये तेजाब सीधे तेरी खुली चू मे डाल दूँगा"। शालिनी फिर सिहर उठी। कलुआ ने फोन स्पीकर पे डाल के शालिनी के कानो से सटाया।
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शालिनी का बलात्कार-2
थोडी देर मे भोला और कलुआ दोनो मूत के बाथरुम से बाहर आये। शालिनी दुख मे डूबी रोती जा रही थी, रोती जा रही थी। तभी शालिनी का मोबाइल बजा। कलुआ ने उठा के देखा और बोला " इसी चूतवाली के मरद का फोन है, साला जानता भी नही कि उसका माल लुट गया हा हा हा हा हा" कहके वो हँसने लगा। भोला ने दौड के तेजाबवाली शीशी उठाई और शालिनी के पास बैठ गया और बोला "देख रंडिया, अपने मर्द से बात कर लेकिन कुछ बोली तो ये तेजाब सीधे तेरी खुली चू मे डाल दूँगा"। शालिनी फिर सिहर उठी। कलुआ ने फोन स्पीकर पे डाल के शालिनी के कानो से सटाया।
"हैलो जान, कहाँ हो" गौतम ने पूछा।
"घर मे हूँ जानू" शालिनी किसी तरह खुद पे काबू रह के बोली।
"देखो जान, अचानक मुझे अभी मुम्बई के लिए निकलना पडेगा, तीन दिन बाद आऊँगा। सो रात को मेरा इंतजार मत करना, ओके"
"लेकिन ज...जान य...ये अचानक" शालिनी का कलेजा मुँह को आ गया।
"अरे डार्लिंग, नया बॉस आया है। सनकी है। कभी भी कुछ भी कह देता है। मै तीन दिन होते तुम्हारे पास आ जाऊँगा। तबतक अपना ख्याल रखना, बाय। मुझे अभी तुरंत निकलना है। उउउउममममआआहहहह" कह के गौतम ने फोन काट दिया। शालिनी की आँखो मे भय की आँधियाँ चलने लगी। उसे बचने का आखिरी रास्ता भी बद होता दिखा। कलुआ और भोला इधर ये बात सुनते खुशी से पगला गये। भोला बोला "अरे कलुआ, अब तो अपन के पास तीन दिन है रे, चल अब आराम से लगते है काम मे हा हा हा हा"। कलुआ भी बबहुत खुश था, वो भी बोला "हाँ चल, उस साले राजीव की माँ का अब देख मै क्या हाल करता हूँ हा हा हा हा"। शालिनी का दिल जोरो से धडकने लगा। ये हैवान तीन दिनो मे उसका क्या हाल करेगे सोच के उसे चक्कर आने लगे।
तभी भोला ने कमरे मे रखा प्रिज खोला और पानी की बॉटल और एक गिलास निकाला। उसने पानी गिलास मे डाल के अपना लंड उसमे डुबो के निकाला और शालिनी से बोला "ले साली पी ले और अगर इसबार उल्टी की तो देखना, चल ये ले" कह के उसने बिस्तर पे बंधी शालिनी के सिर को थोडा उठाया और गिलास उसके सलोने होठो से लगा दिया। मजबूर शालिनी, मुँह बिचकाते हुए घट-घट पानी पीने लगी। सारा पानी पीते ही घिन के मारे उसे तेज उल्टी आई लेकिन उसने बडी मुश्किल से उसे रोक लिया। उसकी आँखो से आँसू लगातार बहे जा रहे थे। फिर कलुआ ने भी पानी गिलास मे डाला और अपना लंड उसमे डुबा के खूब धोया और शालिनी को वैसे ही पिला दिया। इसी तरह से लंड धोया पानी पिलाते-पिलाते उन्होने शालिनी को सारी बॉटल पिला दी। एक लीटर पानी एक बार मे पी के शालिनी का पेट पानी से पूरा भर गया। उसे घिन भी बडी आ रही थी। कलुआ बिस्तर पे खडा हुआ और शालिनी के सुंदर, भरे-भरे प्यारे चेहरे, गर्दन और बूब्स को अपनी लात से मसलने लगा। शालिनी उउउमममममउउउमममममआआआ जैसी आवाजे निकालने लगी, नीचे भोला शालिनी की मस्त टाँगो को सहला रहा था और उसकी चूत मे उँगली कर रहा था। शालिनी बेबस, सदमे से रो रही थी बस। एक लीटर पानी एकबार मे पीने के कारण शालिनी को पेशाब लग गया। वो रोते हुए बोली "बाथरूम जाना है, पेशाब लगी है"। कलुआ ये सुनते ही मुस्काया और एक लात कसके शालिनी के पेड़ू पर मार दी। " आआआआआआआआआआआआआआआआआहहहहहहहहहहहहह हहहहहहहहहआआआआआआआआआआआआआ" शालिनी की हृदयविदारक चीख निकली और उसे बिस्तर पे ही पेशाब होने लगा। भोला ने जल्दी से उसकी चूत में मुँह लगा के होते पेशाब को पीने लगा। "हट रे मुझे भी पीने दे" कह के कलुआ ने भी शालिनी की चूत मे मुँह लगा के उसका पेशाब पिया। "आआआआहहहहहहहहहह साली का पेशाब भी कितना स्वादिष्ट है रे भोलवा" कलुआ बडी बेशर्मी से बोला। "अरे हाँ यार, एकदम बीयर का स्वाद है" भोला ने भी मुँह पोंछते हुए कहा। शालिनी अब भयंकर तकलीफ मे थी। उसकी पेड़ू मे बहुत दर्द हो रहा था। वो लगातार कराह रही थी आआहह आआहह आआहह आआहह आआहह आआहह। उसके आँसू अब सूख चुके थे।
"चल भोला, यहाँ तो इसकी ले ही ली, अब इसे इसके लौंडे राजीव के बिस्तर पे पेलेंगे, चल, साला इसका लौंडा बडे घमंड मे रहता है कि बडा इज्जतवाले घर से है, साले की माँ को आज पूरा बेइज्जत करना है" कलुआ बोला।
"हाँ हाँ चल यार, तू तो सदा सही बात करता है हा हा हा" भोला ने शालिनी के हाथ-पैर खोले और उसे सहारा दे के खडा किया और ले जाने लगा। "अबे क्या कर रहा है" कलुआ बोला और उसने शालिनी को धक्का दे के जमीन पे गिरा दिया और उसकी दायी टाँग को पकड के बोला "इसे घसीट के ले चलेगे, चल"। भोला भी मुस्काया और तैयार हो गया। दर्द से कराहती शालिनी को कलुआ घसीटता हुआ राजीव के कमरे मे लाया और उठा के राजीव के पलंग पे फेक दिया। शालिनी निढाल सी वहाँ पलंग पे पड गई। कलुआ शालिनी पे झपटा और उसे अपनी बाँहो मे भर लिया। वो अपने काले पैरो से शालिनी के गोरे-गोरे पैरो को रगडने लगा। उसका काले हाथ शालिनी के गोरे, सलोने जिस्मपर आजादी से घूम रहे थे। उसे मसल रहे थे। उसके भद्दे होठ शालिनी के मुलायम सुंदर गुलाबी होठो और चेहरे को बेतहाशा चूम-चाट रहे थे। शालिनी अब पूरे सदमे में थी। उसका रोना बंद था। वो सूनी, अधखुली आँखो से शून्य मे देख रही थी। शालिनी के चूडियों-कंगनों से सजे हाथ, पायल-बिछिया से सजे पैर कलुआ के लंड मे आग लगा रहे थे। उसका पागलपन बढता ही जा रहा था। उसने फिर अपना १२ इंच लंबा और साढे तीन इंच मोटा लंड शालिनी के चूत मे पेल दिया "ये ले रंडिया, तेरे बेटे के बिस्तर पे तेरी लेने लगा मै आआआआहहहहहहहहहहहहह"। शालिनी भी कराह उठी "आआआआआआआआआआआआआआहहहहहहहहहहह" उसमें अब चीखने की शक्ति नही बची थी। वो अब सिर्फ कलुआ के हर भयानक धक्के पे "अह अह अह अह " ही कर पा रही थी। इसबार कलुआ ज्यादा जोश मे था। राजीव के बिस्तर पे उसकी माँ की लेने का अहसास उसके लंड को बहुत मोटा कर चुका था। उसने वहाँ रखे राजीव के तकिये उठाये और उन्हे शालिनी की कमर के नीचे लगा दिया। अब शालिनी की चूत उसके सामने पूरी तरह से फैल चुकी थी जो उसके लंड को और अंदर लेने को तैयार थी। उसने शालिनी को बाँहो मे भरा और पूरौ जोर से एक धक्का मारा "आआआआआआआआआआआहहहहहहहहहहहहहहहहह" । शालिनी भी इसबार जोर से चीख पडी "आआआआआआआआआआआआआमा हहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह"। कलुआ को लगा कि अंदर कोई चीज उसके लंड को पकडे है। दरअसल उसका लंड शालिनी की बच्चेदानी के अंदर धँस गया था। जल्द ही कलुआ और शालिनी दोनो को इसबात का एहसास हो गया। शालिनी अब फिर दुख और दर्द से रोने लगी वही कलुआ शालिनी के बदन के नये हिस्से मे जा के मजे के सातवे आसमान पे था। "अरे आ रे मादरचोदवाले राजीव, देख तेरे ही बिस्तर पे तेरी माँ की देह के नये-नये हिस्से चख रहा हूँ, जहाँ तू रहता था जनम से पहले मै भी घुस गया वहाँ रे आआआहहहह, भोसरीवाले आआहहह आआआहहहहह, ले रंडी और ले, और ले आआआहहह आआआआहहहह" कह-कहके कलुआ शालिनी को और जोर से चोदने लगा। शालिनी के गले मे लिपटा मंगलसूत्र कलुआ के मजे को दोगुना कर रहा था। शालिनी के रोने-कराहने की आवाजे उसके लंड को मोटा करती जा रही थी। शालिनी जितना दर्द मे डूब रही थी, कलुआ उतने ही मजे मे तैर रहा था। उसके धक्के अब और वहशियाना होने लगे। वो फिर से झडनेवाला था। अचानक वो जोर से चीखा "आआआआआआआआआआआआआआआआआ" और उसका लंड शालिनी की बच्चेदानी मे काफी अंदर धँस गया और पानी छिडने लगा। शालिनी भी पूरी जान से चीखी "आआआआआआआआहहहहहहह नहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीही" और रोने लगी "आँआँहाहाहाहाहा आँआँहाहाहाहाहा"। कलुआ का लंड हर झटके मे शालिनी की बच्चेदानी मे और अंदर घुस के पानी फेक रहा था। अब शालिनी की चूत से खून भी आन लगा। पूरे दो मिनट तक पानी फेकने के बाद कलुआ का लंड खाली हुआ और वो शालिनी पर ढेर हो गया "आआआहहहह रंडी"। थोडी देर बाद कलुआ का लंड सिकुड के अपनेआप शालिनी की चूत से बाहर आ गया। कलुआ ने अपने लंड पे शालिनी का खून लगा देखा तो बहुत खुश हुआ और बोला "देख रे भोला, इस साली की नयी सील मैने तो दी हा हा हा" ये देख भोला भी बेशर्मी से हँसने लगा। शालिनी सदमे से बिलकुल खामोश थी। आँसू उसके प्यारे गालो पे ढलके हुए थे और उसकी सुंदर आँखे सूनापन लिए छत को एकटक से देख रहे थे। अब बारी भोला की थी। वो उछल के बिस्तर पे चढा और शालिनी पे लेट के अपने शरीर से उसका जिस्म रगडने-मसलने लगा। उसने शालिनी के स्तनो को बारी-बारी से चूसना-चाटना शुरु कर दिया। शालिनी की छाती एकबार फिर उस आवारा लडके के थूक से सन गई। भोला ने अचानक शालिनी को पलटा और उसकी पीठ को चूमने, चाटने, दाँतो से काटने लगा। अपना दाहिना हाथ नीचे ले जा के वो शालिनी की सुडौल गाँड़ को जोर-जोरसे मसल रहा था। शालिनी अब सिर्फ गूँगी सी लेटी थी। धीमी कराहो "अह अह अह अह" के अलावा उसके मुँह से कोई आवाज नही आ रही थी। अचानक भोला ने शालिनी के चूतड़ो को फैलाते हुए अपने दाये हाथ की एक उँगली उसकी गाँड के कसे, छोटे से छेद मे भोंक दी। "उउउउउहहह" शालिनी चिहुँक उठी। भोला जितनी अंदर ले जा सकता था अपनी उँगली शालिनी की गाँड मे ले गया और उसे हिलाने लगा। "अहहहआआआआअअहहह अहहहआआआआअअहहह" शालिनी को नये किस्म का दर्द होने लगा। गौतम उसकी बहुत इज्जत करता था। उसने कभी शालिनी के साथ इस तरह की गंदी हरकते नही की थी। आज पहलीबार शालिनी की गाँड मे किसी की उँगली गई थी। उसे फिर बडा दर्द होने लगा। "आआआआहहहह आआआहहहह" देर से चुप शालिनी फिर तेज-तेज कराहने लगी। सब से बेपरवाह भोला शालिनी पर लेटा मनमानी करता जा रहा था। उसे अचानक शालिनी के दाये कंधे पे एक तिल दिखाई दिया। जोश मे आ के उसने उस तिल पर इतनी जोर से काटा कि वहाँ से खून आने लगा। "आआआआआआआहहहहहहहहहहह" शालिनी जोर से चीख पडी। भोला अब उठा और अपने दोनो हाथो से शालिनी के चूतडो को फैलाने लगा। शालिनी समझ गई कि भोला उसकी गाँड लेने की तैयारी कर रहा है। वो अंदर तक काँप गई लेकिन उसमे विरोध की शक्ति नही बची थी। वो सिर्फ धीमी आवाजो मे इतना ही कहती रही "नहीही नहीही नहीही, भोला, हाथ जोडती हूँ तेरे, वहाँ नही। मर जाऊँगी मै भोला आँह आँह आँह"। लेकिन उसकी सुननेवाला कौन था। भोला ने अपने हाथो से शालिनी की गाँड़ के छेद को जितना फैला सकता था फैलाया और वहाँ अपना लंड सटाके जोर से धक्का मारा। "आआआआआआआआहहहहहहहह" शालिनी और भोला दोनो एकसाथ चीख पडे। लंड एक इंच भीतर चला गया। शालिनी की गाँड़ का छेद बहुत छोटा था सो दोनो को बहुत दर्द होने लगा। लेकिन ये दर्द तो मानो भोला के लिए इनाम था। उसे पता चल गया कि शालिनी की गाँड अभीतक अनछुई है। वो और जोश मे आ गया और शालिनी के कंधो को पकड के इसबार और तेज धक्का मारा। लंड लगभग आधा अंदर धँस गया। "आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ" शालिनी दर्द से बिलबिला उठी। दर्द उसकी आँखो से आँसू बनके धाराप्रवाह बह निकला। दर्द तो भोला को भी हुआ लेकिन उसका मजा फिर साथ-साथ दूना हो गया। वो शालिनी पे लेटा उसपे पूरा कब्जा किये हुए था। भोला ने इसबार शालिनी के जिस्म को बाँहों मे भरा और उसके बूब्स मसलते हुए पूरी ताकत से एक फाइनल शॉट मारा आआआआआआआआआहह और उसका लंड पूरा शालिनी की गाँड मे घुस गया। "आआआआआआआआआआआआआआआआआआ" की चीख के साथ शालिनी बेहोश हो गई। कलुआ ने जब ये देखा तो तुरंत पानी शालिनी के चेहरे पे फेका। वो होश मे आने लगी। कलुआ उसे पूरा दर्द मे बिलबिलाते लुटते देखना चाहता था। शालिनी के होश मे आते ही भोला ने उसके बूब्स मसलते-मसलते अपने लंड से उसकी गाँड लेनी शुरु कर दी। "आआह आआह आआह आआह आआह आआह" भोला धक्के मारने लगा। "अह अह अह अह अह अह अह अह अह अह" शालिनी आधी बेहोशी सी स्थिति मे इतना ही बोल पा रही थी। भोला पूरे मजे से शालिनी के बदन को भोग रहा था। वो उसकी गरदन, पीठ, कंधे, गालों, सिर सबको चूमते-चाटते हुए उसके बडे-बडे रसीले बूब्स को बेदर्दी से मसलता हुआ उसकी गाँड ले रहा था। शालिनी के बूब्स पूरे कडे हो चुके थे। इसी "आआह आआह आआह आआह आआह" और "अह अह अह अह अह अह अह अह अह" का क्रम लगभग २५ मिनट तक चलता रहा अचानक भोला चीख पडा "आआआआआआआआआआआआआआ" और उसने शालिनी की गाँड मे जाने कितनी भीतर तक अपना लंड ले जाकर वीर्य गिराना शुरु कर दिया। "आआआआआआहहहहहहहहहहहहमामामाममामा मामामम" शालिनी की हृदयविदारक चीखे कलुआ को आनंद के सातवे आसमान पे ले जा रही थी। इधर भोला भी "आआह आआह आआह आआह" की आवाजो के साथ शालिनी की गाँड मे अपना पानी भरता जा रहा था। पूरे दो मिनट भोला ने भी अपना पानी शालिनी की गाँड मे भरा और थक के शालिनी के दर्द के कराहते बदन पे ढेर हो गया और हाँफने लगा "हहम्फ हहम्फ हहम्फ हहम्फ हहम्फ हहम्फ"। शालिनी की गाँड से भी खून आने लगा। जो बिस्तर पे फैलने लगा। ३-४ मिनट बाद भोला का लंड सिकुड के शालिनी की गाँड से बाहर आया। भोला की साँसे भी तबतक सँभल चुकी थी। उसने भी अपनी लंड पे लगा खून बडे शान से कलुआ को दिखाया और दोनो फिर हँसने लगे। शालिनी अब कराहने के नाम पे सिर्फ "अअअअ अअअअ अअअअ अअअअ" ही कर पा रही थी। उसका बदन शिथिल पडा था। वो धीमे-धीमे साँसे भर रही थी। (क्रमशः)
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