Monday, November 8, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ मेरा प्रेमी-2

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
मेरा प्रेमी-2
शादी के बाद पांच साल बीत गये, मैं अपने परिवार के साथ बहुत खुश हूँ, सब
कुछ ठीक ठाक चल रहा था कि एक बार फिर मकान मालिक का लड़का मेरी जिंदगी
में ठीक वैसे ही दखल दे रहा है जिससे मैं पांच साल पहले गुजर चुकी हूँ।
वैसे अभी तक मैंने उसे कोई लिफ्ट नहीं दी है मगर पुरानी बातें जब याद आती
है तो कभी कभी दिल डावांडोल होने लगता है। एक दिन तो मैं फिसल ही गई थी,
उस दिन मैं छत पर कपड़े सुखाने गई थी, मकान मालिक का लड़का छत पर ही लेटा
था। बस मुझे देखते ही वो शरारत पर उतर आया, वो फौरन अपना लंड खुजाने लगा।
पहले तो मैंने इसे मात्र संयोग समझ कर उसकी हरकत नजरअंदाज कर दी, मगर फिर
मैंने देखा कि वो अपना लंड खुजाने के साथ साथ सहलाने भी लगा। फिर उसने
अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर हाथ से सहलाना शुरू कर दिया। यह संयोग
नहीं था बल्कि यह उसकी सोची समझी शरारत थी। उस समय मुझे उसका लंड देख कर
बहुत गुस्सा आया। मैं उसे डांटना भी चाहती थी मगर जब पूरा लंड बाहर
निकाला तो मैं उस विशाल और विकराल लंड को देख भीतर से गनगना गई। काला
मोटा लंड मेरे पुराने प्रेमी मोहन के लंड से भी बहुत ज्यादा लम्बा मोटा
तथा ठोस था। उसका लंड देखकर मुझे ऐसा लगा कि मेरा प्रेमी मोहन अपना लंड
सहला सहला कर मुझे अपनी तरफ बुला रहा है। अतीत मेरे आँखों के सामने छा
गया और मैं चुपचाप उसकी ओर बढ़ने लगी, तभी पता नहीं कहाँ से मेरी तीन साल
कि बच्ची वहाँ आ गई। उसने मम्मी कह कर मेरी साड़ी का पल्लू अपनी तरफ
खींचा तब मेरी चेतना भंग हो गई। तब मुझे एहसास हुआ कि मेरे कदम गलत दिशा
में उठ रहे थे। मैंने आपने आप को संभाला और अपनी बच्ची के साथ नीचे चली
आई। वो लड़का अब हाथ धोकर मेरे पीछे पड़ा है। उसका बड़ा विशाल लंड जब से
पूरी तरह नंगा देखा है, तबसे मुझे मेरे पहले प्रेमी मोहन की याद अन्दर की
वासना को खोल कर तरोताजा कर देती है। कभी कभी तो वो अपनी हरकतों से मुझे
इतना गर्म कर देता है कि मैं सब कुछ भूल जाती हूँ। मकान मालिक का लड़का
मनोहर जो अभी तक कुंवारा है, मेरे हुस्न का दीवाना पहले से ही था, वो
बाईस साल का हट्टा कट्ठा युवक था, पर वो सांवला था और मैं बेहद गोरे बदन
की थी, इस कारण उसका मुझ पर फिदा हो जाना स्वाभाविक था, वो नाक नक्श से
बहुत सुन्दर लगता था, मेरे पति से छोटा जरूर था पर शरीर से वो काफी मजबूत
लगता था, चौड़ी छाती और मांसल जिस्म देख कर कोई भी युवा औरत उसपर फिदा हो
सकती थी, जबसे उसके तमतमाए नंगे लंड को देखा है, मेरा मन बैचैन हो गया
है, अब मेरा मन उसे अन्दर से चाहने लगा है। मेरे पति सुबह अपनी फ़ैक्ट्री
जाते हैं तो रात ग्यारह बजे से पहले घर नहीं आते। एक बार मेरे पति
फ़ैक्ट्री के काम से कुछ दिनों के लिये बाहर चले गये। जाते वक्त उन्होंने
कहा,"मधु मैं दो चार दिन बाद वापस आऊंगा, तुम अच्छी तरह घर के अन्दर रहना
और बच्ची का ख़याल रखना !" मैंने कहा,"ठीक है ! आप जल्दी वापस लौटियेगा
!" और पतिदेव चले गये। मनोहर ने देखा कि मौका अच्छा है, अब उसका काम
आसानी से हो जायेगा, अब ज्यादा जाल बिछाने की जरूरत नहीं, उसे अपना मोटा
लंड भी उसे नंगा कर दिखा चुका हूँ, अगर औरत होगी तो गधे के लंड जैसा मेरा
लंड देख कर मस्त हो गई होगी। उसी रात मैं अपनी छोटी सी बच्ची को गोद में
लिये सोई हुई थी, मेरे बदन पर बहुत कम कपड़े थे, यह मेरी बचपन की आदत है,
मैं अपने बदन पर कपड़े पहन कर कभी नहीं सोती थी, पति के पास भी वही बचपन
वाली आदत पड़ी हुई है। मैं सिर्फ एक पेटीकोट और ब्रा के अलावा और कुछ उस
रात भी नहीं पहने थी, मेरी बच्ची रात में किसी बात पर जिदिया गई थी, उसी
को भुलावा देकर सुलाने में मुझे भी नींद आ गई। मैं जिस पर सोई थी वो डबल
बेड था और मसहरी लगी हुई थी, लड़की को सुलाते वक्त मैंने लाईट बन्द नहीं
की थी और ना ही कमरा बन्द किया था। लाईट जलने के कारण कमरे में पूरी
रोशनी थी। नींद में ना जाने कब मेरा पेटीकोट भी उठ कर कमर तक चला गया था
और मेरे दोनों पाँव पूरी तरह फैले हुए थे, सच कहती हूँ उस रात मुझे इस
तरह सोती देख किसी का भी ईमान डांवाडोल हो सकता था। मैं ऐसी गहरी नींद
में सोई थी कि मुझे उस समय कुछ भी होश नहीं था। उस समय रात के करीब साढ़े
बारह बज रहे थे, दरवाजा खुला था ही वो दबे पाँव मेरे कमरे में आ गया और
मेरे नंगे बदन को देखते ही भन्ना गया। उसका लंड भी टाइट होकर खड़ा हो
गया, इतना कड़ा हो गया कि उसकी लुंगी आगे की ओर उठ गई थी जैसे तम्बू को
खड़ा करने बांस लगाया गया हो, उसने दरवाजा बन्द किया और ट्यूब लाईट ऑफ़
करके नाईट बल्ब को जला दिया। हलकी रोशनी में उसने अपनी लुंगी खोल कर फेंक
दी और समूचे लंड पर नारियल तेल लगाया और थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर भी
टपका कर बेड पर चढ़ आया और अपने विशाल फुंफकारते लंड को मेरी चूत के छेद
पर रख कर इतनी जोर से कस कर चांपा की वो मेरी चूत को दो फांक कर आधे से
अधिक जब घुसा तो मैं हड़बड़ा कर उठ गई। उसने कहा,"भाभी मैं मनोहर हूँ
चुपचाप पड़ी रहो !" कह कर फिर जोर से चांप दिया, जैसे ही उसका लंड पूरा
मेरी चूत में घुसा मैं बाग बाग हो गई, पर ऊपरी मन से विरोध करते हुए
बोली,"यह तुम क्या कर रहे हो ! छोड़ दो मनोहर ! नहीं तो मैं मालकिन से
कहूँगी……" "भाभी अब कह कर क्या फायदा होगा, मेरा तो समूचा तुम्हारी चूत
में चला गया है।" फिर उसने मेरी ब्रा को ऊपर की तरफ खींच मेरी चूचियों को
नंगा कर उन पर झुक गया और एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा तो उसका
मुँह दूध से भर गया, जिसे वो चपर-चपर पीने लगा, फिर बोला,"भाभी, तुम्हारी
चूचियों में दूध भरा है, बहुत मीठा मीठा लग रहा है।" सच कहती हूँ दोस्तो,
मेरे बदन में वासना की आग भभक गई और मैं गुदगुदी से सराबोर हो गई थी।
जीवन में पहली बार कोई मर्द मेरी दूध से भरी चूचियों को चुभला रहा था और
उनका दूध पी रहा था।गुदगुदी होना लाजिमी था, अब मैं गुदगुदी से भर उठी थी
और अब उसका विरोध छोड़ कर नीचे से अपने चूतड उपर उछाल उछाल कर उसका सहयोग
करने लगी थी। गजब का मजा आ रहा था मुझे ! वो भी उठ कर बैठ गया और अपने
विशाल लंड को बाहर कर मुझे बांहों में भर जब पूरी ताकत से कस कस ठाप मार
कर चोदना शुरू किया तो मैं एकदम गदगद हो गई। ऐसा मजा तो मुझे मेरे पहले
प्रेमी मोहन से भी नहीं मिला था। गजब का मजा आ रहा था उस समय ! मेरी चूत
की फांकों से छलक कर पानी आने लगा था और उस पानी में मनोहर का बमपिलाट
लंड और भी अधिक कड़ा होकर बहुत तेजी से अन्दर बाहर आने जाने लगा था। चूत
गीली होकर इतनी चिकनी हो गई थी कि उसका लंड सटासट अन्दर बाहर हो रहा था।
मैं आह….ओह….ऊई …..करने लगी। तभी वो मेरे होंठों को अपने मुँह में डाल कर
चुभलाने लगा, अब मैं एकदम बेबस हो गई, कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। अन्दर
से मैं बहुत खुश थी क्योंकि ऐसा जबरदस्त ठाप अभी तक किसी ने भी नहीं मारा
था, चाहे वो मेरा प्रेमी हो या मेरे पतिदेव। चूत के भीतर से अब आग की लपट
निकल रही थी। वो मेरे रसीले होंठों को चूस रहा था, मैंने भी जोश में आकर
अपनी समूची जीभ उसके मुंह में डाल दी थी, वो और मस्ती में आ गया था। गजब
का मजा आने लगा था, वो मेरी जीभ को चूसते हुए धकाधक चोदे जा रहा था, मैं
अपने चूतड उछल उछाल कर उसका साथ दे रही थी। उसने मुँह से मेरी जीभ निकाल
कर कहा," भाभी, मजा तो आ रहा है ना?" उसने मेरी राय जाननी चाही तो मैंने
कहा,"हाँ खूब मजा आ रहा है, फाड़ डालो मेरी चूत को !" उसने सटाक से अपना
पूरा लंड चूत से बाहर निकाल कर अपनी लुंगी से उसके गीलेपन को पोंछा और
फिर मेरी चूत के छेद पर रगड़ कर जब एक ही बार में खचाक से पेला तो सच
कहती हूँ, मुझे जमीन आसमान एक सा दिखाई देने लगा। "हाय ….हाय …..राजा तुम
बहुत अच्छे हो, यह सब कहाँ से सीखे हो ? अभी तो तुम्हारी शादी भी नहीं
हुई है !" "भाभी मैं पहली बार चुदाई कर रहा हूँ, केवल किताब में पढ़ पढ़
कर यह काम सीखा हूँ।" " हाय राम? क्या इसकी किताब भी आती है?" " हाँ
भाभी, तुम उसे देखोगी तो पागल हो जाओगी।" " सच कह रहे हो तुम? मुझे नहीं
दिखाओगे क्या? ऐसा मत समझो, मैं भी मेट्रिक पास हूँ, कहानी उपन्यास पढ़
सकती हूँ।" " तब तो जल्दी ही तुम्हे दिखाऊंगा !" कहते हुए उसने मेरी
चूचियों को हाथ से पकड़ कर जब आसमानी ठाप पर ठाप मारने लगा तो मैं अपने
होश में नहीं रह गई थी। " हाय….क्या फाड़ कर ही छोड़ोगे?" " यह तो पहले
से ही फटी है भाभी, अभी तो चार पांच अंगुल और बड़ा होता तो पूरा पूरा
तुम्हारी चूत में घुस जाता।" " हाय, मैं तो इतने में ही पसीने छोड़ रही
हूँ, तुम्हारे में घुसता तो तुम्हें पता चलता, मेरा कलेजा दरक रहा है,
तुम्हारा बहुत तगड़ा है।" " और गुड़िया के पापा का ?" " उनका तो पता ही
नहीं चलता, तुम्हारे में दो हो जाएगा उनका।" बस इतना कहना था कि वो और
मस्ती में आ गया और पूरी तेजी से इंजन स्टार्ट कर दिया तो मेरे मुँह से
आह….ओह……के शब्द निकलने लगे। मैं होश में नहीं थी और दिल खोल कर उसका साथ
दे रही थी। इतने में ही उसने ऐसा जबरदस्त ठाप मारा की उसके लंड का सुपारा
गर्भाशय से जा टकराया और मैं जोरों से सिसकार उठी, उसके लंड से वीर्य का
फ़व्वारा छुट पड़ा। मैं तुंरत उसकी छाती से चिपक अपनी चूचियाँ उसकी छाती
से रगड़ने लगी। तूफ़ान शांत हो गया और उसने मेरी चूत से अपना लंड खींच कर
बाहर किया और अपनी लुंगी से उसे साफ किया। फिर मेरी चूत से रज और वीर्य
को बाएँ हाथ से काछ कर तलवे से मलने लगा तो इतना मजा आया की उसका मैं
वर्णन नहीं कर सकती, उसके द्बारा किया जाने वाला हर काम मुझे नया जैसा लग
रहा था, मैंने सोचा हर मर्द अपने अपने तरीके से औरत को सुख देता है, ये
भी नये तरीके से मुझे सुख दे रहा है। फिर वो मुझे अपनी गोद में चिपका कर
मेरी चूत पर अपनी हथेली रख कर बोला " भाभी तुम्हारी चूत कमसिन छोकरी जैसी
लग रही है, हाय एक भी झांट नहीं है इस पर !" "जानते हो मैं रोज इसे बाल
सफा साबुन से रगड़ रगड़ कर साफ करती हूँ, तब मेरी ऐसी दिख रही है।" मनोहर
मुझे बहुत चालू और एक्सपर्ट युवक लग रहा था, मैंने उससे कहा,"अब तो तुम
ठंडे हो गये होगे ?" " नहीं भाभी, बिलकुल नहीं ! तुम्हें पाकर कोई भी
मर्द ठंडा नहीं होगा, तुम हो ही इतनी सुन्दर और हसीन !" " तुम्हें भी खूब
बात बनाना आता है !" " भाभी तुम्हारी कसम ! सच कह रहा हूँ, अभी तुम बच्चे
वाली नहीं लगती हो, तुम्हारे सामने अठरह वर्ष की लौंडिया फेल है," कहते
हुए उसने मेरी चूचियों पर हाथ फेरा तो मैं फिर गनगना उठी, मेरी चूत में
फिर सुरसुरी होने लगी और मैं फिर रसीली होने लगी। तभी मैंने देखा उसका
लंड भी फिर से फुंफकार मार कर खड़ा हो गया और मेरी मांसल जाँघों पर ठोकर
मारने लगा। " राजा मैं गहरी नींद में सोई थी तब जाकर तुम सफल हो गये, अब
चाहे एक बार करो या हज़ार बार कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, अब तो
तुम्हारे बिना एक पल भी मुझे चैन नहीं पड़ेगा।" " गुड़िया के पापा आ
जायेंगे तब कैसे होगा?" " गुड़िया के पापा सुबह जाते हैं तो फिर शाम को
लौटते हैं, दिन भर मैं खाली रहती हूँ, और हम दोनों राजी तो क्या करेगा
काजी !" मैं खुद कामांध हो चुकी थी, उसका लंड मुझे भा गया था, उसके लंड
में इतनी कशिश थी कि एक ही बार में मेरा मन जीत लिया था। जीवन में पहली
बार मैं दोबारा चुदवाने के लिये तैयार हो रही थी, मेरे पतिदेव तो अब एकदम
खूंसट हो गये हैं, एक बार चोदने के बाद वे दोबारा तैयार भी नहीं होते।
लेकिन जब मनोहर का लंड मेरी जांघ पर ठोकर मारने लगा तो मैं उससे फिर
लपट-झपट करने लगी, इस लिपट-झपट में मुझे जो आनंद आने लगा वो मजा पहली बार
करने में नहीं आया था। पहली बार तो उसने मुझे नंगा देख कर अपना समूचा
यंत्र तेल के सहारे अन्दर पेल दिया था, तब मैं बुरी तरह चिहुंक कर उठ
बैठी थी। मगर इस बार मैं उसके साथ चुदाई के पहले का खेल खेल रही थी, क्या
गजब का खेल था। उसी बीच वो मस्ती में आकर मेरे गालों को चूमते हुए
बोला,"डार्लिंग, अब तुम मेरे डैड को एक पैसा भी किराया मत देना ! अगर वो
मांगे तो कह देना कि किराया मनोहर बाबू को दे दिया है, आज से तुम मेरी हो
भाभी !" वो अभी तक कुंवारा था, किसी युवती की चूत को नहीं देखा था और चूत
के लिए उसकी छटपटाहट मैं महीनों से देख रही थी, वो मुझे चोदने के लिए
बुरी तरह बैचैन था, उसकी बैचैनी को मन ही मन पूरी तरह समझ रही थी, अगर
उसे लिफ्ट दी होती तो वो महीनों पहले ही मुझे चोद चुका होता जो इतने
दिनों बाद आज चोदा था। सारा दिन मैं घर में एक छोटी सी बच्ची को लिये
पड़ी रहती थी, मौका ही मौका था। उसने मेरे साथ देवर-भाभी का रिश्ता जोड़
लिया था, आप सभी अच्छी तरह जानते हैं कि देवर-भाभी का रिश्ता कितना मधुर
और नजदीकी रिश्ता होता है। Tags = Future | Money | Finance | Loans |
Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion |
WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood |
Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book
| Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music |
Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital |
Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema
| Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books |
Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune |
Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता |
kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना
| कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी
सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan |
kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी
चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता |
सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki
chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच |
मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ
| मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda
| छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई
जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai |
pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले
व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी
कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज |
सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी
sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot |
haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand |
apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi
haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन
सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस
कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी
लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी
सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya |
मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi |
bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa |
bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai
| bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार,
यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,

--

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator