Monday, November 1, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियां रिसेशन की मार पार्ट--9



रिसेशन की मार पार्ट--9

गतान्क से आगे..........
यहा से 1 घंटे के अंदर ही हमारी बस बेल्गौम पोहोच गयी और यहा पे भी बोहोत से पॅसेंजर्स उतर गये लैकिन यहा से कोई भी नया पॅसेंजर नही चढ़ा. बस मैं अब बोहोत ही कम लोग रह गये थे. मॅग्ज़िमम होंगे शाएद कोई 10 – 12 पॅसेंजर्स जो सामने वाली सीट्स पे बैठे थे और हम सब से पीछे से पहली वाली सीट पे बैठे थे. सब से लास्ट वाली सीट एक सिंगल लंबी सीट थी जहा पे लेटा भी जा सकता था पर इस टाइम तक तो हम वाहा नही लेटे थे. बेल्गौम मे बस ज़ियादा देर नही रुकी क्यॉंके ऑलरेडी बोहोत देर तक रुक चुकी थी और अगर ज़ियादा देर करते तो मुंबई पहुँचने मे और देरी हो जाती. आजकल इतने बोहोत सारे बस सर्विस निकले थे इसी लिए पॅसेंजर्स डिवाइड हो गये थे इसी लिए हमारी बस मे भी बॅस थोड़े से ही पॅसेंजर्स थे.
तकरीबन 3 बजे के करीब बस बेल्गौम से निकली और अब ड्राइवर भी बस को तेज़ी से चला रहा था. बस के सब ही पॅसेंजर्स सो चुके थे. बस मे एक दम से खामोशी छाई हुई थी. मैं और राज ही बॅस जाग रहे थे. किस्सिंग और स्क्वीज़िंग मे बिज़ी थे. राज ने अपना ट्रॅक पॅंट निकाल दिया था और मैने भी अपनी शलवार को निकाल दिया था. सामने समान रखने की जगह से शॉल को लटका दिया फिर ख़याल आया के सब पॅसेंजर्स सो रहे है तो फिर शॉल को अपने साइड मे रख लिया के कभी भी ऐसा टाइम आए तो शॉल को पैरो पे डाला जा सके. राज का लंड एक बार फिर से तंन के लोहे के खंबे की तरह से खड़ा हो गया था जिसे मैं अपनी मुट्ठी मे पकड़ के मूठ मार रही थी और राज मेरी चूत को मसाज कर रहा था. मेरी चूत तो बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और राज के लंड के सुराख मे से भी प्री कम के मोटे मोटे ड्रॉप्स निकल रहे थे. मैं झुक के उसके लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी. उसके प्री कम का टेस्ट भी बड़ा मस्त था. मैं ज़ुबान से उसके लंड के सूपद को चाट रही थी और कभी पूरा मूह के अंदर ले के चूस भी रही थी. अब मेरे से और बर्दाश्त नही हो रहा था मुझे एक बार फिर से यह लंड अपनी चूत के अंदर चाहिए था इसी लिए मैं अपनी जगह से उठ गयी और राज के लंड पे बैठने की कोशिश करने लगी. राज भी अपनी सीट से थोड़ा सा आगे को आ गया था तो मैं ने अपने पैर उसकी बॅक पे रख लिए और उसके लंड पे धीरे धीरे बैठने लगी. मेरी चूत फुल्ली स्ट्रेच हो रही थी और बड़ी मुश्किल से मैं उसके लंड पे बैठ ही गयी. मुझे उसका लंड अपने पेट मे महसूस होने लगा. मैं राज को किस करने लगे. हमारी आँखो मे नींद बिल्कुल भी नही थी और ऐसे चुदाई के अड्वेंचर बार बार भी नही आते इसी लिए हम ऐसे मोके का भरपूर फ़ायदा उठना चाह रहे थे. मेरे शर्ट के अंदर हाथ डाल के राज मेरे बूब्स को मसल रहा था. और फिर उसने शर्ट को भी उतार दिया तो मैं ने भी उसके टी-शर्ट को ऊपेर खेच के निकाल दिया. ऐसे पब्लिक मैं नंगे होने का भी एक अनोखा अनुभव था. हम दोनो ऐसी बस मे जहा और लोग भी थे नंगे हो के एक दूसरे को नंगे देख के मुस्कुरा दिए. राज अब मेरे बूब्स को चूसने लगा और निपल्स को भी काटने लगा. ऐसी चुदाई का मज़ा आ रहा था. बस कभी कभी उछल पड़ती तो उसके लंड से चूत बाहर निकल जाता और फिर एक ठप्प की आवाज़ के साथ फिर से लंड पे गिर जाती तो मेरी मूह से हल्की सी मस्ती भरी चीख निकल जाती. राज के लंड के चूत मे घुसते ही मैं झड़ने लगी. मैं बस उसके लंड पे ऐसे ही बैठी रही. चुदाई नही हो रही थी बॅस कभी जब बस किसी गड्ढे मे से उछलती तो लंड अंदर बाहर हो जाता अदरवाइज़ मैं लंड की सवारी कर रही थी मुझे अपनी चूत मे इतना मोटा मूसल मज़ा दे रहा था. मेरी चूत तो हर थोड़ी देर मे अपना जूस छोड़ देती तो लंड मेरे जूस से गीला हो जाता.
ऐसे ही छोटे छोटे रोड साइड विलेजस गुज़र रहे थे थोड़ी देर के लिए बाहर से रोशनी आ जाती पर बस तेज़ी से चल रही थी तो किसी को भी बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नही दे सकता था और इतनी रात मे कोई जाग भी नही रहा था बस हर तरफ सन्नाटा था. राज मेरे बूब्स चूस रहा था मैं उसके लंड को अपने चूत के अंदर डाले बैठी थी उसके गले मे बाहें डाले हुए थे. एक दम से बस बोहोत ज़ोर से उछली तो उसका लंड मेरी चूत से पूरा बाहर निकल गया और फिर मैं अपनी पूरे वेट के साथ उसके लंड पे जैसे गिर गयी तो लंड बोहोत ज़ोर से मेरी चूत मे घुस गया और मेरी चीख निकल गयी ऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ और झटका इतना ज़बरदस्त था के मेरी चूत से जूस निकल गया और मुझे लगा जैसे उसका लंड मेरे मूह तक आ गया हो.
अभी मैं अपने आपको उसके लंड पे अड्जस्ट नही कर पाई थी के एक और झटका लगा और फिर से लंड आधे से ज़ियादा बाहर निकल गया और मैं फिर से उसके लंड पे पूरी ताक़त से गिरी तो मेरी बच्चे दानी हिल गयी. थोड़ी ही देर मे बस मेन रोड से नीचे उतर गयी और एक डाइवर्षन ले लिया यहा कुछ रोड का काम चल रहा था शाएद. बस कच्चे रास्ते से गुज़र रही थी और मैं उसके हर एक झटके के साथ ही लंड पे उछल रही थी. उसका लंड मेरी चूत के जूस से बोहोत ही गीला हो चुका था. ऐसे झटको से मेरी टाँगो मे दरद हो रहा था तो मैं पोज़िशन चेंज कर के उसकी गोदी मे बैठ गयी. अब मेरी पीठ उसके मूह के सामने थी और. राज के थाइस पे बैठी थी उसका लंड मेरी चूत मे घुसा हुआ था. मेरा दोनो पैर उसके थाइस के दोनो तरफ थे ऐसी पोज़िशन मे मेरी चूत भी खुली हुई थी. अब जो बस के झटके लग रहे थे बड़ा मज़ा दे रहे थे. लंड बार बार अंदर बाहर हो रहा था और मैं भी अपने पैर बस के फ्लोर पे रख के खुद भी कभी कभी उछल रही थी तो चुदाई के मज़ा बोहोत आ रहा था. राज मेरे बूब्स को दबा रहा था और मैं उसके लंड पे उछाल रही थी कुछ तो बस के झटको की वजह से कुछ खुद ही उछल के चुदवा रही थी. राज ने अपने लंड के बेस मे पकड़ा हुआ था. कच्ची रोड के एक रफ से गड्ढे से बस जो उछली तो उसका पूरा लंड एक बार फिर से मेरी चूत से बाहर निकल गया और जैसे ही मैं वापस उसके लंड पे बैठने लगी उसका गीला लंड चूत के सुराख का रास्ता भूल के गंद मे एक ही झटके मे पूरा जड़ तक घुस्स चुका था मैं चीखी ऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स म्‍म्म्ममममममममाआआआआआआआअ हहाआआआआआईईईईईई गंद के मसल्स रिलॅक्स थे और मैं इतनी ज़ोर से लंड पे बैठी थे के एक ही झटके मे पूरे का पूरा मूसल लंड गंद को फड़ता हुआ अंदर घुस चुका था. इस से पहले के मैं उसके लंड से उठ जाती, राज ने अपनी टाँगें मेरी टाँगो के ऊपेर रख के दबा लिया और अपने हाथ से मेरे शोल्डर को पकड़ लिया और ज़ोर
से अपनी ओर दबा लिया ता के मैं उठ नही पाऊ. उसका लंड मेरी गंद को फाड़ चुका था और मुझे बोहोत ही दरद हो रहा था, मैं छटपटा रही थी पर उसकी पवरफुल ग्रिप से निकलना इतना आसान भी नही थी. ऐसे मे बस फिर से उछलने लगी थी तो उसका लंड भी मेरी फटी गंद के अंदर बाहर हो रहा था और फिर थोड़ी ही देर मइए उसका लंड मुझे अछा लगने लगा और मैं उस से मज़े से गंद मरवाने लगी. अब मैं उसकी ग्रिप से निकलने की कोशिश भी नही कर रही थी. राज का एक हाथ मेरी चूत की मसाज कर रहा था और दूसरा हाथ मेरे बूब्स को मसल रहा था और वो खुद मेरी बॅक पे किस कर रहा था. उसके मोटे लोहे जैसे सख़्त लंड पे मेरी गंद बोहोत ही टाइट लग रही थी. राज का लंड ऐसी मीठी मीठी ग्रिप को सिहार नही सका और मेरी गंद के अंदर ही अपने गरम गरम मलाई की पिचकारिया मारने लगा. उसकी मलाई गंद मे फील करते ही मैं भी झड़ने लगी. आज एक ही रात मे राज ने मेरी चूत और गंद दोनो ही मार मार के फाड़ डाली थी. राज बोहोत ही खुश था के उसका पूरे का पूरा लंड मैं अपनी चूत मे भी ले चुकी थी और अपनी गंद मे भी. मुझे भी खुशी इस बात की थी के जो खुशी राज की वाइफ ने उसको नही दी वो मैं ने दी है.
थोड़ी देर के बाद हम ऐसे ही नंगे लास्ट वाली सीट पे चले गये और राज सीट पे लेट गया और मैं उसके ऊपेर 69 की पोज़िशन मे लेट गई और उसका मूसल लंड चूसने लगी जहा पे मुझे हम दोनो की मिक्स मलाई का टेस्ट आने लगा जो बोहोत ही स्वादिष्ट था. वो मेरी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल के चाटने लगा. जब कभी बस थोड़ा भी उछाल भरती तो मेरा बदन भी थोड़ा सा ऊपेर उठ जाता और वापस जब गिरता तो राज के दाँत मेरी चूत के अंदर लगते तो मुझे बोहोत ही मज़ा आता. वो बड़े मस्त स्टाइल मे मेरी चूत को चूस रहा था जिकी वजह से मैं फॉरन ही झाड़ गयी पर राज के लंड से मलाई निकलने का नाम ही नही ले रही थी. वो ऑलरेडी 2 टाइम झाड़ चुका था और अपने लंड पे मेरे मूह का आनंद महसूस कर रहा था कभी कभी अपनी गंद उठा के मेरे मूह मे अपना पूरा लंड घुसेड़ने की कोशिश करता पर मैं उसके लंड को पूरा नही ले पा रही थी. थोड़ी ही देर के बाद हमने पोज़िशन चेंज कर दी और अब मैं नीचे लेटी थी और राज मेरे ऊपेर आ गया था और मेरे मूह को अपने लंड से चोद रहा था. मेरा मूह उसके मोटे लंड से भर गया था. अब पोज़िशन चेंज हो चुकी थी और जब बस रोड पे थोड़ा भी उछाल भरती तो उसका लंड मेरे मूह के अंदर तक घुस जाता जिसे मैं फॉरन ही बाहर निकाल देती. राज के लंड के डंडे पे मेरे दाँत लग रहे थे जिस से उसको बोहोत ही मज़ा आ रहा था. एक दो टाइम तो बस के उछलने से उसके लंड का सूपड़ा मेरे हलक तक चला गया था और मेरे मूह से उउउउउउउउउउउग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी आवाज़ निकल गयी. राज का लंड अब फुल मस्ती मे आ गया था और राज एक
दम से पलट गया और एक ही झटके मे उसने मेरी गीली चूत मे अपना गीला लंड घुसेड डाला तो मुझे महसूस हुआ जैसे कोई मिज़ाइल मेरी चूत मे घुस्स गया हो और मेरे मूह से फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ निकल गयी और उसका मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत के गहराइयों मे घुस्स गया और वो मुझे धना धन चोदने लगा. सीट पे उतनी कंफर्टबल तो नही थी पर क्या करू उसका लंड मेरी चूत मे बोहोत ही मज़ा दे रहा था और मैं मस्ती मे चुदवा रही थी इस टाइम पे मुझे यह भी याद नही रहा था के मैं मुंबई क्यों जा रही हू और यह के मैं एक शादी शुदा महिला हू. मुझे तो बॅस चुदना था और मैं ज़िंदगी मे कभी इतनी चुदासी नही हुई जितनी आज हो रही थी. बस की उछाल के साथ उसका लंड मेरी बचे दानी को ज़ोर से मारता तो मेरा जूस निकल जाता. वो अब मुझे पागलो की तरह से चोद रहा था और मैं मस्ती मे चुदवा रही थी. तकरीबन आधे घंटे की चुदाई के दोरान मे ऑलमोस्ट 10 – 15 टाइम झाड़ चुकी थी तब कही जा के राज ने एक ज़बरदस्त शॉट मारा तो मेरा पूरा बदन हिल गया और उसका लंड मेरी बचे दानी के सुराख मे घुस्स गया और उसके लंड से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई की धार निकल ने लगी. 8 – 10 धारियाँ निकलने के बाद उसका लंड शांत हुआ पर ढीला नही हुआ. मुझे असचर्या हो रहा था के राज का लंड आख़िर कोन्से मेटीरियल का बना हुआ है जो नरम होने का नाम ही नही ले रहा है और इतनी देर से चुदाई करने के बावजूद अभी तक नरम नही हुआ. मुझे लगा के शाएद ऐसे लंड की कल्पना हर लड़की करती होगी आंड आइ वाज़ नो डिफरेंट दट अदर गर्ल्स. मैं भी चाह रही थी के यह लंड मुझे कंटिन्यू मिलता रहे
हम कुछ देर वैसे ही लेटे रहे. राज का लंड मेरी चूत के अंदर ही फूल पिचाक रहा था. थोड़ी ही देर मैं बस की स्पीड कुछ कम होने लगी तो ख़याल आया के शाएद बस रुकने वाली होगी इसी लिए हम अपनी सीट पे वापस आ गये और अपने कपड़े पहेन लिए. सच मे बस 5 मिनिट के अंदर ही किसी रोड साइड ढाबे पे रुक गयी और ड्राइवर पिशाब करने के लिए नीचे उतर गया. सब ही पॅसेंजर बोहोत गहरी नींद सो रहे थे शाएद किसी को पता भी नही चला था के बस रुकी है. टाइम देखा तो सुबह के ऑलमोस्ट 5 बज रहे थे और बाहर अब थोड़ा थोड़ा उजाला लगने लगा था. बस वाहा से 5 मिनिट के अंदर ही वापस निकल गयी.
मेरी आँख खुली तो तकरीबन सुबह के 8 बज रहे थे और बस खानदला घाट से गुज़र रही थी. रास्ता किसी साँप की तरह से बल खा रहा था, दोनो रोड के दोनो तरफ झाड़िया और दूर दूर तक ग्रीनरी फैली हुई थी बाहर का सीन बोहोत ही खूबसोरात लग रहा था. घाट पे चढ़ते हुए बस काफ़ी स्लो चल रही थी. पहले तो मई इतने फर्स्ट क्लास सीन मई खोई रही फिर मुझे
अचानक ख़याल आया के बस अब मुंबई के करीब आ गयी है और फिर याद आ गया के मैं अकेले मुंबई को क्यों जा रही हू और बॅस यह सोचते ही मेरे बदन से पसीने छ्छूटने लगे दिल बड़ी ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा. देखा तो राज भी अब जागने लगा था. राज को देख के मेरे मंन को थोड़ी शांति मिली के चलो राज तो है वो कुछ ना कुछ मेरा साथ तो दे ही देगा यह सोच के थोड़ा इत्मेनान आ गया. बस खंडाला घाट से ऊपेर चढ़ने के बाद फिर से स्पीड से चलने लगी और फिर वाहा किसी जगह रुक गयी तो ड्राइवर ने बोला के आप लोग यहा ब्रेकफास्ट ले लो. बस के सारे ही पॅसेंजर्स जाग चुके थे और सब ही नीचे उतर गये. बोहतो थोड़े से ही तो पॅसेंजर थे ऐसा लगता थे के बस ऑलमोस्ट खाली ही जा रही है क्यॉंके आजकल कॉंपिटेशन बढ़ गया था और बोहोत सारी बस सर्वीसज़ स्टार्ट हो चुकी थी.
क्रमशः......................


Recession Ki Maar part--9

gataank se aage..........
Yaha se 1 ghante ke ander hi hamari Bus Belgaum pohoch gayee aur yaha pe bhi bohot se passengers utar gaye laikin yaha se koi bhi naya passenger nahi chhadha. Bus mai ab bohot hi kam log reh gaye the. Maximum honge shaed koi 10 – 12 passengers jo saamne wali seats pe baithe the aur ham sab se peeche se pehli wali seat pe baithe the. Sab se last wali seat ek single lambi seat thi jaha pe leta bhi ja sakta tha par iss time tak to ham waha nahi lete the. Belgaum mai bus ziada der nahi ruki kyonke already bohot der tak ruk chuki thi aur agar ziada der karte to Mumbai pohochne mai aur deri ho jati. Aajkal itne bohot sare bus service nikle the isi liye passengers divide ho gaye the isi liye hamari bus mai bhi bass thode se hi passengers the.
Takreeban 3 baje ke kareeb bus Belgaum se nikli aur ab driver bhi bus ko tezi se chala rha tha. Bus ke sab hi passengers so chuke the. Bus mai ek dum se khamishi chayee hui thi. Mai aur Raj hi bass jaag rahe the. kissing aur squeezing mai busy the. Raj ne apne track pant nikal dia tha aur maine bhi apni shalwar ko nikal dia tha. Samne saman rakhne ki jagah se shawl ko latka dia phir khayal aaya ke sab passengers so rahe hai to phir shawl ko apne side mai rakh lia ke kabhi bhi aisa time aye to shawl ko pairo pe dala ja sake. Raj ka lund ek bar phir se tann ke lohe ke khambe ki tarah se khada ho gaya tha jise mai apni muthe mai pakad ke muth mar rahi thi aur Raj meri choot ko massage kar raha tha. Meri choot to be inteha geeli ho chuki thi aur Raj ke lund ke surakh mai se bhi pre cum ke mote mote drops nikal rahe the. Mai jhuk ke uske lund ko apne muh mai le ke choosne lagi. Uske pre cum ka taste bhi bada mast tha. Mai zuban se uske Lund ke supade ko chaat rahi thi aur kabhi poora muh ke ander le ke choos bhi rahi thi. Ab mere se aur bardasht nahi ho raha tha mujhe ek bar phir se yeh lund apni choot ke ander chahiye tha isi liye mai pani jagah se uth gayee aur Raj ke lund pe baithne ki koshish karne lagi. Raj bhi apni seat se thoda sa aage ko aa gaya tha to mai ne apne pair urki back pe rakh liye aur uske lund pe dheere dheere baithne lagi. Meri choot fully stretch ho rahi thi aur badi mushkil se mai uske lund pe baith hi gayee. Mujhe uska lund apne pet mai mehsoos hone laga. Mai Raj ko kiss karne lage. Hamari aankho mai neend bilkul bhi nahi thi aur aise chudai ke adventure bar bar bhi nahi aate isi liye ham aise moke ka bharpoor faida uthana chah rahe the. Mere shirt ke ander hath dal ke Raj mere boobs ko masal raha tha. Aur phir usne shirt ko bhi utar dia to mai ne bhi uske T-shirt ko ooper khech ke nikal dia. Aise public mai nange hone ka bhi ek anokha anubhav tha. Ham dono aisi bus mai jaha aur log bhi the nange ho ke ek doosre ko nange dekh ke muskura diye. Raj ab mere boobs ko choosne laga aur nipples ko bhi katne laga. Aisi chudai ka maza aa raha tha. Bus kabhi kabhi uchal padti to uske Lund se choot baher nikal jati aur phir ek thapp ki awaz ke sath phir se Lund pe gir jati to meri muh se halki si masti bhari cheekh nikal jati. Raj ke Lund ke choot mei ghuste hi mai jhadne lagi. Mai bas uske Lund pe aise hi baithi rahi. Chudia nahi ho rahi thi bass kabhi jab bus kisi gadhe mai se uchalti to lund ander baher ho jata otherwise mai Lund ki sawari kar rahi thi mujhe apni choot mei itna mota musal maza de raha tha. Meri choot to har thodi der mai apna juice chhor deti to Lund mere juice se geela ho jata.
Aise hi chote chote road side villages guzar rahe the thodi der ke liye baher se roshni aa jati par bus tezi se chal rahi thi to kisi ko bhi baher se ander ka kuch bhi dikhayee nahi de sakta tha aur itni rat mai koi jaag bhi nahi raha tha bas har taraf sannata tha. Raj mere boobs choos raha tha mai uske Lund ko apne choot ke ander dale baithi thi uske gale mai bahein dale hue the. Ek dum se bus bohot zor se uchli to uska Lund meri choot se poora baher nikal gaya aur phir mai apni poore weight ke sath uske Lund pe jaise gir gayee to Lund bohot zor se meri choot mai ghus gaya aur meri cheekh nikal gayee oooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiiii sssssssssssssssssssssss fffffffffffffffffffff aur jhatka itna zabardast tha ke meri choot se juice nikal gaya aur mujhe laga jaise uska Lund mere muh tak aa gaya ho.
Abhi mai apne aapko uske Lund pe adjust nahi kar payee the ke ek aur jhatka laga aur phir se Lund aadhe se ziada baher nikal gaya aur mai phir se uske lund pe poori takat se giri to meri bache dani hil gayee. Thodi hi der mai bus main road se neeceh utar gayee aur ek diversion le lia yaha kuch road ka kaam chal raha tha shaed. Bus kacche raste se guzar rahi thi aur mai uske har ek jhatke ke sath hi lund pe uchal rahi thi. Uska Lund meri choot ke juice se bohot hi geela ho chuka tha. Aise jhatko se meri tango mai darad ho raha tha to mai position change kar ke uski godi mai baith gayee. Ab meri peeth uske muh ke samne thi aur. Raj ke thighs pe baithi thi uska Lund meri choot mai ghusa hua tha. Mera dono pair uske thighs ke dono taraf the aisi position mai meri choot bhi khuli hui thi. Ab jo bus ke jhatke lag rahe the bada maza de rahe the. Lund bar bar andre baher ho raha tha aur mai bhi apne pair bus ke floor pe rakh ke khud bhi kabhi kabhi uchal rahi thi to chudai ke maza bohot aa raha tha. Raj mere boobs ko daba raha tha aur mai uske lund pe uchal rahi thi kuch to bus ke jhatko ki wajah se kuch khud hi uchal ke chudwa rahi thi. Raj ne apne Lund ke base mai pakda hua tha. Kacchi road ke ek rough se gadhe se bus jo uchli to uska poora lund ek bar phir se meri choot se baher nikal gaya aur jaise hi mai wapas uske lund pe baithne lagi uska geela Lund choot ke surakh ka raasta bhool ke gand mai ek hi jhatke mai poora jadd tak ghuss chuka tha mai cheekhi oooooooiiiiiiiiiiiiiiii ssssssssssssssss mmmmmmmmmmmaaaaaaaaaaaaaaaaa hhhhhhhhaaaaaaaaaaaaeeeeeeeeeeee Gand ke muscles relax the aur mai itni zor se lund pe baithi the ke ek hi jhatke mai poore ka poora musal Lund gand ko phadta hua ander ghus chuka tha. Is se pahle ke mai uske Lund se uth jati, Raj ne apni tangein meri tango ke ooper rakh ke daba lia aur apne hath se mere shoulder ko pakad lia aur zor
se apni or daba lia taa ke mai uth anhi paoo. Uska Lund meri gand ko phad chuka tha aur mujhe bohot hi darad ho raha tha, mai chatpata rahi thi par uski powerful grip se nikalna itna aasaan bhi nahi thi. Aise mai buss phir se uchalne lagi thi to uska Lund bhi meri phati gand ke ander baher ho raha tha aur phir thodi hi der mai uska Lund mujhe acha lagne laga aur mai us se maze se gand marwane lagi. Ab mai uski grip se nikalne ki koshish bhi nahi kar rahi thi. Raj ka ek hath meri choot ka massage kar raha tha aur doosra hath mere boobs ko masal raha tha aur wo khud meri back pe kiss kar raha tha. Uske mote lohe jaise sakht lund pe meri gand bohot hi tight lag rahi thi. Raj ka lund aisi meethi meethi grip ko sihaar nahi saka aur meri gand ke ander hi apne garam garam malayee ki pichkariya maarne laga. Uski malayee gand mai feel karte hi mai bhi jhadne lagi. Aaj ek hi raat mai Raj ne meri Choot aur Gand dono hi maar maar ke phaad dali thi. Raj bohot hi khush tha ke uska poore ka poora Lund mai apni choot mai bhi le chuki thi aur apni gand mai bhi. Mujhe bhi khushi iss baat ki thi ke jo khushi Raj ke wife ne usko nahi di wo mai ne di hai.
Thodi der ke bad ham aise hi nange last wali seat pe chale gaye aur Raj seat pe let gaya aur mai uske ooper 69 ki position mai let gai aur uska Musal lund choosne lagi jaha pe mujhe ham dono ki mix malayee ka taste aane laga jo bohot hi swadisht tha. Wo meri choot ke ander apni jeebh dal ke chaatne laga. Jab kabhi bus thoda bhi uchal bharti to mera badan bhi thoda sa ooper uth jaa aur wapas jab gira to Raj ke dant meri choot ke ander lagte to mujhe bohot hi maza aata. Wo bade mast style mai meri choot ko choos raha tha jiki wajah se mai foran hi jhad gayee par Raj ke lund se malayee nikalne ka naam hi nahi le rahi thi. Wo already 2 time jhad chuka tha aur apne Lund pe mere muh ka anand mehsoos kar raha tha kabhi kabhi apni gand utha ke mere muh mai apna poora lund ghusedne ki koshish karta par mai uske lund ko poora nahi le pa rahi thi. Thodi hi der ke bad ham position change kar diey aur ab mai neeche leti thi aur Raj mere ooper aa gya tha aur mere muh ko apne Lund se chod raha tha. Mera muh uske mote lund se bhar gaya tha. Ab position change ho chuki thi aur jab bus road pe thoda bhi uchal bharti to uska lune mere muh ke ander tak ghus jata jise mai foran hi baher nikal deti. Raj ke lund ke dande pe mere dant lag rahe the jis se usko bohot hi maza aa raha tha. Ek do time to bus ke uchalne se uske lund ka supada mere halak tak chala gaya tha aur mere muh se uuuuuuuuuuuggggggggggghhhhhhhhhhhhhh jaisi awaz nikal gayee. Raj ka Lund ab full masti mai aa gaya tha aur Raj ek
dum se palat gaya aur ek hi jhatke mai usne meri geeli choot mei apna geela Lund ghused dala to mujhe mehsoos hua jaise koi missile meri choot mei ghuss gaya ho aur mere muh se fffffffffffffffffffffffffffffffffffffff ki awaz nikal gayee aur uska musal jaisa mota aur lohe jaisa sakht lund meri choot ke gehraiyon mai ghuss gaya aur wo mujhe dhana dhan chodne laga. Seat pe utni comfortable to nahi thi par kia karu uska Lund meri choot mai bohot hi maza de raha tha aur mai masti mai chudwa rahi thi iss time pe mujhe yeh bhi yad nahi raha tha ke mai Mumbai kyon ja rahi hu aur yeh ke mai ek shadi shuda mahila hu. Mujhe to bass chudna tha aur mai zindagi mai kabhi itni chudasi nahi hui jitni aaj ho rahi thi. Bus ki uchal ke sath uska lund meri bache dani ko zor se marta to mera juice nikal jata. Wo ab mujhe pagalo ki tarah se chod raha tha aur mai masti mai chudwa rahi thi. Takreeban aadhe ghante ki chudai ke doran mai almost 10 – 15 time jhad chuki thi tab kahi ja ke Raj ne ek zabardast shot mara to mera poora badan hil gaya aur uska lund meri bache dani ke surakh mai ghuss gaya aur uske lund se gaadhi gaadhi garam garam malayee ki dhar nikal ne lagi. 8 – 10 dhariyan nikalne ke bad uska Lund shant hua par dheela nahi hua. Mujeh ascharya ho raha tha ke Raj ka Lund aakhir konse material ka bana hua hai jo naram hone ka naam hi nahi le raha hai aur itni der se chudai karne ke bawajood abhi tak naram nahi hua. Mujhe laga ke shaed aise Lund ki kalpana har ladki karti hogi and I was no different that other girls. Mai bhi chah rahi thi ke yeh Lund mujhe continue milta rahe
Ham kuch der waise hi lete rahe. Raj ka Lund meri choot ke ander hi phool pichak raha tha. Thodi hi der mai bus ki speed kuch kam hone lagi to khayal aaye ke shaed bus rukne wali hogi isi liye ham apni seat pe wapas aa gaye aur apne kapde pehen liye. Sach mai bus 5 minute ke ander hi kisi road side dhabe pe ruk gayee aur Driver pishab karne ke liye neeche utar gaya. Sab hi passenger bohot gehri neend so rahe the shaed kisi ko pata bhi nahi chala tha ke bus ruki hai. Time dekha to subah ke almost 5 baj rahe the aur baher ab thoda thoda ujala lagne laga tha. Bus waha se 5 minute ke ander hi wapas nikal gayee.
Meri aankh khuli to takreeban subah ke 8 baj rahe the aur bus Khanadala Ghat se guzar rahi thi. Rasta kisi saamp ki tarah se bal kha raha tha, dono road ke dono taraf jhadiya aur door door tak greenery phaili hui thi baher ka scene bohot hi khoobsorat lag raha tha. Ghat pe chadhate hue bus kaafi slow chal rahi thi. Pehle to mai itne first class scene mai khoi rahi phir mujhe
achaanak khayal aaya ke bus ab Mumbai ke kareeb aa gayee hai aur phir yaad aa gaya ke mai akel Mumbai ko kyon ja rahi hu aur bass yeh sochte hi mere badan se paseene chhootne lage dil badi zor zor se dhadakne laga. Dekha to Raj bhi ab jaagne laga tha. Raj ko dekh ke mere mann ko thodi shanti mili ke chalo Raj to hai wo kuch na kuch mera sath to de hi dega yeh soch ke thoda itmenan aa gaya. Bus Khandala ghat se ooper chadne ke bad phir se speed se chalne kagi aur phir waha kisi jagah ruk gayee to driver ne bola ke aap log yaha breakfast le lo. Bus ke sare hi passengers jaag chuke the aur sab hi neeche utar gaye. Bohto thode se hi to passenger the aisa lagta the ke bus almost khali hi ja rahi hai kyonke aajkal competition badh gaya tha aur bohot sari bus services start ho chuki thi.
kramashah......................










आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj


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