Monday, November 8, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ मेरी कुंवारी भाभी

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
मेरी कुंवारी भाभी
मेरे घर में मै माँ और पिताजी ही थे..मेरी उमर उस समय २५ साल की थी मेरा
लंड ७.५ लंबा और २.५ इंच मोटा है..लेकिन मुझे सेक्स का कोई अनुभव नही
था..हाँ मूठ मार लेता था.. मै इंजीनियरिंग कर चुका था और अभी नौकरी के
लिए प्रयत्न कर रहा था. एक दिन , सुबह ७:०० ऍम पर मै जब उठा और बाथरूम जा
रहा था की घर की दरवाजे की घंटी बजी..खोल के देखा तो मेरी मौसी का लड़का
रमेश और उसकी बीवी रचना आए है. माँ ने तुरंत देखा और कहा आओ आओ दोनों ने
अपना समान अन्दर रखा और माँ को प्रणाम किया थोड़ी देर कुछ बात करने के बाद
भाभी तुरंत किचेन में माँ के साथ काम करने लगी पिताजी बाथरूम से निकले और
कपड़े पहन कर काम पर जाने के लिए तैयार हो गए.. तब रमेश और भाभी ने
पिताजी को भी प्रणाम किया सबने मिल कर नाश्ता किया.फ़िर रमेश ने कहा की
गाव में उसका कोई काम नही चल रहा है और घर की हालत ख़राब होती जा रही है
इसलिए मौसी ने कहा है की शहर में जाकर कोई काम ढून्ढो...जब तक रहने का
इंतज़ाम नही होता तब तक यहाँ रुकेंगे.. अगर माँ पिताजी चाहे तो..माँ
पिताजी दोनों ने कहा कोई बात नही..हमारा घर बड़ा है..एक कमरा उन्हें दे
दिया मेरे बाजू वाला...और कहा पहले नौकरी देखो बाद में घर दूंढ
लेना..नाश्ता करने के बा??? रमेश भी फ्रेश होकर नौकरी की तलाश में निकल
गया. . रमेश के जाने के बाद भाभी माँ के साथ घर के काम में लग गई मै
स्नान करने बाथरूम में गया और तैयार होकर बाहर आया. भाभी मेरे साथ थोड़ी
देर बैठ कर बाते करने लगी..थोड़ी देर में हमारी अच्छी दोस्ती हो गई..भाभी
का रंग गोरा था.और चुन्चिया एकदम कसी हुयी..पतली कमर...गोल उभरी हुई
गांड....कुल मिलाकर भाभी एक चोदने की चीज़ थी..लेकिन अभी मेरे दिमाग में
ऐसा कुछ नही आया . मुझसे बात करते हुए वो काम भी कर रही थी. शाम को रमेश
वापस आया..उसे एक नौकरी मिल गई थी किसी लेथ मशीन पर.वो लेथ मशीन का
ओपेरटर था..और उसकी तनख्वाह थी २०० रुपये रोज की. . दो दिन ऐसे ही बीत
गए..मै उनके कमरे के बाजु वाले कमरे में ही सोता हु..दोनों कमरों के बीच
की दीवार ऊपर से खुली है.. रात को दोनों के बीच झगड़ा होता था...भाभी की
आवाज़ मैंने सुनी...तुम फ़िर से झड़ गए..मेरा तो कुछ हुआ ही नही...फ़िर से
करो ना..लेकिन रमेश कहता था.तेरी चूत कोई घोडा भी चोदेगा तो ठंडी नही
होगी..मुझे स???ने दे..ऐसा दो रात हुआ..भाभी उठ कर बाथरूम जाती थी फ़िर
बड़बढ़ाते हुए वापस आ कर सो जाती थी.. भैय्या कहते थे..तू बहुत चुदासी
है..तुझे संतुष्ट करना मुश्किल है..ख़ुद ही अपने हाथ से आग बुझा ले..
तीसरे दिन , पापा और रमेश नाश्ता करके अपने काम पर चले गए मै लेता
था..भाभी मेरे कमरे में आई और कहा की नाश्ता करने चलो..माँ शायद बाथरूम
में थी..मैंने किचेन में जा कर नाश्ता करना शुरू किया.भाभी मेरे एकदम से
क़रीब आई और बड़े प्यार से बोली संजय..एक बात पूंछू ? मैंने कहा पूंछो
..भाभी बोली "किसी से बताओगे तो नही?" मैंने पूंछा ऐसी कौनसी बात है?और
आप तो जानती हो मै चुगली नही करता. . भाभी फिर से बोली मै जानती हु लेकिन
आप प्रोमिस दो आप किसी को नही बताएँगे मैंने कहा हाँ मै प्रोमिस देता
हु.. तब भाभी ने धीरे से कहा मेरे और तुम्हारे भैय्या के लिए कोक शास्त्र
ला दो., मैंने पूंछा ..क्यो? भाभी ने कहा तुम्हारे भाई को औरत की कैसे
चुदाई की जाती है वो सीखना पड़ेगा वो मुझे संतुष्ट नही कर पता. मै ने कहा
ठीक है मै ला दूंगा मै सुबह मार्केट में गया और एक बुक स्टोर से अच्छा
कोक शास्त्र और दो चुदाई की कहानी की पुस्तक ले आया. घर आकर मैं ने चुदाई
की पुस्तके पढी..मेरा लंड खड़ा हो गया..मैंने मूठ मारी..और पहली बार मुझे
भाभी को चोदने का ख़्याल आया. कोक शास्त्र में चुदाई की कई तस्वीरे
थी..फ़िर मैंने भाभी को तीनो पुस्तके दे दोपहर का खाना खाने के बाद भाभी
वो पुस्त ले कर अपने कमरे में चली गई.. पुस्तक पढते हुये वो गरम हो
गई..मैंने दरवाजे से देखा वो अपने चूत में हाथ दल के मसल रही थी.. रात को
डिनर के बाद १० :३० बजे सब अपने बेडरूम में सोने गए मै ड्राइंग रूम में
बैठ कर भाभी और रमेश भाई जो बात कर रहे थे वो सुन रहा था , रमेश ने भाभी
की चुदाई की लेकिन उसे संतुष्ट नही कर सका और रोज की तरह जल्दी ही झड़
गया... भाभी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो सुनता ही नही था
उसने कहा मुझसे फालतू बात मत कर तू कभी भी संतुष्ट नही होगी , अखिर में
भाभी रूम से बाहर निकली और बाथरूम में गयी , बाथरूम से जब वापस आयी तब
मैंने भाभी को रोका और भाभी का एक हाथ पकड़ के मेरे गरम लंडपर रख दिया ,
भाभी में मेरे लंड पर प्यार से हाथ फेरा और बोली ये तो बहुत बड़ा लंड है
..मैंने कहा जब लंड बड़ा और मज़बूत होगा तभी ज्यादा मजा भी आयेगा.. भाभी
बोली लगता है एही सच है..लेकिन ये तो मेरी चूत फाड़ देगा भाभी ने कहा आप
मूठ मत मरना संजू भाई मै रमेश के सोने के बाद तुमसे चुदाने आऊंगी , ये कह
कर मेरे लंड को दबा के वो अपने रूम में चली गई.., जाते ही रमेश बोला यह
दूध में शक्कर डाला ही नही है जाके शक्कर मिला के लाओ. भाभी बिना कुछ कहे
वो दूध लेके बाहर आयी, और मुझे इशारे से किचेन में बुलाया..मै उनके पीछे
किचेन में गया, भाभी धीरे से बोली कोई नींद की गोली है?मैंने कहा बहोत सी
है , ममी पहेले लेती थी , मैंने दो गोली निकल के दी भाभी ने दोनों गोली
पीस के दूध में डाली और शक्कर डाली फिर चम्मच से हिला के दूध तैयार किया
, फिर वो बोली मुझे तुम्हारा लंड दिखाओ मैंने पाजामे से लंड बाहर निकला
और भाभी के हाथ में दिया...भाभी उसे देख कर हैरान हो गई और बोली..बाप रे
इतना लंबा और इतना मोटा..कितना सलोना और तगडा है आज मुझे इस लंड से
चुदाना ही है..तुम आज मेरी चूत फाड़ दोगे...मेरा ७.५ इंच लंबा और २.५ इंच
मोटा लंड उन्होंने हाथ में ले करा सहलायऍ ? , फ़िर कहा..आज मुझे पूरी औरत
बना देना वैसा बोलके दूध अपने साथ लेके वो बेडरूम में चली गयी . मै अपने
बिस्तर पर आ कर लेट गया और भाभी का इंतज़ार करने लगा..मेरा लंड भी बेताब
हो गया था..मैंने पुस्तक में जैसा पढ़ा था और जो चुदाई की स्टाइल के
तस्वीर देखी थी उन्हें याद करने लगा रात को डिनर के बाद १०:३० बजे सब
अपने बेडरूम में सोने गए मै ड्राइंग रूम मेंबैठ कर भइया भाभी की चुदाई के
मजे ले रहा था..आज भी रमेश जल्दी ही झड़ गया. मै बाहर बैठा सब सुन रहा
था..भाभी ने उसे समझाया..लेकिन उनके बीच कहा सुनी होने लगी भाभी संतुष्ट
नही हुयी.. भाभी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो सुनता ही नही
था, अपनी गलती मान ही नही रहा था. आखिर में भाभी रूम से बाहर निकली और
बाथरूम में गयी, अपनी चूत को साफ किया और फ़िर पनि साड़ी से चूत को पोंछते
हुए , बाथरूम से जब वापस आयी तब मैंने हिम्मत कर के उन्हें रोका और भाभी
का एक हाथ पकड़ के मेरे गरम लंड पर रखा., भाभी के खप से उसे पकड़ा और फ़िर
प्यार से उस पर हाथ फेरने लगी और बोली यह तो बहुत बड़ा लंड है मैंने कहा
बड़ा ही नही मजबूत भी है..तुम्हे संतुष्ट कर सकता है..बड़े और मोटे लंड
से ही चुदाई का असली मज़ा आता है., भाभी बोली शायद यही सच है.तुम क्या कर
रहे हो..मैंने कहा मूठ मार रहा ऊँ..भाभी बोली मत मारो मै अभी रमेश के
सोने के बाद तुमसे चुदवाने आऊंगी., ये कह कर वो मेरे लंड को थपथपा के
जाने लगी..मैंने उनकी चुन्ची को दबा दिया..वो उईई.कर उठी..और फुसफुसाके
बोली..थोड़ा सब्र करो..सब दूंगी..राज्जा..पूरी नंगी होके चुदवाऊन्गी और वो
अपने कमरे में चली गई.. जाते ही रमेश बोला यह दूध में शक्कर डाला ही नही
है जाके शक्कर मिला के ले आओ . भाभी बिना कुछ कहे वो दूध लेके बाहर आयी
और मुझे इशारा कर के किचेन में बुलाया..मै उनके पीछे उनकी गांड से मेरा
खड़ा लंड टिका के खड़ा हो गया..उन्होंने भी मेरे लंड पर अपनी गांड और
चिपका दी..फ़िर बोली कोई नींद की गोली है ?मैंने कहा बहुत है.. ममी पहले
लेती थी मैंने दो गोली निकाल के दी भाभी ने दोनों गोली पीस के दूध में
डाली और शक्कर डाल के फ़िर चम्मच से हिला के दूध तैयार किया फ़िर वो बोली
मुझे तुम्हारा लंड दिखाओ , मैंने अपना पाजामा खोला और अपना मूसल बाहर
निकला..उसक् ? सुपाडे के छेद से अब पानी निकल रहा था. उसने अब उसे हाथ
में लिया..बाप रे ये तो दुगुना लंबा और मोटा है.. मेरा ७.५ इंच लंबा और
२.५ इंच मोटा लंड हाथ में लेने की कोशिश की..और कहा कितना सलोना है..और
कितना तगड़ा है बहुत मोटा है ये..मेरी चूत फाड़ डालेगा..और झुक के मेरे
लंड को चूमा और कहा मेरा इंतज़ार करो ऐसा बोल के दूध अपने साथ ले के वो
बेडरूम में चली गयी मै अपने बेड पर आ के पाजामा खोल के सो गया..लंड को मै
सहला रहा करीब २० मिनिट के बाद भाभी बेडरूम का दरवाजा खोल के मेरे रूम मे
आई उसने आते ही मुझसे कहा संजय आज मेरी पूरी प्यास बुझा दो मेरी चूत को
तुम्हारे मोटे लंड से तृप्त कर दो..मैंने भाभी को अपने बिस्तर पर मेरे
ऊपर खीच लिया मै तो नंगा ही था, भाभी ने मेरे लंड को महसूस किया मै
उन्हें चूमने लगा. उन्होंने फूस फुसते हुए कहा..इतना मोटा लंड मेरी चूत
मे धीरे धीरे डालना संजू. मै उन्हें चूमते हुए उनका ब्लाउज खोलने
लगा.अंडा ब्रा ऍ ?ही पहना था शायद रमेश से चुदवाते हुए वो पहले ही खोल
चुकी थी..मैंने उनकी साड़ी भी खोल के नीचे फेंक दिया..अब सिर्फ़ पेटीकोट
मे थी वो..कितनी गोरी थी..मै उन्हें चूमे जा रहा था और चुन्चिया मेरे
हाथो मे थे..मस्त नरम मख्खन जैसी चुन्चिया थी..मैंने उनके पेट को सहलाते
हुए नीचे चूत पर हाथ लगाया उफ़ लगा जैसे आग लगी है मैंने उनके चूची को
आटा गूंथने जैसे मसला वो आह..ओह्ह.. कर रही थी लेकिन बहुत धीरे...फ़िर
मैंने उनका पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसे नीचे खीच दिया..चड्डी भी नही
थी..मैंने भाभी को मेरे बेड परलिटा दिया उफ़ क्या छोट थी पुस्तक मे
कुंवारी लड़की की जैसी चूत थी ठीक वैसी ही चूत की दरार थी..मै तो पागल
होने लगा..झुक कर चूत को चूमा..चूत गीली थी..मैंने दाने को ढूंढा उसे मसल
दिया भाभी ऑफ़ कर उठी..फ़िर एक ऊँगली गीली चूत मे दाल दी..बहुत टाईट थी
चूत..मेरी ऊँगली भी मुश्किल से जा रही थी..भाभी ने कहा अब मुझे पहले
तुम्हारे लंड से च ोद दो.. .मैंने उन्हें और तडपाने के लिए अब मेरी जीभ
चूत पर लगा दी और चूसने लगा अब भाभी बेचैन हो गई..अहह संजय..क्या कर रहे
हो..आह्ह..इश..ओ माँ और जीभ चूत पर लगाने से उनकी चूत से और पानी निकलने
लगा ..उन्होंने कहा पहले एक बार इस लंड को अन्दर दाल के चोद डालो..फ़िर
बाद मे जो चाहे करना..मैंने कहा ठीक है..और मै उनके पैरों के बीच बैठ
गया.मैंने देखा उनकी चूत का सूराख बहूत छोटा है..पास ही टेबल पर फेयर न
लवली करें का नया ट्यूब था उसे मेरे लंड पर अच्छे से लगाया..और ऊँगली से
भाभी के सूराख पर भी.., भाभी ने अपने पैर अच्छे से फैला दिए मैंने अपना
लंड चूत पर रखा..भाभी ने तुरंत लंड हाथ मे पकड़ लिया और अपनी चूत पे
रगड़ने लगी , थोड़ी देर के बाद मेरे लंड का सुपाडाअपने चूत के गुलाबी छेद
पर रखा और फूसफुसाके बोली संजू ये इतना मोटा है तुम मेरी चूत का ख़्याल
रखना..एकदम आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालो..मेरी चूत फाड़ मत देना...ये
सुनकर मै और जोश म् ? आ गया..फ़िर भी मैंने लंड के सुपाड़े को अन्दर
धकेला..और भाभी..उईई..माँ...कर के उछल पड़ी मैंने अब लंड को धीरे धीरे
अन्दर घुसाने लगा लेकिन चूत बहुत टाईट थी..मैंने थोड़ा जोर लगाया और
चुन्ची दबा के धक्का दिया आधा लंड अन्दर घुस गया और भाभी उछल पड़ी..मैंने
देखा चूत से थोड़ा खून निकल आया..मै डर गया..मैंने पूंछा भाभी ज्यादा दर्द
हो रहा है क्या. भाभी ने कहा तुम फिकर मत करो अन्दर डालो पूरा..आह्ह मजा
आ रहा है..लेकिन भाभी के चेहरे पर दर्द दिख रहा था..मैंने आधे घुसे लंड
को अन्दर बाहर करना शुरू किया.थोड़ी देर में भाभी ने कहा और तेज ..और
तेज.आह..और मै जोश में आ गया.मैंने लंड को बाहर खीचा और पुरी ताकत से
अन्दर दाल दिया और इस बार भाभी जोर से चीखने जा रही थी लेकिन अपने ही
हाथो को मुँह में डाला और काट लिया उनकी कलाई से खून निकल आया लेकिन वो
अब कमर उछालने लगी थीं मुझे चिपक रही थीं..आह..ऊह्ह....संजू..मै आने वाली
हूँ..और जोर से..और...और फ़िर उन्होंने दो टिन झटके मारे और मुझसे चिपक
गई..उनका पूरा बदन कांप रहा था पसीना निकल आया था और मेरे लंड पर भी बहुत
गरम गरम लगा..उनका पानी..उन्होंने मेरा चुम्मा लिया और कहा....आज मेरी
चूत पहली बार झड़ी है जिंदगी में..अब तुम जैसे चाहो चोदो मुझे..मैंने कहा
तुम्हारी चूत से खून भी निकला है..उन्होंने कहा ..सच्च...मैंने अपना लंड
निकल कर दिखाया..जो की लाल हो रहा था..वो मुझसे और जोर से लिपटी और कहा
आज ही मै सही मायने में औरत बनी हूँ.. भाभी ने जिस तरह से चूत को झटके
दिए उससे मै तो घबरा गया था..मै उनसे कुछ पूछने जा रहा था उन्होंने मेरा
मुह हाथ से बंद किया और मेरा लंड वापस चूत में डालने का इशारा किया इस
बार मैंने लंड को एक झटके में अन्दर डाला..भाही ने फ़िर से कमर उछालना
शुरू किया..शायद अभी पूरी झड़ी नही थी..मेरे लंड को चूत में कस लिया मै
उनकी चूची चूसते हुए जोर से झटके मारने लगा" भाभी ने कहा संजय..बहुत मज़ा
आया रहा है..तुम सच में अच्छा चोदते हो..और तुम्हारा ये मजबूत लंड आः..अब
मुझे भी मेरे लंड में से कुछ निकलेगा ऐसा महसूस हो रहा था..लंड और कड़क
हो के फुल रहा था.. मैंने अब धक्को की स्पीड बड़ा दी मेरे धक्को से भाभी
की चुचिया उछल रही थी..और ७-८ धक्को के बाद मैंने लंड को चूत की गहराई
में पेल दिया और मेरे लंड से पिचकारियाँ निकलने लगी..एक निकली..दुसरी
निकली..तीसरी..चौथी...और ऐसे क़रीब ७-८ मोटी धार की पिचकारी से भाभी की
चूत पूरी भर गयी..मै उनके ऊपर ल???ट गया.. वो मेरे बालों में हाथ फेरने
लगी..फ़िर हमने एक दुसरे के होठों को बहुत जोर से चूमा.. ,क़रीब ५ मिनिट
के बाद भाभी ने कहा अब लंड को बाहर निकाल लो..मै उठा और लुंड जो अभी भी
आधा खड़ा था..उसे बाहर निकाला..पक्क की एक आवाज़ हुयी..और भाभी की चूत से
मेरा लावा और खून दोनों बह कर चादर पर गिरने लगे , मैंने देखा पहले जो
चूत सिर्फ़ एक पतली दरार दिख रही थी अब वो अंग्रेज़ी के "ओ" जैसी दिखने
लगी थी , मैंने सोचा भाभी को अब रमेश का लंड बहुत ही छोटा लगेगा. भाभी ने
उठाते हुए आह्ह की आवाज़ की..मैंने अहिस्ता पूंछा क्या हुआ..उन्होंने कहा
चूत चरपरा रही है.. मैंने उनका हाथ पकड़ कर खड़ा किया .. उसके बाद हम
दोनों बाथरूम में गए..भाभी और मै दोनों नंगे ही थे.. बाथरूम में भाभी चूत
साफ करने बैठी तो मैंने देखा और भी बहुत सा माल उनकी चूत से
निकला..उन्होंने कहा..कितना माल निकाला है.. रमेश का तो एक चम्मच ही
गिरता है...ये तो क़रीब १० चम्मच है..फ़िर उन् होंने मेरे लंड को साबुन
लगा के धोया..लंड फ़िर खड़ा होने लगा..मैंने कहा भाभी और एक बार...भाभी ने
कहा..देखते है..फ़िर हम दोनों बेद पर आ कर लेट गए नंगे..और सो गए.. थोड़ी
देर मैंने उनकी चूची मसली चुम्बन किया..उनकी चूत सह्लायी..भाभी भी मेरे
लंड को सहला रही थी.. एक घंटे के बाद फिरसे मेरा लंड खड़ा हुआ अब मैंने
भाभी को जगाने लगा.. वो जाग गई थोड़ी देर चुम्बन के बाद मैंने भाभी से
कहा..मेरा लंड चुसो न..उसने पहले मना किया फ़िर किस किया..मैंने भाभी को
कहा चाटो..उन्होंने चाटना शुरू किया मैंने कहा सुपाडे को मुह में
लो..,उसने कोशिश की..लेकिन पूरा नही ले पा रही थी....मैंने भाभी से कहा
तुम अपनी चूत मेरे मुँह के ऊपर रखो..वो दोनों पैर फैला के मेरे मुह पर
बैठ गई..मैंने उन्हें कहा मेरे लंड को झुक के मुँह में लो..उसने किया..और
इस तरह चूत चटवाते हुए क़रीब १२-१३ मिनिट में वो उह.. आह्ह..और जोर से
चाटो..जीभ मेरे अन्दर तक डाल दो..आह्ह..उनकी चूत से पानी निकल के मेरे
गले और चहरे पर बहने लगा था.. मै उनकी कुंवारी गांड के छेद को ऊँगली से
टटोल रहा था..और भाभी..आह्ह..मेरा होने वाला है..संजय..पूरी जीभ अन्दर
डालो..और भाभी ने चूत मेरे मुँह पर दबा दी और झटके मारने लगी..इस बार
उन्होंने अपने चूत के पानी से म???रा पूरा मुह भिगो दिया...और बदन ऐँठ कर
शांत हो गई.. थोड़ा चूसने के बाद मैंने भाभी को चार पाया बनाया और पिछे से
चूत में लंड डाला...इस बार क़रीब ३० मिनिट से ज्यादा मैंने भाभी को
चोदा..वो बिस्तर पर पेट के बल लेट गई..लेकिन मै चोदता रहा.. इस दौरान
भाभी और ३ बार झड़ी..फ़िर मै पीछे से ही भाभी की चूत में झड़ गया.. और
उनके पीठ के ऊपर लेट गया और सामने हाथ डाल कर चूची दबाता रहा. इस तरह आधा
घंटा सोने के बाद हम लोग फ़िर नंगे ही बाथरूम में गए ..तब सुबह के चार बज
रहे थे..बाथरूम में साफ होने के बाद वापस आके मैंने भाभी को नंगी ही पकड़
के .बहुत ...चूमा .. मम्मे दबाये..फ़िर वो अपने कपड़े पहन कर बेड रूम में
रमेश के पास चली गई.. अब तो मै भाभी को बहुत चोदता हू हपते में तीन चार
रात तो भाभी मेरे ही बिस्तर पर रात गुजारती है, और चुदाई का पूरा मज़ा
लेती है.. शायद इस बार भाभी गर्भवती है कह रही थी मासिक नही हुआ अभी
तक...ये बच्चा मेरा ही है.. Tags = Future | Money | Finance | Loans |
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