FUN-MAZA-MASTI
नौकरी हो तो ऐसी--16
गतान्क से आगे…………………………………….
मुझे रसोई घर की बात याद आई.. कंटॅकटर बाबू की आमो वाली बात…. कॉंट्रॅक्टर बाबू अपनी बहेन को कहते कहते कह गये कि दो दिन पहले ही आम खाए थे… क्या इसका मतलब कॉंट्रॅक्टर बाबू जो ताइजी के सगे भाई थे वो ताइजी की बुर चोदते थे…. इन सबका मुझे पता लगाना था… उन्होने रसोईघर मे सबके सामने जब यह बात कही थी तब वकील बाबू और रावसाब भी मुस्कुरा रहे थे इसका मतलब क्या ये तीनो भाई….???????????????
तभी ताइजी के पति दीवान से उठे और जाने लगे………..
ताइजी – इतनी रात गये कहाँ जा रहे हो…………….
ताइजी के पति – मैं ज़रा नीचे जाके सोने की कोशिश करता हू…………
ताइजी – क्यू क्या हुआ यहाँ…………….
ताइजी के पति – नही यहाँ मुझे नींद नही आ रही………..
ताइजी – अरे अच्छे ख़ासे तो सोए थे यहाँ……………..
ताइजी के पति – नही आँख खुल गयी फिरसे…. बहुत देर बाद लगी थी… मैं नीचे ही सोता हू
ताइजी – ठीक है….
मेरे मन मे आनंद की धाराए बहने लगी थी… ताइजी और मैं अकेले कमरे मे, इससे मुझे बुर चुदाई की आशा बढ़ती लग रही थी…….
10-15 मिनट तक जब कुछ हलचल नही दिखी तो मेरे लंड जी शांत हो गये और मुझे नींद भी आने लगी थी और मैं सो गया….
अचानक आधी रात को मुझे कुछ गिरने की आवाज़ सुनाई दी… मैने चादर मुँहसे हल्केसे हटा के देखा तो कमरे की छोटी बल्ब जल रही थी … मैने देखा कोई शीशी का ढक्कन उठा रहा था…. शरीर से देखा जाए तो वो कॉंट्रॅक्टर बाबू ही लग रहे थे… और उनके हाथ एक शीशी थी…..
शीशी पे कुछ नाम नही था पर शीशी से निकल रही गंध से ये ज़रूर पता चल रहा था कि गाव की हाथ भट्टी पे बनी कोई मस्त और महँगी दारू है….
कॉंट्रॅक्टर बाबू ने शीशी का ढक्कन मेज पे रख दिया… एक ग्लास उठाई और उसमे आधे से ज़्यादा दारू डाल दी और थोड़ा सा पानी डाला
वो ग्लास लेके वो ताइजी के दीवान के पास आए और उन्हे जगाने लगे…ताइजी आँखो को मसलते हुए उठी और बैठ गयी
ताइजी – ये क्या है….
कॉंट्रॅक्टर बाबू – ये वोही है जो तुम्हे बहुत पसंद है
ताइजी – अरे वाह…असलीवाली ताजी ताजी दारू…. मज़ा आएगा …
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हाँ मज़ा तो ज़रूर आएगा
ताइजी – हाँ पर मुझे एक ही ग्लास पीना है… मैं जब ज़्याता लेती हू तो मुझे तो सरदर्द होता है बहुत… मुझे दूसरे दिन पूरे अन्ग अन्ग मे दर्द होता है… चलने और उठने मे तकलीफ़ होती है…...तुम मुझे एक से ज़्यादा मत पीने देना
कॉंट्रॅक्टर बाबू – ठीक है.. ज़रूर ज़रूर
ताइजी – नही तो मेरे होश नही रहते और फिर तुम मेरे आम चुसते हो…
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हम बस आम चुसते है ताइजी… और कुछ नही करते
ताइजी – याद ही नही रहता एक बार जो मैं पी लेती हू
अब मेरे दिमाग़ मे बात जा रही थी के आमो के साथ ये भाई ताइजी का क्या क्या चुसते और चोदते थे…
उधर ताइजी के मुँह को कॉंट्रॅक्टर बाबू ने ग्लास लगाया… ताइजी ने 2-3 घूंठ पी लिए… कॉंट्रॅक्टर बाबू ताई जी से सटिककर बैठे थे. उनके हाथ ताइजी की चुचीयोको कोहनी से घिस रहे थे…5-10 मिनट बाद….. ताइजी ने और एक बार ग्लास को मुँह लगाया और 2-3 घूंठ पी गयी… उनपे उस गाव की दारू का नशा चढ़ते हुए दिख रहा था…
अब ताइजी ने फिरसे ग्लास को मुँह लगाया और गतगत सब दारू पी गयी… ग्लास खाली हो गया….
ताइजी – कितनी मस्त है ना ये दारू
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हाँ बहुत मस्त है… और चाहिए तुम्हे
ताइजी – हाँ चाहिए पर….
ताइजी की आँखे झपक रही थी दारू का असर उनके चेहरे पे सॉफ दिख रहा था वो अपना आधा अधिक होश खोनेके कगार पे थी…..दारू पीते हुए ताइजी के होठ और गुलाबी और मदभरे लग रहे थे अभी कॉंट्रॅक्टर बाबू ने ताइजी की चुचीयोको थोड़ा थोड़ा करके मसलना शुरू किया था…
कॉंट्रॅक्टर बाबू – पर वर कुछ नही ताइजी मैं दो शीशी लेके आया हू…
ताइजी – अरे वाआह… तो लाओ….
कॉंट्रॅक्टर बाबू की छाती पे गिरती हुई वो बोली, कॉंट्रॅक्टर बाबुने ताइजी को बिस्तर पे ठीक से बिठाया और ग्लास लेके मेज की तरफ गये…. ताइजी अभी काम की देवी लग रही थी…. वो मचलता बदन और हसीन और गरम हो गया था…
कॉंट्रॅक्टर बाबुने ग्लास भरा और इस बार उसमे बिल्कुल हल्कसा पानी मिलाया…. मैं दंग रह गया… खड़े खड़े ही ताइजी के मुँह को ग्लास लगा दिया, और एक ही झटके मे उन्होने पूरा पिला दिया…. ग्लास से दारू गिरती हुई ताइजी के ब्लाउस को गीला कर गयी….. उससे उनकी चुचिया गीली हुई और उस हल्केसे प्रकाश मे भी एक दम स्पष्ट दिखने लगी…..
ताइजी अभी लगभग पूरा होश गवाँ बैठी
ताइजी – और दो… और दो मुझे…. और
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हाँ हाँ ज़रूर…. ज़रूर
कॉंट्रॅक्टर बाबुने और एक ग्लास भरा और इस बार शीशी मे सब बची कूची दारू ग्लास मे डाल दी… पानी डालनेकी जगह ही नही थी ….ग्लास से उन्होने ताइजी के मुँह को लगाया… घ्घ्घ्गतक गतक गगग्गगातक करके ताइजी फिरसे एक ग्लास पी गयी
अब ताइजी को बिल्कुल भी होश नही था… इधर कॉंट्रॅक्टर बाबुने ग्लास को मेज पर रखा और दीवान पे बिस्तर पे मुन्दि डालके बैठ गये… जैसे कि ताइजी का शरीर मस्त फूला फला था वैसे ही कॉंट्रॅक्टर बाबू का शरीर भी था उन्होने ताइजी को अपनी तरफ खिचा और उठ कर छोटी बच्ची की तरह अपनी गोद मे बिठा लिया बस गोद मे बिठाते वक़्त ताइजी का मुँह अपने मुँह के तरफ कर लिया.
भाई की गोद मे बहेन…मेरा लंड तन के खड़ा हो गया…. मेरी हालत पतली होने लगी….
उधर कॉंट्रॅक्टर बाबू ने ताइजी के ब्लाउस के हुक निकाल दिए… ताइजी हल्की आवाज़ मे कुछ तो बड़बड़ा रही थी… कॉंट्रॅक्टर बाबुने ब्लाउस निकाल के फेंक दिया वो मेरे मुँह पे आके गिरा…. उसमे से दारू की गन्ध आ रही थी… उससे मैं रोमचित हो उठा
कॉंट्रॅक्टर बाबुने ताइजी की छाती मे चुचियो के बीच मे अपना मुँह दबाया और दोनो हाथो से चुचीयोको अपने मुँह पे दबाने लगे… ताइजी के मुँह से आअहह….अया… की आवाज़े आ रही थी…. उन्होने एक चुचिको मुँह मे पकड़ा और उसकी चूचुक(निपल) को कस के काटने लगे वैसेही ताइजी कराह उठी
पर कॉंट्रॅक्टर बाबू चुचि को काटते रहे…ताइजी कराह रही थी….. अब कॉंट्रॅक्टर बाबुने दोनो चुचियो को एक साथ किया और दोनोकी निपल्स को पकड़ के जोरोसे काटने लगे
ताइजी ज़ोर्से कराह उठी
कॉंट्रॅक्टर बाबू – चुप कर रंडी …. आवाज़ मत निकाल
ताइजी कुछ बोल नही पा रही थी…
कॉंट्रॅक्टर बाबू – मालूम है ना कौन है तू रंडी है तू …रंडी है रंडी…..
ये कह के उसने ताइजी को बिस्तर पर लिटा दिया और अपने कपड़े उतार दिए
कपड़े उतरते ही उसका वो बड़ा काला नाग दिखने लगा… ये मेरे नाग के जितना ही था
अब उन्होने ने ताइजी की सारी निकाल दी और उनका अंत्रावस्त्रा भी निकाल दिया….
अब ताइजी पूरी नंगी दीवान पे पड़ी … होश तो उनसे कोसो दूर जा चुका था
कॉंट्रॅक्टर बाबुने अपने नाग को पकड़ा और ताइजिको पलंग के ईक बाजू खिचा और झपाक करके अपने काले लंड को उसकी उस चिकनी बुर मे घुसा दिया
एक ही झटके मे पूरा लंड ताइजी की बुर के अंदर घुस गया… उसके मुँह से आअहह…. आअहह… की आवाज़ निकलने लगी … मिशनरी पोज़िशन मे कॉंट्रॅक्टर बाबू चोद रहे थे
उसकी गति अभी बढ़ गयी ..कमर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी ….. उन्होने दोनो आमोको अपने हाथो मे पकड़ लिया और ताइजी को पलंग से और बाहर खिचा और खड़े होके…. फिरसे उसकी बुर मे घुसाया.. और गति बढ़ा दी… गति बढ़ने से पचक पाचक आवाज़ आने लगी और पूरे कमरे मे घूमने लगी
ताइजी के मुँह से अब बड़ी ज़ोर्से आवाज़े निकलने लगी..उसने आमो को छोड़ के ताइजी के मुँह पे हाथ रखा और लंड को जोरोसे अंदर बाहर करने लगा…. उसका वो बड़ा लंड पूरा अंदर बाहर जा रहा था…. ताइजी के चूतर और दीवान ज़ोर के धक्को से बहुत ज़यादा हिल रहे थे ….
मुझे बस कॉंट्रॅक्टर बाबुकी कमर और नंगा च्यूट्र दिखाई दे रहा था….
उतने मे कॉंट्रॅक्टर बाबू चिल्लाया – वाह मेरी रंडी मेरी छिंनाल क्या चीज़ है तू वाह… और जोरोके धक्के मारने लगा
और उसके अगले पल वो ताइजी के उपर गिर पड़ा… उसने पूरा रस अंदर छोड़ दिया था और ताइजी की बुर पूरी खुली और सफेद सफेद रस से भर गयी… सफेद सफेद रस बाहर तक आ गया….
उधर कॉंट्रॅक्टर बाबुने अपने कपड़े पहने. ताइजी को 2-4 गालिया दी और उसी हालत मे छोड़ के कमरे से निकल गये
मेरा लंड पूरा तंबू बन गया था और इतना तन गया था कि क्या बोलू….. वैसे मेरे हाथ मे भी मौका था मैं भी इस बहती गंगा मे हाथ धो सकता था पर मैने परिस्तिथि का जायज़ा लेना चाहा… और वैसे ही पड़ा रहा….. ताइजी थोड़ी हिली और उसने अपने पैर पूरे खुले कर दिए इससे उनकी बुर और खुल गयी और वीर्य रस की गन्ध पूरे कमरे मे घूमने लगी…..
तभी दरवाजे पे आहट हुई मुझे पता था ज़रूर कोई ना कोई होगा…. जैसे ही वो अंदर आया मैने भाप लिया ये कोई दूसरा तीसरा कोई नही वकील बाबू है
वकील बाबू अंदर आके सीधे कपड़े उतारने लगे, कपड़े उतार के वो अपने लंड को हाथ मे लेके सहला के बड़ा करने लगे, दो मिनट मे उन्होने अपने नाग को बड़ा किया और सीधे ताइजी के आमो को चूसने लगे… दोनो आमो को हाथ मे पकड़ के ज़ोर्से रगड़ते थे, और मुँह मे भर के काट लेते, वकील बाबू की आँखे चमक रही थी उन्हे बड़ा मज़ा आ रहा था.....
ताइजी दारू की नशे मे कुछ तो बड़बड़ रही थी, उसपे वकील बाबू ने उसे रंडी…… कही की चुप रह साली कह के गाली दी. और अपनी दो उंगलिया ताइजी की बुर मे घुसा के हिलाने लगे, दोनो उंगलिया वीर्य से भर गयी जो कॉंट्रॅक्टर बाबू ने अपनी बहेन की चूत मे छोड़ा था, और आधा वीर्य बुर के आजूबाजू फैला हुआ था… वकील बाबू ने उंगलियाँ निकाल के ताइजी के मुँह मे घुसाई और “चाट साली चाट इसे रंडी….” कहके उसके मुँह मे उंगलिया घुसाने लगे…. सफेद रस से लथपथ उंगलिया ताइजी के कोमल होंठो पे नाच रही थी… ताइजी की कमर तक के बाल दीवान से नीचे तक आ चुके थे….
क्रमशः...................
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मुझे रसोई घर की बात याद आई.. कंटॅकटर बाबू की आमो वाली बात…. कॉंट्रॅक्टर बाबू अपनी बहेन को कहते कहते कह गये कि दो दिन पहले ही आम खाए थे… क्या इसका मतलब कॉंट्रॅक्टर बाबू जो ताइजी के सगे भाई थे वो ताइजी की बुर चोदते थे…. इन सबका मुझे पता लगाना था… उन्होने रसोईघर मे सबके सामने जब यह बात कही थी तब वकील बाबू और रावसाब भी मुस्कुरा रहे थे इसका मतलब क्या ये तीनो भाई….???????????????
तभी ताइजी के पति दीवान से उठे और जाने लगे………..
ताइजी – इतनी रात गये कहाँ जा रहे हो…………….
ताइजी के पति – मैं ज़रा नीचे जाके सोने की कोशिश करता हू…………
ताइजी – क्यू क्या हुआ यहाँ…………….
ताइजी के पति – नही यहाँ मुझे नींद नही आ रही………..
ताइजी – अरे अच्छे ख़ासे तो सोए थे यहाँ……………..
ताइजी के पति – नही आँख खुल गयी फिरसे…. बहुत देर बाद लगी थी… मैं नीचे ही सोता हू
ताइजी – ठीक है….
मेरे मन मे आनंद की धाराए बहने लगी थी… ताइजी और मैं अकेले कमरे मे, इससे मुझे बुर चुदाई की आशा बढ़ती लग रही थी…….
10-15 मिनट तक जब कुछ हलचल नही दिखी तो मेरे लंड जी शांत हो गये और मुझे नींद भी आने लगी थी और मैं सो गया….
अचानक आधी रात को मुझे कुछ गिरने की आवाज़ सुनाई दी… मैने चादर मुँहसे हल्केसे हटा के देखा तो कमरे की छोटी बल्ब जल रही थी … मैने देखा कोई शीशी का ढक्कन उठा रहा था…. शरीर से देखा जाए तो वो कॉंट्रॅक्टर बाबू ही लग रहे थे… और उनके हाथ एक शीशी थी…..
शीशी पे कुछ नाम नही था पर शीशी से निकल रही गंध से ये ज़रूर पता चल रहा था कि गाव की हाथ भट्टी पे बनी कोई मस्त और महँगी दारू है….
कॉंट्रॅक्टर बाबू ने शीशी का ढक्कन मेज पे रख दिया… एक ग्लास उठाई और उसमे आधे से ज़्यादा दारू डाल दी और थोड़ा सा पानी डाला
वो ग्लास लेके वो ताइजी के दीवान के पास आए और उन्हे जगाने लगे…ताइजी आँखो को मसलते हुए उठी और बैठ गयी
ताइजी – ये क्या है….
कॉंट्रॅक्टर बाबू – ये वोही है जो तुम्हे बहुत पसंद है
ताइजी – अरे वाह…असलीवाली ताजी ताजी दारू…. मज़ा आएगा …
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हाँ मज़ा तो ज़रूर आएगा
ताइजी – हाँ पर मुझे एक ही ग्लास पीना है… मैं जब ज़्याता लेती हू तो मुझे तो सरदर्द होता है बहुत… मुझे दूसरे दिन पूरे अन्ग अन्ग मे दर्द होता है… चलने और उठने मे तकलीफ़ होती है…...तुम मुझे एक से ज़्यादा मत पीने देना
कॉंट्रॅक्टर बाबू – ठीक है.. ज़रूर ज़रूर
ताइजी – नही तो मेरे होश नही रहते और फिर तुम मेरे आम चुसते हो…
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हम बस आम चुसते है ताइजी… और कुछ नही करते
ताइजी – याद ही नही रहता एक बार जो मैं पी लेती हू
अब मेरे दिमाग़ मे बात जा रही थी के आमो के साथ ये भाई ताइजी का क्या क्या चुसते और चोदते थे…
उधर ताइजी के मुँह को कॉंट्रॅक्टर बाबू ने ग्लास लगाया… ताइजी ने 2-3 घूंठ पी लिए… कॉंट्रॅक्टर बाबू ताई जी से सटिककर बैठे थे. उनके हाथ ताइजी की चुचीयोको कोहनी से घिस रहे थे…5-10 मिनट बाद….. ताइजी ने और एक बार ग्लास को मुँह लगाया और 2-3 घूंठ पी गयी… उनपे उस गाव की दारू का नशा चढ़ते हुए दिख रहा था…
अब ताइजी ने फिरसे ग्लास को मुँह लगाया और गतगत सब दारू पी गयी… ग्लास खाली हो गया….
ताइजी – कितनी मस्त है ना ये दारू
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हाँ बहुत मस्त है… और चाहिए तुम्हे
ताइजी – हाँ चाहिए पर….
ताइजी की आँखे झपक रही थी दारू का असर उनके चेहरे पे सॉफ दिख रहा था वो अपना आधा अधिक होश खोनेके कगार पे थी…..दारू पीते हुए ताइजी के होठ और गुलाबी और मदभरे लग रहे थे अभी कॉंट्रॅक्टर बाबू ने ताइजी की चुचीयोको थोड़ा थोड़ा करके मसलना शुरू किया था…
कॉंट्रॅक्टर बाबू – पर वर कुछ नही ताइजी मैं दो शीशी लेके आया हू…
ताइजी – अरे वाआह… तो लाओ….
कॉंट्रॅक्टर बाबू की छाती पे गिरती हुई वो बोली, कॉंट्रॅक्टर बाबुने ताइजी को बिस्तर पे ठीक से बिठाया और ग्लास लेके मेज की तरफ गये…. ताइजी अभी काम की देवी लग रही थी…. वो मचलता बदन और हसीन और गरम हो गया था…
कॉंट्रॅक्टर बाबुने ग्लास भरा और इस बार उसमे बिल्कुल हल्कसा पानी मिलाया…. मैं दंग रह गया… खड़े खड़े ही ताइजी के मुँह को ग्लास लगा दिया, और एक ही झटके मे उन्होने पूरा पिला दिया…. ग्लास से दारू गिरती हुई ताइजी के ब्लाउस को गीला कर गयी….. उससे उनकी चुचिया गीली हुई और उस हल्केसे प्रकाश मे भी एक दम स्पष्ट दिखने लगी…..
ताइजी अभी लगभग पूरा होश गवाँ बैठी
ताइजी – और दो… और दो मुझे…. और
कॉंट्रॅक्टर बाबू – हाँ हाँ ज़रूर…. ज़रूर
कॉंट्रॅक्टर बाबुने और एक ग्लास भरा और इस बार शीशी मे सब बची कूची दारू ग्लास मे डाल दी… पानी डालनेकी जगह ही नही थी ….ग्लास से उन्होने ताइजी के मुँह को लगाया… घ्घ्घ्गतक गतक गगग्गगातक करके ताइजी फिरसे एक ग्लास पी गयी
अब ताइजी को बिल्कुल भी होश नही था… इधर कॉंट्रॅक्टर बाबुने ग्लास को मेज पर रखा और दीवान पे बिस्तर पे मुन्दि डालके बैठ गये… जैसे कि ताइजी का शरीर मस्त फूला फला था वैसे ही कॉंट्रॅक्टर बाबू का शरीर भी था उन्होने ताइजी को अपनी तरफ खिचा और उठ कर छोटी बच्ची की तरह अपनी गोद मे बिठा लिया बस गोद मे बिठाते वक़्त ताइजी का मुँह अपने मुँह के तरफ कर लिया.
भाई की गोद मे बहेन…मेरा लंड तन के खड़ा हो गया…. मेरी हालत पतली होने लगी….
उधर कॉंट्रॅक्टर बाबू ने ताइजी के ब्लाउस के हुक निकाल दिए… ताइजी हल्की आवाज़ मे कुछ तो बड़बड़ा रही थी… कॉंट्रॅक्टर बाबुने ब्लाउस निकाल के फेंक दिया वो मेरे मुँह पे आके गिरा…. उसमे से दारू की गन्ध आ रही थी… उससे मैं रोमचित हो उठा
कॉंट्रॅक्टर बाबुने ताइजी की छाती मे चुचियो के बीच मे अपना मुँह दबाया और दोनो हाथो से चुचीयोको अपने मुँह पे दबाने लगे… ताइजी के मुँह से आअहह….अया… की आवाज़े आ रही थी…. उन्होने एक चुचिको मुँह मे पकड़ा और उसकी चूचुक(निपल) को कस के काटने लगे वैसेही ताइजी कराह उठी
पर कॉंट्रॅक्टर बाबू चुचि को काटते रहे…ताइजी कराह रही थी….. अब कॉंट्रॅक्टर बाबुने दोनो चुचियो को एक साथ किया और दोनोकी निपल्स को पकड़ के जोरोसे काटने लगे
ताइजी ज़ोर्से कराह उठी
कॉंट्रॅक्टर बाबू – चुप कर रंडी …. आवाज़ मत निकाल
ताइजी कुछ बोल नही पा रही थी…
कॉंट्रॅक्टर बाबू – मालूम है ना कौन है तू रंडी है तू …रंडी है रंडी…..
ये कह के उसने ताइजी को बिस्तर पर लिटा दिया और अपने कपड़े उतार दिए
कपड़े उतरते ही उसका वो बड़ा काला नाग दिखने लगा… ये मेरे नाग के जितना ही था
अब उन्होने ने ताइजी की सारी निकाल दी और उनका अंत्रावस्त्रा भी निकाल दिया….
अब ताइजी पूरी नंगी दीवान पे पड़ी … होश तो उनसे कोसो दूर जा चुका था
कॉंट्रॅक्टर बाबुने अपने नाग को पकड़ा और ताइजिको पलंग के ईक बाजू खिचा और झपाक करके अपने काले लंड को उसकी उस चिकनी बुर मे घुसा दिया
एक ही झटके मे पूरा लंड ताइजी की बुर के अंदर घुस गया… उसके मुँह से आअहह…. आअहह… की आवाज़ निकलने लगी … मिशनरी पोज़िशन मे कॉंट्रॅक्टर बाबू चोद रहे थे
उसकी गति अभी बढ़ गयी ..कमर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी ….. उन्होने दोनो आमोको अपने हाथो मे पकड़ लिया और ताइजी को पलंग से और बाहर खिचा और खड़े होके…. फिरसे उसकी बुर मे घुसाया.. और गति बढ़ा दी… गति बढ़ने से पचक पाचक आवाज़ आने लगी और पूरे कमरे मे घूमने लगी
ताइजी के मुँह से अब बड़ी ज़ोर्से आवाज़े निकलने लगी..उसने आमो को छोड़ के ताइजी के मुँह पे हाथ रखा और लंड को जोरोसे अंदर बाहर करने लगा…. उसका वो बड़ा लंड पूरा अंदर बाहर जा रहा था…. ताइजी के चूतर और दीवान ज़ोर के धक्को से बहुत ज़यादा हिल रहे थे ….
मुझे बस कॉंट्रॅक्टर बाबुकी कमर और नंगा च्यूट्र दिखाई दे रहा था….
उतने मे कॉंट्रॅक्टर बाबू चिल्लाया – वाह मेरी रंडी मेरी छिंनाल क्या चीज़ है तू वाह… और जोरोके धक्के मारने लगा
और उसके अगले पल वो ताइजी के उपर गिर पड़ा… उसने पूरा रस अंदर छोड़ दिया था और ताइजी की बुर पूरी खुली और सफेद सफेद रस से भर गयी… सफेद सफेद रस बाहर तक आ गया….
उधर कॉंट्रॅक्टर बाबुने अपने कपड़े पहने. ताइजी को 2-4 गालिया दी और उसी हालत मे छोड़ के कमरे से निकल गये
मेरा लंड पूरा तंबू बन गया था और इतना तन गया था कि क्या बोलू….. वैसे मेरे हाथ मे भी मौका था मैं भी इस बहती गंगा मे हाथ धो सकता था पर मैने परिस्तिथि का जायज़ा लेना चाहा… और वैसे ही पड़ा रहा….. ताइजी थोड़ी हिली और उसने अपने पैर पूरे खुले कर दिए इससे उनकी बुर और खुल गयी और वीर्य रस की गन्ध पूरे कमरे मे घूमने लगी…..
तभी दरवाजे पे आहट हुई मुझे पता था ज़रूर कोई ना कोई होगा…. जैसे ही वो अंदर आया मैने भाप लिया ये कोई दूसरा तीसरा कोई नही वकील बाबू है
वकील बाबू अंदर आके सीधे कपड़े उतारने लगे, कपड़े उतार के वो अपने लंड को हाथ मे लेके सहला के बड़ा करने लगे, दो मिनट मे उन्होने अपने नाग को बड़ा किया और सीधे ताइजी के आमो को चूसने लगे… दोनो आमो को हाथ मे पकड़ के ज़ोर्से रगड़ते थे, और मुँह मे भर के काट लेते, वकील बाबू की आँखे चमक रही थी उन्हे बड़ा मज़ा आ रहा था.....
ताइजी दारू की नशे मे कुछ तो बड़बड़ रही थी, उसपे वकील बाबू ने उसे रंडी…… कही की चुप रह साली कह के गाली दी. और अपनी दो उंगलिया ताइजी की बुर मे घुसा के हिलाने लगे, दोनो उंगलिया वीर्य से भर गयी जो कॉंट्रॅक्टर बाबू ने अपनी बहेन की चूत मे छोड़ा था, और आधा वीर्य बुर के आजूबाजू फैला हुआ था… वकील बाबू ने उंगलियाँ निकाल के ताइजी के मुँह मे घुसाई और “चाट साली चाट इसे रंडी….” कहके उसके मुँह मे उंगलिया घुसाने लगे…. सफेद रस से लथपथ उंगलिया ताइजी के कोमल होंठो पे नाच रही थी… ताइजी की कमर तक के बाल दीवान से नीचे तक आ चुके थे….
क्रमशः...................
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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