FUN-MAZA-MASTI
रोज की तरह सुबह-सुबह आज भी शालिनी जल्दी मे थी। साढे आठ बज चुके थे। उसके पति गौतम के ऑफिस जाने का टाइम हो चुका था। शलिनी ने जल्दी-जल्दी टिफिन पैक कर गौतम को थमाया। गौतम ने टिफिन ले के शालिनी को किस कर लिया। "हटो जी, बीस साल हो गये शादी के अभीतक बदमाशी नही गई" शालिनी शरमा गई। "ओके डार्लिंग, बाय" कह गौतम ऑफिस चला गया। शालिनी ने मुस्कुरा के दरवाजा बंद किया और बाकी कामों मे लग गई।
शालिनी, ४६ साल की एक खूबसूरत दूधिया गोरे, ५ फीट ३ इंच लंबे, कसे और सुडौल बदन की स्वामिनी। उसकी शादी २६ साल की उम्र मे गौतम से हुई थी। उनका १९ साल का बेटा राजीव बंगलोर मे इमजिनियरिंग की पढाई करता था और अभी वही था। शालिनी ने खुद के फिगर को कभी बिगडने नही दिया। वो रोज जिम जाती थी।उसके बाल इस उम्र मे भी बेहद घने और काले थे। उसके बूब्स बड़े-बड़े और तने थे। उसकी गाँड़ भी बड़ी और मस्त थी। उसके चलते समय उसकी गाँड़ बड़ी मस्ती से झूमती थी।
आज गौतम के ऑफिस जाने के बाद शालिनी ने बचा काम निपटाया और नहाने की तैयारी करने लगी।
"भोला, मै नहाने जा रही हूँ। तुम घर मे पोछा लगा देना" उसने अपने घरेलू नौकर भोला से कहा। भोला, शालिनी के यहाँ दो साल से काम कर रहा था। उसकी उम्र १८ साल थी। वो दूर किसी गाँव का रहनेवाला था। उसका कद ५ फीट और रंग काला था। लेकिन शरीर से बेहद तगडा और मजबूत था।
"जी मेमसाब" भोला तुरंत काम मे लग गया।
शालिनी बाथरूम मे गई और नहाने की तैयारी करने लगी। बाथरूम के दरवाजे की कुंडी कुछ दिनो से खराब थी। दरवाजा बंद नही हो पा रहा था। सो उसने दरवाजे को सिर्फ चौखट से सटा दिया और अपना काम करने लगी। उसने पहले रखे हुए कपडो को धोया फिर अपने भी सारे कपडे उतार के उन्हे धोया, फिर झरना चला के नहाने लगी। पहले उसने बालो मे शैम्पू किया, फिर अपने सारे शरीर पे मँहगा खुशबूदार साबुन लगाया। फिर जब वो झरने के नीचे खडी अपने बदन को धो चुकी तो उसने जैसे ही तौलिया लेने के लिए हाथ बढाया तो उसकी नजर अचानक दरवाजे पे गई। वहाँ का नजारा देख वो काँप उठी। दरवाजा खुला था और भोला वहाँ अपने एक हमउम्र दोस्त के साथ खडा उसके नंगे, भीगे बदन को भूखे कुत्ते की तरह निहार रहा था। शालिनी अपने कपडो की ओर लपकी लेकिन उनदोनो ने अंदर आ के उसे पकड लिया और उसी स्थिति में बाहर खीचने लगे।
शालिनी चिल्लाई "भोला, तुम्हारी ये हिम्मत, छोडो मुझे। मै अभी पुलिस को फोन करती हूँ"
भोला शलिनी के भीगे बूब्स मसलता हुआ गुर्राया " साली, रोज तुझे देख के लंड खडा होता है, बडी गाँड़ मटकाती चलती है, आज सारी गरमी निकाल देगे मादरचोद"
शालिनी सन्न रह गई। उसके बेटे से भी उम्र मे छोटा भोला उससे ऐसे बात कर रहा था। वो छूटने के लिए छटपटाने लगी। लेकिन दोनो लडके नौजवान और मजबूत थे। उनकी पकड टाइट थी। वो खीचते हुए शालिनी को उसके बेडरूम मे ले आये।
"साली, अपने मर्द से इसी बिस्तर पे गाँड़ खोलके चुदाती है ना, रोज खिडकी से देखता हूँ साली के नंगे बदन को। खूब मजे से चुदती है रंडिया। आज इसी बिस्तर पे अपनी रसीली गाँड हमे भी चटा दे" भोला बडी बेशर्मी से बोला।
शालिनी की आँखो से आँसू बह निकले। वो चिल्लाने लगी "बचाओ, बचाओ"
"हाँ हाँ चिल्ला बेटीचोदवाली, देखते है तेरी चूत बचाने कौन आता है साली गरम रंडी। कलुआ, पकड साली को, मै अपने कपडे उतारता हूँ" भोला पागल हो चुका था। कलुआ ने शालिनी को अपनी मजबूत बाँहो मे जकडा और देखते-देखते भोला नंगा हो गया। फिर भोला ने शालिनि को दबोचा और कलुआ नंगा हो गया। शालिनी तो पहले से ही नंगी और पूरी गीली थी। उनदोनो ने शालिनी को बिस्तर पे पटका और उसे भंभोडने लगे।
"आआआअहहहहहहहअअअअअहहहहहहहहहह" शालिनी चीखने लगी। उसकी चीखो को सुनके दोनो और मस्ती मे आ गये। कलुआ जो कि १७ साल का आवारा लडका था, उठा और कमरे मे पडी नाइलॉन की रस्सी उठा लाया। दोनो ने शालिनी के दोनो हाथो और पैरो को फैला के पलंग के चारो कोनो से बाँध दिया। अब शालिनी का नंगा, भीगा बदन अंग्रेजी के X आकार मे पलंग से बँधा था। वो लगातार रोये जा रही थी और छोड देने की विनती किये जा रही थी।
"भोला, तुम मेरे बेटे से भी छोटे हो, देखो मुझे छोड दो, मै तुम्हे माफ कर दूँगी भोला। मुझे गंदा मत करो। ये पाप है। मै बर्बाद हो जाऊँगी" शालिनी रोते हुए गिडगिडा रही थी।
"चुप मस्त गाँड़वाली, पूरा लंड खड़ा करा के कहती है कि छोड दो। फट जाएगा मेरा लंड कि नही और हाँ मुझे अपने बेटे से मत मिला। मै मादरचोद भी हूँ, साली चूतवाली गुंडी" भोला आज पूरा बेशर्म हो चुका था।
दोनो ने शलिनी के सुंदर जिस्म को चूमना, चाटना, सहलाना, नोचना शुरु कर दिया। शलिनी "नही नही" चिल्लाए जा रही थी लेकिन वो नही रुके। भोला ने अपना तना बडा लंड शालिनी की चूत पे रखा और उसके बुब्स पकड के एक जोर का धक्का मारा। "आआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी चीखी।
"साली रंडी, पूरा लौंडा जन्म गया चूत से, अभी आह उह बाकी ही है बेटीचोदवाली, और ले" कहके भोला ने और जोर से धक्का मारा और उसका लंड आधा अंदर चला गया। भोला का लंड सचमुच काफी बडा था, लगभग १० इंच लंबा और ३ इंच मोटा। शालिनी के पति का लंड ६ इंच ही लंबा और डेढ-दो इंच ही मोटा था। इसलिए शालिनी को काफी तकलीफ हो रही थी। भोला जोश मे धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। शालिनी दर्द से तडप रही थी। उधर कलुआ उसके चेहरे को मसले जा रहा था। वो कभी उसके बाल खीचता, कभी गाल नोचता, कभी नाक दबा देता, कभी आँखो को मलता। शालिनी को बहुत तकलीफ हो रही थी। नीचे भोला के धक्के और उपर कलुआ की मनमानी, शालिनी बेबसी और दर्द से रोए जा रही थी। तभी भोला ने शालिनी की चूत लेते-लेते अपने दोनो हाथ शालिनी के गोरे, सुंदर पेटपर रखे और अपना सारा वजन दे-दे के उसके पेट को दबाने लगा।
"आआआआहहहहहहहहहह क्या कर रहा है भोला" शालिनी तेज दर्द मे भी भोला को गाली नही दे रही थी क्योकि वो संभ्रांत घर से थी और उसे गालियो की आदत ही नही थी। लेकिन भोला नही रुका। वो उसी तरह शालिनी के पेट को मसलता गया, मसलता गया और अचानक ही शालिनी के मुँह से आवाज आई "औऔऔऔओओओओ" और वो उल्टी करने लगी। शालिनी ने घंटेभर पहले ही नाश्ता किया था जो कि उसके पेटपर पडनेवाले लगातार हमले सह न सका और उल्टी के रूप मे बाहर आ गया। उल्टी शालिनी के चेहरे और बिस्तर-तकिए सब पे फैल गयी। कलुआ ने देखा तो जल्दी से झुक के शालिनी के चेहरे पे फैली उल्टी को चाटने लगा और पलभर मे सारा चाट गया। शालिनी की हालत अब खराब हो रही थी। नीचे भोला अब झडनेवाला था। उसने अचानक अपनी दो उँगलियाँ शलिनी की नाभि मे डाली और पूरा वजन दे के दबाया।
"आआआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी दर्द से बिलबिला उठी।
"आआआहहहहहहहह मै आ गया रे रंडिया" कह के भोला भी शालिनी की चूत मे झडते हुए फच फच धक्के मारने लगा।
"नही नही नही आँआँहाहाहाहा हा हा आँआँहाहाहाहा हा हा" शालिनी अपना सिर हिलाते हुए फूट-फूट के रोने लगी। भोला हाँफते हुए शालिनी पे लेट गया और अपनी साँसे सँभालते हुए शालिनी के बालों मे लगी उल्टी को चाटने लगा। थोडी देर बाद वो उठा तो कलुआ ने उसकी जगह ले ली। उसने पहले शालिनी की चूत मे उँगली डाल के भोला का थोडा सा वीर्य लिया और शालिनी के रोते मुँह में चटाया।
"ले चाट साली, अपने जवान यार का रस हा हा हा हा" कलुआ बोला।
शालिनी का मन घिन से भर गया। उसने कभी सोचा भी नही था कि गंदे, काले भोला का वीर्य उसके मुँह मे जाएगा। उसे फिर उल्टी आ गई "औऔऔऔऔऔओओओओ"। भोला और कलुआ ने इसबार भी सब चाट लिया। कलुआ ने बेबस, बँधी शालिनी के भोला से बलत्कृत जिस्म से खेलना शुरु कर दिया।
"अब तो छोड दो। जो करना था वो तो कर चुके आहाहाहाहा हा हा" शालिनी फिर फूट-फूट के रोने लगी।
"लो, अभी से ये हाल है, रे भोला, तूने तो कहा था कि तेरी मालकिन बडी चुदासी है। ये साली तो अभी से ना ना के टमटम पे बैठ गई" कलुआ शालिनी की चूत मसलते हुए बोला।
"अरे साली बडी कंजूस है यार। इसे हम गरीबो को कुछ देने का मन ही नही करता हा हा हा हा। इससे छीनना पडेगा" भोला शालिनी की गोरी बाँहो को सहलाता हुआ बोला।
"छीनेगे तो ऐसा कि जिदगी भर के लिए कंगाल हो जाएगी गोरी चमडीवाली रंडी" कहके भोला ने शालिनी की जाँघो पे कस के चिकोटी काटी।
"आआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी चीख पडी।
अब कलुआ से रहा नही गया। वो शालिनी पर लेटा और उसे प्यार करते हुए उसकी चूत मे अपना १२ इंच का लंड एक झटके मे पेल दिया।
"आआआआआहहहहहहहहह" शालिनी को कलुआ का लंड अपनी बच्चेदानी से टकराता प्रतीत हुआ।
"अरे भोला, साली की बच्चेदानी को ठोक दिया रे मैने" कलुआ को भी इस बात का एहसास हो गया। "इस साली के लौंडे के कमरे मे एक बार चला गया था तो साला कहता था कि गंदा कर दिया, ले मादरचोद तू जहाँ पैदा होने से पहले रहता था मै वहाँ भी पहुँच गया रे" कलुआ बोले जा रहा था। उसके बदसूरत काले चेहरे पे विजयी भाव थे। उसने शालिनी के पूरे बदन को अपने आगोश मे लिया और उसे ठोकने लगा। शालिनी को उसका हर धक्का अपनी बच्चेदानी पे महसूस हो रहा था। वो दर्द और अपमान से बिलख रही थी। कलुआ उसके रोने की आवाजो से और मजे मे आ रहा था। उसने शालिनी के गले को पागलो की तरह चूमना शुरु कर दिया। उसका शरीर शालिनी के पूरे शरीर को मसल रहा था। कलुआ लंबाई मे शालिनी से ४ इंच छोटा था सो उसका सिर शालिनी के गले तक ही आ पा रहा था। कलुआ ने शालिनी की काँखो से सारा पसीना चाटा, वहाँ से कई बाल भी तोडे जिससे शालिनी का दर्द दूना-चौगुना हो गया। उसकी चीखे और दर्दनाक हो गई। कलुआ ने शालिनी के सारे सीने और पेट को चाट-चाट के अपने थूक से गीला कर दिया। नीचे उसके धक्के अब वहशियाना होते जा रहे थे। उसकी शालिनी के बेटे से जो एकबार कहासुनी हो गई थी उसका सारा बदला वो आज उसकी माँ के जिस्म से ले रहा था। उसकी चुदाई भोला से भी ज्यादा तेज और बेशर्म थी। अचानक कलुआ ने हाथ नीचे किया और शालिनी की क्लाइटोरिस को मसलना शुरु कर दिया।
"आआआआआ सी सी सी सी सी सी सी सी सी" शालिनी सिहरने लगी।
"साली, तुझे आज मेरे लिए झडना पडेगा वरना तेरे चेहरे पे तेजाब डाल दूँगा अभी" कलुआ उस ठोकता हुआ बोला। शालिनी ये सुन के अंदर तक काँप गई। एक गली का आवारा लडका को उम्र मे उसके बेटे से भी छोटा था, उसे उसके लिए झडना पडेगा। वो और बिलखने लगी "देखो, तुमलोग मेरे साथ पूरी मनमानी कर रहे हो। मुझे और जलील मत करो"।
"साली आज तेरा चेहरा लगता है जलेगा तेजाब से, भोला निकाल वो शीशी" कलुआ भोला से बोला। भोला पूरी तैयारी से आया था। उसने अपनी जमीन पे पडी निकर उठाई और उसमे से तेजाब की शीशी निकाली। शालिनी का कलेजा मुँह को आ गया। वो चिल्लाई "रुक जाओ, रुक जाओ, मै वही करुँगी जो तुम कहोगे" कह के वो अपनी दोनो आँखे बंद करके रोने लगी।
"अब चल साली, मजे ले चुदाई के" कलुआ उसे चोदते हुए बोला। बेचारी मजबूर शालिनी ने अपना ध्यान अपने बलात्कार से हटा के अपनी चूत मे दौडते लंड पे लगाया। कलुआ के लंड ने शालिनी की चूत मे बवाम मचा रखा था। अचानक उसने फिर से शालिनी की क्लाइटोरिस को मसलना शुरु कर दिया। शालिनी को फिर सिहरन होने लगी और उसने अपना पूरा ध्यान उस सिहरन पे लगा लिया। अचानक २-३ मिनटो मे ही शालिनी को चूत मे थरथराहट महसूस हुई और उसकी चूत ने कलुआ के लंड को कई झटको मे अपने रस से नहला दिया।
"आआआआहहहहहहह नही नही नही" शालिनी अंदर से टूट चुकी थी। एक आवारा लडके के लंड पे उसका रस गिरेगा ये उसने सपने मे भी नही सोचा था। उसकी रुलाई मे अब दद कम दुख ज्यादा था। वही कलुआ ने तो जैसे जंग जीत ली। वो मजे से बौरा गया। झड गयी मादरचोदे राजीव की माँ मेरे लंड पे याहाहाहाहाहाहा" उसका वहशीपन और बढ गया। उसके धक्के बेतहाशा हो गये। शालिनी समझ गई कि अब कलुआ झडेगा। उसने आँखे बंद करली और उसके पानी का इंतजार करने लगी।
"आँखे खोल के हँसते हुए मेरा पानी ले रंडिया वरना मै बार-बार नही छोडूगा" कलुआ पागलो की तरह चिल्लाया। बेचारी शालिनी ने अपने दुख से भरे चेहरे पे बडी मुश्किल से नकली मुस्कान थोपी और कलुआ को देखने लगी।
"आआआआआहहहहहहहहहहहहहहहह ले रे राजीव तेरे जनम से पहले के कमरे मे मेरा पानी गया रे रंडीबाज आआआआआआआआआ" कहते हुए कलुआ का लंड भयानक धक्को से अपना पानी शालिनी की बच्चेदानी मे भरने लगा। हर बूँद अंदर ही निचोड के कलुआ शालिनी के थके जिस्म पे ढेर हो गया। शालिनी बिलख-बिलख के रोने लगी "गौतम आँआँहाहाहाहाहा मै बर्बाद हो गई आँआँहाहाहाहाहा, मै अब जीना नही चाहती, मै अब तुम्हारे लायक नही रही जान आआहाहाहाहाहा, बेटा राजीव तेरी माँ गईईईईईईईई अब आँआँहाहाहाहाहा"। वो मानसिक रूप से पूरा टूट चुकी थी। शालिनी के दुख से बेपरवाह कलुआ अपनी साँसे सँभाल के उसपे से उठा और बाथरूम मे मूतने चला गया। पीछे से भोला भी बाथरूम की ओर बढ गया। इधर शालिनी बिस्तर पे बँधी पडी अपने और उनदोनो आवारा लडको के पसीने और उनके वीर्य से लथपथ लगातार रो रही थी। (क्रमशः)
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शालिनी का बलात्कार-1
रोज की तरह सुबह-सुबह आज भी शालिनी जल्दी मे थी। साढे आठ बज चुके थे। उसके पति गौतम के ऑफिस जाने का टाइम हो चुका था। शलिनी ने जल्दी-जल्दी टिफिन पैक कर गौतम को थमाया। गौतम ने टिफिन ले के शालिनी को किस कर लिया। "हटो जी, बीस साल हो गये शादी के अभीतक बदमाशी नही गई" शालिनी शरमा गई। "ओके डार्लिंग, बाय" कह गौतम ऑफिस चला गया। शालिनी ने मुस्कुरा के दरवाजा बंद किया और बाकी कामों मे लग गई।
शालिनी, ४६ साल की एक खूबसूरत दूधिया गोरे, ५ फीट ३ इंच लंबे, कसे और सुडौल बदन की स्वामिनी। उसकी शादी २६ साल की उम्र मे गौतम से हुई थी। उनका १९ साल का बेटा राजीव बंगलोर मे इमजिनियरिंग की पढाई करता था और अभी वही था। शालिनी ने खुद के फिगर को कभी बिगडने नही दिया। वो रोज जिम जाती थी।उसके बाल इस उम्र मे भी बेहद घने और काले थे। उसके बूब्स बड़े-बड़े और तने थे। उसकी गाँड़ भी बड़ी और मस्त थी। उसके चलते समय उसकी गाँड़ बड़ी मस्ती से झूमती थी।
आज गौतम के ऑफिस जाने के बाद शालिनी ने बचा काम निपटाया और नहाने की तैयारी करने लगी।
"भोला, मै नहाने जा रही हूँ। तुम घर मे पोछा लगा देना" उसने अपने घरेलू नौकर भोला से कहा। भोला, शालिनी के यहाँ दो साल से काम कर रहा था। उसकी उम्र १८ साल थी। वो दूर किसी गाँव का रहनेवाला था। उसका कद ५ फीट और रंग काला था। लेकिन शरीर से बेहद तगडा और मजबूत था।
"जी मेमसाब" भोला तुरंत काम मे लग गया।
शालिनी बाथरूम मे गई और नहाने की तैयारी करने लगी। बाथरूम के दरवाजे की कुंडी कुछ दिनो से खराब थी। दरवाजा बंद नही हो पा रहा था। सो उसने दरवाजे को सिर्फ चौखट से सटा दिया और अपना काम करने लगी। उसने पहले रखे हुए कपडो को धोया फिर अपने भी सारे कपडे उतार के उन्हे धोया, फिर झरना चला के नहाने लगी। पहले उसने बालो मे शैम्पू किया, फिर अपने सारे शरीर पे मँहगा खुशबूदार साबुन लगाया। फिर जब वो झरने के नीचे खडी अपने बदन को धो चुकी तो उसने जैसे ही तौलिया लेने के लिए हाथ बढाया तो उसकी नजर अचानक दरवाजे पे गई। वहाँ का नजारा देख वो काँप उठी। दरवाजा खुला था और भोला वहाँ अपने एक हमउम्र दोस्त के साथ खडा उसके नंगे, भीगे बदन को भूखे कुत्ते की तरह निहार रहा था। शालिनी अपने कपडो की ओर लपकी लेकिन उनदोनो ने अंदर आ के उसे पकड लिया और उसी स्थिति में बाहर खीचने लगे।
शालिनी चिल्लाई "भोला, तुम्हारी ये हिम्मत, छोडो मुझे। मै अभी पुलिस को फोन करती हूँ"
भोला शलिनी के भीगे बूब्स मसलता हुआ गुर्राया " साली, रोज तुझे देख के लंड खडा होता है, बडी गाँड़ मटकाती चलती है, आज सारी गरमी निकाल देगे मादरचोद"
शालिनी सन्न रह गई। उसके बेटे से भी उम्र मे छोटा भोला उससे ऐसे बात कर रहा था। वो छूटने के लिए छटपटाने लगी। लेकिन दोनो लडके नौजवान और मजबूत थे। उनकी पकड टाइट थी। वो खीचते हुए शालिनी को उसके बेडरूम मे ले आये।
"साली, अपने मर्द से इसी बिस्तर पे गाँड़ खोलके चुदाती है ना, रोज खिडकी से देखता हूँ साली के नंगे बदन को। खूब मजे से चुदती है रंडिया। आज इसी बिस्तर पे अपनी रसीली गाँड हमे भी चटा दे" भोला बडी बेशर्मी से बोला।
शालिनी की आँखो से आँसू बह निकले। वो चिल्लाने लगी "बचाओ, बचाओ"
"हाँ हाँ चिल्ला बेटीचोदवाली, देखते है तेरी चूत बचाने कौन आता है साली गरम रंडी। कलुआ, पकड साली को, मै अपने कपडे उतारता हूँ" भोला पागल हो चुका था। कलुआ ने शालिनी को अपनी मजबूत बाँहो मे जकडा और देखते-देखते भोला नंगा हो गया। फिर भोला ने शालिनि को दबोचा और कलुआ नंगा हो गया। शालिनी तो पहले से ही नंगी और पूरी गीली थी। उनदोनो ने शालिनी को बिस्तर पे पटका और उसे भंभोडने लगे।
"आआआअहहहहहहहअअअअअहहहहहहहहहह" शालिनी चीखने लगी। उसकी चीखो को सुनके दोनो और मस्ती मे आ गये। कलुआ जो कि १७ साल का आवारा लडका था, उठा और कमरे मे पडी नाइलॉन की रस्सी उठा लाया। दोनो ने शालिनी के दोनो हाथो और पैरो को फैला के पलंग के चारो कोनो से बाँध दिया। अब शालिनी का नंगा, भीगा बदन अंग्रेजी के X आकार मे पलंग से बँधा था। वो लगातार रोये जा रही थी और छोड देने की विनती किये जा रही थी।
"भोला, तुम मेरे बेटे से भी छोटे हो, देखो मुझे छोड दो, मै तुम्हे माफ कर दूँगी भोला। मुझे गंदा मत करो। ये पाप है। मै बर्बाद हो जाऊँगी" शालिनी रोते हुए गिडगिडा रही थी।
"चुप मस्त गाँड़वाली, पूरा लंड खड़ा करा के कहती है कि छोड दो। फट जाएगा मेरा लंड कि नही और हाँ मुझे अपने बेटे से मत मिला। मै मादरचोद भी हूँ, साली चूतवाली गुंडी" भोला आज पूरा बेशर्म हो चुका था।
दोनो ने शलिनी के सुंदर जिस्म को चूमना, चाटना, सहलाना, नोचना शुरु कर दिया। शलिनी "नही नही" चिल्लाए जा रही थी लेकिन वो नही रुके। भोला ने अपना तना बडा लंड शालिनी की चूत पे रखा और उसके बुब्स पकड के एक जोर का धक्का मारा। "आआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी चीखी।
"साली रंडी, पूरा लौंडा जन्म गया चूत से, अभी आह उह बाकी ही है बेटीचोदवाली, और ले" कहके भोला ने और जोर से धक्का मारा और उसका लंड आधा अंदर चला गया। भोला का लंड सचमुच काफी बडा था, लगभग १० इंच लंबा और ३ इंच मोटा। शालिनी के पति का लंड ६ इंच ही लंबा और डेढ-दो इंच ही मोटा था। इसलिए शालिनी को काफी तकलीफ हो रही थी। भोला जोश मे धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। शालिनी दर्द से तडप रही थी। उधर कलुआ उसके चेहरे को मसले जा रहा था। वो कभी उसके बाल खीचता, कभी गाल नोचता, कभी नाक दबा देता, कभी आँखो को मलता। शालिनी को बहुत तकलीफ हो रही थी। नीचे भोला के धक्के और उपर कलुआ की मनमानी, शालिनी बेबसी और दर्द से रोए जा रही थी। तभी भोला ने शालिनी की चूत लेते-लेते अपने दोनो हाथ शालिनी के गोरे, सुंदर पेटपर रखे और अपना सारा वजन दे-दे के उसके पेट को दबाने लगा।
"आआआआहहहहहहहहहह क्या कर रहा है भोला" शालिनी तेज दर्द मे भी भोला को गाली नही दे रही थी क्योकि वो संभ्रांत घर से थी और उसे गालियो की आदत ही नही थी। लेकिन भोला नही रुका। वो उसी तरह शालिनी के पेट को मसलता गया, मसलता गया और अचानक ही शालिनी के मुँह से आवाज आई "औऔऔऔओओओओ" और वो उल्टी करने लगी। शालिनी ने घंटेभर पहले ही नाश्ता किया था जो कि उसके पेटपर पडनेवाले लगातार हमले सह न सका और उल्टी के रूप मे बाहर आ गया। उल्टी शालिनी के चेहरे और बिस्तर-तकिए सब पे फैल गयी। कलुआ ने देखा तो जल्दी से झुक के शालिनी के चेहरे पे फैली उल्टी को चाटने लगा और पलभर मे सारा चाट गया। शालिनी की हालत अब खराब हो रही थी। नीचे भोला अब झडनेवाला था। उसने अचानक अपनी दो उँगलियाँ शलिनी की नाभि मे डाली और पूरा वजन दे के दबाया।
"आआआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी दर्द से बिलबिला उठी।
"आआआहहहहहहहह मै आ गया रे रंडिया" कह के भोला भी शालिनी की चूत मे झडते हुए फच फच धक्के मारने लगा।
"नही नही नही आँआँहाहाहाहा हा हा आँआँहाहाहाहा हा हा" शालिनी अपना सिर हिलाते हुए फूट-फूट के रोने लगी। भोला हाँफते हुए शालिनी पे लेट गया और अपनी साँसे सँभालते हुए शालिनी के बालों मे लगी उल्टी को चाटने लगा। थोडी देर बाद वो उठा तो कलुआ ने उसकी जगह ले ली। उसने पहले शालिनी की चूत मे उँगली डाल के भोला का थोडा सा वीर्य लिया और शालिनी के रोते मुँह में चटाया।
"ले चाट साली, अपने जवान यार का रस हा हा हा हा" कलुआ बोला।
शालिनी का मन घिन से भर गया। उसने कभी सोचा भी नही था कि गंदे, काले भोला का वीर्य उसके मुँह मे जाएगा। उसे फिर उल्टी आ गई "औऔऔऔऔऔओओओओ"। भोला और कलुआ ने इसबार भी सब चाट लिया। कलुआ ने बेबस, बँधी शालिनी के भोला से बलत्कृत जिस्म से खेलना शुरु कर दिया।
"अब तो छोड दो। जो करना था वो तो कर चुके आहाहाहाहा हा हा" शालिनी फिर फूट-फूट के रोने लगी।
"लो, अभी से ये हाल है, रे भोला, तूने तो कहा था कि तेरी मालकिन बडी चुदासी है। ये साली तो अभी से ना ना के टमटम पे बैठ गई" कलुआ शालिनी की चूत मसलते हुए बोला।
"अरे साली बडी कंजूस है यार। इसे हम गरीबो को कुछ देने का मन ही नही करता हा हा हा हा। इससे छीनना पडेगा" भोला शालिनी की गोरी बाँहो को सहलाता हुआ बोला।
"छीनेगे तो ऐसा कि जिदगी भर के लिए कंगाल हो जाएगी गोरी चमडीवाली रंडी" कहके भोला ने शालिनी की जाँघो पे कस के चिकोटी काटी।
"आआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी चीख पडी।
अब कलुआ से रहा नही गया। वो शालिनी पर लेटा और उसे प्यार करते हुए उसकी चूत मे अपना १२ इंच का लंड एक झटके मे पेल दिया।
"आआआआआहहहहहहहहह" शालिनी को कलुआ का लंड अपनी बच्चेदानी से टकराता प्रतीत हुआ।
"अरे भोला, साली की बच्चेदानी को ठोक दिया रे मैने" कलुआ को भी इस बात का एहसास हो गया। "इस साली के लौंडे के कमरे मे एक बार चला गया था तो साला कहता था कि गंदा कर दिया, ले मादरचोद तू जहाँ पैदा होने से पहले रहता था मै वहाँ भी पहुँच गया रे" कलुआ बोले जा रहा था। उसके बदसूरत काले चेहरे पे विजयी भाव थे। उसने शालिनी के पूरे बदन को अपने आगोश मे लिया और उसे ठोकने लगा। शालिनी को उसका हर धक्का अपनी बच्चेदानी पे महसूस हो रहा था। वो दर्द और अपमान से बिलख रही थी। कलुआ उसके रोने की आवाजो से और मजे मे आ रहा था। उसने शालिनी के गले को पागलो की तरह चूमना शुरु कर दिया। उसका शरीर शालिनी के पूरे शरीर को मसल रहा था। कलुआ लंबाई मे शालिनी से ४ इंच छोटा था सो उसका सिर शालिनी के गले तक ही आ पा रहा था। कलुआ ने शालिनी की काँखो से सारा पसीना चाटा, वहाँ से कई बाल भी तोडे जिससे शालिनी का दर्द दूना-चौगुना हो गया। उसकी चीखे और दर्दनाक हो गई। कलुआ ने शालिनी के सारे सीने और पेट को चाट-चाट के अपने थूक से गीला कर दिया। नीचे उसके धक्के अब वहशियाना होते जा रहे थे। उसकी शालिनी के बेटे से जो एकबार कहासुनी हो गई थी उसका सारा बदला वो आज उसकी माँ के जिस्म से ले रहा था। उसकी चुदाई भोला से भी ज्यादा तेज और बेशर्म थी। अचानक कलुआ ने हाथ नीचे किया और शालिनी की क्लाइटोरिस को मसलना शुरु कर दिया।
"आआआआआ सी सी सी सी सी सी सी सी सी" शालिनी सिहरने लगी।
"साली, तुझे आज मेरे लिए झडना पडेगा वरना तेरे चेहरे पे तेजाब डाल दूँगा अभी" कलुआ उस ठोकता हुआ बोला। शालिनी ये सुन के अंदर तक काँप गई। एक गली का आवारा लडका को उम्र मे उसके बेटे से भी छोटा था, उसे उसके लिए झडना पडेगा। वो और बिलखने लगी "देखो, तुमलोग मेरे साथ पूरी मनमानी कर रहे हो। मुझे और जलील मत करो"।
"साली आज तेरा चेहरा लगता है जलेगा तेजाब से, भोला निकाल वो शीशी" कलुआ भोला से बोला। भोला पूरी तैयारी से आया था। उसने अपनी जमीन पे पडी निकर उठाई और उसमे से तेजाब की शीशी निकाली। शालिनी का कलेजा मुँह को आ गया। वो चिल्लाई "रुक जाओ, रुक जाओ, मै वही करुँगी जो तुम कहोगे" कह के वो अपनी दोनो आँखे बंद करके रोने लगी।
"अब चल साली, मजे ले चुदाई के" कलुआ उसे चोदते हुए बोला। बेचारी मजबूर शालिनी ने अपना ध्यान अपने बलात्कार से हटा के अपनी चूत मे दौडते लंड पे लगाया। कलुआ के लंड ने शालिनी की चूत मे बवाम मचा रखा था। अचानक उसने फिर से शालिनी की क्लाइटोरिस को मसलना शुरु कर दिया। शालिनी को फिर सिहरन होने लगी और उसने अपना पूरा ध्यान उस सिहरन पे लगा लिया। अचानक २-३ मिनटो मे ही शालिनी को चूत मे थरथराहट महसूस हुई और उसकी चूत ने कलुआ के लंड को कई झटको मे अपने रस से नहला दिया।
"आआआआहहहहहहह नही नही नही" शालिनी अंदर से टूट चुकी थी। एक आवारा लडके के लंड पे उसका रस गिरेगा ये उसने सपने मे भी नही सोचा था। उसकी रुलाई मे अब दद कम दुख ज्यादा था। वही कलुआ ने तो जैसे जंग जीत ली। वो मजे से बौरा गया। झड गयी मादरचोदे राजीव की माँ मेरे लंड पे याहाहाहाहाहाहा" उसका वहशीपन और बढ गया। उसके धक्के बेतहाशा हो गये। शालिनी समझ गई कि अब कलुआ झडेगा। उसने आँखे बंद करली और उसके पानी का इंतजार करने लगी।
"आँखे खोल के हँसते हुए मेरा पानी ले रंडिया वरना मै बार-बार नही छोडूगा" कलुआ पागलो की तरह चिल्लाया। बेचारी शालिनी ने अपने दुख से भरे चेहरे पे बडी मुश्किल से नकली मुस्कान थोपी और कलुआ को देखने लगी।
"आआआआआहहहहहहहहहहहहहहहह ले रे राजीव तेरे जनम से पहले के कमरे मे मेरा पानी गया रे रंडीबाज आआआआआआआआआ" कहते हुए कलुआ का लंड भयानक धक्को से अपना पानी शालिनी की बच्चेदानी मे भरने लगा। हर बूँद अंदर ही निचोड के कलुआ शालिनी के थके जिस्म पे ढेर हो गया। शालिनी बिलख-बिलख के रोने लगी "गौतम आँआँहाहाहाहाहा मै बर्बाद हो गई आँआँहाहाहाहाहा, मै अब जीना नही चाहती, मै अब तुम्हारे लायक नही रही जान आआहाहाहाहाहा, बेटा राजीव तेरी माँ गईईईईईईईई अब आँआँहाहाहाहाहा"। वो मानसिक रूप से पूरा टूट चुकी थी। शालिनी के दुख से बेपरवाह कलुआ अपनी साँसे सँभाल के उसपे से उठा और बाथरूम मे मूतने चला गया। पीछे से भोला भी बाथरूम की ओर बढ गया। इधर शालिनी बिस्तर पे बँधी पडी अपने और उनदोनो आवारा लडको के पसीने और उनके वीर्य से लथपथ लगातार रो रही थी। (क्रमशः)
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