Raj-Sharma-stories
रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--3
रेखा ने अपनी कमीज़ और सलवार उतार दी और वो
विक्रम के ऊपर आ गयी. उसकी चूत पर एक सफ़ेद रंग का कपडा बंधा हुआ था.
विक्रम ने पूछा ?ये क्या बांध रखा है तुमने ? रेखा ने कहा?मेरा मासिक चल
रहा है इसलिए मैंने ये कपडा बाँधा है जिससे मेरी सलवार ख़राब न हो?. फिर
वो अपनी चूत विक्रम के मुह के पास लेकर आई. उसकी चूत में से रस बह
निकला था जिसकी गंध विक्रम की नाक में घुस गयी. विक्रम ने पहले वो कपडा
निकाल दिया जो पूरी तरह गिला
हो चूका था. रेखा की चूत के बालो पर भी उसका चूत रस लगा हुआ था.
विक्रम ने उसकी चूत के होंठो को फैला दिया और अपनी नाक उसकी चूत के छेद में डालकर रगड़ने लगा. रेखा अपनी चूत को धक्का मार रही थी विक्रम के मुह पर. विक्रम ने जीब निकाल कर उसकी चूत के बालो को चाटा. उसने चूत के होंठो को चूमा और फिर अपनी जीब अन्दर छेद में डालकर चूसने लगा.
विक्रम अपने हाथो को रेखा की गांड की तरफ ले गया और गांड के छेद में
ऊँगली डाल कर रगड़ने लगा. रेखा खुद ही अपने बूब्स को मसल रही थी. उसकी
आँखे बंद थी और आहे भर रही थी. विक्रम के लगातार चाटने से रेखा की चूत
से और रस निकलने लगा. विक्रम ने उस रस की पी लिया. अब विक्रम उठ गया और
रेखा को खटिये पर लिटा दिया. उसने लंड पर कंडोम पहन लिया. विक्रम रेखा
के ऊपर बैठ गया और पहले उसके बूब्स को मसलने लगा. उसके निप्प्लेस को
चूसा. रेखा कुछ बडबड़ाये जा रही थी.
ऊओह?हम्मम्मम्म..आह्ह्ह..सीई,?ह ्म्म्मम्म..अआः. ये सुनकर विक्रम का लंड
फिर तन कर खड़ा हो गया. उसने अपने लंड को रेखा की चूत के द्वार पर रख
दिया और धीरे धीरे अन्दर की और घुसाने लगा. विक्रम ने पहले लेखा को चोदा
था जिससे उसे इसका तजुर्बा हो गया था. लेकिन रेखा की चूत अभी कोरी थी.
विक्रम ने कोशिश जारी राखी और एक झटका देकर उसने अपने लंड को रेखा की
चूत में डाल दिया. रेखा चिल्ला उठी..ईइ माँ .. मैं मर गयी?ओह्ह्ह्ह?
विक्रम..अपना लंड निकालो?आः..बहुत दर्द हो रहा है?.आह. विक्रम मस्त होकर
अपने लंड को रेखा की चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद रेखा
शांत हो गयी..अब वो अपनी टाँगे और फैला दी जिससे विक्रम को और सुविधा हो
उसे चोदने में. रेखा कह रही थी?बहुत मज़ा आ रहा है विक्रम. चोदो
मुझे..खूब चोदो .. फाड़ दो मेरी चूत को.. सीह..आः?ह्म्म्मम्म..अआः. साथ
में विक्रम उसकी बूब्स की हाथ से चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर में उसके लंड
ने पानी छोड़ दिया लेकिन कंडोम पहना हुआ होने के कारन उसका पानी रेखा की
चूत में नहीं उतरा. रेखा की आवाज़ सुनकर लेखा उठ गयी. उसने आवाज़ की
दिशा में कान लगाए तो पता चला की आवाज़ विक्रम जहा सो रहा था उस कमरे से
आ रही थी. उसने कमरे की छोटी खिड़की से देखा तो एकदम चौक गयी. उसकी दीदी
और विक्रम चुदाई कर रहे थे. उससे ये सेहन नहीं हुआ और वो दरवाजे को
धक्का देकर अन्दर घुस गयी. अचानक लेखा के अन्दर आने से विक्रम और रेखा
अवाक रह गए. दोनों नंगे हालत में थे. लेखा ने कहा?तो ये बात है दीदी.
मुझे सुलाकर खुद मस्त होकर चुदाई कर रही हो. रेखा खड़ी होगई और उसने
कहा?हां मैं चुदाई कर रही हूँ . तो तुझे क्यों तकलीफ हो रही है?. लेखा
ने कहा?मुझे तकलीफ है, विक्रम सिर्फ मेरे साथ ही चुदाई करेगा?. रेखा ने
कहा?आरी जा.. मैं विक्रम से प्यार करती हु. हम दोनों पहले भी एक बार
चुदाई कर चुके है?. लेखा ने कहा?देखो दीदी. पहले विक्रम ने मुझे चोदा
था. जब मैं एक बार कुवे से पानी भरने गयी थी. तब हम दोनों ने एक दुसरे
से प्यार का इज़हार किया था. रेखा ने कहा?प्यार का इज़हार तो विक्रम ने
मुझसे भी किया था.? क्यों विक्रम? रेखा ने विक्रम से पूछा . विक्रम ने
कहा?तुम दोनों लड़ाई मत करो. देखो में तुम दोनों से प्यार करता हु. और
तुम दोनों को खुश रखूँगा?. लेखा ने कहा?नहीं. मैं तुम्हे किसी और के साथ
नहीं बाँट सकती?. मुझे भी अच्छा नहीं लगता तुम किसी और के साथ चुदाई
करो, चाहे वो फिर मेरी बहिन ही क्यों न हो, रेखा ने कहा. विक्रम अब
परेशान हो गया. अभी भी रेखा और विक्रम नंगे हालत में ही खड़े थे. लेखा की
नज़र बीच बीच में विक्रम के लंड के ऊपर पड़ रही थी. विक्रम ने भी ये
देख लिया. विक्रम ने कहा?देखो रात काफी हो चुकी है. दो दिन के लिए मैं
तुम दोनों की चुदाई करूँगा. पर भगवन के लिए लड़ाई मत करो?. लेखा ने
कहा?ठीक है? रेखा भी मान गयी. लेखा ने कहा?अब मेरी बारी है. तुम ने इतनी
देर दीदी को खुश किया अब मुझे चोदो ?. विक्रम ने कहा?ठीक है?. लेखा ने
अपनी घाघरा चोली उतार दी और खटिये पर लेट गयी. लेखा ने कहा?तुम अपना लंड
मुझे चूसने दो?. विक्रम ने अपना लंड लेखा के मुह में रख दिया और वो
मज़े से चूसने लगी. विक्रम लेखा के दोनों बूब्स को मसलने लगा. ये सब
देखकर रेखा की हालत खराब होने लगी. वो वही खड़े खड़े अपनी चूत में ऊँगली
डालकर चुदाई कर रही थी. थोड़ी देर में विक्रम के लंड ने लेखा के मुह में
पानी छोड़ दिया. विक्रम ने लेखा को पेट के बल लिटा दिया और उसकी गांड को
फैलाकर अन्दर जीब डालकर चाटने लगा. रेखा से रहा नहीं गया और वो पास आकर
विक्रम के लंड को सहलाने लगी और जीब से चाट रही थी. विक्रम का लंड
तानकर खड़ा हो गया और उसने लंड को लेखा की गांड के द्वार पर रख कर एक
धक्के में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी?ऊईई मा..में मर गयी..
आह?विक्रम रगड़ रगड़ कर लेखा की गांड मारने लगा. अब लेखा को भी मज़ा आने
लगा. थोड़ी देर के बाद दोनों थक गए और विक्रम लेखा के बगल में लेट गया.
रेखा उसके पास आकर उसे चूमने लगी. विक्रम भी उसे चूमने लगा. फिर दोनों
बहने उसके दोनों तरफ लेटी थी और विक्रम उनके बिच में था. तीनो सो गए.
सुबह हुई और विक्रम की आंखू खुल गयी. उसने देखा रेखा और लेखा अभी सो रहे
थे. उसने दोनों की चूत को सहलाया फिर दोनों को बारी बारी से चूमा.
दोनों के बूब्स को सहलाया और बारी बारी से दोनों के होंठो को चूमा.
इतने में दोनों बहने उठ गयी. दोनों ने विक्रम को गले लगाया और चूमने
लगी. तीनो ने स्नान किया और कपडे पहन लिए . रेखा ने कुछ नास्ता बनाया और
तीनो ने नास्ता किया. लेखा ने कहा?विक्रम तुम मुझसे शादी करोगे?. रेखा ने
कहा?नहीं, विक्रम मुझसे शादी करेगा?. दोनों फिर लड़ाई पर उतर आई . विक्रम
दोनों को शांत करते हुए बोला?मैं अभी शादी नहीं कर सकता. मैं शहर जाकर
नौकरी करूँगा और जब मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब मैं शादी करूँगा.
रेखा ने कहा?मुझे मंजूर है लेकिन शादी तुम मुझसे ही करना. लेखा बोल
पड़ी?नहीं मुझसे?. विक्रम ने कहा?मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब तो मैं
तुम दोनों से शादी कर लूँगा. लेकिन तब तक तुम दोनों को इंतज़ार करना
पड़ेगा?. दोनों बहने ये सुनकर उदास हो गयी. विक्रम ने पूछा ?क्या तुम
दोनों मेरा इंतज़ार कर सकते हो? दोनों ने हा में गर्दन हिला दी. दोपहर को
तीनो ने मिलकर चुदाई की. रात को फिर तीनो साथ में लेटे ही थे. तीनो ने
कुछ नहीं पहना था. विक्रम लेखा और रेखा के बीच में लेटा हुआ था. रेखा
उसकी गर्दन और गालो को चूम रही थी और छाती पर हाथ घूमा रही थी. लेखा
विक्रम के लंड को हिला रही थी. विक्रम को बहुत मज़ा आ रहा था. विक्रम का
लंड तन कर खड़ा हो गया. विक्रम दोनों की चूत में ऊँगली डालकर हिला रहा
था. थोड़ी देर तीनो ऐसे ही लेटे रहे. फिर विक्रम उठकर बैठ गया. रेखा ने
पूछा ?क्या हुआ? विक्रम ने कहा?मैं आज तुम दोनों को चोदने जा रहा है?.
लेखा ने कहा?अच्छी बात है. बाद में तुम बताना किसे चोदने में ज्यादा
मज़ा आया ?. रेखा ने कहा ?इसमें बताने वाली क्या बात है. मुझे चोदने
में ही विक्रम को ज्यादा मज़ा आने वाला है. ये तो उसको पहले ही पता है?.
विक्रम ने कहा?कोई बात नहीं. मैं आज तुम दोनों को चोदने के बाद फैसला
करूँगा?. लेखा ने कहा?ठीक है?. विक्रम रेखा की चूत को चाटने लगा और लेखा
की चूत में ऊँगली डालकर चोद रहा था. फिर दोनों के बूब्स को मसलने लगा.
दोनों बहनों को खूब मज़ा आ रहा था. विक्रम ने दोनों बहनों को अपनी टाँगे
फैलाकर खड़े होने को कहा. दोनों खड़ी हो गयी. विक्रम लेखा के पीछे आकर
उसकी गांड के ठीक नीचे बैठ गया और छेद में जीब डाल कर चाटने लगा. वो
रेखा की गांड में ऊँगली डालकर हिला रहा था. विक्रम ने रेखा को खटिये पर
लिटा दिया और उसकी चूत के आगे बैठ गया. उसने रेखा की चूत के छेद को
खोल दिया. उसने पहले अपनी थूक से उसकी चूत की मालिश की और लंड उसके
द्वार पर रख दिया. धीरे धीरे वो लंड को रेखा की चूत के अन्दर डालने लगा
और पूरा लंड रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. रेखा को खूब मज़ा आ
रहा था. वो सिसकिय भर रही थी. ये देख कर लेखा ने अपनी चूत में ऊँगली
डाल दी. विक्रम ने कहा?लेखा तुम मेरी गांड को चाटो?. लेखा विक्रम की
गांड के निचे लेट गयी और अपनी जीब उसकी गांड की छेद में डालकर रगड़ना
शुरू किया. विक्रम को भी मज़ा आने लगा. इतने में रेखा की चूत से पानी का
फवार्रा छुट पड़ा. विक्रम जमकर रेखा को चोद रहा था. रेखा भी उसको सहयोग
दे रहीथी. उसने अपनी टाँगे और फैला दी. थोड़ी देर में विक्रम ने भी अपना
पानी रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. लेखा विक्रम की गांड चाट
रही थी. विक्रम ने रेखा की चूत से अपना लंड निकाला और उसने रेखा को
उसे चूसने को कहा. उसका लंड रेखा के पानी से पूरा गीला था. रेखा उसे
चूसने लगी. विक्रम का लंड फिर तानकर खड़ा हो गया. उसने लेखा को खटिये पर
पेट के बल लिटा दिया और अपना लंड उसकी गांड की द्वार पर रखकर एक धक्के
में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी..ईइ माया?..मैं मर गयी..आः?मेरी
गांड फट गयी?ऊओईई..निकालो अपने लंड को..ओईई?विक्रम कहा सुनने वाला था.
उसने जमकर लेखा की गांड को चोदा . उसने अपना पानी लेखा की गांड में छोड़
दिया. विक्रम ने अपना लंड लेखा की गांड से निकाल लिया पर लेखा को अभी
भी दर्द हो रहा था. उसकी आँखों में आंसू आ गए . ये देखकर विक्रम ने पूछा
?लेखा, क्या तुम्हे दर्द हो रहा है, गांड में?? लेखा ने कहा नहीं?बस थोडा
सा?. वो अपना दर्द छुपा रही थी. विक्रम ने लेखा को प्यार से गले लगा लिया
और चूमे लगा. लेखा भी उसे चूमने लगी. फिर उसने रेखा को भी गले लगाया और
उसके बूब्स को चूमने लगा. उनको इस खेल में काफी टाइम निकल गया और सुबह हो
चली थी. तीनो फिर सो गए और सुबह दे से उठे. दोपहर को लेखा और रेखा के माँ
बाबूजी आने वाले थे. तीनो नहा धोकर तैयार हो गए. विक्रम अपने घर चला गया.
दोपहर में कल्याण और रुकमिनी घर पहुंचे. उन्होंने दोनों बेटियों से उनका
हाल चाल पूछा . उन्होंने कहा?हमें कोई तकलीफ नहीं हुई माँ. विक्रम ने
हमारा बहुत अच्छा ख्याल रखा?. कई दिन बीत गए. एक दिन विक्रम का एक
दोस्त शहर से आया. उसने कहा वो जहा काम करता है वह एक आदमी की ज़रूरत है
और अगर चाहे तो वो आ सकता है. विक्रम ये सुनकर खुश हो गया और शहर जाने
की तयारी करने लगा. बलदेव सिंह ने भी उसको इजाज़त दे दी. उसने ये बात रेखा
और लेखा को बताई . दोनों दुखी हो गए पर विक्रम ने उन्हें जो पहले कहा था
वो बात याद दिलाया. फिर विक्रम सबसे बिदाई लेकर शहर चला गया. कई महीने
बीत गए. इधर कल्याण और रुकमनी रेखा की शादी करवाने का सोच रहे थे. लेकिन
रेखा तैयार नहीं हो रही थी. उसने विक्रम की बात अपने माँ बाप को नहीं
बताई. लेखा भी विक्रम को लेकर चुप थी. उसने सोचा अगर दीदी की शादी हो
जाये तो वो विक्रम से शादी की बात अपने माँ बापू को बता सकेगी. रेखा के
ऊपर शादी के लिए उसके माँ बाप का दबाव बढ़ रहा था. विक्रम का भी कुछ अता
पता नहीं था. एक दिन रेखा ने विक्रम के पिताजी बलदेव सिंह से विक्रम के
बारे में पूछा तो . उन्होंने कहा?शहर में उसको नौकरी मिल गयी है. उसने
मुझे बताया था. इसके अलावा मुझे उसके बारे में कुछ पता नहीं?. रेखा ये
सुनकर निराश हो गयी. एक दिन उसने अपने और विक्रम के बारे में रुकमनी को
सब बता दिया. रुकमनी ने कल्याण को बताया. उन्होंने सोचा इसमें कोई बुराई
नहीं है और रेखा से कहा?हम तुम्हारी शादी विक्रम से करवा देंगे?. लेखा को
जब ये पता चला तो उसको झटका लगा. उसने भी अपने और विक्रम के बारे में माँ
बाप को बता दिया और कहा की वो भी विक्रम से ही शादी करना चाहती है. अब
कल्याण और रुकमनी परेशान हो गए. उन्होंने विक्रम के पिता बलदेव सिंह से
बात की. बलदेव ने विक्रम से बात करने के लिए कहा. लेकिन विक्रम का कुछ
अता पता नहीं था. विक्रम को गए एक साल होने आया था. एक दिन उसका दोस्त
जो उसे लेकर गया था वो गाँव आया. बलदेव ने उससे विक्रम के बारे में पूछा
तो उसने कहा?वो तो अभी बड़ा आदमी हो गया है. किसी फैक्ट्री के सेठ का
ख़ास आदमी बन गया है. उसके पास भी उसका खुदका घर, गाड़ी और बहुत से पैसे
भी है?. बलदेव ये सुनकर खुश हो गया. उसने पूछा की वो कब आने वाला है.
उसके दोस्त ने कहा?ये तो मुझे पता नहीं?. रेखा और लेखा को भी ये बात पता
चल गयी. वो अभी भी विक्रम के आने का इंतज़ार कर रहे थे. लेकिन कल्याण की
परेशानी बढ़ रही थी. उसने फिर दोनों बहनों की शादी करवाने का फैसला किया.
उसने दोनों की शादी एक साथ करवा दी. लेकिन दोनों इस शादी से खुश नहीं थी शादी के बाद दोनों दुसरे गाँव चली गई . लेखा और रेखा की शादी के करीब ६ महीने के बाद विक्रम गाँव आया. बलदेव सिंह और उसकी दादी बहुत खुश हो गए. तब उसे पता चला की लेखा और रेखा की शादी हो गयी है. उसने कल्याण से कहा?आपने अच्छा किया जो उनकी शादी करवा दी. मेरी शादी ही चुकी है.?
विक्रम ने शहर में एक लड़की से शादी कर ली थी.
दोस्तों यहाँ कहानी ख़तम होती है कहानी कैसी लगी जरूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
हो चूका था. रेखा की चूत के बालो पर भी उसका चूत रस लगा हुआ था.
विक्रम ने उसकी चूत के होंठो को फैला दिया और अपनी नाक उसकी चूत के छेद में डालकर रगड़ने लगा. रेखा अपनी चूत को धक्का मार रही थी विक्रम के मुह पर. विक्रम ने जीब निकाल कर उसकी चूत के बालो को चाटा. उसने चूत के होंठो को चूमा और फिर अपनी जीब अन्दर छेद में डालकर चूसने लगा.
विक्रम अपने हाथो को रेखा की गांड की तरफ ले गया और गांड के छेद में
ऊँगली डाल कर रगड़ने लगा. रेखा खुद ही अपने बूब्स को मसल रही थी. उसकी
आँखे बंद थी और आहे भर रही थी. विक्रम के लगातार चाटने से रेखा की चूत
से और रस निकलने लगा. विक्रम ने उस रस की पी लिया. अब विक्रम उठ गया और
रेखा को खटिये पर लिटा दिया. उसने लंड पर कंडोम पहन लिया. विक्रम रेखा
के ऊपर बैठ गया और पहले उसके बूब्स को मसलने लगा. उसके निप्प्लेस को
चूसा. रेखा कुछ बडबड़ाये जा रही थी.
ऊओह?हम्मम्मम्म..आह्ह्ह..सीई,?ह
फिर तन कर खड़ा हो गया. उसने अपने लंड को रेखा की चूत के द्वार पर रख
दिया और धीरे धीरे अन्दर की और घुसाने लगा. विक्रम ने पहले लेखा को चोदा
था जिससे उसे इसका तजुर्बा हो गया था. लेकिन रेखा की चूत अभी कोरी थी.
विक्रम ने कोशिश जारी राखी और एक झटका देकर उसने अपने लंड को रेखा की
चूत में डाल दिया. रेखा चिल्ला उठी..ईइ माँ .. मैं मर गयी?ओह्ह्ह्ह?
विक्रम..अपना लंड निकालो?आः..बहुत दर्द हो रहा है?.आह. विक्रम मस्त होकर
अपने लंड को रेखा की चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद रेखा
शांत हो गयी..अब वो अपनी टाँगे और फैला दी जिससे विक्रम को और सुविधा हो
उसे चोदने में. रेखा कह रही थी?बहुत मज़ा आ रहा है विक्रम. चोदो
मुझे..खूब चोदो .. फाड़ दो मेरी चूत को.. सीह..आः?ह्म्म्मम्म..अआः. साथ
में विक्रम उसकी बूब्स की हाथ से चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर में उसके लंड
ने पानी छोड़ दिया लेकिन कंडोम पहना हुआ होने के कारन उसका पानी रेखा की
चूत में नहीं उतरा. रेखा की आवाज़ सुनकर लेखा उठ गयी. उसने आवाज़ की
दिशा में कान लगाए तो पता चला की आवाज़ विक्रम जहा सो रहा था उस कमरे से
आ रही थी. उसने कमरे की छोटी खिड़की से देखा तो एकदम चौक गयी. उसकी दीदी
और विक्रम चुदाई कर रहे थे. उससे ये सेहन नहीं हुआ और वो दरवाजे को
धक्का देकर अन्दर घुस गयी. अचानक लेखा के अन्दर आने से विक्रम और रेखा
अवाक रह गए. दोनों नंगे हालत में थे. लेखा ने कहा?तो ये बात है दीदी.
मुझे सुलाकर खुद मस्त होकर चुदाई कर रही हो. रेखा खड़ी होगई और उसने
कहा?हां मैं चुदाई कर रही हूँ . तो तुझे क्यों तकलीफ हो रही है?. लेखा
ने कहा?मुझे तकलीफ है, विक्रम सिर्फ मेरे साथ ही चुदाई करेगा?. रेखा ने
कहा?आरी जा.. मैं विक्रम से प्यार करती हु. हम दोनों पहले भी एक बार
चुदाई कर चुके है?. लेखा ने कहा?देखो दीदी. पहले विक्रम ने मुझे चोदा
था. जब मैं एक बार कुवे से पानी भरने गयी थी. तब हम दोनों ने एक दुसरे
से प्यार का इज़हार किया था. रेखा ने कहा?प्यार का इज़हार तो विक्रम ने
मुझसे भी किया था.? क्यों विक्रम? रेखा ने विक्रम से पूछा . विक्रम ने
कहा?तुम दोनों लड़ाई मत करो. देखो में तुम दोनों से प्यार करता हु. और
तुम दोनों को खुश रखूँगा?. लेखा ने कहा?नहीं. मैं तुम्हे किसी और के साथ
नहीं बाँट सकती?. मुझे भी अच्छा नहीं लगता तुम किसी और के साथ चुदाई
करो, चाहे वो फिर मेरी बहिन ही क्यों न हो, रेखा ने कहा. विक्रम अब
परेशान हो गया. अभी भी रेखा और विक्रम नंगे हालत में ही खड़े थे. लेखा की
नज़र बीच बीच में विक्रम के लंड के ऊपर पड़ रही थी. विक्रम ने भी ये
देख लिया. विक्रम ने कहा?देखो रात काफी हो चुकी है. दो दिन के लिए मैं
तुम दोनों की चुदाई करूँगा. पर भगवन के लिए लड़ाई मत करो?. लेखा ने
कहा?ठीक है? रेखा भी मान गयी. लेखा ने कहा?अब मेरी बारी है. तुम ने इतनी
देर दीदी को खुश किया अब मुझे चोदो ?. विक्रम ने कहा?ठीक है?. लेखा ने
अपनी घाघरा चोली उतार दी और खटिये पर लेट गयी. लेखा ने कहा?तुम अपना लंड
मुझे चूसने दो?. विक्रम ने अपना लंड लेखा के मुह में रख दिया और वो
मज़े से चूसने लगी. विक्रम लेखा के दोनों बूब्स को मसलने लगा. ये सब
देखकर रेखा की हालत खराब होने लगी. वो वही खड़े खड़े अपनी चूत में ऊँगली
डालकर चुदाई कर रही थी. थोड़ी देर में विक्रम के लंड ने लेखा के मुह में
पानी छोड़ दिया. विक्रम ने लेखा को पेट के बल लिटा दिया और उसकी गांड को
फैलाकर अन्दर जीब डालकर चाटने लगा. रेखा से रहा नहीं गया और वो पास आकर
विक्रम के लंड को सहलाने लगी और जीब से चाट रही थी. विक्रम का लंड
तानकर खड़ा हो गया और उसने लंड को लेखा की गांड के द्वार पर रख कर एक
धक्के में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी?ऊईई मा..में मर गयी..
आह?विक्रम रगड़ रगड़ कर लेखा की गांड मारने लगा. अब लेखा को भी मज़ा आने
लगा. थोड़ी देर के बाद दोनों थक गए और विक्रम लेखा के बगल में लेट गया.
रेखा उसके पास आकर उसे चूमने लगी. विक्रम भी उसे चूमने लगा. फिर दोनों
बहने उसके दोनों तरफ लेटी थी और विक्रम उनके बिच में था. तीनो सो गए.
सुबह हुई और विक्रम की आंखू खुल गयी. उसने देखा रेखा और लेखा अभी सो रहे
थे. उसने दोनों की चूत को सहलाया फिर दोनों को बारी बारी से चूमा.
दोनों के बूब्स को सहलाया और बारी बारी से दोनों के होंठो को चूमा.
इतने में दोनों बहने उठ गयी. दोनों ने विक्रम को गले लगाया और चूमने
लगी. तीनो ने स्नान किया और कपडे पहन लिए . रेखा ने कुछ नास्ता बनाया और
तीनो ने नास्ता किया. लेखा ने कहा?विक्रम तुम मुझसे शादी करोगे?. रेखा ने
कहा?नहीं, विक्रम मुझसे शादी करेगा?. दोनों फिर लड़ाई पर उतर आई . विक्रम
दोनों को शांत करते हुए बोला?मैं अभी शादी नहीं कर सकता. मैं शहर जाकर
नौकरी करूँगा और जब मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब मैं शादी करूँगा.
रेखा ने कहा?मुझे मंजूर है लेकिन शादी तुम मुझसे ही करना. लेखा बोल
पड़ी?नहीं मुझसे?. विक्रम ने कहा?मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब तो मैं
तुम दोनों से शादी कर लूँगा. लेकिन तब तक तुम दोनों को इंतज़ार करना
पड़ेगा?. दोनों बहने ये सुनकर उदास हो गयी. विक्रम ने पूछा ?क्या तुम
दोनों मेरा इंतज़ार कर सकते हो? दोनों ने हा में गर्दन हिला दी. दोपहर को
तीनो ने मिलकर चुदाई की. रात को फिर तीनो साथ में लेटे ही थे. तीनो ने
कुछ नहीं पहना था. विक्रम लेखा और रेखा के बीच में लेटा हुआ था. रेखा
उसकी गर्दन और गालो को चूम रही थी और छाती पर हाथ घूमा रही थी. लेखा
विक्रम के लंड को हिला रही थी. विक्रम को बहुत मज़ा आ रहा था. विक्रम का
लंड तन कर खड़ा हो गया. विक्रम दोनों की चूत में ऊँगली डालकर हिला रहा
था. थोड़ी देर तीनो ऐसे ही लेटे रहे. फिर विक्रम उठकर बैठ गया. रेखा ने
पूछा ?क्या हुआ? विक्रम ने कहा?मैं आज तुम दोनों को चोदने जा रहा है?.
लेखा ने कहा?अच्छी बात है. बाद में तुम बताना किसे चोदने में ज्यादा
मज़ा आया ?. रेखा ने कहा ?इसमें बताने वाली क्या बात है. मुझे चोदने
में ही विक्रम को ज्यादा मज़ा आने वाला है. ये तो उसको पहले ही पता है?.
विक्रम ने कहा?कोई बात नहीं. मैं आज तुम दोनों को चोदने के बाद फैसला
करूँगा?. लेखा ने कहा?ठीक है?. विक्रम रेखा की चूत को चाटने लगा और लेखा
की चूत में ऊँगली डालकर चोद रहा था. फिर दोनों के बूब्स को मसलने लगा.
दोनों बहनों को खूब मज़ा आ रहा था. विक्रम ने दोनों बहनों को अपनी टाँगे
फैलाकर खड़े होने को कहा. दोनों खड़ी हो गयी. विक्रम लेखा के पीछे आकर
उसकी गांड के ठीक नीचे बैठ गया और छेद में जीब डाल कर चाटने लगा. वो
रेखा की गांड में ऊँगली डालकर हिला रहा था. विक्रम ने रेखा को खटिये पर
लिटा दिया और उसकी चूत के आगे बैठ गया. उसने रेखा की चूत के छेद को
खोल दिया. उसने पहले अपनी थूक से उसकी चूत की मालिश की और लंड उसके
द्वार पर रख दिया. धीरे धीरे वो लंड को रेखा की चूत के अन्दर डालने लगा
और पूरा लंड रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. रेखा को खूब मज़ा आ
रहा था. वो सिसकिय भर रही थी. ये देख कर लेखा ने अपनी चूत में ऊँगली
डाल दी. विक्रम ने कहा?लेखा तुम मेरी गांड को चाटो?. लेखा विक्रम की
गांड के निचे लेट गयी और अपनी जीब उसकी गांड की छेद में डालकर रगड़ना
शुरू किया. विक्रम को भी मज़ा आने लगा. इतने में रेखा की चूत से पानी का
फवार्रा छुट पड़ा. विक्रम जमकर रेखा को चोद रहा था. रेखा भी उसको सहयोग
दे रहीथी. उसने अपनी टाँगे और फैला दी. थोड़ी देर में विक्रम ने भी अपना
पानी रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. लेखा विक्रम की गांड चाट
रही थी. विक्रम ने रेखा की चूत से अपना लंड निकाला और उसने रेखा को
उसे चूसने को कहा. उसका लंड रेखा के पानी से पूरा गीला था. रेखा उसे
चूसने लगी. विक्रम का लंड फिर तानकर खड़ा हो गया. उसने लेखा को खटिये पर
पेट के बल लिटा दिया और अपना लंड उसकी गांड की द्वार पर रखकर एक धक्के
में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी..ईइ माया?..मैं मर गयी..आः?मेरी
गांड फट गयी?ऊओईई..निकालो अपने लंड को..ओईई?विक्रम कहा सुनने वाला था.
उसने जमकर लेखा की गांड को चोदा . उसने अपना पानी लेखा की गांड में छोड़
दिया. विक्रम ने अपना लंड लेखा की गांड से निकाल लिया पर लेखा को अभी
भी दर्द हो रहा था. उसकी आँखों में आंसू आ गए . ये देखकर विक्रम ने पूछा
?लेखा, क्या तुम्हे दर्द हो रहा है, गांड में?? लेखा ने कहा नहीं?बस थोडा
सा?. वो अपना दर्द छुपा रही थी. विक्रम ने लेखा को प्यार से गले लगा लिया
और चूमे लगा. लेखा भी उसे चूमने लगी. फिर उसने रेखा को भी गले लगाया और
उसके बूब्स को चूमने लगा. उनको इस खेल में काफी टाइम निकल गया और सुबह हो
चली थी. तीनो फिर सो गए और सुबह दे से उठे. दोपहर को लेखा और रेखा के माँ
बाबूजी आने वाले थे. तीनो नहा धोकर तैयार हो गए. विक्रम अपने घर चला गया.
दोपहर में कल्याण और रुकमिनी घर पहुंचे. उन्होंने दोनों बेटियों से उनका
हाल चाल पूछा . उन्होंने कहा?हमें कोई तकलीफ नहीं हुई माँ. विक्रम ने
हमारा बहुत अच्छा ख्याल रखा?. कई दिन बीत गए. एक दिन विक्रम का एक
दोस्त शहर से आया. उसने कहा वो जहा काम करता है वह एक आदमी की ज़रूरत है
और अगर चाहे तो वो आ सकता है. विक्रम ये सुनकर खुश हो गया और शहर जाने
की तयारी करने लगा. बलदेव सिंह ने भी उसको इजाज़त दे दी. उसने ये बात रेखा
और लेखा को बताई . दोनों दुखी हो गए पर विक्रम ने उन्हें जो पहले कहा था
वो बात याद दिलाया. फिर विक्रम सबसे बिदाई लेकर शहर चला गया. कई महीने
बीत गए. इधर कल्याण और रुकमनी रेखा की शादी करवाने का सोच रहे थे. लेकिन
रेखा तैयार नहीं हो रही थी. उसने विक्रम की बात अपने माँ बाप को नहीं
बताई. लेखा भी विक्रम को लेकर चुप थी. उसने सोचा अगर दीदी की शादी हो
जाये तो वो विक्रम से शादी की बात अपने माँ बापू को बता सकेगी. रेखा के
ऊपर शादी के लिए उसके माँ बाप का दबाव बढ़ रहा था. विक्रम का भी कुछ अता
पता नहीं था. एक दिन रेखा ने विक्रम के पिताजी बलदेव सिंह से विक्रम के
बारे में पूछा तो . उन्होंने कहा?शहर में उसको नौकरी मिल गयी है. उसने
मुझे बताया था. इसके अलावा मुझे उसके बारे में कुछ पता नहीं?. रेखा ये
सुनकर निराश हो गयी. एक दिन उसने अपने और विक्रम के बारे में रुकमनी को
सब बता दिया. रुकमनी ने कल्याण को बताया. उन्होंने सोचा इसमें कोई बुराई
नहीं है और रेखा से कहा?हम तुम्हारी शादी विक्रम से करवा देंगे?. लेखा को
जब ये पता चला तो उसको झटका लगा. उसने भी अपने और विक्रम के बारे में माँ
बाप को बता दिया और कहा की वो भी विक्रम से ही शादी करना चाहती है. अब
कल्याण और रुकमनी परेशान हो गए. उन्होंने विक्रम के पिता बलदेव सिंह से
बात की. बलदेव ने विक्रम से बात करने के लिए कहा. लेकिन विक्रम का कुछ
अता पता नहीं था. विक्रम को गए एक साल होने आया था. एक दिन उसका दोस्त
जो उसे लेकर गया था वो गाँव आया. बलदेव ने उससे विक्रम के बारे में पूछा
तो उसने कहा?वो तो अभी बड़ा आदमी हो गया है. किसी फैक्ट्री के सेठ का
ख़ास आदमी बन गया है. उसके पास भी उसका खुदका घर, गाड़ी और बहुत से पैसे
भी है?. बलदेव ये सुनकर खुश हो गया. उसने पूछा की वो कब आने वाला है.
उसके दोस्त ने कहा?ये तो मुझे पता नहीं?. रेखा और लेखा को भी ये बात पता
चल गयी. वो अभी भी विक्रम के आने का इंतज़ार कर रहे थे. लेकिन कल्याण की
परेशानी बढ़ रही थी. उसने फिर दोनों बहनों की शादी करवाने का फैसला किया.
उसने दोनों की शादी एक साथ करवा दी. लेकिन दोनों इस शादी से खुश नहीं थी शादी के बाद दोनों दुसरे गाँव चली गई . लेखा और रेखा की शादी के करीब ६ महीने के बाद विक्रम गाँव आया. बलदेव सिंह और उसकी दादी बहुत खुश हो गए. तब उसे पता चला की लेखा और रेखा की शादी हो गयी है. उसने कल्याण से कहा?आपने अच्छा किया जो उनकी शादी करवा दी. मेरी शादी ही चुकी है.?
विक्रम ने शहर में एक लड़की से शादी कर ली थी.
दोस्तों यहाँ कहानी ख़तम होती है कहानी कैसी लगी जरूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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