Monday, November 1, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ अंजानी डगर पार्ट--14



हिंदी सेक्सी कहानियाँ अंजानी डगर पार्ट--14

 गतान्क से आगे....................
 बबलू- मेडम आपके तो खून निकल रहा है. बॅंडेज लगानी पड़ेगी. मेडम- अब यहा पर बॅंडेज लगा कर पार्टी मे थोड़े ही जाउन्गी. तुम प्लीज़ अपनी जीभ से थोड़ा चाट दो. खून रुक जाएगा. बबलू की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी थी. चारा खुद घोड़े को बुला रहा था. उत्तेजना के मारे उसकी आँखे मूंद गयी. वो घुटने के बल बैठ गया और चोट वाली जगह पर मूह ले जा कर अपनी जीभ निकाल ली और चोट को जीभ से चाटने लगा. मेडम की चोट को चाटते-चाटते बबलू फिसल कर मेडम के निपल पर जा पहुचा. और अपनी जीभ से मेडम के निपल को ही चाटने लगा था. थोड़ी देर बाद बबलू ने पीछे हटना चाहा तो मेडम ने उसके सिर को पकड़ लिया और दबा दिया. जिससे बबलू के होठ निपल पर लग गये. मेडम- चॅटो ना प्लीज़. बड़ी राहत मिल रही है..... हा ऐसे ही इसको चूस्ते रहो. दर-असल बबलू द्वारा निपल के साथ अंजाने मे हुई छेड़खानी से मेडम की भावनाए भड़क उठी थी. बबलू तो आँखे मुन्दे चोट के नाम पर निपल को चाते जा रहा था पर मेडम की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी. उन्होने अपने पेटिकट का नाडा खोल दिया और पॅंटी मे हाथ डाल कर अपनी चूत को मसल्ने लगी. मेडम ने अपनी चूत मे उंगली डाली और चिड़िया को सहलाने लगी. मेडम की हर हरकत आग मे घी डालने का काम कर रही थी. उपर बबलू उनके एक ही निपल को चोट समझ कर चूसे जा रहा था. नीचे मेडम की चूत मे आग लगी हुई थी और उसको बुझाने का एक ही उपाए था जो उनके सामने लटक रहा था. उन्होने लपक कर बबलू के 10 इंच के काले नाग को पकड़ लिया. बबलू का काला स्याह लंड मेडम की गोरी उंगलियो मे कुछ ज़्यादा ही काला लग रहा था. लंड के पकड़े जाते ही बबलू चोंक उठा और उसकी आँखे खुल गयी. उसके होंठो मे मेडम का निपल था. उसने तुरंत मूह पीछे हटाया और खड़ा हो गया. उसका लंड अब भी मेडम के हाथ मे था. मेडम का हुलिया बदल चुका था. उनका पेटिकॉट उतर कर घुटनो तक आ गया था और एक हाथ मे लंड था तो दूसरा हाथ पॅंटी मे था. मेडम की आँखे बंद थी. बबलू सारा माजरा समझ गया. उसने टांग मार कर दरवाजा बंद कर दिया और फिर से नीचे घुटनो पर बैठ गया और दोनो हाथो मे मेडम का एक मम्मा पकड़ कर अपने होठ निपल पर चिपका दिए. कहने की आवश्यकता नही कि ये दूसरा मुम्मा था. ईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स.....हहाआआआआआआआआ अपने दूसरे निपल पर मेडम बबलू के होंठो को बर्दाश्त नही कर पाई और ज़ोर की सिसकारी मूह से निकल गयी. बबलू ने दूसरे हाथ से मेडम के दूसरे मम्मे को पकड़ लिया और उस से खेलने लगा. मेडम के एक माममे के लिए बबलू के दोनो हाथ भी कम थे. मेडम- क...क.क्या कर रहे हो....मत करो...ना ..इश्स...हा...प्लीज़...मत ....हा.. बबलू ने दूसरा सहला कर मेडम के हाथ के साथ ही उनकी पॅंटी मे डाल दिया. फिर उनके हाथ के साथ ही अपनी उंगलिया फिसला कर उनकी उंगलियो तक पहुच गया. मेडम- इसस्स....ममियीयीयियी.........नही............प्लीज़.......ऐसा..करो............प्लीज़....मत कर....मर ......आ.......जाउन्गी.... मेडम की सिसकारिया जारी थी. बबलू की उंगलिया मेडम की उंगलियो के साथ ही चिड़िया तक पहुच चुकी थी. मेडम की पॅंटी मे पहले ही प्रेम रस का दरिया उफान रहा था. फिर बबलू ने भी पूरी निर्दयता के साथ मेडम की चिड़िया को कुचल दिया. मेडम- उई मुम्मि.......हाए..... मेडम की रसभरी चूत ने फिर से एक बौछार कर दी और बबलू का हाथ मेडम के रस से सराबोर हो गया. मेडम की छाती ढोँकनी की तरह उपर नीचे हो रही थी. बबलू मेडम की हालत को समझ गया था. उसने देर ना करते हुए मेडम को नीचे कालीन पर लिटा दिया और पॅंटी को शरीर से अलग कर दिया. मेडम इसी पल के इंतेजार मे बहाल हुए जा रही थी. बबलू का कुंड भी अब फटने ही वाला था. मेडम ने खुद ही टाँगे खोल दी और फिर बबलू ने निशाना लगाया और... ...घापप्प गरम लोहे सा लंड फिसलता हुआ मेडम की रसीली चूत मे चला गया और अंदरूनी दीवार से जा टकराया. मेडम फिर चीख उठी. पर ये चीख उत्तेजना की नही दर्द से भरी ती. बबलू के लंड ने सीधे मेडम की बच्चेदानी पर चोट की थी. मेडम की साँसे तेज़ी से चल रही थी. पर हमारा शेर रुका नही. मेडम की चूत कुँवारी नही थी और उसने शुरू से ही तेज धक्के लगाना शुरू कर दिया. बबलू का लंड मेरी तरह ज़्यादा मोटा नही था पर इतना लंबा था की चूत से 1-2 इंच बाहर ही रह जाता था. थोड़ी देर मे मेडम दर्द भूल कर अपनी चुदाई का मज़ा लेने लगी थी. प्लीज़...तेज...और ...तेज....और...और...अंदर ...तक...प्लीज़....तेज....तेज....कर...ओ...ना...तेज... बबलू के दोनो हाथ मेडम के मम्मो को बुरी तरह मसले जा रहे थे पर इससे उनके आकार पर कोई फ़र्क नही पड़ रहा था. पता नही शायद रब्बर के थे. 10 मिनिट के बाद मेडम की सिसकारिया अब चीखों मे बदल गयी थी. और मेडम की शालीनता भी गायब हो गयी थी. वो अब लोकल मुंबइया लॅंग्वेज मे चीख रही थी. स्याला....तुझे सुबह से देख रही थी....साले मेरे मम्मो को घुरे जा रहा था...साले...अब क्या हुआ तुझे...सब दम निकल गया क्या....साले थोड़ा ज़ोर लगा के चोद ना....मर्द का बच्चा नही है क्या....कामीने... मेडम की हर ललकार पर बबलू धक्को की रफ़्तार बढ़ा देता. पर 15 मिनिट तक फुल स्पीड मे चोदने के बाद भी मेडम की चूत की आग शांत नही हुई थी. बबलू का लंड भी सुबह की जोरदार चुदाइयो के कारण सूखा हुआ था और इतनी जल्दी रस बरसाने को तैय्यार नही था. मुक़ुआबला बराबरी का था. एक तरफ मेडम का खेली खाई चूत थी तो दूसरी तरफ बबलू का जोशीला लंड. कोई भी पीछे हटने को तैय्यार नही था. आख़िर मे बबलू ने एक बार फिर पूरे ज़ोर से पूरा लंड मेडम की चूत मे पेल दिया. आहह मेरी माआआआ. मेरी चूत.....साले फाड़ दी तूने...बस..अब और नही...प्लीज़....निकाल...ले...प्लीज़...और मत...पेल.. पर बबलू को तो हाल बुरा था. मेडम ने उसके लंड को फिर से लटका दिया था. उनका खुद का तो कम तमाम हो गया था पर बबलू का लंड अब भी आकड़ा हुआ था. उसने मेडम की चूत से लंड को बाहर निकाला और मेडम को पलट दिया. कालीन पर मेडम की चूत के नीचे एक तालाब सा बना हुआ था. मेडम की चूत पता नही कितनी बार झड़ी थी. बबलू ने मेडम की चूत की माँ ही चोद दी और उनकी टाँगो को तोड़ा खोल दिया. बबलू के सामने दो मलाईदर पहाड़ खड़े थे. बुटीक मे जीने मे चढ़ते वक्त का नज़ारा बबलू की आँखो मे घूम रहा था. मेडम के हिप्स उनके बूब्स से कही भी कमतर नही थे. दोनो पहाड़ो के बीच मे एक कतव्दर घाटी थी और घाटी के बीच मे एक बंद मूह वाला ज्वालामुखी सा दिखाई दे रहा था. खास बात ये थी कि पहाड़ समेत पूरा इलाक़ा एक दम गोरा-चिटा था. कोई तिल आदि का निशान भी नही था. कसाव के तो क्या कहने. मेडम- मेरी टाँगे क्यो खोल दी. अब मेरी आस को फाड़ने का इरादा है क्या ? बबलू- मेडम पीछे से भी सेक्स हो सकता है ? पर यहा तो कोई भी छेद नही है. मेडम- ये जो लेट्रीन वाला छेद है ना, लोग उसी..... (मेडम कहते कहते अचानक चुप हो गयी...शायद उन्हे अपनी भूलका एहसास हो गया था.) बबलू- ठीक है फिर तो मज़े आ गये ! (बबलू चहकते हुए बोला) मेडम- नही-नही...मैने कभी पीछे से नही करवाया है. मेरे हज़्बेंड भी इसके पीछे पड़े रहते है. बबलू- मेडम मैं आपका हज़्बेंड नही हू. फिर पता नही कब मौका मिले आपके इस मखमली जिस्म की सेवा करने का. और फिर मेरा लंड तो भी बुरी तरह आकड़ा हुआ है. बिना इसे शांत किए मैं बाहर कैसे जाउन्गा? मेडम- चलो ठीक है...पर ज़रा आराम से करना. और पहले उंगली से इसे....... बबलू- वो आप मुझ पर छोड़ दीजिए. बबलू से अब बर्दाश्त नही हो रहा था. मेडम की बात काट कर उसने लंड पकड़ा और मेडम की गंद के मुहाने पर रख कर पहले की तरह पूरे ज़ोर से धक्का मार दिया. आआआआआररर्ररगगगगगगगघह आआआआआररर्र्र्रररगगगगगघह एक साथ दो चीखे उभरी. जैसे बबलू ने अपना लंड किसी बंद दरवाजे मे दे मारा हो. बेचारा लंड पकड़ कर एक तरफ लुढ़क गया. लंड का गुलाबी सूपड़ा एक सूम लाल होकर सुन्न पड़ गया था. उधर मेडम को भी चक्कर आने लगे थे. दर्द के मारे दोहरी हुई जा रही थी. बेचारी की कुँवारी गंद को बबलू ने अपने मूसल से प्रहार करके कुचल दिया था. पूरा इलाक़ा त्रहिमाम कर रहा था. मेडम- ईडियट पहले कभी किसी के साथ अनल किया भी है. ऐसे किसी की अनस मे कभी पेनिस घुसता है ? बबलू- सॉरी मेडम. मैने तो आज पहली बार किसी औरत को छुआ है. मुझे क्या पता इस बारे मे. मेडम- जब मैं बता रही थी तो बड़े तीस-मार-खा बन रहे थे. बबलू- सॉरी मेडम. मेडम- ओके. चलो दिखाओ क्या हाल कर लिया तुमने अपने पेनिस का. लंड तो एक दम टॉप की माफिक तना हुआ था पर बबलू हॉर्नी नही था. लंड का हुलिया भी ठीक था बस सूपड़ा थोड़ा रेडिश हो गया था. दर्द भी नही था. पर बबलू के मन मे कुछ और ही था. बबलू- मेडम बहोत दर्द हो रहा है. प्लीज़ कुछ करिए ना. मेडम- ऑल मेला बेबी. इधर आ जा. मेला बैबी. क्या हुआ... बबलू- मेडम थोड़ा आराम से पकड़ना प्लीज़. देखिए अभी तक लाल है. मेडम ने लंड को बीच मे से पकड़ लिया और बबलू के टट्टो को चाटने लगी. टट्टो के उपर मेडम की जीभ फिरने से बबलू का उत्तेजना तंतरा फिर से काम करने लगा था. मेडम ने उसके मर्म-स्थान को छेड़ दिया था. बबलू की टाँगे एक दम खुल गयी थी और मेडम भी उसके टट्टो से थोड़ा उपर उठ कर उसके लंड पर जीभ फिराने लगी. धीरे-धीरे मेडम ने पूरा लंड अपने थूक से सराबोर कर दिया. केवल सूपड़ा ही बचा था. मेडम- मेरी वेजाइना मे डालोगे या मैं इसे चूस लू. बबलू- मेडम आपकी चुसाई मे बड़ा मज़ा आ रहा है. प्लीज़ आप करती रहिए ना. मेडम ने सूपड़ा मूह मे लिया और चूसने लगी. बबलू काफ़ी उत्तेजित हो चुका था. बीच-बीच मे मेडम के मूह मे ही धक्के लगा देता. पर जो लंड मेडम की चूत को फाड़ कर आया था वो मेडम के नरम और गरम मूह मे ज़्यादा देर टिक नही पाया. थोड़ी ही देर मे उसका लंड मेडम के मूह मे पिघल गया. मेडम उसके रस की हर एक बूँद का टेस्ट लेते हुए सारा सीमेन (वीर्य) गटक लिया. इसके बाद बबलू का शरीर जवाब दे गया. बेचारे बबलू के लंड ने पहले ही दिन घंटो तक काम किया था और पता नही कितना रस उगला था. मेडम काफ़ी संतुष्टि दिखाई दे रही थी. अचानक उन्हे पार्टी की याद आई. वो तुरंत उठी और बाथरूम मे नहाने के लिए घुस गयी. बेचारे बबलू के शरीर मे बिल्कुल जान नही थी. नही तो मेडम के साथ जक्यूज़ी मे भी नहा लेता. बेचारा.. मेडम- उठो. सो गये क्या ? ये ब्लाउस तो पहना दो. बबलू ने 15-20 मिनिट की झपकी ले ली थी और वो काफ़ी तरो-ताज़ा महसूस कर रहा था. वो चुप-चाप उठा. और मेडम की ब्लाउस पहनने मे मदद करने लगा. मेडम ने सारी पहले ही पहन रखी थी. ब्लाउस की डोरी बँध जाने के बाद मेडम बोली- ये लो मेरा कार्ड. जब कोई ज़रूरत हो या मिलने का मन करे तो मेरे सेल पर फोन कर लेना. बबलू- जी मेडम इतना कह कर बबलू कोठी से बाहर निकला. बबलू के चेहरे पर आत्मा-विश्वास सॉफ दिखाई दे रहा था. रात के 8 बजने वाले थे. बबलू ने किनेटिक स्टार्ट की और भगा ली. उधर निशा को मन ही मन चिंता हो रही थी कि कही उसने ग़लत आदमी पर भरोसा तो नही कर लिया. उसे बबलू पर भी गुस्सा आ रहा था. 15 मिनिट का ही तो काम था और अब 3 घंटे होने आए थे. बेचारी बार-बार बाहर निकल कर उसकी राह देख रही थी. 8 बजे बुटीक भी बंद हो गया. पर निशा बाहर खड़ी रही. उसका दिल बबलू को ग़लत मानने के लिए राज़ी नही हो रहा था. इसीलिए शायद उसने सबके मना करने पर भी बबलू का इंतेजार करने का फ़ैसला कर लिया था. रात घिरने के साथ ही सारा इलाक़ा सुनसान होता जा रहा था और निशा के मन मे डर समता जा रहा था. निशा वाहा अकेली खड़ी थी. जब भी कोई वेहिकल वाहा से गुज़रता तो उसके दिल की धड़कने तेज हो जाती. उसके निकल जाने के बाद ही उसकी जान मे जान आती. पॉश इलाक़ो मे यही दिक्कत रहती है. रात को सड़क पर कोई आदमी ढूँढने से भी नही मिलता. ऐसे ही 15 मिनिट बीत गये. अचानक एक बड़ी सी बीएमडब्ल्यू वाहा पर रुकी और ड्राइवर विंडो का ग्लास नीचे हुआ. उसमे से एक लड़के ने सी बाहर निकाला और बोला- हाई बेब. वॉट'स अप....वाना हॅव फन... निशा की तो घिग्घी ही बँध गयी. हालाँकि उसका पूरा तन पूरी तरह ढका हुआ था पर उस लड़के की नज़रो मे वो खुद को नंगा महसूस कर रही थी. उसके हाथ कपड़ो को खीच कर लंबा करने की कोशिश करने लगे. उससे कोई जवाब ना पाकर लड़के की हिम्मत और बढ़ गयी. क्रमशः............................................. part--14 gataank se aage.................... Bablu- Madam aapke to khoon nikal raha hai. Bandage lagani padegi. Madam- Ab yaha par bandage laga kar party me thode hi jaungi. Tum please apni jeebh se thoda chat do. Khoon ruk jayega. Bablu ki to jaise man ki murad puri ho gayi thi. Chara khud Ghode ko bula raha tha. Uttejana ke mare uski aankhe mund gayi. Wo ghutne ke bal baith gaya aur chot wali jagah par muh le ja kar apni jeebh nikal li aur chot ko jeebh se chatne laga. Madam ki chot ko chatate-chatate Bablu fisal kar Madam ke Nipple par ja pahucha. Aur apni jeebh se Madam ke nipple ko hi chatne laga tha. Thodi der bad Bablu ne piche hatna chaha to Madam ne uske sir ko pakad liya aur daba diya. Jisse Bablu ke hoth nipple par lag gaye. Madam- chato na please. Badi rahat mil rahi hai..... Ha aise hi isko chuste raho. Dar-asal Bablu dwara nipple ke sath anjane me hui chedkhani se Madam ki bhavnaye bhadak uthi thi. Bablu to aankhe munde chot ke naam par nipple ko chate ja raha tha par Madam ki uttejana bhadhti hi ja rahi thi. Unhone apne petticott ka nada khol diya aur panty me hath dal kar apni chut ko masalne lagi. Madam ne apni chut me ungli dali aur chidiya ko sehlane lagi. Madam ki har harkat aag me ghee dalne ka kam kar rahi thi. Upar Bablu unke ek hi nipple ko chot samajh kar chuse ja raha tha. Niche Madam ki chut me aag lagi huyi thi aur usko bujhane ka ek hi upaye tha jo unke samne latak raha tha. Unhone lapak kar Bablu ke 10 inch ke kale naag ko pakad liya. Bablu ka kala syah lund Madam ki gori ungliyo me kuch jyada hi kala lag raha tha. Lund ke pakde jate hi Bablu chonk utha aur uski aankhe khul gayi. Uske hotho me madam ka nipple tha. Usne turant muh piche hataya aur khada ho gaya. Uska lund ab bhi madam ke hath me tha. Madam ka huliya badal chuka tha. Unka peticott utar kar ghutno tak aa gaya tha aur ek hath me lund tha to dusra hath panty me tha. Madam ki aankhe band thi. Bablu sara majra samajh gaya. Usne tang mar kar darwaja band kar diya aur fir se niche ghutno par baith gaya aur dono hatho me madam ka ek mumma pakad kar apne hoth nipple par chipka diye. Kehne ki awshyakta nahi ki ye dusra mumma tha. Iiiiisssssssssssss.....hhhaaaaaaaaaaaaaaaaaa Apne dusre nipple par Madam Bablu ke hotho ko bardasht nahi kar payi aur jor ki siskari muh se nikal gayi. Bablu ne dusre hath se Madam ke dusre mumme ko pakad liya aur us se khelne laga. Madam ke ek mumme ke liye bablu ke dono hath bhi kam the. Madam- k...k.kya kar rahe ho....mat karo...naa ..iss...haa...please...mat ....haa.. Bablu ne dusra sehla kar madam ke hath ke sath hi unki panty me dal diya. Fir unke hath ke sath hi apni ungliya fisla kar unki ungliyo tak pahuch gaya. Madam- Isss....mummiiiiii.........nahi............please.......aisa..karo............please....mat kar....mar ......aah.......jaungi.... Madam ki siskariya jari thi. Bablu ki ungliya Madam ki ungliyo ke sath hi chidiya tak pahuch chuki thi. Madam ki panty me pehle hi prem ras ka dariya ufan raha tha. Fir Bablu ne bhi puri nirdayata ke sath madam ki chidiya ko kuchal diya. Madam- Uyi Mummii.......Haye..... Madam ki rasbhari chut ne fir se ek bauchar kar di aur Bablu ka hath Madam ke ras se sarabor ho gaya. Madam ki chati dhonkni ki tarah upar niche ho rahi thi. Bablu madam ki halat ko samajh gaya tha. Usne der na karte huye Madam ko niche kaleen par lita diya aur Panty ko shareer se alag kar diya. Madam isi pal ke intejaar me behal huye ja rahi thi. Bablu ka kund bhi ab fatne hi wala tha. Madam ne khud hi tange khol di aur fir Babblu ne nishana lagaya aur... ...GHAPPP Garam lohe sa Lund fisalta hua Madam ki raseeli chut me chala gaya aur andaruni deewar se ja takraya. Madam fir cheekh uthi. Par ye cheekh uttejana ki nahi dard se bhari ti. Bablu ke lund ne sidhe madam ki bacchedani par chot ki thi. Madam ki sanse teji se chal rahi thi. Par hamara sher ruka nahi. Madam ki chut kunwari nahi thi aur usne shuru se hi tej dhakke lagana shuru kar diya. Bablu ka lund meri tarah jyada mota nahi tha par itna lamba tha ki chut se 1-2 inch bahar hi reh jata tha. Thodi der me Madam dard bhool kar apni chudayi ka maja lene lagi thi. Please...tej...aur ...tej....aur...aur...andar ...tak...please....tej....tej....kar...o...na...tej... Bablu ke dono hath Madam ke mummo ko buri tarah masle ja rahe the par isse unke akaar par koi fark nahi pad raha tha. Pata Nahi shayad Rubber ke the. 10 minute ke bad Madam ki siskariya ab cheeko me badal gayi thi. Aur Madam ki shaleenata bhi gayab ho gayi thi. Wo ab local Mumbaiya Language me cheekh rahi thi. Syaala....tujhe subah se dekh rahi thi....sale mere mummo ko ghure ja raha tha...sale...ab kya hua tujhe...sab dum nikal gaya kya....sale thoda jor laga ke chod na....Mard ka bachha nahi hai kya....kaminey... Madam ki har lalkar par Bablu dhakko ki raftar badha deta. Par 15 minute tak full speed me chodne ke bad bhi Madam ki chut ki aag shant nahi huyi thi. Bablu ka lund bhi subah ki jordar chudayiyo ke karan sukha hua tha aur itni jaldi ras barsane ko taiyyar nahi tha. Muquabla barabari ka tha. Ek taraf Madam ka kheli kahyi chut thi to dusri taraf Bablu ka joshila lund. Koi bhi piche hatne ko taiyyar nahi tha. Akhir me Bablu ne ek baar fir pure jor se pura lund Madam ki chut me pel diya. Aahhhhh meri maaaaaaaa. Meri chut.....sale fad di tune...bas..ab aur nahi...please....nikal...le...please...aur mat...pel.. Par Bablu ko to hal bura tha. Madam ne uske lund ko fir se latka diya tha. Unka khud ka to kam tamam ho gaya tha par Bablu ka lund ab bhi akada hua tha. Usne Madam ki chut se lund ko bahar nikala aur Madam ko palat diya. Kaleen par Madam ki chut ke niche ek talaab sa bana hua tha. Madam ki chut pata nahi kitni baar jhadi thi. Bablu ne Madam ki chut ki mam hi man daad di aur unki tango ko thoda khol diya. Bablu ke samne do malaidar pahad khade the. Boutique me jeene me chadhte wakt ka najara Bablu ki aankho me ghum raha tha. Madam ke hips unke Boobs se kahi bhi kamtar nahi the. Dono pahado ke beech me ek katavdar ghati thi aur ghati ke beech me ek band muh wala jwalamukhi sa dikhayi de raha tha. Khas baat ye thi ki pahad samet pura ilaka ek dum gora-chitta tha. Koi til aadi ka nishan bhi nahi tha. Kasaav ke to kya kehne. Madam- Meri tange kyo khol di. Ab meri Ass ko fadne ka irada hai kya ? Bablu- Madam piche se bhi sex ho sakta hai ? Par yaha to koi bhi ched nahi hai. Madam- Ye jo Latrine wala ched hai na, log usi..... (Madam kehte kehte achanak chup ho gayi...shayad unhe apni bhoolka ehsaas ho gaya tha.) Bablu- Theek hai fir to maje aa gaye ! (Bablu chehkte huye bola) Madam- Nahi-Nahi...Maine kabhi piche se nahi karwaya hai. Mere husband bhi iske piche pade rehte hai. Bablu- Madam mai aapka husband nahi hu. Fir pata nahi kab mauka mile aapke is makhmali jism ki sewa karne ka. Aur fir mera lund to bhi buri tarah akada hua hai. Bina ise shant kiye mai bahar kaise jaunga? Madam- Chalo theek hai...par jara aram se karna. Aur pehle ungli se ise....... Bablu- Wo aap mujh par chor dijiye. Bablu se ab bardasht nahi ho raha tha. Madam ki baat kat kar usne lund pakda aur Madam ki gand ke muhane par rakh kar pehle ki tarah pure jor se dhakka mar diya. AAAAAAAAAARRRRRGGGGGGGGHHHHHHH AAAAAAAAAARRRRRRRRGGGGGGHHHHHHH Ek sath do cheekhe ubhari. Jaise Bablu ne apna lund kisi band darwaje me de mara ho. Bechara lund pakad kar ek taraf ludhak gaya. Lund ka gulabi supada ek sum lal hokar sunn pad gaya tha. Udhar Madam ko bhi chakkar aane lage the. Dard ke mare dohri huyi ja rahi thi. Bechari ki kunwari gand ko Bablu ne apne musal se prahar karke kuchal diya tha. Pura ilaka trahimamkar raha tha. Madam- Idiot pehle kabhi kisi ke sath anal kiya bhi hai. Aise kisi ki anus me kabhi penis ghusta hai ? Bablu- Sorry Madam. Maine to aaj pehli baar kisi aurat ko chua hai. Mujhe kya pata is bare me. Madam- Jab mai bata rahi thi to bade tees-mar-kha ban rahe the. Bablu- Sorry Madam. Madam- Ok. Chalo dikhao kya haal kar liya tumne apne penis ka. Lund to ek dum top ki mafik tana hua tha par Bablu horny nahi tha. Lund ka huliya bhi theek tha bas supada thoda Reddish ho gaya tha. Dard bhi nahi tha. Par Bablu ke man me kuch aur hi tha. Bablu- Madam bahot dard ho raha hai. Please kuch kariye na. Madam- Alle mela baby. Idhar aa ja. Mela Baiby. Kya hua... Bablu- Madam thoda aaram se pakadna please. Dekhiye abhi tak lal hai. Madam ne lund ko beech me se pakad liya aur Bablu se tatto ko chatne lagi. Tatto ke upar Madam ki jeebh firne se Bablu ka Uttejana Tantra fir se kam karne laa tha. Madam ne uske marm-sthan ko ched diya tha. Bablu ki tange ek dum khul gayi thi aur Madam bhi uske tatto se thoda upar uth kar uske lund par jeebh firane lagi. Dhire-dhire Madam ne pura lund apne thook se sarabor kar diya. kewal supada hi bacha tha. Madam- Meri vagina me daloge ya mai ise chus lu. Bablu- Madam aapki chusayi me bada maja aa raha hai. Please aap karti rahiye na. Madam ne supada muh me liya aur chusne lagi. Bablu kafi uttejit ho chuka tha. Beech-beech me Madam ke muh me hi dhakke laga deta. Par jo lund Madam ki chut ko fad kar aaya tha wo Madam ke naram aur garam muh me jyada der tik nahi paya. Thodi hi der me uska lund Madam ke muh me pighal gaya. Madam uske ras ki har ek boond ka taste lete huye sara semen (veerya) gatak liya. Iske bad Bablu ka shareer jawab de gaya. Bechare Bablu ke lund ne pehle hi din ghanto tak kam kiya tha aur pata nahi kitna ras ugla tha. Madam kafi santushti dikhayi de rahi thi. Achanak unhe party ki yaad aayi. Wo turant uthi aur Bathroom me nahane ke liye ghus gayi. Bechare Bablu ke shareer me bilkul jaan nahi thi. Nahi to Madam ke sath Jacuzzi me bhi naha leta. Bechara.. Madam- Utho. So gaye kya ? Ye Blouse to pehna do. Bablu ne 15-20 minute ki jhapaki le li thi aur wo kafi taro-taza mehsoos kar raha tha. Wo chup-chap utha. Aur Madam ki Blouse pehanne me madad karne laga. Madam ne saree pehle hi pehan rakhi thi. Blouse ki dori bandh jane ke bad Madam boli- Ye lo mera card. Jab koi jarurat ho ya milne ka man kare to mere Cell par fone kar lena. Bablu- Ji Madam Itna keh kar Bablu kothi se bahar nikla. Bablu ke chehre par atma-vishwas saaf dikhayi de raha tha. Raat ke 8 bajne wale the. Bablu ne Kinetic start ki aur bhaga li. Udhar Nisha ko man hi man chinta ho rahi thi ki kahi usne galat aadmi par bharosa to nahi kar liya. Use Bablu par bhi gussa aa raha tha. 15 minute ka hi to kaam tha aur ab 3 ghante hone aaye the. Bechari bar-bar bahar nikal kar uski raah dekh rahi thi. 8 baje Boutique bhi band ho gaya. Par Nisha bahar khadi rahi. Uska dil Bablu ko galat manane ke liye raji nahi ho raha tha. Isiliye shayad usne sabke mana karne par bhi Bablu ka intejaar karne ka faisla kar liya tha. Raat ghirne ke sath hi sara ilaka sunsaan hota ja raha tha aur Nisha ke man me dar samata ja raha tha. Nisha waha akeli khadi thi. Jab bhi koi vehicle waha se gujarta to uske dil ki dhadkane tej ho jati. Uske nikal jane ke bad hi uski jaan me jaan aati. Posh ilako me yahi dikkat rehti hai. Raat ko sadak par koi aadmi dhundhne se bhi nahi milta. aise hi 15 minute beet gaye. Achanak ek badi si BMW waha par ruki aur driver window ka glass niche hua. Usme se ek ladke ne sie bahar nikala aur bola- Hi Babe. What's Up....Wanna have Fun... Nisha ki to ghigghi hi bandh gayi. Halanki uska pura tan puri tarah dhaka hua tha par us ladke ki najro me wo khud ko nanga mehsoos kar rahi thi. Uske hath kapdo ko kheech kar lamba karne ki koshish karne lage. Usse koi jawab na pakar ladke ki himmat aur badh gayi. kramashah........... Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी 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