रिसेशन की मार पार्ट--3
गतान्क से आगे..........
मैं और सतीश टाइम पर ट्रॅवेल ऑफीस पोहोच गये. सतीश को वेदर देख के याद आया और वो करीब की दुकान से एक वॅसलिंग मिक्स कोल्ड क्रीम का डिब्बा ले के आया, यहा कोई सूपरमार्केट तो था नही जो अपनी चाय्स से पर्चेस किया जा सके, इसी लिए चौड़े मूह वाला बड़े ढक्कन का मीडियम साइज़ का डिब्बा मिला जिसे सतीश ने खरीद लिया और मुझे बोला के यह रखलो रास्ते मैड हूप लगेगी या बाहर की हवा से स्किन खराब हो जायगी तो यह तुम अपने फेस पे और हाथो पे लगा लेना तो मैं ने वो कोल्ड क्रीम की बॉटल को अपने पर्स मे ही रख लिया. इतनी देर मैं वाहा ऑलमोस्ट सब ही लोग आ चुके थे और बस के अंदर बैठने लगे थे. मेरा सूटकेस भी बस के नीचे बने लॉकर मे रख दिया और मैं सिर्फ़ अपना पर्स ले के अपनी सीट पे आ गई. देखा तो मेरी सीट पे मैं अकेली ही थी और कोई नही आया तो मैं खुश हो गई के चलो सफ़र आराम से गुज़रेगा 2 सीट पे आराम से बैठुगी. मे बोहोत ही डर रही थी और बस के चलने तक सतीश मेरे साथ ही रहे और मेरी हिम्मत बढ़ा रहे थे और मुझे बिना घबराए और बिना डरे कॉन्फिडेन्स के साथ सफ़र करने को बोल रहे थे. आज मैं फर्स्ट टाइम सतीश से और बॅंगलुर से दूर जा रही थी मेरा दिल बड़ी ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था जैसे अभी बहेर निकल जाएगा, मेरे बदन से पसीने छ्छूट रहे थे फिर भी मैं हिम्मत दिखा रही थी और यह सोच कर के जब मुझे जाना ही है तो क्यों ना मैं कॉन्फिडेन्स के साथ जाउ और अगर मुझे बॅंगलुर से बाहर ही रह कर जॉब करनी है तो मेरे अंदर कॉन्फिडेन्स तो होना ही चाहिए बॅस यह सोच कर मेरे अंदर हिम्मत बढ़ने लगी और मेरा दिमाग़ से डर निकल गया और मेरे चेहरे पे कुछ इतमीनान आ गया. बस अपने टाइम पे स्टार्ट हो गयी और चल पड़ी. मैं ने बुझे दिल से और अपनी आँसू भरी आँखो से सतीश को बाइ बोला और खिड़की से हाथ निकाल के उसको उस वक़्त तक विश करती रही तब तक वो दिखाई देता रहा. जब वो नज़रो से ओझल हो गया तो मुझे रोना आ गया और मेरे आँसू निकल पड़े. कुछ देर तक रोती रही फिर अपने आप को संभाल लिया. लास्ट सीट पे बैठने की वजह से किसी को पता भी नही चला के मैं रो रही थी.
अब मैं अपने आप को बस के अंदर सेट करने लगी और जो शॉल लपेटी थी उसको फोल्ड कर के ऊपेर बने हुए ओवरहेड पोर्षन मे रख दिया. मे के महीना था और दोपेहेर 2 बजे की गर्मी थी बदन पसीने से भरा हुआ था. जैसे ही बस चलने लगी थोड़ी हवा आई तो बदन का पसीना सूखा पर बाहर अभी हवा गरम ही चल रही थी. शुरू शुरू मे तो बस के अंदर के लोग एक दूसरे से ज़ोर ज़ोर से बातें कर रहे थे पर थोड़ी ही देर के बाद ऑलमोस्ट सब ही लोग चुप हो गये थे और बस मे जैसे एक सुकून आ गया था. मैं अब सोचने लगी के मुंबई मे क्या होगा, कहा होटेल मिलेगा, आर के इंडस्ट्रीस का ऑफीस पता नही कितनी दूर होगा, जॉब मिलेगी भी या नही एट्सेटरा एट्सेटरा. अभी मे यह सब सोचने मे ही बिज़ी थी के बस एक स्टॉप पे रुकी, खिड़की से बाहर झाँक के देखा तो किसी बोर्ड पे पीनिया लिखा देखा तो मैं समझ गई के बस बॅंगलुर के आउट्स्कियर्ट मे पोहोच गई है पर यह नही मालूम हुआ के बस क्यों रुकी है.
5 मिनिट के अंदर ही बस के अंदर एक जवान और बड़ा हॅंडसम सा यंग आदमी एक छोटा सा एर बॅग लटकाए, ट्रॅक सूट पहने अंदर आया. मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा क्यॉंके वो आदमी सीधा मेरी तरफ आ रहा था और वो सच मे मेरे पास आ के रुक गया और अपना एर बॅग सीट के नीचे रख के मेरे साइड वाली सीट पे बैठ गया तो मैं समझ गई के उसने रिज़र्वेशन तो शाएद बॅंगलुर से ही करवा लिया था पर शाएद उसको यही से बोर्ड करना था. उसने बैठने से पहले हेलो मिस बोला और धीरे से मुस्कुरा दिया. ऊफ्फ क्या बताउ कितनी किल्लर स्माइल थी उसकी. देखने से लगता था के प्लस और माइनस शाएद मेरी ही एज ग्रूप का होगा पर बोहोत ही हॅंडसम था, हाइट होगी कोई 5' 9/10" के करीब, मेरे से अछा ख़ासा लंबा था, बोहोत ही गोरा रंग, ट्रॅक सूट के हाफ स्लीव्स टी शर्ट के अंदर से उसके लंबे भरे भरे गोरे गोरे हाथ जिनपे आछे ख़ासे बाल भी थे और उसकी रिस्ट पे एक बड़ी सी ब्लॅक स्ट्रॅप वाली स्पोर्ट्स . बहुत ही मस्त लग रही थी. अथलेटिक टाइप की मस्क्युलर बॉडी थी. बड़ी बड़ी ब्राउन एएस और लाइट ब्राउन बॉल जो बोहोत ही अछी तरह से सेट किए हुए थे, ब्रॉड शोल्डर्स और स्पोर्ट्स शूस मे वो एक स्पोर्टस्मन ही लग रहा था. उसके पास से पर्फ्यूम की बोहोत ही बढ़िया स्मेल आ रही थी लगता था के कोई हाइ क्वालिटी का पर्फ्यूम यूज़ करता है. उसने एक दम से मुझे बोहोत अछी तरह से विश किया और बोला हेलो मिस विच सीट वुड यू लाइक टू सीट, विंडो ओर आसले. मुझे उस टाइम तक आसले सीट क्या होती है पता नही था बॅस विंडो सीट से समझ आ गया के आसले सीट मीन्स नेक्स्ट टू विंडो यानी पॅसेज वाली सीट तो मैं ने बोला के आइ होप यू वोंट माइंड इफ़ आइ यूज़ विंडो सीट, तो उसने एक बोहोत ही दिलकश मुस्कुराहट के साथ बोला ओह मिस प्लीज़ डॉन'ट वरी, आप जहा कंफर्टबल फील करती है बैठिए. इतना बोल के मैं विंडो सीट की ओर हट गई और वो मेरे लेफ्ट साइड मे बैठ गया और मुस्कुराते
हुए बोला के हेलो मिस, आइ आम राज और अपने हाथ मेरी तरफ बढ़ा दिया तो मैं भी उसकी मुस्कान मे इतनी डूब चुकी थी के मैं ने भी अपना हाथ उसके हाथ मे दे दिया और बोली के आइ आम स्नेहा तो उसने बोला के स्नेहा ईज़ आ नाइस नेम, वेरी ग्लॅड टू नो यू मिस तो मैं ने भी बोला के सेम हियर. उसने बोला के मैं मुंबई जा रहा हू तो मे ने भी बोला के मे भी मुंबई ही जा रही हू तो उसने बोला के विश यू ए प्लेज़ेंट जर्नी तो मे ने भी मुस्कुरा के बोला के सेम टू यू. इतनी बात करने से मेरा दिल कुछ हल्का होने लगा और मैं सोचने लगी के इतना हॅंडसम आदमी साथ मे हो तो शाएद सच मे मेरा जर्नी अछा ही होगा और यह सोच के मैं थोड़ा सा मुस्कुरा दी और खामोश हो गई और खिड़की के बाहर देखने लगी. यह हमारा छोटा सा इंट्रोडक्षन था.
उसके बैठने के थोड़ी देर के बाद ड्राइवर कॉफी पी के वापस आया और बस फिर से स्टार्ट हो गई. बस के सीट्स बोहोत ज़ियादा कंफर्टबल और बोहोत ज़ियादा बड़े भी नही थे इसी वजह से जब वो बैठा तो उसका शोल्डर और हाथ मेरे हाथ से लगने लगा और बस के मूव्मेंट्स के साथ उसका हाथ भी ऊपेर नीचे होने लगा. उसका बदन बोहोत ही गरम था जिसकी गर्मी मैं अपने बदन मे महसूस कर रही थी. मुझे भी कुछ अछा लगने लगा था इसी लिए मैं ऐसे ही बैठी रही. थोड़ी देर के बाद उसने अपना बॅग नीचे सीट से बाहर निकाला और बॅग मे से 2 कोक के ठंडे कॅन्स निकाले और एक मेरी तरफ बढ़ा दिया और बोला के प्लीज़ टेक इट मिस स्नेहा तो पहले तो मैं ने नो थॅंक्स बोला पर उसने बोला के गर्मी बोहोत है ठंडा ठंडा कोक पी लीजिए गर्मी जाती रहेगी वो बड़ी अची हिन्दी भी बोल रहा था लगता था के अछा ख़ासा पढ़ा लिखा होगा और उसके कपड़ो से, उसकी रिस्ट . से और उसके मेह्न्गे पर्फ्यूम उसे करने से लगता था के वो किसी अमीर घराने का होगा. उसके इन्सिस्ट करने पर मैं ने हाथ बढ़ा के थॅंक्स बोला और उसके हाथ से कोक ले लिया. कोक लाने के टाइम पे मेरा हाथ उसके हाथ से टच कर गया, मुझे उसका हाथ बोहोत ही गरम महसूस हुआ और मेरे बदन मे एक करेंट सा दौड़ गया. मैं कोक का कॅन खोल के पीने लगी. कोक बोहोत ही ठंडा था ऐसा लगता था के उसने कोक को फ्रीज़ किया हुआ था इसी लिए इतना ठंडा था और सच मे ऐसी गर्मी मई ठंडे कोक के पीना का मज़ा कुछ और ही था. जब ठंडा कोक थ्रोट के अंदर से पेट मे जा रहा था तो ऐसा लग रहा था जैसे एक ठंडी लकीर थ्रोट से पेट मे जा रही है और यह फीलिंग बोहोत अछी लग रही थी. उसने पूछा के कोक कैसा लगा मिस तो मैं ने बोला के डॉन'ट कॉल मी मिस जस्ट कॉल मी स्नेहा प्लीज़ तो वो हंस दिया और बोला के हा तो स्नेहाज़ी आपको ऐसी गर्मी मे ठंडा ठंडा कोक कैसा लगा तो मैं ने भी मुस्कुरा के बोला के नही स्नेहा जी नही सिर्फ़ स्नेहा बोलिए प्लीज़ और फिर जवाब दिया हा बोहोत अछा लगा तो उसने कहा के कॉल मी राज तो मैं ने कहा थॅंक्स राज जी तो उसने भी कहा के नही राज जी नही सिर्फ़ राज बोलिए प्लीज़ और हम दोनो मुस्कुरा दिए.
यह हमारी स्टार्टिंग के बात चीत थी उसके बाद राज ने अपने बॅग से कुछ मॅगज़ीन निकाले और एक मेरी तरफ बढ़ा दिया और एक वो खुद पढ़ने लगा. यह एक फिल्मी मॅगज़ीन था जिसे मैं देखने लगी. लास्ट नाइट बिल्कुल भी नींद नही हुई थी, शाम के ऑलमोस्ट 4 बज रहे थे और अभी भी बाहर से गरम हवा लग रही थी इसी लिए मुझे नींद आने लगी तो मुझे वॅसलीन मिक्स कोल्ड क्रीम की बॉटल याद आई तो मैं ने पर्स से निकाल के अपने चेहरे पे और हाथो पे क्रीम लगाई और क्रीम को पर्स मे वापस रख कर वैसे ही बैठे बैठे बोहोत देर तक तो राज के बारे मे सोचती रही के वाह क्या शानदार मर्द है कितना हंडसॅम है, लड़कियाँ तो इस पर मरती होंगी पता नही कितनी लड़कियाँ इस हॅंडसम से चुदवा चुकी होंगी पता नही कितनी गर्ल फ्रेंड्स होगे इसके पता नही शादी शुदा है या अभी ऐसे ही ज़िंदगी के मज़े ले रहा है एट्सेटरा एट्सेटरा ऐसे ही मेरे दिमाग़ मे सावालात गूंजते रहे फिर मैं कुछ देर तक मॅगज़ीन के पिक्चर्स देखती रही और ऐसे ही देखते देखते सो गयी. आँख खुली तो शाम के ऑलमोस्ट 6 या 6:30 बजे का टाइम था. मुझे लगा जैसे मुझे एक घंटे की नींद लगी थी इसी लिए मैं तोड़ा फ्रेश फील कर रही थी. बस चित्रदुरगा टाउन मे पोहोच रही थी. मेरी आँख खुली तो देखा के राज भी सो चुका था और जैसे ही बस चित्रदुरगा के आउट्स्कियर्ट के टी स्टॉल पे एक हल्के से झटके से रुकी तू राज की आँख भी खुल गई और हम दोनो एक दूसरे को देख के विदाउट एनी रीज़न मुस्कुरा दिए उसने सजेस्ट काइया के नीचे उतरते है और चाइ कॉफी पीते है तो मैं भी एक ही पोज़िशन मे इतनी देर से बैठे बैठे थक चुकी थी इसी लिए मैं भी नीचे उतर के थोड़ी वॉकिंग करके अपने मसल्स को रिलॅक्स करना चाहती थी इसलि लिए मैं भी नीचे उतर गई. राज ने मुझ से पूछा के क्या लेगी आप चाय या कॉफी तो मैं ने बोला के कॉफी ही ठीक रहेगी तो उसने 2 नेस्केफे का ऑर्डर दिया. कॉफी बोहोत अछी और बोहोत ही टेस्टी थी. शाम के टाइम मे गरमा गरम कॉफी बोहोत अछी लग रही थी मैं अपना पर्स खोल के कॉफी का पेमेंट करने लगी तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला के नही पेमेंट तो मैं करूगा, प्लीज़ बे मी गेस्ट फिर भी मैं ने इन्सिस्ट किया तो उसने मुझे रोक दिया और खुद ही पेमेंट किया तो मैं ने उसको थॅंक्स बोला तो उसने बोला के नो फॉरमॅलिटीस प्लीज़. उसने जब मेरे हाथो को अपने गरम हाथो से पकड़ा तो मेरे अंदर एक करेंट सा दौड़ गया और मेरे माथे पे थोड़ा सा पसीना भी आगेया.
थोड़ी देर के अंदर वाहा पे सब पॅसेंजर्स यरिनल्स को जा के वॉशरूम से फ्रेश हो गये और कॉफी या कोल्ड ड्रिंक्स ले के वापस बस मे आ गये थे. मैं भी वॉशरूम को जा के आ गई थी तो यूरिनरी ब्लॅडर जो यूरिन से फुल हो गया था अब रिलॅक्स हो गया था और मैं भी ईज़ी फील कर रही थी. तकरीबन आधे
घंटे के बाद बस फिर से चलने लगी. इतनी देर से बहेर की गरम हवा लगने से मेरे गोरे गोरे चीक्स लाल हो गये थे तो राज ने बोला के स्नेहा आपके चेहरे पे धूप ने अपना कमाल दिखा दिया और आपके गालो को कश्मीरी सेब का कलर दे दिया तो मैं ऐसे फर्स्ट क्लास कॉमेंट्स के लिए मुस्कुरा दी. मुझे उसका यह ब्यूटी का आडमाइर करने का स्टाइल बोहोत अछा लगा. मैं ने बोला के नही ऐसी कोई बात नही मैं आक्च्युयली रात मे सोई नही थी इसी लिए मुझे नींद आ गई और मुझे पता भी नही था के मैं सन के डाइरेक्षन मे बैठी हू और बोला के राज आप इधर विंडो सीट पर आ जाइए मैं उधर आ जाती हू और मैं अपनी सीट से उठने लगी तो वो भी अपनी सीट से उठ गया और हम ने सीट्स का एक्सचेंज कर लिया अब मैं उसके लेफ्ट साइड मे बैठी थी. यह आसले वाली सीट मुझे विंडो सीट से ज़ियादा ठीक लगी के मैं अपने लेग्स को थोड़ा स्ट्रेच कर सकती थी. राज ने मुझ से पूछा के आप कहा रहती हो मुंबई मे तो मैने बोला के ओह नही मैं मुंबई मे रहती नही आक्च्युयली मे मुंबई को बिल्कुल फर्स्ट टाइम जा रही हू तो उसका मूह हैरत से खुल गया और बोला के आप अकेली जा रही हो मुंबई और वो भी फर्स्ट टाइम तो मैं ने बोला के हा एक कंपनी मे मेरा इंटरव्यू है तो उसने पूछा के कैसा इंटरव्यू तो मैने बोला के मैं ने सिक्रेटेरियल पोस्ट के लिए अप्लाइ किया था और मुझे कॉल आई है इंटरव्यू के लिए तो उसने पूछा के कोन्सि कंपनी का है तो मैं ने बोला के है कोई आर के इंडस्ट्रीस जिस्मै एमडी को प्राइवेट सेक्रेटरी कम अकाउंट्स वाली असिस्टेंट चाहिए तो उसने बोला के आपको पता है किसी एमडी की प्राइवेट सेक्रेटरी होने का मतलब क्या होता है तो मैं ने पूछा के नही, क्यों, क्या होता है उसका मतलब, तो उसने बोला के मुंबई या और दूसरे बिग सिटीस मैं जो भी किसी भी कंपनी के एमडी या एग्ज़िक्युटिव्स होते है वो बड़े ही हरामी होते है, अपनी सेक्रेटरीस को अपने साथ टूर पे भी आउट ऑफ सिटी ले जाते है जहा कभी कभी तो दोनो को एक ही रूम शरीर करने पड़ता है, और ऑफीस मे उनके साथ लेट बैठना भी पड़ता है कभी कभी तो उनके रूम मे घंटो तक भी बैठना पड़ता है और ऑलमोस्ट ऑल प्राइवेट सेक्रेटरीस के उनके बॉसस के साथ इल्लीगल रिलेशन्स होते है तो मेरा मूह हैरत से खुला का खुला रह गया और मैं ने पूछा आप सच बोल रहे हो तो उसने कहा के हाँ एक दम से सच.
क्रमशः......................
Recession Ki Maar part--3
gataank se aage..........
Bangalore se nikalne ke time pe mousam ziada garmi bhi nahi ziada thandi bhi nahi bohot pleasant weather tha phir bhi mai ne apne badan pe ek shawl lapet li ke kahi raste mai thandi lage to shawl kaam ayegi aur kisi ko pata bhi nahi chalega ke mai ne panty aur brassier nahi pehni hai and anyhow thodi der mai hi andhera ho jayega to phir kisi ko bhi kia pata chalega ke kisne kia pehna hai kia nahi.
Mai aur satish dopeher ke 2 baje se pehle hi travel office pohoch gaye. Satish ko weather dekh ke yaad aya aur wo kareeb ki dukan se ek vaseling mix cold cream ka dibba le ke aaya, yaha koi supermarket to tha nahi jo apni choice se purchase kia ja sake, isi liye choude muh wala bade dhakkan ka medium size ka dibba mila jise Satish ne kharid lia aur mujhe bola ke yeh rakhlo raste maid hoop lagegi ya baher ki hawa se skin kharab ho jaygi to yeh tum apne face pe aur hatho pe laga lena to mai ne wo cold cream ki bottle ko apne purse mai hi rakh lia. Itni der mai waha almost sab hi log aa chuke the aur bus ke ander baithne lage the. mera suitcase bhi bus ke neeche bane locker mai rakh dia aur mai sirf apna purse le ke apni seat pe aa gai. Dekha to meri seat pe mai akeli hi thi aur koi nahi aaya to mai khush ho gai ke chalo safar araam se guzrega 2 seat pe aram se baithugi. Mei bohot hi dar rahi thi aur bus ke chalne tak satish mere sath hi rahe aur meri himmat badha rahe the aur mujhe bina ghbaraye aur bina darey confidence ke sath safar karne ko bol rahe the. Aaj mai first time Satish se aur Bangalore se door ja rahi thi mera dil badi zor zor se dhadak raha tha jaise abhi baher nikal jayega, mere badan se paseene chhoot rahe the phir bhi mai himmat dikha rahi thi aur yeh soch kar ke jab mujhe jana hi hai to kyon na mai confidence ke sath jau aur agar mujhe Bangalore se baher hi reh kar job karni hai to mere ander confidence to hona hi chahiye bass yeh soch kar mere ander himmat badhne lagi aur mera dimagh se darr nikal gaya aur mere chehre pe kuch itmenan aa gaya. Bus apne time pe start ho gayi aur chal padi. Mai ne bujhe dil se aur apni aansoo bhari aankho se Satish ko bye bola aur khidki se hath nikal ke usko uss waqt tak wish karti rahi tab tak wo dikhayee deta raha. Jab wo nazro se ojhal ho gaya to mujhe rona aa gaya aur mere aansoo nikal pade. Kuch der tak roti rahi phir apne aap ko sambhaal lia. Last seat pe baithne ki wajah se kisi ko pata bhi nahi chala ke mai ro rahi thi.
Ab mai apne aap ko bus ke ander set karne lagi aur jo shawl lapeti thi usko fold kar ke ooper bane hue overhead portion mai rakh dia. May ke mahina tha aur dopeher 2 baje ki garmi thi badan paseene se bhara hua tha. Jaise hi bus chalne lagi thodi hawa ayi to badan ka paseena sookha par baher abhi hawa garam hi chal rahi thi. Shuru shuru mai to bus ke ander ke log ek doosre se zor zor se batein kar rahe the par thodi hi der ke bad almost sab hi log chhup ho gaye the aur bus mai jaise ek sukoon aa gaya tha. Mai ab sochne lagi ke Mumbai mei kia hoga, kaha hotel milega, RK Industries ka office pata nahi kitni door hoga, job milegi bhi ya nahi etc etc. Abhi mei yeh sab sochne mai hi busy thi ke bus ek stop pe ruki, khidki se baher jhank ke dekha to kisi board pe Peenya likha dekha to mai samajh gai ke bus Bangalore ke outskirt mai pohoch gai hai par yeh nahi malum hua ke bus kyon ruki hai.
5 minute ke ander hi bus ke ander ek jawan aur bada handsome sa young aadmi ek chota sa air bag latkaye, track suit pehne ander aaya. Mera dil zor se dhadakne laga kyonke wo aadmi seedha meri taraf aa raha tha aur wo sach mai mere paas aa ke ruk gaya aur apna air bag seat ke neeche rakh ke mere side wali seat pe baith gaya to mai samajh gai ke usne reservation to shaed Bangalore se hi karwa lia tha par shaed usko yahi se board karna tha. Usne baithne se pehle Hello miss bola aur dheere se muskura dia. Uff kai batau kiti killer smile thi uski. Dekhne se lagta tha ke plus aur minus shaed meri hi age group ka hoga par bohot hi handsome tha, height hogi koi 5' 9/10" ke kareeb, mere se acha khasa lamba tha, bohot hi gora rang, track suit ke half sleeves T shirt ke ander se uske lambe bhare bhare gore gore hath jinpe ache khaase baal bhi the aur uski wrist pe ek badi si black strap wali sports watch bohto hi mast lag rahi thi. Athletic type ki muscular body thi. Badi badi brown eyes aur light brown baal jo bohot hi achi tarah se set kiye hue the, broad shoulders aur sports shoes mai wo ek sportsman hi lag raha tha. Uske pas se perfume ki bohot hi badhiya smell aa rahi thi lagta tha ke koi high quality ka perfume use karta hai. Usne ek dum se mujhe bohot achi tarah se wish kia aur bola Hello Miss which seat would you like to sit, Window or Aisle. Mujhe uss time tak AISLE seat kia hoti hai pata nahi tha bass window seat se samajh aa gaya ke AISLE seat means next to window yaani passage wali seat to mai ne bola ke I hope you wont mind if I use window seat, to usne ek bohot hi dilkash muskurahat ke sath bola Oh miss please don't worry, aap jaha comfortable feel karti hai baithiye. Itna bol ke mai window seat ki or hat gai aur wo mere left side mai baith gaya aur muskurate
hue bola ke Hello Miss, I am Raj aur apne hath meri taraf badha dia to mai bhi uski muskan mai itni doob chuki thi ke mai ne bhi apna hath uske hath mai de dia aur boli ke I am Sneha to usne bola ke Sneha is a nice name, Very glad to know you miss to mai ne bhi bola ke same here. Usne bola ke mai Mumbai ja raha hu to me ne bhi bola ke mei bhi Mumbai hi ja rahi hu to usne bola ke wish you a pleasant journey to mei ne bhi muskura ke bola ke same to you. Itni bat karne se mera dil kuch halka hone laga aur mai sochne lagi ke itna handsome aadmi sath mai ho to shaed sach mai mera journey acha hi hoga aur yeh soch ke mai thoda sa muskura di aur khamosh ho gai aur khidki ke baher dekhne lagi. Yeh hamara chota sa introduction tha.
Uske baithne ke thodi der ke bad driver coffee pi ke wapas aaya aur bus phir se start ho gai. Bus ke seats bohot ziada comfortable aur bohot ziada bade bhi nahi the isi wajah se jab wo baitha to uska shoulder aur hath mere hath se lagne laga aur bus ke movements ke sath uska hath bhi ooper neeche hone laga. Uska badan bohot hi garam tha jiski garmi mai apne badan mai mehsoos kar rahi thi. Mujhe bhi kuch acha lagne laga tha isi liye mai aise hi baithi rahi. Thodi der ke bad usne apna bag neeche seat se baher nikala aur bag mai se 2 Coke ke thande cans nikale aur ek meri taraf badha dia aur bola ke please take it Miss Sneha to pehle to mai ne No Thanks bola par usne bola ke garmi bohot hai thanda thanda coke pi lijiye garmi jaati rahegi wo badi achi hindi bhi bol raha tha lagta tha ke acha khasa padha likha hoga aur uske kapdo se, uski wrist watch se aur uske mehnge perfume use karne se lagta that ke wo kisi ameer gharaane ka hoga. Uske insist karne par mai ne hath badha ke thanks bola aur uske hath se coke le lia. Coke lane ke time pe mera hath uske hath se touch kar gaya, mujhe uska hath bohot hi garam mehsoos hua aur mere badan mai ek current sa doud gaya. Mai Coke ka can khol ke peene lagi. Coke bohot hi thanda tha aisa lagta tha ke usne Coke ko freeze kia hua tha isi liye itna thanda tha aur sach mai aisi garmi mai thande Coke ke peena ka maza kuch aur hi tha. Jab thanda coke throat ke ander se pet mai ja raha tha to aisa lag raha tha jaise ek thandi lakeer throat se pet me ja rahi hai aur yeh feeling bohot achi lag rahi thi. Usne pucha ke Coke kaisa laga miss to mai ne bola ke don't call me miss just call me Sneha please to wo hans dia aur bola ke haa to Snehaji aapko aisi garmi mai thanda thanda coke kaisa laga to mai ne bhi muskura ke bola ke nahi Sneha ji nahi sirf Sneha boliye please aur phir jawab dia haa bohot acha laga to usne kaha ke call me Raj to mai ne kaha thanks raj ji to usne bhi kaha ke nahi Raj ji nahi sirf Raj boliye please aur ham dono muskura diye.
Yeh hamari starting ke baat cheet thi uske bad Raj ne apne bag se kuch magazine nikale aur ek meri taraf badha dia aur ek wo khud padhne laga. yeh ek filmi Magazine tha jise mai dekhne lagi. Last night bilkul bhi neend nahi hui thi, sham ke almost 4 baj rahe the aur abhi bhi baher se garam hawa lag rahi thi isi liye mujhe neend aane lagi to mujhe Vaseline mix Cold Cream ki bottle yaad ayi to mai ne purse se nikal ke apne chehre pe aur hatho pe cream lagayii aur cream ko purse mai wapas rakh ka raise hi baithe baithe bohot der tak to Rajj ke bare mai sochti rahi ke wah kia shandar mard hai kitna hamndsome hai, ladkiyan to iss par marti hongi pata nahi kitni ladkian iss handsome se chudwa chuki hongi pata nahi kitne girl friends hoge iske pata nahi shadi shuda hai ya abhi aise hi zindagi ke maze le raha hai etc etc aise hi mere dimagh mai sawalaat goonjte rahe phir mai kuch der tak magazine ke pictures dekhti rahi aur aise hi dekhte dekhte so gayi. Aankh khuli to sham ke almost 6 ya 6:30 baje ka time tha. Mujhe laga jaise mujhe ek ghante ki neend lagi thi isi liye mai thoda fresh feel kar rahi thi. Bus Chitradurga town mai pohoch rahi thi. Meri aankh khuli to dekha ke Raj bhi so chuka tha aur jaise hi bus Chitradurga ke outskirt ke tea stall pe ek halke se jhatke se ruki tu Raj ki aankh bhi khul gai aur ham dono ek doosre ko dekh ke without any reason muskura diye usne suggest kia ke neeche utarte hai aur chai coffee peete hai to mai bhi ek hi position mai itni der se baithe baithe thak chuki thi isi liye mai bhi neeceh utar ke thodi walking karke apne muscles ko relax karna chahti thi isli liye mai bhi neeche utar gai. Raj ne mujh se pucha ke kia legi aap chaye ya coffee to mai ne bola ke coffee hi theek rahegi to usne 2 Nescafe ka order dia. Coffee bohot achi aur bohot hi tasty thi. Sham ke time mai garma garam coffee bohot achi lag rahi thi mai apna purse khol ke coffee ka payment karne lagi to usne mera hath pakad lia aur bola ke nahi payment to mai karuga, please be my guest phir bhi mai ne insist kia to usne mujhe rok dia aur khud hi payment kia to mai ne usko thanks bola to usne bola ke No formalities please. Usne jab mere hatho ko apne garam hatho se pakda to mere ander ek current sa doud gaya aur mere maathe pe thoda sa paseena bhi aagaya.
Thodi der ka ander waha pe sab passengers urinals ko ja ke washroom se fresh ho gaye aur coffee ya cold drinks le ke wapas bus mai aa gaye the. Mai bhi washroom ko ja ke aa gai thi to urinary bladder jo urine se full ho gaya tha ab relax ho gaya tha aur mai bhi easy feel kar rahi thi. Takreeban aadhe
ghante ke baad bus phir se chalne lagi. Itni der se baher ki garam hawa lagne se mere gore gore cheeks laal ho gaye the to Raj ne bola ke Sneha aapke chehre pe dhoop ne apna kamal dikha dia aur aapke galo ko kashmiri seb ka colour de dia to mai aise first class comments ke liye muskura di. Mujhe uska yeh beauty ka admire karne ka style bohot acha laga. Mai ne bola ke nahi aisi koi bat nahi mai actually raat mai soi nahi thi isi liye mujhe neend aa gai aur mujhe pata bhi nahi tha ke mai sun ke direction mai baithi hu aur bola ke Raj aap idhar window seat par aa jayie mai udhar aa jati hu aur mai apni seat se uthne lati to wo bhi apni seat se uth gaya aur ham se seats ka exchange kar lia ab mai uske left side mai baithi thi. yeh aisle wali seat mujhe window seat se ziada theek lagi ke mai apne legs ko thoda stretch kar sakti thi. Raj ne mujh se pucha ke aap kaha rehti ho Mumbai mai to maine bola ke oh nahi mai Mumbai mei rehti nahi actually mei Mumbai ko bilkul first time ja rahi hu to uska muh hairat se khul gaya aur bola ke aap akeli ja rahi ho Mumbai aur wo bhi first time to mai ne bola ke haa ek company mai mera interview hai to usne pucha ke kaisa interview to maine bola ke mai ne secretarial post ke liye apply kia tha aur mujhe call ayi hai interview ke liye to usne poocha ke konsi company ka hai to mai ne bola ke hai koi R K Industries jismai MD ko Private Secretary cum accounts wali assistant chahiye to usne bola ke aapko pata hai kisi MD ki Private secretary hone ka matlab kia hota hai to mai ne poocha ke nahi, kyon, kia hota hai uska matlab, to usne bola ke Mumbai ya aur doosre big cities mai jo bhi kisi bhi company ke MD ya executives hote hai wo bade hi harammi hote hai, apni secretaries ko apne sath tour pe bhi out of city le jate hai jaha kabhi kabhi to dono ko ek hi room share karne padta hai, aur office mai unke sath late baithna bhi padta hai kabhi kabhi to unke room mai ghanto tak bhi baithna padta hai aur almost all private secretaries ke unke bosses ke sath illegal relations hote hai to mera muh hairat se khula ka khula reh gaya aur mai ne poocha aap sach bol rahe ho to usne kaha ke haa ek dum se sach.
kramashah......................
आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj
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