Monday, November 1, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियां रिसेशन की मार पार्ट--4




रिसेशन की मार पार्ट--4

गतान्क से आगे..........
आक्च्युयली बात यह भी तो है ना के आजकल की भाग दौड़ की ज़िंदगी मे और पैसे की ज़रूरत मे कोन्से हज़्बेंड को या किसके पेरेंट्स को पता चलता है या उनको इतनी फ़ुर्सत है के उसकी बीवी या बेटी बाहर क्या कर रही है और आजकल मेल्स भी नों वर्जिन गर्ल्स से शादी करने मे कोई प्राब्लम भी नही फील कर रहे है इसी लिए लड़कियाँ प्राइवेट सेक्रेटरीस वाले जॉब को इस लिए भी प्रिफर करती है के उनको डिफरेंट सिटीस के साइट सीयिंग के साथ ही पैसे भी मिलते रहते है, डिफरेंट बड़े बड़े होटेल्स मे ठहरने का, स्पेशल मील्स खाने का मोका मिलता है तो अब आप सोच लो के अगर आपको जॉब मिलती है तो क्या आप यह सब कर सकती हो. मैं ने पूछा के और अगर वो लड़किया प्रेग्नेंट हो जाती है तो क्या होता है तो उसने बोला के मार्केट मे ई-पिल्स मिलते है एक टॅबलेट लो और यू आर
सेफ कोई प्रेग्नेन्सी का चक्कर नही, चाहे जितनी टाइम सेक्स करना हो कर्लो कोई प्राब्लम नही होती. इतना सुनते ही मेरे पसीने छ्छूटने लगे मैं ने एक बार फिर से उस से पूछा आप सच बोल रहे हो क्या, प्राइवेट सेक्रेटरीस को यह सब करना पड़ता है क्या तो उसने बोला के किसी भी बड़े सिटी के लड़कियो के लिए यह जॉब किसी अड्वेंचर से कम नही है और आजकल की लड़कियाँ तो ऐसे जॉब के लिए कुछ भी करने को तय्यार रहती है. यह सुन के मेरा दिमाग़ और बदन एक दम से सुन्न हो गया और मैं सोचने लगी के अगर यह सब सच है तो मैं यह जॉब कैसे कर सकती हू, नही नही मैं यह सब नही करूगी, मैं सतीश के साथ बेवफ़ाई नही कर सकती मैं उस से बोहोत प्यार करती हू फिर ख़याल आया के अगर मुझे यह जॉब मिलती है और मैं आक्सेप्ट नही करती हू तो मुंबई आने जाने का खर्चा बेकार जाएगा और फिर से वोही परेशानी का दौर शुरू हो जाएग फिर पता नही क्या होगा. फिर मैं ने सोचा के चलो देखते है क्या होता है हो सकता है के एम.डी. कोई शरीफ आदमी हो या कोई ओल्ड मॅन हो जो ऐसा कुछ नही कर सकता यह सोच के मैं अपने दिल और दिमाग़ को तसल्ली देने लगी. मुझे ऐसे ख़यालो मे डूबे देख के उसने पूछा के अछा कब है इंटरव्यू तो मैं ने बोला के परसो है और मैं इसी लिए एक दिन पहले जा रही हू के उस ऑफीस के करीब ही कोई सस्ता सा अकॉमडेशन देख लू और उस ऑफीस का अड्रेस जान सकु. उसने पूछा के आपको पता भी है के फिर मैं ने उसको पूछा के आप मुंबई मे ही रहते हो या बॅंगलुर मे तो उसने बोला के आक्च्युयली मैं रहना और काम मुंबई मे करता हू पर हमारे ऑफीस की एक ब्रच बॅंगलुर मे है यहा मैं कुछ अफीशियल काम से आया था और अब वापस जा रहा हू. फिर उसने पूछा के आप अकेली क्यों जा रही हो तो मैं ने बोला के आक्च्युयली मेरे हज़्बेंड बीमार है तो उसने सर्प्राइज़ से पूछा के आप शादी शुदा हो तो मैं ने कहा के हा तो उसने बोला के अरे बट यू डॉन'ट लुक लाइक यू आर मॅरीड, यू लुक सो यंग तो मैं अपनी तारीफ सुन के मेरा चेहरा शरम से लाल हो गया. मैं ने उसको बताया के कैसे रिसेशन की मार की वजह से सतीश का बिज़्नेस बंद हो गया और कैसे मार्केट से उसको अपनी पेमेंट वापस नही मिली और कैसे हालात खराब होने लगे और कैसे उसको जॉब करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अपने बारे मे सब कुछ बता दिया और बता ते बता ते मैं इतनी एमोशनल हो गई के मुझे पता ही नही चला के कब मेरी आँखो से आँसू निकलने लगे और कब मैं रोने लगी और मुझे पता भी नही चला के कब राज ने अपने हाथ मेरे शोल्डर पे रख दिए और कब मुझे अपनी बाँहो मे भर लिया और मेरे शोल्डर्स को थपक थपक के मुझे तसल्ली देने लगे के सब ठीक हो जाएगा डॉन'ट वरी ऊपेर वाले पे भरोसा रखो स्नेहा प्लीज़ रोना नही. मेरा सर राज के कंधे पे था और मेरे आँसू से उसका ट्रॅक सूट का शर्ट भीग चुका था. मैं बोहोत देर तक रोती रही और राज मुझे तसल्ली देते रहे. इतने दीनो से रुके हुए आँसू मेरी आँख से बह कर निकले और जब मैं जी भर के
रो चुकी तो मेरे दिल को इतमीनान आ गया और मुझे सुकून महसूस होने लगा के चलो किसी ना किसी के साथ अपने गम को शेर तो किया और मेरा दिमाग़ हल्का महसूस होने लगा तो मैं ने बोला के सॉरी राज आपको मैं ने तकलीफ़ दी तो उसने बोला के अरे नही स्नेहा आप ने अछा ही किया जो मुझे सब बता दिया यू कॅन ट्रीट मी एज युवर फ्रेंड और मैं आपकी पूरी मदद करूगा और मैं अपने पूरे सोर्सस यूज़ करूगा और कोशिश करूगा के आपको आर.के इंडस्ट्रीस मे नही तो कही ना कही जॉब मिल जाए और कभी भी आपकी आँखो मे आँसू नही आए तो मैं मुस्कुरा दी और थॅंक्स बोला तो उसने बोला के एक बात और स्नेहा तो मैं ने पूछा क्या, तो उसने बोला के मुझे आप आप कह कर ना पुकारो मुझे तुम बोलना अछा लगता है तो मैं ने बोला के ठीक है तुम भी मुझे तुम बोलना और फिर हम दोनो एक साथ हंस दिए.
ऐसे ही बाते करते करते हमारी बस थोड़ी देर के लिए दवंगेरे पे रुकी और फिर थोड़ी देर हरिहर पर रुकी और फिर रात के ऑलमोस्ट 9 या 9:30 बजे हवेरी पोहोच चुकी थी. यह मील्स स्टेशन था यहा बस के ड्राइवर ने कहा के यह मील्स स्टेशन है यहा बस आधा घंटा रुकेगी आप लोग डिन्नर कर के आ जाए तो हम दोनो भी बस से नीचे उतर गये और सामने के होटेल मे चले गये. यहा छोटे छोटे फॅमिली कॅबिन्स भी बने हुए थे. एक कॅबिन मे हम दोनो आ गये. मैं वॉशरूम को जा के एक बार फिर से फ्रेश हो के आ गई थी और राज भी फ्रेश हो के आ गया था. आते आते राज ने डिन्नर का ऑर्डर कर दिया था. वेटर 2 स्पेशल थाली ले के आया और हम दोनो खाने लगे. खाना बोहोत ही मज़ेदार था मुझे भूक भी खूब लगी हुई थी इसी लिए मैं ने पेट भर के खाना खाया. डिन्नर के बाद एक एक कप कॉफी का भी पी लिया. अब मैं बोहोत ही फ्रेश महसूस कर रही थी. बॅंगलुर मे घर से निकलते हुए खाना खाया भी नही जा रहा था एक तो अकेले मुंबई जाने का डर और दूसरा मुंबई को देखने का और फर्स्ट टाइम इन लाइफ इंटरव्यू फेस करने का एग्ज़ाइट्मेंट और सतीश को छोड़ने का गम इसी लिए मुझे अछी तरह से खाना नही खाया गया था और अब जो इतना मज़ेदार खाना मिला तो पेट भर के खाना खाया और फिर कॉफी पीने के बाद तो तबीयत एक दम से फ्रेश हो गई. रात के इस समय यहा थोड़ी थोड़ी ठंडी हवा चलने लगी थी और मौसम एक दम से अछा हो गया था.
हम वापस बस का अंदर आ गये फिर सब लोगो के आने के बाद बस स्टार्ट हो गई और चल पड़ी. मैं अब विंडो वाली सीट पे बैठी थी और राज पॅसेज की सीट पे. बाहर से आती हुई ठंडी हवा का झोंके मुझे बोहोत आछे लग रहे थे और मेरे बदन मैं थिन मेटीरियल के कपड़े पहने होने की वजह से कुछ ठंडी जैसी लग रही थी और हवा से मेरी शर्ट मेरे निपल्स से जिस तरीके से
टच कर रही थी जिस से मेरे नेकेड निपल्स खड़े हो गये थे मुझे बोहोत अछा लग रहा था, वैसे भी मैं बता चुकी हू के मेरे निपल्स बोहोत ही सेन्सिटिव है हल्का सा टच भी मुझे मज़ा देता है.
ड्राइवर ने बताया के कुछ पॅसेंजर्स हुबली मैं उतरने वाले थे और हुबली का सफ़र हवेरी से ऑलमोस्ट डेढ़ घंटे का था. रात हो चुकी थी पर आकाश मे चंदमा नही था तो मुझे याद आया के परसो ही तो अमावस की रात थी इसी लिए आज की रात अछी ख़ासी अंधेरी थी. कभी कभी कोई छोटा मोटा गाओ आजाता तो थोड़ी देर के लिए रोशनी दिखाई देती उसके बाद फिर से काली अंधेरी रात. मैं विंडो वाली सीट पे बैठी थी और बाहर की हवा की वजह से मेर बाल हवा से उड़ के राज के मूह से लग रहे थे तो मैं ने अपने बालो को गोल मोड़ लिया और एक राउंड सा जुड़ा बना के बालो को लपेट लिया तो राज ने हंस के बोला के अरे रहने देती आपके बालो से भीनी भीनी खुश्बू बोहोत अछी लग रही है तो मैं शर्मा गई. हम फिर इधर उधर की बातें करने लगे. मैं ने पूछा के आपकी शादी हो गई है तो उसने बोला के हा अभी 6 महीने पहले ही शादी हुई है पर उसकी वाइफ किसी कंपनी मे एग्ज़िक्युटिव है तो वो भी मोस्ट्ली टूर पे ही रहती है. कभी अचानक उसका टूर निकल आता है और कभी अचानक वो वापस आ जाती है उसका कोई टाइम सेट नही है. फिर हम अपने स्कूल्स की और कॉलेजस की बातें करने लगे, फ्रेंड्स की बातें करने लगे, कभी जोक्स भी सुनाने लगे और हम एक दूसरे से घुल मिल गये और हमे ऐसा लगने लगा जैसे हम जनम जनम के के साथी हो. ओफ़कौर्स हम बातें आहिस्ता ही कर रहे थे ता कि दूसरे पॅसेंजर्स को डिस्टर्ब ना हो.
तकरीबन सभी पॅसेंजर्स ने पेट भर के खाना खाया था इसी लिए अब ऑलमोस्ट सभी पॅसेंजर्स सो गये थे जिनके खर्रातो की आवाज़ें आने लगी थी. ठंडी हवा चेहरे पे लगने से मुझे भी नींद के झोंके आने लगे थे और मैं अपने सर को सीट के हेड रेस्ट पे लगा के सो गयी. कभी कभी मेरा सर स्लिप हो के राज के शोल्डर पे आ जाता तो मैं फिर से ठीक कर लेती. एक दो टाइम ठीक किया तो राज ने बोला के रहने दो ना तुम सो जाओ ऐसे ही और मैं उसके कंधे पे अपना सर रख के गहरी नींद सो गयी. बाहर का वेदर बोहोत ही प्लेज़ेंट था और मेरी नींद गहरी हो गई. जैसे ही मेरी नींद गहरी हुई मुझे लगने लगा के मैं कॉलेज मे हू और हमारे लास्ट के 3 पीरियड्स फ्री हो गये है तो मैं ने रवि को फोन किया वो भी अपनी क्लास ख़तम कर के बाहर आ गया और फिर हमने प्लान बनाया के कॉलेज से फिल्म देखने चलते हैं और हम एक इंग्लीश फिल्म देखने चले गये. फिल्म ला नाम का तो पता नही पर एक दम से मस्त और सेक्सी फिल्म थी. शाम का मॅटिने शो था इसी लिए थियेटर इतना ज़ियादा फुल नही था, बस हमारे जैसे कुछ स्टूडेंट्स जो कॉलेज को बंक करके आए थे बॅस उतने ही लोग थे. और वैसे भी आजकल लोग घरो मे ही सीडी लगा के पिक्चर्स
देखने के आदि हो गये है इसी लिए थियेटर्स मे भीड़ भाड़ नही होती और ऑलमोस्ट खाली ही होते है. हम सब से पीछे वाली सीट पे बैठ गये. हमारे अंदर आने तक फिल्म के स्टार्ट होने से पहले के आने वाली फ़िल्मो के कुछ ट्रैलोर्स चल रहे थे, आक्चुयल फिल्म अभी चालू नही हुई थी. हम अंदर आने से पहले कुछ पॉपकोर्न्स भी ले के आए थे के टाइम पास होगा. एक मैं ने अपनी गोदी मे रखा और दूसरा रवि की गोदी मे और दोनो ने डिसाइड किया के रवि मेरे पॅकेट मे से खाएगा और मैं रवि के पॅकेट से और हम एज पर डिसिशन एक दूसरे के पॅकेट्स से पॉपकॉर्न खाने लगे. पॅकेट्स उतने बड़े भी नही थे और सेक्सी रोमॅंटिक इंग्लीश फिल्म के चलते पॉपकॉर्न जल्दी ही ख़तम हो रहे थे. मैं ने रवि के पॅकेट मे हाथ डाला तो वाहा पॅकेट तो नही था पर उसका खड़ा लंड मुझे महसूस हुआ तो मैं ने इधर उधर टटोला तो पता चला के वो तो ख़तम हो गया है और जब मेरा हाथ उसके लंड से लग ही गया था तो उसने मेरे हाथ पे अपना हाथ रख दिया और अपने लौदे को मेरे हाथो से दबा दिया. मैं इस से पहले भी बोहोत बार उसके लौदे को पॅंट के ऊपेर से ही पकड़ चुकी थी इसी लिए मैं ने माइंड नही किया और अपना हाथ वही रखा और फिल्म देखने मे बिज़ी हो गई. थोड़ी ही देर मे रवि का हाथ भी मेरी झंगो पे आ गया, मेरा पॅकेट भी खाली हो चुका था जिसको मैं नीचे गिरा चुकी थी तो मेरी झांग भी फ्री थी. रवि मेरे थाइस को सहलाने लगा तो मेरे पैर ऑटोमॅटिकली खुल गये और रवि ने इशारा समझ लिया और मेरी चूत को रगड़ने लगा. जैसे जैसे फिल्म मे सेक्सी सीन्स आने लगे हम दोनो गरम होने लगे और रवि का हाथ लगने से तो मेरी चूत मे आग ही लग रही थी और फुल गीली हो चुकी थी. मुझे पता ही नही चला के कब रवि ने अपने पॅंट की ज़िप को खोल दिया था और मैं उसके नेकेड लंड को पकड़ के दबा रही थी और बिना सोचे ही उसके लंड का मूठ जैसे मार रही थी. मैं तो फुल जोश मे आ गई थी. रवि ने भी अपना हाथ ऊपेर कर के मेरी एलास्टिक वाली सलवार से अपना हाथ अंदर डाल दिया था और मेरी नंगी गरम चूत को मसाज कर रहा था. रवि की फिंगर मेरी क्लाइटॉरिस का मसाज कर रही थी और कभी मेरी चूत के सुराख मैं भी चली जाती तो मैं बेचैन हो जाती थी. मैं तो इतनी मस्त हो गई थी के मेरी आँखें बंद हो गई थी और मैं रवि के फिंगर फक्किंग के मज़े ले रही थी और अपनी सीट पे कुछ सामने की ओर मूव हो गई और अपनी टाँगो को फैला लिया था और रवि को अपनी चूत का फुल आक्सेस दे दिया था और फिर मेरे बदन मे सनसनाहट शुरू हो गई और मेरी चूत से जूस निकलता ही चला गया और मैं इतनी मदहोश हो गई थी के मस्ती मे रवि के लंड को इतनी ज़ोर ज़ोर से मास्टरबेट कर रही थी के रवि के लंड से कब मलाई की पिचकारी निकली मुझे पता ही नही चला. उसके लंड से मलाई निकलने के बाद भी मैं कितनी ही देर तक तो उसके लंड को मास्टरबेट करती ही रही मेरा हाथ उसकी क्रीम से लत पथ हो गया था और फिर जब मेरी चूत से जूस निकलना बंद हो गया और मैं कंप्लीट झाड़ चुकी
तो उसके लंड से अपना हाथ हटाया और हम दोनो एक दूसरे को झुक के किस करने लगे और रवि ने मेरे कान मे बोला के आज तो मस्त मज़ा आगेया मेरी जान तो मैं ने कहा के मुझे भी बोहोत ही मज़ा दिया आज तुमने रवि मुझे भी बोहोत ही मज़ा आया थॅंक. रवि की क्रीम से निकली क्रीम से अपने सने हुए हाथ को मैं ने अपने सलवार के अंदर वाले पोर्षन जो चूत के पास होता है उस पोर्षन से उसकी क्रीम को पोंछ लिया क्यॉंके उसके पॅंट पे लगा होता तो सब को दिखाई देता और मेरी सलवार के ऊपेर तो शर्ट आ जाती थी तो किसी को दिखाई नही देता था इसी लिए मैं ने अपनी चूत के साथ वाले पोर्षन पे अपनी सलवार से उसकी क्रीम को पोंछ लिया. अब हमारा मन फिल्म मे नही लग रहा था. मेरी चूत मैं अभी भी आग लगी हुई थी मे चाह रही थी के आज रवि के लंड को अपनी चूत के अंदर ले लू और उस से चुदवा लू पर फिर अपने संस्कार और मर्यादा याद आई तो खामोश हो गई और अपनी चूत को तसल्ली देने लगी. फिल्म का इंटर्वल हुआ पर हम बाहर नही गये वही अपनी चेर्स पे बैठे रहे. हम दोनो के चेहरे जोश मे लाल हो गये थे. रवि ने पूछा के कॉफी लाउ क्या तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के बोला के नही रवि कही ना जाओ प्लीज़ यही बैठे रहो मेरे पास और फिर हम एक दूसरे का हाथ पकड़ के बैठे रहे. थोड़ी ही देर मे थियेटर मे फिर से अंधेरा छा गया और फिल्म स्टार्ट हो गई.
इंटेरनवाल के बाद से तो यह फिल्म कुछ ज़ियादा ही सेक्सी हो गई थी. आक्च्युयली सीन तो हिडन ही थे पर कभी कभी पॅशनेट किस्सिंग के और चुदाई के ऐसे भी सीन्स थे जिस्मै लड़के का लंड लड़की की चिकनी चूत मे अंदर जाता और बाहर आता दिखाई दे रही थी रियल चुदाई दिखाई दे रही थी. हम दोनो एक बार फिर से गरम हो गये थे. रवि कंटिन्यू मेरी चूत का मसाज कर रहा था मेरी चूत से जूस तो कंटिन्यू निकल रहा था और अब इस टाइम मैं ने खुद ही रवि के पॅंट की ज़िप को खोला और उसके लौदे को जो लोहे जैसा सख़्त हो चुका था बाहर निकाल लिया और उसको बड़े प्यार से दबाने लगी. हम दोनो आज अपनी सारी पुरानी लिमिट्स क्रॉस कर चुके थे. एक ऐसे ही चुदाई के मस्त सीन को देख के अचानक रवि अपनी सीट से उठा और मेरी टाँगो के बीच मे बैठ गया और अपने हाथो से मेरी सलवार को नीचे खेच लिया. सलवार मे तो एलास्टिक था और मैं ने भी अपनी गंद को थोड़ा उठा लिया और मेरी सलवार स्लिप हो गई और मेरी टाँगो के बीच आ गई. मेरी नंगी गंद सीट पे थी और रवि मेरी टाँगो के बीच बैठ गया. किसी को भी अब रवि दिखाई नही दे सकता था. उसने मेरी थाइस पे किस किया तो मैं पागल हो गई और उसके सर को पकड़ के अपनी गंद को सीट पे आगे मूव कर दिया और उसके सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया. मैं अपनी सीट पे ऑलमोस्ट लेटी हुई थी और रवि मेरी चूत को चाट रहा था. मैं अपनी गंद उठा के अपनी चूत को उसके मूह से दीवानो की तरह ज़ोर ज़ोर से
रगड़ रही थी. रवि के दाँत भी मेरी क्लाइटॉरिस से लग रहे थे और इन्नर चूत से भी और फिर मैं अपने आप को ज़ियादा देर तक रोक नही पाई और रवि के सर को अपनी चूत मे दबा के पकड़ लिया और मैं उसके मूह मे झड़ती ही चली गई मेरे मूह से हमम्म्ममममममम आआआअहह ऊऊऊफफफफफफफफफ्फ़ जैसी आवाज़ें निकल रही थी और मैं झाड़ रही थी, मेरी साँसें बड़ी तेज़ी से चल रही मेरी गंद अभी भी अपनी सीट से ऊपेर उठी हुई थी. मेरा ऑर्गॅज़म बड़ा ज़बरदस्त था और जैसे ही ऑर्गॅज़म ख़तम हुआ और मेरी चूत से जूस निकलना बंद हुआ मैं किसी बेजान डॉल की तरह से अपनी सीट पे गिर गयी और मेरे हाथ पैर ढीले हो गये.

क्रमशः......................


Recession Ki Maar part--4

gataank se aage..........
Actually baat yeh bhi to hai na ke aajkal ki bhaag doud ki zindagi mai aur paise ki zaroorat mai konse husband ko ya kiske parents ko pata chalta hai ya unko itni fursat hai ke uski biwi ya beti baher kia kar rahi hai aur aajkal males bhi non virgin girls se shadi karne mai koi problem bhi nahi feel kar rahe hai isi liye ladkiyan private secretaries wale job ko is liye bhi prefer karti hai ke unko different cities ke sight seeing ke sath hi paise bhi milte rehte hai, different bade bade hotels mai thairne ka, special meals khaane ka moka milta hai to ab aap soch lo ke agar aapko job milti hai to kia aap yeh sab kar sakti ho. Mai ne poocha ke aur agar wo ladkiya pregnant ho jati hai to kia hota hai to usne bola ke market mai i-pills milte hai ek tablet lo aur you are
safe koi pregnancy ka chakkar nahi, chahe jitni time sex karna ho karlo koi problem nahi hoti. Itna sunte hi mere paseene chhootne lage mia ne ek bar phir se us se poocha aap sach bol rahe ho kia, private secretaries ko yah sab karna padta hai kia to usne bola ke kisi bhi bade city ke ladkion ke liye yeh job kisi adventure se kam nahi hai aur aajkal ki ladkiyan to aise job ke liye kuch bhi karne ko tayyar rehti hai. yeh sun ke mera dimagh aur badan ek dum se sunn ho gaya aur mai sochne lagi ke agar yeh sab sach hai to mai yeh job kaise kar sakti hu, nahi nahi mai yeh sab nahi karugi, mai satish ke sath bewafaai nahi kar sakti mai us se bohot pyar karti hu phir khayal aaya ke agar mujhe yeh job milti hai aur mai accept nahi karti hu to Mumbai aane jane ka kharcha bekar jayega aur phir se wohi pareshani ka dour shuru ho jayeg phir pata nahi kia hoga. Phir mai ne socha ke chalo dekhte hai kia hota hai ho sakta hai ke M.D. koi shareef aadmi ho ya koi old man ho jo aisa kuch nahi kar sakta yeh soch ke mai apne dil aur dimagh ko tasalli dene lagi. Mujhe aise khayalo mai doobe dekh ke usne poocha ke acha kab hai interview to mai ne bola ke parso hai aur mai isi liye ek din pehle ja rahi hu ke uss office ke kareeb hi koi sastasa accommodation dekh lu aur uss office ka address jaan saku. Usne poocha ke aapko pata bhi hai ke Phir mai ne usko poocha ke aap Mumbai mei hi rehte ho ya Bangalore mai to usne bola ke actually mai rehta aur kaam to Mumbai mai karta hu par hamare office ki ek brach Bangalore mai hai yaha mai kuch official kaam se aaya tha aur ab wapas ja raha hu. Phir sne poocha ke aap akeli kyon ja rahi ho to mai ne bola ke actually mere husband bimaar hai to usne surprise se pucha ke aap shadi shuda ho to mai ne kaha ke haa to usne bola ke arey but you don't look like you are married, you look so young to mai apni tareef sun ke mera chehra sharam se laal ho gaya. Mai ne usko bataya ke kaise Recession ki maar ki wajah se Satish ka business band ho gaya aur kaise market se usko apni payment wapas nahi mili aur kaise halaat kharab hone lage aur kaise usko job karne ke liye majboor hona pada. Apne bare mai sab kuch bata dia aur bataa te bataa te mai itni emotional ho gai ke mujhe pata hi nahi chala ke kab meri aankho se aansoo nikalne lage aur kab mai rone lagi aur mujhe pata bhi nahi chala ke kab Raj ne apne hath mere shoulder pe rakh diye aur kab mujhe apni baho mai bhar lia aur mere shoulders ko thapak thapak ke mujhe tasalli dene lage ke sab theek ho jayega don't worry ooper wale pe bharosa rakho Sneha please rona nahi. Mera sarr Raj ke kandhe pe tha aur mere aansoo se uska track suit ka shirt bheeg chuka tha. Mai bohot der tak roti rahi aur Raj mujhe tasalli dete rahe. Itne dino se ruke hue aansoo meri aankh se beh kar nikle aur jab mai jee bhar ke
ro chuki to mere dil ko itmenan aa gaya aur mujhe sukoon mehsoos hone laga ke chalo kisi na kisi ke sath apne ghamm ko share to kia aur mera dimagh halka mehsoos hone laga to mai ne bola ke sorry Raj aapko mai ne takleef di to usne bola ke arey nahi Sneha aap ne acha hi kia jo mujhe sab bata dia you can treat me as your friend aur mai aapki poori madad karuga aur mai apne poore sources use karuga aur koshish karuga ke aapko R.K industries mai nahi to kahi na kahi job mil jaye aur kabhi bhi aapki aankho mai aansoo nahi aye to mai muskura di aur thanks bola to usne bola ke ek baat aur Sneha to mai ne poocha kia, to usne bola ke muhe AAP AAP keh kar na pukaro mujhe TUM bolna acha lagta hai to mai ne bola ke theek hai tum bhi mujhe TUM bolna aur phir ham dono ek sath hans diye.
Aise hi baatei karte karte hamari bus thodi der ke liye Davangere pe ruki aur phir thodi der Harihar pr ruki aur phir raat ke almost 9 ya 9:30 baje Haveri pohoch chuki thi. Yeh meals station that yaha bus ke driver ne kaha ke yeh meals station hai yaha bus aadha ghanta rukegi aap log dinner kar ek aa jaye to ham dono bhi bus se neeche utar gaye aur samne ke hotel mai chale gaye. Yaha chote chote family cabins bhi bane hue the. Ek cabin mai ham dono aa gaye. Mai washroom ko ja ke ek bar phir se fresh ho ke aa gai thi aur Raj bhi fresh ho ke aa gaya tha. Aate aate Raj ne dinner ka order kar dia tha. Waiter 2 Special thali le ke aaya aur ham dono khane lage. Khana bohot hi mazedaar tha mujhe bhook bhi khoob lagi hui thi isi liye mai ne pet bhar ke khana khaya. Dinner ke bad ek ek cup coffee ka bhi pi lia. Ab mai bohot hi fresh mehsoos kar rahi thi. Bangalore mai ghar se nikalte hue khana khaya bhi nahi ja raha tha ek to akele Mumbai jane ka darr aur doosra Mumbai ko dekhne ka aur first time in life interview face karne ka excitement aur Satish ko chhorne ka ghamm isi liye mujhe achi tarah se khana nahi khaya gaya tha aur ab jo itna mazedaar khana mila to pet bhar ke khana khaya aur phir coffee peene ke baad to tabiat ek dum se fresh ho gai. Raat ke iss samay yaha thodi thodi thandi hawa chalne lagi thi aur mousam ek dum se acha ho gaya tha.
Ham wapas bus ka ander aa gaye phir sab logo ke aane ke bad bus start ho gai aur chal padi. Mai ab window wali seat pe baithi thi aur Raj passage ki seat pe. Baher se aati hui thandi hawa ka jhonke mujhe bohot ache lag rahe the aur mere badan mai thin material ke kapde pehne hone ki wajah se kuch thandi jaisi lag rahi thi aur hawa se meri shirt mere nipples se jis tarike se
touch kar rahi thi jis se mere naked nipples khade ho gaye the mujhe bohot acha lag raha tha, wiase bhi mai bata chuki hu ke mere nipples bohot hi sensitive hai halka sa touch bhi mujhe maza deta hai.
Driver ne bataya ke kuch passengers Hubli mai utarne wale the aur Hubli ka safar Haveri se almost dedh ghante ka tha. Raat ho chuki thi par akaash mai chandama nahi tha to mujhe yaad aaya ke parso hi to amawas ki raat thi isi liye aaj ki raat achi khasi andheri thi. Kabhi kabhi koi chota mota gao aajata to thodi der ke liye roshni dikhayee deti uske bad phir se kaali andheri raat. Mai window wali seat pe baithi thi aur baher ki hawa ki wajah se mer baal hawa se udd ke Raj ke muh se lag rahe the to mai ne apne balo ko gol mod lia aur ek round sa juda bana ke balo ko lapet lia to Raj ne hans ke bola ke arey rehne deti aapke balo se bheeni bheeni khushboo bohot achi lag rahi hai to mai sharma gai. Ham phir idhar udhar ki batein karne lage. Mai ne poocha ke aapki shadi ho gai hai to usne bola ke haa abhi 6 mahine pehle hi shadi hui hai par uski wife kisi company mai executive hai to wo bhi mostly tour pe hi rehti hai. Kabhi achanak uska tour nikal aata hai aur kabhi achanak wo wapas aa jati hai uska koi time set nahi hai. phir ham apne schools ki aur colleges ki baatein karne lage, friends ki batein karne lage, kabhi jokes bhi sunaane lage aur hamaise ek doosre se ghul mil gaye aur hamai aisa lagne laga jaise ham janam janam ke ke sathi ho. Ofcourse ham batein aahista hi kar rahe the taa ke doosre passengers ko disturb na ho.
Takreeban sabhi passengers ne pet bhar ke khana khaya tha isi liye ab almost sabhi passengers so gaye the jinke kharrato ki awazein aane lagi thi. Thandi hawa chehre pe lagne se mujhe bhi neend ke jhonke aane lage the aur mai apne sar ko seat ke head rest pe laga ke so gayi. Kabhi kabhi mera sar slip ho ke Raj ke shoulder pe aa jata to mai phir se theek kar leti. Ek do time theek kia to Raj ne bola ke rehne do na tum so jao aise hi aur mai uske kandhe pe apna sar rakh ke gehri neend so gayi. Baher ka weather bohot hi pleasant tha aur meri neend gehri ho gai. Jaise hi meri neend gehri hui mujhe lagne laga ke mai college mai hu aur hamare last ke 3 periods free ho gaye hai to mai ne Ravi ko phone kia wo bhi apni class khatam kar ke baher aa gaya aur phir hamne plana banaya ke college se film dekhne chalte hei aur ham ek English Film dekhne chale gaye. Film la naam ka to pata nahi par ek dum se mast aur sexy film thi. Sham ka matinee show tha isi liye theatre itna ziada full nahi tha, bas hamare jaise kuch students jo college ko bunk karke aye the bass utne hi log the. Aur waise bhi aajkal log gharo mai hi CD laga ke pictures
dekhne ke aadi ho gaye hai isi liye theatres mai bheed bhaad nahi hoti aur almost khali hi hote hai. ham sab se peeche wali seat pe baith gaye. Hamare ander aane tak film ke start hone se pehle ke aane wali filmo ke kuch trailors chal rahe the, actual fim abhi chalu nahi hui thi. Ham ander aane se pehle kuch popcorns bhi le ke aye the ke time pas hoga. Ek mai ne apni godi mai rakha aur doosra Ravi ki godi mai aur dono ne decide kia ke Ravi mere packet mai se khayega aur mai Ravi ke packet se aur ham as per decision ek doosre ke packets se popcorn khane lage. Packets utne bade bhi nahi the aur sexy romantic English film ke chalte popcorn jaldi hi khatam ho rahe the. Mai ne Ravi ke packet mai hath dala to waha packet to nahi tha par uska khada Lund mujhe mehsoos hua to mai ne idhar udhar tatola to pata chala ke wo to khatam ho gaya hai aur jab mera hath uske lund se lag hi gaya tha to usne mere hath pe apna hath rakh dia aur apne loude ko mere hatho se daba dia. Mai iss se pehle bhi bohot baar uske loude ko pant ke ooper se hi pakad chuki thi isi liye mai ne mind nahi kia aur apna hath wahi rakha aur film dekhne mai busy hogai. Thodi hi der mai Ravi ka hath bhi meri jhango pe aa gaya, mera packet bhi khali ho chuka tha jisko mai neeche gira chuki thi to meri jhang bhi free thi. Ravi mere thighs ko shelaane laga to mere pair automatically khul gaye aur ravi ne ishara samajh lia aur meri choot ko ragadne laga. Jaise jaise film mai sexy scenes aane lage ham dono garam hone lage aur Ravi ka hath lagne se to meri choot mai aag hi lag rahi thi aur full geeli ho chuki thi. Mujhe pata hi nahi chala ke kab Ravi ne apne pant ki zip ko khol dia tha aur mei uske naked loude ko pakad ke daba rahi thi aur bina soche hi uske lund ka muth jaise mar rahi thi. Mai to full josh mai aa gai thi. Ravi ne bhi apna hath ooper kar ke meri elastic wali salwar se apna hath ander dal dia tha aur meri nangi garam choot ko massage kar raha tha. Ravi ki finger meri clitoris ka massage kar rahi thi aur kabhi meri choot ke surakh mai bhi chali jati to mai bechain ho jati thi. Mai to itni mast ho gai thi ke meri aankhein band ho gai thi aur mai Ravi ke finger fucking ke maze le rahi thi aur apni seat pe kuch saamne ki or move ho gai aur apni tango ko phaila lia tha aur Ravi ko apni choot ka full access de dia tha aur phir mere badan mai sansanahat shuru ho gai aur meri choot se juice nikalta hi chala gaya aur mai itni madhosh ho gai thi ke masti mai Ravi ke lund ko itni zor zor se masturbate kar rahi thi ke Ravi ke Lund se kab malyaee ki pichkari nikli mujhe pata hi nahi chala. Uske Lund se malyaee nikalne ke baad bhi mai kitni hi der tak to uske lund ko masturbate karti hi rahi mera hath uski cream se lath path ho gaya tha aur phir jab meri choot se juice nikalna band ho gaya aur mai complete jhad chuki
to uske lund se apna hath hataya aur ham dono ek doosre ko jhuk ke kiss karne lage aur Ravi ne mere kaan mai bola ke aaj to mast maza aagaya meri jaan to mai ne kaha ke mujhe bhi bohot hi maza dia aaj tumne ravi mujhe bhi bohot hi maza aaya thank. Ravi ki cream se nikli cream se apne sane hue hath ko mai ne apne salwar ke ander wale portion jo choot ke pas hota hai uss portion se uski cream ko poch lia kyonke uske pant pe laga hota to sab ko dikhayee deta aur meri salwar ke ooper to shirt aaa jati thi to kisi ko dikhayee nahi deta tha isi liye mai ne apni choot ke sath wale portion pe apni salwar se uski cream ko poch lia. Ab hamara mann film mai nahi lag raha tha. Meri choot mai abhi bhi aag lagi hui thi mei chah rahi thi ke aaj ravi ke lund ko apni choot ke ander le lu aur us se chudwa lu par phir apne sanskaar aur maryada yaad ayi to khamosh ho gai aur apni choot ko tasalli dene lagi. Film ka interval hua par ham baher nahi gaye wahi apni chairs pe baithe rahe. Ham dono ke chehre josh mai laal ho gaye the. Ravi ne poocha ke coffee lau kia to mai ne uska hath pakad ke bola ke nahi ravi kahi na jao please yahi baithe raho mere pas aur phir ham ek doosre ka hath pakad ke baithe rahe. Thodi hi der mai theatre mai phir se andhera chha gaya aur film start ho gai.
Internval ke baad se to yeh film kuch ziada hi sexy ho gai thi. Actually scene to hidden hi the par kabhi kabhi passionate kissing ke aur chudai ke aise bhi scenes the jismai ladke ka Lund ladki ki chikni choot mai ander jata aur baher aata dikhayee de rahi thi real chudai dikhayee de rahi thi. Ham dono ek bar phir se garam ho gaye the. Ravi continue meri choot ka massage kar raha tha Meri choot se juice to continue nikal raha tha aur ab is time mai ne khud hi Ravi ke pant ki zip ko khola aur uske loude ko jo lohe jaisa sakht ho chuka tha baher nikal lia aur usko bade pyar se dabane lagi. Ham dono aaj apni sari purani limits cross kar chuke the. Ek aise hi chudai ke mast scene ko dekh ke achanak Ravi apni seat se utha aur meri tango ke beech mai baith gaya aur apne hatho se meri salwar ko neeche khech lia. salwar mai to elastic tha aur mai ne bhi apni gand ko thod uthalia aur meri salwar slip ho gai aurmei tangeo ke beech aa gai. Meri nangi gand seat pe thi aur Ravi meri tango ke beech baith gaya. Kisi ko bhi ab Ravi dihayee nahi de sakta tha. Usne meri thighs pe kiss kis to mai pagal ho gai aur uske sar ko pakad ke apni gand ko seat pe aage move kar dia aur uske sar ko pakad ke apni choot mai ghusa lia. mai apni seat pe almost leti hui thi aur ravi meri choot ko chaat raha tha. Mai apni gand utha ke apni choot ko uske muh se deewano ki tarah zor zor se
ragad rahi thi. Ravi ke dant bhi meri clitoris se lag rahe the aur inner choot se bhi aur phir mai apne aap ko ziada der tak rok nahi payee aur ravi ke sar ko apni choot mai daba ke pakad lia aur mai uske muh mai jhadti hi chali gai mere muh se hhhhhhhhmmmmmmmmmm aaaaaaahhhhhhhhhhhhh ooooooffffffffff jaisi awazein nikal rahi thi aur mai jhad rahi thi, Meri saansein badi tezi se chal rahi meri gand abhi bhi apni seat se ooper uthi hui thi. Mera orgasm bada zabardast tha aur jaise hi orgasm khatam hua aur meri choot se juice nikalna band hua mai kisi bejaan doll ki tarah se apni seat pe gir gayee aur mere hath pair dheele hogaye.

kramashah......................










आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj

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