Monday, May 24, 2010

ससुर बहु की कहानी-- कंचन--13

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कंचन --13



बहू खाली मस्ती या कुछ और भी करोगी!! रामलाल बहू की देखके अपनी खास मुस्कुराहट के साथ पूछा!!!! और कंचन भी एक अदा से शरमाते हुए बोली बाबूजी आप भी ना!!!
अब हटो भी ना मे बहूत भूकी हूं शाम के ^ बंजने को हे अभी तक कुछ खाया भी नही!!! रामलाल ने फिर कहा बहू तुम कितनी झूटी हो
अभी तू 2 बजे इतना बरा कैला खेलाया था और बोलती हो कुछ खाया नही !! अब कंचन भी शर्म को बाज़ू मे रखते हुए बोली वो तो आप ने मेरी चूत को खेलाया था मगर पेट तो भूका हे ना!!!! !! रामलाल को बहू से ऐसी बात करने मे मज़ा अरहा था !!! उसने धरल्ले से पूंछ दिया इसका मतलब बहू तुम्हारी चूत की भूक मिट गयी !!! अब कंचन भी कहाँ पीछे रहेने वाली थी वो किचन मे घुसते हुए पीछे मुड़के ससुर को घूरते हुए बोली बाबू जी अबी तो बस ज़रा सा टेस्ट हे किया हे !!!! रामलाल किचन के दरवाज़े से अंदर झाँकता हुआ बोला
कहो तो अभी खेला दू और अंदर घुस के पीछे से बहू के दोनो बॉब्स को कस के दबाया !!! बाबू जी छोड़ो ना अभी नही रात को करते हे
और ससुर की पलट के बरे हे सेक्शसी अंदाज़ मे उनके गले मे बाहें डाली( जैसे के वो सोका ससुर नही पति हे)और बोला अब कुछ ज़ियादा ही उतावले होगयी हू. ये बोलके अपने होंठ को ससुर के होंठ पे रहके एक ज़ोर की किस लिया और बोली
रात तक के लिए इससे काम चलालो ऐसे बोलके ससुर को दरवाज़ा से बाहर कर दिया मगर कंचन का दिल खाने मे कम और अपने ससुर की ज़ियादा था जब से उसका ग का सा लंड चूत मे लिए कंचन ऐसे लग रहा था कि उसकी सेक्स की पोरी पोरी हुई हो ऐसे नही था के रामू का लंड या पति का लंड कुछ कम था रामू ने तो ओस्को सेक्स के हर आसन से चोडा था अगर सच पूछो तो रामू से हे ओस्को सेक्स का पोरा अंनड़ मिला था मगर फिर भी कंचन की चूत मे जु खुजली थी वो काम होने का नाम हे नही ले रहे थी और आज जो उसने सोचा था उसको सोचते हे कंचन की चूत गीली होगआई कंचन ने यूँ ही खरे खरे 2 चार नीवाले खालिए और जल्दी से चाय बनाया और अपने कमरे मे चली गयी और चाय का कप वहीं टेबल पे रखके प्लांग के नीचे से अपनी
पुरानी वाली ब्रीफकेस को बाहर निकाला और कंचन ने सब काप्राय इधेर उधर करके देख लिए तो उसको जो चेआज़ चाहये थी वो मिल गयी हालंके कंचन ने एक साल पेले खरीदा था मगर उसको यूज़ ना कर पे थी सोचा आज यूज़ कर लिए जाए फिर उसने छाए का कप ले कर टीवी देकने बेत गयी अब उसके पास करने को कुछ काम था नही उसको पता था के रात का खाना भे ससुर साथ ले के आएगा टाइम देखा अभे 6 बजे थे वो छाए पीने मे मस्त थी के रामलाल हाथ मे कुछ समान ले के आ गया और सीधे किचन मे गया उसको फिरर्ग खुलने की आवाज़ आइ जब रामलाल किचन से वापिस आया तू कंचन ने ओस्को आवाज़ दी!!! बाबूजी आप अभी ताक गये नही
रामलाल ने जवाब दिया वो बहू फिल्म तो 6.30 को शुरू होती हे बस सोचा जाने से पेले रात के लिए कुछ ले आऊँ कंचन ने आश्चर्य से पूछा किया लाए हो बाबूजी!!! बहू तुम खुद ही देख लेना और हाँ रात के लिए कुछ मॅट बनाओ मी तुम को आज बिरयानी खिलौँगा बहूत दिन होवे मास मछली नही कहाया टुमरी सासू मा को मास मछली पसेंड नही आज वो नही हे तो मय सोचा कुछ ले आऊँ फिर रामलाल अपनी वॉच पे नज़र डाली और चला गया कन्चन चाय का कप रहकने किचन मे गयी तो फिरर्ग खोलके देखा एक प्लास्टिक बाग मे पाइपेर मे लप्पेट के बीयर और रम की बटलॅ थी कन्चन अपने आप मुस्कुराई और दिल मे कहा अज्ज ससुर कुछ ज़्यादा ही खुशी मे है!!! कंचन को याद था के उसका पति एक बार उसको बीयर पिलाया था जब वो नयी नयी शादी होके आई थी तब उसका पति उसको दिन मे चार बार चूड्ता था और एक दो बार ओसने बीयर भी पिया था लगता हे आज ससुर के साथ फिर एक बार पीने का मोक़ा मिलायगा… कन्चन को कुछ अजीब सा लग रहा था पेहेले देवेर के साथ चुदाई अब ससुर भी मगर वो करती भी किया
अगर उसका पति उसको पेले की तरहा दिन मे 4 बार नही कम से काम एक बार भी चुदाई करता तो वो किसी और का लंड ढूंडती ही कियूं वो अपने पति से बहूत पियार करती थी
ऐसा भी नही था के कन्चन कोई बुरी लारडकी थी अगर ऐसा होता तो शादी से पेले ही कितनो से चुड़वा चुकी होती कियूं के उस वक़्त कितने हे लड़के उसके पीछे परे थे और तो और स्कूल का हेड मास्टर भी.. मगर वो अपना कुँवारापन अपने पति के लिए बचा के रहका..
वो कहते हे ना कुँवारी लड़की सारे ज़िंदगी लंड के बिना रह सकती हे कियूं के उसको पता ही नाहे के लंड का असली मज़ा किया हे मगर जब एक बार लंड चूत मे घुस जाए तब वो लारडकी बिना लंड के रहा नही सकती वो भी तब जबके ओसका पति उसको दिन मे 4 बार चोद्ता हो और अचानक महेने मे 2 या 3 बार हे चोदने लगे कितना मुस्किल होता हे आ कोई कन्चन से पोचे इसलिए कन्चन पेले रामू से चुडवाई और अब अपने ससुर रामलाल से चुड़वा रही थी जिसका लंड सही मे भी गेडा के लंड जैसा था
अब जाके कन्चन को आ बात समझ मे आए के वो आदमी को गाढ़ा क्यूँ बोलती थे और वैसे भी गाओं वाले मर्दो का अक्सर लंड मोटा ही होता हे ए सब सूचते सूचतय कन्चन की चूत भेगने लगी वो अपने ख़यालो की दूण्या से तब बहिर आए जब फोन की घंटी बजना चालू किया पता नही जब से घंटी बाज रही थी कन्चन जल्दी जाके फोन रेसिवे काइया तो सामने उसके पति की आवाज़ आए !!!! कहाँ हो मेरी रानी कब से फोन कर रहा हूं कोई उठा ही नही रहा था!!!! वो सॉरी बोलू जी घर मे कोई नही हे और मी बाथरूम मे थी!!!
" कंचन मेरी जान ससुराल जा कर तो तुम हुमें भूल ही गयी हो. अब
तो एक महीना 15 दिन बीट गया है और कितना तर्पावगी? बहुत याद आ रही
है तुम्हारी."
" अक्च्छा जी ! बरी याद आ रही है आपको मेरी. अचानक इतनी याद
क्यों आ रही है?"
" खूबसूरत बीवी से एक महीना अलग रहना तो बहुत मुश्किल होता है
मेरी जान. सच, सारा दिन खड़ा रहता है तुम्हारी याद में."
" आपका वो तो पागल है. उसे कहिए एक महीना और इंतज़ार करे."
" ऐसे ना कहो मेरी जान एक महीना और इंतज़ार करना तो बहुत मुश्किल
है."
" तो फिर लगता हे मेरी सब पेंटी फार चुके हो ?"
हाँ अब तुम नही तो टुमरी पनटी से हे काम चलना परगगा!!!!
अजी हटो जब मी थी तो महेने मे एक डू बार हे चोडा करता थे
जान अब की बार आओ तो ऑफीस से 15 दिन की छुट्टी ले के तुम को दिन भर चूड्ता राहोंगा!!!!
अजी हटो ऐसे बातें फोन पे मत करो हमको कुछ कुछ होता हे!!!
किया होता हे मेरी जान?
जैसे के आपको पता नही!!!! जान बोलो ना कब वापिस आना हे!!!
अजी मय तो आज ही वापिस आना चाहती हूं आप से डोर रहके जीना भी कोई जीना हे,
मगर किया करूँ सासू मन की सेहत ठीक ही नही होती>>>
जान प्लीस तुम जल्दी आजओ ओक!!! घर मे आकयला हूं बोरिंग होती हे!!! कियूं जी रामू कहाँ गया? अरे रामू ने तुमको नही बताया वो बॉक्सिंग चॅंपियन्षिप के लिए 15 दिन के तौर पे गया हे!!! अछा मुजको नही बताया ना फोन हे किया एक बार भी? फिर कुछ सामान्य इधेर उधेर की बात होई फिर कन्चन के पति ने अभी मय रहकता हूं !!!
अपना ख़याल रहकना जी !!! और सुनो मएरी पनटी को मॅट फरना ओके@@@@
ओके मएरी जान आपकी बार टुमरी चूत ही फार दूँगा!!! छीईए!!!
कितनी गंदे होगये हे आप!!!
ऐसे बोलके कंचन ने फोन रख दिया और अपने कमरे मे गयी और सब काप्राय उतार के अपने आपको एक बार सिशे मे निहारा !! लाला बूब्स ऐसे लग रहे जैसे सिने पे 2 गोल गोल एक दम टाने हुए ऐसे लग रहा था जैसे
एक कुँवारी लर्की के चुचियाँ हो जो ज़रा भी नाहे ढले नीचे की !! कन्चेन तब से सेक्स के हे बारे मे सोच रही थी इसलिए सारे बदन मे एक कशिश से होरही थी!!! चूत पे कल्ले लूम्बे बॉल जो के अब 5 इंच ताक होगे थे
हाथ उपेर किया तो देखा बगल मे भी बॉल बहूत भर गयी थे मगर मुस्किल ए थी के कन्चन के पति को लूम्बे झांट बहूत पसेंड थी मगर सच बात आ भी थी के कन्चन के पति के सिर बॉल कन्चन के झांट के बल्लों से छोटे थे!!!
आ सोच के कन्चन दिल ही दिल मे मुस्कुरई और अपना तोलिय लिया और फिर वो चीज़ भी साथ ली जो उसने अभी कुछ समय पेहेले अपनी ब्रीफकेस से ढूंड के निकाला था!! असल मे वो बॉल सॉफ करने की क्रीम थी कांचें आज अपने झांट और बगल के साब बॉल सॉफ करके नयी नवेली धूलहन बनके रामलाल से खूब चुड़वाना चाहती थी रामलाल ने तो ओस्को रंडी कहा हे था अब ओस्को रामलम को आ बता ना था के रॅंडी कैसे चुदवाति हे ! इसलिए कन्चन ने फ़ैसला किया था के झांट के बॉल सॉफ करायगी!!! कांचेन को रामलाल के लंड से ज़ियादा अपने लूम्बे झांट के बल्लों से चूत मे तक़लीफ़ होती थी कियूं के जब रामलाल का लंड ओस्कि चूत मे घुसता तो साथ से ओस्कि चूत पे जु लूम्बे बॉल हे वो भी साथ हे चूत मे गुस्त्े तो बॉल अंदर जाके चूत की दीवार को जब रगार्ते तो ओस्कि चुभेन से ज़ियादा तक़लीफ़ होती !!! वैसे भे चूत की अंदर की दीवार पे कुछ चीज़ लग जाए तो कितना जलता हे!!!! और कन्चेन के बॉल तो एक दूं सख़्त थे इसलिए कन्चेन ने सोचा के इसको सॉफ करने से चुदाई मे ज़ियादा मज़ा आएगा!!! कांचेन टवल को अपने जिस्म पे लापेयत के बाथरूम मे घुस गयी !!! अभी टवल को निकाल के खुंडई पे टंगा ही था के फिर से पोने की गँती बाज गयी !!! तो कन्चेन ऐसे हे नंगी बाथरूम से बहिर आगेई और फोन रिसीव किया तो सामने से रामू ( देवेर) की आवाज़ आए
भाबी कैसे हो?!!! अरे रामू तू तू भाबी को भूल ही गया ना कोई फोन किया ना मुझको बताया के तुम चॅंपियन्षिप के टूर पे जरहे हो<<< बॉक्सिंग के लिए जिस्म पे मालिश भाबी से करवाया अब बिना भाबी को बुलाए हे!!!! अरे नाहे भहाही वो सब इतना जल्दी होगआया के मी किया बूलों….
वैसे आपको भूलना इतना आसान नही !!! अगर मी भोल भी गया तो मेरे लंड आपको नही भूलायगा!!!! छिए रामू फोन पे कैसे बात करते हो!!! अरे भाबी डरो मत मी अपने कमरे मै हूं अकेले !!!! और भाबी किया आपको मेरी याद आए थी!!!! नही टुमरी नही आए थी मगर हाँ टुमारे मूसूल जैसे लंड की आए थी!!!रामू ने बोला भाबी लगता हे घर मे आकयली हो इसलिए ऐसे बात फोन पे कर रही हों!!! हां अकेली हूं पिता जी सासू मा को लेके हॉस्पिटल गयी हे!!!
भाबी बोलो ना किया पहेनी हो!!! किया अंदर वहीं छोटी सी कच्ची हे या कुछ और!!! नही रामू मी ईस्वक़्त कुछ नही पहेना!!!! रामू को एक दम सोक हॉगेया!!!
बहबी किया तुम वहाँ नंगी रहती हू!!! अरे पगले मी नहाने जा रही थी पानी डालने ही वाली थी के फोन की घंटी बाजी तो जल्दी से बिना कुछ पेने ऐसे ही चली आए….
रामू ने कहा काश मी वहाँ होता तो आपको >>> कन्चेन ने उसकी बात काटते होवे बोली तुम ऐसे बोल रहे जैसे तुम ने मुजको नंगी दिखा ही नही हो!!! बहबी तुम जैसी हूर को नंगी जितना डेकों उतना काम हे!!!!! कांचेन ज़रा उतरती होवी बोली चोरो अभी उतना भी मस्का मत लगाओ मी उतनी भी सनडर नही हूं जितनी तुम तारीफ कर रहे हो!!! बहबी तुम कितने सनडर हो तुमको नही पता!!!! कांचेन एक अदा से कुँवारी लड़कियो की तरहा हँसने लगी और बोली देवेर जी अभी फोन पे बहबी से इस्क़ बाज़ी छोड़ो और अपने चॅंपियन्षिप पे ध्यान डू और हाँ वहाँ से सिडा गाऊ चले आना !!! अछा रामू अभिइ राहको मुजको बहूत काम हे बाबू जी भी आते होंगे!!!! प्लीस भाबी कुछ समय बात करो ना!!! अरे रामू संजा करो मी नंगी हूं बाबू जी काबी भी आ सकते हे !!!
तुम कल शाम को फोन करो ओक!!! अबी मी रहकती हूं!!!
कांचेन का मन अपने ड्यूवर से बात करने का था मगर वक़्त काम था इसलिए फोन रख दिया और वापिस बाथरूम चली गयी!!!
फिर पानी की एक बकेट को उल्टा करके ओस्पे बेत गयी और क्रीम को अपनी चूत के आस पास जहाँ जहाँ बॉल थे भर के लगाया!!! और सोचने लगी ओसने कितना झुत बोला हे आज ना तो ओसने पति को बताया के आज वो और ससुर जी ही घर पे हैं और ना हे रामू को!!!
ओस्को आ सब अछा लग रहा था और आज रात तो वो ससुर के साथ बेशेरमी की पूरी हद पार करने वाली थी आ सब सूचते सूचते 10 मिनिट होगये कियूं क्रीम लगा के 10 मिनिट बाद ओस्पे पानी डाला तो चूत एक दम सॉफ हो जाती हे!!!! जब कांचेन ने अपनी चूत पे पानी डाला तो बस चूत के क़ारीएब वाले ज़रा से बॉल ही सॉफ होवे बाक़ी जैसे के वैसे थे!!! कांचें समझ गयी जहंत के बॉल निकले होवे 2 साल का अरसा होवा वो बहूत सक़त हो गये होंगे इसलिए क्रीम से काम नही चलगा !!! फिर वो बाथरूम से बहिर निकली और सिडा रामलाल के कपार्ट मे ब्लेड धोंदना चालू किया ज़रा से काप्राय इधेर उधेर करने पे उसको ब्लड की एक पकेट मीलगई कांचेन ने 2 ब्लेड लिए और वापिस बाथरूम आके बकेट पे बेत गयी ब्लेड से झटों को
सॉफ कर्मा चालू किया ओस्को ऐसा लग रहा था जैसे वो झांट के बॉल नही बाल्क़ी छोटे बचे का सिर मोंडा रही हो !!! कर कर की आवाज़ अराही तो कन्चन के होंठो से एक अजीब सी मुसुकरहट अराही थी ओसने पूरे बॉल बॉल सॉफ किए और पानी से चूत को धोया और हाथ से अपनी चूत को सहेलाया तो ओस्को अपनी नज़ूक हथेली पे कुछ और बॉल चुभने लगे फिर ओसने क्रीम लिए और वापिस अपनी चूत पे भरके लगा और ज़रा सा आगे झुक के अपनी गांद पे और गांद के और चूत के बीच वाले हेस्से मे लगा और ऐसे ही कुछ समय बीट गया और दूसरी वाली बल्डे लयके अपने बगल के बॉल सॉफ किया और आयने के सामान्य जाके डेका बगल एक दम चिकनी होगआई थी फिर कांचेन ने अपनी चूत पे पानी डाला और पूरी तरहन सॉफ किया और अपने हाथ से सहेला के देखा तो ओस्के लबों पे मुस्कुराहट आगेई ओस्को ऐसे फील हुआ के ओसका हाट ओस्कि अपनी चूत पे नही बालके एक छोटी से लारडकी की चूत पे हे जिसके अभी ताक बॉल नही आए एक दूं नाज़ुउक् सी चूत !!!! वो ठंडे पानी से अपनी चूत को आचे तरहा धुने लगी ओस्को बहूत अछा फील होरहा था वो वापिस बकेट पे आके बेत गयी .








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