Tuesday, May 25, 2010

raj sharma storie कच्ची कली--20

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कच्ची कली---20
लेखक --ग्रेट वारियर
हिन्दी डबिंग --राज शर्मा
स्टोरी पार्ट----लवली लक्ष्मी

सुबह मई उठ के मई बाथरूम से फ्री हो चुका था और बस ब्रश करना ख़तम किया ही था के डोर की बेल बाजी. डोर खोला तो देखा के गंगा मुस्कुराती खड़ी थी उसके साथ उसके छोटे भाई की बीवी लक्ष्मी खड़ी थी. . लक्ष्मी तकरीबन 20 – 21 साल की एक बोहोट ही सुन्दर लड़की थी गंगा से छोटी भी थी और उस से भी अछा रंग रूप था उसका और उसका बदन भी बड़ा नाज़ुक था चुचियाँ थोड़े छोटे ही थे शाएद 32 के होगे छोटी उमर मई ही शादी हो गई थी नाज़ुक थी बड़ी बड़ी हिरनी जैसी चमकदार आँखें जो शरारत से चमक रही थी और लगता था मुझ से कह रही हो के राज बाबू आज तो मई अपनी जवान छोटी सी चूत को आपके मूसल पे समर्पित कर के और अछी तरह से चुड कर ही जौगी. पिंडलीओन तक पिंक कलर का फ्लोवे वाला 3/4त लहनगा और वाइट कलर की बिना ब्रस्सिएर की चोली पहने जिसमे से उसके चुचीोन की गोलाई, किशमिश जैसे छोटे निपल्स और उसके बदन का गोरा रंग चालक रहा था. वो थी तो दुबली पतली नाज़ुक सी चरेरे बदन की लायकिन थी हेल्ती, हस्ती तो दोनो गालो मई डिंपल्स पड़ते सफेद दाँत मोटी जैसे चमक रहे थे. मई तो लक्ष्मी को देखता ही रह गया तो गंगा शरारत से हस्ते हुए अपने नीचे का होन्ट डातों से दबाते हुए एक आँख बंद कर के बोली राजा बाबू ऐसे किया देख रहे हो यही अब यही रहेगी ना आप के पास अछी तरह से आराम से एक एक अंग देखते रहना मेरे जाने के बाद अभी तो आप लक्ष्मी को संभलो मई चली और लक्ष्मी को मेरे पास छ्होर के गंगा सीता आंटी के घर काम को जाने के लिए मूडी तो मई ने कहा गंगा घर को बहेर से लॉक कर दो और चाबी अपने साथ ले जाओ शाम मई जब आऊगी तो खुद ही खोल के घर के अंदर आ जाना तो गंगा शरारत से मुस्कुराती हुई बोली वो कियों राज बाबू तो मैं ने लक्ष्मी की मस्त जवानी की तरफ देखते हुए कहा के आज तुम ने सुबह सुबह मेरा मूड मस्त कर दिया है और मई नही चाहता के कोई हमाई डिस्टर्ब करे और अगर कोई मिलने आए भी तो बहेर लगे लॉक को देख के वापस चला जाएगा तो गंगा आँख मार के बोली के भगवान बचाए लक्ष्मी को आज राज बाबू आपके इरादे तो ख़तरनाक लग रहे हैं किया कक्चा ही खा लोगे लक्ष्मी को. मैं कुछ बोला नही बॅस मुस्कुरा दिया पर लक्ष्मी अपने होन्ट का निचला भाग दाँत से दबा के बोली चल हट तू भी ना गंगा किया मसखरी कर रही है चल अब तू जा तेरा टाइम हो गया है तो गंगा बोली के हा मेरा टाइम तो अब हो गया है और तेरा टाइम शुरू हो गया है पर शाम को तो मेरा ही टाइम होगा ना तब देखुगी तुझे और राज बाबू को और हस्ने लगी तो लक्ष्मी बोली के तेरा नही हम दोनो का टाइम होगा शाम को और दोनो मिल के हासणे लगे और मैं गंगा के हाथ मई लॉक और चाबी दे दिया और वो बहेर निकल गई और बहेर से दरवाज़ा बंद कर के लॉक दाल के चाबी अपने साथ ले के सीता आंटी के घर की तरफ चली गई. मई लक्ष्मी के करीब आगेया और बोला के लक्ष्मी तुम तो सच मई लक्ष्मी हो बोहोत सुन्दर हो और अपने आप से लिपटा के ज़बरदस्त किस करने लगे वो मेरी बहो मई एक छोटी सी लड़की की तरह समा गई और मुझ से ऐसे लिपट गई जैसे बेल किसी बड़े पेड़ से लिपट जाती है और मुझे ज़ोर से पकड़ लिया. टंग सुकिंग किस कर रहे थे हम दोनो और गहरी गेँरी साँसें ले रहे थे मस्ती मई मेरा हाथ उसके बूब्स को दबाने लगा और लंड तो लक्ष्मी को देखते ही उसकी अनदेखी छोटी चूत को सल्यूट करने लगा था. उसके पेट के पास से घग्रे के ऊपरी भाग मई से अंदर हाथ दाल के छूट को हाथ लगाया तो जैसे उसे एलेक्ट्रिक शॉक लगा और उसके मूह से आआहह निकल गया वाउ किया मस्त चूत थी उसकी एक डम से चिकनी बिना बालो वाली लगता है गंगा ने बता दिया होगा के राज बाबू को झांतो वाली चूत अछी नही लगती इसी लिए फ्रेश शेव कर के आई थी. उसकी चूत बोहोत गरम और एकद्ूम से गीली हो चुकी थी और वो इतनी गरम हो चुकी थी के अपनी गॅंड आगे पीछे करके मेरे उंगली को ही चोद्नना शुरू कर दिया जैसे मेरी उंगली से नही लंड से चुद्ववा रही हो. अपने दूसरे हाथ से लक्ष्मी का हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे रखा तो वो उसको दबाने लगी और फॉरन ही मेरे ट्रॅक पॅंट के ओपेर वेल एलास्टिक से अंदर हाथ दाल के नंगे मूसल लंड को पकड़ लिया तो उसके मूह से एक सिसकारी निकल गई और धीरे से बोली बाप रे यह तो बोहो थी तगड़ा है मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त है बाबू लगता है आज मेरी चूत की खैर नही यह तो फाड़ ही डालेगा मेरी नन्न्हि चूत को. मेने अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को मसल रहा था और बॅस एक ही मिनिट के अंदर ही लक्ष्मी ने झंगो को एक दूसरे से ज़ोर से दबाया और अपनी झंगो से मेरे हाथ को ज़ोर से पकड़ लिया और उसका बदन हिलने लगा उसकी आँखें बंद हो गई साँसें तेज़ी से चलने लगी और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकलते हुए वो झड़ने लगी. मेी उसकी चूत को ऐसे ही मसलता रहा और उसकी गीली चूत से रस्स निकलता रहा. जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया तो उसकी साँस ठीक से चलने लगी और मई ने उसके घग्रे का हुक खोल दिया तो उसका घग्रा सररर करता हुआ किसी धार्मिक भक्त की तरह उसके पैरो मई गिर गया. एक ही हुक से टीका हुआ था उसका घग्रा. ब्लाउस के हुक खोल दिया तो पता चला के उसने अंदर ब्रस्सिएर नही पहनी है और ना ही पनटी थी ऐसा लगता था जैसे चुद्वने के लिए घर से ही रेडी हो के आई थी. उसका हाथ पीछे कर के उसका ब्लाउस निकाल अलग कर दिया वाउ काइया मस्त बदन था उसका एक डम से मक्खन की तरह चिकना मस्त आपल साइज़ की गोल गोल चुचियाँ ऐसा लगता था के भगवान ने अपने हाथो से एक साचे (मोल्ड) मे दाल के उसकी चुचियाँ बनाई हो एक डम से कड़क और उसपे छोटे अंगूर की तरह का लाइट ब्राउन निपल और निपल्स की गोलाई मई आधे इंच का उसका लाइट ब्राउन कलर का अरेवला वाउ वो तो एक मस्त चीज़ लग रही थी उसका सारा बदन वासना की आग मई डूबा हुआ था उसने मेरे ट्रॅक पॅंट के एलास्टिक मई हाथ दाल के पॅंट को नीचे उतार ते उतारते नीचे फ्लोर पे बैठने लगी. मेरा रॉकेट जैसा लंड तो पवरफुल एरेक्षन की वजह से मेरे पेट से ही लगा हुआ था जब वो पॅंट खचटी हुई नीचे बैठ रही थी और मेरा लंड पॅंट से आज़ाद हुआ तो उसके हाथ वही रुक गये और मेरे लंड के सामने उसका फेस था और लक्ष्मी मेरे लंड को घोर से देख रही थी और फिर थोड़ा सा झुक के मेरे लंड पे किस करती हुई बोली प्रणाम मूसल राजा और उसके चुंबन लेते ही मेरे लंड मई हलचल शुरू हो गई और मई ने उसका सर पकड़ के उसके मूह को अपने लंड से रगड़ना शुरू कर दिया तो उसने भी लंड को पकड़ के अपने मूह मई ले के चूसना शुरू कर दिया. आअहह काइया मस्त गरम मूह था उसका. लंड उसके मूह के अंदर झटके खाने लगा और लक्ष्मी लंड के टोपे को चूसने लगी. मेरी टाँगें अपने आप ही खुल गई थी और मई ने लक्ष्मी के सर को पकड़ के लंड को एक ही झटके मई उसके मूह मई घुसेड दिया वो अभी तय्यार नही थी इसी लिए लंड एक डम से ही उसके हलाक तक घुस गया और उसके मूह से गगगगगगगगगगघह जैसी आवाज़ निकालने लगी और उसके गले की नसे फूँले लगी और मई अपनी गॅंड आगे पीछे कर के उसके मूह को चोद्नेने लगा. लक्ष्मी घुटनो के बल फ्लोर पे बैठी थी उसके हाथ जो पहले मेरे गंद पे रखे थे अब अपने हाथो को वाहा से हटा के लंड के डंडे को पकड़ के अपने मूह के अंदर की एंट्री को लिमिटेड कर दिया था और सिर्फ़ आधा ही लंड चूस रही थी और आधा अपने हाथ मई पकड़े हुए थी. मई उसके सर को अपने दोनो हाथो से पकड़ के उसके मूह को चोद रहा था मेरी स्पीड बढ़ गई और मेी फुल स्पीड से उसके मूह को चोद्नेने लगा मगर मुझे उतना मज़ा नही आ रहा था कियॉंके उसने आधा लंड पकड़ रखा था और आधा ही चूस रही थी. मेरा प्रेशर बादने लगा था और मई ने उसके हाथ को अपने हाथ से पकड़ के लंड से हटा दिया और फिर से उसके मूह मई लंड पुर का पूरा अंदर घुस के हलक के अंदर तक चला गया और मई ऐसे ही मस्ती मई चोद ता रहा मेरे बॉल्स मई हाल चल मचना शुरू हो गयी थी और फिर एक फाइनल झटके से अपने लंड के सूपदे को उसके हलाक मई घुसेड के उसके सर को पकड़ लिया और बॅस उसी वक़्त मेरे बॉल्स मई से क्रीम उबाल के लंड के सुराख मई से होती हुई पिचकाइयाँ बनती हुई डाइरेक्ट उसके हलाक मई गिरने लगी और उसका पेट भरने लगी और वो पूरी मलाई खा गई और लंड को ऐसे ही चूस्ति रही और चूस्ते चूस्ते उसके मूह मई ही मेरा नरम लंड एक बार फिर से अकड़ने लगा और अपने एरेक्षन फॉर्म मई आ गया तो लक्ष्मी मेरे लंड को चूस्ते चूस्ते अपनी आँखें ऊपेर कर के मुझे देखने लगी और मुस्कुराने लगी तो मई थोड़ा झुक के उसको शोल्डर्स से पकड़ के ज़मीन पे से उठा लिया. जैसे ही लक्ष्मी ऊपेर उठ खड़ी हुई उसके मूह से एक डकार (बेल्च) निकल गई और हम्दोनो हस्ने लगे के सारी मलाई पेट के अंदर पोहॉंच गई और लक्ष्मी का नाश्ता हो गया. मई अपना शर्ट भी वही पे निकल के फेक दिया और कंप्लीट नंगा हो गया मेरा लंड फिर से अकड़ के मेरे पेट से जा लगा था. मई ने लक्ष्मी को छूतदो से पकड़ के उठा लए और तुरंत ही उसने अपने पैर मेरी कमर से लपेट लिए और मेरी गर्दन मई अपने हठदल के मुझ से किसी बेल की तरह लिपट गयी. इस पोज़िशन मई उसकी छोटी सी नाज़ुक चूत के लिप्स खुल गया और मेरे लंड के डंडे का निचला भाग उसके चूत के पंखदिओं के बीच मई हो गया और मई उसको ऐसे ही उठाए हुए अपने बेडरूम की तरफ़ चल दिया लक्ष्मी को उठाए उठाए चलने से उसकी चूत मेरे लंड के निचले भाग से चिपकी हुई थी और उसकी चूत लंड के निचले भाग पे ऊपेर नीचे फिसल रही थी और चूत मई से फिर से रस निकलने लगा था. मैं लक्ष्मी को अपने बेडररूम मई ले के आ गया और उसको धीरे से बेड पे ऐसे लिटाया के उसका आधा अंग पलंग के ऊपेर और उसकी टाँगें मेरी कमर से लिपटी हुई थी. झुक के उसको लिटा दिया और उसके ऊपेर झुक के किस करने लगा और एक हाथ से उसके चुचीोन को मसालने लगा उसके निपल को उंगली और अंगूठे के बीचे मई पकड़ के मसालने लगा तो आआअहह रजाआा बाआआआअब्ब्बुऊउ उसका मूह खुलते ही उसके मूह मई अपनी जीभ घुसेड दिया और दोनो एक दूसरे की जीबो को चूसने लगे. मई तोड़ा सा अपने आप को अड्जस्ट कर के उसके चुचीोन को चूसने लगा तो लक्ष्मी मेरे से ज़ोर से लिपट गई और मुझे अपने ऊपेर खेचने लगी. मेरे पैर ज़मीन पे ही थे और मई उसके ऊपेर झुका हुआ था. उसके चुचीोन को मूह मई ले के चूसने लगा और किशमिश जैसे निपल्स को दातों से काटने लगा तो उसकी सिसकारियाँ निकालने लगी आआआआआआहह ऊऊऊओह उूुुउऊहह वा किया मस्त चुचियाँ थी उसकी. उसकी चुचीोन से मेरा मूह भर गया था और मई उसके निपल्स को डातों से काट रहा था आअहह किया बताओ कितनी मस्त चुचियाँ थी उसकी मॅन कर रहा था के चुदाई बाद मई करू पहले उसकी चुचीोन को सारा दिन ही चूस्ता रहू लैकिन अब मई उसकी चूत का भी टेस्ट करना चाह रहा था इसी लिए चुचीोन को हाथो से मसालते हुए मई उसके बदन पे किस करने लगा उसके सपाट पेट पे किस किया तो लक्ष्मी की सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी सांस बहेर निकल गई और उसका पेट और थोडा अंदर हो गया उसके मसल्स टाइट हो गये और नीचे उसके पेट के सुराख (बेल्ली बटन) मई ज़बान दाल के घुमाने लगा तो वो इतनी मस्त हो गई के अपनी टाँगें उठा के मेरे बदन से लपेट लिया और मेरे सर को पकड़ के नीचे की ओर चूत के पेडू की तरफ धकेलने लगी. यह मई उसका इशारा समझ गया और अपने घुटने मोड़ के नीचे बैठ गया. उसकी टाँगें खुली हुई थी और टॅंगो के बीचे मई चिकनी मक्खन जैसी मुलायम उठी हुई प्यारी सी छोटी सी चूत जिसके लिप्स पतले थे और एक दूसरे से मिले हुए थे जैसे दरवाज़ा बंद होता है चूत के पंखदिओं के बीचे की लकीर से रस तपाक रहा था जिस की मधुर सुगंध मेरे लंड को पागल किए दे रही थी.. जब 4 या 5 सेकेंड्स तक मई उसकी चूत के दर्शन ही करता रहा तो लक्ष्मी से बर्दाश्त नही हुआ और उसने अपनी गंद उठा के चूत को मेरे मूह की तरफ धकेला तो उसकी चूत मेरे मूह से लगी और मई उसकी चूत को किस करने लगा. आआआआआआआहह किया मस्त चूत थी उसकी लगता था के कुँवारी चूत हो अभी जिसके किवाड़ (डोर लीफ) किसी मस्त लंड के इंतेज़ार मई अभी तक बंद है. लक्ष्मी का रंग भी गंगा से खुलता हुआ था और उसकी उमर भी गंगा से कम थी और ऐसी कम उम्रि मई वो बोहोत ही सुंदर लग रही थी. उसकी शादी को तो ऑलमोस्ट 2 साल हो गये थे पर उसका पति उसके साथ मुश्किल से 1 महीना ही रहा होगा और वो भी अपने दुबई जाने के चक्कर मई बिज़ी होगा तो एक महीने मई उसने कितना चोदा होगा इस बात का अंदाज़ा लक्ष्मी को छोटी पतली चूत को देख के ही लगाया जा सकता था. उसकी चूत को देख के इस बात का अंदाज़ा लगाना ज़ियादा मुश्किल नही था. लगता था के उसकी चुदाई ज़ियादा नही हुई है. और उसकी उमर ही किया थी अभी 21 साक की और शादी के टाइम तो सिर्फ़ 19 साल की छोटी लड़की होगी अभी ठीक से चुदाई ना होने की वजह से उसकी छोटी से टाइट चूत के पंखाड़ियान पतले पतले ही थे और आज ही की सॉफ की हुई बिना झटों की छोटी सी गोरी गोरी चूत एक डम से रेशम और मक्खन के जैसी चिकनी लग रही थी मई तो उसकी चूत को देखता ही रहा और नहरता ही रहा और इतनी प्यारी चूत की चुदाई के ख़याल से ही मेरे लंड के मूह मई पानी आने लगा और प्री कम की लार टपकने लगी. फिर उसके थाइस के दोनो तरफ हाथ दल के उसको अपनी तरफ खेचा और उसकी छूट पे मूह रख के किस काइया तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी सिसकारी निकली और उसने मेरे सर को पकड़ के अपनी गंद उठा के चूत को मेरे मूह मेी घुसेड दिया और मेरे मूह से अपनी चूत को रगड़ने लगी. अभी तक भी उसकी चूत के पंखाड़ियान बंद थे और एक दूसरे से मिले हुए थे मई पूरी चूत को अपने मूह मई ले लिया और डटो से काट डाला तो वो तो जैसे पागल ही हो गई एक सिसकारी भाई आआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हहाआआआअ और मेरे सर को ज़ोर से पकड़ के अपनी चूत ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी उसकी आँखें बंद हो चुकी थी सर को दाएँ बाएँ पटक रही थी उसके बॉल पुर खुल गये थे और बेड पे बिखरे पड़े थे लक्ष्मी सुंदरता का एक नमूना लग रही थी और उसकी चूत से रस निकल रहा था जिसे मई टेस्ट कर रहा था आअहह किया बतौ कितना मस्त मज़ेदार जूस था उसकी छोटी सी चिकनी चूत का. उसकी चूत के पंखदिओं को दोनो अंगूठे से पकड़ के खोल दिया आअहह काइया मस्त चूत थी अंदर से एक डम से डार्क पिंक कलर की चूत जिसके ऊपेर छोटी सी क्लाइटॉरिस ऐसे धड़क रही थी जैसे बदन के अंदर दिल धड़कता है. उसकी क्लाइटॉरिस को अपने दोनो होतो मई बीच पकड़ के खेचा और उसको चूसने लगा ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह राज्जाआअ बब्ब्ब्ब्बबबुउुुुुुुुुुउउ ईईईहह ककक्कीिय्ाआआअ कार्रर्र्ररर राआहीईए हूऊऊऊ ऊऊऊीीईईईई म्‍म्माआआअ यययहह कककककाईसस्साआआआ म्‍म्माज़ाआअ हाईईईईई बबुउुुुुुुुुुउउ लक्ष्मी मस्ती मई चूर थी उसकी आँखें बंद थी और गहरी गहरी साँसें ले रही थी जिस से उसके चुचियाँ समंदर की मौजो की तरह ऊपेर नीचे हो रहे थे. उसकी चूत के फांको के बीच मई ज़बान दाल दिया और अंदर से ही ऊपेर नीचे करने लगा कभी उसकी छोटी सी चूत के छोटे से सुराख मई ज़बान गोल कर के दाल दिया तो उसकी गॅंड ऑटोमॅटिकली ऊपेर उठ जाती. ज़बान को फोल्ड कर के उसकी चूत को चोदा और फिर पूरी के पूरी चूत को दंटो से पकड़ लिया और क्लाइटॉरिस को दाँत से काट डाला तो वो दीवानो की तरह से मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत उसपे रगड़ती रही और सडन्ली मेरे शौउल्दे पे जो उसके पैर थे उस से मुझे अपनी तरफ खचते हुए टाइट पकड़ लिया उसका बदन टाइट हो गया और ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ उसका बदन सूखे पत्ते की तरह से काँपने लगा और वो झड़ने लगी. मई उसकी कम चूड़ी हुई चूत का जूस पीता रहा. मस्त शहेड जैसा मीठा था और बोहोत मज़ा आ रहा था उसकी चिकनी चूत चाटने मई.
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

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