Monday, May 24, 2010

सेक्सी कहानिया उषा की कहानी - पार्ट 2

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उषा की कहानी - पार्ट 2


ससुरको अपने ऊप्पेर से उठते ही उषा ने अपनी दोनो टाँगों को फैला
कर ऊपर उठा लिया और उनको घुटने से मोर कर अपना घुटना अपने
चूंचीोन पर लगा लिया. इससे उषा की चूत पूरी तरह से खुल कर
ऊपर आ गयी और अपने ससुर के लंड अपनी चूत को खिलाने के लिए
तय्यार हो गयी. गोविंदजी भी उठ कर अपना धोती उतार, अंडरवेर,
कुर्ता और बनियान उतार कर नंगे हो गये और फिर से उषा के खुले
हुए पैरों के बीच मे आकर बैठ गये. तब उषा उठ कर अपने ससुर
का तनतनाया हुआ लंड अपने नाज़ुक हाथों से पाकर लिया और
बोली, "ऊओह ससुरजी कितना मोटा और सख़्त है आपका याई."
गोविंदजी अट्ब उषा के कान से अपना मुँह लगा कर बोले, "मेरा क्या? बोल
ना उषा, बोल" गोविंदजी अपने हाथों से उषा का गड्राया हुआ छुंचेओं
को अपने दोनो हाथों से मसल रहे थी और उषा अपने ससुर का लंड
पाकर कर मुती मे बाँधते हुए बोली, "आआअहह ऊओफफफफफफफफ्फ़
उउईइइइम्म्म्ममाआ ऊऊहह उूुउऊहह! आपका एह पेनिस सस्स्शह
उूउउम्म्म्ममममाआहह." गोविंदजी फिरसे उषा के कान पर धीरे से
बोले, "उषा हिन्दी मै बोलो ना इसका नाम प्लीज़". उषा ससुर के लंड
को अपने हाथों मे भर कर अपनी नज़र नीची कर के अपने ससुर से
बोली, "मई नही जनता, आप ही बोलिए ना, हिन्दी मे इसको क्या कहते
हैं." गोविंदजी ने हंस कर उषा की चूंची के चूस्ते हुए
बोले, "अरे ससुर के सामने नंगी बैठी है और एह नही जानती की
अपने हाथ मे काया पाकर रखी है? बोल बेटी बोल इको हिन्दी मे क्या
कहते और इससे अभी हम तेरे साथ क्या करेंगे."

तब उषा ने शर्मा कर अपने ससुर के नगी छाती मे मुँह छुपाते
हुए बोली, "ससुरजी मै अपने हाथों से आपका खरा हुआ मोटा लंड
पाकर रखी है, और थोरी देर के बाद आप इस लंड को मेरी चूत के
अंदर डाल कर मेरी चुदाई करेंगे. बस अब तो खुश हैं आप. अब मै
बिल्कुल बेशर्म होकर आपसे बात करूँगी." इतना सुन कर गोविंदजी ने
तब उषा को फिर से पलंग पर पीठ के बाल लेटा दिया और अपने बहू
के टांगो को अपने हाथों से खोल कर खुद उन खुली टांगो के बीच
बैठ गये. बैठने के बाद उन्होने झुक कर उषा की चूत पर दो तीन
चुम्मा दिया और फिर अपना लंड अपने हाथों से पाकर कर अपनी बहू की
चूत के दरवाजे पर दिया. चूत पर लौंद रखते ही उषा अपनी कमर
उठा उठा कर अपनी ससुर के लंड को अपनी चूत मे लेने की कोशिश
करने लगी. उषा की बेताबी देख कर गोविंदजी अपने बहू से
बोली, "रुक छीनाल रुक, चूत के सामने लंड आते ही अपनी कमर उचका
रही है. मै अभी तेरे चूत की खुजली दूर करता हूँ." उषा तब
अपने ससुर के छाती पर हाथ रख कर उनकी निपल के अपने उंगलेओं
से मसालते हुए बोली, "ऊऊहह ससुरजी बहुत हो गया है. आब
बर्दाश्त नहीं हो रहा है आओ नेया ऊऊओ प्लीज़ ससुरजी, आओ ना,
आओ और जल्दी से मुझको चोदो. आब देर मॅट कारो आब मुझे चोदो
ना आब और कितनी देर करेंगे ससुरजी. ससुर जी जल्दी से अपना एह
मोटा लंड मेरी चूत मे घुसेर दीजिए. मै अपनी चूत की खुजली से
पागल हुए जा रही हूँ. जल्दी से मुझे अपने लंड से चोदिये. आह!
ओह! क्या मस्त लंड है आपका." गोविंदजी अपना लंड अपने बहू की चूत
मे तेलते हुए बोले, "बह रे मेरे छीनाल बहू, तू तो बरी चुद्दकर
है. अपने मुँह से ही अपने ससुर के लंड की तारीफ कर रही है और
अपनी चूत को मेरा लंड खिलाने के लिए अपनी कमर उचका रही है.
देख मई आज रत को तेरे चूत की क्या हालत बनता हूँ. साली तुझको
चोद चोद कर्ट तेरी चूत को भोसरा बना दूँगा" और उन्होने एक ही
झटके के साथ अपना लंड उषा की चूत मे दल दिया.

चूत मे अपने ससुर का लंड घुसते ही उषा की मुँह से एक हल्की सी
चीख निकल गये और उसने पाने हाथों से अपने ससुर को पाकर उनका
सर अपनी चूनचेओं से लगा दिया और बोलने लगी, "वा! वा ससुर जी
क्या मस्त लंड है आपका. मेरी तो चूत पूरी तरह से भर गये. अब
ज़ोर ज़ोर से धक्का मा कर मेरी चूत की खुजली मिटा दो. चूत मे
बहुत खुजली हो रही है." "अभी लो मेरे छीनाल चुद्दकर बहू,
अभी मै तेरी चूत की सारी की सारी खुजली अपने लंड के धक्के के
साथ मिटाता हूँ" गोविंदजी कमर हिला कर झटके के साथ धक्का
मारते हुए बोले. उषा भी अपने ससुर के धक्के के साथ अपनी कमर
उछाल उछाल कर अपनी चूत मे अपने ससुर का लंड लेते बोली, "ओह! आह!
आह! ससुरजी मज़ा आ गया. मुझे तो तारे नज़र आ रहें है. आपको
वाकई मे औरत की चूत चोदने की कला आती है. चोदिए चोदिए अपने
बहू की मस्त चूत मे अपना लंड डाल कर खूब चोदिए. बहुत मज़ा मिल
रहा है. अब मै तो आपसे रोज़ अपनी चूत चड़वौनगी. बोलिए
चोदेन्गे ना मेरी चूत?" गोविंदजी अपनी बहू की बात सुन कर मुस्कुरा
दिए और अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर क़रना जारी रखा. उषा
अपनी ससुर की लंड से अपनी चूत चुड़वा कर बेहाल हो रही थी और
बार्बरा रही थे, "आआहह ससुरज़ीईए जोर्र्र्रर सीई. हन्न्न्न
सस्र्ज़ीए ज़ूर्र्ररर ज़ूर्र्रर से धककककाअ लगिइिईईईईईई, और्र्ररर
ज़ूरर्र सीई चोदिईईए अपनी बहूउऊ की चूत्त्त्त को. मुझीई
बहुउत्तत्त अक्चहाअ ल्ाअगग्ग रहहाअ हाईईइ, ऊऊओह और ज़ोर से
चोदो मुझे आआहह सौउउउर्र्रर्ज़ीए और ज़ोर से करो आआअहह
और अंदर ज़ोर सई. ऊऊओह डीआररर ऊऊओह उूुुउउफफफफफ्फ़
आआहह आआहह उउउइईई आअहह उूउउम्म्म्माआआआहह
ऊऊऊओह."

थोरी देर तक ज़ोर ज़ोर धक्को से अपने बहू चूत चोदने के बाद
गोविंदजी ने अपना धक्कों की रफ़्तार धेमे कर दिया और उषा की
चुचीोन को फिर से अपने हाथों मे पाकर कर उषा से पूछा, "बहू
कैसा लग रहा अपने ससुर का लंड अपनी चूत मे पिलवा कर?" तब उषा
अपनी कमर उठा उठा कर चूत मे लंड की चोट लेटी हुई
बोली, "ससुरजी आपसे चूत चुड़वा कर मै और मेरी चूत दोनो का हाल
ही बहाल हो गया है. आप चूत चोदने मे बहुत एक्सपेरत्त्तत्ट
हैन्न्न्न्न बड़ाअ मज़ा आ रहा है मुझे ससुरजी ऊओह ससुरजी
आप बहुत आक! च्छा चोदते हैं आआहह उूुुउऊहह.
ऊऊओफफफफफफफ्फ़ ससुरजी आप बहुत ही एक्सपर्ट हैं और आपको औरतों की
चूत चोद कर औरतों को सुख देना बहुत अक्च्छीए तरह से आत्ता
हैं. मुझे बहुत अक्च्छा लग रहा है य्यूंन हिी हां ससुरजीई
यूंन हिी चोदो मुझे आप्प्प्प बाहुत अच्च्चे हो बास्स य्यूँ ही चुदाई
करो मेरी ऊओह खूब चोदो मुझे. गोविंदजी भी उषा की बातों
को सुन कर बोले, "ले रंडी, छीनाल ले अपने चूत मे अपसने ससुर के
लंड का ठोकर ले. आज देखतें है की तू कितनी बरी छीनाल चुद्दकर
है. आआज मै तेरी चूत को अपने हलवी लंड से चोद चोद कर भोसरा
बना दूँगा. ले मेरी चुड़ककर बहू ले मेरा लंड अपनी चूत से खा."
गोविंदजे इतना कह कर फिर से उषा की चूत मे अपना लंड ज़ोर ज़ोर से
पेलने लगे और थोरी देर के अपना लंड जर तक थॅन्स कर अपनी बहू की
चूत के अंदर झार गये. उषा भी अपने ससुर की लंड को चूटौता
उठा कर अपनी चूत से खाती खाती झार गयी. थोरी देर तक दोनो
ससुर और बहू अपनी चुदाई से तक कर सुस्त परे रहे.

थोरी देर के बाद उषा ने अपनी आँख खोली और अपने ससुर और खुद को
नंगी देख कर शर्मा कर अपने हाथों से अपना चहेरा धक लिया.
तब गोविंदजी उठ कर पहले बाथरूम मे जा कर अपना लंड धो कर
साफ करने के बाद फिर से उषा के पास बैठ गये और उसकी शेरर से
खेलने लगे. गोविंदजी ने अपने हाथों से उषा का हाथ उसके चहेरे
से हाता कर अपने बहू से पूछा, "क्यों, छीनाल चूड्दकर रंडी उषा
मज़ा आया अपने ससुर के लंड से अपनी चूत चुड़वा कर? बोल कैसा लगा
मेरा लंड और उसके धक्के?" उषा अपने हाथों से अपने ससुर को बाँध
कर उनको चूमते हुए बोली, "बाबूजी आपका लंड बहुत शानदार है और
इसको किसी भी औरत की चूत को चोद कर मज़ा देने की कला आती है.
लेकिन, सुबसे अक्च्छा मुझे आपका चिदते हुए गंदी बात करना लगा.
सच जब आप गंदी बात क्राते हैं और चोद्ते है तो बहुत अक्च्छा
लगता है." गोविंदजी ने अपने हाथों से उषा की चूंची को पाकर
कर मसालते हुए बोले, "अरे छीनाल, जा हम गंदा काम कर रहें हैं
तो गंदी बात करने मे क्या फ़र्क परता है और मिझको तो चुदाई के
समय गली बकने की अडॅप्ट है. अक्च्छा अब बोल तुझे मेरा चुदाई
कैसी लगी? मज़ा आय की नही, चूत की खुजली मेटी की नही?"
उषा ने तब अपने हाथों से अपने ससुर का लंड पाकर कर सहलाते हुए
बोली, "ससुरजी आपका लंड बहुत ही शानदार है और मुझे आपसे अपनी
चूत चुड़वा कर बहुत मज़ा आया. लगता है की आपके लंड को भी मेरी
चूत बहुत पसंद आया. देखेए ना आपका लंड फिर से खरा हो रहा
है. क्या बात एक बार और मेरी चूत मे घुसना चाहता है क्या?"
गोविंदजी ने तब अपने हाथ उषा की चूत पर फेरते हुए बोले, "साली
कुतिया, एक बार अपने ससुर का लंड खा कर तेरी चूत का मान नही
भरा, फिर से मेरा लंड खाना चाहती है? ठीक है मै तुझको
अभी एक बार फिर से चोद्ता हूँ."
गोविंदजी की बात सुन कर उषा झट से उठ कर बैठ गयी और अपने
ससुर के सामने झुक कर अपने हाथ और पैर के बल बैठ कर अपने
ससुर से बोली, "बाबूजी, अब मेरी चूत मे पीछे से अपना लंड डाल
कर चोदिये. मुझे पीछे से चूत मे लंड डलवाने मे बहुत मज़ा आता
है." गोविंदजी ने तब अपने सामने झुकी हुए उषा किए चूतर पर हाथ
फेरते हुए उषा से बोले, "साली कुत्ती तुझको पीछे से लंड डलवनव
मे बहुत मज़ा आता है? ऐसा तो कुतिया चुड़वाती है, क्या तू कुतिया
है?" उषा अपना सर पीछे घुमा कर बोली, "हाँ मेरे चोदु ससुरजी
मे कुतिया हूँ और इस समय आप मुझे कुत्ता बन कर मेरी चूत
चोदेन्गे. अब जल्दी भी करिए और शुरू हो जाएआ जल्दी से मेरी
चूत मे अपना लंड डालिए." गोविंदजी अपने लंड पर थूक लगते हुए
बोले, "ले रेनी रंडी बहू ले, मै अभी तेरी फुदकती चूत मे अपना
लंड डाल कर उसकी खबर लेता हूँ. साली तू बहुत चुद्दकर है. पता
नहीं मेरा बेटा तुझको शांत कर पाएगा की नही." और इतना कहकर
गोविंदजी अपने बहू के पीछे जाकर उसकी चूत अपने उंगलिओन से
फैला कर उसमे अपना लंड डाल कर चोदने लगे. चोद्ते चोद्ते कभी
कभी गोविंदजी अपना उंगली उषा की गान्ड मे घुसा रहें थे और उषा
अपनी कमर हिला हिला अपनी चूत मे ससुर के लंड को अंदर भर करवा
रही थी. थोरी देर के चोदने के बाद दोनो बहू और ससुर झार गये.
तब उषा उठ कर बाथरूम मे जाकर अपना चूत और झांगे धोकर अपने
बिस्तर पर आकर लेट गयी और गोविंदजी भी अपने कमरे जाकर सो
गये.

अगले हफ्ते रमेश और उषा अपने हनिमून मानने अपने एक दोस्त, जो की
शिमला मे रहता है, चले गये. जैसे ही रमेश और उषा शिमला
एरपोर्ट से बाहर निकले तो देखा की रमेश का दोस्त, गौतम और उसकी
बीबी सुमन दोनो बाहर अपनी कार के साथ उनका इंतेज़ार कर रहें हैं.
रमेश और गौतम आगे बरज कर एक दूसरे के गले लग गये. फिर डॉन
वन अपनी अपनी बीब्िओन से इंट्रोड्यूस करवा दिया और फिर कार मे बैठ
कर घर की तरफ चल परे. घर पहुँच कर रमेश और गौतान
ड्रॉयिंग मे बैठ कर पुरानी बतो मे मशगूल हो गे और उषा और
सुमन दूसरे कमरे मे बैठ कर बातें करने लगे. थोरी देर के बाद
रमेश और गौतम अपने बीब्िओन को बुअकर उनसे कह की खाना लग दो
बहुत ज़ोर की भूक लगी है. सुमन ने फटा फॅट खाना लगा दिया और
चारों डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाने लगे. खाना खाते वाक़्य उषा
देल् रही थी की रमेश खमा खाते वक़्त सुमन को घूर घूर कर
देख रहा है और सुमन भी धीरे धीरे मुस्कुरा रही है. उषा को
डाल मे कुछ कला नज़र आया. लेकिन वो कुछ नही बोली.

अगले दिन सुबह गौतम नहा धो कर और नाश्ता करने के बाद अपने
ऑफीस के लिए रवाना हो गया. घर पर उषा, रमेश और सुमन पर
बैठ कर नाश्ता करने के बाद गॅप लारा रहे थे. उषा आज सुबह भी
ढयन दी की रमेश अभी भी सुमन को घूर रहा है और सुमन धीरे
धीरे मुस्कुरा रही है. थोरी देर के बाद उषा नहाने के लिए अपने
कपारे ले कर बाथरूम मे गयी. करीब आधे घंटे के बाद जब उषा
बाथरूम से नहा धो कर सिर्फ़ एक तौलिया लप्पेट कर बाथरूम से
निकली तो उसने देखा की सुमन सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट पहने टाँगे
फैला कर पानी कुर्सी पर फैली आधे लेटी और आधे बैठी हुए
है और उसकी ब्लाउस के बटन सब के सब खुले हुए है रमेश झुक
कर सुमन की एक चूंची अपने हाथों से पाकर चूस रहा है और
दूसरे हाथ से सुमन की दूसरी चूंची को दबा रहा है. उषा एह
देख कर सन्न रह गयी और अपनी जगह पर खरी की खरी रहा
गयी. तभी सुमन की नज़र उषा पर पर गयी तो उसने अपनी हाथ
हिला कर उषा को अपने पास बुला लिया और अपनी एक चूंची रमेश से
चुरा कर उषा की तरफ बरहा कर बोली, "लो उषा तुम भी मेरी
चूंची चूसो." रमेश चुप छाप सुमन की चूंची चूस्ता रहा और
उसने उषा की तरफ देल्हा तक नही. सुमन ने फिर से उषा से
बोली, "लो उषा तुम भी मेरी चूंची चूसो, मुझे चूंची चुसवाने
मे बहुत मज़ा मिलता है तभी मैने रमेश से अपनी चूंची चुस्वा
रही हूँ." उषा ना अब कुछ नही बोली और सुमन की दूसरी चूंची
अपने मुँह मे भर कर चूसने लगी.

थोरी देर के बाद उषा ने देखा की सुमन अपना हाथ आगे कर के रमेश
का लंड उसके पायजामे के ऊपेर से पाकर कर अपनी मुट्ही मे लेकर
मारोर रही है और रमेश सुमन की एक चूंची अपने मुँह मे भर
कर चूस रहा है. अब तक उषा भी गरम हो गयी थी. तभी सुमन
ने रमेश का पायजामे का नारा खींच कर क्ज\खोल दिया और रमेश का
पायजामा सरक कर नीचे गिर गया. पायजामा को नीचे गिरते ही रमेश
नंगा हो गया क्योंकी वो पायजामे के नीचे कुछ नही पहन रखा
था. जैसे ही रमेश रमेश नंगा हो गया वैसे ही सुमन आगे बरह
कर रमेश का खरा लंड पाकर लिया और उसका सुपरा को खोलने और
बंद करने लगी और अपने होठों पर जीव फेरने लगी. एह देख कर
उषा ने अपने हाथों से पाकर कर र्मीश का लंड सुमन के मुँह से
लगा दिया और सुमन से बोली, "लो सुमन, मेरे पति का लंड चूसो.
लंड चूसने से तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा. मई भी अपनी चूत मरवाने
के पहले रमेश का लंड चुस्ती हूँ. फिर रमेश भी मेरी चूत को
अपने जीव से चट्टा है." जैसे ही उषा ने रमेश का लंड सुमन के
मुँह से लगाया वैसे ही सुमन ने अपनी मुँह खोल कर के रमेश का
लंड अपने मून मे भर लिया और उसको चूसने लगी. अब रमेश अपना
कमर हिला हिला कर अपना लंड सुमन के मुँह के अंदर बाहर करने
लगा और अपने हाथों से सुमन की दोनो चूंची पाकर कर मसालने
लगा. तब उषा ने आगे बरह कर सुमन की पेटिकोट का नारा खोल दिया.
पेट्तीकट का नारा खुलते ही सुमन ने अपनी चूटर कुर्सी पर से तोरा
सा उठा दिया और उषा अपने हाथों से सुमन की प्रटटिकोआट को खींच
कर नीचे गिरा दिया. सुमन ने पेटिकोट के नीचे पनटी नही
पहनी थी और इसलिए पेटीकोआट खुलते ही सुमन भी रमेश की तरह
बिल्कुल नंगी हो गयी.

उषा ने सबसे पहले नंगी सुमन की जांघों को खोल दिया और उसकी
चूत को देखने लगी. सुमन की चूत पर झांते बहुत ही करीने से
हटाया गया था और इस समय सुमन की चूत बिल्कुल चमक रही थी.
सुमन की चूत से चुदाई के पहले निकालने वाला रस रिस रिस कर
निकल रहा था. उषा झुक कर सुमन के सामने बैठ गयी और सुमन
की चूत से अपनी मुँह लगा दिया. उषा की मुँह जैसे ही सुमन की
चूत पर लगा तो सुमन ने अपनी टाँगे और फैला दिया और अपने
हाथों से अपनी चूत को खोल दिया. अब उषा ने आगे बरह कर सुमन की
चूत को चाटना शुरू कर दिया. उषा अपनी जीव को सुमन की चूत के
नीचे से लेकर चूत के ऊपेर तक ला रही थी और सुमन मारे
गर्मी के उषा का सर अपने हाथों से पाकर कर अपनी चूत पर दबा
रही थी. उधर रमेश ने जैसे ही देखा की उषा अपनी जीव से
सुमन की चूत को छत रही है तो उसने अपना लंड सुमन के मुँह से
काग़ा कर एक हल्का सा धक्का दिया और सुमन अपनी मुँह खोल कर रमेश
का लंड अपने मुँह मे भर लिया. नीचे उषा अपनी जीव से सुमन की
चूत को छत रही थी और कभी कभी सुमन की क्लिट को अपने
दाँतों से पाकर कर हल्के हल्के से दबा रही थी.

थोरी देर तक सुमन की चूत को चाटने और चूसने का बाद उषा उठ
खरी हो गयी और रमेश का लंड पकर सुमन के मुँह से निकाल दिया
और सुमन से बोली, "सुमन अब बहुत हो गया लंड चूसना और चूत
चटवाना. चलो अब अपने पैर कुर्सी के हत्थी के ऊपर रखो और
रमेश का लंड अपने चूत मे पिलवाओ. मुझे मालूम है की अब तुम्हे
रमेश का लंड अपने मुँह मे नही अपनी चूत के अंदर चाहिए." और
उषा ने अपने हाथों से अपने पति का खरा हुआ लंड सुमन की गीली
चूत की ऊपर रख दिया. चूत पर लंड के रखते ही सुमन ने अपने
हाथों से उसको अपनी चूत की छेड़ से भीरा दिया और रमेश की तरफ
देख कर मुस्कुरा कर बोली, "लो अब तुम्हारी बीबी ही तुम्हारा लोरे को
मेरी चूत से भीरा दिया. अब देर किस बात का है. चलो चुदाई शुरू
कर दो." इतना सुनते ही रमेश ने अपना कमर हिला कर अपना तना हुआ
लंड सुमन की चूत के अंदर उतार दिया. चूत के अंदर लंड घुसते
ही सुमन ने अपने पैर को कुर्सी के हथेलिओं पर रख कर औऱ फैला
दिया और अपने हाथों से रमेश की कमर पकर कर उसको अपनी तरफ
खींच लिया. अब रमेश अपने दोनो हाथों से सुमन की दोनो चूनचेओं
को पकर कर अपनी कमर हिला हिला कर सुमन को चोदना शुरू कर
दिया. सुमन अपनी चूत मे रमेश का लंड पिलवा कर बहुत खुश थी
और वो मूड कर उषा से बोली, "उषा तेरे पति का लंड बहुत ही
शानदार है, बहुत लूंबा और मोटा है. रमेश का लंड मेरे
बच्चेदानि पर ठोकर मार रहा है. तेरी ज़िंदगी तो रमेश से
चुड़वा कर बहुत आराम से काट रही होगी?" उषा तब रमेश का एक हाथ
सुमन की चूंची पर से हटा कर सुमन की चूंची को मसालते हुए
बोली, "हाँ, मेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है और मुझे रमेश
से चुद्वने मे बहुत मज़ा मिकता है. मई तो हर रोज़ तीन – चार बार
रमेश का लंड अपनी चूत मे पिलवाती हूँ. क्यों, गौतम तेरी चूत
नही चोद्ता? कैसा है गौतम का लंड?"

सुमन बोली, "गौतम का लंड भी अक्च्छा है और मै हर रोज़ दो – तीन
बार गौतम के लंड से अपनी चूत चुद्वाती हूँ. गौतम रोज़ रात को
हुमको रगर कर चोद्ता है और रात की चुदाई के समय मई कम से कम
से चार-पाँच बार चूत का पानी छोरती हूँ. लेकिन रमेश के लंड की
बात ही कुछ और है. एह लंड तो मेरे बच्चेदानि पर ठोकर मार रहा
है. असल मे मुझे अपनी पति के अल्वा दूसरे लंड से चुद्वाने मे बहुत
मज़ा आता है और जब से मैने रमेश को देखा है, तभी से मै
रमेश का लंड खाने के लिए लालियत थी. अब मेरी मन की मुराद हो
गयी है. अब शाम को जैसे ही गौतम ऑफीस से घर आएगा उसका लंड
मई तेरी चूत मे पीलवौनगी. तब देखना की गौतम कैसे तुमको
चोद्ता है. मुझे मालूम है की गौतम के लंड अपनी चूत से खाकर
तुम बहुत खुश होगी." उषा चुप चाप सुमन की बात सुनती रही और
झुक कर रमेश का लंड सुमन की चूत के अंदर बाहर होना देखती
रही. थोरी देर के बाद उषा झुक कर सुमन की एक चूंची अपने मुँह
मे भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. थोरी देर के बाद उषा को
एहसास हुआ की कोई उसके चूटर के ऊपेर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी
चूत मे अपना लंड घुसेरने की कोषीह कर रहा है. उषा चौंक कर
पीछे मूर कर देखी तो तो पाया की उसकी चूत मे लंड घुसेरने वाला
और कोई नही बाल्की गौतम है. हुआ एह की गौतम के ऑफीस मे किसी
का देहांत हो गया था और इसलिए ऑफीस बंद कर दिया गया था और
इसलिए गौतम ऑफीस जाकर ही वापस आ गया था.

गौतम अब तक उषा की बदन से उसकी तौलिया हटा कर अपना तननाया हुआ
लंड उषा की चूत मे डाल चुका था और उशी की कमर को पकर के
उषा की चूत मे अपने लंड की ठोकर मारना शुरू हो गया था. गौतम
ज़ोर ज़ोर से उषा की चूत अपने लंड से चोद रहा था और अपने हाथों
से उषा की चूंची को मसल रहा था. रमेश इस समय सुमन को
जोरदार धक्कों के साथ चोद रहा था और उसने अपना सिर घुमा कर जब
उषा की चुदाई गौतम के साथ होते देखा तो मुस्कुरा दिया और गौतम
से बोला, "देख गौतम देख, मै तेरे ही घर मे और तेरे ही सामने
तेरी बीवी को चोद रहा हूँ. तुझे तेरी बीबी की चुदाई देख कर कैसा
लग रहा है?" गौतम ने तब उषा को चूमते और उसकी चूंची को
मलते हुए रमेश से बोला, "आबे रमेश, तू क्या मेरी बीबी को चोद रहा
है. अरे मेरी बीबी तो पुरानी हो गयी है उसकी चूत मै पिछले दो
साल से रात दिन चोद रहा हूँ. सुमन की चूत तो अब काफ़ी फैल
चक्का है. आबे तू देख मै तेरे सामने तेरी नयी ब्वाही बीबी को
कुतिया की तरह झुका कर उसकी टाइट चूत मे अपना लंड डाल कर चोद
रहा हूँ. अब बोल किसे ज़यादा मज़ा मिल रहा है. सच्ची मे यार रमेश,
तेरी बीबी की चूत बहुत ही टाइट है मगर तेरी बीबी बहुत
चुड़दकर है, देख देख कैसे तेरी बीबी की चूत मेरा लंड पकर
रखा है." फिर गौतम उषा की चूंची को मसालते हुए उषा से
बोला, "ओह! ओह! मुझे उषा की चूत चोदने मे बहुत मज़ा मिल रहा
है. आह! उषा रानी और ज़ोर से अपनी गॅंड हिला कर मेरे लंड उपर
धक्का मार. मै पीछे से तेरी चूत पर धक्का मार रहा हूँ. उषा
रानी बोल, बोल कैसा लग रहा मेरे लंड से अपनी चूत चुड़वाना. बोल
मज़ा मिल रहा की नही?" तब उषा अपनी गंद को ज़ोर ज़ोर से हिला कर
गौतम का लंड अपनी चूत को खिलाते हुए गौतम से बोली, "चोदो मेरे
राजा और ज़ोर से चोदो. मुझे तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा
है. तुम्हारा लंड मेरे चूत की आखरी छोर तक घुस रहा है. ऐसा
लग रहा की तुम्हारा लंड का धक्का मेरी चूत से होकर मेरी मुँह से
निकल परेगा. और ज़ोर से चोदो, और सुमन और रमेश को दिखा दो
चूत की चुदाई कैसे की जाती है."













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