पंडित & शीला पार्ट--1
एक लड़की है शीला, बिल्कुल सीधी सादी, भोली-भाली, भगवान में बहुत
विश्वास रकने वाली. अनफॉर्चुनेट्ली, शादी के 1 साल बाद ही उसके पति का
स्कूटर आक्सिडेंट हो गया और वो ऊपर चला गया. तब से शीला अपने पापा-मम्मी
के साथ रहने लगी. अभी उसका कोई बच्चा नहीं था.उसकी एज 24 थी. उसके पापा
मम्मी ने उसे दूसरी शादी के लिए कहा, लेकिन शीला ने फिलहाल मना कर
दिया था. वो अभी अपने पति को नहीं भुला पाई थी, जिसेह ऊपर गये हुए आज
6 महीने हो गये थे.
शीला फिज़िकल अपीयरेन्स में कोई बहुत ज़्यादा अट्रॅक्टिव नहीं थी, लेकिन
उसकी सूरत बहुत भोली थी, वह खुद भी बहुत भोली थी, ज़्यादा टाइम चुप ही
रहती थी. उसकी हाइट लगभग 5 फुट 4 इंच थी, कंपेक्स्षन फेर था, बाल
काफ़ी लंबे थे, फेस राउंड था. उसके बूब्स इंडियन औरतों जैसे बड़े थे,
कमर लगभग 31-32 इंच थी, हिप्स राउंड और बड़े थे, यह ही कोई 37 इंच.
वो हमेशा वाइट या फिर बहुत लाइट कलर की सारी पेहेन्ति थी.
उसके पापा सरकारी दूफ़्तर में काम करते थे. उनका हाल ही में दूसरे शहर
में ट्रान्स्फर हुआ था. नये शहर में आकर शीला की मम्मी ने भी एक स्कूल
में टीचर की जॉब ले ली. शीला का कोई भाई नहीं था और उसकी बड़ी बेहन की
शादी 6 साल पहले हो गयी थी.
नये शहर में आकर उनका घर छोटी सी कॉलोनी में था जो के शहर से थोड़ी
दूर थी. रोज़ सुबेह शीला के पापा अपने दूफ़्तर और उसकी मम्मी स्कूल चले
जाते तह. पापा शाम 6 बजे और मम्मी 4 बजे वापस आती थी...(यह कहानी
आप कामुक-कहानिया-ब्लॉग स्पॉट डॉट कॉम मे पढ़ रहे हैं )
उनके घर के पास ही एक छोटा सा मंदिर था. मंदिर में एक पंडित था, यह ही
कोई 36 साल का. देखने में गोरा और बॉडी भी मस्क्युलर, हाइट 5 फुट 9 इंच.
सूरत भी ठीक ठाक थी. बाल बहुत छोटे छोटे थे. मंदिर में उसके
अलावा और कोई ना था. मंदिर में ही बिल्कुल पीछे उसका कमरा था. मंदिर के
मुख्य द्वार के अलावा पंडित के कमरे से भी एक दरवाज़ा कॉलोनी की पिछली गली
में जाता था. वो गली हमेशा सुन सान ही रहती थी क्यूंकी उस गली में अभी
कोई घर नहीं था.
नये शहर में आकर, शीला की मम्मी ने उसे बताया कि पास में एक मंदिर
है, उसे पूजा करनी हो तो वहाँ चले जाया करे. शीला बहुत धार्मिक थी.
पूजा पाठ में बहुत विश्वास था उसका. रोज़ सुबेह 5 बजे उठ कर वो मंदिर
जाने लगी.
पंडित को किसी ने बताया था एक पास में ही कोई नयी फॅमिली आई है और
जिनकी 24 साल की बेटी विधवा है.
शीला पहले दिन मंदिर गयी. सुबेह 5 बजे मंदिर में और कोई ना था...सिर्फ़
पंडित था. शीला ने वाइट सारी ब्लाउस पहेन रखा था.
शीला पूजा करने के बाद पंडित के पास आई...उसने पंडित के पेर छुए
पंडित: जीती रहो पुत्री.....तुम यहाँ नयी आई हो ना..?
शीला: जी पंडितजी
पंडित: पुत्री..तुम्हारा नाम क्या है?
शीला: जी, शीला
पंडित: तुम्हारे माथे (फोर्हेड) की लकीरों ने मुझे बता दिया है कि तुम
पर क्या दुख आया है.....लेकिन पुत्री...भगवान के आगे किसकी चलती है
शीला: पंडितजी..मेरा ईश्वर में अटूट विश्वास है.....लेकिन फिर भी उसने
मुझसे मेरा सुहाग छीन लिया...
शीला की आँखों में आसू आ गये
पंडित: पुत्री....ईश्वर ने जिसकी जितनी लिखी है..वह उतना ही जीता है..इसमें
हम तुम कुछ नहीं कर सकते...उसकी मर्ज़ी के आगे हुमारी नहीं चल
सकती..क्यूंकी वो सर्वोच्च है..इसलिए उसके निर्णेय (डिसिशन) को स्वीकार करने
में ही समझ दारी है.
शीला आसू पोंछ कर बोली
शीला: मुझे हर पल उनकी याद आती है...ऐसा लगता है जैसे वो यहीं कहीं
हैं..
पंडित: पुत्री...तुम जैसी धार्मिक और ईश्वर में विश्वास रखने वाली का
ख़याल ईश्वर खुद रखता है...कभी कभी वो इम्तहान भी लेता है....
शीला: पंडितजी...जब मैं अकेली होती हूँ..तो मुझे डर सा लगता है..पता
नहीं क्यूँ
पंडित: तुम्हारे घर में और कोई नहीं है?
शीला: हैं..पापा मम्मी....लेकिन सुबेह सुबेह ही पापा अपने दूफ़्तर और मम्मी
स्कूल चली जाती हैं...फिर मम्मी 4 बजे आती हैं.......इस दौरान मैं
अकेली रहती हूँ और मुझे बहुत डर सा लगता है...ऐसा क्यूँ है पंडितजी?
पंडित: पुत्री...तुम्हारे पति के स्वरगवास के बाद तुमने हवन तो करवाया था
ना..?
शीला: नहीं....कैसा हवन पंडितजी?
पंडित: तुम्हारे पति की आत्मा की शांति के लिए...यह बहुत आवश्यक होता
है..
शीला: हूमें किसी ने बताया नहीं पंडितजी....
पंडित: यदि तुम्हारे पति की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी तो वो तुम्हारे आस
पास भटकती रहेगी...और इसीलिए तुम्हें अकेले में डर लगता है..
शीला: पंडितजी...आप ईश्वर के बहुत पास हैं...कृपया आप कुछ कीजिए जिससे
मेरे पति की आत्मा को शांति मिले
शीला ने पंडित के पेर पकड़ लिए और अपना सिर उसके पेरॉं में झुका
दिया....इस पोज़िशन में शीला के ब्लाउस के नीचे उसकी नंगी पीठ दिख रही
थी...पंडित की नज़र उसकी नंगी पीठ पर पड़ी तो...उसने सोचा यह तो
विधवा है...और भोली भी...इसके साथ कुछ करने का स्कोप है........उसने
शीला के सिर पे हाथ रखा..
पंडित: पुत्री....यदि जैसा मैं कहूँ तुम वैसा करो तो तुम्हारे पति की आत्मा
को शांति आवश्य मिलेगी..
शीला ने सिर उठाया और हाथ जोड़ते हुए कहा
शीला: पंडितजी, आप जैसा भी कहेंगे मैं वैसा करूँगी...आप बताइए क्या
करना होगा..
शीला की नज़रों में पंडित भी भगवान का रूप थे
पंडित: पुत्री...हवन करना होगा...हवन कुछ दिन तक रोज़ करना होगा.....लेकिन
वेदों के अनुसार इस हवन में केवल स्वरगवासी की पत्नी और पंडित ही भाग ले
सकते हैं...और किसी तीसरे को खबर भी नहीं होनी चाहिए...अगर हवन
शुरू होने के पश्चात किसी को खबर हो गयी तो स्वरगवासी की आत्मा को
शांति कभी नहीं मिलेगी..
शीला: पंडितजी..आप ही हमारे गुरु हैं....आप जैसा कहेंगे हम वैसा ही
करेंगे.....आग-या दीजिए कब से शुरू करना है...और क्या क्या सामग्री चाहिए
पंडित: वेदों के अनुसार इस हवन के लिए सारी सामग्री शुद्ध हाथों में ही
रहनी चाहिए...अतेह..सारी सामग्री का प्रबंध मैं खुद ही करूँगा...तुम
सिर्फ़ एक नारियल और तुलसी लेती आना
शीला: तो पंडितजी, शुरू काब्से करना है..
पंडित: क्यूंकी इस हवन में केवल स्वरगवासी की पत्नी और पंडित ही होते
हैं...इसलिए यह हवन उस समय होगा जब कोई विघ्न (डिस्टर्ब) ना करे...और
हवन पवित्र स्थान पर होता है...जैसे की मंदिर...परंतु...यहाँ तो कोई
भी विघ्न डाल सकता है...इसलिए हम हवन इसी मंदिर के पीछे मेरे कक्ष
(रूम) में करेंगे...इस तरह स्थान भी पवित्र रहेगा और और कोई विघ्न भी
नहीं डालेगा..
शीला: पंडितजी...जैसा आप कहें....किस समय करना है?
पंडित: दुपहर 12:30 बजे से लेकर 4 बजे तक मंदिर बंद रहता है......सो इस
समय में ही हवन शांति पूर्वक हो सकता है..तुम आज 12:45 बजे आ
जाना..नारियल और तुलसी लेके.....लेकिन सामने का द्वार बंद होगा.....आओ मैं
तुम्हें एक दूसरा द्वार दिखाता हूँ जो की मैं अपने प्रिय भक्तों को ही
दिखाता हूँ..
पंडित उठा और शीला भी उसके पीछे पीछे चल दी..उसने शीला को अपने कमरे
में से एक दरवाज़ा दिखाया जो की एक सुनसान गली में निकलता था....उसने गली
में ले जाकर शीला को आने का पूरा रास्ता समझा दिया..
पंडित: पुत्री तुम रास्ता तो समझ गयी ना..
शीला: जी पंडितजी..
पंडित: यह याद रखना की यह हवन गुप्त रहना चाहिए...सबसे...वरना
तुम्हारे पति की आत्मा को शांति कभी ना मिल पाएगी..
शीला: पंडितजी...आप मेरे गुरु हैं..आप जैसा कहेंगे..मैं वैसा ही
करूँगी...मैं ठीक 12:45 बजे आ जाओंगी
ठीक 12:45 पर शीला पंडित के बताए हुए रास्ते से उसके कमरे के दरवाज़े पे
गयी और खाट खटाया..
पंडित: आओ पुत्री...
शीला ने पहले पंडित के पेर छुए
पंडित: किसी को खबर तो नहीं हुई..
शीला: नहीं पंडितजी...मेरे पापा मम्मी जा चुके हैं...और जो रास्ता अपने
बताया था मैं उससी रास्ते से आई हूँ...किसी ने नहीं देखा..
पंडित ने दरवाज़ा बंद किया
पंडित: चलो फिर हवन आरंभ करें
पंडित का कमरा ज़्यादा बड़ा ना था...उसमें एक खाट था...बड़ा शीशा
था...कमरे में सिर्फ़ एक 40 वॉट का बल्ब ही जल रहा था...पंडित ने टिपिकल
स्टाइल में हवन के लिए आग जलाई...और सामग्री लेके दोनो आग के पास बैठ
गये...
पंडित मन्त्र बोलने लगा...शीला ने वही सुबेह वाला सारी ब्लाउस पहेना था
पंडित: यह पान का पत्ता दोनो हाथों में लो...
शीला और पंडित साथ साथ बैठे तह..दोनो चौकड़ी मार के बैठे
तह...दोनो की टाँगें एक दूसरे को टच कर रही थी..
शीला ने दोनो हाथ आगे कर के पान का पत्ता ले लिया........पंडित ने फिर उस
पत्ते में थोड़े चावल डाले...फिर थोड़ी चीनी....फिर थोडा
दूध...................फिर उसने शीला से कहा..
पंडित: पुत्री....अब तुम अपने हाथ मेरे हाथ में रखों....मैं मन्त्र
पाड़ूँगा और तुम अपने पति का ध्यान करना..
शीला ने अपने हाथ पंडित के हाथों मे रख दिए....यह उनका पहला स्किन टू
स्किन कॉंटॅक्ट था..
क्रमशः........................
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
No comments:
Post a Comment