Monday, May 24, 2010

rajsharma ki kahaniya चाचा चाची की चुदाई--01

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चाचा चाची की चुदाई--01

हल्लो फ्रेंड स्टोरी काफ़ी लंबी है इसी लिए मैने इसके 15 पार्ट बनाए है मुझे लगता है कहानी आप लोगों को ज़रूर पसंद आएगी दोस्तो कहानी पढ़कर अपनी राय ज़रूर दें
सूरज के मा- बाप गाओं में रहते थे. पढ़ाई के लिए वो शहर में अपने चाचा – चाची के पास रहता था. उसकी उमरा 9 साल थी और उसकी चाची 28 साल की थी और चाचा 33 के. सूरज को उसकी चाची ही नंगा कर के नहलाती थी. नहलते समय वो रोज़ उसकी नून्न्ी पेर साबुन लगा कर उसको सॉफ करती थी. कई बार सूरज की नून्न्ी तन जाती तो चाची उसको थप्पड़ मार कर कहती अभी तेरी खड़े होने की उमर नही नून्न्ी. सूरज 13 साल का हो गया. चाची 32 की और चाचा 37 के. दुर्भाग्या से दोनो के अभी भी कोई बचा नहीं था इसलिए सूरज को वी बड़े लाड़ प्यार से रखते थे.

सूरज को इस उम्र में भी चाची ही नहलाती थी. वो बड़ा शरमाता था,’ चाचिजी में खुद नहा लूँगा में अब बड़ा हो गया हूँ.’ चाची कहती,’ अच्छा तू बड़ा हो गया, चल बातरूम में तुझे चेक करती हूँ,’ और वी उसके कापरे खोल देती. सूरज की चाची का रंग कला था लेकिन वी थी सनडर. कोई 5फ्ट 4 इंच हाइट थी. कोई 38 इंच के बूब्स थे जिन पेर काले बड़े निपल्स थे. उनकी कमर थोड़ी भारी थी कोई 30 इंच की. गांद विशाल थी कूम से मम 42 इंच. सूरज के सामने चूँकि चाची खुद भी नहा लेती थी इसलिए उसने उनको काई बार नंगा देखा हुआ था.

सूरज के लंड और आँड के आसपास छ्होटे छ्होटे बाल लग आए थे और उसकी नून्न्ी अब मोटी होने लगी थी. उसके अंडकोष भी भारी हो कर लटकने लगे थे. एक दिन जैसे ही चाची ने उसकी नून्न्ी को साबुन लगा कर सॉफ करना शुरू किया वो खड़ी हो गयी. चाची साबुन लगा कर उसको हिलाती रही. सूरज को बड़ी शरम आ रही थी. मगर चाची नही रुकी. कोई दुस मिनिट ऐसे ही हिलने के बाद सूरज की लुल्ली थोड़ी शांत हुई,’ अब तू बड़ा हो गया है सूरज अब तेरी लुल्ली लंड बन गयी है,’ चाची ने उसको कहा और चली गयी.

सूरज चाचा और चाची एक ही कमरे में सोते थे. कभी चाची चाचा के साथ पलंग पर उप्पेर सोती और कभी उसके साथ नीचे. उस रात चाची सूरज के पास आ कर सो गयी, उन्होने सिर्फ़ नाइटी पहनी थी अंडर कुछ भी नही था. सूरज ने सिर्फ़ लूँगी पहनी थी. चाचा चाची ने उसे अभी तक अंडरवेर खरीद कर नही दिया था. रात में चाची हमेशा की तरह सूरज को चपता कर सो रही थी तभी सूरज की लूँगी उप्पेर उठी उसका लंड फिर से तन गया था. चाची ने तुरंत उसके लंड को लूँगी उप्पेर कर के हाथ में लिया और बोली,’ दर्द तो नहीं हो रहा बेटा,’ वी बोली. सूरज बोला नही चाची. मगर चाची ने फिर से उसका सूखा लंड उप्पेर नीचे करना शुरू कर दिया था. शुरज़ को अच्छा भी लग रहा था मगर उसको डर था की कहीं चाचजी देख ना ले.

सूरज के साथ अब नयी दिक्कत होने लगी थी. रात में वो नींद में ही चाची अपनी मम्मी अपनी टीचर अपनी पड़ोसन, कामवाली वगेरह को चोद देता, सुबह उठता तो उसकी लूँगी गीली मिलती. अब उसके लंड से गीला गढ़ा सफेद द्रव्य निकलता था. दुर्भाग्या से उसके कपड़े भी चाची ही धोती थी. एक दिन उसके चाचा उसके लिए दो नयी लूँगी और दो अंडरवेर ले कर आए. चाचा चाची ने उसे उनके सामने ही पहनने को कहा,’ बेटे हुमसे क्या शरमाना, पहन कर दिखाओ ताकि पता चले की साइज़ सही है या नही,’ उसके चाचजी बोले.’ सूरज को चाचा के सामने ही चाची ने चड्डी पहनाई मारे डार्क ए फिर उसका लंड फूलने लगा था. “ अब रोज़ चढ़ि पहनना बेटा तुम बड़े हो गये हो,’ चाचिजी बोली. सूरज बाथरूम में जाकर वापस आ रहा था की उसके कान में चाचा- चाची की बातें पड़ी,’ अब तो इसका वीरया भी बनने लगा है अब देरी किस बात की है?’ चाचजी चाचिजी को कह रहे थे.” हा अब तो रोज़ सुबह इसका लंड खरा होता है और ये सपने में किसी को चोद्ता है और इसकी लूँगी में ही इसका वीरया डिसचार्ज हो जाता है,’ चाचिजी ने चाचजी को कहा.’ अब देर किस बात की है सुषमा( चाचिजी का नाम) , अब इस को चोद ही दो,’ चाचजी ने कहा.’ हा एक दो दिन में ही इसका लंड ले लूँगी,’ चाचिजी बोली. “ हो सकता है तुम्हारे सामने शरमाये दो- तीन दिन के लिए तुम बाहर चले जाओ तब तक में इसको चुदाई सीखा दूँगी,’ चाचिजी ने चाचजी को कहा.’ ठीक है में कल ही बड़े भैसाहब के पास दो दिन के लिए गाओं चला जाता हू,’ चाचजी ने जवाब दिया. सूरज को थोड़ा बहुत तो समझ आ रहा था मगर ज़्यादा कुछ नही.

अगले दिन सुबह चाचजी गाओं चले गये. नौ बजते ही चाचिजी ने सूरज को बाथरूम में आवाज़ दी. चाचिजी खुद टोलिया लपेटे हुए थी. “ आ बेटा तुझे नहला दे फिर हम खूब भी नहा लेंगे,’ चाचिजी बोली. “ चाचिजी अब हम बड़े हो गये हाइन ह्यूम शरम आती है हम खुद नहा लेंगे,’ सूरज बोला.’’ बेटा, तू मेरे लिए तो हमेशा ही छ्होटा रहेगा अब चाचिजी से क्या शरम आ जा,’ ये कह कर चाचिजी ने सूरज की लूँगी उतार दी और उसकी चड्डी पाओ के नीचे खिसका दी. चाचिजी ने खुद का तोलिया भी हटा दिया, चाची भतीजा दोनो बाथरूम में नंगे थे. सूरज ने देखा चाची के पाओ के बीच में बालों का एक गुच्छा था. काक में भी बॉल थे. सूरज के लिंग के आसपास भी बाल लब घने होने लगे थे.

चाचिजी खुद स्टूल पेर बेथ गयी और सूरज को पहले आगे से नहलाना शुरू किया. सूरज हमेशा की तरह घुटनो के बाल नीचे बेथ गया उसका औज़ार नीचे लटक रहा था और उसकी नज़रें चाची की काली बालो वाली चूत से हट नही रही थी. चाची ने पहले उसके बालों में शॅमपू किया फिर उसके सीने और काक में साबुन लगा कर सफाई की. फिर उसको उल्टा किया और उसकी पीठ और गेंड पेर और टाँगो पेर साबुन माला. गेंड पेर साबुन लगाते समय चाची की उंगलिया बार बार उसके च्छेद में सरक रही थी. असचर्यजनक रूप से आज चाची ने उसके लंड पेर ना साबुन लगाया ना उसको धोया जबकि हमेशा वो सबसे ज़्यादा समय उसके लंड को ही धोती थी.

अब चाची खुद खड़ी हो गयी उन्होने उसके लंड को हाथ में पकर कर कहा आज इसकी सफाई बाद में करूँगी ये बड़ा शैतान हो गया है।’ सूरज घबराया शायद चाची को उसकी लूँगी गीली होने का पता चल गया है. चाची ने खड़े होने के बाद कहा ,’ सूरज बेटा आज टब ही अपनी चाची के साबुन लगा कर उनकी सफाई कर दे.’ सूरज ने पहले चाची के सिर पेर शॅमपू किया और फिर वो उनकी छातियो और पेट पेर साबुन लगाने लगा उसने देखा की चाची के निपल्स खड़े हो रहे थे. उसके बाद उसने चाची की पीठ और पावं पेर भी साबुन लगाया, उसे चाची की गांद और चूत पेर साबुन लगाने में शरम आ रही थी,’ क्या हुआ बेटा तू रुक क्यू गया चाची की सब जगहों पेर साबुन लगा,’ चाची बोली. ये सुन कर सूरज चाची की बड़ी गांद पेर साबुन लगाने लगा उसने देखा चाची ने टाँगे चौड़ी कर ली है ,’ बेटा अंडर भी लगा पूरी सफाई कर,’ सूरज समझ गया, वो चाची की गांद के च्छेद के आसपास भी साबुन लगने लगा. इसके बाद चाची ने उसका हाथ अपनी चूत पेर रख दिया और बोली,’ इसके अंडर भी सफाई कर दे बेटा,’ वी बोली. सूरज साबुन लगाने लगा और चाची की चूत में उसकी उंगलिया सरकने लगी. चाची ने तुरंत साबुन लिया और उंसके लंड पेर फेरने लगी सूरज का लंड तन कर कोई 6 इंच फैल गया था. चाची उसके लंड पेर मुट्ठी मरने लगी उधर सूरज चाची की चूत में उंगली करने लगा. कोई दो मिनिट बाद ही सुरक के लंड से एक पिचकारी च्छुटी,’ बेटा इसको वीरया कहते हें ये बड़ा कीमती होता है, ये तेरे इन बड़े अंडकोषों में बनता है,’ चाची ने उसकी गोलियो को छूते हुए कहा.’ ‘ इसको लंड कहते हें ओए इस थेलि को आँड,’ चाची बोली. चाची ने उसके बताया की उनके गुप्तँग को चूत कहते हेँ. “ बेटा जब ये लंड चूत के अंडर जाता है तो वो होती है चुदाई,’ वी बोली.

चाचिजी चाचजी का शेविंग कीट लेकर आई और सूरज से बोली,’ बेटा तू टाँगे छोड़ी कर के बेथ जा स्टूल पेर तेरे लंड के आसपास के बॉल सॉफ करूँगी,’ सूरज अच्छे बच्चे की तरह एकद्ूम नंगा स्ट्क पेर बेथ गया. चाचिजी ने पहले क्रीम लगाया फिर ब्रश से झाग बनाए फिर वो रेज़र फेरने लगी. इस हिस्से में पहली बार रेज़र घूम रहा था सूरज बड़ा डर रहा था कहीं कट नहीं लग जाए,’ बेटा घबराना मत तेरे चाचजी के लंड ऑरा आंड के बॉल में ही सॉफ करती हू आज तक उनको कट नहीं आया,’ वी बोली. जब लंड के अप्पर के बॉल सॉफ हो गये तो चाची के उसके अंडकोष की चमरी पाकर कर उस पेर रेज़र फिरना शुरू कर दिया. धीरे धीरे उसके आँड एकद्ूम चिकने हो गये.चाचिजी ने उसको उल्टा किया औरुस्की गांद के च्छेद के आसपास भी शेविंग शुरू कर दी,’ यहाँ भी सॉफ सफाई ज़रूरी है बेटा,’ वी बोली. उन्होने सूरज के गुप्तँग को पानी से धोया,’ अब देख तेरा चिकना लंड और चिकने आँड, इनको चूसने में अब मज़ा आएगा, ये कह कर चचजी उसके लंड पेर झुकी और उसके मूह पेर जीभ फिरने लगी. सूरज का लंड उत्तेजना से फटा जर आहा था. चाची उसके लंड की आगे की चमरी अपने होतो से हिलने लगी. फिर चाची के हॉट नीचे आए और सूरज की गोलियो को चाटने लगी,’ कितनी बड़ी है तेरी गोलिया और कितनी रसीली भी इनका वेर्य मेरे बड़ा काम का है बेटा,’ ये कह कर वी भूखे कुत्ते की तरह उसके चिकने आँड च्चटने लगी. सूरज का लंड बेकाबू था. चाची ए उसके आँड चाटने के साथ साथ उसके लंड पेर मुट्ठी मारनी शुरू कर दी.
सूरज की हालत खराब थी. उसे लग रहा था उसकी पिचकारी छूटने वाली है. चाचिजी ने अब वापस उसके लंड को मूह में ले लिया और हाथों से आँड को थपकाने लगी,’ चाचिजी मेरा वीरया आने वाला है,’ सूरज पहली बार बोला.’ उधर चाची उसके वीरया की एके क बूँद गटक गयी और उसके लंड के आगे का हिस्सा अपनी जीभ से सॉफ करने लगी.” बेटा अब तेरे इस शानदार लॉड के लिए तेरी चाची को भी तय्यार होना है ,’ ये कह कर उन्होने टाँगे चोरी कर दी और शेविंग कीट की तरफ इशारा किया. सूरज समझ गया. उसने चाची की चूत पेर क्रीम लगा कर रेज़र फिरना शुरू कर दिया और वाहा के बॉल सॉफ करने लगा. जब सारे बॉल सॉफ हो गये तो चाची बोली बेटा अच्छी तरह देख ले एक दो बॉल छूट गये हो तो उनको भी सॉफ कर ले. सूरज ने पहली बार ज़िंदगी में 14 साल की मुरा में कोई चूत देखी थी, उसे दो- तीन बॉल नज़र आए वो उसने सॉफ किए. उसे चाची की चूत के अंडर दो काले होठ दिखाए दे रहे थे और एक कला च्छेद भी.

दिन तो गुज़र गया. रात को नौ बजे सूरज ने खाना खाया फिर वो टीवी देखने लगा. चाचिजी आज जल्दी ही अपने सारे काम ख़तम कर की आ गयी. उन्होने सिर्फ़ साडी और ब्लाउस पहना हुआ था. वी आकर सूरज के पास बेथ गयी. सूरज ने सिर्फ़ लूँगी पहनी थी अंडर अंडरवेर था. चाचिजी ने लाइट बंड कर दी और नाइट लॅंप जला लिया. सूरज को उन्होने गरम दूध दिया > सूरज को खुश्बू से लग रहा था चाचिजी नहा कर आई हेँ और पर्फ्यूम भी लगाया है. कुछ देर बाद वी सूरज के पास आई और उसकी गर्देन ओर सीने पेर हाथ फेरने लगी. चाचिजी की गरम सांसो से सूरज का लंड फूलने लगा, दो सेकेंड में वो 6 इंच का हो गया और उसकी लूँगी तंबू बनने लगी, सूरज ने अपनी टाँगे घुटनो से मोड़ कर उप्पेर करली. मगर चाची ने उसकी लूँगी उप्पेर की और अंडरवेर के उप्पेर हाथ लगा कर बोली,’ आज इसको चूत का रस पिलाना है बेटा,’. चाचिजी ने सूरज की लूँगी उतेरी और उसकी चड्डी नीचे खिसका दी. सूरज का ताना हुआ लॉडा आज़ाद था और छत की तरफ देख रहा था. चाचिजी ने उसको सहलाना शुरू कर दिया. उनकी उंगलिया धीरे धीरे उसके आंडयीयो को भी सहला रही थी. चाचिजी जानती थी सूरज ज़्यादा कंट्रोल नही कर पाएगा और दूसरी बार में ही उसका लंड कुछ कर पाएगा.

चाचिजी ने अपना मूह सूरज के लंड के पास किया और कुतिया की तरह उसके लंड को चूसने चाटने लगी. उनकी हथेलिया उसके नर्म अंडियीयो को मसल रही थी. सूरज दो मिनिट भी कंट्रोल नही कर पाया और चाचिजी के मूह में झाड़ गया. अब चाचिजी ने अपने कपड़े उतार दिए और लेट गयी,’ सूरज आज अपनी चाची की चूत चाट और इसको मज़ा दे,’ वी बोली. सूरज अग्यकारी पुत्रा की तरह झुका और चाची की चूत में जीभ अंडर बाहर करने लगा, चाचिजी गांद हवा में उप्पेर नीचे करने लगी,’ हा बेटा चाट इसको तेरी चाची की चूत तेरी प्यासी है इसको धान्या कर दे, पूरी जीभ अंडर डाल दे बेटा, इसको जीभ से चोद मेरे लाल,’ चाची जी गांद हिलाते हुए बोले जा रही थी. करीब 5 मिनिट बाद वो गॅंड को पागलो की तरह उप्पेर नीचे करने लगी और उनका पूरा बदन कमने लगा,’ में झाड़ रही हू बेटा पी जा अपनी चाची के चूत का पानी,’ ये कह कर वी ढीली पड़ गयी. सूरज नादान था उसका लॉडा वापस तन गया था. चाची ने उसको अपने उप्पेर खींच लिया अपना एक हाथ नीचे लिया और सूरज का लंड पकर कर अपनी चूत के होठों पेर रख दिया,’ अब एक धक्का मार बेटा और तेरे लंड को मेरी प्यासी चूत में घुसा दे,’ वी बोली. सूरज ने ऐसा ही किया. एक झटके में उसका सुपरा चाचिजी की गीली चूत में घुस गया,’ चाची चीख पड़ी, और धक्का मार बेटा,’ वी बोली. सूरज ने लंड को तोड़ा अप्पर किया और वापस एक ज़ोर का धक्का दिया. इस बार तीन चौथाई लंड चाची की चूत में गया था. “ थोड़ा और बेटा,’ वी बोली. सूरज ने इस अपनी गांद की पूरी टक़क लगा दी और इस बार लंड की जड़ तक उसका लंड चाची की चूत में सरक गया, चाची रोने लगी, सूरज को कुछ समझ नहीं आया,’ क्या हुआ चाची दर्द हो रहा है?” उसने पूछा.” नही बेटा मेरी चूत ने पहली बार कोई मर्द का लंड लिया है वो भी तेरा इसलिए खुशी से आँसू निकल पड़े, तू तो बस अपनी चाची को छोड़ बेटा, कोई रहम मत कर, फाड़ दे चाची की चूत, निकल दे उसकी और अपने अंडियीयो की गर्मी, तेरा वीरया पी कर ही ये ठंडी होगी,’ ये कह कर चाची ने उसके धक्को के साथ साथ नीचे से गांद हिलना शुरू कर दिया. सूरज का करक लंड चाची की गीली और टाइट चूत ने कस कर पाकर लिया था,’ आज तेरे गन्ने का रस मेरी चूत की मशीन निकलेगी मेरे लाल,’ ये कह कर चाची ने सूरज की गांद कस कर पाकर ली.’ सूरज उप्पेर नीचे होने लगा उसका पठार जैसा लंड चाची की चूत में अंडर बाहर होने लगा. “ बेटा मेरा पानी निकालने वाला है अब तू ही मेरे साथ साथ पानी छ्चोड़ दे कहते हें आदमी औरत दोनो का पानी एक साथ निकलता है तो बच्चा ज़रूर थारता है,’ सूरज तेज़ी से चोद्ने लगा और एक ही मिनिट में उसका वीरया चाची की चूत में निकल गया, चाची भी साथ ही झाड़ गयी. “ हिलना मत बेटा तेरा वीरया मेरे लिए बेशक़ीमती है ,’ ये कह कर चाची ने पानी दोनो टाँगे सूरज की कमर पेर लप्पेट ली. सूरज चाची को चूम रहा था चाची ने उसके बॉल पकड़ कर उसे भींचा हुआ था.
चाची के आँसू नही रुक रहे थे,’ बेटा आज पहली बार मैने 33 साल की उमरा में कोई मर्द का लंड और उसका वीरया लिया है बेटा,’ वी बोली. चाचिजी सूरज को सहलाते हुए बोली,’ बेटा तेरे चाचजी पूरे मर्द नही हेँ, उनके लंड में टक़क नहीं है और उनके अंडकोष बहुत छ्होटे हेँ, डॉक्टर ने उनके मूँगफली जिट्नी अंडकोष देख कर ही कह दिया था के ये कभी पिता नहीं बन पाएँगे,’ वी बोली. हालाँकि इन्होने मेरी चूत के लिए कई लंड ढूँढे मगर जब तुम आए तो हम दोनो को लगा कुछ साल तुम्हारे पूरे मर्द होने का इंतज़ार कर लेते हेँ ताकि में तुम्हारे बच्चे की मा बन साकु, हुमारे घर का बच्चा ही हो, इसलिए मैने दूसरे मर्दों को अपनी चूत तो चोद्ने दीं अगर वीरया नहीं डालने दिया, आज पहली बार मेरी प्यासी चूत में किसी का वररया डाला है, वी कहने लगी.’ तुम्हे नहलते वक़्त में तुम्हारे आँड देखा करती थी जो अच्छे आकर के थे मुझे लगा जैसी ही तुम्हारा लंड खड़ा होने लगेगा मैं तुम्हारी चुदाई शुरू कर दूँगी,’ चाची बोली.” तेरे चाचजी हमेशा कहते थे सूरज का बच्चा पेट में ले ले,’ वी कहने लगी.’ “ तो क्या चाचजी को कोई ऑब्जेक्षन नहीं?” सूरज ने पूछा,’ नहीं बेटा वी तो उल्टा हुमारी मदद करेंगे, एक बार मेरे गर्भ में तुम्हारा बच्चा आ गया तो चाचा जी खुश हो जाएँगे,’ चाचिजी बोली. ये सब सुनकर सूरज का जवान लंड फिर तनने लगा था और चाची की चूत के बाहरी होतो पेर च्छुने लगा था. चाचिजी को यह पता चल गया था. “ बेटा में इस बार घोड़ी बन जाती हूट उ मुझे वाइसे चोद इस से तेरा लंड चूत में गहरा जाएगा और तेरा पानी भी अंडर चला जाएगा,’ वी बोली और अपनी विशाल गांद हवा में उँची कर दी. ऐसी मोटी काली गांद देख कर सूरज उत्तेजित हो गया. उसने तुरंत अपना लंड चाची की चूत के काले होठों पेर लगाया और सरका दिया,’ चोद राजा चोद भर दे मेरी चूत को तेरे मज़बूत लॉड से,’ उन्होने कहा.’ सूरज का पूरा लंड अंडर सरक गया और अपनी उंगली से वो चाची की गंद मरने लगा,’ चोद्ता जा बेटा चोद और ज़ोर से चोद तेरी चाची की चूत और गांद,’ ये कहकर चाची भी उसके स्ट्रोक्स के साथ गांद हिलने लगी. कोई 5 मिनिट बाद सूरज बोला,’ चाछिईजी डाल दू मेरा वीरया आपकी चूत में?” “ हा बेटा तेरा वीरया तो इसका अमृत है डाल दे पूरा एक बूँद भी अपनेआ आंड में मत बचाना,’ वी बोली. सूरज कुत्ते की तरह हांफता हुआ चाची की चूत में झाड़ गया. उस रात और अगले दिन सूरज ने चाची को कोई 15 बार चोदा और कम से कम आधा लीटर वीरया उनकी चूत में उंड़ेल दिया.
कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त कमेन्ट जरुर देना कहानी कैसी लगी





























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