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ओओओओःह्ह्ह.. भाभी --2
जैसे जैसे वो झरने के करीब आ रही थी उनकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी. कमरे मे फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. जब उनकी सांस फूल गयी तो खुद नीचे आकर मुझे अपने उपर खींच लिया और टाँगो को फैला कर उपर उठा लिया और बोली, “मैं थक गयी मेरे राज्ज्ज्जा, अब तुम मोर्चा सँभलो.”मैं झट उनकी जाँघो के बीच बैठ गया और निशाना लगा कर झटके से लंड अंदर डाल दिया और उनके उपर लेट कर दनादन शॉट लगाने लगा. भाभी ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जकर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूतर उठा उठा कर चुदाई मे साथ देने लगी. मैं भी अब उतना अनारी नही रहा और उनकी चूंची को मसल्ते हुए टका ठक शॉट लगा रहा था. कमरा हुमारी चुदाई की आवाज़ से भरा परा था. भाभी अपनी कमर हिला कर चूतर उठा उठा कर चुद रही थी और बोले जा रही थी, “आह आअहह उनह ऊओह ऊऊहह हाआआं हााआ मीईरए राज्ज्जज्जा, माआआअर गाययययययए रीईए, ललल्ल्ल्ल्ल चूऊओद रे चूऊओद. उईईईईईई मीईईरीईई माआअ, फ़ाआआअत गाआआईई रीईई आआआज तो मेरी चूत. मीईएरा तो दुउऊऊँ निकककककल तुउुउउने टूऊ आाज. बर्ाआा जााअलीएम हााऐरे तुउउउंहाआआरा लॉरा, एकदुउऊऊँ माहीईं मस्स्स्स्स्सला पीईएसस दीययययया रीईई.” मैं भी बोल रहा था, “लीईए मेरिइई राणििइ, लीई लीईए मेरा लॉरा अपणीईीई ओखलीईए मीईए. बारयाआया तरपेयययययया है तुनीई मुझीई. लीईए लीई, लीई मेरिइई भाभिईीई यह लंड आब्ब्ब्बब तेराआ हीई है. अहह! उहह क्या जन्नत का मज़ाआअ सिखयाआअ तुनीईए. मैं तो तेराआअ गुलाम हूवू गयाआ हीईीईईईईईईईईई मेरीए देवर ..संजूऊुउउ.. ”भाभी गंद उछाल उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी और मैं भी पूरे जोश के साथ उसकी चूंचियो को मसल मसल कर अपनी भाभी को चोदे जा रहा था.
भाभी मुझको ललकार कर कहती, लगाओ शॉट मेरे राजा”, और मैं जवाब देता, “यह ले मेरी रानी, ले ले अपनीचूत मे”. “ज़रा और ज़ोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत मे मेरे राजा”, “यह ले मेरी रानी, यह लंड तो तेरे लिए ही है.” “देखो राज्ज्ज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दीवानी हो गयी, और ज़ोर से और ज़ोर से आआईईईई मेरे राज्ज्जज्ज्ज्जा. मैं गइईईईई रीई,” कहते हुए मेरी भाभी ने मुझको कस कर अपनी बाहों मे जाकड़ लिया और उनकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोर दिया. अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला, “मैं भी अयाआआ मेरी जाआअन,” और मेने भी अपना लंड का पानी छोर दिया और मैं हान्फ्ते हुए उनकी चूंची पर सिर रख कर कस के चिपक कर लेट गया. यह मेरी पहली चुदाई थी. इसीलिए मुझे काफ़ी थकान महसूस हो रही थी. मैं भाभी के सिने पर सर रख कर सो गया. भाभी भी एक हाथ से मेरे सिर को धीरे धीरे से सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी.
कुछ देर बाद होश आया तो मैने भाभी के रसीले होंठो के चुंबन लेकर उन्हे जगाया. भाभी ने करवट लेकर मुझे अपने उपर से हटाया और मुझे अपनी बाहों मे कस कर कान मे फूस-फूसा कर बोली, “संजू तुमने तो कमाल कर दिया, क्या गजब का ताक़त है तुम्हारे लंड मे.” मैने उत्तेर दिया, “कमाल तो अपने कर दिया है भाभी, आजतक तो मुझे मालूम ही नही था कि अपने लंड को कैसे इस्तिमाल कैसे करना है. यह तो आपकी मेहेरबानी है जो कि आज मेरे लंड को आपकी चूत की सेवा करने का मौका मिला.” अबतक मेरा लंड उनकी चूत के बाहर झांतो के जंगल मे रगर मार रहा था. भाभी ने अपनी मुलायम हथेलिओं मे मेरा लंड को पकर कर सहलाना शुरू किया. उनकी उंगली मेरे आंडो से खेल रही थी. उनकी नाज़ुक उंगलिओ के स्पर्श पाकर मेरा लंड भी जाग गया और एक अंगराई लेकर भाभी की चूत पर ठोकर मारने लगा. भाभी ने कस कर मेरा लंड को क़ैद कर लिया और बोली, “बहुत जान तुम्हारे लंड मे, देखो फिर से फार-फरने लगा, अब मैं इसको छोड़ूँगी नही.” हम दोनो अगल बगल लेते हुए थे.
भाभी ने मुझको चित लेटा दिया, और मेरी टांग पर अपनी टांग चढ़ा कर लंड को हाथ से उमेठेने लगी. साथ ही साथ भाभी अपनी कमर हिलाते हुए अपनी झांट और चूत मेरी जाँघ पर रगार्ने लगी. उनकी चूत पिछली चुदाई से अभीतक गीली थी और उसका स्पर्श मुझे पागल बनाए हुए था. अब मुझसे रहा नही गया और करवट लेकर भाभी की तरफ मुँह करके लेट गया. उनकी चूंची को मुँह मे दबा कर चूस्ते हुए अपनी उंगली चूत मे घुसा कर सहलाने लगा. भाभी एक सिसकारी लेकर मुझसे कस कर चिपेट गयी और ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुए मेरी उंगली से चुद्वने लगी. अपने हाथ से मेरे लंड को कस कर ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रही थी.
लंड पूरे जोश मे आकर लोहे की तरह सकत हो गया था. अब भाभी को बेताबी हद से ज़्यादा बढ़ गयी थी और खुद चित हो कर मुझे अपने उपर खीच लिया. मेरे लंड को पकर कर अपनी चूत पर रखती हुई बोली, “आओ मेरे राजा, सेकेंड राउंड हो जाए.”मैने झट कमर उठा कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जर तक धँस गया. भाभी चिल्ला उठी और बोले, “जीओ मेरे संजूऊ राजा, क्या शॉट मारा. अब मेरे सिखाए हुए तरीके से शॉट पर शॉट मारो और फार दो मेरी चूत को.” भाभी का आदेश पा-कर मैं दूने जोश मे आ गया और उनकी चूंची को पकर कर हुमच हुमच कर भाभी की चूत मे लंड पेलने लगा. उंगली की चुदाई से भाभी की चूत गीली हो गयी थी और मेरा लंड सतसट अंदर-बाहर हो रहा था. भाभी नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब पूरे जोश के साथ दे रही थी. भाभी ने दोनो हाथो से मेरी कमर को पकर रखहा था और ज़ोर ज़ोर से अपन चूत मे लंड घुस्वा रही थी. वो मुझे इतना उठाती थी की बस लंड का सुपरा अंदर रहता और फिर ज़ोर नीचे खीचती हुई घाप से लंड चूत मे घुस्वा लेती थीं. पूरे कमरे मे हुमारी सांस और घपा-घाप, फ़च-फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. जब हम दोनो की ताल से ताल मिल गयी तब भाभी ने अपने हाथ नीचे लाकर मेरे चूतर को पकर लिया और कस कस कर दबोचताए हुए मज़ा लेने लगी. कुछ देर बाद भाभी ने कहा, “आओ एक नया आसन सिखाती हूँ,” और मुझे अपने उपर से हटा कर किनारे कर दिया. मेरा लंड ‘पक’ की आवाज़ साथ बाहर निकल आया. मैं चित लेटा हुआ था और मेरा लंड पूरे जोश के साथ सीधा खरा था. भाभी उठ कर घुटनो और हथेलिओं पर मेरे बगल मे बैठ गयी. मैं लंड को हाथ मे पकर कर उनकी हरकत देखता रहा. भाभी ने मेरा लंड पर से हाथ हटा कर मुझे खीच कर उठाते हुए कहा, “ऐसे परे परे क्या देख रहे हो, चलो अब उठ कर पीछे से मेरी चूत मे अपनी लंड को घुसाओ.” मैं भी उठ कर भाभी के पीछे आकर घुटने के बल बैठ गया और लंड को हाथ से पकर कर भाभी की चूत पर रगड़ने लगा. क्या मस्त गोल गोल गद्दे दार गंद थी. भाभी ने जाँघ को फैला कर अपने चूतर उपर को उठा दिए जिससे की उनकी रसीली चूत साफ नज़र आने लगी. भाभी का इशारा समझ कर मैने लंड का सुपरा उनकी चूत पर रख कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जर तक धँस गया. भाभी ने एक सिसकारी भर कर अपनी गंद पीछे कर के मेरी जाँघ से चिपका दी. मैं भी भाभी की पीठ से चिपक कर लेट गया और बगल से हाथ डाल कर उनकी दोनो चिकनी को पकर कर मसल्ने लगा. वो भी मस्ती मे धीरे धीरे चूतर को आगे-पीछे करके मज़े लेने लगी. उनके मुलायम चूतर मेरी मस्ती को दोगुना कर रहे थे. मेरा लंड उनकी रसीली चूत मे आराम से आगे-पीछे हो रहा था.
कुछ देर तक चुदाई का मज़ा लेने के बाद भाभी बोली, “कालो राज्ज्जा अब आगे उठा कर शॉट लगाओ, अब रहा नही जाता.” मैं उठा कर सीधा हो गया और भाभी के चूतर को दोनो हाथों से कस कर पकर कर चूत मे हमला शुरू कर दिया. जैसा की भाभी ने सिखाया था मैं पूरा लंड धीरे से बाहर निकाल कर ज़ोर से अंदर कर देता. शुरू मे तो मैने धीरे धीरे किया लेकिन जोश बढ़ता गया और धक्को की रफ़्तार बढ़ती गयी. धक्का लगाते समय मैं भाभी के चूतर को कस के अपनी ओर खीच लेता ताकि शॉट तगरा परे. भाभी भी उसी रफ़्तार से अपने चूतर को आगे-पीछे कर रही थी. हम दोनो की साँसे तेज हो गयी थी. भाभी की मस्ती पूरे परवान पर थी. नंगे जिस्म जब आपस मे टकराते तो घाप-घाप की आवाज़ आती. काफ़ी देर तक मैं उनकी कमर पकर धक्का लगता रहा. जब हालत बेकाबू होने लगे तब भाभी को फिर से चित लेता कर उन पर सवार हो गया और चुदाई का दौर चालू रखा.
हम दोनो ही पसीने से लथपथ हो गये थी पर कोइ भी रुकने का नाम नही ले रहा था. तभी भाभी ने मुझे कस कर जकर लिया और अपनी टाँगे मेरे चूतर पर रख दिया और कस कर ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुए चिपक कर झार गयी. उनके झरने के बाद मैं भी भाभी की चूंची को मसल्ते हुए झार गया और हान्फते हुए उनके उपर लेट गया. हम दोनो की साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी और हम दोनो काफ़ी देर तक एक-दूसरे से चिपक कर परे रहे. कुछ देर बाद भाभी बोले, “कायों लाला कैसी लगी हुमारी चूत की चुदाई?” मैं बोला, “हाई भाभी जी करता है क़ि जिंदगी भर इसी तरह से तुम्हारी चूत मे लंड डाले परा रहूं.” “जब तक तुम्हारे भैया वापस नही आते, यह चूत तुम्हारी है, जैसे मर्ज़ी हो मज़े लो, अब थोरे देर आराम करतें है.” “नही भाभी, कम से कम एक बार और हो जाए. देखो मेरा लंड अभी भी बेकरार है.” भाभी ने मेरे लंड को पकर कर कहा, “यह तो ऐसे रहेगा ही, चूत की खुसबु जो मिल गयी है. पर देखो रात के तीन बज गये है, अगर सुबह टाइम से नही उठें तो परोसेवन को शक गाएगा. अभी तो सारा दिन सामने है और आगे के इतने दिन हुमारे है. जी भर कर मस्ती लेना. मेरा कहा मनोगे तो रोज नया स्वाद चखोगे.” भाभी का कहना मान कर मैने भी जीद छोर दी और भाभी करवट ले कर लेट गयी और मुझे अप्नेसे सटा लिया. मैने भी उनकी गंद की दरार मे लंड फँसा कर चूंचियो को दोनो हाथों मे पकर लिया और भाभी के कंधे को चूमता हुआ लेट गया. नींद कब आई इसका पता ही नही चला.
सुबह जब अलार्म बजा तो मैने समय देखा, सुबह के सात बज रहे थी. भाभी ने मुस्कुरा कर देखा और एक गरमा-गरम चुंबन मेरे होटो पर जड़ दिया. मैने भी भाभी को जकर कर उनके चुंबन का जोरदार का जवाब दिया. फिर भाभी उठ कर अपने रोज के कम काज मे लग गयी. वो बहुत खुश थी और उनके गुनगुनाने की आवाज़ मेरे कानो मे सहद घोल रही थी. तभी घंटी बजी और हुमारी नौकरानी आशा आगयी. उस दिन मैं कॉलेज नही गया. नाश्ता करने के बाद मैं पढ़ने बैठ गया. जब आशा कमरे मे झारू लगाने आई तब भी मैं टेबल पर बैठ कर पढ़ाई करता रहा. पढ़ाई क्या खाक होती. बस रात का ड्रामा ही आँखों के सामने चलता रहा. सामने खुली किताब मे भी भाभी का संगमरमरी बदन और उनकी प्यारी सी रसीली चूत नज़र आ रही थी. “बाबू ज़रा पैर हटा लो झारू देनी है.” मैं चोंक कर हक़ीकत के दिनो मे वापस आया. देखा आशा कमर पर हाथ रखी मेरे पास खरी है. मैं खरा हो गया और वो झारू लगाने लगी. मैं उसे देखने लगा. गेंहूआ रंग, भरा-भरा बदन. तीखे नाक नक्शे, बरे ही साफ सुथरे ढंग से सज संवार कर आई थी. आज से पहले मैने उस पर ध्यान नही दिया था. वो आती और अपना काम कर के वापस चली जाती थी. पर आज की बात ही कुछ और ही थी. भाभी से चुदाई की ट्रैनिंग पाकर एक ही रात मे मेरा नज़रिया बदल गया था. अब मैं हर औरत को चुदाई की नज़रिया से देखना चाहता था. आशा लाल हरी रंग के सारी पहने हुए थी, जिसका पल्लू छाती पर से लाकर कमर मे दबा लिया था. छोटा सा पर गहरे रंग का चोली नुमा ढीला ब्लाउस उसकी चूंची साफ दिखाई दे रही थी. मेरा लंड फॅन-फ़ना गया.
रात वाली भाभी की चूंची मेरे धिमक मे कौंध गयी. तभी आशा की नज़र मुझ पर परी. मुझे एकटक घूरता पाकर उसने एक दबी से मुस्कान दी और अपना आँचल संभाल कर चूंचियो छुपा लिया. अब वो मेरी तरफ पीठ कर के टेबल के नीचे झारू लगा रही थी. उसके चूतर तो और भी मस्त थे. फैले-फैले और गद्देदार. मैं मन ही मन सोचने लगा कि इसकी गंद मे लंड फन्सा कर चूंची को मसल्ते हुए चोदने मे कितना मज़ा आएगा. बेखायाली मे मेरा हाथ मेरे तननाए हुए लंड पर पहुँच गया और मैं पायजामा के उपर से ही सुपरे को मसल्ने लगा. तभी आशा अपना काम पूरा कर के पलटी और मेरे हरकत देख कर मुँह पर हाथ रख कर हँसती हुई बाहर चली गयी. मैं झेंप कर कुर्सी पर बैठ कर पढ़ाई करने की कोशिश करने लगा.
जब आशा काम कर के चली गयी तब भाभी ने मुझे खाने के लिए आवाज़ दी. मैं डाइनिंग टेबल पर आ गया. भाभी ने खाना देते हुए पूछा, “कयूओं देवर्जी, आशा के साथ कोई हरकत तो नही की?” मैने अचकचा कर पूछा, “नही तो? कुछ कहा रही क्या?” “नही कुछ खास नही, बस कहा रही थी कि आपका देवर अब जवान हो गया है, ज़रा ठीक से ख्याल रखना.” मैं कुछ नही बोला और चुपचाप खाना खा कर अपनी स्टडी टेबल पर आ कर पढ़ने बैठ गया. भाभी किचन का काम निबटा कर कमरे आई और मेरे पास पलंग पर बैठ गयी. उन्होने मेरे हाथ से किताब ले ली और बोली, “जायदा पढ़ाई मत करो, सेहत पर असर परेगा,” और आँख मार दी. मैने उन्हे अपनी गोद पर खीच लिया और उनके होंटो को कस चूम लिया. भाभी ने भी अपना मुँह खोल कर मेरे उपरी होंठ को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी. मैं भी भाभी के रसीले नीचले होंठ को बरी देर तक चूस्ता रहा. मैं बोला, “तुम कितने अच्छी भाभी हो, मुझे अपनी चूत दी मुझे चोदना सिखाया.
सच बताओ, क्या भैया तुम्हे ऐसे ही चोद्ते हैं?” “चोदते तो पूरे जोश से है, पर वो तुम्हारे जितने ताक़तवर नही है. उनका लंड भी तुम्हारे से छोटा है और तुम्हारे लौरे जैसा मोटा नही है. बहुत जल्दी पानी छोर देते है और तुरंत सो गाते है. मगर मैं प्यासी रहा जाती हूँ और रात भर जलती हुई बुर मे उंगली डाले जागती रहती हूँ. “भाभी ने मुझे कस कर जकर लिया और मेरा मुँह अपने सिने से चिपका लिया. मैने भी अपने हाथ भाभी की पीठ पर कस कर उनकी चूंची को चूम लिया. मैने उनकी चोली ढेली कर दी और अपना एक हाथ सामने लाकर चोली के अंदर कर के एक चूंची को कस कर पकर लिया और मसल्ने लगा. मेरा दूसरा हाथ नीचे का सफ़र कर रहा था और उनके लहंगा के उपर से उनके चूतर को पकर लिया. आज भाभी नीचे कुछ नही पहने हुई थी और मेरा हाथ मुलायम चिकने बदन को मसल रहा था. भाभी भी चुप नही बैठी थी और मेरे नारे को ढीला कर के उपर से ही घुसा कर मेरे लंड को मसल्ने लगी.“लाला तुम्हारा लंड बहुत ही जोरदार है. कितना करक कितना मोटा और लूंबा है. रात जब तुमने पहेली बार मेरी चूत मे घुसाया तो ऐसा लगा कि यह तो मेरी बुर को फार ही डालेगा. सच कितना अक्च्छा होता अगर मेरी शादी तुम्हारे साथ होती.
फिर तो दुनिया की कोई परवाह ही नही होती और रात दिन तुम्हारा लंड अपनी चूत मे लिए हुए मज़े लेती.” कुछ देर तक मेरे लंड और झांटू से खेलने के बाद भाभी ने अपना हाथनिकाल कर मेरे पायजामे का नारा खोल दिया. फिर खरे होकर अपनी चोली और लहंगा भी उतार दिया और पूरी तरह नंगी हो गयी. फिर मुझे कुर्सी से उठ कर पलंग पर बैठने को कहा. मैं खरा हुआ तो पायजामा अपने आप उतर गया. जब मैं पलंग पर बैठ कर भाभी की मस्त छलकती हुए चूंची को देख रहा था तो मारे मस्ती के मेरा करक लंड छत छूने की कोशिश कर रहा था. भाभी मेरी जाँघो के बीच बैठ कर दोनो हाथों से मेरे लॉर को सहलाने लगी. कुछ देर उन्ही सहलाने के बाद अचानक भाभी ने अपना सर नीचे झुकाया और अपने रसीले होंटो से मेरे सुपरे को चूम कर उसको मुँह मे भर लिया. मैं एकदम चौंक गया. मैने सपने मे भी नही सोचा था की ऐसा होगा.
यह क्या कर रही हो. मेरा लंड तुमने मुँह मे क्यों ले लिया है.” “चूसने के लिए और किस लिए? तुम आराम से बैठे रहो और बस लंड चूसा का मज़ा लो. एक बार चुस्वा लोगे फिर बार-बार चूसने को कहोगे.” भाभी मेरे लंड को लॉलिपोप की तरह मुँह ले लेकर चूसने लगी.मैं बता नही सकता हूँ कि लंड चुसवाने मे मुझे कितना मज़ा आ रहा था. भाभी के रसीले होन्ट मेरे लंड को रगर रहे थे. फिर भाभी ने अपना होन्ट गोल कर के मेरा पूरा लंड अपने मुँह मे लेलिया और मेरे आंडो को हथेली से सहलाते हुए सिर उपर नीचे करना शुरू कर दिया मानो वो मुँह से ही मेरा लंड को चोद रही हो. धीरे-धीरे मैने भी अपनी कमर हिला कर भाभी के मुँह को चोदना शुरू कर दिया. मैं तो मानो सातवें आसमान पर था. बेताबी तो सुबह से ही हो रही थी. थोरी ही देर मे लगा कि मेरा लंड अब पानी छोर देगा. मैं किसीउ तरह अपने उपर काबू कर के बोला, “बभिईीईईईईईई मेरा पानी छूटने वाला है.”
भाभी ने मेरे बातों का कुछ ध्यान नही दिया बाल्की अपने हाथो से मेरे चूतर को जकर कर और तेज़ी से सिर उपर-नीचे करना शुरू कर दिया. मैं भी भाभी के सिर को कस कर पकर कर और तेज़ी से लंड भाभी के मुँह मे पेलने लगा. कुछ ही देर बाद मेरे लंड ने पानी छोर दिया और भाभी ने गतगत करके पूरेको पानी पी गयी. सुबह से काबू मे रखा हुआ मेरा क्रीम इतना तेज़ी से पिचकारी बन के निकला की उनके मुँह से बाहर निकल कर उनके तोड़ी पर फैल गया. कुछ बूंदे तो टपक कर उनकी चूंची पर भी जा गिरी. झरने के बाद मेने अपना लंड निकाल कर भाभी के गाल्लों पर रगर दिया. क्या खुसूरत नज़ारा था. मेरा माल भाभी के मुँह गाल होन्ट और रसीले चूंची पर चमक रहा था.
भाभी ने अपनी गुलाबी जीव अपने होटो पर फिरा कर वान्हा लगा माल चटा और फिर अपनी हथेली से अपनी चूंची को मसल्ते हुए पूछा, “क्यों देवर राजा मज़ा आया लंड चुसवाने मे?” “बहुत मज़ा आया भाभी, तुमने तो एक दूसरी जन्नत की सैर करवा दिया मेरी जान. आज तो मैं तुम्हारा सात जन्मो के लिए गुलाम हो गया. कहो क्या हुक्म है.” “हुक्म क्या, बस अब तुम्हारी बारी है.”“क्या मतलब, मैं कुछ समझा नही?” “मतलब एह मेरे भोले संजू राजा की अब तुम मेरी चूत चॅटो.” एह कहा कर भाभी खरी हो गयी और अपनी चूत मेरे चहेरे के पास ले आइी. मेरे होन्ट उनकी चूत के होंटो को छूने लगे. भाभी ने मेरे सिर को पकर कर अपनी कमर आगे की और अपनी चूत मेरे नाक पर रगार्ने लगी. मैने भी भाभी के चूतर को दोनो हाथो से पकर लिया और उनकी गंद सहलाते हुए उनकी रस रही चूत को चूमने लगा. भाभी की चूत की प्यारी-प्यारी खुसबु मेरे दिमाग़ मे छाने लगी. मैं दीवाना की तरह भाभी की चूत और उसके चारो तरफ के इलाक़े को चूमने लगा. बीच-बीच मे मैं अपनी जीव निकाल कर भाभी की रानो को भी चट लेता.
भाभी मस्ती से भर कर सिसकारी लेते हुए बोले, “हाई राजा अहह! जीव से चॅटो ना. अब और मत तारपाओ राजा. मेरी बुर को चॅटो. डाल दो अपनी जीव मेरी चूत के अंदर. अंदर डाल कर जीव से चोदो.” अब तक भाभी की नशेली चूत की खुसबू मुझे बुरी तरह से पागल बना दिया था. मैने भाभी की चूत पर से मुँह उठाए बिना उन्हे खींच कर पलंग पर बैठा दिया और खुद ज़मीन पर बैठ गया. भाभी की जाँघो को फैला कर अपने दोनो कंधों पर रख लिया और फिर आगे बढ़ कर भाभी की चूत की होंटो को अपनी जीव से चाटना शुरू कर दिया. भाभी मस्ती से बर्बाराने लगी और अपनी चूतर को और आगे खिसका कर अपनी चूत को मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया. अब भाभी के चूतर पलंग से बाहर हवा मे झूल रहे थे और उनकी मखमली जांघों को पूरा दबाब मेरे कंधों पर था. मैने अपनी जीव उनकी चूत मे थेल दिया और चूत की अन्द्रुनी दीवालों को सहलाने लगा. भाभी मस्ती से तिलमिला उठी और अपने चूतर उठ उठा कर अपनी चूत मेरी जीव पर दबाने लगी. “हाई राजा, क्या मज़ा आ रहा है.
अब अपनी जीव को अंदर-बाहर करो नाआअ! चोदो रजाआअ चोदूऊओ! अपनी जीव से चोदो मुझे मेरे छोटे सैयाँ. हाई राजा तुम ही तो मेरे असली सैयाँ हो. पहले क्यों नही मिले, अब सारी कसर नीकालूंगी. बरा तर्पी पीछले साल भर से. है राजा चोदो मेरी चूत को अपनी जीव से.” मुझे भी पूरा जोश आ गया और भाभी की चूत मे जल्दी जल्दी जीव अंदर-बाहर करते हुए उसे चोदने लगा. भाभी अभी भी ज़ोर-ज़ोर से कमर उठा कर मेरे मुँह को चोद रही थी. मुझे भी इस चुदाई से का मज़ा आने लगा. मैने अपनी जीव करी कर के स्थीर कर ली और सिर आगे पीछे कर के भाभी की चूत को चोदने लगा. भाभी का मज़ा दोगुना हो गया. अपने चूतर को ज़ोर-ज़ोर से उठाती हुए बोली, “और ज़ोर से लाला और ज़ोर से, हाई मेरे प्यारे देवर आज मैं तेरी माशुका हो गयी. जिंदगी भर के लिए चुद्वन्गी तुझसे. आह! उईईइ माआ!” भाभी अब झरने वाली थी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए अपनी चूत मेरे पूरे चहेरे पर रगर रही थी. मैं भी पूरी तेज़ी से जीव लॅप-लपा कर भाभी की चूत पूरी तरह से चट रहा था. अपनी जीव भाभी की चूत मे पूरी तरह अंदर डाल कर मैं हिलने लगा. जब मेरी जीव भाभी की भग्नासा से टकराई तो भाभी की बाँध टूट गया और मेरे चहेरे को अपनी जांघों मे जाकर कर भाभी ने पानी चूत मेरे मुँह से चिपका दिया. भाभी का पानी बहाने लगा और मई भाभी की छूट की दोनो होंतों को अपनी मुँह मे दबा कर जवानी का अमृत पीने लगा. मेरा लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था. मैं उठ कर खरा हो गया और अपने लंड को हाथ से सहलाते हुए भाभी को पलंग पर सीधा लिटा कर उनके उपर चढ़ने लगा. भाभी ने मुझे रोकते हुए कहा, “ऐसे नही मेरे सैयाँ, चूत का मज़ा तुम कल ले चुके हो आज मैं तुम्हे दूसरे छेद का मज़ा दूँगी.” मेरी समझ मे कुछ नही आया. भाभी बोले, “राजा आज तुम अपने शाही लौरे को मेरी गंद मे डालो,” और उठ कर बैठ गयी. मेरे हाथ हटा कर दोनो हाथों से मेरा लंड पाकर लिया और सहलाते हुए अपनी दोनो चुचियो के बीच दबा-दबा कर लंड के सुपरे को चूमने लगी. भाभी की चूंची की गर्माहट पाकर मेरा लॉरा और भी जोश मे जाकड़ गया.
क्रमशः...................
OOOOHhhh.. Bhabhi --2
Jaise jaise wo jharne ke kareeb a rahee thee unki raftar barhti ja rahee thee. Kamre me phach phach ki awaj gunj rahee thee. Jab unki sans phul gayee to khud neeche akar mujhe apne upar kinch liya aur tango ko faila kar upar utha liya aur bole, “mai thak gayee mere rajjjja, ab tum morcha sambhaloooo.”Mai jhat unki jangho ke bich baith gaya aur nishana laga kar jhatke se lund andar dal diya aur unke upar let kar danadan shot lagane laga. Bhabhi ne apni tang ko meri kamar par rakh kar mujhe jakar liya aur jor jor se chutar utha utha kar chudai me sath dene lagee. Mai bhi ab utna anaaree nahee raha aur unki chunchee ko masalte hue thaka thak shot laga raha tha. Kamara humaree chudai ki awaj se bhara para tha. Bhabhi apni kamar hila kar chutar utha utha kar chuda rahee thee aur bole ja rahee thee, “ahhh aaahhhhh unhhhh ooohhhh oooohhhhh haaaaaan haaaaai meeeere rajjjjja, maaaaaaar gayyyyyye reeeee, lalllllla choooood re choooood. Uiiiiiiii meeeeeeriiiii maaaaa, phaaaaaaat gaaaaaayeeee reeeeee aaaaaaj to meri choot. Meeeeera to duuuum nikkkkkal tuuuuune toooo aaaaj. Baraaaaa jaaaaaleeem haaaaaire tuuuumhaaaaaara laura, ekduuuum maheeeen massssssala peeeeess diyyyyya reeeeee.” Mai bhi bol raha tha, “leeeee meriiiii raniiii, leeee leeeee mera laura apniiiii okhleeeee meeeee. Baraaaaa tarpayyyyyya hai tuneeee mujheeee. Leeeee leeee, leeee meriiiii bhabhiiiii yeh lund abbbbb teraaaa hiiii hai. Ahhhhhh! Uhhhhhhhh kya jannat ka mazaaaaa sikhayaaaaa tuneeeee. Mai to teraaaaa gulam hoooooo gayaaaa hiiiiiiiiiiiii mereee devar ..sanjuuuuu.. ”Bhabhi gand uchal uchal kar mera lund apne choot me le rahee thee aur mai bhi pure josh ke sath umkee chuncheon ko masal masal kar apni bhabhi ko chode ja raha tha.
Bhabhi mujhko lalkar kar kahati, lagao shot mere raja”, aur mai jawab deta, “yeh le meri rani, le le apnichoot me”. “Jara aur jor se sarkao apna lund meri choot me mere raja”, “yeh le meri rani, yeh lund to tere liye hi hai.” “Dekho rajjjja meri choot to tere lund ki diwanee ho gayee, aur jor se aur jor se aaaaeeeeeeeee mere rajjjjjjja. Mai gayeeeeeeeeeee reeee,” kahate hue meri bhabhi ne mujhko kas kar apni bahon me jakar liya aur unki choot ne jwalamukhi ka lava chor diya. Ab tak mera bhi lund pani chorne wala tha aur mai bola, “mai bhi ayaaaaaa meri jaaaaan,” aur mene bhi apna lund ka pani chor diya aur mai hafte hue unki chunchee par sir rakh kar kas ke chipk kar let gaya. Yeh meri pahali chudai thee. Isiliye mujhe kafi thakan mahasus ho rahee thee. Mai bhabhi ke sine par sar rakh kar so gaya. Bhabhi bhi ek hath se mere sir ko dhire dhire se sahalate hue dusre hath se meri pith sahala rahee thee.
Kuch der bad hosh aya to maine bhabhi ke rasele honton ke chumban lekar unhe jagaya. Bhabhi ne karwat lekar mujhe apne upar se hataya aur mujhe apni bahon me kas kar kan me phus-phusa kar boli, “Sanjoo tumne to kamal kar diya, kya gajab ka takat hai tumhare lund me.” Maine utter diya, “kamal to apne kar diya hai bhabhi, ajtak to mujhe malum hi nahee tha ki apne lund ko kaise istimal kaise karna hai. Yeh to apki meherbani hai jo ki aj mere lund ko apki choot ki sewa karne ka mauka mila.” Abtak mera lund unki choot ke bahar jhanto ke jangal me ragar mar raha tha. Bhabhi ne apni mulayam hathelion me mera lund ko pakar kar sahalana shuru kiya. Unki unglee mere andoon se khel rahi thee. Unki najuk unglion ke sparsh pakar mera lund bhi jag gaya aur ek angraee lekar bhabhi ki choot par thokar marne laga. Bhabhi ne kas kar mera lund ko kaid kar liya aur boli, “bahut jan tumhare lund me, dekho phir se phar-pharane laga, ab mai isko chorungee.” Hum dono agal bagal lete hue the.
Bhabhi ne mujhko chit leta diya, aur meri tang par apni tang chara chara kar lund ko hath se umethene lagee. Sath hi sath bhabhi apni kamar hilate hue apni jhant aur choot meri jangh par ragarne lagee. Unki choot pichlee chudai se abhitak gili thee aur uska sparsh mujhe pagal banae hue tha. Ab mujhse raha nahee gaya aur karwat lekar bhabhi ki taraf munh karke let gaya. Unki chunchee ko munh me daba kar chuste hue apni unglee choot me ghusa kar sahalane laga. Bhabhi ek siskari lekar mujhse kas kar chipat gayee aur jor jor se lamar hilate hue meri unglee se chudwane lagee. Apne hath se mere lund ko kas kar jor jor se muth mar rahee thee.
Lund pure josh me akar lohe ki tarah sakth ho gaya tha. Ab bhabhi ko betabi had se jyada barh gayee thee aur khud chit ho kar mujhe apne upar kinch liya. Mere lund ko pakar kar apni choot par rakhtee hui bole, “aaoo mere raja, second round ho jaye.”Maine jhat kamar utha kar dhakka diya aur mera lund unki choot ko chirta hua jar tak dhans gaya. Bhabhi chiilaa uthee aur bole, “jeeo mere sanjuu raja, kya shot mara. Ab mere sikhaye hue tareeke se shot par shot maro aur phar do meri choot ko.” Bhabhi ka adesh pa-kar mai dune josh me aa gaya aur unkee chunchee ko pakar kar humach humach kar bhabhi ki choot me lund pelne laga. Unglee ki chudai se bhabhi ki choot gili ho gayee thee aur mera lund satasat andar-bahar ho raha tha. Bhabhi neeche se kamar utha utha kar har shot ka jawab pure josh ke sath de rahee thee. Bhabhi ne dono haton se meri kamar ko pakar rakhha tha aur jor jor se apn choot me lund ghuswa rahee thee. Wo mujhe itna uthati thee ki bas lund ka supara andar rahata aur phir jor neeche kinchtee huee ghap se lund choot me ghuswa letee theen. Pure kamare me humaree sans aur ghapa-ghap, phach-phach ki awaj gunj rahee thee. Jab hum dono ki tal se tal mil gayee tab bhabhi ne apne hath neeche lakar mere chutar ko pakar liya aur kas kas kar dabochtae hue maza lene lagee. Kuch der bad bhabhi ne kaha, “aaoo ek naya asan sikhatee hun,” aur mujhe apne upar se hata kar kinare kar diya. Mera lund ‘pak’ ki awaj sath bahar nikal aaya. Mai chit leta hua tha aur mera lund pure josh ke sath sidha khara tha. Bhabhi uth kar ghutno aur hathelion par mere bagal me baith gayee. Mai lund ko hath me pakar kar unki harkat dekhta raha. Bhabhi ne mera lund par se hath hata kar mujhe keecnhte kar uthate hue kaha, “aise pare pare kya dekh rahe ho, chalo ab uth kar peeche se meri choot me apni lund ko ghusao.” Mai bhi uth kar bhabhi ke peeche aakar ghutne ke bal baith gaya aur lund ko hath se pakar kar bhabhi ki choot par ragarbe laga. Kya mast gol gol gadde dar gand thee. Bhabhi ne jangh ko phaila kar apne chutar upar ko utha diye jisse ki unki raseeli choot saf nazar aane lagee. Bhabhi ka ishara samajh kar maine lund ka supara unki choot par rakh kar dhakka diya aur mera lund unki choot ko chirta hua jar tak dhans gaya. Bhabhi ne ek siskaree bhar kar apni gand peeche kar ke meri jangh se chipka dee. Mai bhi bhabhi ki pith se chipak kar let gaya air bagal se hath dal kar unki dono chicnee ko pakar kar masalne laga. Wo bhi mastee me dhira dhira chutar ko age-peeche karke maze lene lagee. Unke mulayam chutar meri mastee ko doguna kar rahee thee. Mera lund unki raseeli choot me aram se age-peeche ho raha tha.
Kuch der tak chudai ka maza lene ke bad bhabhi bole, “cahlo rajjja ab age utha kar shot lagao, ab raha nahee jata.” Mai utha kar seedha ho gaya aur bhabhi ke chutar ko dono hathon se kas kar pakar kar choot me hamala shuru kar diya. Jaisa ki bhabhi ne sikhaya tha mai pura lund dhire se bahar nikal kar jor se andar kar deta. Shuru me to maine dhire dhire kiya lekin josh barhta gaya aur dhakko ki raftar barhtee gayee. Dhakka lagate samay mai bhabhi ke chitar ko kas ke apni aoor keench leta taki shot tagara pare. Bhabhi bhi usi raftar se apne chutar ko age-peeche kar rahee thee. Hum dono ki sanse tej ho gayee thee. Bhabhi ki mastee pure parwan par thee. Nage jism jab apas me takrate to ghap-ghap ki awaj aatee. Kafi der tak mai unhee amar pakar dhakka lagata raha. Jab halat bekaboo hone lagee tab bhabhi ko phir se chit leta kar un par sawar ho gaya aur chudai ka daur chaloo rakha.
Hum dono hee paseene se lathpath ho gaye thee par koii bhi rukne ka nam nahee le raha tha. Tabhi bhabhi ne mujhe kas kar jakar liya aur apni tange mere chutar par rakh diya aur kas kar jor jor se lamar hilate hue chipak kar jhar gayee. Unke jharne ke bad mai bhi bhabhi ki chunchee ko masalte hue jhar gaya aur haften hue unke upar let gaya. Hum dono ki sanse jor jor se chal rahee thee aur hum dono kafi der tak ek-dusre se chipk kar pare rahe. Kuch der bad bhabhi bole, “kayon lala kaisee lagee humari choot ki chudai?” Mai bola, “hai bhabhi jee karta hai ki jindagee bhar issi tarah se tumharee choot me lund dale para rahun.” “Jab tak tumhare bhaiya wapas nahee aatee, yeh choot tumharee hai, jaise marzee ho maze lo, ab thore der aaram karten hai.” “Nahee bhabhi, kam se kam ek bar aur ho jai. Dekho mera lund abhi bhi bekarar hai.” Bhabhi ne mere lund ko pakar kar kaha, “yeh to aise rahega hi, choot ki khusbu jo mil gayee hai. Par dekho rat ke teen baj gaye hai, agar subah time se nahee uthen to paroseon ko shak gayega. Abhi to sara din samne hai aur age ke itne din humare hai. Jee bhar kar mastee lena. Mera kaha manoge to roj naya swad chakungee.” Bhabhi ka kahana maan kar maine bhi jiid chor dee aur bhabhi karwat le kar let gayee aur mujhe apnese sata liya. Maine bhi unki gand ki darar me lund phansa kar chuncheeon ko dono hathon me pakar liya aur bhabhi ke kandhe ko chumta hua let gaya. Neend kab ayee iska pata hi nahee chala.
Subah jab alarm baja to maine samay dekha, subah ke sat baj rahe thee. Bhabhi ne muskura kar dekha aur ek garma-garam chumban mere hoton par jad diya. Maine bhi bhabhi ko jakar kar unke chumban ka jordar ka jawab diya. Phir bhabhi uth kar apne roj ke kam kaj me lag gayee. Wo bahut kush thee aur unke gungunane ki awaj mere kano me sahad ghol rahee thee. Tabhi ghantee bajee aur humaree naukrani Asha aagyee. Us din mai college nahee gaya. Nashta karne ke bad mai parhne baith gaya. Jab Asha kamre me jharoo lagane aaee tab bhi mai table par baith kar parhaee karta raha. Parhaee kya khak hotee. Bus rat ka drama hee ankhon ke samne chalta raha. Samne khulee kitab me bhi bhabhi ka sangmarmaree badan aur unkee pyaree si raseeli choot nazar aa rahee thee. “Babu jara pair hata lo jharoo deni hai.” Mai chunk lar hakkekat ki diniua me wapas aaya. Dekha Asha kamar par hath rakhee mere pas kharee hai. Mai khara ho gaya aur wo jharoo lagane lagee. Mai use dekhne laga. Genhua rang, bhara-bhara badan. Teekhe nak nakshe, bare hi saf suthre dhang se saj sanwar kar aayee thee. Aaj se pahale maine us par dhayn nahee diya tha. Wo aatee aur apna kam kar ke wapas chalee jatee thee. Par aaj ki bat hi kuch aur hi thee. Bhabhi se chudai ki training pakar ek hi rat me mera nazaria badal gaya tha. Ab mai har aurat ko chudai ki nazaria se dekhna chahata tha. Asha lal haree rang ke saree pahane hue thee, jiska pallu chatee par se lakar kamar me daba liya tha. Chota sa par gahare rang ka cholee numa dheela blouse uskee chunchee saf dikhayee de rahee thee. Mera lund phan-phana gaya.
Rat walee bhabhi ki chunchee mere dhimak me kaundh gayee. Tabhi Asha ki nazar mujh par paree. Mujhe ektak ghurta pakar usne ek dabee se muskan dee aur apna anchal sambhal kar chuncheon chupa liya. Ab wo meri taraf peeth kar ke table ke neeche jharoo laga rahee thee. Uske chutar to aur bhi mast thee. Phaile-phaile aur gaddedar. Mai man hi man sochne laga ki iski gand me lund phnsa kar chunchee ko masalte hue chodne me kitna maza ayega. Bekhayalee me mera hath mere tannaye hue lund par pahunch gaya aur mai paijama ke upar se hi supare ko masalne laga. Tabhi Asha apna kam pura kar ke paltee aur mere harkat dekh kar munh par hath rakh kar hanstee huee bahar chalee gayee. Mai jhemp kar kursee par baith kar parhaee karne ki koshish karne laga.
Jab Asha kam kar ke chalee gayee tab bhabhi ne mujhe khane ke liye awaj dee. Mai dining table par aa gaya. Bhabhi ne khana dete hue pucha, “kyuon Devarji, Asha ke sath koi harkat to nahee kee?” Maine achkacha kar pucha, “nahee to? Kuch kaha rahee kya?” “Nahee kuch khas nahee, bas kaha rahee thee ki apka dewar ab jawan ho gaya hai, jara theek se khyal rakhna.” Mai kuch nahee bola aur chupchap khana kha kar apni study table par aa kar parhne baith gaya. Bhabhi kitchen ka kam nibta kar kamare aaee aur mere pas palang par baith gayee. Unhone mere hath se kitab le lee aur bolee, “jaida parhaee mat karo, sehat par asar parega,” aur ankh mar dee. Maine unhe apni good par keench liya aur unke hontoo ko kas chum liya. Bhabhi ne bhi apna munh khol kar mere upree honth ko apne munh me le liya aur chusne lagee. Mai bhi bhabhi ke raseele neechle honth ko bari der tak chusta raha. Mai bola, “tum kitne acche bhabhi ho, mujhe apni choot dee mujhe chodna sikhaya.
Sach batao, kya bhaia tumhe aise hi chodte hain?” “Chodte to pure josh se hai, par wo tumhare jitne taqatwar nahee hai. Unka lund bhi tumhare se chota hai aur tumhare laure jaisa mota nahee hai. Bahut jaldee pani chor dete hai aur turant so gate hai. Magar mai pyasee raha jatee hun aur rat bhar jaltee hui bur me unglee dale jagtee rahatee hun. “Bhabhi ne mujhe kas kar jakar liya aur mera munh apne sine se chipka liya. Maine bhi apne hath bhabhi ki peeth par kas kar unkee chunchee ko chum liya. Maine unkee cholee dhelee kar dee aur apna ek hath samne lakar choli ke andar kar ke ek chunchee ko kas kar pakar liya aur masalne laga. Mera dusra hath neeche ka safar kar raha tha aur unke lahanga ke upar se unke chutar ko pakar liya. Aaj bhabhi neeche kuch nahee pahane huee thee aur mera hath mulayam chikne badan ko masal raha tha. Bhabhi bhi chup nahee baithee thee aur mere nare ko dhila kar ke upar se hi ghusa kar mere lund ko masalne lagee.“Lala tumhara lund bahut hi jordar hai. Kitna karak kitna mota aur lumba hai. Rat jab tumne paheli bar meri choot me ghusaya to aisa laga ki yeh to meri bur ko phar hi dalega. Such kitna acchha hota agar meri shadi tumhare sath hotee.
Phir to duniya ki koi parwah hi nahee hotee aur rat din tumhara lund apni choot me liye hue maze letee.” Kuch der tak mere lund aur jhantoo se khelne ke bad bhabhi nikal kar mere paijame ka nara khol diya. Phir khare hokar apni choli aur lahanga bhi utar diya aur puttee yaraf nangee ho gayee. Phir mujhe kursi se uth kar palang par baithne ko kaha. Mai khara hua to paijama apne aap utar gaya. Jab mai palang par baith kar bhabhi ki mast chalakee hue chunchee ko dekh raha tha to mare mastee ke mera karak lund chat chune ki koshish kar raha tha. Bhabhi meri jhangon ke bich baith kar dono hathon se mere laure ko sahalane lagee. Kuch der unhee sahalane ke bad achanak bhabhi ne apna sar neeche jhukaya aur apne raseele honton se mere supare ko chum kar usko munh me bhar liya. Mai ekdam chaunk gaya. Maine sapne me bhi nahee socha tha ki aisa hoga.
Yeh kya kar rahee ho. Mera lund tumne munh me kyon le liya hai.” “Chusne ke liye aur kis liye? Tum aram se baithe raho aur bus lund chusai ka maza lo. Ek bar chuswa loge phir bar-bar chusne ko kahoge.” Bhabhi mere lund ko lollipop ki tarah munh le lekar chusne lagee.mai bata nahee sakta hun ki lund chuswane me mujhe kitna maza aa raha tha. Bhabhi ke raseele hont mere lund ko ragar rahe the. Phir bhabhi ne apna hont gol kar ke mera pura lund apne munh me leliya aur mere andoon ko hatheli se sahalate hue sir upar neeche karna shuru kar diya mano wo munh se hi mera lund ko chod rahee hoo. Dhire-dhire maine bhi apnee kamar hila kar bhabhi ke munh ko chodna shuru kar diya. Mai to mano satwen asman par tha. Betabi to subah se hi ho rahi thee. Thori hi der me laga ki mera lund ab panee chor dega. Mai kisiu tarah apne upar kabu kar ke bola, “Babhiiiiiiiiii mera pani chutne wala hai.”
Bhabhi ne mere baton ka kuch dhyan nahee diya balkee apne haton se mere chutar ko jakar kar aur tezee se sir upar-neeche karna shuru kar diya. Mai bhi bhabhi ke sir ko kas kar pakar kar aur tezee se lund bhabhi ke munh me pelne laga. Kuch hi der bad mere lund ne pani chor diya aur bhabhi ne gatagat karke pure pani pee gayee. Subah se kabu me rakha hua mera cream itna tezee se pichkari ban ke nikla ki unke munh se bahar nikal kar unke thodi par phail gaya. Kuch bunde to tapak kar unki chunchee par bhi ja gira. Jharne ke bad meine apna lund nikal kar bhabhi ke gallon par ragar diya. Kya khusurat nazara tha. Mera maal bhabhi ke munh gal hont aur raseele chunchee par chamak raha tha.
Bhabhi ne apni gulabi jeev apne hoton par phira kar wanha laga maal chata aur phir apni hatheli se apnee chunchee ko masalte hue pucha, “kyon dewar raja maza aya lund chuswane me?” “Bahut maza aya bhabhi, tumne to ek dusree jannat ki sair karwa diya meri jaan. Aaj to mai tumhara sat janmo ke liye gulam ho gaya. Kaho kya hukm hai.” “Hukm kya, bus ab tumharee bari hai.”“Kya matalab, mai kuch samajha nahee?” “Matalab eh mere bhole sanju raja ki ab tum meri choot chato.” Eh kaha kar bhabhi khari ho gayee aur apni choot mere chehere ke pas le aaii. Mere hont unki choot ke honton ko chune lagee. Bhabhi ne mere sir ko pakar kar apni kamar aagee ki aur apni choot mere nak par ragarne lagee. Maine bhi bhabhi ke chutar ko dono haton se pakar liya aur unki gand sahalate hue unki ras rahee choot ko chumne laga. Bhabhi ki choot ki pyari-pyari khusbu mere dimag me chane laga. Mai diwana ki tarah bhabhi ki choot aur uske charo taraf ke elake ko chumne laga. Bich-bich me mai apni jeev nikal kar bhabhi ki rano ko bhi chat leta.
Bhabhi mastee se bhar kar siskaree lete hue bole, “Hai raja ahhhhh! Jeev se chato na. Ab aur mat tarapao raja. Meri bur ko chato. Dal do apni jeev meri choot ke andar. Andar dal kar jeev se chodo.” Ab tak bhabhi ki nashelee choot ki khusboo mujhe buree tarah se pagal bana diya tha. Maine bhabhi ki choot par se munh uthae bina unhe keench kar palang par baitha diya aur khud jameen par baith gaya. Bhabhi ki jangho ko phaila kar apne dono kandhon par rakh liya aur phir agey barh kar bhabhi ki choot ki honton ko apni jeev se chatna shuru kar diya. Bhabhi mastee se barbarane lagee aur apni chutar ko aur agey khiska kar apni choot ko mere munh se bilkul sata diya. Ab bhabhi ke chutar palang se bahar hawa me jhul rahee thee aur unki makhmalee janghon ko pura dabab mere kandhon par tha. Maine apni jeev pyree ki puree unki choot me thel diya aur choot ki andrunee diwalon ko sahalane laga. Bhabhi mastee se tilmila uthee aur apne chutar uth utha kar apnee choot meri jeev par dabane lagee. “Hai raja, kya maza aa raha hai.
Ab apni jeev ko andar-bahar karo naaaaa! Chodo rajaaaaa chodooooo! Apni jeev se chodo mujhe mere chote saiyan. Hai raja tum hi to mere aslee saiyan ho. Pahale kyon nahee mile, ab sari kasar neekalungee. Bara tarpee peechle saal bhar se. Hai raja chodo meri choot ko apni jeev se.” Mujhe bhi pura josh aa gaya aur bhabhi ki choot me jaldee jaldee jeev andar-bahar karte hue use chodne laga. Bhabhi abhi bhi jor-jor se kamar utha kar mere munh ko chod rahee thee. Mujhe bhi is chudai se ka maza ane laga. Maine apni jeev karee kar ke stheer kar lee aur sir age peeche kar ke bhabhi ki choot ko chodne laga. Bhabhi ka maza doguna ho gaya. Apne chutar ko jor-jor se uthatee hue bole, “aur jor se lala aur jor se, hai mere pyare dewar aaj mai teri mashuka ho gayee. Jindagee bhar ke liye chudwangee tujhse. Ahhh! Uiiii maaaa!” Bhabhi ab jharne wali thee. Wo jor jor se chillate hue apni choot mere pure chehere par ragar rahee thee. Mai bhi puri tezee se jeev lap-lapa kar bhabhi ki choot puree tarah se chat raha tha. Apni jeev bhabhi ki choot me puree tarah andar dal kar mai hilane laga. Jab meri jeev bhabhi ki bhagnasha se takaraee to bhabhi ki bandh tut gaya aur mere chehere ko apni janghon me jakar kar bhabhi ne pani choot mere munh se chipka diya. Bhabhi ka pani bahane laga aur mai bhabhi ki choot ki dono honton ko apni munh me daba kar jawanee ka amrit pine laga. Mera lund phir se lohe ki rod ki tarah sakht ho gaya tha. Mai uth kar khara ho gaya aur apne lund ko hath se sahalate hue bhabhi ko palang par seedha lita kar unke upar charne laga. Bhabhi ne mujhe rokte hue kaha, “aise nahee mere saiyan, choot ka maza tum kal le chuke ho aaj mai tumhe dusre ched ka maza dungee.” Meri samajh me kuch nahee aya. Bhabhi bole, “raja aaj tum apne shahee laure ko meri gand me dalo,” aur uth kar baith gayee. Mere hath hata kar dono hathon se mera lund pakar liya aur sahalate hue apni dono chucheeon ke bich daba-daba kar lund ke supare ko chumne lagee. Bhabhi ki chunchee ki garmahat pakar mera laura aur bhi josh me jakar gaya.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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