Monday, May 31, 2010

पंडित & शीला पार्ट--4

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पंडित & शीला पार्ट--4

गतांक से आगे...................

वह जानती थी कि पंडित का मतलब कcछि से है...

पंडित: तुम चाहो तो वो शिवलिंग फिलहाल निकाल सकती हो...

शीला खड़ी होकर शिवलिंग की मौलि खोलने लगी...लेकिन गाँठ काफ़ी टाइट लगी
थी....पंडित ने यह देखा..

पंडित: लाओ मैं खोल दूँ..

पंडित भी खड़ा हुआ...शीला के पीछे आ कर वो मौलि खोलने लगा...

पंडित: शिवलिंग ने तुम्हें परेशान तो नहीं किया....ख़ास कर रात में
सोनेः में कोई दिक्कत तो नहीं हुई..?

शीला कैसे कहती की रात को शिवलिंग ने उसके साथ क्या किया है...

शीला: नहीं पंडितजी...कोई परेशानी नहीं हुई..

पंडित ने मौलि खोली......शीला ने शिवलिंग पेटिकोट से निकाला तो पाया की
मौलि उसके पेटिकोट के नाडे में इलझ गयी थी...शीला कुछ देर कोशिश
करती रही लेकिन मौलि नाडे से नहीं निकली...

पंडित: शीला.....पूजा में विलंभ हो रहा है...लाओ मैं निकालूं

पंडित शीला के सामने आया और उसके पेटिकोट के नाडे से मौलि निकालने
लगा........

पंडित: यह ऐसे नहीं निकलेगा...तुम ज़रा लेट जाओ

शीला लेट गयी...पंडित उसके नाडे पे लगा हुआ था...

पंडित: शीला....नाडे की गाँठ खोलनी पड़ेगी...पूजा में विलंभ हो रहा
है...

शीला: जी...

पंडित ने पेटिकोट के नाडे की गाँठ खोल दी....गाँठ खोलने से पॅटिकोट
लूज हो गया और शीला की कछि से थोडा नीचे आ गया....

शीला शर्म से लाल हो रही थी....पंडित ने शीला का पेटिकोट थोड़ा
नीचे सरका दिया....शीला पंडित के सामने लेटी हुई थी....उसका पेटिकोट
उसकी कछि से नीचे था...मौलि निकालते वक़्त पंडित की कोनी (एल्बो) शीला
की चूत के पास लग रही थी....कुछ देर बाद मौलि नाडे से अलग हो गयी..

पंडित: यह लो...निकल गयी...

पंडित ने मौलि निकाल कर शीला के पेटिकोट का नाडा बाँधने लगा....उसने
नाडे की गाँठ बहुत टाइट बाँधी....शीला बोली..

शीला: आह...पंडितजी....बहुत टाइट है....

पंडित ने फिर नाडा खोला.....और इस बार गाँठ लूज बाँधी....

फिर दोनो चौकड़ी मार के बैठ गये..

पंडित: .....अब तुम ये मन्त्र 200 बार पढ़ो...और उसके बाद शिव की आरती
करना...

जब शीला की मन्त्र और आरती ख़तम हो गयी तो पंडित ने कहा...

पंडित: मैनेह कल वेद फिरसे पड़े तो उसमें लिखा था कि स्त्री (वुमन) जितनी
आकर्षक दिखे शिव उतनी ही जल्दी प्रसन्न होते हैं.....इस के लिए स्त्री जितना
चाहेः शृंगार कर सकती है.......लेकिन सच कहूँ.....

शीला: कहिए पंडितजी...

पंडित: तुम पहले से ही इतनी आकर्षक दिखती हो की शायद तुम्हे शृंगार की
आवश्यकता ही ना पड़े........

शीला अपनी तारीफ़ सुन कर शरमाने लगी...

पंडित: मैं सोचता हूँ कि तुम बिना शृंगार के इतनी सुंदर लगती हो...तो
शृंगार के पश्चात तो तुम बिल्कुल अप्सरा लगोगी...

शीला: कैसी बातें करतें हैं पंडितजी....मैं इतनी सुंदर कहाँ
हूँ......

पंडित: तुम नहीं जानती तुम कितनी सुंदर हो......तुम्हारा व्यवहार भी बहुत
चंचल है.....तुम्हारी चाल भी आकर्षित करती है...

शीला यह सब सुन कर शर्मा रही थी...मुस्कुरा रही थी....उसे ये सब अच्छा
लग रहा था...

पंडित: वेदों के अनुसार तुम्हारा शृंगार पवित्र हाथों से होना
चाहिए....अथवा तुम्हारा शृंगार मैं करूँगा......इसमें तुम्हें कोई
आपत्ति तो नहीं....

शीला: नहीं पंडितजी.....

पंडित: शीला.....मुझे याद नहीं रहा था....लेकिन वेदों के अनुसार जो
शिवलिंग मैने तुम्हें दिया था उस पर पंडित का चित्रा होना
चाहिए.....इसलिए इस शिवलिंग पे मैं अपनी एक छोटी सी फोटो चिपका रहा
हूँ.....

शीला: ठीक है पंडितजी...

पंडित: और हाँ...रात को दो बार उठ कर इस शिवलिंग को जै करना...एक बार
सोने से पहले...और दूसरी बार बीच रात मैं

शीला: जी पंडितजी...

पंडित ने शिवलिंग पर अपनी एक छोटी सी फोटो चिपका दी....और शीला को
बाँधने के लिए दे दिया...

शीला ने पहले जैसे शिवलिंग को अपनी टाँगों के बीच बाँध लिया...

शीला अपने कपड़े पहेन के घर चली आई......पंडित से अपनी तारीफ़ सुन कर
वो खुश थी....

सारे दिन शिवलिंग शीला के टाँगों के बीच चुभता रहा....लेकिन अब यह
चुभन शीला को अच्छी लग रही थी...

शीला रात को सोनेः लेटी तो उसे याद आया की शिवलिंग को जै करना है...

उसने सलवार का नाडा खोल के शिवलिंग निकाला और अपने माथे से लगाया...वो
शिवलिंग पे पंडित की फोटो को देखने लगी...

उसे पंडित द्वारा की गयी अपनी तारीफ़ याद आ गयी.....उसेह पंडित अच्छा
लगने लगा था...

कुछ देर तक पंडित की फोटो को देखने के बाद उसने शिवलिंग को वहीं अपनी
टाँगों के बीच में रख दिया और नाडा लगा लिया...

शिवलिंग शीला की चूत को टच कर रहा था....शीला ना चाहते हुए भी एक
हाथ सलवार के ऊपर से ही शिवलिंग पे ले गयी...और शिवलिंग को अपनी चूत
पे दबाने लगी....साथ साथ उसे पंडित की तारीफ़ याद आ रही थी...

उसका दिल कर रहा था कि वो पूरा का पूरा शिवलिंग अपनी चूत में डाल
दे....लेकिन इसे ग़लत मानते हुए और अपना मन मारते हुए उसने शिवलिंग से हाथ
हटा लिया...

आधी रात को उसकी आँख खुली तो उसेह याद आया की शिवलिंग को जै करनी
है...

शिवलिंग का सोचते ही शीला को अपनी हिप्स के बीच में कुछ लगा......शिवलिंग
कल की तरह शीला की हिप्स में फ़सा हुआ था....

शीला ने सलवार का नाडा खोला और शिवलिंग बाहर निकाला.....उसने शिवलिंग
को जै किया....उस पर पंडित की फोटो को देख कर दिल में कहने लगी.."यह क्या
पंडित जी...पीछे क्या कर रहे थे...".....शीला शिवलिंग को अपनी हिप्स के
बीच में ले गयी और अपने गांद पे दबाने लगी.....उसे मज़ा आ रहा था
लेकिन डर की वजह से वो शिवलिंग को गांद से हटा कर टाँगों के बीच ले
आई....उसने शिवलिंग को हल्का सा चूत पे रगड़ा...फिर शिवलिंग को अपने
माथे पे रखा और पंडित की फोटो को देख कर दिल मैं कहने लगी
"पंडितजी....क्या चाहते हो..?...एक विधवा के साथ यह सब करना अच्छी बात
नहीं"..........

फिर उसने वापस शिवलिंग को अपनी जगह बाँध दिया....और गरम चूत ही ले के
सो गयी....

अगले दिन......

पंडित: शीला...शिव को सुंदर स्त्रियाँ आकर्षित करती
हैं......अतः..तुम्हें शृंगार करना होगा....परंतु वेदों के अनुसार यह
शृंगार शूध हाथों से होना चाहिए.......मैने ऐसा पहले इसलिए नहीं
कहा की शायद तुम्हें लज्जा आए...

शीला: पंडितजी...मैने तो आपसे पहले ही कहा था कि मैं भगवान के काम
में कोई लज्जा नहीं करूँगी.....

पंडित: तो मैं तुम्हारा शृंगार खुद अपने हाथों से करूँगा....

शीला: जी पंडितजी...

पंडित: तो जाओ...पहले दूध से स्नान कर आओ..

शीला दूध से नहा आई....

पंडित ने शृंगार का सारा समान तैयार कर रखा था...लिपस्टिक, रूज़,
एए-लाइनर, ग्लिम्मर, बॉडी आयिल.....

शीला ने ब्लाउस और पेटिकोट पहना था....

पंडित: आओ शीला...

पंडित और शीला आमने सामने ज़मीन पर बैठ गये....पंडित शीला के बिल्कुल
पास आ गया

पंडित: तो पहले आँखों से शुरू करते हैं....

पंडित शीला के एए-लाइनर लगाने लगा..

पंडित: शीला...एक बात कहूँ..?

शीला: कहिए पंडितजी..

पंडित: तुम्हारी आँखें बहुत सुंदर हैं....तुम्हारी आँखों में बहुत
गहराई है...

शीला शर्मा गयी....

पंडित: इतनी चमकीली....जीवन से भारी...प्यार बिखेरती........कोई भी इन
आँखों से मन्त्र-मुग्ध हो जाए....

शीला शरमाती रही...कुछ बोली नहीं...थोडा मुस्कुरा रही थी....उसे अच्छा
लग रहा था....

एए-लाइनर लगाने के बाद अब गालों पे रूज़ लगाने की बारी आई..

पंडित ने शीला के गालों पे रूज़ लगातेः हुए कहा...

पंडित: शीला....एक बात कहूँ...?

शीला: जी...कहिए पंडितजी..

पंडित: तुम्हारे गाल कितने कोमल हैं.....जैसे की मखमल के बने हो....इन पे
कुछ लगाती हो क्या.....

शीला: नहीं पंडितजी.....अब शृंगार नहीं करती....केवल नहाते वक़्त साबुन
लगाती हूँ..

पंडित शीला के गालों पे हाथ फेरने लगा...

शीला शर्मा रही थी..

पंडित: शीला...तुम्हारे गाल छूनेः में इतने अच्छे हैं की..शिव का भी
इन्हें...इन्हें....

शीला: इन्हें क्या पंडितजी..?

पंडित: शिव का भी इन गालों का चुंबन लेने को दिल करे..

शीला शर्मा गयी....थोड़ा सा मुस्कुराई भी...अंदर से उससे बहुत अच्छा
लग रहा था...

पंडित: और एक बार चुंबन ले तो छोड़ने का दिल ना करे.....

गालों पे रूज़ लगाने के बाद अब लिप्स की बारी आई....

पंडित: शीला....होंठ (लिप्स) सामने करो...

शीला ने लिप्स सामने करे...

पंडित: मेरे ख़याल से तुम्हारे होंठो पर गाढ़ा लाल (डार्क रेड) रंग बहुत
अच्छा लगेगा....

पंडित ने शीला के होंठो पे लिपस्टिक लगानी शुरू की....शीला ने शरम से
आँखें बंद कर रखी थी...

पंडित: शीला...तुम लिपस्टिक होंठ बंद करके लगाती हो क्या....थोड़े होंठ
खोलो...

शीला ने होंठ खोले......पंडित ने एक हाथ से शीला की तोड़ी पकड़ी और
दूसरे हाथ से लिपस्टिक लगाने लगा....

पंडित: वाह...अति सुंदर.....

शीला: क्या पंडितजी...

पंडित: तुम्हारे होंठ....कितने आकर्षक हैं तुम्हारेहोंठ....क्या बनावट
है......कितने भर्रे भर्रे....कितने गुलाबी...

शीला: ....आप मज़ाक कर रहे हैं पंडितजी....

पंडित: नहीं...शिव की सौगंध.....तुम्हारे होंठ किसी को भी आकर्षित कर
सकते हैं.......तुम्हारे होंठो देख कर तो शिव पार्वती के होंठ भूल
जाए....वह भी ललचा जाए......तुम्हारे होंठो का सेवन करे.....तुम्हारे
होंठो की मदिरा पिएं................

शीला अंदर से मरी जा रही थी....उससे बहुत ही अच्छा फील हो रहा था....

पंडित: एक बात पूछूँ?

शीला: पूछिए पंडितजी..

पंडित: क्या तुम्हारे होंठो का सेवन किसी ने किया है आज तक...

शीला यह सुनते ही बहुत शर्मा गयी....

शीला: एक दो बार....मेरे पति ने..

पंडित: केवल एक दो बार.....

शीला: वो ज़्यादातर बाहर रहते थे....

पंडित: तुम्हारे पति के अलावा और किसी ने नहीं...

शीला: कैसी बातें कर रहें हैं पंडितजी....पति के अलावा और कौन कर
सकता है...क्या वो पाप नहीं है....

पंडित: यदि विवश हो के किया जाए तो पाप है.....वरना
नहीं............लेकिन तुम्हारे होंठो का सेवन बहुत आनंदमयी होगा......ऐसे
होंठो का रूस जिसने नहीं पिया..उसका जीवन अधूरा है...

शीला अंदर ही अंदर खुशी से पागल हुई जा रही थी...........अपनी इतनी
तारीफ़ उसने पहले बार सुनने को मिल रही थी...

फिर पंडित ने हेर-ड्राइयर निकाला..

अब पंडित ड्राइयर से शीला के बॉल सुखाने लगा....शीला के बॉल बहुत लंबे
थे...

पंडित: शीला झूट नहीं बोल रहा...लेकिन तुम्हारे बॉल इतने लंबे और घन्ने
हैं की शिव इनमें खो जाएँगे...

उसने शीला का हेर-स्टाइल चेंज कर दिया...उसके बॉल बहुत फ्लफी हो गये...

एए-लाइनर, रूज़, लिपस्टिक और ड्राइयर लगाने के बाद पंडित ने शीला को शीशा
दिखाया...

शीला को यकीन ही नहीं हुआ कि वह भी इतनी सुंदर दिख सकती है...

पंडित ने वाकई ही शीला का बहुत अच्छा मेक-अप किया था...

ऐसा मेकप देख कर शीला खुद को सेन्ल्युवस फील करने लगी...

उससे पता ना था कि वो भी इतनी एरॉटिक लग सकती है....

पंडित: मैने तुम्हारे लिए ख़ास जड़ीबूटियों का तेल बनाया है....इससे
तुम्हारी त्वचा में निखार आएगा...तुम्हारी त्वचा बहुत मुलायम हो
जाएगी.....तुम अपने बदन पे कौनसा तेल लगाती हो.?

शीला 'बदन' का नाम सुन के थोडा शर्मा गयी.....सेन्ल्युवस तो वो पहले ही
फील कर रही थी...'बदन' का नाम सुनके वो और सेन्युवस फील करने लगी...

शीला: जी...मैं बदन पे कोई तेल नहीं लगाती...

पंडित: चलो कोई नहीं.....अब ज़रा घुटनो के बल खड़ी हो जाओ....

शील नी-डाउन (टू स्टॅंड ओं नीस) हो गयी....

पंडित: मैं तुम पर तेल लगाओंगा....लज्जा ना करना..

शीला: जी पंडितजी...

शीला ब्लाउस-पेटिकोट में घुटनो पे थी......

पंडित भी घुटनो पे हो गया...

शीला के पेट पे तेल लगाने लगा....

अब वो शीला के पीछे आ गया....और शीला की पीठ और कमर पे तेल लगाने
लगा.....

पंडित: शीला तुम्हारी कमर कितनी लचीली है....तेल के बिना भी कितनी
चिकनी लगती है...

पंडित शीला के बिल्कुल पीछे आ गया....दोनो घुटनो पे थे...

शीला के हिप्स और पंडित के लंड मैं मुश्किल से 1 इंच का फासला था...

पंडित पीछे से ही शीला के पेट पे तेल लगाने लगा....

वो उसके पेट पे लंबे लंबे हाथ फेर रहा था...

पंडित: शीला....तुम्हारा बदन तो रेशमी है...तुम्हारे पेट को हाथ
लगाने में कितना आनद आता है....ऐसा लग रहा है कि शनील की रज़ाई पे
हाथ चला रहा हूँ..........

पंडित पीछे से शीला के और पास आ गया...उसका लंड शीला की हिप्स को जस्ट
टच कर रहा था...

पंडित शीला की नेवेल में उंगली घुमाने लगा....

पंडित: तुम्हारी धुन्नी कितनी चिकनी और गहरी है....जानती हो यदि शिव ने
ऐसी धुन्नी देख ली तो वह क्या करेगा..?

शीला: क्या पंडितजी.?

पंडित: साधा तुम्हारी धुन्नी में अपनी जीभ डाले रखेगा.....इसे चूस्ता
और चाट-ता रहेगा

यह सुन कर शीला मुस्कुराने लगी.....शायद हर लड़की/नारी को अपनी तारीफ़
सुनना अच्छा लगता है....चाहे तारीफ़ झूठी ही क्यूँ ना हो....

पंडित एक हाथ शीला के पेट पे फेर रहा था...और दूसरे हाथ की उंगली
शीला की नेवेल में घूममा रहा था...

शीला के पेट पे लंबे लंबे हाथ मारते वक़्त पंडित दो तीन उंगलिया शीला के
ब्लाउस के अंदर भी ले जाता...

टीन चार बार उसकी उंगलियाँ शीला के बूब्स के बॉटम को टच करी....

शीला गरम होती जा रही थी....

पंडित: शीला...अब हमारी पूजा आखरी चरनो(स्टेजस) मैं है.....वेदों के
अनुसार शिव ने कुछ आससन बतायें हैं...

शीला: आससन...कैसे आससन पंडितजी..?

पंडित: अपने शरीर को शूध करने के पश्चात जो स्त्री वो आस्सन लेती
है...शिव उस-से सदा के लिए प्रसन्न हो जाता है..........लेकिन यह आस्सन
तुम्हें एक पंडित के साथ लेने होंगे....परंतु हो सकता है मेरे साथ आससन
लेने में तुम्हें लज्जा आए...

शीला: आपके साथ आस्सन........मुझे कोई आपत्ति नहीं है.......

पंडित: तो तुम मेरे साथ आस्सन लॉगी..?

शीला: जी पंडितजी...

पंडित: लेकिन आस्सन लेने से पहले मुझे भी बदन पे तेल लगाना होगा....और
यह तुम्हें लगाना है...

शीला: जी पंडितजी...

यह कह कर पंडित ने तेल की बॉटल शीला को दे दी....और वो दोनो आमने सामने
आ गये....दोनो घुटनो पे खड़े थे...

शीला ने पंडित की चेस्ट पे तेल लगाना शुरू किया....

पंडित ने चेस्ट, पेट और अंडरआर्म्स शेव किए थे......इसलिए उसकी स्किन बिल्कुल
स्मूद थी...

शीला पहले भी पंडित के बदन से अट्रॅक्ट हो चुकी थी....आज पंडित के बदन
पे तेल लगाने से उसका बदन और चिकना हो गया...............वो पंडित की
चेस्ट, पेट, बाहें और पीठ पर तेल लगाने लगी.....वह अंदर से पंडित के
बदन से लिपटना चाह रही थी....शीला भी पंडित के पीछे आ गयी...और
उसकी पीठ पे तेल मलने लगी...फिर पीछे से ही उसके पेट और छाती पे तेल
मलने लगी....शीला के बूब्स हल्के हल्के पंडित की पीठ से टच हो रहे
थे....शीला ने भी पंडित की नेवेल में दो तीन बार उंगली घुमाई......
पंडित: शीला...तुम्हारे हाथों का स्पर्श कितना सुखदायी है....

शीला कहना चाह रही थी कि 'पंडितजी..आपके बदन का स्पर्श भी बहुत
सुखदायी है... '........लेकिन शर्म की वजह से ना कह पाई.......

पंडित: चलो...अब आस्सन ले...........पहले आस्सन में हम दोनो को एक दूसरे
से पीठ मिला कर बैठना है...

पंडित और शीला चौकड़ी मार के और एक दूसरे की तरफ पीठ कर के बैठ
गये....फिर दोनो पास पास आए जिससे की दोनो की पीठ मिल जाए.....

पंडित की पीठ तो पहले ही नंगी थी क्यूंकी उसने सिर्फ़ लूँगी पहनी
थी....शीला ब्लाउस और पेटिकोट में थी......उसकी लोवर पीठ तो नंगी
थी ही....उसके ब्लाउस के हुक्स भी नहीं थे इसलिए ऊपर के पीठ भी थोड़ी
सी एक्सपोज़्ड थी...

दोनो नंगी पीठ से पीठ मिला कर बैठ गये...

पंडित: शीला...अब हाथ जोड़ लो....

पंडित हल्के हल्के शीला की पीठ को अपनी पीठ से रगड़नेः लगा...दोनो की
पीठ पे तेल लगा था...इसलिए दोनो की पीठ चिकनी हो रही थी....

पंडित: शीला......तुम्हारी पीठ का स्पर्श कितना अच्छा है.......क्या तुमनें
इससे पहले कभी अपनी नंगी पीठ किसी की पीठ से मिलाई है..?

शीला: नहीं पंडितजी....पहली बार मिला रही हूँ....

शीला भी हल्के हल्के पंडित की पीठ पे अपनी पीठ रगड़नेः लगी....

पंडित: चलो...अब घुटनो पे खड़े होकर पीठ से पीठ मिलानी है....

दोनो घुटनो के बल हो गये....

एक दूसरे की पीठ से चिपक गये.....इस पोज़िशन में सिर्फ़ पीठ ही नहीं..दोनो
की हिप्स भी चिपक रहीं थी...

पंडित: अब अपनी बाहें मेरी बाहों में डाल के अपनी तरफ हल्के हल्के
खीँचो...

दोनो एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल के खींच ने लगे....दोनो की नंगी
पीठ और हिप्स एक दूसरे की पीठ और हिप्स से चिपक गयी....

पंडित अपनी हिप्स शीला की हिप्स पे रगड़ने लगा....शीला भी अपनी हिप्स पंडित
की हिप्स पे रगड़ने लगी...

शीला की चूत गरम होती जारही थी..

पंडित: शीला.....क्या तुम्हें मेरी पीठ का स्पर्श सुखदायी लगा रहा है..?

शीला शरमाई....लेकिन कुछ बोल ही पड़ी...

शीला: हाँ पंडितजी......आपकी पीठ का स्पर्श बहुत सुखदायी है...

पंडित: ...और नीचे का..?..

शीला समझ गयी पंडित का इशारा हिप्स की तरफ है..

शीला: ..ह..हाँ पंडितजी...

दोनो एक दूसरे की हिप्स को रगड़ रहे थे...

पंडित: शीला.....तुम्हारे चूतड़ भी कितने कोमल लगते हैं....कितने
सुडोल...मेरे चूतड़ तो थोड़े कठोर हैं...

शीला: पंडितजी....आदमियों के थोड़े कठोर ही अच्छे लगते हैं....

पंडित: अब मैं पेट के बल लेटूँगा...और तुम मेरे ऊपर पेट के बल लेट जाना...

शीला: जी पंडितजी...

पंडित ज़मीन पर पेट के बल लेट गया और शीला पंडित के ऊपर पेट के बल लेट
गयी...

शीला के बूब्स पंडित की पीठ पे चिपके हुए थे...

शीला का नंगा पेट पंडित की नंगी पीठ से चिपका हुआ था....

शीला खुद ही अपना पेट पंडित की पीठ पे रगड़ने लगी....

पंडित: शीला.....तुम्हारे पेट का स्पर्श ऐसे लगता है जैसे की मैने शनील
की रज़ाई औड ली हो.....और एक बात कहूँ...

शीला: स...कहिए पंडितजी..

पंडित: तुम्हारे स्तनो का स्पर्श तो......

शीला अपने बूब्स भी पंडित की पीठ पे रगड़ने लगी...

शीला: तो क्या....

पंडित: मदहोश कर देने वाला है.....तुम्हारे स्तनो को हाथों में लेने के
लिए कोई भी ललचा जाए...

शीला: स्सह.........

पंडित: अब मैं सीधा लेटूँगा और तुम मुझ पर पेट के बल लेट जाओ....लेकिन
तुम्हारा मुँह मेरे चरनो की और मेरा मुँह तुम्हारे चरनो की तरफ होना
चाहिए...

पंडित पीठ के बल लेट गया और शीला पंडित के ऊपर पेट के बल लेट गयी....

शीला की टाँगें पंडित के फेस की तरफ थी........शीला की नेवेल पंडित के
लंड पे थी....वह उसके सख़्त लंड को महसूस कर रही थी.....

पंडित शीला की टाँगों पे हाथ फेरने लगा...

पंडित: शीला........तुम्हारी टाँगें कितनी अच्छी हैं....

पंडित ने शीला का पेटिकोट ऊपर चड़ा दिया और उसकी थाइस मलने लगा....

उसने शीला की टाँगें और वाइड कर दी.....शीला की पॅंटी सॉफ दिख रही
थी...

पंडित शीला की चूत के पास हल्के हल्के हाथ फेरने लगा....

पंडित: शीला....तुम्हारी जाघे कितनी गोरी और मुलायम हैं.....

चूत के पास हाथ लगाने से शीला और भी गरम हो रही थी....

पंडित: तुम्हें अब तक सबसे अच्छा आस्सन कौनसा लगा.?

शीला: स....वो...घुटनो के बल....पीठ से पीठ...नीचे से नीचे वाला.....

पंडित: चलो....अब मैं बैठ-ता हूँ...और तुम्हें सामने से मेरे कंधों पे
बैठना है.....मेरा सिर तुम्हारी टाँगों के बीच में होना चाहिए...

शीला: जी....

शीला ने पंडित का सिर अपनी टाँगों के बीच लिया और उसके कंधों पे बैठ
गयी...

इस पोज़िशन में शीला की नेवेल पंडित के लिप्स पे आ रही थी....

पंडित अपनी जीभ बाहर निकाल के शीला की धुन्नी में घुमाने लगा...

शीला को बहुत मज़ा आ रहा था...

क्रमशः..............................







आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj

















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