Monday, May 24, 2010

ससुर बहु की कहानी-- कंचन--4

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,

कंचन --4
कंचनको समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे. ससुर जी तो पिता के समान थे. लेकिन कंचन के बदन को ललचाई नज़रों से देखना, बात बात पे उसके छूटरों पे हाथ फेरना, फोन पे चुपके से उसकी बातें सुनना, और अक्सर ऐसी बातें करना जो कोई ससुर अपनी बहू के साथ नहीं करता, और फिर उसकी पॅंटी पे वीरया का वो दाग, इस बात को साफ करता था की ससुर जी का दिल उसपे आ गया है. कंचन के मन में ये बातें चल रही थी की एक रोज़ जब कंचन सवेरे जल्दी सो के उठ गयी और उसने खिड़की के बाहर झाँका तो देखा की ससुर जी आँगन में खुली हवा में कसरत कर रहे हैं. कंचन उत्सुकतावश पर्दे के पीछे से उन्हें देखने लगी. ससुर जी ने सिर्फ़ एक लंगोट पहन रखा था. कंचन उनका बदन देख कर हैरान रह गयी. ससुर जी लुम्बे चौरे थे. उनका बदन काला और बिल्कुल गाथा हुआ था. लेकिन सुबसे ज़्यादा हैरान हुई ससुर जी के लंगोट का उभार देख कर. ऐसा लगता था की जो कुछ भी लंगोट के अंडर क़ैद था वो ख़ासा बरा था. कंचन को कमला की बातें याद आने लगी. उसके बदन में चीटियाँ रेंगने लगी. कंचन को विश्वास होने लगा की ससुर जी का लंड ज़रूर ही काफ़ी बरा होगा क्योंकि उसके पति राकेश का लंड भी 8 इंच का था और देवर रामू का लंड तो 10 इंच का था. बाप का लंड बरा होगा इसीलिए तो बच्चों का भी इतना बरा है. और अगर साली पहली चुदाई में बेहोश हो गयी थी टब तो ज़रूर ही बहुत बरा होगा. पहली बार कंचन के मन में इक्च्छा जागी की काश वो ससुर जी का लंड देख सकती. कंचन को ससुराल आए एक महीने से ज़्यादा हो चला था. अब वो रोज़ सुबह जल्दी उठ जाती और पर्दे के पीछे से ससुर जी को कसरत करते देखती. कंचन मन ही मन कल्पना करती की ससुर जी का लंड भी गधे के लंड जैसा ख़ासा लूंबा, मोटा और काला होगा. लेकिन क्या देवर रामू के लंड से भी बरा होगा? आख़िर एक मारद का लंड कितना बरा हो सकता है? कंचन का विचार पुक्का होता जा रहा था की किसी ना किसी दिन तो वो ससुर जी के लंड के दर्शन ज़रूर करेगी. हालाँकि अब कंचन को विश्वास हो गया था की ससुर जी अपनी जवान बहू पर फिदा हो चुके हैं लेकिन फिर भी वो उनकी परीक्षा लेना चाहती थी. परदा तो अब भी करती थी लेकिन अब वो ससुर जी के सामने जाने से पहले अपनी चुननी से सिर इस प्रकार से ढकति की उसकी छती पूरी तरह खुली रहे. ससुरजी के लिए दूध का ग्लास टेबल पे रखने के लिए इस तरह से झुकती की ससुर जी को उसके ब्लाउस के अंडर झाँकेने का पूरा मौका मिल जाए. वो अक्सर चूरिदार पहनती थी क्योंकि ससुरजी ने एक दिन उसको कहा था ' बहू चूरिदार में तुम बहुत सुन्दर लगती हो. सच तुम्हारा ये चूरिदार और कुर्ता तो तुम्हारी जवानी में चार चाँद लगा देता है.' ससुर जी के सामने अपने छूटरों को कुकच्छ ज़्यादा ही मटका के चलती थी. परदा करने का कंचन को बहुत फ़ायदा था, क्योंकि वो तो चुननी के अंडर से ससुरजी पे क्या बीट रही है देख सकती थी लेकिन ससुर जी उसका चेहरा ठीक से नहीं देख पाते थे. एक दिन की बात है. कंचन नहाने जा रही थी, लेकिन बाथरूम का बल्ब फ्यूज़ हो गया था. कंचन सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट में ही थी. कंचन ने एक कुर्सी पे चॅड कर बल्ब बदलने की कोशिश की लेकिन कुर्सी की टाँगें हिल रही थी और कंचन को गिरने का डर था. उसने सास को आवाज़ दी. दो तीन बार पुकारा लेकिन सासू मा शायद पूजा कर रही थी. उसे कंचन की आवाज़ सुनाई नहीं दी. रामलाल आँगन में अख़बार पढ रहा था. बहू की आवाज़ सुन कर वो बाथरूम में गया. वहाँ का नज़ारा देख के तो उसका कलेजा धक रह गया. बहू सिर्फ़ पीटिकोआट और ब्लाउस में कुर्सी पे खरी हुई थी और उसके हाथ में बल्ब था. पेटिकोट नाभि से करीब आठ इंच नीचे बँधा हुआ था. बहू का की गोरी कमर और मांसल पेट पूरा नज़र आ रहा था. कंचन ससुर जी को सामने देख कर हर्बरा गयी और एक हाथ से अपनी च्चातियों को ढकने की नाकामयाब कोशिश करने लगी. हकलाती हुई बोली, " पिताजी. आप...!" " हां बेटी तुम सासू मा को आवाज़ें दे रही थी. वो तो पूजा कर रही है इसलिए मैं ही आ गया. बोलो क्या काम है?" रामलाल कंचन की जवानी को ललचाई नज़रों से देखता हुआ बोला. " जी बल्ब फ्यूज़ हो गया है. लगाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कुर्सी हिल रही है. सासू मा को बुला रही थी की अगर वो मुझे पाकर लें तो मैं बल्ब बदल सकूँ." कंचन का एक हाथ अब भी अपनी छातिओन को छुपाने की कोशिश कर रहा था. " कोई बात नहीं बहू मैं तुम्हें पकर लेता हूँ." " जी आप ?" " घबराओ नहीं गीरौंगा नहीं." ये कहते हुए रामलाल ने कुर्सी के ऊपर खरी कंचन की जांघों को पीच्चे से अपनी बाहों में जाकर लिया. कंचन के भारी नितूंब रामलाल के मुँह से सिर्फ़ दो इंच ही दूर थे. रनलाल को पेटिकोट में से कंचन की गुलाबी रंग की पॅंटी की झलक मिल रही थी. ऊओफ़ ! 80 % चूतेर तो पॅंटी के बाहर थे. कंचन के विशाल चूतेर रामलाल के मुँह के इतने नज़दीक थे की उसका दिल कर रहा था , उन विशाल छूटरों के बीच में मुँह डाल दे. कंचन बुरी तरह से शर्मा गयी लेकिन क्या करती ? जल्दी से बल्ब लगाने की कोशिश करने लगी. बल्ब लगाने के लिए उसे हाथ च्चती पर से हटाना परा. रामलाल के दिल पे तो जैसे छुरी चल गयी. बहू की बरी बरी चूचियाँ ब्लाउस से बाहर गिरने को हो रही थी. पेटिकोट इतना नीचे बँधा हुआ था की बहू के नितूंब वहीं से शुरू हो जाते थे. कुर्सी अब भी हिल रहा थी. रामलाल ने इस सुनेहरा मौके का पूरा फ़ायदा उठाया. उसने अपने पैर से कुर्सी को और हिला दिया. बहू गिरने को हुई तो रामलाल ने उसकी जानहगों को अपनी ओर खींच कर और अक्च्ची तरह जाकर लिया. जांघों को अपनी ओर खींचने से कंचन के छ्होटेर पीच्चे की ओर हो गये और रामलाल का मुँह बहू के विशाल छूटरों के बीच की दरार में घुस गया. ऊफ़ क्या मादक खुश्बू थी बहू के बदन की. करीब 10 सेकेंड तक रामलाल ने अपना मुँह बहू के छूटरों की दरार में दबा के रखा. पेटिकोट पॅंटी समैत बहू के छूटरों के बीच फँस गया. कंचन ने किसी तरह जल्दी से बल्ब लगाया. " पिताजी बल्ब लग गया." " ठीक है बहू." ये कहते हुए रामलाल ने एकद्ूम से उसकी टाँगें छ्होर दी. जैसे ही रामलाल ने कंचन की टांगे छोरि कंचन का बॅलेन्स बिगड़ गया और वो आगे की ओर गिरने लगी. रामलाल ने एकद्ूम पीच्चे से हाथ डाल कर उसे गिरने से बचा लिया. लेकिन उसका हाथ सीधा कंचन की बरी बरी चूचीोन पे परा. अब कंचन की दोनो चूचियाँ रामलाल के हाथों में थी. रामलाल ने उसे चूचीोन से पाकर के अपनी ओर खींच लिया. अब सीन ये था की रामलाल पीच्चे से बहू से चिपका हुआ था. बहू के विशाल छूटेर रामलाल के सखत होते हुए लंड से सटे हुए थे और बहू की दोनो चूचियाँ रामलाल के हाथों में दबी हुई थी. ये सूब तीन सेकेंड में हो गया. " अरे बहू मैं ना पकर्ता तो तुम तो गिर जाती. ना जाने कितनी चोट लगती. ऐसे काम तुम्हें खुद नहीं करने चाहिए. हुमें कह दिया होता. आगे से ऐसा नहीं करना" रामलाल बहू की चूचीोन पर से हाथ हटता हुआ बोला. " जी पिता जी. आगे से ऐसा नहीं करूँगी."



















Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator