Tuesday, May 25, 2010

raj sharma storie कच्ची कली--01

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कच्ची कली--01


लेखक  --ग्रेट वारियर

हिन्दी डबिंग --राज शर्मा  
मेरा नाम राज है लोग प्यार से मुझे राज्ज्ज भी कहते हैं. 28 साल  का हू और थोड़ा सा हॅंडसम और स्टाइलिश भी हू. गोरा रंग. ब्रॉड  शोल्डर्स, मस्क्युलर बॉडी और हेरी चेस्ट. मैं एक एलेक्ट्रॉनिक कंपनी  मई मेंटेनेन्स इंजिनियर हू. हमारी कंपनी एलेक्ट्रॉनिक कॉंपोनेंट्स भी  बनाती है जिसकी इंडस्ट्रियल एरिया मई एक मीडियम साइज़ की फॅक्टरी भी  है यह जॉब जोइन कर के मुझे बॅस 3 ही मोन्थ्स हुए हैं. हमारी  फॅक्टरी शहेर से तकरीबन 25 किलोमेटेर की दूरी पे है. हमारी  कंपनी का एक शोरुम और मेंटेनेन्स सेक्षन का एक ऑफीस शहेर  मई भी है जहा मुझे डेली जाना पड़ता है तो मैं डेली 25 काइलामीटर  का अप आंड डाउन अपनी यामेहा बाइक पे ही करता हू. मुझे बाइक्स का बोहोत  शुवक है और मैं 1 या 2 साल मई बाइक्स बदलता रहता हू.   इंडस्ट्रियल एरिया मई फॅक्टरी वर्कर्स  और स्टाफ के लिए छोटे छोटे हाउसिंग कॉलोनीस बने हुए हैं जो  फॅक्टरीस से थोड़ी दूर के डिस्टेन्स पा हैं. मैं भी ऐसी ही एक  कॉलोनी के एक इनडिपेंडेंट घर मैं रहता हू. मेरा घर बोहोत बड़ा भी  नही बोहोत छोटा भी नही. मेरे घर के सामने छोटा सा गार्डेन है  फिर गेट है. मेरा घर मीडियम साइज़ का है जिस्मै एक सिट्टिंग रूम, 2  मीडियम साइज़ के बेडरूम्स, 1 ड्रॉयिंग कम डाइनिंग रूम है जहा टीवी, वीडियो  और म्यूज़िकल सेट भी रखा हुआ है शौकीन मिज़ाज का हू इसी लिए बोहोत  पॉवेरफूल स्पीकर्स को ऐसे छुपा के रखा है के वो किसी को भी दिखाई  नही देते बॅस वंडरफुल ब्लास्ट करते रहते है जिसे सुन के तबीयत  मस्त हो जाती है और छोटी से छोटी म्यूज़िकल इन्स्ट्रुमेंट की साउंड भी  बोहोट बढ़िया और क्लियर आती है. में ने अपना कंप्यूटर अपने बेडरूम  मई रखा हुआ है जिस्मै हाइ स्पीड इंटरनेट अदस्ल कनेक्षन भी है  जहा मैं रात के टाइम पे लड़कियों से सेक्सी चाटिंग करता हू और सेक्स  स्टोरीस पढ़ता और लिखता हू और मेरे पास सेक्स पिक्चर्स का बोहोत बड़ा  ख़ज़ाना है.    मेरे डॅडी और मम्मी दोनो अलग अलग MणC मई काम करते है और दूसरे  सिटी मई ही रहते हैं. मेरी अभी शादी नही हुई है और मैं यहा  अपने घर मैं अकेला ही रहता हू. अभी हाउस मैड की सर्च कर रहा  हू जो मेरे लिए खाना बना दे और कपड़े धो के आइरन कर दे और घर  की सफाई वाघहैरा कर दिया करे पर अभी तक कोई हौसेमैड नही मिली.  खाना पकाना तो आता नही इसी लिए लंच और डिन्नर होटेल से ही ख़ाता  हू कभी कभी पॅक करवा के घर ला आता हू और घर पे ही खा लेता  हू. ब्रेकफास्ट खुद ही बनता हू ब्रेड, बटर, जाम एग्स या कॉर्नफ्लेक्स  विथ मिल्क बना के खा लेता हू. अपने कपड़े तो लॉंड्र मैं दे देता हू  पर अपनी प्लेट्स खुद ही धोनी पड़ती हैं.    मेरे घर के सामने ही बस स्टॉप भी है जहा स्कूल की बस भी स्कूल  के लड़कीों को पिक करती है मैं डेली अपने घर से और ऑफीस जाते  समए स्कूल की लड़कियों को बस का वेट करते देखता हूँ और यह  बस स्टॉप मुझे मेरे ड्रॉयिंग रूम की विंडो से भी नज़र आता है.  स्कूल ड्रेस मैं मुझे वो बोहोट अची लगती है. मेरे टाइम पे बोहोत  तो नही बॅस 3 या 4 अड्वान्स क्लास की लड़कियाँ ही होती हैं. ब्लू  कलर का स्कर्ट और वाइट शर्ट और उस पे ब्लू टाइ के यूनिफॉर्म के साथ  उनके सर से झूलती हुई पोनी टेल बोहोत अछी लगती है. मई उनको  देखता हुआ चला जाता हू कभी ऐसा कोई घालत ख़याल मेरे मान मई  नही आया था बस एक ग्लॅन्स दाल के मई चला जाता हू.    मई डेली रुटीन की तरह से 9 बजे घर से निकला. अभी शाएद 50  मीटर भी नही आया था के एक लड़की ने हाथ हिला के मुझे रुकने का  इशारा काइया तो मई रुक गया. एक नज़र मई देखा के हू एक बोहोट ही  क्यूट लड़की है. होगी शाएद कोई 14 साल की. मई उसको देखता ही रह  गया बोहोट गोरा रंग इतना गोरा के मानो हाथ लगा ते ही मैला हो जाए  बॅस मलाई लगती थी मलाई, लाल कश्मीरी सेब जैसे गाल, बड़ी बड़ी  हिरनी जैसी लाइट ब्राउन कलर की आँखें, चीक्स मई डिंपल, लाइट  ब्राउन हेर, मीडियम हाइट, भरे भरे बदन वाली लड़की थी और उसके  ब्लू स्कर्ट जो उसके नीस से थोड़ा उप्पेर था जिस से उसकी शेप्ली और  वंडरफुल सिडोल थाइस नज़र आ रहे थे लगता था के वो स्पोर्ट्स गर्ल  होगी उसके स्कर्ट के ऊपेर वाइट और थोड़ी सी टाइट शर्ट मई से उसके  छोटे से सेब ( बेबी आपल ) या छोटे साइज़ के संतरे (ऑरेंज) जैसे  चुचियाँ उभरी हुए दिख रही थी. उसकी टाइ दोनो चुचीोन के बीच मई  लटक रही थी. मई बाइक रोक के खड़ा हो गया और उसकी खूबसूरती मई  डूब के रह गया और उसको देखा तो देखता ही रहा बोहोट ही खूबसूरत  थी जैसे कोई आकाश से उतरी हुई अप्सरा. उसे देख के यह ख़याल भी  नही रहा के उसने मुझे इशारा कर के रुकाया है. मई सोच रहा था  के यह लड़की नही यह तो क़यामत है क़यामत और अभी इश्स उमर मई  इसकी खूबसूरती का यह हाल है तो जब यह बड़ी हो जाएगी तो किया होगा  सड़क पे चलते लोग मुड़ मुड़ के देखेगे इसकी मस्त जवानी को. –   वो मेरी तरफ थोड़ी देर तक  अपनी बड़ी बड़ी शरारती आँखों से देखती रही और फिर मेरे हाथ पे  अपना हाथ रख के कहा अंकल कहा खो गये आप !!! मेरे मूह से एक दूं  से निकल गया ओह वाउ यू आर दा मोस्ट ब्यूटिफुल गर्ल आइ हॅव सीन तुम  बोहोट ही सुंदर हो तो वो थॅंक्स अंकल कह के मुस्कुरा दी फिर मुझे  एहसास हुआ के मैं ने यह किया कह दिया और फिर सडन्ली मई अपने  ख़यालो से वापस आया और पूछा किया बात है तो उसने कहा अंकल आज  मेरी बस मिस हो गई किया आप मुझे स्कूल तक ड्रॉप दे सकते हैं ?.  मई ने पूछा कौनसा स्कूल और कहा है तुम्हारा स्कूल तो उसने कहा  के वो स्ट्रीट. मेरी'स कॉनवेंट हाइ स्कूल मई पढ़ती है और 10थ क्लास  मई है. उसका स्कूल मेरे ऑफीस के करीब ही था इसी लिए मई ने  कहा के आओ पीछे बैठ जाओ. उसने थॅंक्स अंकल कहा और पीछे की  सीट पे उचक के बैठ गई.    उसने खुद ही बात शुरू करते हुए कहा के मेरा नाम गीता शर्मा है.  मेरे डॅडी स्टील फॅक्टरी मई सीनियर सेल्स डाइरेक्टर है है और मम्मी  प्लास्टिक फॅक्टरी मई अकाउंटेंट हैं. सुबह दोनो मेरे से पहले ही  ऑफिसस को चले जाते हैं. डॅडी और मम्मी के जाने के बाद हमारी  हाउस मैड आती है और उसके आने के बाद ही मई स्कूल के लिए निकल  जाती हू पर आज थोड़ी देर हो गई और बस मिस हो गई और अब कोई  दूसरी बस भी नही है. डॅडी भी ऑफीस के काम से बहेर गये हुए  है और मम्मी अपने जॉब पे सुबह ही चली जाती है तो मुझे कोई लिफ्ट  नही मिलती आज आप आ गये थॅंक्स अंकल नही तो मेरा स्कूल मिस हो  जाता. मई ने कहा कोई बात नही यू आर मोस्ट वेलकम. कौनसी क्लास  मई हो तो उसने बताया के हू 10थ मई है और अपनी क्लास की कॅप्टन  भी है और स्पोर्ट्स की सेक्रेटरी भी है इसी लिए उसको स्कूल अटेंड  करना बोहोत इंपॉर्टेंट होता है. मई सोचने लगा के स्पोर्ट्स मई है इसी  लिए इतना सिडोल बदन है इसका वंडरफुल थाइस और एक डम से हेल्ती  और आक्टिव लग रही थी.    कॉलोनी ख़तम होने के बाद मैं रोड पे आ गये. मैं रोड पे उतनी  ज़ियादा ट्रॅफिक नही रहती और यहा से टाउन तक रोड के दोनो तरफ बड़े  बड़े नीम के पेड (ट्रीस) है और दूर दूर तक खेत भी है जहा  से खेतों की मधुर सुगंध आती रहती है एस्पेशली शाम मई और  रात मई. रात मई यह पूरा रास्ता ऑलमोस्ट अंधेरा ही रहता है और  कोई ट्रॅफिक भी नही होती. मैं रोड से टर्न लेने के बाद भी  तकरीबन 3 काइलामीटर पे हमारी कॉलोनी स्टार्ट होती है और कॉलोनी के  करीब ही लाइट्स लगी हुई हैं अदरवाइज़ टाउन से बहेर निकालने के बाद  तकरीबन 28 काइलामीटर अंधेरे मई ही ही हमारी कॉलोनी तक ट्रॅवेल  करना पड़ता है. स्कूल की लड़किया तो बस से स्कूल जाती है और  स्कूल ख़तम होने के साथ ही शाम से पहले बस से ही वापस आ जाती  है या उन्हाई उनका कोई रिलेटिव या जानने वाला लिफ्ट दे देता है.    अब कॉलोनी से हम मैं रोड पे आ गये. उसने बताया के अंकल हमारा  स्कूल 10:30 बजे से स्टार्ट होता है तो मेरे पास टाइम है आप इटमेनन  से बाइक चलिए. व्हो बाइक के दोनो तरफ अपने पैर रख के बैठी थी  उसके बॅक पे उसका स्कूल बाग लगा हुआ था और उसने हाथ मेरे पेट पे  लप्पेट के मुझे पकड़ा हुआ था. मेरी यामेहा की सीट थोड़ी सी स्लॅनटिंग  थी पीछे से उठी हुई थी और सामने से झुकी हुई थी इसी लिए वो  मुझ से चिपक के बैठी थी और मुझे मेरे बॅक पे उसके चुचियाँ लग  रहे थे जिस से मेरे शरीर मई एलेक्ट्रिसिटी दौड़ रही थी और मुझे  बोहोत मज़ा आ रहा था.    मई बिके स्पीड से चला रहा था और वो मुझ से पूरी तरह से चिपकी  हुई थी और उसके चुचियाँ मेरे बॅक से प्रेस हो रहे थे और जब बाइक  झटका खाती तो उसकी चुचियाँ मेरे बदन पे ही ऊपेर नीचे जाते थे.  इसी तरह से रास्ता गुज़र गया हम तकरीबन 35 या 40 मिनिट्स मई  शहेर मई एंटर हो गये. पहले मेरा ऑफीस आता था मई ने गीता को  बताया के देखो यह मेरा ऑफीस है तो उसने कहा के अंकल मेरा स्कूल  भी तो यही है यह सिग्नल के पीछे वाली रोड पे है. मई उसको उसके  स्कूल पे ड्रॉप किया तो पता चला के स्कूल और मेरे ऑफीस के बीच  मई हार्ड्ली 5 मिनिट्स का वॉकिंग डिस्टेन्स है. मई ने कहा के कभी  भी कोई ज़रूरत हो या कुछ भी हो तो मेरे पास ऑफीस को आ जाना.  उसने थॅंक्स कहा और मेरी तरफ हाथ हिला के बाइ करती हुई मुस्कुराती  हुई स्कूल के गाते मई दौड़ती हुई चली गई मई बोहोत देर तक उसके  डॅन्स करते चुचियाँ और उसकी लटकती हुई पोनी टेल और उसके मलाई  जैसे गोरे और शेप्ली सेक्सी थाइस को देखता ही रह गया और फिर  पलट के ऑफीस आ गया. ऑफीस मई किसी काम मई दिल नही लगा बार  बार उसके चुचियाँ, उसकी मोटी सेक्सी थाइस और लटकती हुई पोनी टेल  ही दिमाग़ मई घूमती रही. –   शाम हो गई और वो नही आई शाएद बस मिल गई होगी. मई ऑफीस ख़तम  होने के बाद घर आ गया. बस स्टॉप देख के मुझे गीता की याद आई  पर थोड़ी देर मई ही भूल गया और अपना खाना खा के टीवी देखने लगा.  थोड़ी देर चाटिंग कर के सो गया.    दूसरे दिन मई रेडी हो के बाइक पे निकला तो देखा के गीता वही खड़ी  है. मई बाइक उसके करीब ले गया और रोक के पूछा के आज किया हुआ ?  किया फिर से बस मिस कर दी ?? तो वो मुस्कुरा के बोली के सॉरी अंकल  आज मई ने जान बूझ के बस मिस की है. आइ वान्ना गो विथ यू कल  आपके साथ बाइक पे बैठना मुझे बोहोट अछा लगा मुझे बोहोट मज़ा  आया. टेल मी अंकल कॅन यू टेक मी टू माइ स्कूल आप माइंड तो नही  करोगे ना अंकल ? वो बोहोत अछी इंग्लीश बोल रही थी. मैं ने कहा माइ  प्लेषर कम ऑन सिट ऑन माइ पिलियन सीट. वो उचक के मेरे पीछे  बैठ गई और बाइक चलाने से पहले ही मुझे ज़ोर से ऐसे चिपक गई  जैसे मुझे अपने चुचियाँ फील करवाना चाहती हो. आज हम इधर उधर  की बातें कर रहे थे. उसके फ्रेंड्स की, स्कूल कीं उसके टीचर्स की.  वो बोहोत इंटेरेस्ट ले के मेरे साथ बातें कर रही थी. ऐसे ही  बातें करते करते रास्ता गुज़र गया.    स्कूल आ गया और गीता बाइक से उतर ते हुए बोली के अंकल आज मेरी  स्पेशल क्लास है. प्रॉबब्ली मैं आपके साथ ही वापस जौगी. अगर मई  आपके ऑफीस ख़तम होने तक नही आइी तो आप ऑफीस के बाद भी थोड़ी  देर मेरा वेट करलेणा प्लीज़. आइ हॅव ऑलरेडी इनफॉर्म्ड माइ मोम आंड टोल्ड  हर अबाउट यू. शी ईज़ वेरी हॅपी दट यू आर गिविंग मे लिफ्ट. इस्स  वीकेंड पे मई आपको अपनी मम्मी से मिलवौगी. मई ने बोला के कोई बात  नही तुम इटमेनान से अपनी स्पेशल क्लास अटेंड कर के मेरे ऑफीस आ  जाओ दोनो मिल के वापस चलते है मेी तुम्हारा वेट करूगा यह बोल के  मई ऑफीस आ गया और बेचैनी से शाम का वेट करने लगा.    मई ऑफीस के डेली रुटीन वर्क मई बिज़ी हो गया इसी मई शाम हो  गई. गीता का स्कूल ख़तम हो गया और वो मेरे ऑफीस पा आ गई बट  मुझे अभी थोड़ा और काम बाकी था मई ने कहा के अभी थोड़ी देर मई  चलते हैं. उसने अपने घर फोन करके उसकी मम्मी को बता दिया के वो  मेरे साथ है और मेरे साथ ही वापस आएगी. उसकी मम्मी ने अड्वान्स मई  थॅंक्स कहा और कहा के अंकल को परेशान नही करना जब उनका काम  ख़तम हो तब ही आना उसने कहा ओके मम्मी डॉन'ट वरी आइ वोन्त ट्रबल  हिम.    ऑफीस से काम ख़तम करके निकलते निकलते लेट ईव्निंग हो गई थी  थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी होने लगा था. बाइक स्टार्ट किया और गीता उछल  के पीछे बैठ गई. शहेर से हम बहेर निकल आए. बहेर आते ही  दोनो तरफ के खेतो से ठंडी ठंडी हवा आ रही थी मौसम बोहोट  अछा हो गया था. खेतों की यह मधुर सुगंध मुझे बोहोट अछी लगती  है और मई बाइक को धीरे धीरे चलाता और खेतों की सुगंध का  मज़ा लेते हुए बाइक चला रहा था. गीता भी बाइक के फुट रेस्ट पे  पैर रख के खड़ी हो गई और मेरे नेक पे अपने हाथ दाल दिए और  राइडिंग का मज़ा लेने लगी. वो थोड़ी थोड़ी देर मई उठ जाती थी और  बैठ जाती थी जिस से उसके चुचियाँ मेरे बॅक पे रगड़ खा रहे थे  और मेरा लंड पॅंट के अंदर से बहेर निकालने को बेचैन हो गया और  अकड़ने लगा.    यह रोड पे कोई ट्रॅफिक नही रहती थी कियोंकि यह रोड सिर्फ़  इंडस्ट्रियल एरिया की हाउसिंग कॉलोनी को ही जाती थी. सिर्फ़ रिलेटेड लोग ही  इश्स रोड पे आते जाते थे. कभी कभी कोई कार या बाइक बाज़ू से  चली जाती. मई बाइक बोहोत धीमी गति से चला रहा था गीता की  चुचीोन को अपनी पीठ पे फील कर के मज़े ले रहा था और कोई जल्दी  भी तो नही थी अब तो गीता की मम्मी को भी मालूम हो गया था के वो  मेरे साथ है. उसके हाथ मेरे पेट से स्लिप हो गये और मेरे थाइस पे  आ गये. मेरे बदन मई एलेक्ट्रिक के झटके लगना शुरू हो गये. बहेर  की मस्त हवा थी या गीता की रगड़ती चुचियाँ या उसकी चड़ती जवानी  का नशा के गीता ने अपना हाथ और करीब कर लिया और मुझ से चिमत  गई जिस से उसके हाथ मेरे जॅंग पे आ के रुक गये. पोज़िशन ऐसी थी  के बस 2 या 3 इंच और उसके हाथ नीचे उतार जाता तो सीधे मेरे लंड  पे ही उसके हाथ होते. अपने लंड के इतना करीब उसके हाथ का स्पर्श  महसूस करके मेरा लंड बोहोत ही ज़ोर से अकड़ गया और पॅंट के अंदर  से बहेर निकलने को मचलने लगा. गीता मेरे कान के करीब अपना मूह  ला के मेरे कान मई धीरे से बोली आप बोहोत आछे हो अंकल यू आर  रियली वेरी वेरी स्वीट आंड वंडरफुल यू हॅव ए पॉवेरफूल बॉडी और जो  मुझे ज़ोर से हग किया तो उसके हाथ मेरे लंड से टकरा गये और उसने  अपने हाथ मेरे लंड के पास से नही हटाया वही लंड से लगाए ही  रहने दिया. आआआआहह मेरे मूह से सिसकारी निकल गई. उसने  पूछा किया हुआ अंकल तो मई ने कहा कुछ नही आज राइडिंग मई बोहोत  मज़ा आ रहा है. - उसने  शरारत से मुस्कुराते हुए कहा मुझे भी बोहोत मज़ा आ रहा है अंकल  ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नही आया और कभी किसी की बाइक पे भी  नही बैठी फिर एक हग और किया तो उसका हाथ डाइरेक्ट मेरे लंड के  ऊपेर ही गया उसने अपना हाथ वाहा से नही हटाया ऐसे ही मेरे आकड़े  हुए लंड पे रहने दिया. मुझे यकीन हो गया के उसने मेरे आकड़े हुए  लॅंड को महसूस किया होगा और जान बूझ के अपना हाथ वेहा से नही  हटाया.    

kramashah..................

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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
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`·.¸.·´ --  raj








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