raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
बाली उमर की प्यास पार्ट--39
गतान्क से आगे..................
"तो तुम दो रह गयी... अब भी सोच लो.. मैने पहले ही बहुत टाइम दे दिया है तुम दोनो को.. बाद में ये मत कहना कि सीमा दीदी ने ये क्या किया.. एक मिनिट और दे रही हूँ...!" सीमा ने दूसरी तरफ रह गयी दोनो लड़कियों को घूरते हुए कहा...
पर उन्न लड़कियों की ज़ुबान ने कोई हरकत नही की.. वो ऐसे ही सिर झुकाए खड़ी रही.. हां! एक दूसरी के पिछे छिप्ने की कोशिश में दोनो पिछे दीवार की तरफ खिसकती जा रही थी... सीमा द्वारा दिए एक मिनिट में और कुच्छ नही हुआ.. सिवाय उनके कोने में जाकर एक दूसरी से चिपक कर खड़े होने के....
सीमा दीवार घड़ी की तरफ लगातार ऐसे घूर रही थी जैसे कोई रॉकेट छ्चोड़े जाने का काउंटडाउन चल रहा हो... सीमा के अलटिमेटम के बाद जैसे ही सेकेंड वाली सुईन ने एक चक्कर पूरा किया.. सीमा बोली..,"ज्योति.. 'टाइगर' निकाल कर ला...!"
"जी दीदी...!" ज्योति थोड़ी सकुचा कर बोली और खड़ी होकर अलमारी की तरफ लपकी...
"मम्मी कसम दीदी जी.. मैने आज तक कुच्छ नही किया... मुझे छ्चोड़ दो...! कास्साम से दीदी जी.. मैने कभी ग़लत बात नही....." सीमा के मुँह से 'टाइगर' निकाल कर लाने की बात सुन एक लड़की ने फूट फूट कर रोना शुरू कर दिया...
"चुप!" सीमा ने लड़की को जैसे ही घूरा... उसका बात उसके हलक में अटक कर रह गयी..," अभी मैने तेरा पकड़ा ही क्या है जो इतनी...!"
सीमा कुच्छ कह ही रही थी कि ज्योति 'टाइगर' छुपा कर लाई और सीमा को पकड़ा दिया...
"इसको पहचानती हो ना?" सीमा ने 'टाइगर' को बिस्तेर पर सीधा खड़ा करके पूचछा और मुस्कुरा कर लड़कियों के चेहरों को पढ़ने लगी....
मुझे लगता है कि सबका वही हाल हुआ होगा जो 'टाइगर' को देख कर मेरा हुआ था... 'उस' को नज़र भर कर देखते ही मेरे बदन के 'उस' हिस्से में अचानक चीतियाँ सी रेंगने लगी.. ज़्यादा देर तक उस पर नज़रें गड़ाए भी ना रह सकी.. 'डर' था कहीं दूसरी लड़कियाँ मेरी ललचाई नज़रों को पढ़ ना लें....
दरअसल 'टाइगर' 20 रुपए वाली 'मोमबत्ती' था जो सीमा (शायद) की अद्भुत और बेजोड़ कारीगरी का सबूत बनकर हमारी नज़रों के सामने 'तना' हुआ खड़ा था... बड़े ही सुन्दर वास्तु-कौशल का परिचय देते हुए 'उस' मोमबत्ती को लगभग 8 इंच लंबे और इतनी ही गोल परिधि वाले 'लिंग' में बदल दिया गया था.. 'टाइगर' की मंडी भी एकदम लिंग के सूपदे की तरह लग रही थी; बाकी हिस्से से थोड़ी 'मोटी' और आगे थोड़ा पैनापन लिए हुए... मुझे तो वो एकदम सुन्दर के लिंग का हू-बहू 3डी मॉडल लगा था.. बस नीचे लटकने वाले 'गोलों' की जगह मोमबत्ती का स्टॅंड ज्यों का त्यों छ्चोड़ दिया गया था.. 'वो' भी शायद इसीलिए छ्चोड़ा गया होगा कहीं बदहवासी में 'टाइगर' अंदर ना खो जाए....
विडंबना कि उस घड़ी में भी कमरे में मौजूद हर लड़की रह रह कर तिरछि नज़रों से 'टाइगर' को निहारने का लालच छ्चोड़ नही पा रही थी... पर कुच्छ बोलने का साहस भी कोई नही कर पा रही थी....
"इधर आ..!" सीमा ने तीखे तेवरों से सुनयना को उंगली से अपने पास आने का इशारा किया.. बेढंगे कदमों से हड़बड़ाहट में चलकर सुनयना सीमा के पास आकर खड़ी हो गयी...,"ज्जजई... जी क्या दीदी जी?"
"बोलती क्यूँ नही...?...मेरी तरफ देख! जानती है ना इसको...?" सीमा ने गुर्रकार पूचछा...
"आ.हाआँ दीदी जी.. पता है...?" सुनयना की इस बार नज़रें चुराने की भी हिम्मत नही हुई....
"तो बताती क्यूँ नही...? बोल जल्दी.. इसका नाम बता...!"
"ज्जई.. ये 'वो' है...!" सुनयना ने नज़रें झुका कर झुरजुरी सी ली....
"वो क्या तेरी...." सीमा ने शब्दों को चबाते हुए कहा और फिर तैश में बोली..," खीरे को यहाँ रख दे.. साथ में लेकर सोने का इरादा बना लिया है क्या?"
सीमा के कहते ही खीरा सुनयना के हाथों से छ्छूट कर फर्श पर गिर पड़ा...
"ले.. पकड़ इसको.. हाथ में लेकर पहचान ले.." सीमा ने 'टाइगर' उठाकर झिझक रही सुनयना की मुथि में पकड़ा दिया..," ज़्यादा टाइम वेस्ट मत कर.. मुझे और भी काम हैं.. सामने करके नाम बता इसका.. नही तो..."
"ज्जई.. Pप्पेनिस!" सुनयना ने आख़िरकार बोल ही दिया...
"ज़्यादा अँग्रेजन मत बन.. हिन्दी में समझा दे.. वरना इसको तेरे 'वहाँ' घुसे..."
सीमा ने अपनी धमकी पूरी भी नही की थी कि लड़खड़ाती हुई ज़ुबान से सुनयना ने बोल ही दिया...," ज्जई.. लिंग!"
"चल उधर हट.. तेरे बस का कुच्छ नही है.. मुझे पता चल गया तू गंडवी है एक नंबर. की...सस्सली शरमाती है...." सीमा ने उसके हाथ से 'टाइगर' छ्चीन लिया....,"तू आ.. क्या नाम है तेरा..?" सीमा ने उसी ग्रूप से एक और लड़की को बुलाकर 'टाइगर' उसके हाथ में थमा दिया...,"बता.. क्या नाम है..?"
लड़की को जल्दी पिच्छा च्छुड़वाना था शायद... बेचारी ने 'टाइगर' हाथ में लेते ही ऊँचा उठाया और झट से बोली...,"लौदा.....!"
मैं उसके बेबकीपाने पर अचरज से उसकी ओर देख ही रही थी की सीमा ज़ोर ज़ोर से हंसते हुए बिस्तर पर लोटपोट होने लगी.. उसके साथ ही ज्योति और आरती भी खिलखिला उठी थी.... मेरी समझ में माजरा आया नही था.. नाम पूचछा था.. अगली ने नाम बता दिया.. हँसने वाली क्या बात है इसमें....!
जी भर कर उसकी रॉनी सूरत को देख कर पेट पकड़ कर हंस रही सीमा थोड़ी देर बाद कुच्छ शांत हुई और बोली..,"मैने तेरा नाम पूचछा था चूतिया..." और कमरे में ठहाका गूँज उठा....
"ज्जई नही दीदी.. मैने समझा आप... मेरा नाम तो धीरज है...!" लड़की की सूरत देखते ही बन रही थी....
सीमा की हँसी अब तक बंद नही हुई थी...,"ठीक है.. अब इसका नाम बता..!" सीमा ने हंसते हंसते दूसरी लड़कियों की और देखा...
इस बार धीरज की आवाज़ से 'वो' जोश' गायब था जो उसने 1 मिनिट पहले दिखाया था..,"ज्जई.. इसका नाम.. लौदा है...!"
"चल शाबशह.. पूरे नंबर. दिए तुझे... ऐसे ही बेबाक रहना.. नही तो दुनिया मा चोद देगी तेरी...." सीमा ने उसके हाथ से लौदा ले लिया... और दूर सहमी खड़ी लड़कियों की और देख कर बोली..,"तुम्हे मैं कुच्छ नही कह रही.. डरो मत! मज़ा लेना है तो खड़ी रहो.. जाना है तो बोल दो...!"
दोनो में से कोई कुच्छ नही बोली.. एक बार एक दूसरी की आँखों में देखा और फिर से सिर झुका लिया....
"जल्दी बोलो.. मज़े लेने हैं या जाना है..?" सीमा ने एक बार फिर पूचछा...
"जाना है दीदी...!" एक ने बोल ही दिया...
"और तुम्हे...?" सीमा ने दूसरी की ओर देखा...
"मुझे भी.. अगर आप जाने दो तो...." आवाज़ में घबराहट सी लिए दूसरी लड़की के मुँह से निकला....
"मैं ही तो बोल रही हूँ... पर ध्यान रखना... कल को मुझसे काम भी पड़ेगा... आज के बाद इस कमरे में पैर रख दिए तो टांगे तोड़ दूँगी...!"
"मैं नही जा रही दीदी...!" दूसरी लड़की ने एकदम से अपनी बात बदल दी...
"ठीक है..." सीमा मुस्कुराते हुए बोली और फिर पहली लड़की की ओर देखा..,"तू?"
लड़की ने गर्दन ना में हिलाई और अपना सिर झुका लिया....
"शाबाश...!" सीमा ने कहा और दूसरी 'टीम' में से तीसरी लड़की को आगे बुलाया....
"ले पकड़!" सीमा ने उसके हाथों में टाइगर पकड़ा दिया...,"चल नाम बता..!"
"जी.. मेरा.. या इसका..?" लड़की ने संभाल कर बोला....
"अच्च्छा.. तुम तो बहुत स्मार्ट हो यार..!" सीमा ने व्यंगात्मक लहजे में कहा और फिर बोली..," अपना और इसका नाम साथ साथ बता... और कुच्छ नही बोलना... समझ गयी ना....?"
"ज्जई..."
"तो बता ना फिर...?"
लड़की ने नज़रें झुका ली...," जी.. कामना.." और थोड़ा रुक कर बोली...,"लौदा!"
"ये नही.. ये तो बता दिया इन्न दोनो ने.. कोई दूसरा नाम बता...!" सीमा आसानी से किसी का पिच्छा नही छ्चोड़ना चाहती थी...
कामना के चेहरे पर मायूसी और कामुकता; दोनो का आवरण था...," लंड!"
"किसने बताया...?" सीमा ने पूचछा....
"ज्जई.... बस ऐसे ही.. एक दीवार पर लिखा देखा था...!"
"क्यूँ.. तेरा यार चूतिया है या गूंगा.. उसने नही बताया...?"
"जी..." लड़की पानी पानी हो गयी...,"उसने भी बाद में बताया था.. एक बार..."
"चल छ्चोड़... काम क्या है इसका... ये बता...!" सीमा बोली..
कामना अपनी मुथि में 'टाइगर' को कसकर भींचे खड़ी थी...,"ज्जई.. सेक्स करते हैं..!"
"याररररर... फिर अँग्रेज़ी... मैने हॉस्टिल में आज तक इतनी शर्मीली लड़कियाँ नही देखी... कैसे रहोगी यहाँ... परसों तो इतनी देर में एक लड़की ने अपनी चूत में घुसा कर भी देख लिया था.... लगता है तुम्हे मुझे ही ये सब सिखाना पड़ेगा...!" सीमा ने कहते हुए उन्न लड़कियों को कसा और फिर सबसे पिछे छिप्कर खड़ी लड़की का रुख़ किया..,"आगे आजा यार... शर्मा मत.. अभी तो बहुत कुच्छ बाकी है...!"
लड़की सीमा की बात का मतलब समझ गयी और आगे आकर बिना कहे ही कामना के हाथ से 'टाइगर' झपट लिया.....
"क्या नाम है तेरा?"
"ज्जई.. प्रमिला..!" लड़की बिना झिझक के बोली...
"और ये तूने हाथ में क्या पकड़ लिया प्रमिला!" सीमा अपनी आवाज़ को हद से भी ज़्यादा मीठी करके बोली और बत्तीसी निकाल दी....
"ज्जई.. लोला!" प्रमिला धीरे से बुदबुदाई....
"थोड़ी तेज बोल यार..."
"जी लोल्ला!" प्रमिला ने कहा और शरमाते हुए भी मुस्कुरकर सीमा को खुश करने की कोशिश की....
"क्या करते हैं इसका.. ये भी बता दे अब!" सीमा ने चटखारा लिया....
"मैं बता दूँ तो आप गुस्सा तो नही करोगी ना...दीदी?" प्रमिला ने सीमा को मक्खन सा लगाते हुए कहा...
"लो बोल... अरे मैं ही तो पूच्छ रही हूँ मेरी भोली भली छम्मक छल्लो.. मैं क्यूँ गुस्सा करूँगी भला... चल बता.. पुच्च्च.."
"इसको अपनी चूत में लेते हैं दीदी...!" प्रमिला ने बिना हिचकिचाए बड़ी हिम्मत करके बोल दिया....
"अच्च्छा...." सीमा खुश होकर बोली..,"शाबाश... फिर क्या करते हैं..?" सीमा आलथी पालती मारकर बैठ गयी....
"फिर.. दीदी....." प्रमिला शायद समझ गयी थी कि सीमा इतनी जल्दी किसी को नही छ्चोड़ने वाली... जाने कैसे हिम्मत करके उसने पहली बात बोल दी थी.... अब की बार उसकी आवाज़ में थोड़ी हिचकिचात सी लगी...,"फिर.. इसको आगे पिछे करते हैं दीदी...!"
"ओह तेरी तो.. अभी से ही तू पिछे भी करने लगी..." सीमा कहकर हँसी तो सबने उसकी ताल से ताल मिलाकर हँसना शुरू कर दिया.... चाहे किसी की बात समझ में आई हो या नही.. पर मैं अब भी नही हँसी थी... मुझे सबकुच्छ बड़ा वाहयात सा लग रहा था....
"नही दीदी.. मेरा मतलब.... ऐसे.." प्रमिला ने अपनी जांघों के बीच सलवार के उपर 'टाइगर' को रखा और उसको उपर नीचे करके दिखाते हुए अपनी बात पूरी की..," आगे पिछे करते हैं....!"
जी भर कर हंस लेने के बाद जैसे ही सीमा चुप हुई.. कमरे में सन्नाटा च्छा गया.. सबके होन्ट वापस सील गये...," फिर क्या होता है...?"
"ज्जई.. क्या?" प्रमिला को इतने सवालों की उम्मीद नही थी....
"अरी आगे पिछे करते हैं.. फिर.. आगे बता?" सीमा ने समझाया....
"ज्जई.. फिर बच्चे हो जाते हैं...!" प्रमिला ने शॉर्टकट दे मारा...
"क्यूँ? तू तेरे बाप ने ऐसे ही 'लॉल्ले' से पैदा की थी क्या..?" सीमा ने एक बार फिर बकवास सा डाइलॉग मारा और लड़कियों ने उस'से पहले ही हँसना शुरू कर दिया....
"दीदी.. मेरा मतलब 'असली' वाले से करते हैं तब...!" प्रमिला झेंप कर बोली....
"कितने असली लिए हैं तूने....?" सीमा ने तुरंत अगला सवाल दाग दिया...
प्रमिला ने सकपका कर सीमा को देखते हुए कुच्छ कहना चाहा ही था कि दरवाजे पर खटखट हुई....
"ला इसको इधर दे...!" सीमा ने प्रमिला के हाथ से 'टाइगर' लिया और तकिये के नीचे छिपा लिया...," आराम से बैठ जाओ सब.. वहाँ..!" सीमा ने दूसरे बेड की और इशारा किया जहाँ पिंकी लेटी थी... मैं तो पिंकी को भूल ही गयी थी.. अब देखा तो पाया 'वो' तो कंबल में घुसी सो रही थी...
ज्योति ने दरवाजे पर जाकर सीमा की ओर देखा और उसके इशारा करने पर कुण्डी खोल दी... मैं देख कर हैरान रह गयी.. लड़कियों के होस्टल में लड़का भी आ सकता है?
"सीमा में'शाब... बड़ी मेडम आ रही हैं.. यही बताने आया था...!" लड़के ने कहा और अपनी बत्तीसी निकाल दी....
"ठीक है.. कोई बात नही... मॅ'म के जाने के बाद आना एक बार.. समझ गये ना..!" सीमा ने बैठे बैठे कहा....
"हे हे हे... कुच्छ काम है क्या में'शाब!" लड़का जांघों के बीच अपनी लूँगी के उपर ही खुजाता हुआ बोला....
"तेरी गांद में ये दे दूँगी ज़्यादा बोला तो...!" सीमा ने 'टाइगर' निकाल कर उसको डराया.. और गुस्सा सा करती हुई बोली...,"ज़्यादा मत बोला कर तू...!"
"हे हे हे..." लड़के पर सीमा की बातों से कोई फ़र्क नही पड़ा.. शायद उसकी आदत हो गयी होगी...,"आ जाउन्गा मेम'शाब... बताओ ना.. मुझे कुच्छ करना है क्या?" लड़के के हाथ अभी तक अपनी लूँगी पर ही थे और नज़रें एक एक करके सारी लड़कियों को देखते हुए मुझ पर आकर टिक गयी थी.....
"तू जाता है या....." सीमा ने कहा और अजीब से ढंग से हँसने लगी...
"बाइ मेम'शाब... मैं आ जाउन्गा.. हे हे हे...!" लड़के ने कहा और बाहर चला गया....
"हम जायें क्या दीदी...?" यूयेसेस लड़के के जाते ही एक लड़की खड़ी हो गयी....
"क्यूँ?" सीमा ने उसको घूरा...
"नही.. ववो.. बड़ी मेम आ रही हैं ना.. इसीलिए पूच्छ रही थी...!"
"तो क्या हो गया..? तुम मेरे पास हो यार... ये गुरुकुल मेरे बाप का है...." सीमा ने छाती चौड़ी करके बताया... "अगर तुम मेरे साथ हो तो किसी से डरने की ज़रूरत नही.... समझी!"
"जी दीदी जी..." एक साथ सभी लड़कियों ने संगीतमय ढंग से गुनगुनाते हुए कहा... लगता है अब सब अच्छे से समझ गयी थी....
gataank se aage..................
"Toh tum do rah gayi... ab bhi soch lo.. maine pahle hi bahut time de diya hai tum dono ko.. baad mein ye mat kahna ki Seema didi ne ye kya kiya.. ek minute aur de rahi hoon...!" Seema ne dusri taraf rah gayi dono ladkiyon ko ghoorte huye kaha...
Par unn ladkiyon ki juban ne koyi harkat nahi ki.. wo aise hi Sir jhukaye khadi rahi.. haan! Ek dusri ke pichhe chhipne ki koshish mein dono pichhe deewar ki taraf khisakti ja rahi thi... Seema dwara diye ek minute mein aur kuchh nahi hua.. Sivay unke kone mein jakar ek dusri se chipak kar khade hone ke....
Seema deewar ghadi ki taraf lagataar aise ghoor rahi thi jaise koyi rocket chhode jane ka countdown chal raha ho... Seema ke ultimatum ke baad jaise hi second wali suyin ne ek chakkar poora kiya.. Seema boli..,"jyoti.. 'Tiger' nikal kar la...!"
"Ji didi...!" Jyoti thodi sakucha kar boli aur khadi hokar almari ki taraf lapki...
"Mummy kasam didi ji.. maine aaj tak kuchh nahi kiya... mujhe chhod do...! kassaam se didi ji.. maine kabhi galat baat nahi....." Seema ke munh se 'Tiger' nikal kar lane ki baat sun ek ladki ne foot foot kar rona shuru kar diya...
"Chup!" Seema ne ladki ko jaise hi ghoora... uska baat uske halak mein atak kar rah gayi..," Abhi maine tera pakda hi kya hai jo itni...!"
Seema kuchh kah hi rahi thi ki Jyoti 'Tiger' chhupa kar layi aur Seema ko pakda diya...
"Isko pahchaanti ho na?" Seema ne 'Tiger' ko bister par seedha khada karke poochha aur muskura kar ladkiyon ke chehron ko padhne lagi....
Mujhe lagta hai ki sabka wahi haal huaa hoga jo 'Tiger' ko dekh kar mera hua tha... 'Uss' ko najar bhar kar dekhte hi mere badan ke 'uss' hisse mein achanak cheetiyan si rengne lagi.. Jyada der tak uss par najrein gadaye bhi na rah saki.. 'Darr' tha kahin dusri ladkiyan meri lalchayi najron ko padh na lein....
Darasal 'Tiger' 20 rupaiye wali 'mombatti' tha Jo Seema (shayad) ki adbhut aur bejod karigari ka saboot bankar hamari najron ke saamne 'tana' hua khada tha... Bade hi sunder vaastu-koushal ka parichay dete huye 'Uss' mombatti ko lagbhag 8 inch lambe aur itni hi gol paridhi wale 'Ling' mein badal diya gaya tha.. 'Tiger' ki mundi bhi ekdum ling ke supade ki tarah lag rahi thi; Baki hisse se thodi 'moti' aur aage thoda painapan liye huye... Mujhe toh wo ekdum Sunder ke ling ka hu-bahu 3D modal laga tha.. bus neeche latakne waale 'golon' ki jagah mombatti ka stand jyon ka tyon chhod diya gaya tha.. 'wo' bhi shayad isiliye chhoda gaya hoga kahin badhawasi mein 'Tiger' andar na kho jaye....
Vidambana ki uss ghadi mein bhi kamre mein moujood har ladki rah rah kar tirachhi najron se 'Tiger' ko nihaarne ka lalach chhod nahi pa rahi thi... Par kuchh bolne ka sahas bhi koyi nahi kar pa rahi thi....
"idhar aa..!" Seema ne teekhe tewaron se Sunayana ko ungali se apne paas aane ka ishara kiya.. Bedhange kadmon se hadbadahat mein chalkar Sunayana Seema ke paas aakar khadi ho gayi...,"jjji... ji kya didi ji?"
"bolti kyun nahi...?...meri taraf dekh! jaanti hai na isko...?" Seema ne gurrakar poochha...
"aa.haaan didi ji.. pata hai...?" Sunayana ki iss baar najarein churane ki bhi himmat nahi huyi....
"toh batati kyun nahi...? bol jaldi.. iska naam bata...!"
"jji.. ye 'wo' hai...!" Sunayana ne najrein jhuka kar jhurjhuri si li....
"Wo kya teri...." Seema ne shabdon ko chabate huye kaha aur fir taish mein boli..," Kheere ko yahan rakh de.. sath mein lekar Sone ka iraada bana liya hai kya?"
Seema ke kahte hi Kheera Sunayana ke hathon se chhoot kar farsh par gir pada...
"Le.. pakad isko.. hath mein lekar pahchaan le.." Seema ne 'Tiger' uthakar jhijhak rahi sunayana ki muthi mein pakda diya..," jyada time waste mat kar.. mujhe aur bhi kaam hain.. Saamne karke naam bata iska.. nahi toh..."
"Jji.. Pppenis!" sunayana ne aakhirkaar bol hi diya...
"Jyada angrejan mat ban.. Hindi mein samjha de.. warna isko tere 'wahan' ghuse..."
Seema ne apni dhamki poori bhi nahi ki thi ki ladkhadati huyi juban se Sunayana ne bol hi diya...," jji.. ling!"
"chal udhar hat.. tere bus ka kuchh nahi hai.. mujhe pata chal gaya tu gandwi hai ek no. ki...sssali sharmati hai...." Seema ne uske hath se 'Tiger' chheen liya....,"Tu aa.. Kya naam hai tera..?" Seema ne usi group se ek aur ladki ko bulakar 'Tiger' uske hath mein thama diya...,"bata.. kya naam hai..?"
Ladki ko jaldi pichha chhudwana tha shayad... Bechari ne 'Tiger' hath mein lete hi ooncha uthaya aur jhat se boli...,"Louda.....!"
Main uske bebakipane par acharaj se uski aur dekh hi rahi thi ki Seema jor jor se hanste huye bistar par lotpot hone lagi.. Uske sath hi Jyoti aur aarti bhi khilkhila uthi thi.... Meri samajh mein majra aaya nahi tha.. naam poochha tha.. agli ne naam bata diya.. hansne wali kya baat hai ismein....!
ji bhar kar uski roni soorat ko dekh kar pate pakad kar hans rahi Seema thodi der baad kuchh shant huyi aur boli..,"Maine tera naam poochha tha chutiya..." aur kamre mein thahaka goonj utha....
"Jji nahi didi.. maine samjha aap... mera naam toh Dheeraj hai...!" Ladki ki soorat dekhte hi ban rahi thi....
Seema ki hansi ab tak band nahi huyi thi...,"Theek hai.. ab iska naam bata..!" Seema ne hanste hanste dusri ladkiyon ki aur dekha...
Iss baar Dheeraj ki awaj se 'wo' josh' gayab tha jo usne 1 minute pahle dikhaya tha..,"jji.. iska naam.. louda hai...!"
"chal shabashhh.. poore no. diye tujhe... aise hi bebaak rahna.. nahi toh duniya maa chod degi teri...." Seema ne uske hath se louda le liya... aur door sahmi khadi ladkiyon ki aur dekh kar boli..,"tumhe main kuchh nahi kah rahi.. daro mat! Maja lena hai toh khadi raho.. jana hai toh bol do...!"
Dono mein se koyi kuchh nahi boli.. ek baar ek dusri ki aankhon mein dekha aur fir se sir jhuka liya....
"Jaldi bolo.. maje lene hain ya jana hai..?" Seema ne ek baar fir poochha...
"jana hai didi...!" Ek ne bol hi diya...
"aur tumhe...?" Seema ne dusri ki aur dekha...
"mujhe bhi.. agar aap jane do toh...." aawaj mein ghabrahat si liye dusri ladki ke munh se nikla....
"Main hi toh bol rahi hoon... par dhyan rakhna... kal ko mujhse kaam bhi padega... aaj ke baad iss kamre mein pair rakh diye toh taange tod doongi...!"
"main nahi ja rahi didi...!" Dusri ladki ne ekdum se apni baat badal di...
"Theek hai..." Seema muskurate huye boli aur fir pahli ladki ki aur dekha..,"tu?"
Ladki ne gardan na mein hilayi aur apna sir jhuka liya....
"shabaash...!" Seema ne kaha aur dusri 'team' mein se teesri ladki ko aage bulaya....
"le pakad!" Seema ne uske hathon mein Tiger pakda diya...,"chal naam bata..!"
"Ji.. mera.. ya iska..?" Ladki ne sambhal kar bola....
"achchha.. tum toh bahut smart ho yaar..!" Seema ne vyangatmak lahje mein kaha aur fir boli..," Apna aur iska naam sath sath bata... aur kuchh nahi bolna... samajh gayi na....?"
"jji..."
"toh bata na fir...?"
Ladki ne najrein jhuka li...," Ji.. Kaamna.." aur thoda ruk kar boli...,"louda!"
"ye nahi.. ye toh bata diya inn dono ne.. koyi dusra naam bata...!" Seema aasani se kisi ka pichha nahi chhodna chahti thi...
Kaamna ke chehre par mayoosi aur kaamukta; dono ka aawaran tha...," Lund!"
"kisne bataya...?" Seema ne poochha....
"Jji.... bus aise hi.. ek deewar par likha dekha tha...!"
"kyun.. tera yaar chutiya hai ya goonga.. usne nahi bataya...?"
"ji..." Ladki pani pani ho gayi...,"usne bhi baad mein bataya tha.. ek baar..."
"chal chhod... kaam kya hai iska... ye bata...!" Seema boli..
Kaamna apni muthi mein 'Tiger' ko kaskar bheenche khadi thi...,"jji.. Sex karte hain..!"
"yaarrrrr... fir angreji... maine hostel mein aaj tak itni sharmili ladkiyan nahi dekhi... kaise rahogi yahan... Parson toh itni der mein ek ladki ne apni choot mein ghusa kar bhi dekh liya tha.... lagta hai tumhe mujhe hi ye sab sikhana padega...!" Seema ne kahte huye unn ladkiyon ko kasa aur fir sabse pichhe chhipkar khadi ladki ka rukh kiya..,"aage aaja yaar... sharma mat.. abhi toh bahut kuchh baki hai...!"
Ladki Seema ki baat ka matlab samajh gayi aur aage aakar bina kahe hi Kaamna ke hath se 'Tiger' jhapat liya.....
"Kya naam hai tera?"
"Jji.. Pramila..!" Ladki bina jhijhak ke boli...
"aur ye tune hath mein kya pakad liya Pramila!" Seema apni aawaj ko had se bhi jyada meethi karke boli aur batteesi nikal di....
"Jji.. lola!" Pramila dheere se budbudayi....
"thodi tej bol yaar..."
"Ji Lolla!" Pramila ne kaha aur sharmate huye bhi muskurakar Seema ko khush karne ki koshish ki....
"Kya karte hain iska.. ye bhi bata de ab!" Seema ne chatkhara liya....
"main bata doon toh aap gussa toh nahi karogi na...didi?" Pramila ne Seema ko makkhan sa lagate huye kaha...
"Lo bol... arey main hi toh poochh rahi hoon meri bholi bhali chhammak chhallo.. main kyun gussa karoongi bhala... chal bata.. puchchcha.."
"Isko apni choot mein lete hain didi...!" Pramila ne bina hichkichaye badi himmat karke bol diya....
"achchha...." Seema khush hokar boli..,"shabaash... fir kya karte hain..?" Seema aalthi paalthi maarkar baith gayi....
"Fir.. didi....." Pramila shayad samajh gayi thi ki Seema itni jaldi kisi ko nahi chhodne wali... jane kaise himmat karke usne pahli baat bol di thi.... ab ki baar uski aawaj mein thodi hichkichat si lagi...,"fir.. isko aage pichhe karte hain didi...!"
"Oh teri toh.. abhi se hi tu pichhe bhi karne lagi..." Seema kahkar hansi toh sabne uski taal se taal milakar hansna shuru kar diya.... chahe kisi ki baat samajh mein aayi ho ya nahi.. par main ab bhi nahi hansi thi... mujhe sabkuchh bada wahyaat sa lag raha tha....
"Nahi didi.. mera matlab.... aise.." Pramila ne apni jaanghon ke beech salwar ke upar 'Tiger' ko rakha aur usko upar neeche karke dikhate huye apni baat poori ki..," aage pichhe karte hain....!"
Ji bhar kar hans lene ke baad jaise hi Seema chup huyi.. kamre mein sannata chha gaya.. sabke hont wapas sil gaye...," Fir kya hota hai...?"
"Jji.. kya?" Pramila ko itne sawaalon ki ummeed nahi thi....
"Ari aage pichhe karte hain.. fir.. aage bata?" Seema ne samjhaya....
"jji.. fir bachche ho jate hain...!" Pramila ne shortcut de mara...
"Kyun? tu tere baap ne aise hi 'lolle' se paida ki thi kya..?" Seema ne ek baar fir bakwas sa dialogue maara aur ladkiyon ne uss'se pahle hi hansna shuru kar diya....
"Didi.. mera matlab 'asli' wale se karte hain tab...!" Pramila jhenp kar boli....
"Kitne asli liye hain tune....?" Seema ne turant agla sawaal daag diya...
Pramila ne sakpaka kar Seema ko dekhte huye kuchh kahna chaha hi tha ki darwaje par khatkhat huyi....
"La isko idhar de...!" Seema ne Pramila ke hath se 'Tiger' liya aur takiye ke neeche chhipa liya...," aaram se baith jao sab.. wahan..!" Seema ne Dusre bed ki aur ishara kiya jahan Pinky leti thi... Main toh Pinky ko bhool hi gayi thi.. ab dekha toh paya 'wo' toh kambal mein ghusi so rahi thi...
Jyoti ne darwaje par jakar Seema ki aur dekha aur uske ishara karne par kundi khol di... Main dekh kar hairan rah gayi.. ladkiyon ke hostal mein ladka bhi aa sakta hai?
"seema mem'shaab... Badi madam aa rahi hain.. yahi batane aaya tha...!" Ladke ne kaha aur apni batteesi nikal di....
"theek hai.. koyi baat nahi... ma'm ke jane ke baad aana ek baar.. samajh gaye na..!" seema ne baithe baithe kaha....
"he he he... kuchh kaam hai kya mem'shaab!" Ladka jaanghon ke beech apni loongi ke upar hi khujata hua bola....
"teri gaand mein ye de doongi jyada bola toh...!" Seema ne 'Tiger' nikal kar usko daraya.. aur gussa sa karti huyi boli...,"jyada mat bola kar tu...!"
"he he he..." Ladke par Seema ki baaton se koyi fark nahi pada.. shayad uski aadat ho gayi hogi...,"aa jaaunga mem'shaab... batao na.. mujhe kuchh karna hai kya?" Ladke ke hath abhi tak apni loongi par hi the aur najrein ek ek karke sari ladkiyon ko dekhte huye mujh par aakar tik gayi thi.....
"tu jata hai ya....." Seema ne kaha aur ajeeb se dhang se hansne lagi...
"bye mem'shaab... main aa jaaunga.. he he he...!" Ladke ne kaha aur bahar chala gaya....
"hum jaayein kya didi...?" Uss ladke ke jate hi ek ladki khadi ho gayi....
"kyun?" Seema ne usko ghoora...
"nahi.. wwo.. badi mem aa rahi hain na.. isiliye poochh rahi thi...!"
"toh kya ho gaya..? tum mere paas ho yaar... Ye gurukul mere baap ka hai...." Seema ne chhati choudi karke bataya... "Agar tum mere sath ho toh kisi se darne ki jarurat nahi.... Samjhi!"
"ji didi ji..." Ek sath sabhi ladkiyon ne sangeetmay dhang se gungunate huye kaha... lagta hai ab sab achchhe se samajh gayi thi....
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
No comments:
Post a Comment