एक सुहानी याद पार्ट--4
गतान्क से आगे...........................
हाँ तो एक सहर मे तुम्हारे पति जैसे (मेरा मतलब जिनको सिर्फ़ गांद मारने या मरवाने मे ही मज़ा आता है) लोग बहुत हो गये और उनकी संख्या दीनो दिन बढ़ती जा रही थी. कुछ दिनोके बाद उस सहर के रंडियों ने जाकर अदालत का दरवाजा खटखटाया. जब मॅजिस्ट्रेट शाब अपनी कुर्सी पर बैठ गये और बोले क्या बात है? तब रंडियों ने अपनी फरियाद सुनाई और वो भी ऐसे:
"आई हुज़ूरे जानेमन
छः छः महीने हो गये खोले इज़रबंद
लड़के मरवाए गांद
और अपनी दुकान बंद"
मॅजिस्ट्रेट साहब उनकी बात सुन ली और थोरी देर के सोचने के बाद बोले:
"ऐ गुलबदन जाने चमन
सुने फरियाद तुम्हारी हम
बात मानो मेरी
तुम भी मरवायो गांद और
अपनी चूत करो बंद"
मेरे कहानी सुन कर प्रतिभा खिलखिला कर हंस दी और बोली, "तुम बहुत शैतान हो, औरतों को कैसे काबू किया जाता है वो तुम्हे सब मालूम है. अच्छा अब बहुत हा गया है और थोरी देर के बाद सुबह भी हो जाएगी. लाओ तुम्हारा लंड मेरे मुँह के पास कर दो, मुझे तुम्हारा लंड का रस चूस चूस कर पीना है." "अभी लो प्रतिभा रानी, और मुझे एक बार फिर से तुम्हारी चूत को चट चट उसकी रस पीना है" मैं प्रतिभा के मुँह के पास अपना लंड रख कर बोला.
प्रतिभा मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मुँह मे भर लिया और मैं भी प्रतिभा की चूत से अपना मुँह लगा दिया. मैं प्रतिभा की चूत अपने उंगलितों से खोल कर जितना जा सकता था अपना जीव अंदर डाल कर उसके रस को चट चट कर पीने लगा और प्रतिभा भी मेरे लंड को पकर कर चूसने लगी और कभी चाटने लगी. मैं प्रतिभा की चूत चाटते हुए कभी कभी उसकी गंद मे अपने उंगली फेर रहा था और जब जब मैं गंद मे उंगली फेर रहा था तब तब प्रतिभा अपने गंद को भींच रही थी. थोरी देर तक ऐसे ही चलता रहा फिर प्रतिभा मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर बोली, "क्यों मेरे गंद के पीछे परे हो? तुम्हे चूत चाहिए था और तुम्हे चूत मिला. अब मेरी गांद पर से अपना नज़र हटा लो और चलो अब मुझे चोदो. मैं अब फिर से अपने चूत से तुम्हारा मोटा लंड खाने के लिए तैयार हूँ." तब मैं प्रतिभे की चूत से अपना मुँह हटाते हुए बोला, "अरे प्रतिभा रानी क्यों नाराज़ हो रही हो. तुम्हे गांद नही मर्वानी है, मत मरवओ. लेकिन मुझे कम से कम अपनी गांद से खेलने तो दो? तब प्रतिभा बोली, "ठीक है, लेकिन गंद मे ना तो उंगली करना और ना ही अपना लंड पेलना." इतना कह कर प्रतिभा अपने पीठ के बल लेट कर अपने पैरो को ऊपेर उठा दिया और बोली, "चलो पेलो अपना लंड मेरी चूत मे और फाड़ दो मेरी चूत अपने लंड के धक्के से."
मैं तब प्रतिभा की चूंची दबाते हुए बोला, "प्रतिभा रानी, मैं अब तुम्हे कुत्ते की तरह पीछे से चोदना चाहता हूँ. चलो अब तुम कुतिया बन जाओ." प्रतिभा मेरी बातों को सुन कर बोली, "अरे मैं तो कुतिया पहले से ही बन गयी हूँ और तभी तो तुम्हारा मोटा हलब्बी लंड से अपनी चूत चुदवा चुकी हूँ. चलो तुम कहते हो तो मैं तुम्हारे लिए कुतिया बन जाती हूँ और तुम मुझे एक कुत्ते की तरह से चोदो." इतना कहकर प्रतिभा अपने घुटनो के बल बिस्तेर पर उकड़ू हो गयी और अपने हाथों को बिस्तेर पर रख दी. मैं झट उठ कर प्रतिभा के पीहे बैठ गया और जैसा कुत्ता कुतिया का चूत सूंघटा है वैसे मैं भी प्रतिभा की चूत सूंघने लगा. मेरे हरकतों को देख प्रतिभा हंस परी. तब मैं अपना जीव निकाल कर प्रतिभा की चूत को पीछे से चाटने लगा और प्रतिभा भी अपनी कमर को हिला हिला कर और घुमा घुमा कर अपनी चूत मुझसे चट-वाती रही. थोरी देर तक ऐसे ही चलता रहा, फिर मैं अपना मुँह उठा कर प्रतिभा की गंद को चूम लिया और उसके गांद के छेद पर अपना जीव लगा दिया. प्रतिभा चौंक उठी लेकिन कुछ नही बोली. मैं फिर प्रतिभा की गांद की छेद से अपना जीव लगा दिया और फिर उसकी गांद को चाटने लगा. प्रतिभा तब भी चुप रही. फिर मैने अपना एक उंगली प्रतिभा के गांद से लगाया तो प्रतिभा उछाल परी और बोली, "साले भरुए, क्या तेरे को मेरी चूत पसंद नही है? तबसे तू मेरे गंद के पीछे पड़ा हुआ है. मैने पहले भी बता चुकी हूँ और फिर बोल देती हूँ कि मुझे गांद नही मरवाना है. तुम मेरी चूत चाहो जितना चोद लो मुझे कोई इतराज़ नही, लेकिन गांद ने मैं लंड नही लूँगी. लगता तू भी मेरे पति जैसा गांद के शौकीन है."
तब मैं प्रतिभा की गांद को छोर दिया और उसके चूत के मुहाने से अपना लंड का सुपरा लगा दिया. लंड के सुपरा लगते ही प्रतिभा अपनी कमर आगे पीछे हिलाने लगी और बोली, "पेलो मेरे चूत के राजा, पेलो मेरी चूत मे अपना लंड पेलो. ज़ोर दार धक्को के साथ लंड पेलो और मेरी चूत को रगर कर चोदो." मैं भी प्रतिभा की कमर पकर कर उसकी चूत मे दनादन अपना लंड घुसेरने लगा और बाहर करने लगा. प्रतिभा भी अपनी कमर हिला हिला कर मेरे लंड को अपनी चूत को खिलाने लगी और बोली, "मार लो आज, मार लो मेरी चूत को. इसकी धज्जेयन उड़ा दो अपने लंड के चोटों से. साली को बहुत गुमा है कि मोटा से मोटा लंड भी इसकी झांते भी नही बंका कर सकती. चोदो मेरी चूत को और और तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्
एकाएक मैं अपना लंड प्रतिभा की चूत मे से निकाल कर प्रतिभा की गांद की छेद पर रखा और एक झटके के साथ लंड को पूरा का पूरा प्रतिभा की गांद मे पेल दिया. प्रतिभा एकाएक चौंक उठी और चिल्लाने लगी, "ओह! अहह! मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गइईईईईईईई . निकालूऊऊऊओ मेरी गाआाअंड से आपा लुउउुुुउऊन्ड. मैं मररर्र्र्र्ररर जौंगीईईईईई. हाईईईईईईईईईईईईईईई! मेरी गाआआंद फट गइईईईईईई. ओह! अहह! ओह ओह." मैं प्रतिभा के बातों को ना ध्यान देते हुए उसकी गंद अपना लंड पेलता रहा. प्रतिभा चिल्ला रही यही, "हाई! माआआआअर डाआाअलाआा, आआआरीईए निकालूऊऊऊऊऊओ अपना लौरााआआ मेरी गाआाअंड सीईईईईई. सलीईई मातेरचोद्द्द्द्द्द्द्दद्ड ड्ड मुफत्त्त्टटटटटटटटटटतत्त त का माआअल मिलाआआअ है तभिईीईईईई मेरिइईईई गाआआआआाअंड फ़ाआआाआआद राआआआआआहा हाईईईईईईईईई. अबीईईईई मथेर्चोद अपना लॉडा मेरी गाआअंड से जल्दीईईईई निकाआआअल. " मैं प्रतिभा की बातों को ना सुनते हुए अपना लंड उसकी गंद मे पेले जा रहा था और थोरी देर के बाद पूछा, "प्रतिभा मेरी जान तेरी गांद बहुत प्यारी है. इतना टाइट है कि मेरा लंड फँस फँस कर अंदर घुस रहा है." इतना कह कर मैं अपने एक हाथ से प्रतिभा की चूत मे अपना एक उंगली पेल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. थोरी देर ऐसे ही चलता रहा और धीरे धीरे प्रतिभा का चिल्लाना कम हो गया. अब वो मेरे हर धक्के के साथ साथ ओह! ओह! अहह! अहह! हाईईईईई! कर रही थी. मैं दो-चार और धक्के मार कर प्रतिभा से पूछा, "प्रतिभा रानी, अब कैसा लग रहा है? अब तुम्हारी गांद मे मेरा लंड घुसा हुआ है, तेरी चूत मे मेरा उंगली घुसी हुई है और तेरी एक चूंची मेरे हाथों से मसला जा रहा है. बोल अब कैसा लग रहा है. मज़ा आ रहा की नही?"
तब प्रतिभा ने अपना चहेरा मेरी घुमा कर बोली, "पहले तो मेरी गांद फार दी अपना लॉडा घुसा कर और अब पूछ रहा है की कैसा लग रहा है? चल जल्दी जल्दी से मेरी गंद मे अपना लंड से ज़ोर ज़ोर का धक्के लगा और मेरी गांद को भी मेरी चूत जैसा फार दे. है अब बहुत अच्छा लग रही है. अब मार ना मेरी गांद, चोद साले, चोद मेरी गांद." इतना कह कर प्रतिभा अपनी कमर चला कर मेरा लंड को अपनी गंद के अंदर बाहर करने लगी. तब मैने बोला, "अब क्या हो रहा है प्रतिभा? अब तो तुम खुद ही मेरे लंड को अपनी गांद से खा रही हो. अब सब दर्द ख़तम हो गया है?" प्रतिभा तब मुस्कुरा कर बोली, "पहले तो तुमने मेरी गांद मे अपना मोटा गधे जैसा लंड घुसा कर मेरी गंद फाड़ दी और अब पूछते हो की अब कैसा लग रहा रहा है? चलो अब बातें बाद मे करना अब मेरी बची खुची गंदड़ को और फाड़ दो और मेरी गांद कयडे से मारो. मुझे तुमसे गांद मरवा कर बहुत अच्छा लग रहा है." मैं तब प्रतिभा की कमर को अपने दोनो हाथों से कस कर पकर कर उसकी गांद मे दनादन अपना लंड पेलने लगा और कहने लगा, "हाई! प्रतिभा रानी, तेरी गांद बहुत ही मस्त है. बहुत टाइट गांद है और मुझे गांद मे लंड पेलने मे बहुत मज़ा आ रहा है. है! तेरी चूत और गांद दोनो को चोद कर आज मुझे बहुत मज़ा आ रहा है." प्रतिभा भी अपनी कमर मेरे साथ साथ चलाते हुए बोली, "मार लो आज मेरी गांद. मुफ़त मे मिली है आज तुमको मेरी गांद, इसमे अपना लंड पेल पेल कर तुम भी मज़े लो और मुझे मज़े दो. हाई! बहुत अच्छा लग रहा है. हां ऐसे ही मारते रहो, पेलते रहो अपना लंड मेरी गंद मे. ऑश! ओह! अहह! मेरी चूत मे अपना उंगली डालो. मैं अब झड़नेवाली हूँ." मैं भी प्रतिभा की चूत को अपने उंगली से खोदता रहा.
थोरी देर के बाद प्रतिभा झाड़ गई और हफने लगी. थोरी देर के बाद प्रतिभा बोली, "तुमने मेरी गंद को क्यू चोदा? मैने तुम्हे मना किया था ना? जाओ अब मैं तुमसे अपनी चूत नही चुडवायंगी. " मैं तब प्रतिभा की चूत को सहलाते हुए बोला, "अरे मेरी जान, कयूओं गुस्सा कर रही हो? तुम्हारी गांद इतनी प्यारी है कि मैं अपने आप को रोक नही सका. क्या छलकती हुए भारी भारी चूतर और उनके बीच मे तुम्हारे गांद का गुलाबी छेद, किसी को भी कतल कर सकती है. वैसे सच सच बताना की तुम्हे मज़ा आया की नही? क्या शानदार तुम्हारी गांद है. मुझे तुम्हारी गांद मरने मे बहुत मज़ा आया." तब प्रतिभा मेरे मुरझाए लंड को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली, "हां मुझे गांद मरवाने मे बहुत मज़ा आया, लेकिन पहले लग रहा था कि मेरी गांद फॅट ही जाएगी." मैं तब प्रतिभा से बोला, "अरे मेरी जान लंड डालने से ना तो चूत फटती है और ना ही गंद ही फटती है. अब देखो ना तुम्हारी चूत और गंद दोनो ने मेरा लंड पूरा का पूरा खा गयी और कुछ नही हुआ. अच्छा अब चलो बाथरूम चलो. मुझे अपना लंड धोना है और तुम्हारी गांद भी धोनी है." मेरे बातों को सुन कर प्रतिभा उठ कर खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे भी उठा दिया. हम दोनो बाथरूम मे जाकर पहले मैं अपने हाथों से प्रतिभा की गांद को साबुन लगा कर धोया और फिर प्रतिभा ने मेरे लंड को पाकर कर मसल मसल कर धोयी. फिर मुझे प्रतिभा ने खींच कर बेडरूम मे ले आई.
बेडरूम मे आ कर प्रतिभा मुझसे लिपट कर बोली, "अब क्या इरादा है? वैसे रात के ढाई बज रहे है और मुझे तो नींद आ रही है. इतनी चुदाई से मेरी चूत और गांद भी कराह रही है. लगता है कि चूत और गांद दोनो अंदर से चिल गया है." मैं तब प्रतिभा को चुम्मते हुए बोला, "मेरी चुड़दकर रानी, क्या कोई आदमी या औरत अपने सुहग्रात को सोता है क्या? अभी तो मुझे तुम्हे कम से कम एक बार और चोदना है. अज्ज रात जब तक मेरे लंड मे दम है तब तक मैं तुम्हे चोदुन्गा, तुम्हारी चूत मारूँगा. और तुम अपनी टाँगे फैलाए हुमारे लंड से अपनी चूत चुड़वती रहोगी, समझे?" प्रतिभा तब मुझसे बोली, "तुम बहुत बारे चोदु हो. आज रात की चुदाई से मेरी चूत शादी के बाद पहली बार पता नही कितनी बार पानी छोरी है कि मैं बोल नही सकती. शादी के बाद आज पहली बार मेरी चूत पूरी तरफ से तृप्त हो गयी है, और तुम बोल रहे हो कि तुम्हे और चोदना है." मैं तब प्रतिभा से बोला, "रानी आज जो भी हो जाइ मुझे रात भर तुम्हे चोदना है. अब चाहे चूत तृप्त हो गयी हो या चूत कराह रही हो." इतना कह कर मैं प्रतिभा के दोनो कंधे पकर लिया और उसको बिस्तेरपार ले जाकर लेटा दिया और फिर पूछा, "अब बोलो कैसे चुदोगी? मैं तुमहरे ऊपेर चढ़ कर चोदु या फिर तुम मेरे उपर चढ़ कर मुझे चोदोगे?" प्रतिभा मुस्कुरा कर बोली, "क्या फरक परता है? चाहे तुम उपर हो या मैं उपर हूँ, चूड़ेगी मेरी चूत ही ना? अब तुम जैसे चाहो चोदो मुझे. आज की रात मेरी चूत को फार कर उसको भोसरा बना दो, मेरी गांद मे अपना लंड पेल कर उसको भी फार दो. कम से कम आज मुझे पता तो चले की असली चुदाई क्या होती है." मैं तब प्रतिभा को बिस्तेर पर बैठा कर खुद भी बिस्तेर पर बैठ गया और उसकी चूंची से खेलने लगा. प्रतिभा मुझसे बोली, "क्या बात है लगता है कि यूँ इतनी सी चुदाई मे अपना ताक़त खो दिए हो. आरे और ज़ोर ज़ोर से मस्लो मेरी चूंचियो को. मसल डालो मेरी इन चूंचियो को. इनको भी तो पता लगे की हां कोई मर्द इनको छेड़ रहा है, इनको मसल रहा है."
मैं प्रतिभा की बातो को सुन कर उसको अपने गोद मे लिटा लिया और दोनो हाथों से उसकी चूंची पकर कर जैसे आम निचोरा जाता है, चूंची को दबाने लगा और दूसरी चूंची को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा. प्रतिभा बोली, "वाह, मज़ा आ गया. तुम तो मेरी चूंची ऐसे दबा रहे हो जैसे कोई लंगरा आम को निचोर निचोर कर खा रहे हो. और ज़ोर ज़ोर से चूसो मेरी चूंची. बहुत मज़ा आ रही है. है अहह ओह ह." मैं तब प्रतिभा से बोला, "रानी तुम्हारी चूंचिया इतने दबने के बाद अब लंगरा आम नही रहे, अब ये तो चौसा या फ़ाज़ली आम हो गये हैं. वैसे जो भी हो इनके रस बहुत ही मीठा है. मज़ा आ गया तुम्हरी चूंचियो की रस पी कर." इसके बाद मैं प्रतिभा को उठा कर अपने गोद मे बिठा लिया. प्रतिभा मेरे गोद मे मेरे कमर के दोनो तरफ अपने पैरों को करके मेरे तरफ मुँह करके बैठ गयी. अब मेरा लंड ठीक प्रतिभा की चूत के सामने था. मैं प्रतिभा की चूंचियो को फिर से मसल्ने लगा और प्रतिभा ने मेरा लंड अपनी चूत के छेद से भीरा दिया और खुद ही अपनी कमर हिला कर एक झटका दिया और मेरा लंड फिर से प्रतिभा की चूत मे घुस गया. मेरा लंड प्रतिभा की चूत मे घुसते ही प्रतिभा मेरे गले मे अपनी बाहों को लप्पेट लिया और अपनी कमर उचका कर मुझे चोदने लगी. प्रतिभा जैसे अपनी कमर को उठा कर अपनी चूत से मेरा लंड बाहर करती, मैं उसकी चूंची को ज़ोर से दबा देता. प्रतिभा तब अहह ओह करके एक झटको के साथ मेरा लंड फिर से अपनी चूत घुस्वा लेती.
प्रतिभा मुझको कुछ देर तक चोद्ती रही और फिर तक कर मेरे लंड अपनी चूत मे घुसेरे ही मेरे गोद बैठ गयी. मैं तब प्रतिभा से बोला, "क्यों रानी क्या चोद्ते चोद्ते थक गयी?" प्रतिभा मेरे होंठों पर चुम्मा देते हुए बोली, "हां, मुझसे अब नही चोदा जाता. अब तुम मुझे बिस्तेर पर लेटा कर जैसे मर्द कोई रंडी को चोद्ता है, वैसे ही चोदो. मेरी चूत से आग निकल रही है. और जब तक ना इसको तुम्हारे लंड का पानी मिलगा एह आग नही शांत होगी." मैं तब प्रतिभा की कमर पकड़ कर अपना कमर चला कर छोड़ना चालू किया और उससे पूछा, "क्यू रानी क्या मेरी चुदाई मे मज़ा आ रहा है?" प्रतिभा मेरे छाती के निपल को अपने नाख़ून से कुरेदते हुए बोली, "भला हो हुमारे पातिदेव की टूर का और उस टंकार का जो की बीच रास्ते मे खराब हो गयी है, नही तो एह चुदाई का मज़ा मुझे कभी ना मिलता." मैं तब प्रतिभा की चूत मे दो चार धक्के मार कर बोला, "रानी एक बात बताओ? लगती तो तुम बहुत सेक्सी और चुड़दकर भी, लेकिन तुम कहती हो की तुम्हारे पातिदेव एक गन्दू इंसान हैं. फिर तुम अपनी चूत की जलन कैसे बुझती हो?" इसके बाद प्रतिभा ने जो बात बताई वो अगली कहानी मे. अभी मैने प्रतिभा को वैसे ही गोद मे उठाए हुए पलंग के किनारे पर लिटाया और उसके पैर मेरे कंधे पर रख लिए. उसकी चूत के नीचे दो तकिया लगाया. जिससे चूत उपर उठ गई. मैने देखा प्रतिभा की चूत सुज़ गयी थी और जंघे भी लाल हो गयी थी. मैने अपना लंड उसकी चूत मे ही रखा था. इस स्टाइल मे मैने प्रतिभा को धुआधार चोदना शुरू किया क्यूकी मैं फर्श पर खड़ा था इसलिए धक्के भी जबदस्त लग रहे थे. मैं बीच बीच मे उसकी पतली कमर को सहलाता, चूतड़ दबाता और चूंचियों को दबाता , चूस्ता निपल को चुभलता या काटता.. उसके मुँह से अज़ीब आवाज़ निकलने लगी थी.. आआआहह..फाड़ दूओ... मज़ा ..आ गय्या.. मेरे रजाआाअ क्या लंड है और क्या चुदाइईईईई. . और ज़ोर सी.. तेजज.. मैं झड़ने वाली हूँ.. मारो..आआआहह. .. गाइिईईईईईई. . कहते हुए वो शांत हो गयी.. मेरे लंड मे भी अब उफान आ रहा था इस तरह की चुदाई मे करीब 40 मिनट हो चुके थे.. मैने अब लंड को पूरा बाहर खींच कर जड़ तक अंदर डालते हुए धक्के लगा रहा था.. दोनो पसीने से भीग गये थे.. और करीब 7-8 लंबे शॉट के बाद लंड को उसके बच्चे दानी तक दबा के मैने अपना फ़ौवारा उसकी चूत मे छ्चोड़ दिया.. वो भी चिल्ला उठी..आआअहह मैं फिर गाइिईईई.. और मुझसे लिपट गयी.. हम लोग करीब 20 मीं ऐसे ही पड़े रहे .. फिर उठे सुबह के साढ़े चार बज रहे थे.. बाथरूम मे जा कर दोनो नहाए एक दूसरे को सॉफ किया फिर बाहर निकल कर मैने अपने कपड़े पहने और प्रतिभा के होंठो को चूमा उसके चूत को सहलाया और चूंचियों को प्यार किया और मेरे रूम मे आ गया.
क्रमशः......................
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
एक सुहानी याद पार्ट -1
एक सुहानी याद पार्ट -2
एक सुहानी याद पार्ट -3
एक सुहानी याद पार्ट -4
EK SUHANI YAAD paart--4
gataank se aage..........................
Haan to ek sahar me tumhare pati jaise (mera matlab jinko sirf gaand marne ya marwane me hi maza ata hai) log bahut ho gaye aur unki sankhya dino din barhtee jaa rahi thee. Kuch dinoke bad us sahar ke randiyon ne jakar adalat ka darwaja khatkhataya. Jab Magistrate Shab apne kursee par baith gaye aur bole kya bat hai? Tab Randiyon ne pani fariyad sunai aur wo bhi aise:
"Ai Huzure Janeman
Cheh Cheh Mahine ho Gaye Khole Izarband
Ladke Marwaye Gaand
Aur Apni Dukan Band"
Magistrate sahab unki bat sun lee aur thori der ke sochne ke bad bole:
"Ai Gulbadan Jane Chaman
Sun Fariyad Tumhari Hum
Bato Mano Meri
Tum bhi marwayo gaand aur
Apni Choot Karo Band"
Mere kahani sun kar Pratibha khilkhila kar hans dee aur boli, "tum bahut shaitan ho, auraton ko kaise kabu kiya jata hai wo tumhe sab malum hai. Achcha ab bahut ha gaya hai aur thori der ke bad subah bhi ho jayegee. Lao tumhara lund mere munh ke pas kar do, mujhe tumhara lund ka ras chus chus kar pina hai." "Abhi lo Pratibha rani, aur mujhe ek bar phir se tumhari choot ko chat chat uski ras pina hai" mai Pratibha ke munh ke pas apna lund rakh kar bola.
Pratibha mere Lund ko apne hathon se pakar kar apne munh me bhar liya aur mai bhi Pratibha ki choot se apna munh laga diya. Mai Pratibha ki choot apne ungliton se khol kar jitna ja sakta tha apna jeev andar dal kar uske ras ko chat chat kar pine laga aur pratibha bhi mere lund ko pakar kar chusne lagi aur kabhi chatne lagi. Mai Pratibha ki choot chatte hue kabhi kabhi uski gand me apne unglee pher raha tha aur jab jab mai gand me unglee pher raha tha tab tab Pratibha apne gand ko bheench rahee thee. Thori der tak aise hi chalta raha phir Pratibha mere Lund ko apne munh se nikal kar boli, "kyon mere gand ke peeche pare ho? Tumhe choot chahiye tha aur tumhe choot mila. Ab meri gaand par se apna nazar hata lo aur chalo ab mujhe chodo. Mai ab phir se apne choot se tumhara mota lund khane ke liye taiyar hoon." Tab mai Pratibhe ki choot se apna munh hatate hue bola, "are Pratibha rani kyon naraz ho rahi ho. Tumhe gaand nahi marwani hai, mat marwao. Lekin mujhe kam se kam apni gaand se khelne to do? Tab Pratibha boli, "theek hai, lekin gand me na to unglee karna aur na hi apna lund pelna." Ina kah kar Pratibha apne peeth ke bal let kar apne pairo ko ooper utha diya aur boli, "chalo pelo apna lund meri choot me aur phad do meri choot apne lund ke dhakke se."
Mai tab Pratibha ki chunchee dabate hue bola, "Pratibha rani, mai ab tumhe kutte ki tarah peeche se chodna chahata hoon. Chalo ab tum kutia ban jao." Pratibha meri baton ko sun kar boli, "are mai to kutiya pahale se hi ban gayee hoon aur tabhi to tumhara mota halabbi lund se apni choot chudwa chuki hoon. Chalo tum kahate ho to mai tumhare liye kutiya ban jati hoon aur tum mujhe ek kutte ki tarah se chodo." Itna kahakar Pratibha apne ghutno ke bal bister par ukru ho gayee aur apne hathon ko bister par rakh dee. Mai jhat uth kar Pratibha ke peehe baith gaya aur jaisa kutta kutiya ka choot soonghta hai waise mai bhe Pratibha ki choot sunghne laga. Mere harkaton ko dekh Pratibha hans pari. Tab mai apna jeev nikal kar Pratibha ki choot ko peeche se chatne laga aur pratibha bhi pani kamar ko hila hila kar aur ghuma ghuma kar apni choot mujhse chatwatee rahi. Thori der tak aise hi chalta raha, phir mai apna munh utha kar Pratibha ki gand ko chum liya aur uske gaand ke ched par apna jeev laga diya. Pratibha chaunk uthe lekin kuch nahi boli. Mai phir Pratibha ki gaand ki ched se apna jeev laga diya aur phir uski gaand ko chatne laga. Pratibha tab bhi chup rahi. Phir maine apna ek unglee Pratibha ke gaand se lagaya to Pratibha uchal paree aur boli, "sale bharue, kya tere ko meri choot pasand nahi hai? Tabse tu mere gand ke peeche pada hua hai. Maine pahale bhi bata chuki hoon aur phir bol detee hoom ki mujhe gaand nahi marwana hai. Tum meri choot chaho jitna chod lo mujhe koi itraz nahi, lekin gaand ne mai lund nahi lungee. Lagta tu bhi mere pati jaisa gaand ke shaukin hai."
Tab mai Pratibha ki gaand ko chor diya aur uske chhot ke muhane se apna lund ka supara laga diya. Lund ke supara lagte hi Pratibha apni kamar aage peeche hilane lagi aur boli, "pelo mere choot ke raja, pelo meri choot me apna lund pelo. Jor dar dhakoon ke sath lund pelo aur meri choot ko ragar kar chodo." Mai bhi Pratibha ki kamar pakar kar uski choot me danadan apna lund ghuserne laga aur bahar kheecne laga. Pratibha hi apni kamar hila hila kar mere lund ko apni choot ko khilane lagi aur boli, "mar lo aaj, mar lo meri choot ko. Iskee dhajjeyan uda do apne lund ke choton se. Sali ko bahut guma hai ki mota se mota lund bhi iskee jhante bhi nahi banka kar saktee. Chodo meri choot ko aur aur tezzzzzzzzzzzzzzz choddddddddddddooo aur samjha do meri choot ko ki mote lund se chudwane ka matlab kya hota hai. Hai! Choot bahut phail gayee, hai! Meri choot chara rahi hai. Ab mai kal subah apne pati ke ate hi kaise apni berahami se chudee aur puri puri ki khuli choot dikhlaungee. " Mai Pratibha ki bat ko sunta ja raha tha aur useke kamar pakar chodta ja raha tha. Thori der ke bad mai Pratibha ke peeth par jhuk gaya aur uskee chuncheon ko apna dono hathon se masalne laga. Pratibha aur mast hao gayee aur apni kamar ko jor jor se hilane lagee. Tab mai apne ek hath ki unglee par thora thuk laga kar Pratibha ki gaand ke ched se bhira diya aur gol gol ghumane laga. Pratibha kuch nahi boli. Phir mai Pratibha ke peeth par jam kar failte hue uski ek chunchee jor se pakar liya aur apni unglee Pratibha ki gaand me ghused diya. Pratibha chatpataee lekin mai bhi jor se pakar rakha hua tha aur isliye wo kuch nahi kar payee. Mai taba apna unglee ko Pratibha ki gaand ke andara bahar karne laga. Thori der ke Pratibha shant ho gayee aur chup chap apni choot chudwane lagi.
Ekaek mai apna lund Pratibha ki choot me se nikal kar Pratibha ki gaand ki ched par rakha aur ek jhatke ke sath lund ko pura ka pura Pratibha ki gaand me pel diya. Pratibha ekaek chaunk uthee aur chillane lagi, "ohhhhhhhhhhhhhh! Ahhhhhhhhhhhhhhhh! Marrrrrrrrrrrrrr gayeeeeeeeeeeeeeeee . Nikalooooooooo meri gaaaaaaand se apa luuuuuuuund. Mai Marrrrrrrrr jaungeeeeeeeeeeee. Haiiiiiiiiiiiiiiii! Meri gaaaaaand path gayeeeeeeeeeeeeee. Ohhhhhhhhhhhhhhhhh! Ahhhhhhhhhhhhhhh! Ohhhhh ohhhhhh." Mai Pratibha ke baton ko na dhyan dete hue uske gand apna lund pelta raha. Pratibha chilla rahi yhee, "hai! Maaaaaaaaar daaaaaaalaaaaaa, aaaaaareeeee nikalooooooooooooo apna lauraaaaaaaa meri gaaaaaaand seeeeeeeeeeee. Saleeeeeeeee matherchodddddddddd dd muftttttttttttttttt t ka maaaaal milaaaaaaa hai tabhiiiiiiii meriiiiiii gaaaaaaaaaaaaand phaaaaaaaaaaaad raaaaaaaaaaaaha haiiiiiiiiii. Abeeeeeeeeee matherchod apna lauda meri gaaaaand se jaldeeeeeeeeee nikaaaaaaal. " Mai Pratibha ki baton ko na sunte hue apna lund uski gand me pele ja raha tha aur thori der ke bad pucha, "Pratibha meri jan teri gaand bahut pyari hai. Itna tight hai ki mera lund phans phans kar andar ghus raha hai." Itna kah kar mai apne ek hath se Pratibha ki choot me apna ek unglee pel diya aur dhire dhire andar bahar karne laga. Thori der aise hi chalta raha aur dhire dhire Pratibha ka chillana kam ho gaya. Ab wo mere har dhakke ke sath sath Ohhhhhhh! Ohhhhhhhhh! Ahhhhhhhhhh! Ahhhhhhhhh! Haiiiiii! Kar rahi thee. Mai do-char aur dhakke mar kar Pratibha se pucha, "Pratibha rani, ab kaisa lag raha hai? Ab tumhari gaand me mera lund ghusa hua hai, teri choot me mera unglee ghuse huee hai aur teri ek chunchee mere hathon se masla ja raha hai. Bol ab kaisa lag raha hai. Maza aa raha ki nahi?"
Tab Pratibha ne apna chehera meri ghuma kar boli, "pahale to meri gaand phar di apna lauda ghusa kar aur ab puch raha hai ki kaisa lag raha hai? chal jaldi jaldi se meri gand me apna lund se jor jor ka dhakke laga aur meri gaand ko bhi meri choot jaisa phar de. Hai ab bahut achcha lag rahi hai. Ab mar na meri gaand, chod sale, chod meri gaand." Itna kah kar Pratibha apni kamar chala kar mera lund ko apni gand ke andar bahar karne lagi. Tab maine bola, "ab kya ho raha hai Pratibha? Ab to tum khud hi mere Lund ko apni gaand se kha rahi ho. Ab sab dard khatam ho gaya hai?" Pratibha tab muskura kar boli, "pahale to tumne meri gaand me apna mota gadhe jaisa Lund ghusa kar meri gand phad dee aur ab puchte ho ki ab kaisa lag raha raha hai? Chalo ab baten bad me karna ab meri bachi khuchee gandd ko aur phad do aur meri gaand kayde se maro. Mujhe tumse gaand marwa kar bahut achha lag raha hai." Mai tab Pratibha ki kamar ko apne dono hathon se kas kar pakar kar uski gaand me danadan apna lund pelne laga aur kahane laga, "hai! Pratibha rani, teri gaand bahut hi mast hai. Bahut tight gaand hai aur mujhe gaand me lund pelne me bahut maza aa raha hai. Hai! Teri choot aur gaand dono ko chod kar aaj mujhe bahut maza aa raha hai." Pratibha bhi apni kamar mere sath sath chalate hue boli, "mar lo aaj meri gaand. Mufat me mili hai aaj tumko meri gaand, isme apna lund pel pel kar tum bhi maze lo aur mujhe maze do. Hai! Bahut achcha lag raha hai. Haan aise hi marte raho, pelte raho apna lund meri gand me. Ohhhh! Ohhhhh! Ahhhhh! Meri choot me apna unglee dalo. Mai ab jhadnewali hoon." Mai bhi Pratibha ki choot ko apne unglee se khodta raha.
Thori der ke bad Pratibha jhad jayee aur hafne lagi. Thori der ke bad Pratibha boli, "tumne meri gand ko kuon choda? Maine tumhe mana kiya tha na? Jao ab mai tumse apni choot nahi chudwaungee. " Mai tab Pratibha ki choot ko sahalate hue bola, "are meri jaan, kyuon gussa kar rahi ho? Tumhari gaand itni pyaree hai ki mai apne aap ko rok nahi saka. Kya chalakti hue bhari bhari chutar aur unke bich me tumhare gaand ka gulabi ched, kisi ko bhi katal kar sakti hai. Waise sach sach batana ki tumhe maza aaya ki nahi? Kya shandar tumhari gaand hai. Mujhe tumhari gaand marne me bahut maza aaya." Tab Pratibha mere murjhaye Lund ko apne hathon se sahalate hue boli, "haan mujhe gaand marwane me bahut maza aaya, lekin pahale lag raha tha ki meri gaand phat hi jayegee." Mai tab Pratibha se bola, "are meri jaan Lund dalne se na to choot phattee hai aur na hi gand hi phattee hai. Ab dekho na tumhari choot aur gand dono ne mera lund pura ka pura kha gayee aur kuch nahi hua. Achcha ab chalo bathroom cahlo. Mujhe apna lund dhona hai aur tumhari gaand bhi dhoni hai." Mere baton ko sun kar Pratibha uth kar khadee ho gayee aur mere lund ko pakar kar mujhe bhi utha diya. Hum dono bathroom me jakar pahale mai apne hathon se Pratibha ki gaand ko sabun laga kar dhoya aur phir Pratibha ne mere lund ko pakar kar masal masal kar dhoyee. Phir mujhe Pratibha ne kheench kar bedroom me le ayee.
Bedroom me aa kar Pratibha mujhse lipt kar boli, "ab kya irada hai? Waise rat ke dhaee baj rahe hai aur mujhe to neend aa rahi hai. Itni chudai se meri choot aur gaand bhi karah rahi hai. Lagta hai ki choot aur gaand dono andar se chil gaya hai." Mai tab Pratibha ko chummte hue bola, "meri chuddakar rani, kya koi admi ya aurat apne suhagrat ko sota hai kya? Abhi to mujhe tumhe kam se kam ek bar aur chodna hai. Ajj rat jab tak mere lund me dum hai tab tak mai tumhe chodunga, tumharee choot marunga. Aur tum apni tange failayee humare lund se apni choot chudwatee rahogee, samajhe?" Pratibha tab mujhse boli, "tum bahut bare chodu ho. Aaj rat ki chudai se meri choot shadi ke bad pahali bar pata nahi kitnee bar pani chori hai ki mai bol nahi saktee. Shadi ke bad aaj pahali bar meri choot puree taraf se tript ho gayee hai, aur tum bol rahe ho ki tumhe aur chodna hai." Mai tab Pratibha se bola, "rani aaj jo bhi ho jai mujhe rat bhar tumhe chodna hai. Ab chahe choot tript ho gayee ho ya choot karah rahi ho." Itna kah kar mai Pratibha ke dono kandhe pakar liya aur usko bisterpar le jakar leta diya aur phir pucha, "ab bolo kaise chudogee? Mai tumahre ooper char kar chodu ya phir tum mere upar chad kar mujhe chodoge?" Pratibha muskura kar boli, "kya pharak parta hai? Chai tum upar ho ya mai upar hoon, chudegee meri choot hi na? Ab tum jaise chaho chodo mujhe. Aaj ki raat meri choot ko phar kar usko bhosra bana do, meri gaand me apna lund pel kar usko bhi phar do. Kam se kam aaj mujhe pata to chale ki alsi chudai kya hoti hai." Mai tab Pratibha ko bister par baitha kar khud bhi bister par baith gaya aur uski chunchee se khelne laga. Pratibha mujhse boli, "kya bat hai Lagta hai ki yum itni si chudai me apna takat kho diye ho. Aare aur jor jor se maslo meri chuncheon ko. Masal dalo meri in chuncheon ko. Inko bhi to pata lage ki haan koi mard inko cher raha hai, inko masal raha hai."
Mai Pratibha ki bato ko sun kar usko apne god me lita liya aur dono hathon se uski rk chunchee pakar kar jaise aam nichora jata hai, chunchee ko dabane laga aur dusri chunchee ko apne munh me bhar kar chusne laga. Pratibha boli, "wah, maza aa gaya. Tum to meri chunchee aise daba rahe ho jaise koi langra aam ko nichor nichor kar kha rahe ho. Aur jor jor se chuso meri chunchee. Bahut maza aa rahi hai. Hai ahhhhh ohhhhhh ahhhh." Mai tab Pratibha se bola, "rani tumhari chunchean itne dabne ke bad ab langra aam nahi rahe, ab ye to chausa ya fazlee aam ho gaye hain. Waise jo bhi ho inke ras banhut hi mutha hai. Maza aa gaya tumhre chuncheon ki ras pee kar." Iske bad mai Pratibha ko utha kar apne god me bitha liya. Pratibha mere god me mere kamar ke dono taraf apne pairon ko karke mere taraf munh karke baith gayee. Ab mera Lund theek Pratibha ki choot ke samne tha. Mai Pratibha ki chuncheon ko phir se masalne laga aur Pratibha apna ek hath barha kar mera lund apni choot ke ched se bhira diya aur khud hi apni kamar hila kar ek jhatka diya aur mera lund phir se Pratibha ki choot me ghus gaya. Mear lund Pratibha ki choot ke ghste hi Pratibha mere gale me apni bahon ko lappet liya aur apni kamar uchka kar mujhe chodne lagi. Pratibha jaise apni kamar ko utha kar apni choot se mera lund bahar kartee, mai uski chunchee ko jor se daba deta. Pratibha tab ahhhhhh ohhhhhh karke ek jahtke ke sath mera Lund phir se apni choot ghuswa leti.
Pratibha mujhko kuch der tak chodtee rahi aur phir thak kar mere lund apni choot me ghusere hi mere god baith gayee. Mai tab Pratibha se bola, "kyon rani kya chodte chodte thak gayee?" Pratibha mere honthon par chumma dete hue boli, "haan, mujhse ab nahi choda jata. Ab tum mujhe bister par leta kar jaise mard koi randee ko chodta hai, waise hi chodo. Meri choot se aag nikal rahi hai. Aur jab tak na isko tumhare lund ka pani milaga eh aag nahi shant hogi." Mai tab Pratibha ki kamar pakar kar apna kamar chala kar chodna chalu kiya aur usse pucha, "kyu rani kya mere chudai me maza aa raha hai?" Pratibha mere chatee ke nipple ko apne nakhun se kuredte hue boil, "bhala ho humare patidev ki tour ka aur us tankar ka jo ki beech raste me kharab ho gayee hai, nahi to eh chudai ka maza mujhe kabhi na niltee." Mai tab Pratibha ki choot me do char dhakke mar kar bola, "rani ek bat batao? Lagti to tum bahut sexy aur chuddakar bhi, lekin tum kahati ho ki tumhare patidev ek gandu insane hain. Phir tum apni choot ki jalan kaise bujhatee ho?" iske baad pratibha ne jo baat batayi wo agali kahani me. Abhi maine pratibha ki vaise hi god me uthaye huye palang ke kinare par litaya aur uske pair mere kandhe par rakh liye. Uski choot ke niche do takiya lagaya. Jisase choot upar uth gati. Maine dekha pratibha ki choot suz gayi thi aur janghe bhi laal ho gayi thi. Maine apna lund uski choot me hi rakha tha. Is style me maine pratibha ko dhuadhaar chodna shuru kiya kyuki mai farsh par khada tha isliye dhakke bhi jabadast lag rahe the. Mai beech beech me uski patli kamar ko sehlata, chootad dabata aur chunchiyon ko dabata , chusta nipple ko chubhlata ya katata.. uske munh se azeeb awaz nikalne lagi thi.. aaaaaahh..faad dooo... Majaa ..aa gayyaa.. mere rajaaaaaaa Kya lund hai aur kya chudayiiiiiii. . aur zor see.. tejj.. mai jhadne wali hoon.. maro..aaaaaahhhhhh. .. gayiiiiiiiii. . kehate huye wo shant ho gayi.. mere lund me bhi ab ufaan aa raha tha is tarah ki chudayi me kareeb 40 min ho chuke the.. maine ab lund ko pura bahar khinch kar jad tak andar dalte huye dhakke laga raha tha.. dono paseene se bheeg gaye the.. aur kareeb 7-8 lambe shot ke baad lund ko uske bachche dani tak daba ke maine apna fauwara uski choot me chhod diya.. wo bhi chilla uthi..aaaaahh mai fir gayiiiiii.. aur mujhase lipat gayi.. hum log kareeb 20 min aise hi pade rahe .. fir uthe subah ke sadhe char baj rahe the.. bathroom me ja kar don nahaye ek dusare ko saaf kiya fir bahar nikal kar maine apne kapade pehane aur pratibha ke hontho ko chooma uske choot ko sehlaya aur chunchiyon ko pyaar kiya aur mere room me aa gaya.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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