raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
बाली उमर की प्यास पार्ट--8
गतांक से आगे.......................
"आह.. कह तो रही हूँ.. कर लो.. अब और कैसे बताऊं.. बहुत अच्च्छा लग रहा है.. बस!" मीनू ने कहा और शर्मा कर अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया...
खुश होकर तरुण उसकी योनि पर टूट पड़ा.. अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसने योनि के निचले हिस्से पर रखी और उसको लहराता हुआ उपर तक समेट लाया.. मीनू बदहवास हो गयी.. सिसकियाँ और आहें भरते हुए उसने खुद ही अपनी जांघों को पकड़ लिया और तरुण का काम आसान कर दिया...
मेरा बुरा हाल हो चुका था.. उन्होने ध्यान नही दिया होगा.. पर मेरी रज़ाई अब मेरे योनि को मसल्ने के कारण लगातार हिल रही थी...
तरुण ने अपनी एक उंगली मीनू की योनि की फांकों के बीच रख दी और उसकी दोनो 'पपोतियाँ' अपने होंटो में दबाकर चूसने लगा...
मीनू पागल सी हुई जा रही थी.. अब वह तरुण के होंटो को बार बार योनि के मनचाहे हिस्से पर महसूस करने के लिए अपने नितंबों को उपर नीचे हिलाने लगी थी.. ऐसा करते हुए वा अचानक चौंक पड़ी," क्या कर रहे हो?"
"कुच्छ नही.. बस हल्की सी उंगली घुसाई है..." तरुण मुस्कुराता हुआ बोला...
"नही.. बहुत दर्द होगा.. प्लीज़ अंदर मत करना.." मीनू कसमसा कर बोली....
तरुण मुस्कुराता हुआ बोला," अब तक तो नही हुआ ना?"
"नही.. पर तुम अंदर मत डालना प्लीज़..." मीनू ने प्रार्थना सी की...
"मेरी पूरी उंगली तुम्हारी चूत में है.." तरुण हँसने लगा...
"क्या? सच..? " मीनू हैरान होकर जांघों को छ्चोड़ कोहानियों के बल उठ बैठी.. और चौंक कर अपनी योनि में फँसी हुई तरुण की उंगली को देखती हुई बोली," पर मैने तो सुना था कि पहली बार बहुत दर्द होता है.." वह आस्चर्य से आँखें चौड़ी किए अपनी योनि की दरार में अंदर गायब हो चुकी उंगली को देखती रही....
तरुण ने उसकी और देख कर मुस्कुराते हुए उंगली को बाहर खींचा और फिर से अंदर धकेल दिया... अब मीनू उंगली को अंदर जाते देख रही थी.. इसीलिए उच्छल सी पड़ी,"अया..."
"क्या? दर्द हो रहा है या मज़ा आ रहा है...." तरुण ने मुस्कुराते हुए पूचछा...
"आइ.. लव यू जान... आ.. बहुत मज़ा आ रहा हॅयियी..." कहकर मीनू ने आँखें बंद कर ली....
"लेकिन तुमसे ये किसने कहा कि बहुत दर्द होता है...?" तरुण ने उंगली को लगातार अंदर बाहर करते हुए पूचछा....
"छ्चोड़ो ना.. तुम करो ना जान... बहुत.. मज़ा आअ.. रहा है... आयेययीयीयियीयियी आआअह्ह्ह" मीनू की आवाज़ उसके नितंबो के साथ ही थिरक रही थी.... उसने बैठ कर तरुण के होंटो को अपने होंटो में दबोच लिया... तरुण के तो वारे के न्यारे हो गये होंगे... साले कुत्ते के.. ये उंगली वाला मज़ा तो मुझे भी चाहिए.. मैं तड़प उठी...
तरुण उसके होंटो को छ्चोड़ता हुआ बोला," पूरा कर लें क्या?"
"क्या?" मीनू समझ नही पाई.. और ना ही मैं...
"पूरा प्यार... अपना लंड इसके अंदर डाल दूं...!" तरुण ने कहा....
मचलती हुई मीनू उसकी उंगली की स्पीड कम हो जाने से विचलित सी हो गयी..," हां.. कर दो.. ज़्यादा दर्द नही होगा ना?" मीनू प्यार से उसको देखती हुई बोली...
"मैं पागल हूँ क्या? जो ज़्यादा दर्द करूँगा... असली मज़ा तो उसी में आता है.. जब यहाँ से बच्चा निकल सकता है तो उसके अंदर जाने में क्या होगा... और फिर उस मज़े के लिए अगर थोड़ा बहुत दर्द हो भी जाए तो क्या है..? सोच लो!"
मीनू कुच्छ देर सोचने के बाद अपना सिर हिलाती हुई बोली," हां.. कर दो... कर दो जान.. इस'से भी ज़्यादा मज़ा आएगा क्याअ?"
"तुम बस देखती जाओ जान... बस अपनी आँखें बंद करके सीधी लेट जाओ... फिर देखो मैं तुम्हे कहाँ का कहाँ ले जाता हूँ...." तरुण बोला.....
मीनू निसचिंत होकर आँखें बंद करके लेट गयी.. तरुण ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और दनादन उसके फोटो खींचने लगा... मेरी समझ में नही आया वो ऐसा कर क्यूँ रहा है... उसने मीनू की योनि का क्लोज़ उप लिया... फिर उसकी जांघों और योनि का लिया... और फिर थोड़ा नीचे करके शायद उसकी नंगी जांघों से लेकर उसके चेहरे तक का फोटो ले लिया....
"अब जल्दी करो ना जान...!" मीनू ने कहा और अपने नितंबो को कसमसा कर उपर उठा लिया...
"बस एक मिनिट...." तरुण ने कहा और अपनी पॅंट उतार कर मोबाइल वापस उसकी जेब में रख दिया.... उसका लिंग उसके कछे को फाड़ कर बाहर आने वाला था... पर उसने खुद ही निकाल लिया... उसने झट से मीनू की जांघों को उपर उठाया अपना लिंग योनि के ठीक बीचों बीच रख दिया.. लिंग को योनि पर रखे जाते ही मीनू तड़प उठी.. उसका डर अभी तक निकला नही था... उसने बाहें फलकर चारपाई को कसकर पकड़ लिया," प्लीज़.. आराम से जान!"
पता नही तरुण ने उसकी बात सुनी या नही सुनी.. पर सो रही पिंकी ने मीनू की चीख ज़रूर सुन ली... वह हड़बड़ा कर उठ बैठी और अगले ही पल वो उनकी चारपाई के पास थी... आस्चर्य से उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी.. अपने मुँह पर हाथ रखे वह अजीब सी नज़रों से उनको देखने लगी....
अचानक पिंकी के जाग जाने से भौंचाक्क मीनू को जैसे ही अपनी हालत का ख़याल आया.. उसने धक्का देकर तरुण को पिछे धकेला... मीनू के रस में सना तँटनया हुआ तरुण का लिंग बाहर आकर झूलने लगा...
मैं दम साधे कुच्छ और तमाशा देखने के चक्कर में चुप चाप पड़ी रही.....
मीनू ने तुरंत अपनी सलवार उपर कर ली और तरुण ने अपना लिंग अंदर... सारा मामला समझ में आने पर पिंकी ज़्यादा देर वहाँ खड़ी ना रह सकी.. मीनू और तरुण को घूर कर वह पलटी और अपने पैर पटकती हुई वापस अपनी रज़ाई में घुस गयी...
तरुण यूँ रंगे हाथ पकड़े जाने पर भी कुच्छ खास शर्मिंदा नही था पर मीनू की तो हालत ही खराब हो गयी... उसने दीवार का सहारा लेकर अपने घुटने मॉड़े और उनमें सिर देकर फुट फुट कर रोना शुरू कर दिया...
"अब ऐसे मत करो प्लीज़.. वरना अंजू भी जाग गयी तो बात घर से बाहर निकल जाएगी... चुप हो जाओ.. पिंकी को समझा दो कि किसी से इस बात का जिकर ना करे.. वरना हम दोनो पर मुसीबत आ जाएगी" तरुण मीनू के पास बैठ कर धीरे से बोला....
"अब क्या बोलूं मैं? क्या सम्झाउ उसको? समझने को रह ही क्या गया है.. ? मैं तो इसको मुँह दिखाने लायक भी नही रही... मैने मना किया था ना?.. मना किया था ना मैने? क्यूँ नही कंट्रोल हुआ तुमसे..? देख लिया 'तिल'? " मीनू रो रो कर पागल सी हुई जा रही थी.. ," अब मैं क्या करूँ?"
"प्लीज़ मीनू.. सांभलो अपने आपको! वो कोई बच्ची नही है.. सब समझती है.. उसको भी पता होगा कि लड़के लड़की में ये सब होता है! एक मिनिट... प्लीज़ चुप हो जाओ.. मैं उस'से बात करता हूँ" तरुण ने कहते हुए मीनू के सिर पर हाथ फेरा तो उसकी सिसकियो में कुच्छ कमी आई....
तरुण मीनू के पास से उठा और पिंकी की चारपाई के पास आ गया..," पिंकी!" तरुण ने रज़ाई उसके सिर से हटाते हुए प्यार से उसका नाम पुकारा.. पर पिंकी ने रज़ाई वापस खींच ली.. उसने कोई जवाब नही दिया...
"पिंकी.. सुन तो एक बार...!" इस बार तरुण ने रज़ाई हटाकर जैसे ही उसका हाथ पकड़ा.. वह उठ बैठी.. उसने तरुण से नज़रें मिलाने की बजाय अपना चेहरा एक तरफ ही रखा और गरजने लगी," मुझे.. मुझे हाथ लगाने की ज़रूरत नही है.. समझे!"
"पिंकी.. हम एक दूसरे से प्यार करते हैं.. इसीलिए वो सब कर रहे थे.. तुम्हे शायद नही पता इस प्यार में कितना मज़ा आता है.. तुम चाहो तो मैं तुम्हारे साथ भी... सच पिंकी.. इस'से ज़्यादा मज़ा दुनिया में किसी चीज़ में नही आता.." तरुण बाज नही आ रहा था...
"चुप हो जा कामीने!" पिंकी गुस्से से दाँत पीसती हुई बोली....
"समझने की कोशिश करो यार.. प्यार तो सभी करते हैं..!" तरुण ने इस बार और भी धीमा बोलते हुए उसके गालों को छूने की कोशिश की तो पिंकी का 'वो' रूप देख कर मैं भी सहम गयी..
"आए.. यार बोलना अपनी बेहन को.. और प्यार भी उसी से करना.. समझे.. मुझे हाथ लगाने की ज़रूरत नही है.. मुझे मेरी दीदी की तरह भोली मत समझना! कामीने कुत्ते.. मैं तुम्हे कितना अच्च्छा समझती थी.. 'भैया' कहती थी तुम्हे.. मम्मी तुमसे कितना प्यार करती थी.. और तुम क्या निकले? थू !" पिंकी मामले की नज़ाकत को समझते हुए धीरे बोल रही थी.. पर उसकी आँखों में देखने से ऐसा लगता था जैसे वो आँखें नही; जलते हुए अंगारे हों... उसकी उंगली सीधी तरुण की ओर तनी हुई थी और आख़िरी बात कह कर उसने तरुण के चेहरे की और थूक दिया..
तरुण की शकल देखने लायक हो गयी थी.. पर वो सच में ही एक नंबर. का कमीना निकला.. उल्टा चोर कोतवाल को साबित करने की कोशिश करने लगा," मुझे क्यूँ भासन दे रही है? तेरी बेहन से पूच्छ ना वो मुझे क्या मानती है.. कल की लौंडिया है, अपनी औकात में रह.. लगता है किसी से टांका नही भिड़ा अभी तक.. नही तो तुझे भी पता चल जाता इस 'प्यार' की खुजली क्या होती है...
गुस्से में तमतमयी हुई पिंकी ने चारपाई से उठने की कोशिश की पर तरुण ने उसको उठने ही नही दिया.. पिंकी को चारपाई पर ही दबोच कर वो उसके पास बैठ गया और ज़बरदस्ती उसकी चूचियो को मसल्ने लगा.. पिंकी घिघिया उठी.. वह अपने हाथों और लातों को बेबस होकर इधर उधर मारने लगी.. पर वह उसके शिकंजे से छ्छूटने में कामयाब ना हुई...
तरुण कुच्छ देर उसके अंगों को यूँही मसलता रहा.. बेबस होकर पिंकी रोने लगी.. अचानक पिछे से मीनू आई और तरुण का गिरेबान पकड़ कर उसको पिछे खींच लिया," छ्चोड़ दो मेरी बेहन को...!"
जैसे ही पिंकी तरुण के शिकंजे से आज़ाद हुई.. घायल शेरनी की तरह वो उस पर टूट पड़ी.. मैं देख कर हैरान थी.. पिंकी तरुण की छाती पर सवार थी और तरुण नीचे पड़ा पड़ा अपने चेहरे को उसके थप्पाड़ों से बचने की कोशिश करता रहा....
जी भर कर उसकी ठुकाई करने के बाद जब पिंकी हाँफती हुई अलग हुई तो ही तरुण को खड़ा होने का मौका मिल पाया... पिंकी के थप्पाड़ों की बौच्हर से उसका चेहरा लाल पड़ा हुआ था.. और गालों पर जगह जगह पिंकी के नाखुनो के निशान बने हुए थे....
"कुत्ते, कामीने.. निकल जा यहाँ से... हरररम जादा!" पता नही पिंकी अब तक कैसे अपने आप पर काबू किए हुए थी.. शायद मीनू की मर्ज़ी से हो रहे 'ग़लत काम' को तो उसने बर्दास्त कर भी लिया था.... पर उसके बदन पर तरुण के नापाक हाथ लगते ही तो वह चंडी का रूप धारण कर बैठी...
जी भर कर मार खाने के बाद तरुण की पिंकी की और देखने की हिम्मत तक नही हो रही थी... खिसियया हुआ सा वह दरवाजे के पास जाकर मीनू को घूर कर बोला,"कल कॉलेज में मिलता हूँ तेरे से.. तेरे नंगे फोटो खींच लिए हैं मैने.... और आज बता रहा हूँ.. इसको चार चार लड़कों से नही चुदवाया तो मेरा नाम भी तरुण नही...."
इस'से पहले कि पिंकी फिर से उस पर हमला करती.. वह दरवाजा खोल कर बाहर निकल गया...
मीनू फिर से अपनी चारपाई पर जाकर अंदर ही अंदर सुबकने लगी... अपने साँस उतार कर पिंकी उसके पास गयी और उस'से लिपट कर बोली," दीदी.. आप रोवो मत.. भूल जाओ सब कुच्छ... आपकी कसम मैं किसी को कुच्छ नही बताउन्गि.. और ना ही आपको कुच्छ कहूँगी इस बारे में... चुप हो जाओ ना दीदी.."
सुनकर मीनू का रोना और भी तेज हो गया.. और उसने अपनी छ्होटी, पर समझदारी में उस'से कहीं बड़ी बेहन को सीने से लगा लिया... पिंकी ने प्यार से उसके गालों को सहलाया और उसी के साथ लेट गयी.....
क्रमशः ..................
"aah.. kah toh rahi hoon.. kar lo.. ab aur kaise bataoon.. bahut achchha lag raha hai.. bus!" Meenu ne kaha aur sharma kar apne hathon se apna chehra dhak liya...
Khush hokar Tarun uski yoni par toot pada.. apni jeebh bahar nikal kar usne yoni ke nichle hisse par rakhi aur usko lahrata hua upar tak samet laya.. Meenu badhawas ho gayi.. siskiyan aur aahein bharte huye usne khud hi apni janghon ko pakad liya aur Tarun ka kaam aasan kar diya...
mera bura haal ho chuka tha.. unhone dhyan nahi diya hoga.. par meri rajayi ab mere yoni ko masalne ke karan lagataar hil rahi thi...
Tarun ne apni ek ungali Meenu ki yoni ki faankon ke beech rakh di aur uski dono 'papotiyan' apne honton mein dabakar choosne laga...
Meenu pagal si huyi ja rahi thi.. ab wah Tarun ke honton ko baar baar yoni ke manchahe hisse par mahsoos karne ke liye apne nitambon ko upar neeche hilane lagi thi.. aisa karte huye wah achanak chounk padi," Kya kar rahe ho?"
"Kuchh nahi.. bus hulki si ungali ghusayi hai..." Tarun muskurata hua bola...
"Nahi.. bahut dard hoga.. pls andar mat karna.." Meenu kasmasa kar boli....
Tarun muskurata hua bola," Ab tak toh nahi hua na?"
"Nahi.. par tum andar mat daalna pls..." Meenu ne prarthna si ki...
"Meri poori ungali tumhari choot mein hai.." Tarun hansne laga...
"Kya? Sach..? " Meenu hairan hokar jaanghon ko chhod kohaniyon ke bal uth baithi.. aur chounk kar apni yoni mein fansi huyi Tarun ki ungali ko dekhti huyi boli," Par maine toh suna tha ki pahli baar bahut dard hota hai.." Wah aascharya se aankhein choudi kiye apni yoni ki daraar mein andar gayab ho chuki ungali ko dekhti rahi....
Tarun ne uski aur dekh kar muskurate huye ungali ko bahar kheencha aur fir se andar dhakel diya... Ab Meenu ungali ko andar jate dekh rahi thi.. isiliye uchhal si padi,"aaah..."
"Kya? dard ho raha hai ya maja aa raha hai...." Tarun ne muskurate huye poochha...
"I.. love you jaan... aah.. bahut mazaa aa raha haiii..." Kahkar Meenu ne aankhein band kar li....
"Lekin tumse ye kisne kaha ki bahut dard hota hai...?" Tarun ne ungali ko lagataar andar bahar karte huye poochha....
"Chhodo na.. tum karo na jaan... bahut.. maja aaa.. raha hai... aaayyiiiiii aaaaahhh" Meenu ki aawaj uske nitamob ke sath hi thirak rahi thi.... Usne baith kar Tarun ke honton ko apne honton mein daboch liya... Tarun ke toh vaare ke nyare ho gaye honge... Sale kutte ke.. ye ungali wala maja toh mujhe bhi chahiye.. main tadap uthi...
Tarun uske honton ko chhodta hua bola," Poora kar lein kya?"
"Kya?" Meenu samajh nahi payi.. aur na hi main...
"Poora pyar... apna lund iske andar daal doon...!" Tarun ne kaha....
Machalti huyi meenu uski ungali ki speed kum ho jane se vichlit si ho gayi..," haan.. kar do.. jyada dard nahi hoga na?" Meenu pyar se usko dekhti huyi boli...
"Main pagal hoon kya? jo jyada dard karoonga... asli maja toh usi mein aata hai.. jab yahan se bachcha nikal sakta hai toh uske andar jane mein kya hoga... aur fir uss maje ke liye agar thoda bahut dard ho bhi jaye toh kya hai..? Soch lo!"
Meenu kuchh der sochne ke baad apna sir hilati huyi boli," Haan.. kar do... kar do jaan.. iss'se bhi jyada maja aayega kyaaa?"
"Tum bus dekhti jao jaan... bus apni aankhein band karke seedhi late jao... fir dekho main tumhe kahan ka kahan le jata hoon...." Tarun bola.....
Meenu nischint hokar aankhein band karke late gayi.. Tarun ne apni jeb se mobile nikala aur danadan uske photo kheenchne laga... Meri samajh mein nahi aaya wo aisa kar kyun raha hai... Usne Meenu ki yoni ka close up liya... fir uski jaanghon aur yoni ka liya... aur fir thoda neeche karke shayad uski nangi jaanghon se lekar uske chehre tak ka photo le liya....
"Ab jaldi karo na jaan...!" Meenu ne kaha aur apne nitamob ko kasmasa kar upar utha liya...
"Bus ek minute...." Tarun ne kaha aur apni pant utar kar mobile wapas uski jeb mein rakh diya.... uska ling uske kachchhe ko faad kar bahar aane wala tha... par usne khud hi nikal liya... Usne jhat se Meenu ki jaanghon ko upar uthaya apna ling yoni ke theek beechon beech rakh diya.. ling ko yoni par rakhe jate hi Meenu tadap uthi.. uska darr abhi tak nikla nahi tha... usne baahein falakar charpayi ko kaskar pakad liya," Pls.. aaram se jaan!"
Pata nahi Tarun ne uski baat suni ya nahi suni.. par so rahi Pinki ne Meenu ki cheekh jaroor sun li... wah hadbada kar uth baithi aur agle hi pal wo unki charpayi ke paas thi... aascharya se uski aankhein fati ki fati rah gayi.. apne munh par hath rakhe wah ajeeb si najron se unko dekhne lagi....
Achanak Pinki ke jaag jane se bhounchakk Meenu ko jaise hi apni halat ka khayal aaya.. usne dhakka dekar Tarun ko pichhe dhakela... Meenu ke ras mein sana tantanaya hua Tarun ka ling bahar aakar jhoolne laga...
Main dum saadhe kuchh aur tamasha dekhne ke chakkar mein chup chaap padi rahi.....
Meenu ne turant apni salwar upar kar li aur Tarun ne apna ling andar... Sara maamla samajh mein aane par Pinky jyada der wahan khadi na rah saki.. Meenu aur Tarun ko ghoor kar wah palati aur apne pair patakti huyi wapas apni rajayi mein ghus gayi...
Tarun yun rangey hath pakde jane par bhi kuchh khas sharminda nahi tha par Meenu ki toh halat hi kharaab ho gayi... Usne deewar ka sahara lekar apne ghutne modey aur unmein sir dekar foot foot kar rona shuru kar diya...
"Ab aise mat karo pls.. warna Anju bhi jaag gayi toh baat ghar se bahar nikal jayegi... chup ho jao.. Pinky ko samjha do ki kisi se iss baat ka jikar na karey.. warna hum dono par musibat aa jayegi" Tarun Meenu ke paas baith kar dheere se bola....
"Ab kya bolun main? Kya samjhaaun usko? Samjhane ko rah hi kya gaya hai.. ? Main toh isko munh dikhane layak bhi nahi rahi... Maine mana kiya tha na?.. mana kiya tha na maine? kyun nahi control hua tumse..? Dekh liya 'til'? " Meenu ro ro kar pagal si huyi ja rahi thi.. ," Ab main kya karoon?"
"Plz Meenu.. Sambhalo apne aapko! Wo koyi bachchi nahi hai.. sab samajhti hai.. Usko bhi pata hoga ki ladke ladki mein ye sab hota hai! Ek minute... pls chup ho jao.. main uss'se baat karta hoon" Tarun ne kahte huye Meenu ke Sir par hath fera toh uski susakiyon mein kuchh kami aayi....
Tarun Meenu ke paas se utha aur Pinki ki charpayi ke paas aa gaya..," Pinky!" Tarun ne rajayi uske sir se hatate huye pyar se uska naam pukara.. Par Pinki ne rajayi wapas kheench li.. usne koyi jawab nahi diya...
"Pinki.. Sun toh ek baar...!" Iss baar Tarun ne rajayi hatakar jaise hi uska hath pakda.. wah uth baithi.. Usne Tarun se najrein milane ki bajay apna chehra ek taraf hi rakha aur garajne lagi," Mujhe.. Mujhe hath lagane ki jarurat nahi hai.. Samjhe!"
"Pinki.. hum ek dusre se pyar karte hain.. isiliye wo sab kar rahe the.. tumhe shayad nahi pata iss pyar mein kitna maja aata hai.. tum chaho toh main tumhare sath bhi... Sach Pinki.. iss'se jyada maja duniya mein kisi cheej mein nahi aata.." Tarun baaj nahi aa raha tha...
"chup ho ja kaminey!" Pinky gusse se daant peesti huyi boli....
"Samjhane ki koshish karo yaar.. pyar toh sabhi karte hain..!" Tarun ne iss baar aur bhi dheema bolte huye uske gaalon ko chhoone ki koshish ki toh Pinki ka 'wo' roop dekh kar main bhi saham gayi..
"Aey.. Yaar bolna apni behan ko.. aur pyar bhi usi se karna.. Samjhe.. Mujhe hath lagane ki jarurat nahi hai.. Mujhe meri didi ki tarah bholi mat samajhna! kaminey kutte.. main tumhe kitna achchha samajhti thi.. 'bhaiya' kahti thi tumhe.. mummy tumse kitna pyar karti thi.. aur tum kya nikle? thoooh !" Pinki maamle ki najakat ko samajhte huye dheere bol rahi thi.. par uski aankhon mein dekhne se aisa lagta tha jaise wo aankhein nahi; jalte huye angaare hon... Uski ungali seedhi Tarun ki aur tani huyi thi aur aakhiri baat kah kar usne Tarun ke chehre ki aur thook diya..
Tarun ki shakal dekhne layak ho gayi thi.. par wo sach mein hi ek no. ka kameena nikla.. Ulta chor kotwal ko sabit karne ki koshish karne laga," Mujhe kyun bhasan de rahi hai? Teri behan se poochh na wo mujhe kya maanti hai.. kal ki loundiya hai, apni aukaat mein rah.. lagta hai kisi se taanka nahi fida abhi tak.. nahi toh tujhe bhi pata chal jata iss 'pyar' ki khujli kya hoti hai...
Gusse mein tamtamayi huyi Pinki ne charpayi se uthne ki koshish ki par Tarun ne usko uthne hi nahi diya.. Pinki ko charpayi par hi daboch kar wo uske paas baith gaya aur jabardasti uski chhatiyon ko masalne laga.. Pinki ghighiya uthi.. wah apne hathon aur laaton ko bebas hokar idhar udhar maarne lagi.. par wah uske shikanje se chhootne mein kaamyaab na huyi...
Tarun kuchh der uske angon ko yunhi masalta raha.. bebas hokar Pinky rone lagi.. Achanak pichhe se Meenu aayi aur Tarun ka girebaan pakad kar usko pichhe kheench liya," Chhod do meri behan ko...!"
Jaise hi Pinki Tarun ke shikanje se aazad huyi.. ghayal sherni ki tarah wo uss par toot padi.. main dekh kar hairan thi.. Pinki Tarun ki chhati par sawaar thi aur Tarun neeche pada pada apne chehre ko uske thappadon se bachane ki koshish karta raha....
Ji bhar kar uski thukayi karne ke baad jab pinky haanfti huyi alag huyi toh hi Tarun ko khada hone ka mouka mil paya... Pinki ke thappadon ki bouchhar se uska chehra laal pada hua tha.. aur gaalon par jagah jagah Pinky ke naakhuno ke nishan bane huye the....
"Kutte, kaminey.. nikal ja yahan se... harrram jada!" pata nahi Pinky ab tak kaise apne aap par kaabu kiye huye thi.. shayad Meenu ki marzi se ho rahe 'galat kaam' ko toh usne bardaast kar bhi liya tha.... par uske badan par Tarun ke napak hath lagte hi toh wah chandi ka roop dharan kar baithi...
Ji bhar kar maar khane ke baad Tarun ki Pinki ki aur dekhne ki himmat tak nahi ho rahi thi... khisiyaya hua sa wah darwaje ke paas jakar Meenu ko ghoor kar bola,"Kal college mein milta hoon tere se.. tere nangey photo kheench liye hain maine.... aur aaj bata raha hoon.. isko char char ladkon se nahi chudwaya toh mera naam bhi Tarun nahi...."
Iss'se pahle ki Pinki fir se uss par hamla karti.. wah darwaja khol kar bahar nikal gaya...
Meenu fir se apni charpayi par jakar andar hi andar subakne lagi... apne saans utaar kar Pinky uske paas gayi aur uss'se lipat kar boli," Didi.. aap rowo mat.. bhool jao sab kuchh... aapki kasam main kisi ko kuchh nahi bataaungi.. aur na hi aapko kuchh kahoongi iss baare mein... chup ho jao na didi.."
Sunkar Meenu ka rona aur bhi tej ho gaya.. aur usne apni chhoti, par samajhdari mein uss'se kahin badi behan ko seene se laga liya... Pinky ne pyar se uske gaalon ko sahlaya aur usi ke sath late gayi.....
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
No comments:
Post a Comment