Sunday, May 4, 2014

FUN-MAZA-MASTI नौकरी हो तो ऐसी--4

FUN-MAZA-MASTI

  नौकरी हो तो ऐसी--4
  गतान्क से आगे...... 
मैं फट से इन मदमस्त रंडियो के चंगुल से निकल के बाथरूम की तरफ चल दिया. और जैसे मैने प्लान किया था. राधे ने लड़की को बाथरूम के अंदर पहुचा दिया था. मैने राधे के हाथ मे कुछ पैसे थमा दिए और राधे चल पड़ा, मैने बाथरूम के अंदर प्रवेश किया. एक मदहोश करनेवाला चेहरा, सावला गोरा वदन, लगभग 5 फीट 7 इंच की उचाई, हरी भारी गोलाकार चुचिया, बड़ी भारी गोल घेराव वाली गांद और सबसे मस्त उसके भरे भरे गाल देख के मैं अपनी इस सीता को देखते ही रह गया. मुख से वो मासूम और अंजान मालूम पड़ रही थी. और जब मैने उसको ज़ोर्से कान पे किस करना शुरू कर दिया वैसे ही 

वो बोली "बाबबूजी ज़रा धीरे करना …मैं नयी नयी हू इस धंधे मे " 
मैने पूछा "अच्छा…..कितनो से चुदवा चुकी हो" 
वो बोली "नही अब तक चुदाई नही हुई है मेरी …." 
मैं बोला "वाह 100 रुपये मे नया कोरा माल …वाआह ….वाह" 
मैं मन ही मन मे बहुत खुस हो गया क्यू की मैने दोस्तो से सुना था, जब नये माल को चोदते है तो सबसे अधिक मज़ा आता है और पहली बार लड़की की चूत फटने के कारण उसकी चूत से लाल लाल रंग खून भी निकलता है. मैं इस विचार से बहाल हो गया. 
वो बोली "आप क्या सोच रहे हो" 
मैं बोला "मैं तुझे बहुत आराम से चोदुन्गा …तुझे बिल्कुल भी दर्द महसूस नही होने दूँगा अगर तू मुझे चोदने देगी तो मैं तुझे और 100 रुपये दे दूँगा…." 
ये बात सुनके वो थोडिसी खुश हो गयी. 
और बोली"तो ठीक है ….पर आप हमे वचन दीजिए गा कि आप हमे दर्द नही होने देंगे." मैने हा मे हा भर दी. 

अब मेरा लंड बहुत ही गरम हो गया था, और मेरी पॅंट से बाहर निकलने के लिए तरस रहा था .मैने उसे अपने सामने पकड़ा और अपने लंड को उसके दो टाँगो के बीच डाल दिया. और आगे पीछे करने लगा, वो अब गरम होने लगी थी, और मेरी छाती उसके छाती से घिसने के कारण गरम गरम और ज़ोर ज़ोर्से सासे लेने लगी थी. मैने अभी उसके ब्लाउस का हुक धीरे धीरे करके खोल दिया और ब्लाउस के खुलते ही उसके हॅश्ट पुष्ट चुचिया ब्लाउस से बाहर निकल के आई और मेरी छाती से भीड़ गयी, अब मैने एक चुचि के निपल को अपने मूह मे लिया, और चुसते हुए अपने लंड को उसकी टाँगो के बीच और ज़ोर्से हिलाने लगा, और वो मुझसे पूरी तरह चिपक गयी. 

उसकी चुचिया बहुत ही नरम और नाज़ुक आम की तरह थी. और मेरे कस्के चूसने से निपल्स सख़्त होने लगे थे. उसके गुलाबी कलर के निपल्स के दाने चूसने से गीले होने की वजह से बहुत ही रसभरे लग रहे थे. अब मैने उसकी स्कर्ट मे नीचे से हाथ डाल के उसे उसकी मासल जांगो तक उपर उठाया, और पीछेसे उसकी निकर्स मे हाथ डाल के उसकी नाज़ुक गांद को स्पर्श करने लगा, और वो अपना निचला होंठ दांतो तले दबाने लगी. मेरे लंड का अब हथोदा बन चुका था. मैने अपनी सीता को नीचे घुटनो पे बिठा दिया और मूह मे लॅंड घुसा दिया वाह क्या ठंडक पहुच रही थी मेरे लंड को. 

मैने उसके सर को पकड़ा और उस पर हाथ रखकर आगे पीछे करने लगा और मेरे लंड को उसके मूह के अंदर अंदर घुसेड़ने लगा. उसके मूह से "गुगगुगग्गगुउुगु गु उउउउउ गु गु" आवाज़े निकल रही थी और मैं मुखमैथून से आनंदित हो रहा था. अब मुझसे बर्दाश्त नही हुआ और मैने अपना पूरा वीर्य उसके मूह के अंदर तक छोड़ दिया. वो इस धक्के से अंजान थी और जब तक उसे कुछ भी समझ आए मैने आधा वीर्य उसके गले तक धकेल दिया था. और उसका मन ना होते हुए बचा आधा वीर्य उसे पीने को कहा.उसने मन ना होते हुए भी वीर्य पी लिया और मेरे गीले लंड को मूह मे अपने जीभ से सॉफ करने लगी. 

मैं अब नीचे गिर गया और वो भी मेरे उपर गिर गयी. उसकी चुचिया मेरे पेट से चिपकी हुई थी. मेरे पेट मे अजीब सी और बहुत ही ठंडक महसूस हो रही थी. थोड़ी देर तक हम ऐसे ही चिपके रहे उसके बाद मे मैने उसके चूत मे उंगली डाली परंतु मुश्किल से एक उंगली अंदर जा पा रही थी. उसमे भी उसके चेहरे पर चिंता बढ़ा दी थी. क्यू कि मैं जैसे ही थूक लगा के उंगली अंदर डालता उसे दर्द होने लगता. 

अब मैने उसे खड़ा कर दिया. और मैं उसके सामने सीधे खड़ा हो गया और मेरे लंड महाशय को उसकी चूत के उपर निशाना लगाके थूक से लंड महाशय का सूपड़ा गीला करके चूत पर लगा दिया. उसका एक हाथ मेरे छाती पर था. जैसे ही मैने लंड अंदर डालना शुरू किया. मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत की टाइट होंठो से भिड़ाने लगा. अब मैने ज़रा ज़ोर्से चूत के अंदर सूपड़ा घुसाने की कोशिश की और लंड का सूपड़ा थोड़ा अंदर चला गया, जैसे की उसका एक हाथ मेरे छाती पे था. वो मुझे पीछे धकेलने लग गयी. और उसके मूह से "उईईइ माआआआअ…उई मा " की आवाज़े निकलनि शुरू हो गयी. 

जैसे कि उसकी चूत बड़ी ही टाइट और बिन चुदी थी मुझे बहुत ही प्रयास करने पड़ रहे थे, परंतु उसमे भी एक आनंद था. अब मैने उसे मेरे लंड पे थूकने को कहा और उसको मैने अपने छाती से कस्के पकड़ लिया पूरी ताक़त लगा के, अब तक तो उसे पता ही चल गया था कि अब तो उसकी खैर नही वो थोडिसी झिजक रह थी मैं एक हाथ से लंड को चूत के होल के निशाने पे लगाया, और उसे अपनी छाती से दबाते हुए, पूरी ताक़त से ज़ोर का झटका मारा, "आआआआआआआहह…..उवूऊयियैयियैयीयि
ी….माआआअ….मार गेयी….एयाया…उउउउउ.ईईईई" 
उसकी मूह से ज़ोर्से आवाज़ निकली और निकलती रही, उसकी चूत का हाइमेन फट गया था और खून निकलने लगा था उसे बहुत ही दर्द होना शुरू हो गया, वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी परंतु मैने कस्के पकड़ने के कारण कुछ ना कर पाई, नीचे उसकी चूत से खून की लाल रंग की बूंदे टपक रही थी और ज़ोर के धक्के के बजह से वो एकदम डर गयी थी और उसे दर्द असहनीय हो रहा था. 

अब मैने धीरे धीरे करके उसे सहलाते हुए धक्को को कंट्रोल मे लाया और आधे से उपर लंड उसकी चूत मे घुसेड़ने मे कामयाब रहा, और उसे भी अब चूत गीली होने के वजह से मज़ा आने लगा पर बहुत ही कम, वो दर्द से बिलख रही थी और उसकी आँखो के कोने से थोड़ा थोड़ा पानी आसू बन के टपक रहा था. नवेली दुल्हन अभी कुँवारी चूत की नही रही थी, अभी वो सौभाग्यवती बन गयी थी. मैने धक्को की गति बढ़ाई अभी उसे और मज़ा आने लगा और वो मेरा चुदाई मे साथ देने लगी. 

मुझे अब पूरा लंड उस मासूम कली के अंदर डालने की इच्छा हो रही थी, इसलिए मैने अब पोज़िशन बदली और उसे कुत्ती की तरह खड़ा किया और पीछेसे उसकी पीठ से चिपक के उसे अपनी बाहो मे भर के पूरे लंड को पूरा अंदर बाहर निकाल के धक्के मारने लगा, वो अभी झड़ने वाली थी, थोड़ी ही देर मे वो दो बार झाड़ गयी, उसके मूह पे अभी थोड़ी खुशी और थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था और वो चुदाई मे अब मेरा पूरा साथ दे रही थी. 

मैने बीच मे लंड को उसके मूह मे दिया और उसने थूक डाल के चूत के रस से उसे मिक्स करके चूसने लगी, और मेरे लंड को गीला कर दिया, मेरा लंड एकदम आकर्षक और बहुत ही बड़ा और मोटा दिख रहा था, वो इतनी चुदाई होने के बाद भी आगे चुदाई की जाए इस बात के लिए मन से तैयार नही थी, मैने अभी उसे अपनी बाहो मे उठाया और अब मेरेपे जानवर सवार हो गया, जैसे कि उसका सब नियंत्रण अब मेरे हाथो मे था, मैने ज़ोर के झटके मार मार के अपना पूरा भरा, मोटा, लंबा लंड उसके चूत मे घुसेड दिया और वो दर्द से और ज़्यादा बिखलने लगी….. 10 इंच का मेरा हथोदा उसके सहन से बिल्कुल ही बाहर था….बेचारी बहुत ही नाज़ुक कली थी…अब उसका फूल बना दिया था मैने …अब मेरे मूह से ज़ोर्से आवाज़े निकलने लगी, मैने अपना वीर्य उसकी चूत मे अंदर तक डाल दिया और मुझे बहुत ही आनंद महसूस होने लगा. 

थोड़ी देर के बाद मैं अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो मैने उसे उसके मूह मे थमा दिया, वो बेचारी अपने मूह से वीरयमिश्रित लंड को सॉफ कर रही थी, और वीर्य चूस भी रही थी. एक दिन मे मैने उसे इस खेल मे माहिर बना दिया था, उतने मे ही बाथरूम के दरवाजे पर क़िस्सी के हाथ की ठप पड़ी. 

मैने हल्केसे बाथरूम का दरवाजा खोला, तो बाहर चाइवाला राधे खड़ा था, मैं उसे देख के थोड़ा मुस्कुराया और 
उसे बोला "वाह राधे, तूने दिल खुश कर दिया आज तो मेरा , अब तुझे खुश मैं करूँगा!! " 
राधे बोला " मेरे लिए, क्या करोगे आप बाबूजी…. " 
मैं बोला "कुछ नही बस रात को दस बजे मेरे कॅबिन के बाहर आ जाना ….ठीक है….." 
बेचारा राधे कुछ समझ नही पा रहा था. और मैं और मेरी गाव की गोरी मुस्कुरा रही, थी अभी गाँव की गोरी ने अपने पूरे कपड़े पहेन लिए और मुझे गाल [पे दो चार चुम्मे देके "फिर मिलेंगे बाबूजी इसी सफ़र मे" कह के निकलने लगी, राधे भी उसके पीछे निकल गया. 

मैं वाहा से निकल के अपने केबिन मे आ गया. तो बहू, सेठानी और सेठ जी खाना खा रहे थे, 
सेठ जी मुझे देख के बोले "अरे भाई कहा निकल लिए थे सबेरे सबेरे …ये क्या शहर है घूमने के लिए …किस डिब्बे मे घुस गये थे ..टिकेट कलेक्टर पकड़ लेता तो…." 
मैं मन मे बोला "अबे बुड्ढे मुझे क्या टी. सी. पकड़ेगा साला, अब तक तीन को चोद चुका हू, उसे तू हमारे साथ होते हुए भी नही पकड़ पाया, तो टी.सी. क्या मुझे विदाउट टिकेट पकड़ेगा…" और मन ही मन मे मुस्कुराया. 
सेठ जी को देख के बोला "कुछ नही सेठ जी एक चाइ वाला मिला था, उसीसे थोड़ी गाव की बातें हो रही थी….." 

सेठ जी मुझे देख के बोले "तो ठीक है….आओ अभी तुम्हे भूक लगी होगी …खाना ख़ालो " 
मैं सेठानी के बाजू मे जाके बैठ गया, वैसे ही सेठानी ने मेरे बाजू खिसक अपनी गांद मेरे गांद से चिपका दी और सारी का पल्लू नीचे गिरा दिया, बूढ़ा सेठ सेठानी को घूर्ने लगा, परंतु सेठानी उसे बिल्कुल ही भाव नही दे रही थी, सेठानी ने नीचे मेरी टाँग से टाँग मिला ली और अपने मांसल हाथ मेरे हाथ से खाते हुए मुझसे घिसने लगी. मैने पीछे से हाथ डॉल के सेठानी की कमर की बारीक सी चिमती ली. वैसे ही वो थोड़ी जगह से हिल गयी..और उठके नीचे बैठ गयी, अब मुझसे और थोड़ी चिपक के मेरे आँखो मे आँखे डाल के प्यार भरी गरम निगाह से देखने लगी. थोड़ी देर बाद हम लोगो का खाना हो गया और सेठ जी बाजू मे ही जाके एक खाली बर्त पे सो गये. 

सेठ जी की आँख जैसे ही लगी, बहू और सेठानी मेरी बाजू मे आके मुझसे चिपकाना शुरू हो गयी, मैने झट से बहू का ब्लाउस खोला, अब मुझे बहू के स्तनो मे से दूध चूसने की बहुत इच्छा हो रही थी, मैने ब्लाउस खोलते ही बहू का एक निपल अपने मूह मे ले लिया और दूध चूसना शुरू कर दिया आआआ….हहाा….क्या मज़ा आ रहा था, बहुत ही बढ़िया थोड़ी देर बाद मैने बहू का दूसरा निपल चूसना शुरू किया, और बहू बहुत ही गरम होने लगी, नीचे सेठानी ने बर्त पे बैठे बैठे ही मेरी पॅंट की ज़िप खोल दी, और मेरे लंड को मूह मे लेने लगी. 

इन दोनो औरतो की हरकते बढ़ती जा रही थी, मैं सोच रहा था कि ये दोनो मुझे जाके काम करने भी देगी या मुझे चोदने की मशीन बना देगी. सेठानी के लाल लाल होंठो के अंदर मेरे लंड का सूपड़ा बहुत ही आकर्षक लग रहा था, वो मेरे लंड को अपने मूह की लार से गीला कर देती और फिर सॉफ करती…वाह क्या मदमस्त होंठ थे सेठानी के, बहुत ही नरम और मुलायम मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. इतने मे मेरा नियंत्रण छूटा और मैने मेरा पूरा वीर्य सेठानी के मूह मे छोड़ दिया सेठानी ने आधा वीर्य बहू के मूह मे डाला और बाद मे दोनो ने सब वीर्य पी लिया. 

अब मुझे नींद बहुत ही आ रही थी, और मैं अपनी जगह पे बैठे बैठे ही सो गया. 

क्रमशः......... 




















हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator