raj sharma stories
विलेज में सुहागरात
मेरे उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ, मुझे मदहोश किये जाते हैं
कुछ करो हम तेरे आगोश में बिन पिए बहक से जाते हैं
हेलो दोस्तो मैं राज शर्मा एक बार फिर से आपके सामने अपनी एक और
कहानी ले के आ गया हू मगर मैं एक बात ज़रूर बोलना चाहता हू कि मुझको
मेरी पिछली स्टोरी’स पे बहुत सी मैल आई और ज़्यादातर मैल सिर्फ़ इस
लिए थी कि आप अपनी फ्रेंड का कॉन्टेक्ट नंबर दे दो या फिर हमको कोई सेफ
प्लेस बता दो जहा हम अपनी गर्लफ्रेंड को ले जा के उसको चोद सके तो
मैं एक बात बिल्कुल क्लियर कर देना चाहता हू कि
जिसको भी चोदा है तो उसको सीक्रेट रखना पहली शर्त है इस लिए मैं
कभी भी उस लड़की के बारे मे किसी को कुछ नही बता सकता इस लिए
प्ल्ज़ मुझको फिर दुबारा इस लिए कोई मैल ना करे
और अब मैं आपलोगो का ज़्यादा टाइम बर्बाद ना करते हुए अपनी स्टोरी की तरफ
आता हू ये बात आज से कोई 2 मंथ पहले की है मैं अपने ऑफीस के
काम से एक विलेज मे गया हुआ था वाहा पे मुझको उस विलेज के
प्रधान से मिलना था मैं जब उस प्रधान के घर गया और दरवाज़ा नॉक
किया तो एक कोई 25 साल की बहुत ही खूबसूरत सी औरत बाहर निकली मैं
उसको देखता ही रह गया कोई 5फिट 6 इंच उसकी हाइट थी गोरा रंग उसने
एक अच्छी सी ब्लू साडी पहनी हुई थी मैं उसको देखता ही रह गया फिर
मैने उसको बताया कि मैं प्रधान से मिलना चाहता हू तो उसने मुझको
अंदर आने को कहा और औंदर एक रूम मे बैठाया और बोली कि आप
यहा बैठिए पापा अभी आते है तो मैं समझ गया कि ये प्रधान की
बेटी है थोड़ी देर मे वो मेरे लिए पानी ले के आई और मुझको पानी
दे के चली गयी
इस भरी गर्मी में यारों
बारिस सी चूत में बरस गयी
लौंडे ने मारी धार जो अन्दर
मैं प्यारे बस सरस गयी.
जब थमी चुदाई की घड़ियाँ
चोदू मुझ पर लेट गया
बोला प्यार से "रानी बिटिया'
आज तो मन बस हरस गया.
बरसो से छुपी तमन्ना थी
अपनी बिटिया का रेप करूँ
बांध जूड पलंग से तुमको
बिना बताये रेड करूँ.
आज ये सुन्दर मौका देखा
जबरन तुझको चोद दिया
मुझे माफ करना मेरी रानी
मैंने तुझ पर जोर किया.
चूम होठ पापा के बोली
पापा तुम सा कोई नहीं
ये चूत तुम्हारी चेरी है
मैं भी कोई गैर नहीं.
मेरी भी एक इच्छा पापा
वो भी आज पूरी कर दो
मुझे बनाकर कुतिया तुम
लंड चूत में ठेल ही दो.
महीने से ऊपर आज हुए
उस रात जब तुमने चोदा था
मेरी चूत को रगड़ रगड़
अपने लंड से खोदा था.
तब से मैं हूँ तरस रही
क्यों इतने दिन बाद सुध ली मेरी
क्यों न रेप किया मेरा
क्यों भूली चूत तुम्हे मेरी.
चूत चोद मुह में डाला
गांड में भी माल निकाला
चूस चास कर साफ किया
फिर भी न माना चूत-स्नान किया.
कुछ देर बाद प्रधान मेरे रूम मे आया और मैने उसको बताया कि मैं
क्यू आया था और काफ़ी देर तक हमारी बात चलती रही क्योंकि हमारी
कंपनी उस विलेज मैं एक प्रॉजेक्ट शुरू करना चाहती थी जिसके लिए
हमको प्रधान से बात करनी थी प्रधान मेरी बात से बहुत खुश हुआ
क्योंकि उस प्रॉजेक्ट से उसके विलेज का बहुत विकास हो जाएगा और उस विकास
का पूरा क्रेडिट उस प्रधान को मिलने वाला था इस लिए प्रधान मुझको बोला
कि आपको जो भी हेल्प चाहिए होगी मैं तुरंत करूँगा.मैने प्रधान को
बोला कि इस प्रॉजेक्ट के सिलसिले मैं मुझको कुछ दिन इस गाओं मे रहना
पड़ेगा इस लिए मेरे लिए एक कमरे का इंतज़ाम करो और साथ मे कोई
आदमी जो मेरे लिए खाना वगेरा बना सके मेरे कपड़े धो सके तो
प्रधान मुझको बोला कि मेरा घर बहुत बड़ा है आप इसी मे रह लीजिए
आपको कोई परेशानी नही होगी तो मैने उसको मना किया कि मुझको कई
बार लेट नाइट भी बाहर जाना पड़ेगा और मुझको प्रॉजेक्ट के सिलसिले
मे कई लोगो को बुलाना भी पड़ेगा इस लिए मुझको कोई अलग मकान का
इंतज़ाम कर के दो तो वो बोला मेरा एक मकान गाओं से बाहर खेत के पास
बना हुआ है आप देख लीजिए अगर आपको पसंद हो तो वही रह लीजिए
मैने कहा ठीक है मैं प्रधान के साथ उसका मकान देखने गया तो वो
मुझको पसंद आ गया क्योंकि वो बिल्कुल अलग हट के बना था कि मैं वाहा
जैसे भी रहू किसी को कोई परेशानी नही होने वाली थी मैने मकान के
लिए हा कर दी और पूछा कि खाने और कपड़े धोने का भी कोई इंतज़ाम
है कि नही तो वो बोला कि सर ये काम तो मेरी विधवा बेटी कर देगी वो
घर से खाना बना के ले आया करेगी आपके लिए और आपके कपड़े भी धो
देगी वैसे भी उसका टाइम पास नही होता क्योंकि मैने बचपन मे उसकी
शादी कर दी थी और अभी उसका गौना (विदाई) नही हुआ था कि उसका पति
मर गया
इस तरह मेरे लिए मकान और खाने का इंतज़ाम हो गया और मैं अगले
दिन ही अपना समान ले के वापिस उस विलेज मे रहने आ गया मैं शाम
को पहुचा था और वाहा आके देखा कि प्रधान के साथ कुछ आदमी खड़े
है उन्होने मेरा समान घर मे सेट कर दिया और इसी मे रात के 9 बज
चुके थे प्रधान ने मुझको बोला कि मैं अब जा रहा हू और आपके लिए
खाना भिजवाता हू तब तक आप नहा लीजिए और प्रधान चला गया मैने
दरवाज़ा बंद किया और नहाने के लिए बाथरूम मे चला गया बात ले
के मैने एक टीशर्ट और शॉर्ट पहन लिए और रूम मे टीवी देखने लगा
तभी डोर पे नॉक हुआ तो मैने जैसे दरवाज़ा खोला तो देखा उसी दिन
वाली वो लेडी दरवाज़े के बाहर खड़ी थी आज उसके चेहरे पे एक स्माइल थी
और वो मुस्कुराती हुई बोली साहब मैं आपके लिए खाना लाई हू मैने
खुद बनाया है औब आप शहर वालो को पता नही पसंद आएगा कि नही
मैने उसको अंदर आने को कहा वो अंदर आई और मेरे लिए खाना
निकालने लगी जितनी देर वो खाना लगा रही थी मैं उसकी बॉडी को ही
निहारता रहा क्या अल्मस्त जवानी थी मेरा मन कर रहा था कि अभी इसको
अपनी बाहो मे भर लू और खाने की जगह इसको ही खा जाउ मगर मैने
अपने आप को कंट्रोल किया और खाना खाने लगा खाना खाते हुए मैने
ऐसे ही उसके साथ थोड़ी बहुत बात की और उसके खाने की बहुत तारीफ़
भी की
ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा औब वो मुझसे काफ़ी हद तक खुल गयी थी
और मुझसे हसी मज़ाक भी कर लेती थी उसका नाम रागिनी था
एक दिन जब वो सुबह मेरे लिए चाइ और नाश्ता ले के आई तो मैने
दरवाज़ा खोला और फिर वापिस बेड पे आके लेट गया उसने पूछा कि क्या हुआ
साहब आज आप कुछ ठीक नही लग रहे है तो मैने कहा कि आज कुछ
तबीयत ठीक नही है पूरा बदन टूट रहा है और सिर भारी सा हो रहा
है तो वो मेरा माथा छू के देखने लगी और बोली बुखार तो नही है
लगता है आप बहुत थक गये है आइए मैं आपकी मालिश कर दू इससे
आपको आराम मिलेगा मैने उसको मना किया मगर वो नही मानी और तेल ले
के आ गयी उसने ज़मीन पे एक चटाई बिछा दी और बोली इस्पे टीशर्ट
उतार के लेट जाइए मैने वेसा ही किया और सिर्फ़ शॉर्ट’स पहन के लेट
गया वो मेरे पैरो मैं मालिश करने लगी उसने उस वक़्त एक पिंक कलर की
सारी पहनी हुई थी वो थोड़ा झुक के मेरे पैरो पे तेल लगा रही थी
जिससे उसके बूब्स ब्लाउस से बाहर आ रहे थे ये देख के मेरा लंड खड़ा
हो गया मैने देखा वो तिरछी निगाह से मेरे लंड को देख रही थी मैने
ऐसे ही उससे बात करते हुए उसको पूछा कि रागिनी तुम्हारी उमर क्या है
तो वो बोली 25 मैने कहा कि क्या तुम्हारा मन नही करता कि तुम्हारी
दुबारा शादी हो तो वो बोली की साहब कौन सी औरत ये नही चाहेगी कि
उसको उसका मर्द प्यार करे और मैं भी तो एक औरत हू मगर मेरा मर्द
तो बिना मुझको टच किए ही मर् गया अब तो ऐसे ही जिंदगी काटनी
पड़ेगी मुझको और तरसते रहना पड़ेगा मैने कहा कि क्या शादी के बिना
प्यार नही हो सकता क्या तो वो बोली कि आप तो जानते है मैं विलेज
मैं रहती हू और प्रधान की बेटी हू इस गाओं मे कोई ऐसा है ही नही
जो मेरे को प्यार कर सके मैने कहा कि क्या मैं भी नही ?
तो वो बोली धुत आप मुझ जैसी गाओं की लड़की को प्यार करेंगे मैं
कुछ नही बोला और उठ के बैठ गया और उसकी आँखो मे देखने लगा
वो कुछ देर तो मुझको देखती रही फिर उसने शर्मा के अपनी आखे बंद
कर दी तो मैने उसको हग कर के सीने से लगा लिया उसकी चुचिया मेरे
सीने से डब रही थी वो कुछ नही बोली और उसने भी मुझको हग कर लिया
मैने उसके गरम होंठो पे अपने होंठ रख के उसको चूसना शुरू कर
दिया और मेरा एक हाथ उसके नरम नरम दूध को सहलाने लगा तो उसने
मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्ल्ज़ अभी ये मत करो क्योंकि मैं बिल्कुल
कुवारि हू और मेरा एक अरमान था कि जब भी मैं फर्स्ट टाइम चुदाई
कर्वाऊ तो वो बिल्कुल सुहाग रात की तरह हो आज बापू दोपहर मे
रिश्तेदारी मे जाने वाले है मैं रात को आपका खाना ले के आउन्गि
तब यही रुक जाउन्गि क्योंकि घर पे कोई और रोकने वाला नही होगा तब आप
मुझको अपनी दुल्हन बना के बहुत सा प्यार करना मैने कहा ठीक है
मगर अभी जब शुरुआत हो गयी है तो कम से कम कुछ पिला तो दो और
मैने उसका ब्लाउस सरका के उसका एक दूध बाहर निकाल के बहुत ज़ोर से
चूस लिया वो आअहह करने लगी उसके बाद वो अपने घर चली गयी
शाम को कोई 6 बजे मेरा दरवाज़ा नॉक हुआ तो मैने दरवाज़ा खोल के देखा
तो बाहर एक आदमी खड़ा था और उसके हाथ मे एक बहुत बड़ा सा पॅकेट
था उसने बोला कि प्रधान जी के घर से ये समान लाया हू उन्होने आपको
देने को बोला था मैं वो पॅकेट ले के अंदर आ गया और उसे खोला तो
देखा उसमे बहुत से फूल थे और एक चिट्ठी थी जिसमे रागिनी ने लिखा
था कि ये फूल भेज रही हू अपनी सुहाग रात मनाने के लिए इन फूलो
से मेरी सुहागरात को याद गार बना देना मैने अंदर बेडरूम मे बेड
पे एक न्यू वाइट बेडशीट बिछाई और वो फूल उसपे डाल दिए और पूरा
रूम ऐसे सज़ा दिया जैसे सुहागरात मे सजाया जाता है और खुद भी
नहा के शेव कर के कुर्ता पयज़ामा पहन के तैयार हो गया
रात को कोई 830 रागिनी आई और मैने उसको हग करने की कोशिश की तो
वो मुस्कुराते हुए बोली जानू थोड़ा इंतजार तो करो उसके हाथ मे एक
छोटा सा बॅग था और वो मेरे से बोली की सबर करो सबर का फल मीठा
होता है मैं जब आपको बुलाउन्गी तब रूम मे आना तब तक उधेर
देखना भी नही और वो रूम मे चली गयी मैं बाहर बैठा इंतजार
करता रहा कोई 30 मिनट बाद अंदर से आवाज़ आई जानुउऊउउ आओ ना
मैं अंदर रूम मे उठ के गया तो उसको देखता ही रह गया उसने एक रेड
सारी पहनी हुई थी और थोड़े से गहने और बहुत अछा मेकप कर के वो
बिलकल दुल्हन बनी हुई थी और बेड पे थोड़ा सा घूँघट निकाल के बैठी
हुई थी मैने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और उसके पास जा के बेड पे
बैठ गया और उसका घूँघट उठाया उसने शरम से अपनी नज़रे झुका
रखी थी मैने उसकी आँखो पे अपने होंठ रख दिए तो उसने अपना बदन
ढीला छोड़ दिया मैने उसको हग कर के सीने से लगा लिया और थोड़ी देर
ऐसे ही बैठा रहा उसकी धड़कन बहुत तेज चल रही थी फिर वो उठी
और बगल से गरम दूध का ग्लास उठा के मुझको देने लगी कि इसको पी
लीजिए मैने वो दूध का ग्लास उसके हाथ से ले के साइड मे रख दिया
और उसको कहा कि जानू इस वक़्त ये दूध पीने का वक़्त नही है मुझको तो
कुछ और पीना है तो उसने शर्मा के धीरे से पूछा और क्या पीना है तो
मैने उसके दोनो दूध को सहलाते हुए कहा ये पीना है तो उसने शर्मा के
धात्ट बोला और कहा आप तो बहुत वो है मैने ऐसे ही दूध को सहलाते
हुए उसको गरम करना शुरू किया और धीरे धीरे उसका पल्लू हटा के उसके
ब्लाउस के बटन खोलने लगा उसने अपने हाथ से अपना चेहरा ढक लिया
और बोली मुझको शरम आ रही है मैने उसका पूरा ब्लाउस उतार दिया और
फिर सारी भी खोल दी औब वो पेटीकोट और ब्रा मे थी उसने वाइट ब्रा
पहनी हुई थी फिर मैने उसको हग किया और पीछे से उसके ब्रा का हुक भी
खोल दिया औब मैं उसकी पीठ को सहला रहा था और उसकी नेक पे अपने
होठ से रगड़ रहा था उसके मुँह से हल्की हल्की आहह निकल रही थी
मैने उसकी पीठ को सहलाते हुए अपना हाथ उसके पेटीकोटे मे डालते
हुए उसकी गांद को भी सहलाना शुरू कर दिया और ऐसे ही मैने उसका ज़ोर
लगा के नारा तोड़ दिया जैसे नारा टूटा उसका पेटीकोटे नीचे गिर गया अब
वो सिर्फ़ पॅंटी मे थी मैने उसको ऐसे ही बेड पे लिटा दिया और खुद
खड़े हो के अपने कपड़े उतारने लगा और खुद भी सिर्फ़ अंडरवेर मे आ
गया और धीरे से उसके उपेर लेट के होंठो से होंठ मिला दिए उसके दोनो
हाथ उसके सिर के साइड मे रख के उंगलियो मे उंगलिया फसा के कस के
पकड़ लिया था और उसके होंठो का रस पीने लगा ऐसे ही पीते पीते मेरा
खड़ा लंड उसकी चूत के उप्पेर पॅंटी को रगड़ रहा था उसने अपनी आँखो
को बंद किया हुआ था और फिर मैने एक हाथ से अपना अंडरवेर उतार
दिया और पूरा नंगा हो गया उसके बाद मैने उसकी पॅंटी भी उतार दी और
फिर ऐसे ही उसके उप्पेर लेट गया उसके माथे से उसको चूमना शुरू किया
और नीचे की तरफ आने लगा जैसे मेरे होंठ उसकी चूत तक पहुचे
उसने दोनो हाथो से मेरा सिर पकड़ लिया और उसके मुँह से सिसकारिया
निकलने लगी उसकी चूत बिल्कुल पिंक कलर की थी और बिल्कुल सॉफ उसने
यहा आने से पहले ही अपनी झाँते सॉफ की थी उसकी चूत से हल्का सा
पानी निकल रहा था मैने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया थोड़ी देर
बाद मे खड़ा हुआ और उसके सिर की तरफ जा के उसके सिर के नीचे एक
हाथ लगा के उसका सिर थोड़ा सा उठाया और उसके होंठ पे अपना लंड
रगड़ दिया और उसने ऐसा करते ही अपना हल्का सा मुँह खोला तो मैने
अपना लंड उसके मुँह मे दे दिया जिसको उसने बहुत प्यार से चूसना
शुरू कर दिया मैं उसकी चूचियो को सहला रहा था ऐसे ही कोई 10 मिनट
तक मैं उसको अपना लंड चुस्वाता रहा फिर मैने उसको बेड पे सीधा
लिटाया और उसके पैर घुटनो से मोड़ के उसके दोनो हाथो मे पकड़वा दिए
और मैं उसकी टाँगो के बीच आ गया और उसको बोला कि अब थोड़ा सा
बर्दाश्त करना तुमको हल्की सी दर्द होगी तो वो बोली कि मैं तैयार हू
उसके बाद मैने अपने लंड की टिप उसकी चूत के कट पे रगडी तो उसके
मुँह से श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकलने लगा और उसकी पूरी बॉडी ने एक
झटका खाया फिर मैने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ा और दूसरे हाथ
से अपना लंड पकड़ के उसकी टिप को उसकी चूत के होल पे रखा फिर मैने
उसके दोनो कंधे पकड़ के हल्का सा धक्का मारा जिससे मेरे लंड की टिप
उसकी चूत मे घुस गयी और उसके मुँह से चीख निकल गयी मैने अपना
लंड को वैसे ही रहने दिया और झुक के उसके निप्पल चूसने लगा वो दर्द
से आहह आहह कर रही थी थोड़ी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हो गया
तो मैने उसके दूध को सहलाते हुए धीरे धीरे लंड को और अंदर किया
थोडा अंदर जाने के बाद मेरा लंड किसी चीज़्ज़ से टकरा के रुक गया
वो उसकी चूत की सील थी जिससे मैं समझ गया कि अब ये ज़ोर से
चिल्लाने वाली है मैने उसको कस के पकड़ लिया और उसके लिप्स को अपने
होंठो मे दबा लिया की वो जयदा ज़ोर से चिल्ला ना पाए और पूरी ताक़त
से एक ज़ोर का धक्का मार दिया मेरा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ
पूरा अंदर घुस गया वो दर्द से बिल्कुल तड़पने लगी और अपना मुँह मेरे
होंठो से छुड़ाने की कोशिश करने लगी कि वो चिल्ला सके मगर मैने
उसको कस के पकड़े रखा और अपना लंड भी अंदर डाल के कुछ देर रुका
रहा धीरे धीरे वो शांत हो गयी उसकी आँखो से आँसू निकल आए थे
दर्द से फिर मैने उसके होंठो को आज़ाद किया और दूध पीने लगा उसके मुँह
से अब कराहते निकल रही थी औब मैने धीरे धीरे अपना लंड अंदर
बाहर करना शुरू किया और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता गया अब उसको भी
मज़ा आने लगा था और वो अपनी गांद उछाल उछाल के चुदवाने लगी थी
ऐसे ही मैं कोई 10 मिनट तक उसको चोद्ता रहा इतनी देर मे वो एक बार
झाड़ चुकी थी अब उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो कह रही थी
आहह और ज़ोर से चोदो मेरी 25 साल की उमर मे इतनी खुशी मुझको
कभी नही मिली आअहह मुझको पूरा निचोड़ दो मुझको बहुत अछा
लग रहा है मैने फिर उसकी चूत से लंड निकाला और देखा कि बेडशीट
खून से भर चुकी है मैने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांद
को पकड़ के फिर लंड उसकी चूत मे डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने
लगा अब मैने अपने हाथ उसकी साइड से डाल के उसके दोनो दूध पकड़
लिए थे जो मेरे धक्को से बहुत बुरी तरह हिल रहे थे और ऐसे ही
उसको चोद्ता रहा वो मज़े से आआहह आहह कर के मुझसे
चुदवा रही थी अचानक वो ज़ोर से चिल्लाई मेरी चूत फिर झड़ने वाली
है और ज़ोर से चोदो और इतना बोलते ही उसकी बॉडी ने झटका खाया और वो
फिर से झाड़ गयी
वो साली, साली नही,
जीजा से जिसने चुदवाया नहीं
वो जीजा भी कोई जीजा है,
जिसने साली को लंड पे बिठाया नहीं
थोड़ी देर बाद मुझको लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हू क्योंकि मैने
कॉंडम नही लगाया था इस लिए मैने लंड निकाल के उसकी गांद के उप्पेर
पिचकारी छोड़ दी और उसके बाद हम ऐसे ही नंगे कुछ देर एक दूसरे को
हग कर के लेट गये उसके बाद वो बाथरूम गयी उससे ठीक से चला नही
जा रहा था क्योंकि उसकी चूत कुछ फट गयी थी मैं भी उसके पीछे
बाथरूम गया और उसको बोला कि मेरा भी लंड साफ करो उसने अपनी चूत
और मेरा लंड पानी से धो के सॉफ किया जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा
होने लगा मैने उसको लंड चूसने के लिए कहा तो वो मेरे पैरो के पास
ज़मीन पे बैठ के मेरे लंड की लॉलीपोप चूसने लगी फिर मैने उसको
गोद मे उठाया और बेडरूम मे ले आया और बेडरूम मे पड़े टेबल पे
उसकी गांद टीका के उसके दोनो पैर उप्पेर उठा के अपने कंधो पे रख के
उसके सामने खड़े हो के उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया और फिर से
उसको बहुत बुरी तरह से चोदा ये वाली चुदाई मे उसको भी बहुत मज़ा
आया इस तरह उस रात हमने अपनी सुहाग रात मे कोई 4 बार चुदाई की
सुबह उसकी ऐसी हालत हो चुकी थी कि वो बिल्कुल भी चल नही पा रही
थी बहुत मुश्किल से वो अपने घर गयी उसका बाप 3 दिन बाद वापिस आने
वाला था और डे टाइम मे मुझको भी अपने प्रॉजेक्ट के सिलसाले मे बिज़ी
रहना पड़ता था इस लिए वो 3 दिन तक रोज रात को आ के मेरी बीवी बन
जाती थी और हम बहुत चुदाई करते थे नेक्स्ट डे मैने उसकी गांद भी
मार दी और उसकी गांद से भी बहुत खून निकला
इसी तरह अब मैं जब भी उस विलेज मे जाता हू तो वो मेरी वाइफ का
रोल प्ले करने को आ जाती है और मेरे लंड की प्यास बुझा देती है
प्ल्ज़ मुझको ज़रूर बताईएएगा की केसी लगी मेरी स्टोरी
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काम से एक विलेज मे गया हुआ था वाहा पे मुझको उस विलेज के
प्रधान से मिलना था मैं जब उस प्रधान के घर गया और दरवाज़ा नॉक
किया तो एक कोई 25 साल की बहुत ही खूबसूरत सी औरत बाहर निकली मैं
उसको देखता ही रह गया कोई 5फिट 6 इंच उसकी हाइट थी गोरा रंग उसने
एक अच्छी सी ब्लू साडी पहनी हुई थी मैं उसको देखता ही रह गया फिर
मैने उसको बताया कि मैं प्रधान से मिलना चाहता हू तो उसने मुझको
अंदर आने को कहा और औंदर एक रूम मे बैठाया और बोली कि आप
यहा बैठिए पापा अभी आते है तो मैं समझ गया कि ये प्रधान की
बेटी है थोड़ी देर मे वो मेरे लिए पानी ले के आई और मुझको पानी
दे के चली गयी
इस भरी गर्मी में यारों
बारिस सी चूत में बरस गयी
लौंडे ने मारी धार जो अन्दर
मैं प्यारे बस सरस गयी.
जब थमी चुदाई की घड़ियाँ
चोदू मुझ पर लेट गया
बोला प्यार से "रानी बिटिया'
आज तो मन बस हरस गया.
बरसो से छुपी तमन्ना थी
अपनी बिटिया का रेप करूँ
बांध जूड पलंग से तुमको
बिना बताये रेड करूँ.
आज ये सुन्दर मौका देखा
जबरन तुझको चोद दिया
मुझे माफ करना मेरी रानी
मैंने तुझ पर जोर किया.
चूम होठ पापा के बोली
पापा तुम सा कोई नहीं
ये चूत तुम्हारी चेरी है
मैं भी कोई गैर नहीं.
मेरी भी एक इच्छा पापा
वो भी आज पूरी कर दो
मुझे बनाकर कुतिया तुम
लंड चूत में ठेल ही दो.
महीने से ऊपर आज हुए
उस रात जब तुमने चोदा था
मेरी चूत को रगड़ रगड़
अपने लंड से खोदा था.
तब से मैं हूँ तरस रही
क्यों इतने दिन बाद सुध ली मेरी
क्यों न रेप किया मेरा
क्यों भूली चूत तुम्हे मेरी.
चूत चोद मुह में डाला
गांड में भी माल निकाला
चूस चास कर साफ किया
फिर भी न माना चूत-स्नान किया.
कुछ देर बाद प्रधान मेरे रूम मे आया और मैने उसको बताया कि मैं
क्यू आया था और काफ़ी देर तक हमारी बात चलती रही क्योंकि हमारी
कंपनी उस विलेज मैं एक प्रॉजेक्ट शुरू करना चाहती थी जिसके लिए
हमको प्रधान से बात करनी थी प्रधान मेरी बात से बहुत खुश हुआ
क्योंकि उस प्रॉजेक्ट से उसके विलेज का बहुत विकास हो जाएगा और उस विकास
का पूरा क्रेडिट उस प्रधान को मिलने वाला था इस लिए प्रधान मुझको बोला
कि आपको जो भी हेल्प चाहिए होगी मैं तुरंत करूँगा.मैने प्रधान को
बोला कि इस प्रॉजेक्ट के सिलसिले मैं मुझको कुछ दिन इस गाओं मे रहना
पड़ेगा इस लिए मेरे लिए एक कमरे का इंतज़ाम करो और साथ मे कोई
आदमी जो मेरे लिए खाना वगेरा बना सके मेरे कपड़े धो सके तो
प्रधान मुझको बोला कि मेरा घर बहुत बड़ा है आप इसी मे रह लीजिए
आपको कोई परेशानी नही होगी तो मैने उसको मना किया कि मुझको कई
बार लेट नाइट भी बाहर जाना पड़ेगा और मुझको प्रॉजेक्ट के सिलसिले
मे कई लोगो को बुलाना भी पड़ेगा इस लिए मुझको कोई अलग मकान का
इंतज़ाम कर के दो तो वो बोला मेरा एक मकान गाओं से बाहर खेत के पास
बना हुआ है आप देख लीजिए अगर आपको पसंद हो तो वही रह लीजिए
मैने कहा ठीक है मैं प्रधान के साथ उसका मकान देखने गया तो वो
मुझको पसंद आ गया क्योंकि वो बिल्कुल अलग हट के बना था कि मैं वाहा
जैसे भी रहू किसी को कोई परेशानी नही होने वाली थी मैने मकान के
लिए हा कर दी और पूछा कि खाने और कपड़े धोने का भी कोई इंतज़ाम
है कि नही तो वो बोला कि सर ये काम तो मेरी विधवा बेटी कर देगी वो
घर से खाना बना के ले आया करेगी आपके लिए और आपके कपड़े भी धो
देगी वैसे भी उसका टाइम पास नही होता क्योंकि मैने बचपन मे उसकी
शादी कर दी थी और अभी उसका गौना (विदाई) नही हुआ था कि उसका पति
मर गया
इस तरह मेरे लिए मकान और खाने का इंतज़ाम हो गया और मैं अगले
दिन ही अपना समान ले के वापिस उस विलेज मे रहने आ गया मैं शाम
को पहुचा था और वाहा आके देखा कि प्रधान के साथ कुछ आदमी खड़े
है उन्होने मेरा समान घर मे सेट कर दिया और इसी मे रात के 9 बज
चुके थे प्रधान ने मुझको बोला कि मैं अब जा रहा हू और आपके लिए
खाना भिजवाता हू तब तक आप नहा लीजिए और प्रधान चला गया मैने
दरवाज़ा बंद किया और नहाने के लिए बाथरूम मे चला गया बात ले
के मैने एक टीशर्ट और शॉर्ट पहन लिए और रूम मे टीवी देखने लगा
तभी डोर पे नॉक हुआ तो मैने जैसे दरवाज़ा खोला तो देखा उसी दिन
वाली वो लेडी दरवाज़े के बाहर खड़ी थी आज उसके चेहरे पे एक स्माइल थी
और वो मुस्कुराती हुई बोली साहब मैं आपके लिए खाना लाई हू मैने
खुद बनाया है औब आप शहर वालो को पता नही पसंद आएगा कि नही
मैने उसको अंदर आने को कहा वो अंदर आई और मेरे लिए खाना
निकालने लगी जितनी देर वो खाना लगा रही थी मैं उसकी बॉडी को ही
निहारता रहा क्या अल्मस्त जवानी थी मेरा मन कर रहा था कि अभी इसको
अपनी बाहो मे भर लू और खाने की जगह इसको ही खा जाउ मगर मैने
अपने आप को कंट्रोल किया और खाना खाने लगा खाना खाते हुए मैने
ऐसे ही उसके साथ थोड़ी बहुत बात की और उसके खाने की बहुत तारीफ़
भी की
ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा औब वो मुझसे काफ़ी हद तक खुल गयी थी
और मुझसे हसी मज़ाक भी कर लेती थी उसका नाम रागिनी था
एक दिन जब वो सुबह मेरे लिए चाइ और नाश्ता ले के आई तो मैने
दरवाज़ा खोला और फिर वापिस बेड पे आके लेट गया उसने पूछा कि क्या हुआ
साहब आज आप कुछ ठीक नही लग रहे है तो मैने कहा कि आज कुछ
तबीयत ठीक नही है पूरा बदन टूट रहा है और सिर भारी सा हो रहा
है तो वो मेरा माथा छू के देखने लगी और बोली बुखार तो नही है
लगता है आप बहुत थक गये है आइए मैं आपकी मालिश कर दू इससे
आपको आराम मिलेगा मैने उसको मना किया मगर वो नही मानी और तेल ले
के आ गयी उसने ज़मीन पे एक चटाई बिछा दी और बोली इस्पे टीशर्ट
उतार के लेट जाइए मैने वेसा ही किया और सिर्फ़ शॉर्ट’स पहन के लेट
गया वो मेरे पैरो मैं मालिश करने लगी उसने उस वक़्त एक पिंक कलर की
सारी पहनी हुई थी वो थोड़ा झुक के मेरे पैरो पे तेल लगा रही थी
जिससे उसके बूब्स ब्लाउस से बाहर आ रहे थे ये देख के मेरा लंड खड़ा
हो गया मैने देखा वो तिरछी निगाह से मेरे लंड को देख रही थी मैने
ऐसे ही उससे बात करते हुए उसको पूछा कि रागिनी तुम्हारी उमर क्या है
तो वो बोली 25 मैने कहा कि क्या तुम्हारा मन नही करता कि तुम्हारी
दुबारा शादी हो तो वो बोली की साहब कौन सी औरत ये नही चाहेगी कि
उसको उसका मर्द प्यार करे और मैं भी तो एक औरत हू मगर मेरा मर्द
तो बिना मुझको टच किए ही मर् गया अब तो ऐसे ही जिंदगी काटनी
पड़ेगी मुझको और तरसते रहना पड़ेगा मैने कहा कि क्या शादी के बिना
प्यार नही हो सकता क्या तो वो बोली कि आप तो जानते है मैं विलेज
मैं रहती हू और प्रधान की बेटी हू इस गाओं मे कोई ऐसा है ही नही
जो मेरे को प्यार कर सके मैने कहा कि क्या मैं भी नही ?
तो वो बोली धुत आप मुझ जैसी गाओं की लड़की को प्यार करेंगे मैं
कुछ नही बोला और उठ के बैठ गया और उसकी आँखो मे देखने लगा
वो कुछ देर तो मुझको देखती रही फिर उसने शर्मा के अपनी आखे बंद
कर दी तो मैने उसको हग कर के सीने से लगा लिया उसकी चुचिया मेरे
सीने से डब रही थी वो कुछ नही बोली और उसने भी मुझको हग कर लिया
मैने उसके गरम होंठो पे अपने होंठ रख के उसको चूसना शुरू कर
दिया और मेरा एक हाथ उसके नरम नरम दूध को सहलाने लगा तो उसने
मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्ल्ज़ अभी ये मत करो क्योंकि मैं बिल्कुल
कुवारि हू और मेरा एक अरमान था कि जब भी मैं फर्स्ट टाइम चुदाई
कर्वाऊ तो वो बिल्कुल सुहाग रात की तरह हो आज बापू दोपहर मे
रिश्तेदारी मे जाने वाले है मैं रात को आपका खाना ले के आउन्गि
तब यही रुक जाउन्गि क्योंकि घर पे कोई और रोकने वाला नही होगा तब आप
मुझको अपनी दुल्हन बना के बहुत सा प्यार करना मैने कहा ठीक है
मगर अभी जब शुरुआत हो गयी है तो कम से कम कुछ पिला तो दो और
मैने उसका ब्लाउस सरका के उसका एक दूध बाहर निकाल के बहुत ज़ोर से
चूस लिया वो आअहह करने लगी उसके बाद वो अपने घर चली गयी
शाम को कोई 6 बजे मेरा दरवाज़ा नॉक हुआ तो मैने दरवाज़ा खोल के देखा
तो बाहर एक आदमी खड़ा था और उसके हाथ मे एक बहुत बड़ा सा पॅकेट
था उसने बोला कि प्रधान जी के घर से ये समान लाया हू उन्होने आपको
देने को बोला था मैं वो पॅकेट ले के अंदर आ गया और उसे खोला तो
देखा उसमे बहुत से फूल थे और एक चिट्ठी थी जिसमे रागिनी ने लिखा
था कि ये फूल भेज रही हू अपनी सुहाग रात मनाने के लिए इन फूलो
से मेरी सुहागरात को याद गार बना देना मैने अंदर बेडरूम मे बेड
पे एक न्यू वाइट बेडशीट बिछाई और वो फूल उसपे डाल दिए और पूरा
रूम ऐसे सज़ा दिया जैसे सुहागरात मे सजाया जाता है और खुद भी
नहा के शेव कर के कुर्ता पयज़ामा पहन के तैयार हो गया
रात को कोई 830 रागिनी आई और मैने उसको हग करने की कोशिश की तो
वो मुस्कुराते हुए बोली जानू थोड़ा इंतजार तो करो उसके हाथ मे एक
छोटा सा बॅग था और वो मेरे से बोली की सबर करो सबर का फल मीठा
होता है मैं जब आपको बुलाउन्गी तब रूम मे आना तब तक उधेर
देखना भी नही और वो रूम मे चली गयी मैं बाहर बैठा इंतजार
करता रहा कोई 30 मिनट बाद अंदर से आवाज़ आई जानुउऊउउ आओ ना
मैं अंदर रूम मे उठ के गया तो उसको देखता ही रह गया उसने एक रेड
सारी पहनी हुई थी और थोड़े से गहने और बहुत अछा मेकप कर के वो
बिलकल दुल्हन बनी हुई थी और बेड पे थोड़ा सा घूँघट निकाल के बैठी
हुई थी मैने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और उसके पास जा के बेड पे
बैठ गया और उसका घूँघट उठाया उसने शरम से अपनी नज़रे झुका
रखी थी मैने उसकी आँखो पे अपने होंठ रख दिए तो उसने अपना बदन
ढीला छोड़ दिया मैने उसको हग कर के सीने से लगा लिया और थोड़ी देर
ऐसे ही बैठा रहा उसकी धड़कन बहुत तेज चल रही थी फिर वो उठी
और बगल से गरम दूध का ग्लास उठा के मुझको देने लगी कि इसको पी
लीजिए मैने वो दूध का ग्लास उसके हाथ से ले के साइड मे रख दिया
और उसको कहा कि जानू इस वक़्त ये दूध पीने का वक़्त नही है मुझको तो
कुछ और पीना है तो उसने शर्मा के धीरे से पूछा और क्या पीना है तो
मैने उसके दोनो दूध को सहलाते हुए कहा ये पीना है तो उसने शर्मा के
धात्ट बोला और कहा आप तो बहुत वो है मैने ऐसे ही दूध को सहलाते
हुए उसको गरम करना शुरू किया और धीरे धीरे उसका पल्लू हटा के उसके
ब्लाउस के बटन खोलने लगा उसने अपने हाथ से अपना चेहरा ढक लिया
और बोली मुझको शरम आ रही है मैने उसका पूरा ब्लाउस उतार दिया और
फिर सारी भी खोल दी औब वो पेटीकोट और ब्रा मे थी उसने वाइट ब्रा
पहनी हुई थी फिर मैने उसको हग किया और पीछे से उसके ब्रा का हुक भी
खोल दिया औब मैं उसकी पीठ को सहला रहा था और उसकी नेक पे अपने
होठ से रगड़ रहा था उसके मुँह से हल्की हल्की आहह निकल रही थी
मैने उसकी पीठ को सहलाते हुए अपना हाथ उसके पेटीकोटे मे डालते
हुए उसकी गांद को भी सहलाना शुरू कर दिया और ऐसे ही मैने उसका ज़ोर
लगा के नारा तोड़ दिया जैसे नारा टूटा उसका पेटीकोटे नीचे गिर गया अब
वो सिर्फ़ पॅंटी मे थी मैने उसको ऐसे ही बेड पे लिटा दिया और खुद
खड़े हो के अपने कपड़े उतारने लगा और खुद भी सिर्फ़ अंडरवेर मे आ
गया और धीरे से उसके उपेर लेट के होंठो से होंठ मिला दिए उसके दोनो
हाथ उसके सिर के साइड मे रख के उंगलियो मे उंगलिया फसा के कस के
पकड़ लिया था और उसके होंठो का रस पीने लगा ऐसे ही पीते पीते मेरा
खड़ा लंड उसकी चूत के उप्पेर पॅंटी को रगड़ रहा था उसने अपनी आँखो
को बंद किया हुआ था और फिर मैने एक हाथ से अपना अंडरवेर उतार
दिया और पूरा नंगा हो गया उसके बाद मैने उसकी पॅंटी भी उतार दी और
फिर ऐसे ही उसके उप्पेर लेट गया उसके माथे से उसको चूमना शुरू किया
और नीचे की तरफ आने लगा जैसे मेरे होंठ उसकी चूत तक पहुचे
उसने दोनो हाथो से मेरा सिर पकड़ लिया और उसके मुँह से सिसकारिया
निकलने लगी उसकी चूत बिल्कुल पिंक कलर की थी और बिल्कुल सॉफ उसने
यहा आने से पहले ही अपनी झाँते सॉफ की थी उसकी चूत से हल्का सा
पानी निकल रहा था मैने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया थोड़ी देर
बाद मे खड़ा हुआ और उसके सिर की तरफ जा के उसके सिर के नीचे एक
हाथ लगा के उसका सिर थोड़ा सा उठाया और उसके होंठ पे अपना लंड
रगड़ दिया और उसने ऐसा करते ही अपना हल्का सा मुँह खोला तो मैने
अपना लंड उसके मुँह मे दे दिया जिसको उसने बहुत प्यार से चूसना
शुरू कर दिया मैं उसकी चूचियो को सहला रहा था ऐसे ही कोई 10 मिनट
तक मैं उसको अपना लंड चुस्वाता रहा फिर मैने उसको बेड पे सीधा
लिटाया और उसके पैर घुटनो से मोड़ के उसके दोनो हाथो मे पकड़वा दिए
और मैं उसकी टाँगो के बीच आ गया और उसको बोला कि अब थोड़ा सा
बर्दाश्त करना तुमको हल्की सी दर्द होगी तो वो बोली कि मैं तैयार हू
उसके बाद मैने अपने लंड की टिप उसकी चूत के कट पे रगडी तो उसके
मुँह से श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकलने लगा और उसकी पूरी बॉडी ने एक
झटका खाया फिर मैने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ा और दूसरे हाथ
से अपना लंड पकड़ के उसकी टिप को उसकी चूत के होल पे रखा फिर मैने
उसके दोनो कंधे पकड़ के हल्का सा धक्का मारा जिससे मेरे लंड की टिप
उसकी चूत मे घुस गयी और उसके मुँह से चीख निकल गयी मैने अपना
लंड को वैसे ही रहने दिया और झुक के उसके निप्पल चूसने लगा वो दर्द
से आहह आहह कर रही थी थोड़ी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हो गया
तो मैने उसके दूध को सहलाते हुए धीरे धीरे लंड को और अंदर किया
थोडा अंदर जाने के बाद मेरा लंड किसी चीज़्ज़ से टकरा के रुक गया
वो उसकी चूत की सील थी जिससे मैं समझ गया कि अब ये ज़ोर से
चिल्लाने वाली है मैने उसको कस के पकड़ लिया और उसके लिप्स को अपने
होंठो मे दबा लिया की वो जयदा ज़ोर से चिल्ला ना पाए और पूरी ताक़त
से एक ज़ोर का धक्का मार दिया मेरा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ
पूरा अंदर घुस गया वो दर्द से बिल्कुल तड़पने लगी और अपना मुँह मेरे
होंठो से छुड़ाने की कोशिश करने लगी कि वो चिल्ला सके मगर मैने
उसको कस के पकड़े रखा और अपना लंड भी अंदर डाल के कुछ देर रुका
रहा धीरे धीरे वो शांत हो गयी उसकी आँखो से आँसू निकल आए थे
दर्द से फिर मैने उसके होंठो को आज़ाद किया और दूध पीने लगा उसके मुँह
से अब कराहते निकल रही थी औब मैने धीरे धीरे अपना लंड अंदर
बाहर करना शुरू किया और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता गया अब उसको भी
मज़ा आने लगा था और वो अपनी गांद उछाल उछाल के चुदवाने लगी थी
ऐसे ही मैं कोई 10 मिनट तक उसको चोद्ता रहा इतनी देर मे वो एक बार
झाड़ चुकी थी अब उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो कह रही थी
आहह और ज़ोर से चोदो मेरी 25 साल की उमर मे इतनी खुशी मुझको
कभी नही मिली आअहह मुझको पूरा निचोड़ दो मुझको बहुत अछा
लग रहा है मैने फिर उसकी चूत से लंड निकाला और देखा कि बेडशीट
खून से भर चुकी है मैने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांद
को पकड़ के फिर लंड उसकी चूत मे डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने
लगा अब मैने अपने हाथ उसकी साइड से डाल के उसके दोनो दूध पकड़
लिए थे जो मेरे धक्को से बहुत बुरी तरह हिल रहे थे और ऐसे ही
उसको चोद्ता रहा वो मज़े से आआहह आहह कर के मुझसे
चुदवा रही थी अचानक वो ज़ोर से चिल्लाई मेरी चूत फिर झड़ने वाली
है और ज़ोर से चोदो और इतना बोलते ही उसकी बॉडी ने झटका खाया और वो
फिर से झाड़ गयी
वो साली, साली नही,
जीजा से जिसने चुदवाया नहीं
वो जीजा भी कोई जीजा है,
जिसने साली को लंड पे बिठाया नहीं
थोड़ी देर बाद मुझको लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हू क्योंकि मैने
कॉंडम नही लगाया था इस लिए मैने लंड निकाल के उसकी गांद के उप्पेर
पिचकारी छोड़ दी और उसके बाद हम ऐसे ही नंगे कुछ देर एक दूसरे को
हग कर के लेट गये उसके बाद वो बाथरूम गयी उससे ठीक से चला नही
जा रहा था क्योंकि उसकी चूत कुछ फट गयी थी मैं भी उसके पीछे
बाथरूम गया और उसको बोला कि मेरा भी लंड साफ करो उसने अपनी चूत
और मेरा लंड पानी से धो के सॉफ किया जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा
होने लगा मैने उसको लंड चूसने के लिए कहा तो वो मेरे पैरो के पास
ज़मीन पे बैठ के मेरे लंड की लॉलीपोप चूसने लगी फिर मैने उसको
गोद मे उठाया और बेडरूम मे ले आया और बेडरूम मे पड़े टेबल पे
उसकी गांद टीका के उसके दोनो पैर उप्पेर उठा के अपने कंधो पे रख के
उसके सामने खड़े हो के उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया और फिर से
उसको बहुत बुरी तरह से चोदा ये वाली चुदाई मे उसको भी बहुत मज़ा
आया इस तरह उस रात हमने अपनी सुहाग रात मे कोई 4 बार चुदाई की
सुबह उसकी ऐसी हालत हो चुकी थी कि वो बिल्कुल भी चल नही पा रही
थी बहुत मुश्किल से वो अपने घर गयी उसका बाप 3 दिन बाद वापिस आने
वाला था और डे टाइम मे मुझको भी अपने प्रॉजेक्ट के सिलसाले मे बिज़ी
रहना पड़ता था इस लिए वो 3 दिन तक रोज रात को आ के मेरी बीवी बन
जाती थी और हम बहुत चुदाई करते थे नेक्स्ट डे मैने उसकी गांद भी
मार दी और उसकी गांद से भी बहुत खून निकला
इसी तरह अब मैं जब भी उस विलेज मे जाता हू तो वो मेरी वाइफ का
रोल प्ले करने को आ जाती है और मेरे लंड की प्यास बुझा देती है
प्ल्ज़ मुझको ज़रूर बताईएएगा की केसी लगी मेरी स्टोरी
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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