Monday, May 3, 2010

उत्तेजक कहानिया -बाली उमर की प्यास पार्ट--34

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
बाली उमर की प्यास पार्ट--34

गतान्क से आगे..................


करीब 7 बजे सोनू अकेला ही मेरे पास आया था..

"तरुण को क्यूँ नही लाया?" मैने सोनू से पूचछा...

"भाई.. ववो.. घर पर मिला नही.. मैं देखने गया था.. पढ़ने गया होगा... बात क्या है?"

"स्कूल में क्या लाफद हुआ था आज.. पेपर के बाद?" मैने पूचछा...

"स्कूल में?.. आपको कैसे पता...?" सोनू हड़बड़ा कर बोला...

"मुझे सब पता है.. अंजू के साथ दूसरी लड़की कौन थी मास्टर के पास...?" मैने पूचछा...

"भाई.. ववो.. पिंकी.. मीनू की बेहन.. पर आपको कैसे पता लगा...?"

"तू छ्चोड़ इन्न बातों को... पूरी बात बता मुझे....!" मैने गुर्रा कर कहा...

"भाई.. ववो.. तरुण के पास किसी का फोन आया था.. की स्कूल के कमरे में एक मास्टर हमारे गाँव की 2 लड़कियों के साथ चुदाइ कर रहा है " सोनू ने बताया...

"किसका?" मैने पूचछा....

"भाई.. ये तो पता नही... फिर हमने स्कूल में जाकर पिछे के रोशन दान से उनकी वीडियो बना ली...!"

"अब क्या करोगे?" मैने पूचछा....

"कककुच्छ नही भाई.. वो तो बस ऐसे ही....!" सोनू ने झूठ बोला....

"अच्च्छा.. चूतिया बना रहा है मेरा.. सीधे तरीके से नही बताएगा तू.. तेरी मा बेहन करनी पड़ेगी.. लाख रुपए नही माँगे तुमने मास्टर से....!"

सोनू ने इस पर अपना सिर झुका लिया...,"हां भाई ववो तरुण ने ही..."

" कोई पंगा नही करना यहाँ.. चुपचाप 'वो' वीडियो ख़तम कर दो.. मास्टर मेरा खास है...!" मैने कहा....

"पर भाई.. तरुण नही मानेगा.. वो तो कह रहा था कि लंबा हाथ मारूँगा.. तीनो चिड़िया जाल में हैं...!"

"मानेगा कैसे नही सस्सला.. तीनो कौन?" मैने उस'से पूचछा....

"वही... मीनू, पिंकी और अंजलि.....!" उसने बताया...

"जाल में हैं मतलब..? और मीनू कैसे आई जाल में..?"

"भाई.. तरुण ने उसके भी नंगे फोटो खींच रखे हैं एक बार.... कह रहा था कि उन्न तीनो को ब्लॅकमेल करके उनके साथ 'ब्लू फिल्म' बनाउन्गा... एक पार्टी है उसके पास.. जो ऐसी ही फिल्में बनाने का धंधा करती है... वो बता रहा था कि सारा काम वो ही करेंगे... उसको बस लड़कियों को उन्न तक लेकर जाना है... 5-10 लाख का काम बता रहा है....." सोनू ने बता दिया....

"अच्च्छा.." मेरी आँखें आस्चर्य से फटी रह गयी.... ऐसी कौनसी पार्टी है यार... तू जानता है उनको...?"

"नही.. मैने पूचछा था.. पर उसने बताया नही... मेरे बस मास्टर वाले पैसों में से आधे हैं...." सोनू ने बताया....

"तू उनका पता कर ना! मैं और भी लड़कियाँ दे दूँगा.. 50-50 कर लेंगे.." मैने कहा...

"कहा ना भाई.. मैने पूचछा था.. वो बताएगा नही.. बाकी आप बात कर लेना....!"

"फोन कर एक बार उसको.. अभी बुला ले.. और फोन लेता आएगा अपना...." मैने कहा तो सोनू ने फोन मिला दिया.. करीब 8:30 - 9:00 का टाइम होगा.... तरुण ने फोन उठा लिया...

"तरुण यार.. ढोलू बुला रहा है तुझे अभी....!" सोनू ने कहा....

"अभी तो बिज़ी हूँ यार... कल मिल लूँगा.. बोल देना...!" तरुण की आवाज़ आई....

"तू अभी आजा यार..बहुत ज़रूरी बात है.... और मोबाइल लेते आना अपना...!" सोनू ने कहा तो तरुण के कान खड़े हो गये..,"क्यूँ?"

"वो यार.. वो उस मास्टर की भाई के साथ उठ बैठ है... वीडियो डेलीट करनी पड़ेगी हमें...!" सोनू ने कहा...

"क्यूँ? साले तूने उसको क्यूँ बता दिया...?" तरुण गुस्से से बोला...

"मैने कुच्छ नही बताया यार... तू आ तो जा एक बार... यहीं बैठ कर बात कर लेंगे...." सोनू ने कहा....

"मैं अभी घर से चलूँगा... तू 15 मिनिट में पुरानी चौपाल के पास आ जा... वहाँ से दोनो साथ चल पड़ेंगे....!" तरुण ने कहा....

मेरे इशारा करने पर सोनू ने फोन काट दिया.... मुझे लालच आ गया था...," यार जब हमें इतने पैसे मिल रहे हैं तो मास्टर से लेने की क्या ज़रूरत है...?"

"वो तो ठीक है भाई.. आप देख लेना जैसे ठीक समझो.. बात कर लेना उस'से.. पर वीडियो डेलीट कर दी तो उन्न दोनो को ब्लॅकमेल कैसे करेंगे...?" सोनू ने कहा....

"नही करेंगे डेलीट.. मैं मास्टर को बोल दूँगा कि कर दी... पर मास्टर से पैसे मत माँगना...!" मैने कहा...

"ठीक है भाई... आप बात कर लेना तरुण से....!" सोनू ने कहा...

"मुझे कितना दोगे....?" मैने पूचछा...

"भाई, अब मैं क्या बताउ...! आप तरुण से कर लेना बात...." सोनू ने कहा...

"मा की चूत तरुण की ... मैं उसका मोबाइल ही छ्चीन लूँगा... जो कोई भी पार्टी होगी.. उसके नंबर. पर फोन तो करेंगी ही.. मैं अपने आप सेट्टिंग कर लूँगा... तू बता...!" मैने उसकी राई पूछि....

"क्या?"

"तू कितने लेगा..? तरुण को हटा बीच में से....!" मैं बोला....

"देख लेना भाई.. 50-50 कर लेंगे..." सोनू ने कहा....

"ठीक है.. तू जा तरुण के पास... उसको यहाँ छ्चोड़ कर घर चला जा.. मैं अपने आप बात कर लूँगा....

"मैं घर नही जाउन्गा भाई... आज रात एक लेफ्डा करना था.. घर पर शादी के बारे में जाने की बात बोल रखी है...." सोनू ने कहा....

"कैसा लेफ्डा...?" मैने पूचछा...

"ववो.. भाई एक गर्ल फ्रेंड है.. उसके घर कोई नही है आज.." सोनू ने हंसते हुए कहा....

"कौन है...?" मैने पूचछा...

"ववो.. पर्सनल है भाई...!" सोनू एक बार फिर हंसा....

"हुम्म... चल ठीक है.. तू उसको ले आ और जाकर ऐश कर..... !" मैने कहा....,"अपना फोन मुझे दे जा तब तक....?"

"फोन! क्यूँ भाई?"

"दे तो साले... टाइम पास कर लूँगा तब तक..." दरअसल में उसके फोन में किस किस के नंबर. हैं.. ये देखना चाह रहा था... और ये भी की उसमें वीडियो है ना नही..... मुझे उस पर भरोसा नही था......

सोनू मेरे पास फोन रख कर चला गया.......

------------------------------
----------------

करीब आधे घंटे बाद सोनू मेरे पास हांफता हुआ आया..,"भाई.. लेफ्डा हो गया... मैं तो गया.... तरुण को किसी ने मार दिया..." सोनू पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ था....

उसकी बात सुनकर मेरे भी होश ऊड गये....,"क्या? किसने?" मैं बिस्तेर से उच्छल ही पड़ा था.....

"पता नही भाई... मैं काफ़ी देर उसका इंतजार करने के बाद चौपाल में पेशाब करने गया था... वहाँ मैं उस'से ठोकर लग कर गिर पड़ा.... मैने ये टॉर्च जलाकर देखा तो वो खून से लथपथ वहाँ मरा पड़ा था... मैं तो भाग आया भाई...!" सोनू काँप रहा था....

"फिर तू क्यूँ इतना डरा हुआ है..? किसने मारा होगा उसको...?" मैने पूचछा....

"मुझे चौपाल से बाहर निकलते हुए किसी ने देख लिया... और पहचान भी लिया.. मेरा नाम पुकारा था उसने..." सोनू थरथरते हुए बोला....

"किसने?"

"पता नही भाई.. मेरे तो होश उड़े हुए थे... मैं तो भागते हुए ही यहाँ तक आया हूँ...." सोनू ने कहा......

" तेरी तो गयी भैंस पानी में... मेरे पास नही आना चाहिए था तुझे... ऐसा कर भाग जा कुच्छ दिन के लिए... थोड़े दिन में सब शांत हो जाएगा... पोलीस ने उठा लिया तो तू करने खाने लायक नही रहेगा....!" मैने उसको सलाह दी....

"ठीक है भाई.. मैं जा रहा हूँ अभी....!" सोनू ने कहा और मेरे घर से चला गया.... उसके बाद मुझे उसका कुच्छ पता नही... जब माथुर का फोन दोबारा मेरे पास आया तो मैने उसके घर फोन किया.. उसकी बीवी ने बताया कि वो तो थाने गये हैं... मैं डर गया कि कहीं पोलीस मुझे भी ना लपेट ले... बस! इसीलिए मैं गायब हो गया....

उसके 2 दिन बाद ही एक आदमी के फोन मेरे पास आने शुरू हो गये... 'वो मीनू और दोनो लड़कियों के बारे में जानकारी माँग रहा था... मैने उसको मीनू के घर का नंबर. दिया था.. और कुच्छ नही...! पूरा 'काम' बन जाने पर उसने मुझे 2 लाख रुपए देने का वादा किया था.... मैं उस'से कभी मिला नही हूँ.... पर उसने अपना नाम 'सोनू' ही बताया था.. पर मैं जानता था कि ये 'वो' सोनू नही है......

********************************

दो बार डाइयरी पढ़ने के बाद भी हमारी समझ में कुच्छ नही आ रहा था....," फोन किसने किया होगा दीदी?"

"कौनसा फोन?" मीनू भी अब तक भय से जकड़ी हुई सी थी....

"वोही.. कि मास्टर स्कूल के कमरे में....." मैं बोली....

"क्या पता...? हो सकता है सोनू झूठ बोल रहा हो.... मुझे तो ये सारी कहानी झूठी लगती है... या तो सोनू ने ढोलू को झूठी कहानी सुनाई है.. या फिर ढोलू ही असली बात छुपा रहा है....!" मीनू बोली... पिंकी आँखें फ़ाडे हम दोनो को देख रही थी....

"और मनीषा?" मैने पूचछा...

"वो क्यूँ झूठ बोलेगी.. उसको क्या पड़ी है.....?" मीनू ने तपाक से बोला....

"कुच्छ भी हो सकता है दीदी... पर 'उस आदमी का कैसे पता लगेगा जो 'सोनू' बनकर आपके पास फोन कर रहा है... तरुण का फोन भी उसके ही पास है... मुझे तो लगता है कि उसने ही तरुण का खून किया है.....!" मैने कहा.....

"उसका तो कल के बाद से फोन भी नही आ रहा.. नही तो एक एक घंटे में 10 10 मिस्ड कॉल्स आती थी.... मेरा तो दिमाग़ चकरा रहा है... अब क्या होगा भगवान...?" मीनू अपने घुटनो पर हाथ रख कर छत की ओर देखने लगी......

सहसा उसकी आँखों में आँसू उमड़ पड़े.. और बरबस ही पिंकी की आँखें भी नम हो गयी.. वा उठी और जाकर मीनू के आँसू पोंच्छने लगी,"कुच्छ नही होगा दीदी.. बस करो अब.. जो होना था हो चुका...!"

"मुझे नही पता था कि मेरी ग़लती से ये सब हो जाएगा.. ना ही मैं 'तरुण' से दोस्ती करती और ना ही ये सब होता... सब कुच्छ मेरी वजह से ही हुआ है.. तुम दोनो को भी मुसीबत में डाल दिया....!" मीनू की आँखें जैसे पिघलने सी लगी थी.. उनसे टपक रहे आँसू अचानक बरसने से लगे थे.....

"बस करो ना दीदी.. प्लीज़.. मुझे भी रोना आ रहा है.. 'वो' लंबू सब ठीक कर देगा.. देखो! उसने अभी तक मम्मी पापा को कुच्छ बताया भी नही.. 'वो' भी अच्च्छा आदमी है...." पिंकी भोलेपन से मीनू की गाल से अपने गाल सताती हुई बोली....

"वो आया नही अभी तक.. कहीं चला ना गया हो!" मैने कहा....

"फोन करके देख लो दीदी!" पिंकी ने आइडिया दिया....

"नही.. आ जाएगा जब आना होगा... गाँव में ही बैठा होगा तो? .. ऐसे फोन करना ठीक नही है...!" मीनू कुच्छ सोचते हुए बोली....

"ववो.. हम हॅरी के पैसे दे आयें दीदी...?" पिंकी ने मौका सा देख कर पूचछा...

"नही.. आज नही.. पिच्चे से वो आ गया तो...?" मीनू बोली...,"पर दे आना ज़रूर.. ऐसे किसी के पैसे रखते नही हैं....!"

"तो शाम को चले जायें?" पिंकी ने फिर पूचछा..,"इसके जाने के बाद!"

"चली जाना अम्मा.. अभी से क्यूँ दिमाग़ चाट रही है....!" मीनू थोड़ा सा झल्लाकर बोली.. और अचानक बदल गये पिंकी के चेहरे के रंग को देख कर हँसने लगी..," अच्च्छा चली जाना.. मानव के जाने के बाद.. ठीक है..?"

पिंकी ने अपना सिर झुकाया और 'हाँ' में हिला दिया.......

*****************************************

हम पूरा दिन इंतजार करते रहे... दिन ढलते ढलते शाम के 5:00, 6:00, 7:00 भी बजे और फिर रात के 8:00 भी.... पर मानव अब तक वापस नही आया था.. इस बीच में घर होकर भी आ गयी थी.. पर पापा ने कुच्छ खास डाँट नही पिलाई.. दरअसल मुझसे ज़्यादा उन्हे मीनू और पिंकी पर भरोसा था... शायद इसीलिए आज फिर रात को मीनू और पिंकी के साथ सोने की बात पर वो खाली बड़बड़ा कर रह गये... मना नही किया... मैने कह दिया था कि चाचा चाची घर पर नही हैं... इसीलिए वो मुझे बुला रही हैं.....

"मुझे लगता है 'वो' चला गया होगा.... वरना अभी तक तो आ ही जाता....!" मैने कहा...

"नही.. ऐसे कैसे चला जाएगा... उसकी डाइयरी भी तो यहीं रखी है..." मीनू ने दरवाजे से बाहर आहट सी सुनते हुए कहा...,"लगता है आ गया...!" उसने हड़बड़ाहट में खड़ी होकर अपनी चुननी ठीक की.....

पिंकी ने बाहर झाँक कर देखा...,"नही.. कोई और ही गया है.. वो तो बाइक पर आएँगे... आवाज़ नही सुनाई देगी क्या?"

"हाँ...!" मीनू ने सहमति में सिर हिलाया...,"ये बात तो है.. हो सकता है चले भी गये हों... मैं फोन करूँ...?"

"हां करके देख लो दीदी.. फिर हम भी आराम से सोने की तैयारी करें..." मैने कहा...

मीनू ने उनको फोन करने के लिए अपने तकिये के नीचे से फोन निकाला ही था की हमें बाइक की आवाज़ सुनाई दी.. मीनू ने फोन वापस च्छूपा दिया..,"देखना...!"

"हां शायद आ गये...! बिके हमारे ही घर के आगे रुकी है...!" हम सबने बाइक के रुकने की आवाज़ सुनी....

"हे भगवान..!" मीनू ने पता नही ऐसा क्यूँ कहा था.. एक बार फिर वो चारपाई से खड़ी हो गयी और अपनी चुननी ठीक करने लगी... डाइयरी उसने पहले ही अपने हाथ में ले ली थी..... तभी मानव सीधा अंदर आ गया और आते ही चारपाई पर पसार गया....

"क्क्या हुआ?" मीनू ने हड़बड़ा कर पूचछा....

"कैसे लोग हैं यार इस गाँव में... पूरे दिन से किसी ने खाने के लिए नही पूचछा... चाय पीला पीला कर ऐसी तैसी कर दी सालों ने...." मानव बैठता हुआ बोला... वह बहुत थका हुआ लग रहा था....

हम तीनो हक्के बक्के से होकर एक दूसरे की आँखों में देखने लगे थे.. ऐसी भाषा में मानव....

"हम अभी बनाकर लाते हैं...!" मीनू ने सकपका कर कहा और मेरा हाथ पकड़ कर सीढ़ियों की और खींच लिया.... पिंकी भी हमारे पिछे पिछे आ गयी...

"जा पिंकी.. दरवाजा तो बंद करके आ.. कोई देखेगा तो क्या सोचेगा.. इस वक़्त.." मीनू ने पिंकी को वापस नीचे भेज दिया....

"ये पीकर आया है क्या?" मीनू ने मुँह बनाकर मुझसे पूचछा...

"लग तो मुझे भी ऐसा ही रहा है दीदी.. बहकी बहकी सी बातें कर रहा है....!" मैने उसकी बात का समर्थन किया....

तभी पिंकी हँसती हुई लोटपोट सी होती उपर आई...,"दीदी.. लंबू गाने गा रहा है...!"

"क्याअ?" हम दोनो के मुँह से एक साथ निकला...

"हाँ... ये कहीं पीकर तो नही आया है?" पिंकी ने भी आते ही हमारी बात पर मोहर लगा दी....

"मैं बताती हूँ इसको.. यहाँ पीकर आने की हिम्मत कैसे हुई...?" मीनू तुनक कर बोली...

"रहने दो दीदी... पी भी ली होगी तो.. खाना खाकर चले जाएँगे.... हमें क्या?" मैं समझाते हुए बोली....

"दारू पीना कोई अच्छि बात है क्या?" मीनू इस तरह भड़क रही थी जैसे 'मानव' उसका कोई अपना हो.....

"छ्चोड़ो ना.. चलो खाना बनाते हैं....!" पिंकी बोली....

"मैं नहा लेती हूँ एक बार.. सब्ज़ी मैने बना दी थी... तुम रोटियाँ बना लॉगी ना?" मीनू मुझसे बोली...

"हां.. बना लूँगी....!" मैने कहा और पिंकी को लेकर किचन में घुस गयी.....

"बस अंजू.. उसकी और मत बनाना.. मना कर दिया उसने!" पिंकी किचन में आकर प्लेट मेरे साथ वाली स्लॅब पर रखती हुई बोली....

"हमारी तो बना लूँ..?" मैने रोटी बेलते हुए पूचछा...

"रहने दो ना! उसके जाने के बाद गरम गरम खा लेंगे.. बस करो!" पिंकी के कहा... तभी मीनू भी नाहकार किचन में आ गयी...,"गया वो?"

"नही.. अभी तो खाना खा रहे हैं...." जवाब पिंकी ने दिया था... मैने मुड़कर देखा तो मीनू को देखती रह गयी... बड़ी प्यारी और सेक्सी लग रही थी वो.. हल्क नाभि रंग का लोवर उसकी जांघों से बिल्कुल चिपका हुआ था.. उपर उसने शॉल औध रखा था इसीलिए मैं उस वक़्त देख नही पाई थी कि उसने क्या डाल रखा है... पर उसका चेहरा पुर्नमासी के चाँद की तरह ही खिला हुआ था... उसकी मुस्कान सॉफ बता रही थी कि उसके मंन से अनहोनी के डर का साया गायब होकर कुच्छ पल के लिए ही सही पर अब सतरंगी सपनो से सराबोर हो च्छुका है...

"ऐसे क्या देख रही है... पहले कभी देखा नही क्या?" मुझे अपनी और लगातार घूरते पाकर मीनू हड़बड़ा सी गयी...

"नही बस ऐसे ही..." मैं हल्क से मुस्कुरा दी..,"नीचे चलें....!"

"चलो.. वो इंतजार कर रहा होगा.. जाना भी है उसको....!" मीनू ने कहा और हम तीनो लाइन बनाकर नीचे चल पड़े.. सबसे आगे पिंकी थी और सबसे पिछे मीनू.....

मानव दीवार के साथ तकिया लगाकर अढ़लेता सा हो डाइयरी के पन्ने पलट रहा था... हमारे नीचे जाते ही सीधा होकर बैठ गया....,"पढ़ा इसको...?"

मीनू ने जवाब के लिए मेरी और देखा.. आख़िरकार मुझे बोलना ही पड़ा..,"हां.. पर..."

"क्या लगता है?" मानव ने मुझे बीच में ही टोक दिया...

"ववो.. हमें तो लगता है कि ढोलू झूठ बोल रहा है... या फिर सोनू ने उसको झूठ बोला होगा...!" मेरे कुच्छ बोलने से पहले ही मीनू बोल पड़ी....

"बैठो ना यार.. खड़ी क्यूँ हो तुम..?" मानव ने इस तरह कहा मानो 'वो' हमारे घर में नही; हम उसके घर में हों... खैर.. हम तीनो पहले की तरह लाइन में एक चारपाई पर एक दूसरी से सत्कार बैठ गये.....

"हो सकता है मनीषा ही झूठ बोल रही हो...?" मैने बैठते ही कहा....

"हां.. लगा था मुझे भी.. पर झूठ बोलने के लिए कोई वजह होनी चाहिए... अभी इसको छ्चोड़ो.. पहले असली मुद्दे पर बात करो... अब हमें कोई मामले की तह तक पहुँचा सकता है तो वो है ये 'नया सोनू! जो यहाँ फोन कर रहा है..." मानव ने कहा....

"पर कल से तो कोई फोन आ ही नही रहा उसका?" मीनू तुरंत बोली....

"हुम्म.. उसको ढोलू के पकड़े जाने की खबर मिल गयी होगी.. और ये भी की उसको किस तरह पकड़ा गया है... हो सकता है वो इसीलिए गायब हो गया हो... देखते हैं...."

हुमने सहमति में सिर हिलाया....

"अभी मैं उस लड़के के गाँव जाकर आया हूँ.. जिसके नाम पर इस सोनू ने कनेक्षन ले रखा है... वो तुम्हारे ही कॉलेज में पढ़ता है और शहर में किराए पर कमरा लेकर रह रहा है... आज वो गाँव में ही आया हुआ है.. कम से कम 'वो' तो सोनू नही है... और ना ही शायद उसको इस गोरखधंधे के बारे में कुच्छ पता है... उसको ये भी मालूम नही कि उसके नाम पर किसी और ने कनेक्षन ले रखा है.. अभी मैने उसको डिसकनेक्षन की रिक्वेस्ट डालने से मना कर दिया है...पर एक बड़ी मजेदार बात सामने आई है..." मानव बोलकर हमारी ओर देखने लगा....

"क्या?" मैं और मीनू एक साथ बोले....

"उसने प्रिन्सिपल मेडम के घर कमरा ले रखा है... जो उस दिन स्कूल में मुझे मिली थी...."

"तो?" मीनू ने कहा.. बात मेरी भी कुच्छ समझ में नही आई.....

"तो का तो बाद में पता चलेगा... पर जिस तरह से मास्टर ने उसके सामने ही उसके चरित्रा का गुणगान किया था.. मुझे लगता है कि हमें 'वहाँ' कुच्छ मिल सकता है... हो सकता है कि उस मेडम ने ही 'प्रिन्स' की आइडी सोनू को दी हो...!"

"प्रिन्स कौन?" मीनू ने मानव को टोकते हुए कहा....

"वही जो उसके घर में रह रहा है..... हो सकता है तुम भी जानती हो उसको.. वो तो तुम्हे अच्छि तरह जानता है....!" मानव ने जवाब दिया....

"ओह्ह.. वो प्रिन्स.. हां मैं जानती हूँ.. वो तो बहुत ही शरीफ लड़का है...!" मीनू बोली....

"तुम तो तरुण को भी शरीफ मानती थी.. तुम्हारा क्या है?" मानव ने उसका मज़ाक सा उड़ाते हुए कहा... मीनू बग्लें झाँकने लगी....

"खैर छ्चोड़ो... ढोलू के अनुसार सोनू ने उसको ये बताया था कि किसी ने उनको फोन करके स्कूल में बुलाया था... अगर ऐसा हुआ है तो हो सकता है कि मेडम ने ऐसा किया हो.. आजकल मेडम जो नंबर. यूज़ कर रही हैं.. वो दो दिन पहले का ही लिया हुआ है... उनका पुराना नंबर. भी मैने ले लिया है.. घर जाकर तरुण की कॉल डीटेल में 'वो' ढूँढना पड़ेगा...!" मानव हमे एक एक बात खोल कर बता रहा था....

"आप.. मेडम के पास भी गये थे क्या?" मीनू ने पूचछा...

"नही.. और अभी जाउन्गा भी नही... मैं नही चाहता कि मैं असली मुजरिम को बच निकलने का कोई मौका दूँ... अगर मेडम इस ग़मे में शामिल भी हैं तो वो बस एक मोहरा भर होंगी... हमें 'असली मुज़रिम' तक पहुँचना है.. जो इस खेल का ग्रॅंडमास्टर है.... मेडम के दोनो नो. मैने बातों बातों में प्रिन्स से लिए हैं...

"पर मेडम तरुण को फोन कैसे करेंगी.. 'वो तो उनको जानती भी नही..." मैं खुद को बोलने से रोक नही सकी....

"कुच्छ कह नही सकते... तरुण का ये कहना कि उसके पास कोई 'पार्टी' है.. और मेडम का अजीब सा चरित्र... कुच्छ भी हो सकता है... हालाँकि अभी सब कुच्छ अंदाज़ा ही है.. पर अब अंधेरे में ही तीर मारने पड़ेंगे.. क्या करें?" मानव गहरी साँस लेते हुए बोला.....

"तो क्या सच में ही तरुण को सोनू ने मार दिया होगा... पैसे के लालच में...?" मीनू ने कहा....

"हो भी सकता है और नही भी... " मानव ने कंधे उचकाते हुए कहा..," दरअसल हमें तरुण की बॉडी से कोई फिंगरप्रिंट नही मिला.. और ना ही वो चाकू जिसस'से तरुण का मर्डर किया गया... लेटर्स पर भी सिर्फ़ तरुण की ही उंगलियों के निशान हैं.... पर घान्वो की गहराई बता रही है कि काम किसी तगड़े आदमी का है.. सोनू हो सकता है.. पर ज़रूरी नही... मुझे ढोलू लग रहा था पर उस'से भी कुच्छ नही मिला.. बुल्की मामला कुच्छ और उलझ सा गया.... कुल मिलाकर जब तक मामले की जड़ तक नही पहुँच जाते.. कुच्छ भी सॉफ नही होगा... और जड़ मिलेगी इस नये सोनू के हाथ आने से... अभी मैं सिर्फ़ उसी पर फोकस कर रहा हूँ...!" मानव कहकर चुप हो गया.....

"आप.. लेट नही हो रहे...?" मीनू ने थोडा झिझक कर कहा....

"क्यूँ.. किसलिए?" मानव ने इस तरह प्रतिक्रिया दी जैसे मीनू की बात उसकी समझ में आई ही ना हो....

"नही.. ववो.. मेरा मतलब है की.... 9:30 बज गये हैं...." मीनू ने जैसे तैसे अपनी बात पूरी की....

"ओह्ह्ह.. अच्च्छा.. सॉरी.. चला जाता हूँ!" मानव ने इस तरह कहा मानो उसको ज़बरदस्ती निकाला जा रहा हो... खड़ा होकर मुस्कुराया और बोला..,"मेरी डाइयरी..!"

"ये लो...!" मीनू ने डाइयरी तुरंत उसके हाथ में थमा दी....

मानव ने एक बार और मीनू को देखा और बाहर निकल गया....

"बुला लो ना दीदी... बुरा मानकर गये हैं.. हम उपर सो जाएँगे.. मैं नही बताउन्गि मम्मी पापा को..." पिंकी याचना सी करती हुई बोली....

मीनू असमन्झस से मेरी और देखने लगी.. पर कुच्छ बोली नही....

"मुझे नही पता.. मैं वापस बुलाकर लाती हूँ...!" पिंकी ने मीनू की ओर देखकर कहा और जब उसने कुच्छ नही कहा तो बाहर भाग गयी....

मानव भी शायद ऐसी ही कुच्छ कामना कर रहा था... पिंकी के एक बार कहते ही उसने बाइक बिना स्टार्ट किए अंदर बरामदे में लाकर खड़ी कर दी.... और मुस्कुराता हुआ कमरे के अंदर आ गया..,"अगर तुम मुझे वापस नही बुलाती तो मैं इस दिन को हमेशा याद रखता... इतनी रात को घर से निकाल दिया....!"

"नही.. ववो.. मम्मी पापा होते तो..." मीनू ने आगे कुच्छ नही कहा....

"ठंड में बाइक चला कर देखना कभी.. पता चल जाएगा अपने आप....!" मानव ने कहा और वापस उसी चारपाई पर बैठ गया.....

"हम खाना खाकर आ जायें..?" मीनू नज़रें झुकाए हुए ही बोली....

"हां क्यूँ नही...!" मानव मीनू के चेहरे को देख मुस्कुराता हुआ बोला...

क्रमशः....................

gataank se aage..................


Kareeb 7 baje Sonu akela hi mere paas aaya tha..

"Tarun ko kyun nahi laya?" Maine Sonu se poochha...

"Bhai.. wwo.. ghar par mila nahi.. Main dekhne gaya tha.. padhane gaya hoga... baat kya hai?"

"School mein kya lafda hua tha aaj.. paper ke baad?" Maine poochha...

"School mein?.. aapko kaise pata...?" Sonu hadbada kar bola...

"Mujhe sab pata hai.. Anju ke sath dusri ladki koun thi master ke paas...?" Maine poochha...

"Bhai.. wwo.. Pinky.. Meenu ki behan.. par aapko kaise pata laga...?"

"Tu chhod inn baaton ko... poori baat bata mujhe....!" Main gurra kar kaha...

"Bhai.. wwo.. Tarun ke paas kisi ka fone aaya tha.. ki School ke kamre mein ek master hamare gaanv ki 2 ladkiyon ke sath ***** " Sonu ne bataya...

"Kiska?" Maine poochha....

"Bhai.. ye toh pata nahi... Fir hamne school mein jakar pichhe ke roshan daan se unki video bana li...!"

"Ab kya karoge?" Maine poochha....

"kkkuchh nahi bhai.. wo toh bus aise hi....!" Sonu ne jhooth bola....

"Achchha.. ****** bana raha hai mera.. seedhe tareeke se nahi batayega tu.. teri maa behan karni padegi.. lakh rupaiye nahi maange tumne master se....!"

Sonu ne iss par apna sir jhuka liya...,"haan bhai wwo Tarun ne hi..."

" koyi panga nahi karna yahan.. chupchap 'wo' video khatam kar do.. master mera khas hai...!" Maine kaha....

"Par bhai.. Tarun nahi manega.. wo toh kah raha tha ki lamba hath maroonga.. teeno chidiya jaal mein hain...!"

"Maanega kaise nahi sssala.. teeno koun?" Maine uss'se poochha....

"wahi... Meenu, Pinky aur Anjali.....!" Usne bataya...

"Jaal mein hain matlab..? aur Meenu kaise aayi jaal mein..?"

"Bhai.. Tarun ne uske bhi nange photo kheench rakhe hain ek baar.... kah raha tha ki unn teeno ko blackmail karke unke sath 'blue film' banaaunga... ek party hai uske paas.. jo aisi hi filmein banane ka dhandha karti hai... wo bata raha tha ki sara kaam wo hi karenge... usko bus ladkiyon ko unn tak lekar jana hai... 5-10 lakh ka kaam bata raha hai....." Sonu ne bata diya....

"achchha.." meri aankhein aascharya se fati rah gayi.... aisi kounsi party hai yaar... tu jaanta hai unko...?"

"Nahi.. maine poochha tha.. par usne bataya nahi... mere bus master wale paison mein se aadhe hain...." Sonu ne bataya....

"tu unka pata kar na! main aur bhi ladkiyan de doonga.. 50-50 kar lenge.." Maine kaha...

"Kaha na bhai.. maine poochha tha.. wo batayega nahi.. baki aap baat kar lena....!"

"Fone kar ek baar usko.. abhi bula le.. aur fone leta aayega apna...." Maine kaha toh Sonu ne fone mila diya.. kareeb 8:30 - 9:00 ka time hoga.... Tarun ne fone utha liya...

"Tarun yaar.. Dholu bula raha hai tujhe abhi....!" Sonu ne kaha....

"Abhi toh busy hoon yaar... kal mil loonga.. bol dena...!" Tarun ki aawaj aayi....

"Tu abhi aaja yaar..bahut jaroori baat hai.... aur mobile lete aana apna...!" Sonu ne kaha toh Tarun ke kaan khade ho gaye..,"Kyun?"

"Wo yaar.. wo uss master ki bhai ke sath ooth baith hai... video delete karni padegi hamein...!" Sonu ne kaha...

"Kyun? saale tune usko kyun bata diya...?" Tarun gusse se bola...

"Maine kuchh nahi bataya yaar... tu aa toh ja ek baar... yahin baith kar baat kar lenge...." Sonu ne kaha....

"Main abhi ghar se chaloonga... tu 15 minute mein purani choupal ke paas aa ja... wahan se dono sath chal padenge....!" Tarun ne kaha....

Mere ishara karne par Sonu ne fone kaat diya.... Mujhe lalach aa gaya tha...," yaar jab hamein itne paise mil rahe hain toh master se lene ki kya jarurat hai...?"

"wo toh theek hai bhai.. aap dekh lena jaise theek samjho.. baat kar lena uss'se.. par video delete kar di toh unn dono ko blackmail kaise karenge...?" Sonu ne kaha....

"Nahi karenge delete.. main master ko bol doonga ki kar di... par master se paise mat maangna...!" Maine kaha...

"theek hai bhai... aap baat kar lena Tarun se....!" Sonu ne kaha...

"Mujhe kitna doge....?" Maine poochha...

"Bhai, ab main kya bataaun...! aap Tarun se kar lena baat...." Sonu ne kaha...

"Maa ki **** Tarun ki ... Main uska mobile hi chheen loonga... jo koyi bhi party hogi.. Uske no. par fone toh karengi hi.. main apne aap setting kar loonga... tu bata...!" Maine uski rai poochhi....

"kya?"

"tu kitne lega..? Tarun ko hata beech mein se....!" Main bola....

"dekh lena bhai.. 50-50 kar lenge..." Sonu ne kaha....

"theek hai.. tu ja Tarun ke paas... usko yahan chhod kar ghar chala ja.. main apne aap baat kar loonga....

"Main ghar nahi jaaunga bhai... aaj raat ek lafda karna tha.. ghar par shadi ke baare mein jane ki baat bol rakhi hai...." Sonu ne kaha....

"Kaisa lafda...?" Maine poochha...

"wwo.. bhai ek girl friend hai.. uske ghar koyi nahi hai aaj.." Sonu ne hanste huye kaha....

"koun hai...?" Maine poochha...

"wwo.. personal hai bhai...!" Sonu ek baar fir hansa....

"Humm... chal theek hai.. tu usko le aa aur jakar aish kar..... !" Maine kaha....,"apna fone mujhe de ja tab tak....?"

"Fone! kyun bhai?"

"de toh Saale... time paas kar loonga tab tak..." Darasal mein uske fone mein kis kis ke no. hain.. ye dekhna chah raha tha... aur ye bhi ki usmein video hai na nahi..... mujhe uss par bharosa nahi tha......
[/font]
Sonu mere paas fone rakh kar chala gaya.......

------------------------------
----------------

Kareeb aadhe ghante baad Sonu mere paas haanfta hua aaya..,"Bhai.. lafda ho gaya... Main toh gaya.... Tarun ko kisi ne maar diya..." Sonu poori tarah pasine se bheega hua tha....

Uski baat sunkar mere bhi hosh udd gaye....,"kya? kisne?" Main bister se uchhal hi pada tha.....

"Pata nahi bhai... main kafi der uska intjaar karne ke baad choupal mein peshab karne gaya tha... wahan main uss'se thokar lag kar gir pada.... maine ye torch jalakar dekha toh wo khoon se lathpath wahan mara pada tha... main toh bhag aaya bhai...!" Sonu kaanp raha tha....

"Fir tu kyun itna dara hua hai..? kisne mara hoga usko...?" Maine poochha....

"Mujhe choupal se bahar nikalte huye kisi ne dekh liya... aur pahchan bhi liya.. mera naam pukara tha usne..." Sonu thartharate huye bola....

"kisne?"

"Pata nahi bhai.. mere toh hosh ude huye the... main toh bhagte huye hi yahan tak aaya hoon...." Sonu ne kaha......

" teri toh gayi bhains pani mein... mere paas nahi aana chahiye tha tujhe... aisa kar bhag ja kuchh din ke liye... thode din mein sab shant ho jayega... police ne utha liya toh tu karne khane layak nahi rahega....!" Maine usko salah di....

"theek hai bhai.. main ja raha hoon abhi....!" Sonu ne kaha aur mere ghar se chala gaya.... Uske baad mujhe uska kuchh pata nahi... Jab Mathur ka fone dobara mere paas aaya toh maine uske ghar fone kiya.. uski biwi ne bataya ki wo toh thane gaye hain... Main darr gaya ki kahin police mujhe bhi na lapet le... bus! isiliye main gayab ho gaya....

Uske 2 din baad hi ek aadmi ke fone mere paas aane shuru ho gaye... 'Wo Meenu aur dono ladkiyon ke baare mein jaankari maang raha tha... Maine usko Meenu ke ghar ka no. diya tha.. aur kuchh nahi...! poora 'kaam' ban jane par usne mujhe 2 lakh rupaiye dene ka wada kiya tha.... Main uss'se kabhi mila nahi hoon.... par usne apna naam 'Sonu' hi bataya tha.. par main jaanta tha ki ye 'wo' Sonu nahi hai......

********************************

Do baar diary padhne ke baad bhi hamari samajh mein kuchh nahi aa raha tha....," Fone kisne kiya hoga didi?"

"kounsa fone?" Meenu bhi ab tak bhay se jakdi huyi si thi....

"Wohi.. ki Master school ke kamre mein....." Main boli....

"Kya pata...? Ho sakta hai Sonu jhooth bol raha ho.... mujhe toh ye sari kahani jhoothi lagti hai... ya toh Sonu ne Dholu ko jhoothi kahani sunayi hai.. ya fir Dholu hi asli baat chhupa raha hai....!" Meenu boli... Pinky aankhein faade hum dono ko dekh rahi thi....

"aur Manisha?" Maine poochha...

"wo kyun jhooth bolegi.. usko kya padi hai.....?" Meenu ne tapak se bola....

"kuchh bhi ho sakta hai didi... par 'Uss aadmi ka kaise pata lagega jo 'Sonu' bankar aapke paas fone kar raha hai... Tarun ka fone bhi uske hi paas hai... mujhe toh lagta hai ki usne hi Tarun ka khoon kiya hai.....!" Maine kaha.....

"Uska toh kal ke baad se fone bhi nahi aa raha.. nahi toh ek ek ghante mein 10 10 missed calls aati thi.... Mera toh dimag chakra raha hai... ab kya hoga bhagwaan...?" Meenu apne ghutno par hath rakh kar chhat ki aur dekhne lagi......

Sahsa uski aankhon mein aansoo umad pade.. aur barbas hi Pinky ki aankhein bhi nam ho gayi.. wah uthi aur jakar Meenu ke aansu ponchhne lagi,"kuchh nahi hoga didi.. bus karo ab.. jo hona tha ho chuka...!"

"Mujhe nahi pata tha ki meri galati se ye sab ho jayega.. na hi main 'Tarun' se dosti karti aur na hi ye sab hota... sab kuchh meri wajah se hi hua hai.. tum dono ko bhi musibat mein daal diya....!" Meenu ki aankhein jaise pighalne si lagi thi.. unse tapak rahe aansu achanak barasne se lage the.....

"Bus karo na didi.. pls.. mujhe bhi rona aa raha hai.. 'wo' lambu sab theek kar dega.. dekho! usne abhi tak mummy papa ko kuchh bataya bhi nahi.. 'wo' bhi achchha aadmi hai...." Pinky bholepan se Meenu ki gaal se apne gaal satati huyi boli....

"wo aaya nahi abhi tak.. kahin chala na gaya ho!" Maine kaha....

"Phone karke dekh lo didi!" Pinky ne idea diya....

"Nahi.. aa jayega jab aana hoga... gaanv mein hi baitha hoga toh? .. aise fone karna theek nahi hai...!" Meenu kuchh sochte huye boli....

"wwo.. hum harry ke paise de aayein didi...?" Pinky ne mouka sa dekh kar poochha...

"Nahi.. aaj nahi.. Pichhe se wo aa gaya toh...?" Meenu boli...,"Par de aana jaroor.. aise kisi ke paise rakhte nahi hain....!"

"Toh sham ko chale jayein?" Pinky ne fir poochha..,"Iske jane ke baad!"

"chali jana amma.. abhi se kyun dimag chat rahi hai....!" Meenu thoda sa jhallakar boli.. aur achanak badal gaye Pinky ke chehre ke rang ko dekh kar hansne lagi..," Achchha chali jana.. Manav ke jane ke baad.. theek hai..?"

Pinky ne apna sir jhukaya aur 'haan' mein hila diya.......

*****************************************

Hum poora din intjaar karte rahe... Din dhalte dhalte sham ke 5:00, 6:00, 7:00 bhi baje aur fir raat ke 8:00 bhi.... par Manav ab tak wapas nahi aaya tha.. Iss beech mein ghar hokar bhi aa gayi thi.. par papa ne kuchh khas daant nahi pilayi.. darasal mujhse jyada unhe Meenu aur Pinky par bharosa tha... shayad isiliye aaj fir raat ko Meenu aur Pinky ke sath sone ki baat par wo khali badbada kar rah gaye... mana nahi kiya... maine kah diya tha ki chacha chachi ghar par nahi hain... isiliye wo mujhe bula rahi hain.....

"Mujhe lagta hai 'wo' chala gaya hoga.... warna abhi tak toh aa hi jata....!" Maine kaha...

"Nahi.. aise kaise chala jayega... Uski diary bhi toh yahin rakhi hai..." Meenu ne darwaje se bahar aahat si sunte huye kaha...,"Lagta hai aa gaya...!" Usne hadbadahat mein khadi hokar apni chunni theek ki.....

Pinky ne bahar jhank kar dekha...,"Nahi.. koyi aur hi gaya hai.. wo toh bike par aayenge... aawaj nahi sunayi degi kya?"

"Haan...!" Meenu ne sahmati mein sir hilaya...,"Ye baat toh hai.. ho sakta hai chale bhi gaye hon... main fone karoon...?"

"Haan karke dekh lo didi.. fir hum bhi aaram se sone ki taiyari karein..." Maine kaha...

Meenu ne unko fone karne ke liye apne takiye ke neeche se fone nikala hi tha ki hamein bike ki aawaj sunayi di.. Meenu ne fone wapas chhupa diya..,"Dekhna...!"

"Haan shayad aa gaye...! Bike hamare hi ghar ke aage ruki hai...!" Hum sabne bike ke rukne ki aawaj suni....

"Hey bhagwaan..!" Meenu ne pata nahi aisa kyun kaha tha.. Ek baar fir wo charpayi se khadi ho gayi aur apni chunni theek karne lagi... Diary usne pahle hi apne hath mein le li thi..... Tabhi manav seedha andar aa gaya aur aate hi charpayi par pasar gaya....

"kkya hua?" Meenu ne hadbada kar poochha....

"Kaise log hain yaar iss gaanv mein... poore din se kisi ne khane ke liye nahi poochha... chay pila pila kar aisi taisi kar di saalon ne...." Manav baithta hua bola... wah bahut thaka hua lag raha tha....

hum teeno hakke bakke se hokar ek dusre ki aankhon mein dekhne lage the.. aisi bhasha mein Manav....

"Hum abhi banakar late hain...!" Meenu ne sakpaka kar kaha aur mera hath pakad kar seedhiyon ki aur kheench liya.... Pinky bhi hamare pichhe pichhe aa gayi...

"Ja Pinky.. darwaja toh band karke aa.. koyi dekhega toh kya sochega.. iss waqt.." Meenu ne Pinky ko wapas neeche bhej diya....

"Ye peekar aaya hai kya?" Meenu ne munh banakar mujhse poochha...

"Lag toh mujhe bhi aisa hi raha hai didi.. bahki bahki si baatein kar raha hai....!" Maine uski baat ka samarthan kiya....

Tabhi Pinky hansti huyi lotpot si hoti upar aayi...,"didi.. lambu gaane ga raha hai...!"

"Kyaaa?" Hum dono ke munh se ek sath nikla...

"haan... ye kahin peekar toh nahi aaya hai?" Pinky ne bhi aate hi hamari baat par mohar laga di....

"Main batati hoon isko.. yahan peekar aane ki himmat kaise huyi...?" Meenu tunak kar boli...

"Rahne do didi... pi bhi li hogi toh.. khana khakar chale jayenge.... hamein kya?" Main samjhate huye boli....

"daru peena koyi achchhi baat hai kya?" Meenu iss tarah bhadak rahi thi jaise 'Manav' uska koyi apna ho.....

"chhodo na.. chalo khana banate hain....!" Pinky boli....

"Main naha leti hoon ek baar.. Sabzi maine bana di thi... tum rotiyan bana logi na?" Meenu mujhse boli...

"Haan.. bana loongi....!" Maine kaha aur Pinky ko lekar kitchen mein ghus gayi.....

"Bus Anju.. uski aur mat banana.. mana kar diya usne!" Pinky kitchen mein aakar plate mere sath wali slab par rakhti huyi boli....

"Hamari toh bana loon..?" Maine roti belte huye poochha...

"Rahne do na! uske jane ke baad garam garam kha lenge.. bus karo!" Pinky ke kaha... Tabhi Meenu bhi nahakar kitchen mein aa gayi...,"gaya wo?"

"Nahi.. abhi toh khana kha rahe hain...." Jawab Pinky ne diya tha... Maine mudkar dekha toh Meenu ko dekhti rah gayi... badi pyari aur sexy lag rahi thi wo.. hulke nabhi rang ka lower uski jaanghon se bilkul chipka hua tha.. upar usne shawl audh rakha tha isiliye main uss waqt dekh nahi payi thi ki usne kya daal rakha hai... par uska chehra purnmasi ke chand ki tarah hi khila hua tha... Uski muskaan saaf bata rahi thi ki uske mann se anhoni ke darr ka saya gayab hokar kuchh pal ke liye hi sahi par ab satrangi sapno se sarabor ho chhuka hai...

"aise kya dekh rahi hai... pahle kabhi dekha nahi kya?" Mujhe apni aur lagataar ghoorte pakar Meenu hadbada si gayi...

"Nahi bus aise hi..." Main hulke se muskura di..,"Neeche chalein....!"

"chalo.. wo intjaar kar raha hoga.. jana bhi hai usko....!" Meenu ne kaha aur hum teeno line banakar neeche chal pade.. sabse aage Pinky thi aur sabse pichhe Meenu.....

Manav deewar ke sath takiya lagakar adhleta sa ho diary ke panne palat raha tha... hamare neeche jate hi seedha hokar baith gaya....,"Padha isko...?"

Meenu ne jawab ke liye meri aur dekha.. aakhirkaar mujhe bolna hi pada..,"Haan.. par..."

"kya lagta hai?" Manav ne mujhe beech mein hi tok diya...

"wwo.. hamein toh lagta hai ki Dholu jhooth bol raha hai... ya fir Sonu ne usko jhooth bola hoga...!" Mere kuchh bolne se pahle hi Meenu bol padi....

"Baitho na yaar.. khadi kyun ho tum..?" Manav ne iss tarah kaha mano 'wo' hamare ghar mein nahi; hum uske ghar mein hon... khair.. hum teeno pahle ki tarah line mein ek charpayi par ek dusri se satkar baith gaye.....

"Ho sakta hai Manisha hi jhooth bol rahi ho...?" Maine baithte hi kaha....

"Haan.. laga tha mujhe bhi.. par jhooth bolne ke liye koyi wajah honi chahiye... abhi isko chhodo.. pahle asli mudde par baat karo... Ab hamein koyi maamle ki tah tak pahuncha sakta hai toh wo hai ye 'naya Sonu! jo yahan fone kar raha hai..." Manav ne kaha....

"Par kal se toh koyi fone aa hi nahi raha uska?" Meenu turant boli....

"Humm.. usko Dholu ke pakde jane ki khabar mil gayi hogi.. aur ye bhi ki usko kis tarah pakda gaya hai... Ho sakta hai wo isiliye gayab ho gaya ho... Dekhte hain...."

Humne sahmati mein sir hilaya....

"Abhi main uss ladke ke gaanv jakar aaya hoon.. jiske naam par iss Sonu ne connection le rakha hai... Wo tumhare hi college mein padhta hai aur shahar mein kiraye par kamra lekar rah raha hai... aaj wo gaanv mein hi aaya hua hai.. kum se kum 'wo' toh Sonu nahi hai... aur na hi shayad usko iss gorakhdhandhe ke baare mein kuchh pata hai... usko ye bhi maloom nahi ki uske naam par kisi aur ne connection le rakha hai.. abhi maine usko disconnection ki request daalne se mana kar diya hai...par ek badi majedaar baat saamne aayi hai..." Manav bolkar hamari aur dekhne laga....

"Kya?" Main aur Meenu ek sath boley....

"Usne Principal madam ke ghar kamra le rakha hai... Jo uss din School mein mujhe mili thi...."

"toh?" Meenu ne kaha.. baat meri bhi kuchh samajh mein nahi aayi.....

"Toh ka toh baad mein pata chalega... par jis tarah se master ne uske saamne hi uske charitra ka gungaan kiya tha.. mujhe lagta hai ki hamein 'wahan' kuchh mil sakta hai... Ho sakta hai ki uss madam ne hi 'Prince' ki id Sonu ko di ho...!"

"Prince koun?" Meenu ne Manav ko tokte huye kaha....

"wahi jo uske ghar mein rah raha hai..... ho sakta hai tum bhi jaanti ho usko.. wo toh tumhe achchhi tarah jaanta hai....!" Manav ne jawab diya....

"Ohh.. wo Prince.. haan main jaanti hoon.. wo toh bahut hi shareef ladka hai...!" Meenu boli....

"Tum toh Tarun ko bhi shareef maanti thi.. tumhara kya hai?" Manav ne uska majak sa udaate huye kaha... Meenu baglein jhankne lagi....

"Khair chhodo... Dholu ke anusaar Sonu ne usko ye bataya tha ki kisi ne unko fone karke School mein bulaya tha... agar aisa hua hai toh ho sakta hai ki madam ne aisa kiya ho.. aajkal madam jo no. use kar rahi hain.. wo do din pahle ka hi liya hua hai... Unka purana no. bhi maine le liya hai.. par jakar Tarun ki call detail mein 'wo' dhoondhna padega...!" Manav hamaein ek ek baat khol kar bata raha tha....

"aap.. madam ke paas bhi gaye the kya?" Meenu ne poochha...

"Nahi.. aur abhi jaanuga bhi nahi... Main nahi chahta ki main asli mujrim ko bach nikalne ka koyi mouka doon... agar madam iss game mein shamil bhi hain toh wo bus ek mohra bhar hongi... hamein 'asli muzrim' tak pahunchna hai.. jo iss khel ka grandmaster hai.... Madam ke dono no. maine baaton baaton mein Prince se liye hain...

"Par madam Tarun ko fone kaise karengi.. 'wo toh unko jaanti bhi nahi..." Main khud ko bolne se rok nahi saki....

"Kuchh kah nahi sakte... Tarun ka ye kahna ki uske paas koyi 'party' hai.. aur Madam ka ajeeb sa charitra... kuchh bhi ho sakta hai... halanki abhi sab kuchh andaja hi hai.. par ab andhere mein hi teer maarne padenge.. kya karein?" Manav gahri saans lete huye bola.....

"Toh kya sach mein hi Tarun ko Sonu ne maar diya hoga... Paise ke lalach mein...?" Meenu ne kaha....

"ho bhi sakta hai aur nahi bhi... " Manav ne kandhe uchkate huye kaha..," darasal hamein Tarun ki body se koyi fingerprint nahi mila.. aur na hi wo chaku jiss'se Tarun ka murder kiya gaya... Letters par bhi sirf Tarun ki hi ungaliyon ke nishan hain.... par ghaanvon ki gahrayi bata rahi hai ki kaam kisi tagde aadmi ka hai.. Sonu ho sakta hai.. par jaroori nahi... Mujhe dholu lag raha tha par uss'se bhi kuchh nahi mila.. bulki maamla kuchh aur ulajh sa gaya.... kul milakar jab tak maamle ki jad tak nahi pahunch jatete.. kuchh bhi saaf nahi hoga... aur jad milegi iss naye Sonu ke hath aane se... Abhi main sirf usi par focus kar raha hoon...!" Manav kahkar chup ho gaya.....

"aap.. late nahi ho rahe...?" Meenu ne thoda jhijhak kar kaha....

"Kyun.. kisliye?" Manav ne iss tarah pratikriya di jaise Meenu ki baat uski samajh mein aayi hi na ho....

"Nahi.. wwo.. mera matlab hai ki.... 9:30 baj gaye hain...." Meenu ne jaise taise apni baat poori ki....

"Ohhh.. achchha.. Sorry.. chala jata hoon!" Manav ne iss tarah kaha mano usko jabardasti nikala ja raha ho... khada hokar muskuraya aur bola..,"meri diary..!"

"Ye lo...!" Meenu ne diary turant uske hath mein thama di....

Manav ne ek baar aur Meenu ko dekha aur bahar nikal gaya....

"Bula lo na didi... bura maankar gaye hain.. hum upar so jayenge.. main nahi bataungi mummy papa ko..." Pinky yachna si karti huyi boli....

Meenu asamanjhas se meri aur dekhne lagi.. par kuchh boli nahi....

"Mujhe nahi pata.. main wapas bulakar lati hoon...!" Pinky ne Meenu ki aur dekhkar kaha aur jab usne kuchh nahi kaha toh bahar bhag gayi....

Manav bhi shayad aisi hi kuchh kaamna kar raha tha... Pinky ke ek baar kahte hi usne bike bina start kiye andar baramade mein lakar khadi kar di.... aur muskurata hua kamre ke andar aa gaya..,"agar tum mujhe wapas nahi bulati toh main iss din ko hamesha yaad rakhta... itni raat ko ghar se nikal diya....!"

"Nahi.. wwo.. mummy papa hote toh..." Meenu ne aage kuchh nahi kaha....

"Thand mein bike chala kar dekhna kabhi.. pata chal jayega apne aap....!" Manav ne kaha aur wapas usi charpayi par baith gaya.....

"Hum khana khakar aa jaayein..?" Meenu najrein jhukaye huye hi boli....

"Haan kyun nahi...!" Manav Meenu ke chehre ko dekh muskurata hua bola...












आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj


















Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator