बाली उमर की प्यास पार्ट--41
गतान्क से आगे..................
"चुप करके कोने में खड़ा हो जा..!ये सुना रही है शायद.." सीमा ने सलीम को डांटा और श्वेता की ओर मुँह करके बोली,"सुना रही है ना?"
"ज्जई.. दीदी जी..!" श्वेता ने एक बार और कोने में जाकर खड़े हो गये सलीम से नज़रें चार की ओर सिर झुका कर बोली..,"सिर्फ़.. इश्स लड़के को तो भेज दो.. प्लीज़!"
"क्यूँ.. फिर क्या हो जाएगा..?" सीमा गुर्रकार बोली...
"प्लीज़ दीदी.. इसके सामने बहुत शर्म आ रही है...!" श्वेता ने अनुनय की...
"अच्च्छा.. बुड्ढे के सामने नही शरमाई.. इश्स छ्होकरे से शर्मा रही है तू?" सीमा व्यंगया करते हुए बोली....
"पर दीदी... ववो...!" श्वेता जो कुच्छ कहना चाहती थी.. सीमा के बोलते ही उसके हलक में ही घुट कर रह गया..,"सीधे तरेके से सुना दे.. वरना.. तुझे पता है मैं क्या करूँगी...!"
"ववो.. उसने हमें क्लासरूम में अकेले देख लिया था दीदी...!" श्वेता के पास और कोई चारा भी ना था....
"किसके साथ? और क्या करते देख लिया था...? शॉर्टकट मत मार खुल के बता पूरी बात...!" इस बार सीमा ने इस तरह बोला जैसे उसने अपना आपा खो दिया हो...
"ज्जई.. मीना के साथ देख लिया था.. रिसेस में...!" श्वेता ने हुलक में अटका थूक गटका...
"मीना?.. वो लड़की थी क्या?" सीमा ने गौर से पूचछा..
"ज्जई....!" श्वेता इतना बोल कर चुप हो गयी...
"अरी फिर क्या हुआ... फुल स्टॉप मत कर.. क्या कर रहे थे.. तुम वहाँ...?" सीमा ने मस्ता कर कहा,"देख.. यहाँ सारी लड़कियाँ अपनी बात शेर करती हैं मुझसे.. घबरा मत.. और सलीम तो बड़े काम का लड़का है.. इसकी तो चिंता ही छ्चोड़ दे... चल बोल.. क्या कर रहे थे तुम दोनो...?"
"ज्जई.. कुच्छ नही.. मीना ने ही बोला था मुझसे...!" श्वेता अब तक खुलकर बता नही पा रही थी...
"क्या?"
"ववो.. उसने दरवाजा बंद करके.... नही दीदी.. सलीम को बाहर निकाल दो पहले...!" श्वेता कसमसा कर बोली...
"सलीम... लूँगी उतार दे अपनी.. पहले इसकी शर्म खोलनी ज़रूरी है.. तुझसे शर्मा रही है ये...!" सीमा ने सलीम की ओर चेहरा घुमा कर कहा...
"नही दीदी.. प्लीज़.. ववो.. " अब की बार श्वेता इस'से ज़्यादा बोल पाती.. इस'से पहले ही सलीम की लूँगी उसके कंधे पर थी... शवेता ने एक पल के लिए घबराकर सलीम की जांघों के बीच झटके खा रहे काले, मूसल से लिंग को देखा और घबरा कर अपनी आँखें बंद कर ली.... सुन्दर के बाद मैने पहली बार इतना मोटा लिंग देखा था... मैं चाहकर भी उसको निहारते रहने का लालच छ्चोड़ नही पाई... सलीम लिंग को अपनी मुथि में पकड़ कर खड़ा हो गया....
"अब बोल.. बता रही है या सलीम को 'कुच्छ' करने को कहूँ....
"बता रही हूँ दीदी.. हम दोनो आपस में चिपक कर बैठे थे.. दरवाजा बंद करके..." श्वेता ने अब तक अपनी आँखें नही खोली थी....
"चिपक कर कैसे? आख़िरी बार बोल रही हूँ.. ये शर्म तुझे आज फिर चुदवा कर छ्चोड़ेगी सलीम से...!.. खुल के बोल सबकुच्छ.. अब की बार मुझे बोलना पड़ा तो मैं सलीम से बात करूँगी... समझ गयी!"
"ज्जई.. हमने स्कर्ट पहनी हुई थी... उसने कहा कि देख तुझे कितने मज़े आएँगे.. कहकर उसने दरवाजा बंद किया और मेरी शर्ट के बटन खोल कर मेरी... 'इनको' पीने लगी... मैने एक दो बार मना किया.. फिर मुझे मज़े से आने लगे... थोड़ी देर बाद उसने मेरी स्कर्ट उपर उठा कर 'वहाँ' उंगली से च्छेदना शुरू कर दिया...." श्वेता ने बोला बंद करके एक लंबी साँस ली.. और फिर शुरू हो गयी...
जैसे जैसे वा बोलती जा रही थी.. सलीम के लिंग में और अधिक तनाव आता जा रहा था....," उसने मुझे अपने 'वहाँ' उंगली घुसाने को कहा और फिर कहकर आगे पिछे करवाने लगी... तभी हेडमास्टर ने दरवाजा खटखटाया.. हम दोनो डर गये... हमने अपने बटन बंद किए और दरवाजा खोल दिया... सामने सर खड़े थे..."
"हूंम्म.. पर तुम दोनो फँसी कैसे... बटन ढंग से बंद नही किए थे क्या?" सीमा उसकी बात में पूरा इंटेरेस्ट ले रही थी....
"ज्जई.. ववो तो कर लिए थे दीदी... पर हेडमास्टर ने डाँटकर पूचछा तो मीना ने बोल दिया....!" श्वेता ने आँखें खोल कर सीमा की ओर देखा....
"क्या बोल दिया?.. ये भी तो बता!" सीमा ने पूचछा...
"यही कि हम दोनो ग़लत काम कर रहे थे....!" श्वेता ने नज़रें झुका ली....
"हेडमास्टर ने पूचछा नही क्या कि कौनसा ग़लत काम?" सीमा ने पूचछा....
"ज्जई.. ववो.. तो मीना ने अपने आप ही बता दिया था.... बिना पूच्छे ही...!" श्वेता ने बताया...
"क्या बता दिया था अपने आप.. मुझे भी तो बता ना...!" सीमा बोली...
"ज्जई.. यही कि हम दोनो एक दूसरी की.." श्वेता की ज़ुबान लड़खड़ा सी गयी थी और उसके गोरे गोरे कमसिन गालों पर लाली छा गयी...," हम दोनो एक दूसरी की चूत में उंगली......!"
"अर्रे वाह.. मीना तो बड़ी दिलेर निकली.. फिर क्या हुआ?" सीमा ने चटखारा लेकर पूचछा....
"फिर... फिर हेडमास्टर ने हमें ऑफीस में बुला कर डांटा और मीना से 'वो' सब कुच्छ लिखवा लिया जो हम कर रहे थे...."
"वेरी स्मार्ट! चल बोलती रह... तुझसे नही लिखवाया था क्या?" सीमा ने प्ूवच्छा...
"ज्जई.. बोला तो था.. पर मैने लिखा नही....!" श्वेता नज़रें नही मिला पा रही थी अब....
"फिर?"
"फिर सर ने कहा की उसी कागज पर नीचे उन्हे दोनो के घर वालों के साइन चाहियें...!" श्वेता असहज सी हो गयी थी...
"हूंम्म.. ब्लॅकमेलिंग का मामला बनता था उस पर... चल छ्चोड़.. आगे बता.. बड़ी मजेदार कहानी है यार.... फिर तुमने क्या किया...?" सीमा बोली....
"फिर मीना ने कहा की छुट्टी के बाद दोनो सर से रिक्वेस्ट करेंगे... मैं बहुत डरी हुई थी.. पर उसने कहा कि वह 'सर' को मना लेगी...!" श्वेता फिर चुप हो गयी....
"फिर क्या हुआ.. छुट्टी के बाद चोदा होगा उसने तुम दोनो को...!" सीमा ने मज़े लेते हुए पूचछा....
"नही.. मुझे सिर्फ़...... नंगी किया था यूयेसेस दिन...!" श्वेता झुरजुरी सी लेकर बोली...," मीना को.... किया था...!"
"तेरे सामने ही..?" सीमा का हाथ उसकी गोद में रखे तकिये के नीचे चला गया... और नज़रें सलीम के 'तँटानाए' हुए लिंग पर.... जहाँ मेरी भी नज़र ठहरी हुई थी... वो श्वेता की बातें बड़ी ध्यान से सुनते हुए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहा था....
"हाँ!" श्वेता ने सिर हिलाकर जवाब दिया....
"क्यूँ चूतिया बना रही है यार... तुझे नंगी कर लिया.. और कुच्छ किया भी नही..." सीमा विचलित सी होती जा रही थी....
"अगले दिन किया था.. उस दिन तो सिर्फ़ रास्ता बनाया था....!" श्वेता भोलेपन से बोली...
"कैसे? बता ना फिर?" सीमा ने उत्सुकता से पूचछा...
"पहले 'तेल' में उंगली डुबोकर....... धीरे धीरे अंदर की थी... बाद में अंगूवथे से.....!" श्वेता सकुचा कर बोली....
"मज़ा आया था तुझे?"
सीमा ने पूचछा तो श्वेता ने 'ना' में गर्दन हिला दी....
"झूठ बोलती है.. अभी सलीम से करके दिख्वाउ 'मज़े' आते हैं या नही...?" सीमा एक बार फिर गुर्राय....
"आए थे.. थोड़े थोड़े..." श्वेता घिघिया कर बोल उठी....
"और क्या क्या हुआ था उस दिन...?" सीमा ने आगे पूचछा....
"मेरी.... छातियो को हथेली में लेकर धीरे धीरे मसला था पहले.. फिर इनको चूसा था..."
"फिर?"
"फिर 'अपना' निकाल कर दिखाया और मेरे हाथ में पकड़ा दिया...." श्वेता थोड़ी हिचक के बाद बोली...
"कैसा था...?"
"गरम गरम था दीदी...!" श्वेता की झिझक खुलती जा रही थी...
"अरे गरम तो होता ही है.. कितना बड़ा था?" सीमा झल्लते हुए बोली....
श्वेता ने झिझकते हुए कनखियों से 'सलीम' के फंफंते लिंग पर निगाह डाली और फिर थोड़ा रुक कर बोली..,"इतना नही था दीदी... इस'से छ्होटा था....!"
"अच्च्छा.. फिर?" सीमा सलीम की और देख कर हंसते हुए बोली....
"फिर मुझे नीचे बैठकर मेरे मुँह में डाला था...!"
"बोलती रह ना.. हर लाइन के बाद टोकना पड़ेगा क्या?"
"उन्होने मेरे शरीर की बहुत प्रसंशा की थी दीदी... मुझे पूरी नंगी करके मुझे हर जगह हाथ लगा कर देखा था... फिर मेरी छातियो को चूस्ते हुए उन्होने उंगली 'वहाँ' घुसाने की कोशिश की थी... मुझे बहुत दर्द हुआ तो 'उसने' मीना को अलमारी से तेल निकालने को कहा....."
"क्यूँ.. गीली नही हुई थी क्या?" सीमा उसको टोक बिना ना रह सकी...
"हो गयी थी.. फिर भी दर्द हो रहा था....." श्वेता ने रुककर सीमा की ओर देखा और फिर अपने आप शुरू हो गयी...," फिर उन्होने मेरी चूत में तेल ही तेल लगा दिया और उसकी मालिश सी करते हुए अचानक उंगली में चूत में घुसा दी..." श्वेता की आँखों में तैरने लगे वासना के लाल डोरे और उसकी बदल गयी भाषा बता रही थी कि 'वा' अब गरम हो चुकी है....," पहले बहुत दर्द हुआ था.. पर धीरे धीरे सारा दर्द ख़तम हो गया और 'अजीब' से मज़े आने लगे.... बाद में उन्होने उंगली निकाल कर मेरी चूत में अपना अंगूठा घुसा दिया... करीब पाँच मिनिट तक वो अंगूठे से ही करते रहे और बोले की 'तू' एक दो दिन में तैयार हो जाएगी... रात में खुद करना ऐसे...."
"फिर?"
"तब तक मीना ने अपने आप ही पूरे कपड़े निकल लिए थे.... उसके बाद उन्होने मीना की जमकर चुदाई की.. मेरे सामने ही......अयाया!" श्वेता की सिसकी निकल ही गयी....
"तेरा चूतिया बना गये वो.. मीना और हेडमास्टर मिले हुए थे पक्का.." सीमा हंसते हुए बोली.... और फिर चुप होने के बाद पूचछा,"तेरी चुदाई हुई या नही?"
"हुई थी दीदी... 3-4 दिन बाद उन्होने मेरी भी मीना की तरह चुदाई की... इतने दिन तक वो रोज मेरी चूत में रास्ता बनाते रहे....!"
"अब सच सच बता... मज़े आए थे ना तुझे....?" सीमा ने पूचछा....
"बहुत आए थे दीदी.. कसम से...!" श्वेता तड़प कर बोली...
"फिर कभी किया किसी और ने या....?" सीमा ने पूचछा....
"सर ने ही दो तीन बार किया था दीदी.. उसके बाद हमारे पेपर शुरू हो गये....!" श्वेता की आँखों में दोबारा मज़े ना ले पाने की कसक सॉफ झलक रही थी...
"आज फिर लेने हैं क्या? सलीम के साथ...!" सीमा उसकी और आँख मारते हुए बोली...
श्वेता की नज़र सीधी सलीम के लिंग पर टिक गयी.. कुच्छ देर टुकूर टुकूर उसको देखते रहने के बाद मन मसोस कर बोली..,"नही दीदी.. ये तो बहुत मोटा है.. इतनी जगह नही है मेरी चूत में...!"
उसकी बात सुनकर सीमा हँसने लगी..," अर्रे.. जगह तो 'लंड' अपने आप बना लेता है.. तेरा हेडमास्टर तो चूतिया था जो तीन दिन लगाए.... चल छ्चोड़.. आज से तू मेरी दोस्त है... मैं रास्ता बनवावँगी तेरी चूत में... अब देर बहुत हो गयी है... एक दो दिन सब्र कर ले.. ठीक है ना...?"
"ठीक है दीदी... ववो.. एक बात कहनी थी..." श्वेता थोड़ी सकुचा कर बोली....
"बोल ना यार...!" सीमा के होंतों पर अब भी मुस्कुराहट तार रही थी.....
"ववो.. 'टाइगर' ले जाउ क्या?"
"हा हा हा हा... ये ले...!" सीमा ने हंसकर कहा और 'टाइगर' उसकी ओर बढ़ा दिया...," जा मज़े कर!"
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"मेरा क्या होगा मेम'शब...? ये तो खड़ा का खड़ा रह गया...." सलीम ने श्वेता के जाते ही अपना 'लिंग' हाथ में पकड़ लिया.....
"साले.. ये फ्री का माल नही है... मैं पालती हूँ इसको... चल दरवाजा बंद कर दे..." सीमा ने कहा और मेरे सामने ही अपने कपड़े उतार कर खूँटि पर टाँगने लगी....
"घुसा दूँ क्या मेम'साब?" सलीम ने बिना हिचकिचाए दरवाजे बंद करके अपने लिंग पर 'बिस्तर' के कोने से कॉंडम निकाला और अपने 'लिंग' पर चढ़ा उपर चढ़ते ही 'कुतिया' की तरह झुकी हुई सीमा के पिछे पोज़िशन ले ली.... जैसे ही वह सीमा की ओर बढ़ा था.. मैं वहाँ से उठकर पिंकी के पास आकर लेट गयी थी... मेरा इतना बुरा हाल हो चुका था कि बयान नही कर सकती.....
"तू बोलता बहुत है... अब क्या हरी झंडी देख कर.... आआआआअहह!" सीमा ने बात अधूरी छ्चोड़कर कामुकता भरे लहजे में लंबी सिसकारी ली....,"एक दम पूरा नही कुत्ते... कितनी बार.... सम्झाउ तेरे को.. पहले आराम से थोड़ा थोड़ा किया कर... अया.. हाआँ.. ऐसे.... आह मरी राआअम....."
सलीम ने अपने दोनो हाथ सीमा के नितंबों पर टीका दिए और उन्हे फैलाकर आगे पिछे होता हुआ धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ने लगा... अचानक उसकी गर्दन मूडी और नज़रें सीधी मुझ पर टिक गयी... एक पल को तो मैने हड़बड़कर नज़रें चुरा ली थी... पर ज़्यादा देर तक 'कॉम्क्रीडा का लुत्फ़ उठाने से खुद को वंचित ना रख सकी.... सलीम के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी.... मैने समझने में देर नही लगाई कि ये 'उसका' रोज़ का काम होगा....
मुझ पर चिरपरिचित सुरूर छाता चला गया... पिंकी के साथ पड़ा दूसरा कंबल औधते ही मैने सलवार का 'नाडा' चटकाया और सलीम की आँखों में आँखें डाले 'उंगली' अपनी 'कामरस' से तार हो चुकी 'योनि' में घुसा दी... इसके साथ ही उत्तेजना के मारे मेरे नितंब उपर उठ कर थिरकते हुए ये बयान करने लगे कि 'उंगली' से काम नही चलेगा....
थोड़ी देर पहले अगर सीमा ने सलीम को ये नही बोला होता कि 'तू' फ्री का माल नही है तो हालत ऐसी हो चुकी थी की अब तक तो सलीम के सामने 2-2 ऑप्षन होते... सलीम की नज़रों से लग भी रहा था कि 'वो' मुझ पर लट्तू है.... पर मैं मन मसोस कर रह गयी....
'सस्सला 'टाइगर' भी उधर चला गया...' मन ही मन खुद की किस्मत को कोसते हुए मैने 'योनि' के लिए छ्होटी पड़ रही उंगली के साथ उसके 'साथ वाली' को भी अंदर घुसेड दिया.... पर 'वो' बात थी ही नही...
होती भी कैसे? मेरे सामने चंद कदम की दूरी पर 'खुला दरबार' चल रहा था और मुझे खाली उंगली से काम चलना पड़ रहा था.... पर मैं लगी रही.. अधखुली आँखों से सीमा की योनि में दनादन धक्के लगा रहे सलीम को घूरते हुए....
दोनो को जमकर सिसकियाँ लेते देखने की वजह से मेरा एक बार में उस दिन मन नही भरा.... मैं लगी रही... आख़िरी बार जब सलीम दहाड़ कर सीमा के उपर गिरा तो मेरा तीसरी बार निकला था....'फिर भी मेरा तन बेचैन था....
"आज इतनी जल्दी कैसे निकल गया तेरा....?" सीमा बिस्तर पर उल्टी पड़ी पड़ी सिसकियाँ लेती हुई बोली....
"ये लड़की बड़ी सेक्सी है मेम'शाब... एक बार इसकी भी दिलवा दो ना...!" सलीम ने अपना लिंग सीमा की योनि से निकाल कर उस पर से कॉंडम हटाया और कोने में पड़े तौलिए से लिंग को पौंचछते हुए कहा.....
उस वक़्त मैने यही सोचा था कि काश सीमा उसकी बात पर गौर करके मुझ पर रहम कर ले... पर सीमा ने उसको झिड़क दिया...," ज़्यादा बे-ईमान बनेगा ना तो तेरी.... चल अब यहाँ से.. दो चार दिन में श्वेता की दिलववँगी.. जी भर कर तड़प लेने दे उसको अभी... आज वालियों में से एक और मान जाएगी.. मुझे लगता है!"
मुझे बड़ी हैरत हो रही थी.. मुझ पर इतना दुलार न्योचछवर करने वाली 'सीमा' ने मेरी मर्ज़ी तक नही पूछि.. जबकि 'वो' औरों को मानने की बात कर रही थी.... आख़िरकार मैने मौन तोड़ ही दिया...
"कर लेने दो दीदी... मेरा भी बहुत मन कर रहा है आपको देख कर...!"
"पहले किया है कभी...?" सीमा ने पूचछा....
"उस वक़्त 'ना' करना मुझे बेवकूफी लगी... कहीं मुझे भी 4-5 दिन के लिए 'टाइगर' से ट्रैनिंग देने की बात कहकर टाल ना दे...,"हाँ.. किया है दीदी...!" मैने झट से कह दिया....,"इतने ही मोटे से किया है..!"
"चल तू जा अभी.. मैं इस'से बात करके बताउन्गि...!" सीमा ने मेरी बात का कोई जवाब देने की बजाय सलीम को 'वहाँ' से तरका दिया...
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"ये कौन है...?" सीमा ने सलीम के जाते ही मुझे अपने पास बुलाकर साथ लेट'ने को कह दिया...
"ये... ये पिंकी है दीदी.. बहुत अच्छि है और बहुत प्यारी भी...!" मैने खुश होकर बताया....
"ये भी कर लेती है क्या? मुझे तो बहुत नादान लगती है....!" सीमा ने कंबल में लिपटी मस्ती से सो रही पिंकी पर निगाह डाली....
"आप ठीक कह रहे हो दीदी.. ये तो बहुत ही नादान है.. अभी तो सीखने लगी है बातें...!" मैने कहा....
"सुन.. तू बुरा मत मान'ना... मुझे पता था तेरा बहुत दिल कर रहा होगा.. पर तेरे लिए सलीम ठीक नही है... इसीलिए मैने मना कर दिया....."
"कोई बात नही दीदी.." मैने मन मसोस कर कहा.... मेरे बदन में भड़की हुई आग 'सलीम' के जाने के साथ ही ठंडी होती चली गयी थी....
"बुरा मान मत कर... तुझे नही पता मैने तेरे लिए क्या सोच रखा है.... मस्ती करनी है ना?" सीमा ने पूचछा.....
मैं बिना कुच्छ बोले उसकी बात का मतलब समझने के लिए उसकी आँखों में झँकति रही....
"बोल ना... मज़े करने हैं तो बोल...!" सीमा ने मेरी च्चती पर हाथ रख कर उसको हल्का सा दबा दिया... मैं कसमसा उठी..,"हाँ!"
"बस 2 दिन रुक जा.... हॉस्टिल से बाहर चलकर मज़े करेंगे... एक से एक स्मार्ट लड़के के साथ... सलीम को छ्चोड़!"
"पर आप कह रहे थे कि बाहर तो जा ही नही सकते... फिर..."
"भूल जा सब कुच्छ.. मैं साथ हूँ तो कुच्छ भी हो सकता है... तू देखना मैं तुझे कितने मज़े कराती हूँ....!"
"पर.. वो तो आप बोल रहे थे कि पैसों में होता है...!" मैने अपनी शंका उसको बताई.. मेरे पास पैसे थे भी तो नही....!
"तू छ्चोड़ ना यार.. बोल कितने पैसे चाहियें तुझे... मैं देती हूँ... यहाँ में लड़कियों से फोन सुन'ने के पैसे इसीलिए लेती हूं ताकि 'ये' लड़कियाँ' मुझे अच्छि 'ना' माने... फिर प्राब्लम होती है.. दबदबा रखने में.. हे हे हे.. वैसे मैं इतनी बुरी नही हूँ... लाख रुपए तो अभी भी मेरी अलमारी में रखें हैं.. तुझे जब चाहियें बता देना...!"
मैने सीमा की ओर मुस्कुरकर देखा.. उसके यही एक बात कहने से मुझे 'वो' बहुत अच्छि लगने लगी थी.....," आपकी मम्मी हमारे गाँव के पास वाले गाँव में प्रिन्सिपल हैं...." मैने मुस्कुराते हुए ही कहा.....
"मेरी मम्मी..." सीमा ने एक बार चौंक कर मुझे देखा और फिर बोली..,"अच्च्छा... तुमने उनको दिन में देख लिया होगा... है ना?"
"हाँ.. वो आपसे बात कर रही थी... मेरे बारे में उन्होने ही बोला था क्या? ध्यान रखने को....?" मैने पूच्छ ही लिया....
"नही नही.. उन्होने कुच्छ नही कहा था ऐसा... बस तुम मुझे बहुत अच्छि लगी और मैने ऑफीस में जाकर क्लर्क को बोल दिया....!"
"सच बताओ ना दीदी...?" मुझे उसकी बात पर विश्वास नही हुआ था....
"अरे सच यार.. तेरी कसम... देख तू कितनी सेक्सी है.. तेरे जैसी लड़की पूरे हॉस्टिल में नही आई आज तक...!" कहकर एक बार फिर उसने मेरे उपर आकर मेरे उभारों पर हाथ फेरा और खिलखिला कर हँसने लगी... मैं अजीब सी नज़रों से उसको देखती रही.. मुझे पूरा विश्वास था कि मामला कुच्छ और ही है.....
"सुन... तू 'ये'... सलीम वाली बात का जिकर किसी से मत करना.. समझ गयी ना.. सबको इस बात का पता नही है....!" सीमा मेरे उपर से हट'ती हुई बोली...
"ठीक है दीदी...!" और मैं क्या कहती!
"चल अब... अपनी बात सुना... किसने किया तेरे अंदर.. पहली बार....!" सीमा मुझे छेड़ती हुई बोली....
मुझे पहली बार के अपने प्रणय मिलन को सीमा के साथ शे-अर करने में कोई बुराई नही लगी... मैने दिल खोल कर पूरे चटखारे ले लेकर उसको बात बताई और फिर हम दोनो सो गये... साथ साथ ही.....!
क्रमशः......................
"Chup karke kone mein khada ho ja..!ye suna rahi hai shayad.." Seema ne Saleem ko daanta aur Shweta ki aur munh karke boli,"Suna rahi hai na?"
"Jji.. didi Ji..!" Shweta ne ek baar aur kone mein jakar khade ho gaye Saleem se najrein char ki aur sir jhuka kar boli..,"Sirf.. iss ladke ko toh bhej do.. plz!"
"Kyun.. fir kya ho jayega..?" Seema gurrakar boli...
"Plz didi.. iske saamne bahut sharm aa rahi hai...!" Shweta ne anunay ki...
"achchha.. buddhe ke saamne nahi sharmayi.. iss chhokre se sharma rahi hai tu?" Seema vyangya karte huye boli....
"Par didi... wwo...!" Shweta jo kuchh kahna chahti thi.. Seema ke bolte hi uske halak mein hi ghut kar rah gaya..,"Seedhe tareke se suna de.. warna.. tujhe pata hai main kya karoongi...!"
"wwo.. usne hamein classroom mein akele dekh liya tha didi...!" Shweta ke paas aur koyi chara bhi na tha....
"Kiske sath? aur kya karte dekh liya tha...? shortcut mat maar khul ke bata poori baat...!" Iss baar Seema ne iss tarah bola jaise usne apna aapa kho diya ho...
"jji.. Meena ke sath dekh liya tha.. recess mein...!" Shweta ne hulak mein atka thook gatka...
"Meena?.. wo ladki thi kya?" Seema ne gour se poochha..
"Jji....!" Shweta itna bol kar chup ho gayi...
"Ari fir kya hua... full stop mat kar.. kya kar rahe the.. tum wahan...?" Seema ne masta kar kaha,"Dekh.. yahan sari ladkiyan apni baat share karti hain mujhse.. ghabra mat.. aur Saleem toh bade kaam ka ladka hai.. iski toh chinta hi chhod de... chal bol.. kya kar rahe the tum dono...?"
"Jji.. kuchh nahi.. Meena ne hi bola tha mujhse...!" Shweta ab tak khulkar bata nahi pa rahi thi...
"kya?"
"wwo.. Usne darwaja band karke.... nahi didi.. Saleem ko bahar nikal do pahle...!" Shweta kasmasa kar boli...
"saleem... loongi utaar de apni.. pahle iski sharm kholni jaroori hai.. tujhse sharma rahi hai ye...!" Seema ne Saleem ki aur chehra ghuma kar kaha...
"nahi didi.. plz.. wwo.. " Ab ki baar Shweta iss'se jyada bol paati.. iss'se pahle hi Saleem ki loongi uske kandhe par thi... shaweta ne ek pal ke liye ghabrakar saleem ki jaanghon ke beech jhatke kha rahe kaale, moosal se ling ko dekha aur ghabra kar apni aankhein band kar li.... Sunder ke baad maine pahli baar itna mota ling dekha tha... main chahkar bhi usko nihaarte rahne ka lalach chhod nahi payi... Saleem Ling ko apni muthi mein pakad kar khada ho gaya....
"Ab bol.. bata rahi hai ya Saleem ko 'kuchh' karne ko kahoon....
"bata rahi hoon didi.. hum dono aapas mein chipak kar baithe the.. darwaja band karke..." shweta ne ab tak apni aankhein nahi kholi thi....
"chipak kar kaise? aakhiri baar bol rahi hoon.. ye sharm tujhe aaj fir chudwa kar chhodegi Saleem se...!.. khul ke bol sabkuchh.. ab ki baar mujhe bolna pada toh main Saleem se baat karoongi... samajh gayi!"
"Jji.. hamne skirt pahni huyi thi... Usne kaha ki dekh tujhe kitne maje aayenge.. kahkar usne darwaja band kiya aur meri shirt ke button khol kar meri... 'inko' peene lagi... Maine ek do baar mana kiya.. fir mujhe maje se aane lage... thodi der baad usne meri skirt upar utha kar 'wahan' ungali se chhedna shuru kar diya...." Shweta ne bola band karke ek lambi saans li.. aur fir shuru ho gayi...
Jaise jaise wah bolti ja rahi thi.. saleem ke ling mein aur adhik tanaav aata ja raha tha....," Usne mujhe apne 'wahan' ungali ghusane ko kaha aur fir kahkar aage pichhe karwane lagi... Tabhi Headmaster ne darwaja khatkhataya.. hum dono darr gaye... hamne apne button band kiye aur darwaja khol diya... saamne Sir khade the..."
"hummm.. par tum dono fansi kaise... button dhang se band nahi kiye the kya?" Seema uski baat mein poora interest le rahi thi....
"Jji.. wwo toh kar liye the didi... par headmaster ne daantkar poochha toh Meena ne bol diya....!" Shweta ne aankhein khol kar Seema ki aur dekha....
"kya bol diya?.. ye bhi toh bata!" Seema ne poochha...
"Yahi ki hum dono galat kaam kar rahe the....!" Shweta ne najrein jhuka li....
"Headmaster ne poochha nahi kya ki kounsa galat kaam?" Seema ne poochha....
"Jji.. wwo.. toh Meena ne apne aap hi bata diya tha.... bina poochhe hi...!" Shweta ne bataya...
"kya bata diya tha apne aap.. mujhe bhi toh bata na...!" Seema boli...
"Jji.. yahi ki hum dono ek dusri ki.." Shweta ki juban ladkhada si gayi thi aur uske gore gore kamsin gaalon par laali chha gayi...," hum dono ek dusri ki choot mein ungali......!"
"arrey wah.. Meena toh badi diler nikli.. fir kya hua?" Seema ne chatkhara lekar poochha....
"Fir... Fir headmaster ne hamein office mein bula kar daanta aur Meena se 'wo' sab kuchh likhwa liya jo ham kar rahe the...."
"Very smart! chal bolti rah... tujhse nahi likhwaya tha kya?" Seema ne pooochha...
"Jji.. bola toh tha.. par maine likha nahi....!" Shweta najrein nahi mila pa rahi thi ab....
"fir?"
"Fir Sir ne kaha ki usi kagaj par neeche unhe dono ke ghar waalon ke sign chahiyein...!" Shweta asahaj si ho gayi thi...
"Hummm.. blackmailing ka maamla banta tha uss par... chal chhod.. aage bata.. badi majedaar kahani hai yaar.... Fir tumne kya kiya...?" Seema boli....
"Fir Meena ne kaha ki chhutti ke baad dono sir se request karenge... main bahut dari huyi thi.. par usne kaha ki wah 'Sir' ko mana legi...!" Shweta fir chup ho gayi....
"Fir kya hua.. chhutti ke baad choda hoga usne tum dono ko...!" Seema ne maje lete huye poochha....
"nahi.. mujhe sirf...... nangi kiya tha uss din...!" Shweta jhurjhuri si lekar boli...," Meena ko.... kiya tha...!"
"tere saamne hi..?" Seema ka hath uski god mein rakhe takiye ke neeche chala gaya... aur najrein Saleem ke 'tantanaye' huye ling par.... jahan meri bhi najar thahari huyi thi... wo Shweta ki baatein badi dhyan se sunte huye apni baari ki prateeksha kar raha tha....
"haan!" Shweta ne sir hilakar jawab diya....
"Kyun chutiya bana rahi hai yaar... tujhe nangi kar liya.. aur kuchh kiya bhi nahi..." Seema vichlit si hoti ja rahi thi....
"Agle din kiya tha.. uss din toh sirf raasta banaya tha....!" shweta bholepan se boli...
"Kaise? bata na fir?" Seema ne utsukta se poochha...
"Pahle 'tel' mein ungali dubokar....... dheere dheere andar ki thi... baad mein angooothe se.....!" Shweta sakucha kar boli....
"maja aaya tha tujhe?"
Seema ne poochha toh Shweta ne 'na' mein gardan hila di....
"Jhooth bolti hai.. abhi Saleem se karke dikhwaaun 'maje' aate hain ya nahi...?" seema ek baar fir gurrayi....
"aaye the.. thode thode..." Shweta ghighiya kar bol uthi....
"Aur kya kya hua tha uss din...?" Seema ne aage poochha....
"Meri.... chhatiyon ko hatheli mein lekar dheere dheere masla tha pahle.. fir inko choosa tha..."
"fir?"
"fir 'apna' nikal kar dikhaya aur mere hath mein pakda diya...." Shweta thodi hichak ke baad boli...
"Kaisa tha...?"
"Garam garam tha didi...!" Shweta ki jhijhak khulti ja rahi thi...
"arey garam toh hota hi hai.. kitna bada tha?" Seema jhallate huye boli....
Shweta ne jhijhakte huye kankhiyon se 'Saleem' ke fanfanate ling par nigah daali aur fir thoda ruk kar boli..,"itna nahi tha didi... iss'se chhota tha....!"
"achchha.. fir?" Seema Saleem ki aur dekh kar hanste huye boli....
"Fir mujhe neeche baithakar mere munh mein daala tha...!"
"Bolti rah na.. har line ke baad tokna padega kya?"
"Unhone mere shareer ki bahut prasansha ki thi didi... mujhe poori nangi karke mujhe har jagah hath laga kar dekha tha... fir meri chhatiyon ko chooste huye unhone ungali 'wahan' ghusane ki koshish ki thi... mujhe bahut dard huaa toh 'usne' Meena ko almari se tel nikaalne ko kaha....."
"kyun.. geeli nahi huyi thi kya?" Seema usko toke bina na rah saki...
"Ho gayi thi.. fir bhi dard ho raha tha....." shweta ne rukkar Seema ki aur dekha aur fir apne aap shuru ho gayi...," fir unhone meri choot mein tel hi tel laga diya aur uski maalish si karte huye achanak ungali mein choot mein ghusa di..." Shweta ki aankhon mein tairne lage waasna ke laal dorey aur uski badal gayi bhasha bata rahi thi ki 'wah' ab garam ho chuki hai....," Pahle bahut dard hua tha.. par dheere dheere sara dard khatam ho gaya aur 'ajeeb' se maje aane lage.... baad mein unhone ungali nikal kar meri choot mein apna angootha ghusa diya... kareeb paanch minute tak wo angoothe se hi karte rahe aur bole ki 'tu' ek do din mein taiyaar ho jayegi... raat mein khud karna aise...."
"Fir?"
"Tab tak Meena ne apne aap hi poore kapde nikal liye the.... uske baad unhone Meena ki jamkar chudayi ki.. mere saamne hi......aaaah!" Shweta ki siski nikal hi gayi....
"Tera chutiya bana gaye wo.. Meena aur headmaster mile huye the pakka.." seema hanste huye boli.... aur fir chup hone ke baad poochha,"teri chudayi huyi ya nahi?"
"Huyi thi didi... 3-4 din baad unhone meri bhi Meena ki tarah chudayi ki... itne din tak wo roj meri choot mein raasta banate rahe....!"
"ab sach sach bata... maje aaye the na tujhe....?" Seema ne poochha....
"Bahut aaye the didi.. kasam se...!" Shweta tadap kar boli...
"fir kabhi kiya kisi aur ne ya....?" Seema ne poochha....
"Sir ne hi do teen baar kiya tha didi.. uske baad hamare paper shuru ho gaye....!" Shweta ki aankhon mein dobara maje na le pane ki kasak saaf jhalak rahi thi...
"Aaj fir lene hain kya? Saleem ke sath...!" Seema uski aur aankh maarte huye boli...
Shweta ki nazar seedhi Saleem ke ling par tik gayi.. kuchh der tukur tukur usko dekhte rahne ke baad man masos kar boli..,"Nahi didi.. ye toh bahut mota hai.. itni jagah nahi hai meri choot mein...!"
Uski baat sunkar Seema hansne lagi..," Arrey.. jagah toh 'Lund' apne aap bana leta hai.. tera headmaster toh chutiya tha jo teen din lagaye.... chal chhod.. aaj se tu meri dost hai... main raasta banwaaungi teri choot mein... ab der bahut ho gayi hai... ek do din sabra kar le.. theek hai na...?"
"theek hai didi... wwo.. ek baat kahni thi..." Shweta thodi sakucha kar boli....
"Bol na yaar...!" Seema ke honton par ab bhi muskurahat tair rahi thi.....
"wwo.. 'Tiger' le jaaun kya?"
"ha ha ha ha... ye le...!" Seema ne hanskar kaha aur 'Tiger' uski aur badha diya...," Ja maje kar!"
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"Mera kya hoga mem'shab...? ye toh khada ka khada rah gaya...." Saleem ne Shweta ke jate hi apna 'ling' hath mein pakad liya.....
"saale.. ye free ka maal nahi hai... main paalti hoon isko... chal darwaja band kar de..." Seema ne kaha aur mere saamne hi apne kapde utaar kar khoonti par taangne lagi....
"Ghusa doon kya mem'saab?" Saleem ne bina hichkichaye darwaje band karke apne ling par 'bistar' ke kone se condom nikala aur apne 'ling' par chadha upar chadhte hi 'kutiya' ki tarah jhuki huyi Seema ke pichhe position le li.... Jaise hi wah Seema ki aur badha tha.. main wahan se uthkar Pinky ke paas aakar late gayi thi... Mera itna bura haal ho chuka tha ki bayan nahi kar sakti.....
"Tu bolta bahut hai... ab kya hari jhandi dekh kar.... aaaaaaaaahhhh!" Seema ne baat adhoori chhodkar kamukta bhare lahje mein lambi siskari li....,"Ek dum poora nahi kutte... kitni baar.... samjhaaun tere ko.. pahle aaram se thoda thoda kiya kar... aaah.. haaan.. aise.... aah mari raaaaam....."
Saleem ne apne dono hath Seema ke nitambon par tika diye aur unhe failakar aage pichhe hota hua dheere dheere apni speed badhane laga... Achanak uski gardan mudi aur najarein seedhi mujh par tik gayi... Ek pal ko toh maine hadbadakar najrein chura li thi... par jyada der tak 'kaamkreeda ka lutf uthane se khud ko vanchit na rakh saki.... Saleem ke chehre ki khushi dekhte hi ban rahi thi.... Maine samajhne mein der nahi lagayi ki ye 'uska' roz ka kaam hoga....
Mujh par chirparichit suroor chhata chala gaya... Pinky ke sath pada dusra kambal audhte hi maine Salwar ka 'nada' chatkaya aur Saleem ki aankhon mein aankhein daale 'ungali' apni 'kaamras' se tar ho chuki 'yoni' mein ghusa di... iske sath hi uttejana ke maare mere nitamb upar uth kar thirakte huye ye bayan karne lage ki 'ungali' se kaam nahi chalega....
Thodi der pahle agar Seema ne Saleem ko ye nahi bola hota ki 'tu' free ka maal nahi hai toh haalat aisi ho chuki thi ki ab tak toh Saleem ke saamne 2-2 option hote... Saleem ki najron se lag bhi raha tha ki 'wo' mujh par lattoo hai.... par main man masos kar rah gayi....
'Sssala 'Tiger' bhi udhar chala gaya...' Man hi man khud ki kismat ko koste huye maine 'yoni' ke liye chhoti pad rahi ungali ke sath uske 'sath wali' ko bhi andar ghused diya.... par 'wo' baat thi hi nahi...
Hoti bhi kaise? Mere saamne chand kadam ki doori par 'khula darbaar' chal raha tha aur mujhe khali ungali se kaam chalana pad raha tha.... par main lagi rahi.. adhkhuli aankhon se Seema ki yoni mein danadan dhakke laga rahe Saleem ko ghoorte huye....
Dono ko jamkar siskiyan lete dekhne ki wajah se mera ek baar mein uss din man nahi bhara.... Main lagi rahi... Aakhiri baar jab Saleem dahad kar Seema ke upar gira toh mera teesri baar nikla tha....'fir bhi mera tan bechain tha....
"aaj itni jaldi kaise nikal gaya tera....?" Seema bistar par ulti padi padi siskiyan leti huyi boli....
"Ye ladki badi sexy hai Mem'shaab... ek baar iski bhi dilwa do na...!" Saleem ne apna ling Seema ki yoni se nikal kar uss par se condom hataya aur kone mein pade touliye se ling ko pounchhte huye kaha.....
Uss waqt maine yahi socha tha ki kash Seema uski baat par gour karke mujh par raham kar le... Par Seema ne usko jhidak diya...," Jyada be-imaan banega na toh teri.... chal ab yahan se.. do char din mein Shweta ki dilwaaungi.. ji bhar kar tadap lene de usko abhi... aaj waaliyon mein se ek aur maan jaayegi.. mujhe lagta hai!"
Mujhe badi hairat ho rahi thi.. mujh par itna dulaar nyochhawar karne wali 'Seema' ne meri marzi tak nahi poochhi.. jabki 'wo' auron ko manane ki baat kar rahi thi.... aakhirkaar maine moun tod hi diya...
"Kar lene do didi... mera bhi bahut man kar raha hai aapko dekh kar...!"
"Pahle kiya hai kabhi...?" Seema ne poochha....
"uss waqt 'na' karna mujhe bewkoofi lagi... kahin mujhe bhi 4-5 din ke liye 'Tiger' se training dene ki baat kahkar taal na de...,"haan.. kiya hai didi...!" Maine jhat se kah diya....,"Itne hi mote se kiya hai..!"
"chal tu ja abhi.. main iss'se baat karke bataaungi...!" Seema ne meri baat ka koyi jawab dene ki bajay Saleem ko 'wahan' se tarka diya...
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"ye koun hai...?" Seema ne Saleem ke jate hi mujhe apne paas bulakar sath let'ne ko kah diya...
"Ye... ye Pinky hai didi.. bahut achchhi hai aur bahut pyari bhi...!" Maine khush hokar bataya....
"Ye bhi kar leti hai kya? mujhe toh bahut nadan lagti hai....!" Seema ne kambal mein lipti masti se so rahi Pinky par nigah daali....
"aap theek kah rahe ho didi.. ye toh bahut hi nadan hai.. abhi toh seekhne lagi hai baatein...!" Maine kaha....
"sun.. tu bura mat maan'na... mujhe pata tha tera bahut dil kar raha hoga.. par tere liye Saleem theek nahi hai... isiliye maine mana kar diya....."
"koyi baat nahi didi.." Maine man masos kar kaha.... Mere badan mein bhadki huyi aag 'Saleem' ke jane ke sath hi thandi hoti chali gayi thi....
"Bura man mat kar... tujhe nahi pata maine tere liye kya soch rakha hai.... masti karni hai na?" Seema ne poochha.....
Main bina kuchh bole uski baat ka matlab samajhne ke liye uski aankhon mein jhankti rahi....
"Bol na... maje karne hain toh bol...!" Seema ne meri chhati par hath rakh kar usko hulka sa daba diya... main kasmasa uthi..,"haan!"
"Bus 2 din ruk ja.... hostel se bahar chalkar maje karenge... ek se ek smart ladke ke sath... Saleem ko chhod!"
"Par aap kah rahe the ki bahar toh ja hi nahi sakte... fir..."
"Bhool ja sab kuchh.. main sath hoon toh kuchh bhi ho sakta hai... Tu dekhna main tujhe kitne maje karati hoon....!"
"Par.. wo toh aap bol rahe the ki paison mein hota hai...!" Maine apni shanka usko batayi.. mere paas paise the bhi toh nahi....!
"Tu chhod na yaar.. bol kitne paise chahiyein tujhe... main deti hoon... yahan mein ladkiyon se fone sun'ne ke paise isiliye leti hoon taki 'ye' ladkiyan' mujhe achchhi 'na' maane... fir problem hoti hai.. dabdaba rakhne mein.. he he he.. waise main itni buri nahi hoon... lakh rupaiye toh abhi bhi meri almari mein rakhein hain.. tujhe jab chahiyein bata dena...!"
Maine Seema ki aur muskurakar dekha.. uske yahi ek baat kahne se mujhe 'wo' bahut achchhi lagne lagi thi.....," Aapki mummy Hamare gaanv ke paas wale gaanv mein Principal hain...." Maine muskurate huye hi kaha.....
"Meri mummy..." Seema ne ek baar chounk kar mujhe dekha aur fir boli..,"achchha... tumne unko din mein dekh liya hoga... hai na?"
"Haan.. wo aapse baat kar rahi thi... mere baare mein unhone hi bola tha kya? dhyaan rakhne ko....?" Maine poochh hi liya....
"Nahi nahi.. unhone kuchh nahi kaha tha aisa... bus tum mujhe bahut achchhi lagi aur maine office mein jakar clerk ko bol diya....!"
"sach batao na didi...?" Mujhe uski baat par vishvas nahi hua tha....
"arey sach yaar.. teri kasam... dekh tu kitni sexy hai.. tere jaisi ladki poore hostel mein nahi aayi aaj tak...!" Kahkar ek baar fir usne mere upar aakar mere ubhaaron par hath fera aur khilkhila kar hansne lagi... Main ajeeb si najron se usko dekhti rahi.. mujhe poora vishvas tha ki maamla kuchh aur hi hai.....
"Sun... tu 'ye'... Saleem wali baat ka jikar kisi se mat karna.. samajh gayi na.. sabko iss baat ka pata nahi hai....!" Seema mere upar se hat'ti huyi boli...
"theek hai didi...!" aur main kya kahti!
"chal ab... apni baat suna... kisne kiya tere andar.. pahli baar....!" Seema mujhe chhedti huyi boli....
Mujhe pahli baar ke apne pranay milan ko Seema ke sath share karne mein koyi burayi nahi lagi... Maine dil khol kar poore chatkhare le lekar usko baat batayi aur fir hum dono so gaye... sath sath hi.....!
kramshah......................
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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