बाली उमर की प्यास पार्ट--51
गतान्क से आगे................
मानव ने बिना वक़्त गँवाए अंजलि को डिग्जी से बाहर निकल कर उसके हाथ पाँव खोले...,"अंजू.. तुम.. ऐसे... तुम्हे तो....!"
"पिंकी....!" चेहरे पर बँधी पट्टी के हटते ही अंजलि लगभग चिल्ला पड़ी...,"पिंकी को बचाओ जल्दी प्लीज़... वो.. हॅरी उसको....!"
"रिलॅक्स... पिंकी बिल्कुल ठीक है... पर तुम...!" मानव के चेहरे की रौनक उसकी खुशी बयान कर रही थी....
"नही... ववो.. हॉस्टिल में नही है... हॅरी उसको....!" अंजलि ने एक बार फिर कुच्छ बताने की कोशिश की... पर इस बार भी मानव ने उसको टोक दिया..,"हाँ.. हाँ... मुझे पता है... वो हॅरी के साथ बाहर आकर इन्न लोगों के चंगुल में फँस गयी थी... पर अब वो बिल्कुल ठीक है.... तुम फिकर मत करो... तुम तो ठीक हो ना...?"
"अच्च्छा!" अंजू खुश होकर बोली...,"वो सब पकड़े गये क्या....?"
"हाँ... चलो अब... तुम बच कैसे गयी?" मानव ने उसके साथ वापस ज़ीप में बैठते हुए पूचछा तो अंजलि के चेहरे पर टीस उभर आई...,"बेचारी मनीषा को इन्न लोगों ने मार दिया.... उसने मुझे बचाने के लिए अपनी जान गँवा दी....!"
"क्या? कौन मनीषा?... वही तुम्हारे गाँव वाली....?" मानव उच्छल पड़ा....
"हाँ... मैं उस बुड्ढे को बाथरूम में बंद करके आपके पास फोन कर रही थी तो 'वह' प्रेम दरवाजा तोड़कर अंदर आ गया... वा तो मुझे मार ही देता अगर मनीषा उसके साथ छ्चीना झपटी नही करती तो.... गोली 'उस' बेचारी को लग गयी...." अंजलि ने बोलते बोलते बुरा सा मुँह बना लिया....,"वह मुझे भी मारने वाला था... पर हॅरी ने उसको मना कर दिया....?"
"हॅरी ने मना कर दिया? मैं कुच्छ समझा नही....!" मानव ने चौंक कर अंजलि की तरफ देखा.....
"आपने उसको नही पकड़ा क्या?.... हॅरी ही तो इन्न सबका 'बॉस' है....!"
"कियेयीययाया?" ठगे से रह गये मानव के पैर ब्रेक्स पर दाबते चले गये...,"तत्तूम्हे कैसे पता....?" मानव ने फटाफट अपना मोबाइल निकलते हुए कहा और थाने में फोन किया....,"हेलो पूरी?"
"पूरी तो गया जनाब!.. जल्दी बोलो... मेरे पास टाइम नही है...." उधर से आवाज़ आई....
"कहाँ गया....? तुम कौन बोल रहे हो?"
"सब उपर गये... मैं भी चलता हूँ... अलविदा.. हा हा हा हा... बाइ इनस्पेक्टर साहब...!"
"हेलो... हेलो.. कौन? हॅरी.... ओह्ह्ह शिट... मुझसे इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी....!" मानव ने झल्लाते हुए स्टियरिंग पर मुक्का मारा और इसके साथ ही गाड़ी को रफ़्तार देते हुए उसने शहर भर में वी.टी. शुरू कर दी....
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"ओह माइ गोद..." मानव ने थाने में जाते ही अपना माथा पकड़ लिया.... थाने में उस वक़्त मौजूद तीनो पोलीस वालों की लाशे यहाँ वहाँ बिखरी पड़ी थी.... मानव भाग कर लोक्कूप की तरफ गया... अंदर फैला खून बयान कर रहा था कि किस निर्दयता से हॅरी ने उन्न सब को मौत के घाट उतारा होगा.... लोक्कूप रूम में भी 2 लाशे ही बची थी बस...,"सस्सालाअ!"
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थाने में पूरी पोलीस फोर्स के साथ ही आंब्युलेन्स भी आ चुकी थी.... सब के सब अपने अपने कामो में व्यस्त थे.... मानव उनको इन्स्ट्रक्षन देकर वापस ऑफीस में आ गया....
"तुम्हे कैसे पता लगा कि हॅरी बॉस है....?" अपना सिर पकड़े ऑफीस में बैठा मानव अब सिवाय लकीर पीटने के; और कर ही क्या सकता था..... अंजलि भी उसके सामने सिर झुकाए बैठी थी.....
"मनीषा के मरने के बाद उसने खुद मुझे फोन पर बात की थी......वह मुझे वापस भेजने के मूड में नही था.... मैं रोने लगी तो उसने मुझे कहा था कि चिंता मत करो... पिंकी का वेट कर रहा हूँ, गुरुकुल के बाहर... वो भी तुम्हे यहीं मिलेगी....!" अंजलि ने बताया.....
"पर....!" मानव कुच्छ बोलते बोलते रुक गया...,"खैर.. अब तो वैसे भी सॉफ हो चुका है कि हॅरी ही इनका 'बॉस' था.... वैसे मनीषा वहाँ कैसे पहुँची... और उसने तुम्हे बचाने के लिए अपनी जान क्यूँ दी.....?"
"उसी ने हम सब को बचाने के लिए तरुण को मारा था.... तरुण इन्न सब के साथ ही काम करता था.... वह हम तीनो को भी इसी दलदल में घसीटना चाहता था..." यहाँ से शुरू करके अंजलि ने पूरी कहानी मानव को सुना दी....
" ओह्ह्ह.... ये हॅरी तो तुम्हारे गाँव का ही है ना?" मानव ने पूचछा....
"नही... हमारे गाँव का नही है... इसका दवाइयों का कुच्छ बिज़्नेस है... हमारे गाँव में पता नही क्यूँ रहता था.... गाँव वालों को कुच्छ पता होगा.... पर क्या पता उनको भी ना पता हो!"
"एक मिनिट... चलो महिला थाने चलते हैं... शायद सीमा या डॉली से कुच्छ पता चले, उसके बारे में.....!" मानव ने कहा और अंजलि को अपने साथ लेकर निकल पड़ा.......
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"मुझे उस'से पहली बार अर्चना मेडम ने बात करवाई थी सर.... हमें तो आज तक ये भी नही पता की 'बॉस' कौन है... सिर्फ़ प्रेम और अजय ही उस'से मिलते थे, एक आध बार....." सीमा थाने में बैठी अपनी बर्बाद हो चुकी जिंदगी पर आँसू बहा रही थी.....
"कौन अर्चना मेडम?" मानव ने अपनी थयोरियाँ चढ़ा कर पूचछा.....
"जब में स्कूल में पढ़ती थी तो हमारे स्कूल में टीचर थी... आजकल प्रिन्सिपल हैं.....!"
"ओह्ह्ह... मैं समझ गयी... वही ना जो तुमसे उस दिन गुरुकुल में बात कर रही थी....!" अंजलि ने तुरंत पूचछा.... सीमा ने सहमति में सिर हिला दिया...,"हां!"
"वो तो इसी शहर में रहती हैं.... तुम यहीं आराम करो अंजू...!" मानव तुरंत खड़ा हो गया...," 2 लेडी कॉन्स्टेबल्स को बुलाओ अभी....!"
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"कौन?...." तीन चार बार बेल बजाने पर एक आदमी की आवाज़ आई....
"दरवाजा खोलो...!" मानव ने आवाज़ सुन'ने के बाद कहा....
"पर कौन है भाई... इतनी रात को...?" अंदर से दरवाजा खोले बिना ही एक बार फिर से पूचछा गया....
"पोलीस है... जल्दी खोलो...!" भाननाए हुए मानव ने गुस्से में दरवाजे पर ठोकर मारते हुए कहा.....
"आप... पर यहाँ क्यूँ....?" घबराकर आदमी ने दरवाजा खोल दिया.....
"तेरी बीवी कहाँ है...?" मानव ने पूचछा.....
"ववो.. वो तो बाहर गयी है..... क्यूँ?" आदमी हड़बड़ा गया था.....
"जल्दी बता वरना....!" मानव अब और समझौते के मूड में नही था.. उसने अपनी रेवोल्वेर निकाल ली...,"बहुत हो गया तुम्हारा धंधा.... बता कहाँ है तेरी बीवी....?"
"ववो... उसको किसी ने बुलाया था.... कह रही थी कुच्छ एमर्जेन्सी है..... पर आप क्यूँ...?"
"किसने?... कहाँ बुलाया है?"
"ये तो पता नही सर...!"
"कब?" मानव ने फिर पूचछा.....
"अभी... 20 मिनिट पहले..... पर आप...!"
"तेरी बीवी है वो.. और तुझे ये पता नही की उसको इतनी रात को...." बोलते बोलते मानव रुका और फिर अचानक चिल्लाया..,"फोन लगा.... फोन लगा उसको.. वरना ववो गयी जान से... वो उसको भी मार देगा स्साला....!"
"पर वो उसको क्यूँ मारेगा... बहुत शरीफ लड़का है वो तो...." हड़बड़ाहट में आदमी के मुँह से निकल ही गया...,"एक मिनिट.. मैं फोन करके बताता हूँ उसको....!"
"नही उठा रही... लगता है वाइब्रेशन पर होगा... म्यूज़िक चला रखा होगा ना.....!" आदमी ने फीकी हँसी हंसते हुए जवाब दिया.....
मानव ने उसके हाथ से फोन झपट कर साथ आई महिला पोलिसेकार्मी को दे दिया...,"ट्राइ करते रहो.. उठा ले तो मुझे देना.... मुझे तो लगता है कि वो भी गयी...!"
"हां.. अब तू बोल... कौन है 'वो' शरीफ लड़का....!" मानव ने उस आदमी के कॉलर पकड़ लिए.....
"म्मूंुझे.. मुझे कुच्छ नही मालूम...!" आदमी घिघियाते हुए बोला.....
"अच्च्छा! तुझे ये पता है कि 'वो' शरीफ लड़का है.... तुझे अपनी बीवी के इतनी रात में बाहर जाने पर भी कोई ऐतराज नही है.... जल्दी बता दे.... उस शरीफ लड़के ने पिच्छले तीन घंटे में अपने सब साथियों को मार दिया है.... तीन पोलीस वालों को मार कर थाने से भागा है.... तेरी बीवी भी शायद अब तक मर् चुकी होगी.... समझ गया तू.... अब जल्दी से बता दे वरना तेरा खून भी उसके सिर लग जाएगा...!" मानव ने गुर्रकार कहा....
"बा...बाब...बताता हूँ.. प्लीज़.. गोली मत चलना...!" कनपटी पर रेवोल्वेर तनी देख कर आदमी के रौंगटे खड़े हो गये....,"मुझे ज़्यादा नही पता.. पर.. पर मेरी बीवी ने एक बार बताया है कि वो 'जुलना' का रहने वाला है... हॅरी नाम है... मुझे इस'से ज़्यादा कुच्छ नही पता......!"
"तुम कभी मिले हो उस'से?"
"नही... पर मेरी बीवी की आल्बम में फोटो है उसका.....!" आदमी ने घिघियाते हुए बताया.. रिवॉलव अब तक उसकी कनपटी पर ही थी.....
"उसको पता है कि तुझे उसके बारे में कुच्छ पता है...?" मानव ने पूचछा....
"नही...!" आदमी ने ना में सिर हिला दिया.....
"फोटो लेकर आ उसका....!" मानव ने रेवोल्वेर वापस रखते हुए कहा.....
"ज्जई... लाता हूं... ववो.. फोन मिला की नही....?"
"नही... जल्दी कर.....!"
"ये लीजिए सर...!" आदमी ने फोटो लाकर मानव को दे दिया.....
मानव ने फोटो को गौर से देखा और अपनी जेब में डाल लिया....,"चल.. गाड़ी में बैठ... ताला लगा दे यहाँ....!"
"प्पर... पर मैं क्यूँ सर?"
"जिंदा रहना है कि नही.....?" मानव मुड़कर गुर्राया....
"ज्जई... चलता हूँ......!"
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वो लोग अभी थाने पहुँचे भी नही थे कि मानव के मोबाइल पर एक और खबर आ गयी...,"सर... ववो... पटियाला चौंक के पास अभी एक औरत की लाश मिली है..... लगता है गला घौंत कर मारा गया है उसको....!"
"उफ़फ्फ़... गयी..." मानव के मुँह से निकला...,"गाड़ी में है क्या?"
"नही सर... ऐसे ही फूटपाथ की साइड में पड़ी थी.... कोई सभ्य लेडी मालूम होती हैं....."
"हुंग.... शभ्य साली.....!" मानव बड़बड़ाया.... और पिछे बैठे आदमी को टोका...,"नंबर. क्या है तेरी बीवी की गाड़ी का?"
"ज्जई... डल 9क्प 7457...!"
"कलर...?"
"जी ब्लॅक... होंडा सिटी!"
मानव फोन पर निर्देश देने लगा....," ववो.. ब्लॅक कलर की होंडा सिटी में मिलेगा... 7457.... बचना नही चाहिए वो... किसी भी कीमत पर....!"
"मेडम किधर हैं...!" आनन फानन में एक पोलीस वाला लगभग भागते हुए महिला थाने में घुसा....
"सो रही हैं... क्यूँ?" रात की ड्यूटी पर तैनात एक महिला पोलिसेकार्मी ने पूचछा....
"इनस्पेक्टर साहब ने उन्न लड़कियों को एक लाश की शिनाख्त के लिए थाने बुलाया है... एक लेडी को भी साथ में....!" पोलीस वाले ने कहा.....
"मैं... मैं तो ड्यूटी पर हूँ... एक मिनिट... शिल्पा को जागती हूँ...." पोलीस वाली ने कहा और स्टाफ वॉर्ड में जाकर शिल्पा को जगा दिया...,"उठ.. ड्यूटी पर जाना है तुझे...!" पोलीस वाला उसके साथ साथ ही था.....
"अर्रे हां... उस लड़की को बुलाया होगा... अंजलि को...! उसको यही छ्चोड़ गये थे ना...! उनकी जान पहचान की है..." महिला पोलीस कर्मी ने कहा....,"मैं अभी उठाती हूँ...!"
"अंजलि?.. नही नही... उन्न दोनो को... ववो.. क्या नाम थे यार... डॉली और सीमा... हां....!" पोलीस वाले ने कहा....
"ठीक है... लाओ.. उनका पर्चा दो!" महिला पोलीस कर्मी ने हाथ बढ़ा कर कहा....
"पर्चा सुबह भेज देंगे यार.... तुम्हे नही पता कितनी मारा मारी चल रही है... ववो.. कमीना...!"
"पर कहीं मेडम गुस्सा ना करें सुबह उठकर... ये ऐसी ही है...चिड़चिड़ी सी.... क्या करूँ... अब जगाउन्गि तो गुस्सा करेंगी...!"
"छ्चोड़ ना यार... रोज रोज तो ऐसे होता है... मैं जाते ही जनाब का फोन करवा दूँगा.....!" पोलीस वाला उनके साथ बाहर आ गया....
"दीदी दीदी....!" उनके बाहर निकलते ही भयभीत सी अंजलि ने चदडार से मुँह निकाल कर अपनी साइड में सो रही पोलीस वाली को जगाया.....
"सोने दे ना यार.... अब तो आई हूँ.... सुबह होने वाली है वैसे भी...!" पोलीस वाली ने उसको झिड़कते हुए कहा.....
"दीदी.. ववो... हॅरी...!" अंजलि ने उसको एक बार फिर हिलाया.....
"क्या हॅरी हॅरी यार... तू ज़्यादा जासूस मत बन.... पकड़ा जाएगा अपने आप... पोलीस वालों ने चारों और नाके लगा रखे हैं... सो जा....!"
"वो.. ववो.. यहीं आया हुआ है.. पोलीस की वर्दी में है....!"
"सीसी..क्क्याअ...!" पोलीस वाली की नींद एक दम उड़ गयी... पर उठ कर बैठ जाने के बावजूद उसकी आवाज़ नही निकली....,"कहाँ...?"
"अभी अंदर आया था... मैने थोड़ी सी चदडार उठाकर देखा.....!" अंजलि लेते लेते बोल रही थी... वह बहुत ज़्यादा डर गयी थी.....
"कुच्छ हथियार था क्या उसके पास...?" पोलीस वाली ने सहम कर पूचछा....
"पता नही.. ये तो...!" अंजलि ने जवाब दिया.....
"सो जा... अपने साथ मुझे भी मरवाएगी क्या? 6-7 खून तो पहले ही कर चुका है... उसको क्या फ़र्क़ पड़ेगा....?" पोलीस वाली वापस लेट गयी... और डरी सहमी हुई चदडार की औट में से ही दरवाजे को घूर्ने लगी......
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"फोन ज़रूर करवा देना मेडम के पास... मेरी ड्यूटी 7 बजे ख़तम होगी.... उस'से पहले पर्चा भिजवा देना या इन्न लड़कियों को...." पोलीस वाली ने शिल्पा को उन्न दोनो लड़कियों के हाथों में लगी हथकड़ियों का दूसरा छ्होर थामकर पोलीस ज़ीप में बैठाते हुए कहा.....
"तुम फिकर मत करो!" ड्राइविंग सीट पर बैठा हॅरी मुस्कुराया और गाड़ी स्टार्ट करके दौड़ा दी.........
"क्या क्या बता दिया इनस्पेक्टर साहब को...?" हॅरी ने गाड़ी चलाते हुए एक पोलीस नाके से पार करके पूचछा..... पोलीस की गाड़ी देख कर नाके पर खड़े पोलीस वालों ने अपने बारर्ओर खींच लिए थे.... सुबह के तीन बजे भारी ट्रक्स और सायरेन बजाती घूम रही गाड़ियों के अलावा कुच्छ दौड़ भी नही रहा था शहर की सड़कों पर......
"हमें कुच्छ पता ही नही है सिर... हमने तो आज तक उसको देखा भी नही है.... हम क्या बतायें?" डॉली ने मुरझाए चेहरे से साथ बैठी शिल्पा को देखते हुए कहा.... साँवली सी शिल्पा शक्ल सूरत की बड़ी प्यारी थी.... नयी नयी पोलीस में भरती हुई थी... जोश अभी कायम था... जवानी भी...!
"पर.. तुम शहर से बाहर कहाँ लेकर जा रहे हो.... इनस्पेक्टर साहब कहाँ हैं....?" शिल्पा उनीनदी सी थी... अचानक उसने बाहर झाँक कर पूचछा.....
"एक डेड बॉडी मिली है.... साहब वहीं पर हैं... इनको शिनाख्त के लिए बुलाया है....!" हॅरी अब निसचिंत हो चुका था......
शिल्पा ने मुँह पिचकाया और वापस सीट से सॅट कर अपनी आँखें बंद कर ली.....
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"आए... गया क्या वो?" बाहर तैनात पोलीस वाली जैसे ही पानी पीने के लिए अंदर आई... अंजलि के साथ लेटी हुई पोलीस वाली ने चदडार से मुँह निकाल कर पूचछा....
"हां... गया...! लड़कियों को लेने आया था...." पानी पीकर वापस मुड़ते हुए पहली ने जवाब दिया.....
"फिर....?" दूसरी उच्छल कर बैठ गयी......
"फिर क्या? भेज दिया.... पर्चा सुबह आएगा....!"
"किययाया? अरी 'ववो' हॅरी था.... उन्न लड़कियों का बॉस?"
ड्यूटी पर तैनात पोलीस वाली की तो जैसे जान ही निकल गयी...,"ययए... ये क्या कह रही है तू...? पहले क्यूँ नही बताया...? गयी मेरी नौकरी तो... हे भगवान.....! ये मुझसे क्या हो गया....."
"मैं कौनसा उसको जानती थी.... इस'ने बताया है अभी... मुझे तो अब पता चला...."
"पर दीदी.. मैने तो...!" अंजलि बोलने लगी तो पोलीस वाली ने उसको झिड़क दिया...,"चुप कर... अभी भी टाइम है... वी.टी. करवा दे.... शकुंतला को बोलकर... वरना तू तो गयी....!"
"पर... पर... कहेंगे क्या? ववो तो ऐसे उल्लू बना गया जैसे....!" पहली ने पूचछा....
"ऐसे मत कहना... बोलना पोलीस की वर्दी में आया था और आते ही कनपटी पर रेवोल्वेर लगाकर छुड़ा ले गया.... फालतू में चूतिया बन'ने की ज़रूरत नही है.. समझी... कर दे फोन.....!"
"पर... पर ववो तो... उसके साथ मैने शिल्पा को भी भेज दिया.... उसको तो सब पता है ना... वो तो सच ही बताएगी बाद में....!" पहले वाली काँपने लगी थी......
"उसका क्या पता अब बचेगी भी या नही... बाद की बाद में सोचेंगे... तू वी.टी. करवा जल्दी.... शहर में होगा तो पकड़ तो लेंगे उसको... कौनसी गाड़ी में आया था.....?"
"पोलीस ज़ीप थी.... चल मेरे साथ आजा यार... तू उसको बता देना देना क्या बोलना है...?"
"क्यूँ घबरा रही है यार..... यहाँ कम से कम मर्डर तो नही किए.... सिटी थाने में देखा क्या हाल करके गया है.... कुच्छ नही बिगड़ेगा तेरा.... चल मैं चलती हूँ तेरे साथ...."
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"व्हाआत....? ये क्या बक रहे हो...." मानव सुनते ही उच्छल पड़ा....
"जी सर... अभी वी.टी. हुई है...." वाइर्ले ऑपरेटर लगभग भागता हुआ ऑफीस में आया था....,"वह मेरी बेटी शिल्पा को भी ज़बरदस्ती पोलीस ज़ीप में बिठाकर ले गया...... जल्दी कुच्छ कीजिए सर....!" डब्ल्यू.ओ. हाथ जोड़कर गिड़गिदने लगा.....
"इसकी मा की... स्साला.... पोलीस ज़ीप कहाँ से आई उसके पास...?" मानव ने खड़ा होते ही टेबल पर मुक्का मारा.....,"कौनसी ज़ीप थी....?"
"इसके बारे में उनको कुच्छ नही पता सर.... आप कुच्छ कीजिए ना...!"
"घंटा ड्यूटी करती हैं स्साली ववो... कम से कम ज़ीप का नंबर. तो देख लेती.... कितनी देर पहले हुआ है ये सब....?"
"अभी 1 मिनिट पहले ही रिपोर्ट हुई है साहब.... 5 मिनिट पहले वारदात हुई है... मेरी बेटी तो वैसे भी बहुत भोली है जनाब....!" डब्ल्यू.ओ. गिड़गिडया... उसको बस अपनी बेटी की पड़ी थी.....
"भोली है तो इस लाइन में क्या...." मानव गाली बकते बकते रह गया.... पर वो बुरी तरह भनना गया था...," साले तनख़्वाह पाने के लिए भरती हो जाते हैं.... ज़ीप निकलवओ बाहर....!"
गतान्क से आगे................
Manav ne bina waqt ganwaye Anjali ko diggi se bahar nikal kar uske hath paanv khole...,"Anju.. tum.. aise... tumhe toh....!"
"Pinky....!" Chehre par bandhi patti ke hatate hi Anjali lagbhag chilla padi...,"Pinky ko bachao jaldi pls... wo.. Harry usko....!"
"Relax... Pinky bilkul theek hai... par tum...!" Manav ke chehre ki rounak uski khushi bayan kar rahi thi....
"Nahi... wwo.. hostel mein nahi hai... Harry usko....!" Anjali ne ek baar fir kuchh batane ki koshish ki... par iss baar bhi Manav ne usko tok diya..,"Haan.. haan... mujhe pata hai... wo Harry ke sath bahar aakar inn logon ke changul mein fans gayi thi... par ab wo bilkul theek hai.... tum fikar mat karo... tum toh theek ho na...?"
"Achchha!" Anju khush hokar boli...,"Wo sab pakde gaye kya....?"
"Haan... chalo ab... Tum bach kaise gayi?" Manav ne uske sath wapas zeep mein baithte huye poochha toh Anjali ke chehre par tees ubhar aayi...,"Bechari Manisha ko inn logon ne maar diya.... Usne mujhe bachane ke liye apni jaan ganwa di....!"
"Kya? koun Manisha?... wahi tumhare gaanv wali....?" Manav uchhal pada....
"Haan... Main uss buddhe ko bathroom mein band karke aapke paas fone kar rahi thi toh 'wah' Prem darwaja todkar andar aa gaya... wah toh mujhe maar hi deta agar Manisha uske sath chheena jhapti nahi karti toh.... Goli 'uss' bechari ko lag gayi...." Anjali ne bolte bolte bura sa munh bana liya....,"Wah mujhe bhi maarne wala tha... par Harry ne usko mana kar diya....?"
"Harry ne mana kar diya? Main kuchh samjha nahi....!" Manav ne chounk kar Anjali ki taraf dekha.....
"aapne usko nahi pakda kya?.... Harry hi toh inn sabka 'Boss' hai....!"
"Kyaaaaaaa?" thage se rah gaye Manav ke pair brakes par dabte chale gaye...,"Tttumhe kaise pata....?" Manav ne fatafat apna mobile nikalte huye kaha aur thane mein fone kiya....,"Hello Puri?"
"Puri toh gaya Janaab!.. Jaldi bolo... mere paas time nahi hai...." udhar se aawaj aayi....
"Kahan gaya....? Tum koun bol rahe ho?"
"Sab upar gaye... main bhi chalta hoon... Alwida.. ha ha ha ha... bye inspector sahab...!"
"Hello... hello.. koun? Harry.... Ohhh Shit... mujhse itni badi chook kaise ho gayi....!" Manav ne jhallate huye steering par mukka mara aur iske sath hi gadi ko raftaar dete huye Usne shahar bhar mein V.T. shuru kar di....
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"Oh my God..." Manav ne thane mein jate hi apna matha pakad liya.... Thane mein uss waqt moujood teeno police waalon ki laashe yahan wahan bikhari padi thi.... Manav bhag kar lockup ki taraf gaya... andar faila khoon bayan kar raha tha ki kis nirdayata se Harry ne unn sab ko mout ke ghat utaara hoga.... Lockup room mein bhi 2 laashe hi bachi thi bus...,"sssaalaaa!"
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Thane mein poori police force ke sath hi ambulance bhi aa chuki thi.... sab ke sab apne apne kaamo mein vyast the.... Manav unko instruction dekar wapas office mein aa gaya....
"Tumhe kaise pata laga ki Harry boss hai....?" Apna sir pakde office mein baitha Manav ab sivay lakeer peetne ke; aur kar hi kya sakta tha..... Anjali bhi uske saamne sir jhukaye baithi thi.....
"Manisha ke marne ke baad usne khud mujhe fone par baat ki thi......Wah mujhe wapas bhejne ke mood mein nahi tha.... Main rone lagi toh usne mujhe kaha tha ki chinta mat karo... Pinky ka wait kar raha hoon, gurukul ke bahar... wo bhi tumhe yahin milegi....!" Anjali ne bataya.....
"Par....!" Manav kuchh bolte bolte ruk gaya...,"khair.. ab toh waise bhi saaf ho chuka hai ki Harry hi inka 'Boss' tha.... Waise Manisha wahan kaise pahunchi... aur usne tumhe bachane ke liye apni jaan kyun di.....?"
"Usi ne hum sab ko bachane ke liye Tarun ko mara tha.... Tarun inn sab ke sath hi kaam karta tha.... wah hum teeno ko bhi isi daldal mein ghaseetna chahta tha..." Yahan se shuru karke Anjali ne poori kahani Manav ko suna di....
" Ohhh.... ye Harry toh tumhare gaanv ka hi hai na?" Manav ne poochha....
"Nahi... hamare gaanv ka nahi hai... iska dawaaiyon ka kuchh business hai... hamare gaanv mein pata nahi kyun rahta tha.... gaanv walon ko kuchh pata hoga.... par kya pata unko bhi na pata ho!"
"Ek minute... chalo mahila thane chalte hain... shayad Seema ya Dolly se kuchh pata chale, uske baare mein.....!" Manav ne kaha aur Anjali ko apne sath lekar nikal pada.......
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"Mujhe uss'se pahli baar Archna madam ne baat karwayi thi sir.... hamein toh aaj tak ye bhi nahi pata ki 'Boss' koun hai... Sirf Prem aur ajay hi uss'se milte the, ek aadh baar....." Seema thane mein baithi apni barbaad ho chuki jindagi par aansu baha rahi thi.....
"koun Archna madam?" Manav ne apni tyoriyan chadha kar poochha.....
"Jab mein school mein padhti thi toh hamare School mein teacher thi... aajkal Principal hain.....!"
"Ohhh... main samajh gayi... wahi na jo tumse uss din gurukul mein baat kar rahi thi....!" anjali ne turant poochha.... Seema ne sahmati mein sir hila diya...,"Haan!"
"Wo toh isi shahar mein rahti hain.... Tum yahin aaram karo Anju...!" Manav turant khada ho gaya...," 2 lady constables ko bulao abhi....!"
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"Koun?...." Teen char baar bell bajane par ek aadmi ki aawaj aayi....
"Darwaja kholo...!" Manav ne aawaj sun'ne ke baad kaha....
"Par koun hai bhai... itni raat ko...?" andar se darwaja khole bina hi ek baar fir se poochha gaya....
"Police hai... jaldi kholo...!" Bhannaye huye Manav ne gusse mein darwaje par thokar maarte huye kaha.....
"aap... par yahan kyun....?" Ghabrakar aadmi ne darwaja khol diya.....
"Teri biwi kahan hai...?" Manav ne poochha.....
"wwo.. wo toh bahar gayi hai..... kyun?" Aadmi hadbada gaya tha.....
"Jaldi bata warna....!" Manav ab aur samjhoute ke mood mein nahi tha.. usne apni revolver nikal li...,"Bahut ho gaya tumhara dhandha.... bata kahan hai teri biwi....?"
"wwo... usko kisi ne bulaya tha.... kah rahi thi kuchh emergency hai..... par aap kyun...?"
"kisne?... kahan bulaya hai?"
"ye toh pata nahi Sir...!"
"Kab?" Manav ne fir poochha.....
"Abhi... 20 minute pahle..... par aap...!"
"teri biwi hai wo.. aur tujhe ye pata nahi ki usko itni raat ko...." Bolte bolte Manav ruka aur fir achanak chillaya..,"Fone laga.... fone laga usko.. warna wwo gayi jaan se... wo usko bhi maar dega Ssala....!"
"Par wo usko kyun maarega... bahut shareef ladka hai wo toh...." Hadbadahat mein aadmi ke munh se nikal hi gaya...,"ek minute.. main fone karke batata hoon usko....!"
"Nahi utha rahi... lagta hai vibration par hoga... music chala rakha hoga na.....!" aadmi ne feeki hansi hanste huye jawab diya.....
Manav ne uske hath se fone jhapat kar sath aayi mahila policekarmi ko de diya...,"Try karte raho.. utha le toh mujhe dena.... mujhe toh lagta hai ki wo bhi gayi...!"
"Haan.. ab tu bol... koun hai 'wo' Shareef ladka....!" Manav ne uss aadmi ke collar pakad liye.....
"mmumujhe.. mujhe kuchh nahi maloom...!" Aadmi ghighiyate huye bola.....
"achchha! tujhe ye pata hai ki 'wo' shareef ladka hai.... tujhe apni biwi ke itni raat mein bahar jane par bhi koyi aitraaj nahi hai.... Jaldi bata de.... Uss shareef ladke ne pichhle teen ghante mein apne sab saathiyon ko maar diya hai.... teen police waalon ko maar kar thane se bhaga hai.... teri biwi bhi shayad ab tak mar chuki hogi.... Samajh gaya tu.... ab jaldi se bata de warna tera khoon bhi uske sir lag jayega...!" Manav ne gurrakar kaha....
"ba...bab...batata hoon.. plz.. goli mat chalana...!" Kanpati par revolver tani dekh kar aadmi ke roungate khade ho gaye....,"Mujhe jyada nahi pata.. par.. par meri biwi ne ek baar bataya hai ki wo 'Julana' ka rahne wala hai... Harry naam hai... Mujhe iss'se jyada kuchh nahi pata......!"
"tum kabhi mile ho uss'se?"
"Nahi... par meri biwi ki album mein foto hai uska.....!" Aadmi ne ghighiyate huye bataya.. revolver ab tak uski kanpati par hi thi.....
"Usko pata hai ki tujhe uske baare mein kuchh pata hai...?" Manav ne poochha....
"Nahi...!" aadmi ne na mein sir hila diya.....
"Foto lekar aa uska....!" Manav ne revolver wapas rakhte huye kaha.....
"jji... lata hoon... wwo.. fone mila ki nahi....?"
"Nahi... jaldi kar.....!"
"Ye lijiye Sir...!" Aadmi ne foto lakar Manav ko de diya.....
Manav ne foto ko gour se dekha aur apni jeb mein daal liya....,"Chal.. gadi mein baith... tala laga de yahan....!"
"ppar... par main kyun Sir?"
"Jinda rahna hai ki nahi.....?" Manav mudkar gurraya....
"jji... chalta hoon......!"
*****************
Wo log abhi thane pahunche bhi nahi the ki Manav ke mobile par ek aur khabar aa gayi...,"Sir... wwo... Patiyala chounk ke paas abhi ek aurat ki lash mili hai..... lagta hai gala ghount kar mara gaya hai usko....!"
"Ufff... gayi..." Manav ke munh se nikla...,"Gadi mein hai kya?"
"Nahi Sir... aise hi footpath ki side mein padi thi.... koyi sabhya lady maloom hoti hain....."
"Hunh.... Sabhya Sali.....!" Manav badbadaya.... aur pichhe baithe aadmi ko toka...,"No. kya hai teri biwi ki gadi ka?"
"Jji... DL 9CP 7457...!"
"colour...?"
"ji black... Honda city!"
Manav fone par nirdesh dene laga....," Wwo.. black colour ki honda city mein milega... 7457.... bachna nahi chahiye wo... kisi bhi keemat par....!"
"Madam kidhar hain...!" aanan faanan mein ek Police wala lagbhag bhaagte huye mahila thane mein ghusa....
"So rahi hain... kyun?" raat ki duty par tainaat ek mahila policekarmi ne poochha....
"Inspector sahab ne unn ladkiyon ko ek lash ki shinakht ke liye thane bulaya hai... ek lady ko bhi sath mein....!" Police waale ne kaha.....
"Main... main toh duty par hoon... ek minute... Shilpa ko jagati hoon...." police wali ne kaha aur staff ward mein jakar Shilpa ko jaga diya...,"Uth.. duty par jana hai tujhe...!" Police wala uske sath sath hi tha.....
"arrey haan... Uss ladki ko bulaya hoga... Anjali ko...! Usko yahi chhod gaye the na...! unki jaan pahchan ki hai..." Mahila police karmi ne kaha....,"main abhi uthati hoon...!"
"Anjali?.. nahi nahi... unn dono ko... wwo.. kya naam the yaar... dolly aur Seema... haan....!" Police wale ne kaha....
"theek hai... lao.. unka parcha do!" Mahila police karmi ne hath badha kar kaha....
"Parcha subah bhej denge yaar.... tumhe nahi pata kitni mara mari chal rahi hai... wwo.. kamina...!"
"Par kahin madam gussa na karein subah uthkar... ye aisi hi hai...chidchidi si.... kya karoon... ab jagaaungi toh gussa karengi...!"
"chhod na yaar... roj roj toh aise hota hai... main jate hi janaab ka fone karwa doonga.....!" Police wala unke sath bahar aa gaya....
"didi didi....!" Unke bahar nikalte hi Bhaybheet si Anjali ne chaddar se munh nikal kar apni side mein so rahi police wali ko jagaya.....
"Sone de na yaar.... ab toh aayi hoon.... subah hone wali hai waise bhi...!" Police wali ne usko jhidakte huye kaha.....
"Didi.. wwo... Harry...!" Anjali ne usko ek baar fir hilaya.....
"kya Harry harry yaar... tu jyada jasoos mat ban.... pakda jayega apne aap... police waalon ne charon aur naake laga rakhe hain... so ja....!"
"wo.. wwo.. yahin aaya hua hai.. police ki wardi mein hai....!"
"kk..kkyaaa...!" Police wali ki neend ek dum ud gayi... par uth kar baith jane ke bawjood uski aawaj nahi nikli....,"Kahan...?"
"abhi andar aaya tha... maine thodi si chaddar uthakar dekha.....!" Anjali lete lete bol rahi thi... wah bahut jyada darr gayi thi.....
"Kuchh hathiyaar tha kya uske paas...?" Police wali ne saham kar poochha....
"Pata nahi.. ye toh...!" Anjali ne jawab diya.....
"so ja... apne sath mujhe bhi marwayegi kya? 6-7 khoon toh pahle hi kar chuka hai... usko kya farq padega....?" Police wali wapas late gayi... aur dari sahmi huyi chaddar ki aut mein se hi darwaje ko ghoorne lagi......
******************************
"Fone jaroor karwa dena madam ke paas... meri duty 7 baje khatam hogi.... uss'se pahle parcha bhijwa dena ya inn ladkiyon ko...." Police wali ne Shilpa ko unn dono ladkiyon ke hathon mein lagi hathkadiyon ka dusra chhor thamakar police zeep mein baithate huye kaha.....
"Tum fikar mat karo!" Driving seat par baitha Harry muskuraya aur gadi start karke douda di.........
"Kya kya Bata diya inspector sahab ko...?" Harry ne gadi chalate huye ek police naake se paar karke poochha..... Police ki gadi dekh kar naake par khade police waalon ne apne barrior kheench liye the.... subah ke teen baje bhari trucks aur sairen bajati ghoom rahi gadiyon ke alawa kuchh doud bhi nahi raha tha shahar ki sadkon par......
"hamein kuchh pata hi nahi hai Sir... hamne toh aaj tak usko dekha bhi nahi hai.... ham kya batayein?" Dolly ne murjhaye chehre se sath baithi Shilpa ko dekhte huye kaha.... Sanwli si Shilpa shakl soorat ki badi pyari thi.... nayi nayi police mein bharti huyi thi... josh abhi kayam tha... jawani bhi...!
"Par.. tum shahar se bahar kahan lekar ja rahe ho.... Inspector sahab kahan hain....?" Shilpa uneendi si thi... achanak usne bahar jhank kar poochha.....
"ek dead body mili hai.... sahab wahin par hain... inko shinakht ke liye bulaya hai....!" Harry ab nischint ho chuka tha......
Shilpa ne munh pichkaya aur wapas seat se sat kar apni aankhein band kar li.....
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"Aey... gaya kya wo?" bahar tainaat Police wali jaise hi pani peene ke liye andar aayi... Anjali ke sath leti huyi police wali ne chaddar se munh nikal kar poochha....
"Haan... gaya...! ladkiyon ko lene aaya tha...." Pani peekar wapas mudte huye pahli ne jawaab diya.....
"fir....?" dusri uchhal kar baith gayi......
"Fir kya? bhej diya.... parcha subah aayega....!"
"Kyaaaa? ari 'wwo' Harry tha.... unn ladkiyon ka boss?"
Duty par tainaat police wali ki toh jaise jaan hi nikal gayi...,"yye... ye kya kah rahi hai tu...? pahle kyun nahi bataya...? gayi meri noukri toh... hey bhagwaan.....! ye mujhse kya ho gaya....."
"Main kounsa usko jaanti thi.... iss'ne bataya hai abhi... mujhe toh ab pata chala...."
"Par didi.. maine toh...!" Anjali bolne lagi toh police wali ne usko jhidak diya...,"Chup kar... abhi bhi time hai... V.T. karwa de.... shakuntala ko bolkar... warna tu toh gayi....!"
"Par... par... kahenge kya? wwo toh aise ulloo bana gaya jaise....!" pahli ne poochha....
"Aise mat kahna... bolna police ki wardi mein aaya tha aur aate hi kanpati par revolver lagakar chhuda le gaya.... faaltu mein chutiya ban'ne ki jarurat nahi hai.. samjhi... kar de fone.....!"
"par... par wwo toh... Uske sath maine Shilpa ko bhi bhej diya.... usko toh sab pata hai na... wo toh sach hi batayegi baad mein....!" Pahle wali kaampne lagi thi......
"Uska kya pata ab bachegi bhi ya nahi... baad ki baad mein sochenge... tu V.T. karwa jaldi.... shahar mein hoga toh pakad toh lenge usko... kounsi gadi mein aaya tha.....?"
"Police zeep thi.... chal mere sath aaja yaar... tu usko bata dena dena kya bolna hai...?"
"kyun ghabra rahi hai yaar..... yahan kam se kum murder toh nahi kiye.... city thane mein dekha kya haal karke gaya hai.... kuchh nahi bigadega tera.... chal main chalti hoon tere sath...."
************
"whaaat....? ye kya bak rahe ho...." Manav sunte hi uchhal pada....
"Ji Sir... abhi V.T. huyi hai...." Wireless operator lagbhag bhagta hua office mein aaya tha....,"Wah meri beti Shilpa ko bhi jabardasti police zeep mein bithakar le gaya...... jaldi kuchh kijiye Sir....!" W.O. hath jodkar gidgidane laga.....
"Iski maa ki... ssala.... Police zeep kahan se aayi uske paas...?" Manav ne khada hote hi table par mukka mara.....,"kounsi zeep thi....?"
"Iske baare mein unko kuchh nahi pata Sir.... aap kuchh kijiye na...!"
"Ghanta duty karti hain ssali wwo... kam se kam zeep ka no. toh dekh leti.... kitni der pahle hua hai ye sab....?"
"Abhi 1 minute pahle hi report huyi hai sahab.... 5 minute pahle waardaat huyi hai... meri beti toh waise bhi bahut bholi hai janaab....!" W.O. gidgidaya... usko bus apni beti ki padi thi.....
"Bholi hai toh iss line mein kya...." Manav gali bakte bakte rah gaya.... par wo buri tarah bhanna gaya tha...," Saale tankhwah paane ke liye bharti ho jate hain.... Zeep nikalwao bahar....!"
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
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