Saturday, May 1, 2010

कलयुग की कहानियाँ -मस्त मेनका पार्ट--7

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मस्त मेनका पार्ट-7

गतान्क से आगे...............

सुबह के 5 बज रहे थे.मेनका पूरी तरह से नंगी बेख़बर सो रही थी.बगल मे राजा साहब अदलेते से जागे हुए थे & उसकी जवानी को निहार रहे थे,वो भी पूरी तरह नंगे थे बस उनकी कलाई पर 1 सोने का ब्रेस्लेट चमक रहा था.ब्रेस्लेट के बीच मे चमकता सूरज बना था जोकि उनका राजचिन्ह भी था.यही वो चीज़ थी जोकि मेनका ने बॉमबे मे उनसे छिपा कर खरीदी थी ताकि उन्हे सर्प्राइज़ दे सके.कल रात आख़िरी बार की चुदाई के बाद उसने अपने हाथों से ये उन्हे पहनाया था.

राजा साहब मेनका को देखने लगे.सोते वक़्त कितनी मासूम लग रही थी.उसकी बड़ी-2 छातियो के बीच उनकी दी चैन चमक रही थी.साँसों के कारण उसकी चूचिया उपर नीचे हो रही थी . ये नज़ारा देख कर राजा साहब का सोया लंड फिर जागने लगा & उनका दिल किया कि अपने होठ अपनी बहू के निपल्स से लगा दें.पर तभी उन्हे समय का ध्यान आया,थोड़ी देर बाद दोनो को ऑफीस भी जाना था.अगर अभी वो मेनका को चोद्ते तो आज वो ज़रूर ऑफीस मिस कर देती जोकि वो बिल्कुल नही चाहते थे.

उन्होने 1 लंबी साँस भरी & उठकर क्लॉज़ेट के रास्ते अपने कमरे मे चले गये.फिर वहाँ से मेनका की नाइटी & नेकलेस लाकर उसके बेड पे रख दिया & इस बार फाइनली अपने बेडरूम मे चले गये & क्लॉज़ेट के उस सीक्रेट रास्ते को बंद कर दिया.

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राजकुल ग्रूप के ऑफीस के कान्फरेन्स हॉल मे राजा साहब अपने एंप्लायीस को डील के बारे मे & डील के पैसों से उन्हे मिलने वाले बोनस के बारे मे बता रहे थे,"..और अब 1 आखरी अनाउन्स्मेंट.अभी तक कंपनी का केवल 1 वाइस-प्रेसीडेंट था कुंवर विश्वजीत सिंग पर आज से 2 वी-पी होंगे & दूसरी वी-पी होंगी कुँवारानी मेनका सिंग."तालियों की गड़गढ़त से हॉल गूँज उठा,"...आज के बाद अगर हम ऑफीस मे ना हो तो हमारी जगह आप कुँवारानी को ही अपना सबसे बड़ा बॉस समझिए.ये सारी बातें थी जोकि आपका जानना ज़रूरी था.अगले 2-3 दीनो मे बोनस की रकम आपके सॅलरी अकाउंट्स मे जमा करा दी जाएगी.थॅंक यू."

मीटिंग के बाद मेनका राजा साहब के ऑफीस चेंबर मे बैठी थी,"क्या ज़रूरत है हमे वी-पी बनाने की?"

"अरे भाई,वैसे ही तुम 1 वी-पी की सारी ज़िम्मेदारियाँ उठाती हो तो बना भी दिया.",पास आकर उसे चेर से उठाया & बाहों मे कस लिया.

"क्या कर रहे हो?कोई आ जाएगा.",मेनका छूटने की कोशिश करने लगी.चेहरे पर घबराहट & शर्म के मिले-जुले भाव थे.

"हमारे ऑफीस मे बिना हमारी इजाज़त के कोई नही आ सकता.",राजा साहब ने उसके होठ चूम लिए.

"प्लीज़,यश मुझे डर लग रहा है.पागल मत बनो,ऑफीस है किसी को पता चल गया तो ग़ज़ब हो जाएगा."

"हम पर भरोसा रखो,तुमसे ज़्यादा तुम्हारी फ़िक्र करते हैं.",& एक बार फिर उसके होंठ चूमने लगे.उन्होने अपने हाथों से नीचे से उसकी साड़ी उठानी शुरू कर दी.मेनका फिर कसमसाई,"..प्लीज़..",पर राजा साहब ने उसे अनसुना करते हुए साड़ी कमर तक उठा दी & अपने हाथों से उसकी पॅंटी मे कसी गांद की फांको को मसल्ने लगे.

वैसे ही उसकी गांद पकड़ कर चूमते हुए उन्होने उसे डेस्क पर बैठा दिया & खुद उसके सामने चेर पर बैठ गये & 1 झटके मे उसकी पॅंटी उतार दी.मेनका कुच्छ कह पाती इस से पहले ही उसकी जंघे उसके ससुर के कंधे पे थी & उनके होठ उसकी चूत पे जा लगे.

"ऊओ...ऊ..",मेनका की सिसकारी निकल गयी.उसने अपनी जांघों मे अपने ससुर को भीच लिया & अपने हाथों से उनके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.राजा साहब के मुँह ने उसकी चूत को चाटना,चूमना &चूसना चालू कर दिया & हाथ उसकी ब्लाउस मे कसी चूचियों को दबाने लगे.मेनका मस्त हो गयी पर मन के किसी कोने मे पकड़े जाने का डर भी था.वो जल्दी से जल्दी झड़ना चाहती था & राजा साहब इसमे उसकी पूरी मदद कर रहे थे.थोड़ी ही देर मे मेनका ने अपनी गंद डेस्क से उठा दी & अपने होठ काट अपनी सिसकारियों को ज़ब्त करते हुए अपने ससुर का मुँह अपने हाथों से अपनी चूत पे और दबा दिया & झाड़ गयी.

राजा साहब उठे,अपनी पॅंट खोली & अपना लंड निकाल कर डेस्क पर बैठी मेनका की गीली चूत मे डाल दिया.लंड घुसते ही मेनका उनसे लिपट गयी &उनके धक्कों का मज़ा उठाने लगी,थोड़ी ही देर मे उसकी गंद फिर हिलने लगी.उसके होठ अपने ससुर के होठों से लगे थे & हाथ उनके पूरे शरीर पर फिर रहे थे.राजा साहब ने अपने हाथ नीचे से उसकी गंद पर कस दिए थे.दोनो चुदाई मे पूरी तरह डूब गये & थोड़ी ही देर मे दोनो के शरीर झटके खा कर झाड़ गये.

दोनो वैसे ही लिपटे 1 दूसरे को चूम रहे थे कि राजा साहब का मोबाइल बजा.

"हेलो."

"दुष्यंत बोल रहा हू,यशवीर.तुम्हारे केस के बारे मे कुच्छ बात करनी थी."

"हा,भाई.बोलो,क्या पता चला?",राजा साहब ने अपना लंड अपनी बहू की चूत से खीच लिया पर उनका खाली हाथ अभी भी उसका सर सहला रहा था.

"भाई तुम शहर आ जाओ तो तुम्हे अच्छी तरह सारी बात समझा दू.",मेनका ने डेस्क से उतर कर अपने ससुर की आएडियों पे गिरी पॅंट को उठा कर उन्हे वापस पहना दिया.

"ठीक है,दुष्यंत.हम बस अभी निकलते हैं.",फोन काट कर उन्होने मेनका को अपने पास खींच कर चूमा & उसकी आँखों मे उठे सवाल का जवाब दिया.,"1 बहुत ज़रूरी काम से शहर जाना पड़ रहा है.रात तक लौट आएँगे .घबराईए मत.चिंता की कोई बात नही है.",उन्होने ज़मीन पर पड़ी पॅंटी उसे थमाई.

मेनका उसे ले बाथरूम चली गयी.जब बाहर आई तो राजा साहब ने उसे गुडबाइ किस दी & चले गये.

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शहर के 5-स्टार होटेल के उस कमरे मे राजा साहब अपने जिगरी दोस्त के साथ बैठे थे पर कमरे मे उनके अलावा 1 नौजवान भी था.

"यश,ये मनीष है.तुम्हारा केस यही इन्वेस्टिगेट कर रहा है.और ये राजा यशवीर सिंग हैं,मनीष."

मनीष ने उन्हे प्रणाम किया तो राजा साहब ने जवाब मे सर हिलाके उस नौजवान को ठीक से देखा.

"इसकी उम्र पर मत जाना,यश.मेरे सबसे काबिल बन्दो मे से है ये.",दुष्यंत वेर्मा फिर मनीष से मुखातिब हुए,"मनीष अब तुम सारी रिपोर्ट हम दोनो को दो."

"जी सर.",मनीष ने बोलना शुरू किया,"सर,मैने राजपुरा & शहर की उन सभी जगहो पर जाकर तहकीकात की जहा कुंवर साहब का आन-जाना था.शुरू मे मुझे कहीं कोई सुराग नही मिला कि आख़िर उन्हे ड्रग कौन देता था.शहर के अपने मुखबिरो के ज़रिए मैने पता लगाया तो पाया कि यहा का किसी डीलर ने तो कभी उनसे कोई सौदा नही किया था.फिर राजपुरा जैसी छ्होटी जगह ये डीलर्स तो जाने से रहे.1 आदमी के बिज़्नेस के लिए यहाँ का अपना हज़ारों का नुकसान-ये कोई सेन्स नही था."थोडा रुक कर मनीष ने पानी का 1 घूँट लिया.

"..मैने अपना ध्यान राजपुरा पर लगा दिया.मुझे पता चला कि कुंवर आदिवासियों के गाओं महुआ की शराब लेने जाते थे.और यही किस्मत से मेरे हाथ 1 बड़ा सुराग लग गया.आदिवासियों ने बताया कि कुंवर के अलावा भी 1 शहरी आदमी था जोकि उनसे महुआ ले जाता था.उन्होने 1 बार उसे कार मे बैठे कुंवर से कुच्छ बाते करते हुए भी देखा था.जब मैने उसका हुलिया,नाम आदि पूचछा तो कुच्छ खास नही पता चला."

"..फिर 1 दिन मैं इसी सुराग के फॉलो-उप के लए उन आदिवासियों के पास गया.वाहा 1 आदिवासी जो शहर मे नौकरी करता था,बैठा हुआ था & अपने कॅमरा मोबाइल से फोटो खिच रहा था.फोन मे कुछ प्राब्लम आई तो उसने मुझे दिखाया.देखा तो पाया कि मेमोरी फुल है.मैने उसे कहा कि कुछ फोटोस डेलीट करनी पड़ेगी."

"..उसने कहा कि वो बताता जाएगा & मैं फोटोस डेलीट करता जाऊं.फोटोस डेलीट करते हुए मेरी नज़र 1 फोटो पर पड़ी.उसमे 1 गोरा-चितता शहरी था.बाकी सारे फोटो उन आदिवासीयो के थे तो फिर ये शहरी कौन था?"राजा साहब गौर से मनीष को सुन रहे थे.

"..उस आदिवासी ने बताया कि यही वो आदमी था.और यही वो फोटो है,सर.",मनीष ने अपना लॅपटॉप ऑन कर स्क्रीन राजा साहब की तरफ कर दी.फोटो मे 3 आदिवासी बैठे हंस रहे थे& पीछे फोटो के कोने मे वो शहरी था.राजा साहब के दिमाग़ मे उस इंसान का चेहरा छप गया.

"क्या गॅरेंटी है मनीष कि यही इंसान ड्रग डीलर है?"

"ये राजा साहब.",मनीष ने 1 छ्होटा सा पॅकेट आगे बढ़ाया जिसमे 1कॅप्सुल था.,"ये 1 बार इसकी जेब से गिर गया था & महुआ बेचने वाले आदिवासी ने दवा समझ कर अपने पास रख लिया था & फिर भूल गया था.इस आदमी की बात चलने पर उसे याद आया तो मुझ से इस 'दवा' के बारे मे पुच्छने लगा."

"वेल डन,मनीष.आइ'एम प्राउड ऑफ यू.",दुष्यंत वेर्मा ने उसकी पीठ ठोनकी.

"मनीष,आपने कमाल का काम किया है.हम चाहते हैं कि इस इंसान को ढूँढने मे आप हमारी मदद करें.",राजा साहब ने उस से हाथ मिलाया.

"सर,ये भी कोई कहने की बात है.जब तक पता ना चल जाए मैं भी चैन से नही बैठूँगा."

"..पर यश ये कौन हो सकता है?वही जाबर का साथी?"

"पता नही,दुष्यंत समझ नही आ रहा.जब्बार का कहने को तो धंधा प्रॉपर्टी डीलिंग का है पर असल मे डिस्प्यूटेड प्रॉपर्टीस को बिकवाना,किसी की प्रॉपर्टी पर ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा कर उस से पैसे ऐंठना ये उसका असल काम है.मशहूर है कि उसकी जेब मे 1 चाबियों का गुच्छा है जिस से कि दुनिया का कोई भी ताला खुल सकता है."राजा साहब ने ग्लास उठा कर पानी पिया,"..पर ड्रग्स...ये मेरी भी समझ मे नही आ रहा.इस तस्वीर वाले आदमी को भी पहली बार देखा है.पर मेरा मन कहता है कि इस के तार जब्बार से ही जुड़े हैं.पर कैसे?"

"ये मनीष पता लगा ही लेगा.तुम चिंता छ्चोड़ो.चलो कुच्छ खाते हैं."

रात के 11:30 बज रहे थे पर राजा साहब अभी तक नही आए थे.शाम 7 बजे फोन आया था कि वो खाना खा कर आएँगे पर किसी भी हाल मे 10 बजे तक आ जाएँगे.मेनका 1 छ्होटा-सा वाइट केमिसोल जोकि बस उसकी पॅंटी को ढके हुए थे, पहने बेचैनी से अपने कमरे मे चहलकदमी कर रही थी.अपने मोबाइल से वो लगातार अपने ससुर का मोबाइल ट्राइ कर रही थी पर बार-2 स्विच्ड ऑफ का मेसेज आ रहा था.क्लॉज़ेट का रास्ता उसने खोल दिया था & उसकी नज़रे बार-2 वाहा जा रही थी.

तभी कार की आवाज़ आई,राजा साहब लौट आए थे.नीचे से नौकरों को बाहर कर दरवाज़ा बंद करने की आवाज़ आई तो मेनका अपने बिस्तर पर चादर ओढ़ कर लेट गयी.अपनी पीठ उसने क्लॉज़ेट की तरफ कर ली.वो गुस्से मे पागल हो रही थी.

थोड़ी देर बाद राजा साहब क्लॉज़ेट के रास्ते उसके कमरे मे दाखिल हुए,वो पूरे नंगे थे.राजा साहब ने चादर उठाई & लेट कर मेनका को पीछे से अपनी बाहों मे जाकड़ लिए.,"जाओ,मुझे सोने दो.",मेनका ने उनका हाथ हटा दिया.

"क्या हो गया?"

"कुच्छ नही.हमे नींद आ रही है."

"नही तुम नाराज़ हो.क्या ग़लती हो गयी भाई?",उन्होने फिर उसे जाकड़ लिया & पीछे से अपना नंगा बदन उसकी पीठ & गंद से चिपका दिया.

"1 तो इतनी देर कर दी,उपर से फोन भी नही उठा रहे थे & पूछते हो क्या ग़लती की!"

"फोन डिसचार्ज हो गया था & कहा था ना कि ज़रूरी काम था,उसी मे देर हो गयी.अब गुस्सा छ्चोड़ो & प्यार करो.",उनका दाया हाथ उसकी पॅंटी मे घुस गया & बाया उसकी गर्दन के नीचे आ गया & वही से उसकी चूचिया दबाने लगा.

अपनी गांद पे अपने ससुर का लंड महसूस करते ही मेनका ने अपना हाथ पीछे ले जा कर उसे पकड़ लिया & हिलाने लगी.,"क्या कम था.......आन्न...न्न्न्ह्ह्ह्ह्ह?"राजा साहब की उंगलिया उसके चूत के दाने को रगड़ रही थी.

"वक़्त आएगा तो सब बताएँगे,मेनका.अभी बस हमे प्यार करो."राजा साहब ने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाया & दोनो एक-दूसरे को जमकर चूमने लगे.मेनका 1 बार झाड़ चुकी थी.राजा साहब ने उसका केमिसोल & पॅंटी उसके जिस्म से अलग किए & पीछे से करवट लिए हुए ही अपना लंड उसकी चूत मे डाल दिया & उसकी पीठ से चिपक कर धक्के मारने लगे.उनका लंड मेनका के जी स्पॉट से रगड़ खा रहा था & वो दुबारा झाड़ गयी.

राजा साहब ने बिना उसकी चूत से लंड निकाले उसे घुटनो के बल उल्टा खड़ा कर दिया .मेनका का सर तकिये मे धंसा हुआ था & गंद हवा मे उठी हुई थी.उसके ससुर का लंड जड़ तक उसकी चूत मे डूबा हुआ था & उनके हाथ उसकी गंद & चूचियो को मसल रहे थे.राजा साहब ने उसे इसी पोज़िशन मे चोदना शुरू कर दिया,मेनका मस्ती मे झूम रही थी.

डॉगी स्टाइल मे चोद्ते-2 राजा साहब ने ऐसे ज़ोरदार धक्के मारे कि मेनका बिस्तर पर पेट के बल गिर पड़ी.राजा साहब भी धक्के रोके बिना उसके उपर लेट गये,अपने हाथ उसके नीचे ले जाकर उसकी चूचियाँ दबाने लगे & लगे अपनी बहू की चुदाई करने.मेनका ने अपना सर उठाकर पीछे घुमाया तो राजा साहब ने अपने होठ उसके होठों से लगा दिए.

दोनो एक-दूसरे को चूमते हुए चुदाई कर रहे थे.मेनका ने अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया & अपने ससुर के होठों को कस लिया,वो झाड़ गयी थी & तभी राजा साहब ने भी उसकी चूचियो पे अपनी पकड़ बहुत मज़बूत कर दी &1-2 धक्के लगा कर उसकी चूत मे अपना पानी छ्चोड़ दिया.

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"बिज़्ज़रे" नाइटक्लब खचाखच भरा था.म्यूज़िक & लोगों की बातचीत का शोर था & क्लब के बार के सामने ड्रिंक्स लेनेवालों की भीड़ जमा थी.

"एक्सक्यूस मी..मेराड्रिंक..",वो छ्होटा-सा ब्लॅक ड्रेस पहने लड़की बारटेंडर को अपना ऑर्डर देने की कोशिश कर रही थी पर इस भीड़ & शोर मेउसका ध्यान उस लड़की की तरफ जा ही नही रहा था.माजिद सुलेमान की नज़रे उस लड़की के ड्रेस से झाँकती गोरी टाँगों & जांघों के हिस्से को घूर रही थी.


"ये लीजिए अपनी ड्रिंक.",उसने भीड़ मे से हाथ बढ़ा कर बारटेंडर से 1 ग्लास लिया & उस लड़की को पकड़ाया.

"थन्क्यौ.",माजिद ने डिस्को लाइट्स मे उस लड़की का चेहरा देखा-बला की खूबसूरत थी & ड्रेस के गले मे से झाँकता उसका क्लीवेज..उफ्फ!

"मुझे माजिद कहते हैं."

"हाई!आइ'म रोमा.",उसने माजिद से हाथ मिलाया.

"आप अकेली आई यहाँ?"

"नही.अपनी सहेली & उसके बाय्फ्रेंड के साथ आई थी.पता नही दोनो कहा गायब हो गये."

"आप अपने बाय्फ्रेंड के साथ नही आई?"

"मेरा ब्रेक-अप हो गया है."

"आइ'म सॉरी."

"नो यू शौउल्ड़न'ट बी.आइ'म नोट.उसने मुझे किसी ओर के लिए छ्चोड़ दिया."

"ओह.वो शर्तिया बेवकूफ़ इंसान होगा जिसने आपके जैसी हसीन लड़की को छ्चोड़ दिया.तो आप फिर से सिंगल हैं?"

"तारीफ के लिए शुक्रिया.जी हा,मैं सिंगल हू.और आप?"

""मैं भी."

"आप क्या करते हैं?"

"मैं टॅक्सी-ड्राइवर हू."

"जी?!"

"जी.मैं 1 चार्टर एरक्रॅफ्ट कंपनी.मे पाइलट हू.जो लोग प्लेन्स हाइयर करते हैं उन्हे उनकी मंज़िल तक पहुचाता हू."

"ओह्ह.",दोनो हँसने लगे."आप बहुत मज़किया हैं,मिस्टर.माजिद?"

"प्लीज़ नो मिस्टर. & नो आप."

"ओक.तो तुम पाइलट हो.कितना एग्ज़ाइटिंग काम है.बहुत मज़ा आता हाओगा ना प्लेन उड़ाने मे...

...और ऐसी ही बातों से रोमा उर्फ मलिका ने उस पाइलट को शीशे मे उतारना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद होटेल के 1 कमरे मे माजिद नंगा लेटा था & उसका लंड उसके उपर बैठी मलिका की चूत मे था.मलिका उसके उपर झुक कर अपने बाए हाथ से पकड़ कर अपनी बाई चूची माजिद के मुँह मे दे रही थी & माजिद के हाथ उसकी पीठ पर फिसल रहे थे.थोड़ी देर बाद उसने बाई निकाली & दाई चूची उसके मुँह मे डाल दी.माजिद ने ऐसी खूबसूरत लड़की पहले कभी नही चोदि थी & उसके लिए अब अपना पानी रोकना मुश्किल हो रहा था.उसने अपनी कमर हिला कर धक्के मारना शुरू किया तो मलिका उठ कर बैठ गयी & कमर हिला-2 कर उसे चोदने लगी.

मलिका ने अपने हाथ अपने बालों मे फिराने शुरू कर दिए,माजिद की तो हालत बुरी हो गयी.उसने अपने हाथों से उसकी चूचिया मसलनी चालू कर दी & ज़ोर-2 से कमर हिलाते हुए उसकी चूत मे झाड़ गया.मलिका नही झड़ी थी पर जैसे ही उसने माजिद का पानी अपनी चूत मे महसूस किया वो झुक कर उस से चिपक गयी & झड़ने की आक्टिंग करने लगी.

मलिका उसके उपर से उतर कर उसकी बगल मे लेट गयी.माजिद उसे बाँह मे घेर कर उसका पेट सहलाने लगा.

"माजिद..."

"ह्म्म."

"तुम्हारे प्लेन मे काफ़ी माशूर लोग भी आते होंगे ना?"

"हुउँ.",माजिद झुक कर उसकी चूचिया चूसने लगा.

"कौन-2 बैठा है तुम्हारे प्लेन मे?"

"राहुल द्रविड़,जॉन अब्राहम,प्रिटी ज़िंटा,सानिया मिर्ज़ा..",उसने चूसना छ्चोड़ उन चूचियो को फिर से दबाना चालू कर दिया.

"रियली!और?",मलिका ने उसका लंड अपने हाथ मे ले लिया.

"..और....कुच्छ पॉलिटिशियन्स."

"..और बिज़्नेसमॅन?",वो अब लंड हिलाकर उसे दुबारा खड़ा कर रही थी.

"हा...जिंदल स्टील का मालिक आया था 1 बार.और अपने राजकुल के राजा साहब को तो मैं हमेशा ले जाता हू."

"सच मे?राजा साहब को भी.वाउ!....कही तुम मुझे बना तो नही रहे माजिद?"

"अरे नही,मेरी जान.तुम्हे पता है मैं हर बार उनकी फ्लाइट पाइलट करता हू.",वो इस लड़की को इंप्रेस करने का मौका नही छ्चोड़ना चाहता था."..और तुम्हे पता है कि उनका बेटा ..-"

"-..वो जो ड्रग अडिक्ट हो गया है?"

"हा,और जिसके बारे मे कोई नही जानता कि वो कहा गया है."उसने मलिका को लिटा दिया & अपनी उंगली उसकी चूत मे डाल दी.,"...पर मैं जानता हू."

"..अच्छा..",मलिका ने आँखे बंद कर ऐसे जताया जैसे उसे बहुत मज़ा आ रहा था जबकि हक़ीक़त मे उसका पूरा ध्यान माजिद की बातों पर था.उसने सपने मे भी नही सोचा था कि बिना राजा का नाम लिए वो उसे ये सब बताने लगेगा.

"हा.राजा साहब का बेटा बॅंगलुर मे है किसी डॉक्टर.पूरी..नही पूर्वे.....हा याद आया.डॉक्टर.पुरन्दारे के क्लिनिक मे."

मलिका का काम हो गया था.उसने माजिद को अपने उपर खीच लिया जोकि अपना लंड उसकी चूत मे घुसाने लगा.


थोड़ी देर बाद माजिद को गहरी नींद मे सोता छ्चोड़ मलिका लिफ्ट से नीचे होटेल के एग्ज़िट की तरफ जा रही थी.माजिद बेचारे को पता भी नही था कि उसने कितनी बड़ी ग़लती कर दी थी.

मलिका की चूत मे आग लगी थी.माजिद उसे ज़रा भी शांत नही कर पाया था.घर पहुँच कर जैसे ही उसने जब्बार को सारी बात बताई वो खुशी से पागल हो गया & उसे खींच कर अपनी बाहों मे भर चूमने लगा.यही तो मालिका चाहती थी.उसने भी 1 हाथ से उसका लंड पकड़ लिया & दूसरे से अपने कपड़े उतारने लगी.

जब्बार अपने दोनो साथियों के साथ बॅंगलुर जाने की तैय्यर. करने लगा,"हम तीनो अलग-अलग बॅंगलुर पहुँचेंगे & इस होटेल के रेस्टोरेंट मे मिलेंगे.",उसने मिलने का दिन & समय भी दोनो को बताया.

"यहा से हम मे से कोई भी सीधे बॅंगलुर नही जाएगा.हम सब यहा से 3 अलग-2 शहरों को जाएँगे & वाहा से बॅंगलुर जाएँगे & कोई भी अपना सही नाम इस्तेमाल नही करेगा."

"वाहा पहुँच तो जाएँगे पर विश्वजीत को रहाब सेंटर से कैसे निकालेंगे?",ये सवाल कल्लन ने पुचछा.

"वाहा पहुँच कर हम सेंटर के बारे मे सारी जानकारी जुटाएँगे & फिर मैं आगे का प्लान बनाऊंगा.फिलहाल तो मैं हम सब के ट्रॅवेल प्लॅन्स अरेंज करता हू.",जब्बार फ्लॅट से बाहर निकल गया.

उसके निकलते ही मलिका दौड़ कर खड़े हुए कल्लन की गोद मे चढ़ गयी,अपनी टाँगो से उसने उसकी कमर जाकड़ ली & उसे चूमने लगी.कल्लन के हाथों ने उसकी गंद को थाम लिया.मलिका केवल 1 टी-शर्ट पहने थी.कल्लन ने उसे 1 दीवार से चिपका दिया & 1 हाथ से उसको थाम कर दूसरे से अपनी पॅंट खोल अपना लंड निकाल लिया.

उसने खड़े-2 ही अपना लंड मलिका की चूत मे उतार दिया & उसे दीवार से लगा कर धक्के मारने लगा.मलिका अपनी जीभ से उसके कान को चाटने लगी & उसके बड़े लंड का मज़ा उठाने लगी.

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सवेरे थोड़ी देर से मेनका की आँख खुली.कल राजा साहब ने उसे कुच्छ ज़्यादा ही जम कर चोदा था.उसे मज़ा तो बहुत आया था पर उतनी ही थकान भी हो गयी थी.उसने सोचा कि आज ऑफीस ना जाए पर फिर लगा कि कल ही तो उसे वी-पी बनाया गया है & आज पहले दिन ही ग़ैरहाज़िर रहे,ये अच्छा नही लगेगा.फिर आज सॅटर्डे था,तो ऑफीस आधे दिन मे ही ख़तम हो जाना था.

मेनका तैय्यार होकर नीचे आई तो पता चला कि राजा साहब पहले ही ऑफीस जा चुके हैं तो वो भी फटाफट नाश्ता कर ऑफीस पहुँच गयी.आज राजा साहब ने ऑफीस मे कल वाली हरकत नही दोहराई तो उसने राहत की साँस ली पर साथ ही साथ थोड़ा निराश भी हुई.पर फिर आने वाली रात का ख़याल आते ही उसके होठों पर मुस्कान & चूत मे गीलापन आ गया.

शाम 4 बजे राजा साहब ने उस से ऑफीस से चलने को कहा.दोनो कार मे बैठ गये & राजा साहब ने ड्राइविंग शुरू कर दी.

"अरे,ये किधर जा रहे हो?ये रास्ता तो घर नही जाता."

"हा,हम घर जा भी नही रहे."

"तो फिर कहा जा रहे हैं?",मेनका खिसक कर अपने ससुर से सॅट कर बैठ गयी.

"वो तो पहुँच कर ही पता चलेगा.",उन्होने भी उसे अपनी बाँह मे समेट लिया.

"हम रात तक वापस तो आ जाएँगे ना?"

"अब तो हम कल शाम को ही लौटेंगे."

"ओह.पर हमे कपड़े तो ले लेने लेते घर से."

"जहा हम जा रहें है वाहा कपड़ों की कोई ज़रूरत नही है,मेरी जान.",राजा साहब ने उसके गाल पर चूम लिया.

"हटो.मैं बिना कपड़ों के नही रहूंगी.",मेनका बनावटी गुस्से से बोली.

"वो तो हम पहुँच कर देखेंगे.",उन्होने इस बार उसके होठ चूम लिए.

करीब 3 घंटे के बाद वो शहर को पार करते हुए अपनी मंज़िल पर पहुँच गये.वो 1 बड़ा-सा फार्महाउस था जिसके अगल-बगल और कोई बिल्डिंग नही थी.सबसे पास वाला फार्म हाउस भी 1/2किलोमीटर दूर था.राजा साहब ने कार से उतर कर गेट पे लटक रहा ताला खोला,कार अंदर की और गेट वापस लॉक कर दिया.

मेनका उतर कर अपने ससुर का हाथ थामे फार्महाउस को घूम कर देखने लगी.पीछे 1 बड़ा स्विम्मिंग पूल था और चारो तरफ हरी घास बिछि थी.फार्म हाउस की बिल्डिंग बहुत आलीशान थी.किचन मे खाने का सारा समान मौजूद था.

"ये सारा इंतेज़ाम,यहा की देख-रख कौन करता है?"

"केअरटेकर है.पर हमने उसे 2 दिन की छुट्टी दे दी है.अभी यहा हम दोनो के अलावा कोई भी नही है."राजा साहब उसे बाहों मे पकड़ने के लिए आगे बढ़े तो मेनका छितक कर दूर हो गयी.,"पहले कुच्छ खा लें."

मेनका ने खाना निकाला तो राजा साहब ने उसे खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया & दोनो वैसे ही खाने लगे.मेनका की बड़ी गांद का दबाव पड़ते ही राजा साहब का लंड खड़ा हो गया & मेनका उसकी चुभन अपनी गांद पे महसूस करने लगी.खाना ख़तम होते-2 दोनो गरम हो चुके थे.

राजा साहब ने गोद मे बैठी अपनी बहू को चूमना शुरू कर दिया.उनके हाथ उसकी कमर & गंद को सहला रहे थे.मेनका भी उनकी किस का पूरा जवाब देते हुए अपनी गंद से उनके लंड को रगड़ रही थी.राजा साहब ने अपना हाथ कमर से हटा उसके ब्लाउस मे डाल दिया तो मेनका भी उनके शर्ट के बटन खोलने लगी.दोनो जल्दी से उठ खड़े हुए & 1 दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

नंगे होते ही दोनो 1 दूसरे के गले लग गये & चूमने लगे.राजा साहब ने अपनी बहू की भारी-2 गंद को जम के सहलाया & मसला.फिर मेनका उनके होठों को छ्चोड़ उनके सीने को चूमते हुए नीचे उनके लंड तक आ गयी & अपने घुटनो पे बैठ उसे चूसने लगी.उनके अंदो को अपने कोमल हाथों मे दबा कर जब लंड को उसने ज़ोर से चूसा तो राजा साहब की आह निकल गयी.

उन्हों ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया & ड्रॉयिंग रूम मे आ गये.वाहा उन्होने मेनका को सोफे पे लिटा दिया & उसके पेट को चूमने लगे.अपनी उंगली से उन्होने उसकी चूत को कुरेदना चालू कर दिया.

"ऊहह..!",मेनका की मस्त आन्हो से फार्महाउस का वीराना भी गुलज़ार हो गया.राजा साहब का चेहरा उसकी चूत पे झुक गया & वो उसके दाने को अपनी जीभ से चाटने लगे.मेनका पागलों की तरह अपनी कमर उचकाने लगी & झाड़ गयी.राजा साहब ने उसकी चूत के छ्चोड़े हुए सारे पानी को पी लिया.

फिर राजा साहब उठ कर उसके सर के पीछे खड़े हो गये,मेनका ने उनके लंड को अपनी आँखों के सामने देखा तो हाथ पीछे ले जा के उसने उनकी गांद को पकड़ लिया & अपना सर पीछे कर के उनका लंड 1 बार फिर अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी.राजा साहब ने हाथ नीचे ले जा कर उसकी चूचियो को दबाना & निपल्स को मसलना शुरू कर दिया.

तभी राजा साहब को कुच्छ ख़याल आया,उन्होने अपने लंड को मेनका के मुँह से निकाल लिया & भागते हुए किचन की तरफ चले गये.मेनका को हैरत हुई पर जब तक वो उठती राजा साहब वापस आ गये थे.उनके हाथ मे 1 बोल था.राजा साहब उसके पास बैठ गये & बोल मे रखी चीज़ चम्चे से उसकी चूचियो पे डालने लगे.

"ऊओ..!",सीने पे ठंडा गीलापन महसूस हुआ तो मेनका की आ निकल गयी.उसने देखा राजा साहब उसकी चूचियों को आइस-क्रीम से ढँक रहे थे.राजा साहब ने बोल किनारे रखा & टूट पड़े अपनी बहू की आइस-क्रीम से सराबोर चूचियों पर.मेनका तो पागल हो गयी.राजा साहब ने चाट-2 कर उसके सीने को सॉफ किया & फिर पहले उसकी नाभि को आइस-क्रीम से भरा & फिर अपनी जीभ से सॉफ किया.

अब उसकी चूत की बारी थी.राजा साहब ने वाहा भी आइस-क्रीम लगाई & फिर चाट-चाट कर सॉफ किया.अपने ससुर की आइस-क्रीम चाटती जीभ से मेनका 2 बार झाड़ गयी.अब उसकी बारी थी,वो उठी & पकड़ कर अपने ससुर को सोफे पे बिठा दिया & बोल से आइस-क्रीम निकाल कर उनके लंड & अंदो पे लगा दिया.फिर लगी अपनी जीभ से वाहा पे चाटने.सोफे पे टांगे लटकाए बैठे राजा साहब के मज़े का ठिकाना नही था.जैसे ही मेनका ने आइस-क्रीम की आखरी बूँद को चाट कर सॉफ किया,उन्होने उसे उठा कर सोफे पे बैठे-2 अपनी गोद मे अपने लंड पे बिठा लिया.

अब दोनो 1 दूसरे की आँखो मे झाँक रहे थे,मेनका की चूत राजा साहब के लंड से भरी थी & उसके हाथों मे उनका चेहरा था जिसे वो चूम रही थी. राजा साहब भी उसके जिस्म को अपनी बाहों मे कसे हुए उसकी पीठ & गांद से खेल रहे थे.

मेनका ने अपने ससुर को चूमते हुए अपनी कमर हिलाकर उन्हे चोदना शुरू कर दिया.राजा साहब का लंड उसकी कोख पर चोट कर रहा था & उसकी चूत मे तो जैसे सैलाब आ गया था-पानी था कि च्छुटे ही जा रहा था.

उसने अपने ससुर के सर को पकड़ कर अपनी चूचियो पर झुका दिया.राजा साहब भी उसकी चूचियो को चूसने लगे.उसकी चूचिया तो अब पूरी तरह से उनके होंठो के निशान से भर गयी थी. राजा साहब के भी अंदो मे अब मीठा दर्द होने लगा था.उन्होने अपनी बहू की गंद को दबोच लिया & उसके निपल को चूस्ते हुए नीचे से बैठे-2 ऐसे धक्के मार के अपना पानी छ्चोड़ा कि मेनका 1 बार फिर उनके साथ झाड़ गयी.

झड़ने के बाद दोनो वैसे ही बैठे 1 दूसरे को चूमते रहे,"ये फार्महाउस तुम्हारा है?"

"नही,हमारा है."उनका इशारा मेनका & अपनी तरफ था.मेनका ने नीचे देखा तो लंड झड़ने के बाद सिकुड़ने के बावजूद उसकी चूत मे ऐसे पड़ा था जैसे की अभी भी खड़ा हो.उसने अपनी चूत को हल्के से हिलाना शुरू किया.

"ये उन्ही प्रॉपर्टीस मे से 1 है जिनके पेपर्स स्टडी मे हैं."

"तुम तो ये सब दान करने वाले हो ना."

"हा,बिल्कुल.पर सोचते हैं कि इस फार्म हाउस को अपने नाम कर ले & इसे अपने प्यार का आशियाना बना ले.क्या कहती हो?"

जवाब मे मेनका ने मुस्करा कर उनके होठ चूम लिए.उसकी चूत की हर्कतो से राजा साहब का लंड फिर से गरम हो गया.वो वैसे ही उसकी चूत मे लंड डाले हुए खड़े हो गये & फार्महाउस के बेडरूम की तरफ बढ़ गये.

बेडरूम मे दाखिल होते ही मेनका चौंक गयी.पूरा कमरा जैसे सुहागरात के लिए सज़ा हुआ था.कमरे मे चारो तरफ फूल ही फूल भरे थे & बीचोबीच रखे बड़े से पलंग पर लाल गुलाब की पंखुड़िया बिखरी हुई थी.

उसने राजा साहब की तरफ सवालिया नज़रो से देखा.,"हमने केर्टेकर को कहा कि हमारा कोई जान-पहचान वाला अपनी नयी दुल्हन को लेकर यहा आएगा & 1 रात ठहरेगा तो उनके लिए उसने ये सजावट की & इसी बहाने हमने उसे छुट्टी भी दे दी कि वो जोड़ा नही चाहता कि कोई उन्हे डिस्टर्ब करे."

मेनका को लिए दिए राजा साहब बिस्तर पर लेट गये & लगे फिर से उसे चोदने लगे.थोड़ी देर तक मेनका उनके नीचे पड़ी चुदती रही,फिर उसने उन्हे पकड़े हुए करवट ले उन्हे अपने नीचे किया & उपर से कमर हिला-2 कर चोदने लगी.उसकी भारी चूचिया उसके ससुर के बालों भरे सीने पे रगड़ खा रही थी & होठ उनके होठों से सटे थे.

थोड़ी देर दोनो ऐसे ही चुदाई करते रहे कि फिर राजा साहब उसे पलट कर उस पर सवार हो गये & उसे चोदने लगे.दोनो की इस उठा-पटक से गुलाब की पंखुड़ीयान मसल रही थी & कमरे मे मदहोश करने वाली खुश्बू फैला रही थी.मेनका फिर से हवा मे उड़ रही थी.उसने अपनी टांगे अपने ससुर की कमर पे कस दी & नीचे से झटके मारने लगी.राजा साहब ने अपना लंड पूरा बाहर निकाला & फिर 1 ही झटके मे जड़ तक अंदर डाल दिया.

"ऊओ...ऊव्वववव..!..",मेनका चिल्लाई.राजा साहब ने फिर से यही हरकत दुहराते हुए उसे & ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया.मेनका अब बिल्कुल आपे से बाहर हो गयी.उस ने अपने नाख़ून अपने ससुर की गंद मे गाड़ा दिए & उसकी चूत पानी छ्चोड़ने लगी.नाखूनओ की चुभन ने राजा साहब की कमर के हिलाने को और तेज़ कर दिया & वो 1 बार फिर अपनी बहू की चूत के अंदर अपना पानी छ्चोड़ने लगे.

क्रमशः............................

mast menaka paart-7

gataank se aage...............

subah ke 5 baj rahe the.Menaka puri tarah se nangi bekhabar so rahi thi.bagal me Raja Sahab adlete se jage hue the & uski jawani ko nihar rahe the,vo bhi puri tarah nange the bas unki kalai par 1 sone ka bracelet chamak raha tha.bracelet ke beech me chamakta suraj bana tha joki unka rajchinh bhi tha.yehi vo cheez thi joki menaka ne bombay me unse chhipa kar kharidi thi taki unhe surprise de sake.kal raat aakhiri bar ki chudai ke baad usne apne hathon se ye unhe pehanaya tha.

raja sahab menaka ko dekhne lage.sote waqt kitni masoom lag rahi thi.uski badi-2 chhatiyon ke beech unki di chain chamak rahi thi.saanson ke karan uski chhatiyan upar neeche ho rahi thi . ye nazara dekh kar raja sahab ka soya lund fir jagne laga & unka dil kiya ki apne hoth apni bahu ke nipples se laga den.par tabhi unhe samay ka dhyan aaya,thodi der baad dono ko office bhi jana tha.agar abhi vo menaka ko chodte to aaj vo zaroor office miss kar deti joki vo bilkul nahi chahte the.

unhone 1 lambi saans bhari & uthkar closet ke raste apne kamre me chale gaye.fir vahan se menaka ki nighty & necklace lakar uske bed pe rakh diya & is baar finally apne bedroom me chale gaye & closet ke us secret raste ko band kar diya.

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Rajkul group ke office ke conference hall me raja sahab apne employees ko deal ke bare me & deal ke paison se unhe milne wale bonus ke bare me bata rahe the,"..aur ab 1 aakhri announcement.abhi tak company ka kewal 1 vice-president tha kunwar vishwajeet singh par aaj se 2 v-p honge & dusri v-p hongi kunwarani menaka singh."taaliyon ki gadagadhat se hall goonj utha,"...aaj ke baad agar hum office me na ho to humari jagah aap kunwarani ko hi apna sabse bada boss samajhiye.ye sari baaten thi joki aapka jaanana zaroori tha.agle 2-3 dino me bonus ki rakam aapke salary accounts me jama kara di jaayegi.thank you."

meeting ke baad menka raja sahab ke office chamber me baithi thi,"kya zaroorat hai hume v-p banane ki?"

"are bhai,vaise hi tum 1 v-p ki sari zimmedariyan uthati ho to bana bhi diya.",paas aakr use chair se uthaya & baahon me kas liya.

"kya kar rahe ho?koi aa jayega.",menaka chhutne ki koshish karne lagi.chehre par ghabrahat & sharm ke mile-jule bhaav the.

"humare office me bina humari ijazat ke koi nahi aa sakta.",raja sahab ne uske hoth chum liye.

"please,yash mujhe dar lag raha hai.pagal mat bano,office hai kisi ko pata chal gaya to gazab ho jayega."

"humpe bharosa rakho,tumse zyada tumhari fikr karte hain.",& ek bar fir uske honth chumne lage.unhone apne hathon se neeche se uski sari uthani shuru kar di.menaka fir kasmasai,"..please..",par raja sahab ne use ansuna karte hue sari kamar tak utha di & apne hathon se uski panty me kasi gaand ki faanko ko masalne lage.

vaise hi uski gaand pakad kar chumte hue unhone use desk par baitha diya & khud uske samne chair par baith gaye & 1 jhatke me uski panty utar di.menaka kuchh keh pati is se pehle hi uski janghe uske sasur ke kandhe pe thi & unke hoth uski chut pe jaa lage.

"ooo...ooh..",menaka ki siskari nikal gayi.usne apni jaanghon me apne sasur ko bheech liya & apne hathon se unke sar ko apni chut par dabane lagi.raja sahab ke munh ne uski chut ko chatna,chumna &choosna chalu kar diya & hath uski blouse me kasi choochiyon ko dabane lage.menaka mast ho gayi par man ke kisi kone me pakde jane ka dar bhi tha.vo jaldi se jaldi jhadna chahti tha & raja sahab isme uski puri madad kar rahe the.thodi hi der me menaka ne apni gand desk se utha di & apne hoth kaat apni siskariyon ko zabt karte hue apne sasur ka munh apne hathon se apni chut pe aur daba diya & jhad gayi.

raja sahab uthe,apni pant kholi & apna lund nikal kar desk par baithi menaka ki gili chut me daal diya.lund ghuste hi menaka unse lipat gayi &unke dhakkon ka maza uthane lagi,thodi hi der me uski gand fir hilne lagi.uske hoth apne sasur ke hothon se lage the & hath unke pure sharir par fir rahe the.raja sahab ne apne hath neeche se uski gand par kas diye the.dono chudai me puri tarah dub gaye & thodi hi der me dono ke sharir jhatke kha kar jhad gaye.

dono vaise hi lipate 1 dusre ko chum rahe the ki raja sahab ka mobile baja.

"hello."

"dushyant bol raha hu,yashveer.tumhare case ke bare me kuchh baat karni thi."

"haa,bhai.bolo,kya pata chala?",raja sahab ne apna lund apni bahu ki chut se kheech liya par unka khali haath abhi bhi uska sar sehla raha tha.

"bhai tum shahar aa jao to tumhe achhi tarah sari baat samjha du.",menaka ne desk se utar kar apne sasur ki aediyon pe giri pant ko utha kar unhe vapas pehana diya.

"thik hai,dushyant.hum bas abhi nikalte hain.",phone kaat kar unhone menaka ko apne paas khinch kar chuma & uski aankhon me uthe sawal ka jawab diya.,"1 bahut zaroori kaam se shahar jaana pad raha hai.rat tak laut aayenge .ghabraiye mat.chinta ki koi baat nahi hai.",unhone zamin par padi panty use thamai.

menaka use le bathroom chali gayi.jab bahar aayi to raja sahab ne use goodbye kiss di & chale gaye.

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shahar ke 5-star hotel ke us kamre me raja sahab apne jigri dost ke sath baithe the par kamre me unke alawa 1 naujawan bhi tha.

"yash,ye manish hai.tumhara case yehi investigate kar raha hai.aur ye raja yashveer singh hain,manish."

manish ne unhe pranam kiya to raja sahab ne jawab me sar hilake us naujawan ko thik se dekha.

"iski umra par mat jaana,yash.mere sabse kaabil bando me se hai ye.",dushyant verma phir manish se mukhatib hue,"manish ab tum sari report hum dono ko do."

"ji sar.",manish ne bolna shuru kiya,"sir,maine rajpura & shahar ki un sabhi jagaho par jakar tehkikat ki jaha kunwar sahab ka aan-jana tha.shuru me mujhe kahin koi surag nahi mila ki aakhir unhe drug kaun deta tha.shahar ke apne mukhbiro ke zariye maine pata lagaya to paya ki yaha ka kisi dealer ne to kabhi unse koi sauda nahi kiya tha.phir rajpura jaisi chhoti jagah ye dealers to jane se rahe.1 aadmi ke business ke liye yahan ka apna hazaron ka nuksan-ye koi sense nahi tha."thoda ruk kar manish ne pani ka 1 ghunt liya.

"..maine apna dhyan rajpura par laga diya.mujhe pata chala ki kunwar adivasiyon ke gaon mahua ki sharab lene jaate the.aur yehi kismat se mere hath 1 bada suraag lag gaya.aadivasiyon ne bataya ki kunwar ke alava bhi 1 shehri aadmi tha joki unse mahua le jata tha.unhone 1 baar use car me baithe kunwar se kuchh baate karte hue bhi dekha tha.jab maine uska huliya,naam aadi poochha to kuchh khas nahi pata chala."

"..fir 1 din main isi suraag ke follow-up ke lie un adivasiyon ke paas gaya.vaha 1 adivasi jo shehar me naukri karta tha,baitha hua tha & apne camera mobile se foto khich raha tha.fone me kuch problem aayi to usne mujhe dikhaya.dekha to paya ki memory full hai.maine use kaha ki kuch fotos delete karni padegi."

"..usne kaha ki vo batata jayega & main fotos delete karta jaoon.fotos delete karte hue meri nazar 1 foto par padi.usme 1 gora-chitta shahri tha.baki sare photo un adivasiyo ke the to fir ye shahri kaun tha?"raja sahab gaur se manish ko sun rahe the.

"..us adivasi ne bataya ki yehi vo aadmi tha.aur yehi vo foto hai,sir.",manish ne apna laptop on kar screen raja sahab ki taraf kar di.foto me 3 adivasi baithe hans rahe the& peeche foto ke kone me vo shehri tha.raja sahab ke dimagh me us insan ka chehra chhap gaya.

"kya guarantee hai manish ki yehi insan drug dealer hai?"

"ye raja sahab.",manish ne 1 chhota sa packet aage badhaya jisme 1capsule tha.,"ye 1 baar iski jeb se gir gaya tha & mahua bechne wale adivasi ne dawa samajh kar apne paas rakh liya tha & fir bhul gaya tha.is aadmi ki baat chalne par use yaad aya to mujh se is 'dawa' ke bare me puchhne laga."

"well done,manish.i'm proud of you.",dushyant verma ne uski pith thonki.

"manish,aapne kamal ka kaam kiya hai.hum chahte hain ki is insan ko dhundhne me aap humari madad karen.",raja sahab ne us se hath milaya.

"sir,ye bhi koi kehne ki baat hai.jab tak pata na chal jaye main bhi chain se nahi baithunga."

"..par yash ye kaun ho sakta hai?vahi jabar ka sathi?"

"pata nahi,dushyant samajh nahi aa raha.jabbar ka kehne ko to dhandha property dealing ka hai par asal me disputed properties ko bikwana,kisi ki property par zabardasti kabza kar us se paise ainthna ye uska asal kaam hai.mashoor hai ki uski jeb me 1 chabiyon ka guchha hai jis se ki duniya ka koi bhi tala khul sakta hai."raja sahab ne glass utha kar pani piya,"..par drugs...ye meri bhi samajh me nahi aa raha.is tasveer wale aadmi ko bhi pehli baar dekha hai.par mera man kehta hai ki is ke taar jabbar se hi jude hain.par kaise?"

"ye manish pata laga hi lega.tum chinta chhodo.chalo kuchh khate hain."

raat ke 11:30 baj rahe the par Raja Sahab abhi tak nahi aaye the.sham 7 baje fone aaya tha ki vo khana kha kar aayenge par kisi bhi haal me 10 baje tak aa jayenge.Menaka 1 chhota-sa white camisole joki bas uski panty ko dhake hue the, pehne bechaini se apne kamre me chehalkadmi kar rahi thi.apne mobile se vo lagatar apne sasur ka mobile try kar rahi thi par baar-2 switched off ka message aa raha tha.closet ka rasta usne khol diya tha & uski nazre baar-2 vaha ja rahi thi.

tabhi car ki aavaz aayi,raja sahab laut aye the.neeche se naukaron ko bahar kar darwaza band karne ki aavaz aayi to menaka apne bistar par chadar odh kar let gayi.apni pith usne closet ki taraf kar li.vo gusse me pagal ho rahi thi.

thodi der baad raja sahab closet ke raste uske kamre me dakhil hue,vo pure nange the.raja sahab ne chadar uthai & let kar menaka ko peeche se apni bahon me jakad liye.,"jao,mujhe sone do.",menaka ne unka hath hata diya.

"kya ho gaya?"

"kuchh nahi.hume neend aa rahi hai."

"nahi tum naraz ho.kya galti ho gayi bhai?",unhone fir use jakad liya & peeche se apna nanga badan uski pith & gand se chipka diya.

"1 to itni der kar di,upar se fone bhi nahi utha rahe the & pucchte ho kya galti ki!"

"fone discharge ho gaya tha & kaha tha na ki zaruri kaam tha,usi me der ho gayi.ab gussa chhodo & pyar karo.",unka daya hath uski panty me ghus gaya & baya uski gardan ke neeche aa gaya & vahi se uski chhatiyan dabane laga.

apni gaand pe apne sasur ka lund mehsus karte hi menaka ne apna hath peeche le ja kar use pakad liya & hilane lagi.,"kya kam tha.......aann...nnnhhhhh?"raja sahab ki ungliya uske choot ke dane ko ragad rahi thi.

"waqt aayega to sab batayenge,menaka.abhi bas hume pyar karo."raja sahab ne uska chehra apni taraf ghumaya & dono ek-dusre ko jamkar chumne lage.menaka 1 baar jhad chuki thi.raja sahab ne uska camisole & panty uske jism se alag kiye & peeche se karwat liye hue hi apna lund usli chut me daal diya & uski pith se chipak kar dhakke marne lage.unka lund menaka ke g spot se ragad kha raha tha & vo dubara jhad gayi.

raja sahab ne bina uski chut se lund nikale use ghutno ke bal ulta khada kar diya .menaka ka sar takiye me dhansa hua tha & gand hawa me uthi hui thi.uske sasur ka lund jad tak uski chut me duba hua tha & unke hath uski gand & urozon ko masal rahe the.raja sahab ne use isi position me chodna shuru kar diya,menaka masti me jhum rahi thi.

doggie style me chodte-2 raja sahab ne aise zordar dhakke mare ki menaka bistar par pet ke bal gir padi.raja sahab bhi dhakke roke bina uske upar let gaye,apne hath uske neeche le jakar uski choochiyan dabane lage & lage apni bahu ki chudai karne.menaka ne apna sar uthakar peeche ghumaya to raja sahab ne apne hoth uske hothon se laga diye.

dono ek-dusre ko chumte hue chudai kar rahe the.menaka ne apni kamar hilana shuru kar diya & apne sasur ke hothon ko kas liya,vo jhad gayi thi & tabhi raja sahab ne bhi uski chhatiyon pe apni pakad bahut mazbut kar di &1-2 dhakke laga kar uski chut me apna pani chhod diya.

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"Bizzare" nightclub khachakhach bhara tha.music & logon ki baatcheet ka shor tha & club ke bar ke samne drinks lenewalon ki bheed jama thi.

"excuse me..meradrink..",vo chhota-sa black dress pehne ladki bartender ko apna order dene ki koshish kar rahi thi par is bheed & shor meuska dhyan us ladki ki taraf ja hi nahi raha tha.majid suleman ki nazre us ladki ke dress se jhankti gori taangon & jaanghon ke hisse ko ghur rahi thi.


"ye lijiye apni drink.",usne bheed me se hath badha kar bartender se 1 glass liya & us ladki ko pakdaya.

"thankyou.",majid ne disco lights me us ladki ka chehra dekha-bala ki khubsurat thi & dress ke gale me se jhankta uska cleavage..uff!

"mujhe majid kehte hain."

"hi!i'm roma.",usne majid se hath milaya.

"aap akeli aayi yahan?"

"nahi.apni saheli & uske boyfriend ke sath aayi thi.pata nahi dono kaha gayab ho gaye."

"aap apne boyfriend ke sath nahi aayi?"

"mera break-up ho gaya hai."

"i'm sorry."

"no you shouldn't be.i'm not.usne mujhe kisi or ke liye chhod diya."

"oh.vo shartiya bevkuf insan hoga jisne aapke jaisi haseen ladki ko chhod diya.to aap fir se single hain?"

"tareef ke liye shukriya.ji haa,main single hu.aur aap?"

""main bhi."

"aap kya karte hain?"

"main taxi-driver hu."

"ji?!"

"ji.main 1 charter aircraft co.me pilot hu.jo log planes hire karte hain unhe unki manzil tak pahuchata hu."

"ohh.",dono hansne lage."aap bahut mazakiya hain,mr.majid?"

"please no mr. & no aap."

"ok.to tum pilot ho.kitna exciting kaam hai.bahut maza aata haoga na plane udane me...

...aur aisi hi baaton se roma urf malika ne us pilot ko sheeshe me utarna shuru kar diya.

thodi der baad hotel ke 1 kamre me majid nanga leta tha & uska lund uske upar baithi malika ki chut me tha.malika uske upar jhuk kar apne baaye hath se pakad kar apni baayi chhati majid ke munh me de rahi thi & majid ke hath uski pith par fisal rahe the.thodi der baad usne baayi nikali & daayi chhati uske munh me daal di.majid ne aisi khubsurat ladki pahle kabhi nahi chodi thi & uske liye ab apna pani rokna mushkil ho raha tha.usne apni kamar hila kar dhakke marna shuru kiya to malika uth kar baith gayi & kamar hila-2 kar use chodne lagi.

malika ne apne hath apne baalon me firane shuru kar diye,majid ki to halat buri ho gayi.usne apne hathon se uski chhatiyan masalani chalu kar di & zor-2 se kamar hilate hue uski chut me jhad gaya.malika nahi jhadi thi par jaise hi usne majid ka pani apni chut me mehsus kiya vo jhuk kar us se chipak gayi & jhadne ki acting karne lagi.

malika uske upar se utar kar uski bagal me let gayi.majid use banh me gher kar uska pet sehlane laga.

"majid..."

"hmm."

"tumhare plane me kafi mashoor log bhi aate honge na?"

"huun.",majid jhuk kar uski chhatiya chusne laga.

"kaun-2 baitha hai tumhare plane me?"

"rahul dravid,john abraham,preity zinta,sania mirza..",usne chusna chhod un urozon ko fir se dabana chalu kar diya.

"really!aur?",malika ne uska lund apne hath me le liya.

"..aur....kuchh politicians."

"..aur businessman?",vo ab lund hilkar use dubara khada kar rahi thi.

"haa...jindal steel ka malik aaya tha 1 baar.aur apne rajkul ke raja sahab ko to main humesha le jata hu."

"sach me?raja sahab ko bhi.wow!....kahi tum mujhe bana to nahi rahe majid?"

"are nahi,meri jaan.tumhe pata hai main har bar unki flight pilot karta hu.",vo is ladki ko impress karne ka mauka nahi chhodna chahta tha."..aur tumhe pata hai ki unka beta ..-"

"-..vo jo drug addict ho gaya hai?"

"haa,aur jiske bare me koi nahi janta ki vo kaha gaya hai."usne malika ko lita diya & apni ungli uski chut me dal di.,"...par main janta hu."

"..achha..",malika ne aankhe band kar aise jataya jaise use bahut maza aa raha tha jabki haqeeqat me uska pura dhyan majid ki baaton par tha.usne sapne me bhi nahi socha tha ki bina raja ka naam liye vo use ye sab batane lagega.

"haa.raja sahab ka beta bangalore me hai kisi dr.puri..nahi purve.....haa yaad aya.dr.purandare ke clinic me."

malika ka kaam ho gaya tha.usne majid ko apne upar kheech liya joki apna lund uski chut me ghusane laga.


thodi der baad majid ko gehri neend me sota chhod malika lift se neeche hotel ke exit ki taraf ja rahi thi.majid bechare ko pata bhi nahi tha ki usne kitni badi galti kar di thi.

malika ki chut me aag lagi thi.majid use zara bhi shant nahi kar paya tha.ghar pahunch kar jaise hi usne jabbar ko sari baat batayi vo khushi se pagal ho gaya & use kheench kar apni baahon me bhar chumne laga.yehi to malika chahti thi.usne bhi 1 hath se uska lund pakad liya & dusre se apne kapde utarne lagi.

Jabbar apne dono sathiyon ke sath bangalore jane ki taiyyari karne laga,"hum teeno alag-alag bangalore pahunchenge & is hotel ke restaurant me milenge.",usne milne ka din & samay bhi dono ko bataya.

"yaha se hum me se koi bhi seedhe bangalore nahi jayega.hum sab yaha se 3 alag-2 shahron ko jayenge & vaha se bangalore jayenge & koi bhi apna sahi naam istemal nahi karega."

"vaha pahunch to jayenge par vishwajeet ko rehab centre se kaise nikalenge?",ye sawal kallan ne puchha.

"vaha pahunch kar hum centre ke bare me sari jankari jutayenge & fir main aage ka plan banaoonga.filhal to main hum sab ke travel plans arange karta hu.",jabbar flat se bahar nikal gaya.

uske nikalte hi malika daud kar khade hue kallan ki god me chadh gayi,apni taango se usne uski kamar jakad li & use chumne lagi.kallan ke haathon ne uski gand ko tham liya.malika kewal 1 t-shirt pehne thi.kallan ne use 1 deewar se chipka diya & 1 hath se usko tham kar dusre se apni pant khol apna lund nikal liya.

usne khade-2 hi apna lund malika ki chut me utar diya & use deewar se laga kar dhakke marne laga.malika apni jeebh se uske kaan ko chatne lagi & uske bade lund ka maza uthane lagi.

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sawere thodi der se Menaka ki aankh khuli.kal Raja Sahab ne use kuchh zyada hi jum kar choda tha.use maza to bahut aya tha par utni hi thakan bhi ho gayi thi.usne socha ki aaj office na jaye par fir laga ki kal hi to use v-p banaya gaya hai & aaj pehle din hi gairhazir rahe,ye achha nahi lagega.fir aaj saturday tha,to office aadhe din me hi khatam ho jana tha.

menaka taiyyar hokar neeche aayi to pata chala ki raja sahab pehle hi office ja chuke hain to vo bhi fatafat nashta kar office pahunch gayi.aaj raja sahab ne office me kal wali harkat nahi dohrayi to usne rahat ki saans li par sath hi sath thoda nirash bhi hui.par phir aane wali raat ka khayal aate hi uske hothon par muskan & chut me gilapan aa gaya.

sham 4 baje raja sahab ne us se office se chalne ko kaha.dono car me baith gaye & raja sahab ne driving shuru kar di.

"are,ye kidhar ja rahe ho?ye rasta to ghar nahi jata."

"haa,hum ghar ja bhi nahi rahe."

"to fir kaha ja rahe hain?",menaka khisak kar apne sasur se sat kar baith gayi.

"vo to pahunch kar hi pata chalega.",unhone bhi use apni baanh me samet liya.

"hum raat tak vapas to aa jayenge na?"

"ab to hum kal sham ko hi lautenge."

"oh.par hume kapde to le lene lete ghar se."

"jaha hum ja rahen hai vaha kapdon ki koi zaroorat nahi hai,meri jaan.",raja sahab ne uske gaal par chum liya.

"hato.main bina kapdon ke nahi rahungi.",menaka banawati gusse se boli.

"vo to hum pahunch kar dekhenge.",unhone is bar uske hoth chum liye.

kareeb 3 ghante ke baad vo shahar ko paar karte hue apni manzil par pahunch gaye.vo 1 bada-sa farmhouse tha jiske agal-bagal aur koi building nahi thi.sabse paas wala farm house bhi 1/2km door tha.raja sahab ne car se utar kar gate pe latak raha tala khola,car andar ki aur gate vapas lock kar diya.

menaka utar kar apne sasur ka hath thame farmhouse ko ghum kar dekhne lagi.peechhe 1 bada swimming pool tha aur charo taraf hari ghas bichhi thi.farm house ki building bahut aalishan thi.kitchen me khane ka sara saman maujood tha.

"ye sara intezam,yaha ki dekh-rakh kaun karta hai?"

"caretaker hai.par humne use 2 din ki chhutti de di hai.abhi yaha hum dono ke alawa koi bhi nahi hai."raja sahab use baahon me pakadne ke liye aage badhe to menaka chhitak kar dur ho gayi.,"pehle kuchh kha len."

menaka ne khana nikala to raja sahab ne use khinch kar apni god me bitha liya & dono vaise hi khane lage.menaka ki badi gaand ka dabav padte hi raja sahab ka lund khada ho gaya & menaka uski chubhan apni gaand pe mehsus karne lagi.khana khatam hote-2 dono garam ho chuke the.

raja sahab ne god me baithi apni bahu ko chumna shuru kar diya.unke hath uski kamar & gand ko sehla rahe the.menaka bhi unki kiss ka pura jawab dete hue apni gand se unke lund ko ragad rahi thi.raja sahab ne apna hath kamar se hata uske blouse me dal diya to menaka bhi unke shirt ke button kholne lagi.dono jaldi se uth khade hue & 1 dusre ke kapde utarne lage.

nange hote hi dono 1 dusre ke gale lag gaye & chumne lage.raja sahab ne apni bahu ki bhari-2 gand ko jum ke sehlaya & masla.fir menaka unke hothon ko chhod unke seene ko chumte hue neeche unke lund tak aa gayi & apne ghutno pe baith use chusne lagi.unke ando ko apne komal hathon me daba kar jab lund ko usne zor se chusa to raja sahab ki aah nikal gayi.

unhon ne use apni god me utha liya & drawing room me aa gaye.vaha unhone menaka ko sofe pe lita diya & uske pet ko chumne lage.apni ungli se unhone uski chut ko kuredna chalu kar diya.

"oohhh..!",menaka ki mast aanhon se farmhouse ka veerana bhi gulzar ho gaya.raja sahab ka chehra uski chut pe jhuk gaya & vo uske dane ko apni jibh se chaatne lage.menaka paaglon ki tarah apni kamar uchkane lagi & jhad gayi.raja sahab ne uski chut ke chhode hue sare pani ko pi liya.

fir raja sahab uth kar uske sar ke peeche khade ho gaye,menaka ne unke lund ko apni aankhon ke samne dekha to hath peechhe le ja ke usne unki gaand ko pakad liya & apna sar peechhe kar ke unka lund 1 bar fir apne munh me lekar chusne lagi.raja sahab ne hath neeche le ja kar uski chhatiyon ko dabana & nipples ko masalna shuru kar diya.

tabhi raja sahab ko kuchh khayal aaya,unhone apne lund ko menaka ke munh se nikal liya & bhagte hue kitchen ki taraf chale gaye.menaka ko hairat hui par jab tak vo uthati raja sahab vapas aa gaye the.unke hath me 1 bowl tha.raja sahab uske paas baith gaye & bowl me rakhi cheez chamche se uski chhatiyon pe dalne lagi.

"ooohhh..!",seene pe thanda geelapan mehsus hua to menaka ki aah nikal gayi.usne dekha raja sahab uski choochiyon ko ice-cream se dhank rahe the.raja sahab ne bowl kinare rakha & toot pade apni bahu ki ice-cream se sarabor choochiyon par.menaka to pagal ho gayi.raja sahab ne chat-2 kar uske seene ko saaf kiya & fir pehle uski nabhi ko ice-cream se bhara & fir apni jibh se saaf kiya.

ab uski chut ki bari thi.raja sahab ne vaha bhi ice-cream lagai & fir chat-chat kar saaf kiya.apne sasur ki ice-cream chaatati jibh se menaka 2 baar jhad gayi.ab uski bari thi,vo uthi & pakad kar apne sasur ko sofe pe bitha diya & bowl se ice-cream nikal kar unke lund & ando pe laga diya.fir lagi apni jibh se vaha pe chaatne.sofe pe taange latkaye baithe raja sahab ke maze ka thikana nahi tha.jaise hi menaka ne ice-cream ki aakhri boond ko chaat kar saaf kiya,unhone use utha kar sofe pe baithe-2 apni god me apne lund pe bitha liya.

ab dono 1 dusre ki aankho me jhank rahe the,menaka ki chut raja sahab ke lund se bhari thi & uske haathon me unka chehra tha jise vo chum rahi thi. raja sahab bhi uske jism ko apni baahon me kase hue uski pith & gaand se khel rahe the.

menaka ne apne sasur ko chumte hue apni kamar hilakar unhe chodna shuru kar diya.raja sahab ka lund uski kokh par chot kar raha tha & uski chut me to jaise sailaab aa gaya tha-pani tha ki chhute hi ja raha tha.

usne apne sasur ke sar ko pakad kar apni chhatiyon par jhuka diya.raja sahab bhi uski chhatiyon ko chusne lage.uski chhhatiyan to ab puri tarah se unke hotho ke nishan se bhar gayi thi. raja sahab ke bhi ando me ab mitha dard hone laga tha.unhone apni bahu ki gand ko daboch liya & uske nipple ko chuste hue neeche se baithe-2 aise dhakke mar ke apna pani chhoda ki menaka 1 bar fir unke sath jhad gayi.

jhadne ke baad dono vaise hi baithe 1 dusre ko chumte rahe,"ye farmhouse tumhara hai?"

"nahi,humara hai."unka ishara menaka & apni taraf tha.menaka ne neeche dekha to lund jhadne ke baad sikudne ke bawjood uski chut me aise pada tha jaise ki abhi bhi khada ho.usne apni chut ko halke se hilana shuru kiya.

"ye unhi properties me se 1 hai jinke papers study me hain."

"tum to ye sab daan karne wale ho na."

"haa,bilkul.par sochte hain ki is farm house ko apne naam kar le & ise apne pyar ka aashiyana bana le.kya kehti ho?"

jawab me menaka ne muskara kar unke hoth chum liye.uski chut ki harkato se raja sahab ka lund fir se garam ho gaya.vo vaise hi uski chut me lund dale hue khade ho gaye & farmhouse ke bedroom ki taraf badh gaye.

bedroom me dakhil hote hi menaka chaunk gayi.pura kamra jaise suhagraat ke liye saja hua tha.kamre me charo taraf phool hi phool bhare the & beechobeech rakhe bade se palang par lal gulab ki pankhudiya bikhri hui thi.

usne raja sahab ki taraf sawaliya nazro se dekha.,"humne caretaker ko kaha ki humara koi jaan-pehchanwala apni nayi dulhan ko lekar yaha aayega & 1 raat thehrega to unke liye usne ye sajawat ki & isi bahane humne use chhutti bhi de di ki vo joda nahi chahta ki koi unhe disturb kare."

menaka ko liye diye raja sahab bistar par let gaye & lage fir se use chodne.thodi der tak menaka unke neeche padi chudti rahi,fir usne unhe pakde hue karwat le unhe apne neeche kiya & upar se kamar hila-2 kar chodne lagi.uski bhari chhatiyan uske sasur ke baalon bhare seene pe ragad kha rahi thi & hoth unke hothon se sate the.

thodi der dono aise hi chudai karte rahe ki fir raja sahab use palat kar us par sawar ho gaye & use chodne lage.dono ki is utha-patak se gulab ki pankhudiyan masal rahi thi & kamre me madhosh karne wali khushbu phaila rahi thi.menaka phir se hawa me ud rahi thi.usne apni taange apne sasur ki kamar pe kas di & neeche se jhatke marne lagi.raja sahab ne apna lund pura bahar nikala & phir 1 hi jhtake me jad tak andar dal diya.

"OOO...OOWWWWW..!..",menaka chillayi.raja sahab ne fir se yehi harkat duhrate hue use & zor se chodna shuru kar diya.menaka ab bilkul aape se bahar ho gayi.us ne apne nakhun apne sasur ki gand me gada diye & uski chut pani chhodne lagi.nakhuno ki chubhan ne raja sahab ki kamar ke hilne ko aur tez kar diya & vo 1 baar fir apni bahu ki chut ke andar apna paani chhodne lage.

kramshah............................












आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
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(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj


















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