मस्त मेनका पार्ट-8
गतान्क से आगे...............
सवेरे राजा साहब की नींद खुली तो उन्होने देखा कि वो बिस्तर पर अकेले हैं,मेनका शायद बाथरूम मे थी.वो उठकर किचन मे आ गये & अपना अंडरवेर उठा कर पहन लिया,पॅंट उठा कर उसमे से मोबाइल निकाला & बॅंगलुर डॉक्टर.पुरन्दारे से बात करने लगे.
खबर अच्छी थी,विश्वा अपनी लत छ्चोड़ने की पूरी कोशिश कर रहा था.राजा साहब को खुशी हुई पर फिर मेनका का ख़याल आया तो चेहरे पे आई मुस्कान गायब हो गयी.वो जानते थे कि विश्वा आएगा तो ये सब बंद करना पड़ेगा पर वो मेनका के हुस्न & इश्क़ के दीवाने हो चुके थे.इसीलिए उन्होने ये फार्महाउस का प्रोग्राम बनाया था.वो चाहते थे कि बेटे के आने से पहले वो मेनका के साथ जम के प्यार के मज़े लूट ले.
इन्ही ख़यालों मे गुम उन्होने दुष्यंत वेर्मा को फोन मिलाया,"क्या हाल है,दोस्त?"
"सब बढ़िया,तू सुना."
"ठीक हू.उस तस्वीर वाले शख्स के बारे मे कुच्छ पता चला?"
"नही यार.पहुँची चीज़ लगता है.उसका कोई सुराग नही मिला है.जब्बार से भी उसके तार जुड़ते नही दिखते हैं.वैसे जब्बार आजकल शहर से बाहर गया हुआ है.कहा ये मालूम नही."
"दोस्त,इधर जब्बार हमे परेशान नही कर रहा.इसीलिए हमे डर है कि या तो वो कोई बड़ी साज़िश रच रहा है या साज़िश की शुरुआत कर चुका है.पता नही क्यू हमारा दिल कहता है कि विश्वा को नशे की लत लगाने मे उसी का हाथ है."
"तू अब इतनी फ़िक्र मत कर,दोस्त.सब ठीक हो जाएगा & मेरा चेला मनीष इस मामले की तह तक पहुँच तेरी सारी मुश्किल आसान कर देगा."
"तेरे पे मुझे पूरा भरोसा है,दोस्त."
इसके बाद दोनो दोस्तो ने कुच्छ इधर-उधर की बातें की & फोन काट दिया....सब ठीक हो जाएगा..हो तो जाएगा पर मेनका & उनके बीच का रिश्ता...क्या है इस रिश्ते की मंज़िल?..राजा साहब के मन मे सवाल घूमड़ रहे थे की तभी मेनका वाहा आ गयी.
उसने 1 बातरोब पहना हुआ था जोकि उसकी गंद तक ही आ रहा था,"मुझे कपड़े चाहिए?"
"पहने तो हुए हो.",राजा साहब का दिल उसे देखते ही फिर से हल्का हो गया & मस्ती के मूड मे आ गया.
"प्लीज़ यश.दो ना कपड़े.",मेनका बच्चों की तरह मच्लि.
"ओके.",राजा साहब वैसे ही केवल 1 काला अंडरवेर पहने बाहर कार तक गये & 1 पॅकेट लाकर उसे थमा दिया.
"ये..इसे पहनु ना पहनु सब बराबर है.",मेनका के हाथों मे 1 रेड कलर की 2-पीस स्ट्रिंग बिकिनी थी.
"अरे पहन कर दिखाओ तो."
"पहनुँगी & 2 मिनिट मे तुम उतार भी दोगे.रात भर तो मेरी हालत खराब करते रहे.अब आज मुझमे इतनी ताक़त नही है.प्लीज़ ढंग के कपड़े दो ना."
"अरे,जान!बस 1 बार इसे पहन कर दिखा दो.",राजा साहब ज़िद करने लगे.
"1 शर्त पे पहनुँगी."
"क्या?"
"पहनने के बाद तुम मुझे बिल्कुल भी हाथ नही लगाओगे."
"ये कैसी अजीब शर्त है?इसे पहन ने के बाद तो तुम्हे प्यार करने और ज़्यादा मज़ा आएगा.प्लीज़ छ्चोड़ो ये शर्त-वर्त & पहन कर दिखाओ ना."
"ऊंन-हुंग.शर्त मानो तो पहनुँगी."
"ठीक है मानता हू शर्त,पर मेरी भी 1 शर्त है,तुम खुद अपने कपड़े उतरोगी & फिर मैं तुम्हे तब तक प्यार करूँगा जब तक मैं चाहू."
"ठीक है.करते रहना इंतेज़ार.खुद तो मैं कपड़े उतारने से रही."
मेनका ने बातरोब खोल कर अपने जिस्म से सरका दिया.अब वो पूरी नंगी थी बस गले मे वोही चैन लटक कर उसकी छातिया चूम रही थी.मेनका ने बिकिनी की पॅंटी उठाई & उसे अपनी टाँगो से उपर किया & अपनी चूत को ढँकते हुए अपनी कमर पर उसकी डोरियाँ बाँधने लगी.उसकी नज़रे अपने ससुर के चेहरे पर टिकी थी & होठों पे शरारत भरी मुस्कान खेल रही थी.
राजा साहब के होठ सुख गये थे.वो बस भूखी निगाहों से अपनी बहू को घूर रहे थे.मेनका ने बिकिनी का ब्रा उठाया & अपने गले मे डाल लिया & अपने हाथ पीछे ले जाकर उसकी डोरियाँ बाँधने लगी.फिर घूम कर अपनी मखमली पीठ अपने ससुर के सामने कर दी,"इसे बाँध दो ना,प्लीस!...और हाँ च्छुना नही."
राजा साहब के सामने उनकी बहू की लगभग नंगी पीठ थी & नीचे स्विमस्यूट की पॅंटी मे मुश्किल से समाती गंद.उन्होने हाथ बढ़ा कर डोरी बाँध दी.मेनका ने खाने का समान निकाला & अपने ससुर को बैठने का इशारा किया & झुक-2 कर अपनी चूचिया उनके मुँह के सामने छल्काते हुए उन्हे नाश्ता परोसने लगी.राजा साहब की पेट की भूख तो उनके लंड की भूख के आगे कुच्छ भी नही थी.जब तक दोनो कहते रहे उनकी नज़रे बिकिनी के टॉप से झँकते अपनी बहू के क्लीवेज को घुरती रही.
मेनका को अपने ससुर को तड़पाने मे बहुत मज़ा आ रहा था.वो उठी & घूम कर किचन से बाहर चली गयी.राजा साहब भी उसके पीछे-2 चलने लगे.
मेनका जानती थी कि उसके ससुर उसके पीछे उसके रूप के जादू से खींचे चले आ रहे हैं & शर्त के कारण उनके हाथ बँधे है.उसने उन्हे और तड़पाने की सोची & अपनी गंद थोड़ा ज़्यादा मटका के & लहरा के चलने लगी.राजा साहब का लंड उनके अंडरवेर को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो उठा.
मेनका फार्महाउस के पीछे बने पूल पर आ गयी,"वाउ!कितना अच्छा पूल है.",और उसने उसमे गोता लगा दिया & लगी तैरने.राजा साहब वही बैठ कर उस जलपरी को निहारने लगे.मेनका तैरते हुए आती & पानी मे उपर नीचे होती तो उसकी चूचियाँ जैसे उसके ब्रा मे से निकलने को मचल उठती.
तभी मेनका पूल के उस हिस्से मे जहा सिर्फ़ 4 फ्ट पानी था,आके खड़ी हो गयी थी अपने ससुर के सामने.उसके गोरे बदन पे पानी की बूंदे हीरों की तरह चमक रही थी.
"क्या हुआ,यश?तबीयत तो ठीक है ना?",कह कर उसने हाथ सर के उपर ले जाके अंगड़ाई ली.ऐसा करने से उसकी छातिया उसके ब्रा के गले मे से और ज़्यादा नुमाया हो गयी.राजा साहब बुरी तरह तड़प रहे थे पर क्या कर सकते थे,शर्त जो मानी थी.
मेनका ने फिर तैरते हुए पूल के 2 चाक्कर लगाए & फिर वही आ के खड़ी हो गयी & लगी अपनी अदाओं से अपने ससुर को तड़पाने.पर इस बार राजा साहब ने भी जवाब सोच लिया था.वो खड़े हो गये & अपना अंडरवेर उतार दिया.राजा साहब का लंड फंफनता हुआ बाहर आ गया.राजा साहब ने उसे हाथ मे लिया & लगे हिलाने.
मेनका हैरत से उन्हे देखने लगी.वो पहली बार किसी मर्द को इस तरह से अपने लंड से खेलते देख रही थी.उसकी निगाहे अपने ससुर के लंड से चिपक गयी.इस लंड की तो वो दीवानी हो गयी थी.उसने राजा साहब को यूही तड़पाने के लिए शर्त दी थी पर हक़ीक़त मे वो भी हर वक़्त बस उनसे लिपट कर उनके लंड को अपने हाथों मे,अपने मुँह मे या अपनी चूत मे महसूस करना चाहती थी.
उसका हाथ अपने आप अपनी चूत पर चला गया था & उसे सहलाने लगा था.राजा साहब अपना लंड हिलाए चले जा रहे थे & मेनका की चूत गीली हुए जा रही थी.वो मस्ती मे आ रही थी & उसे अब कोई शर्त याद नही थी.उसने अपने हाथों से बिकिनी की डोरिया खोल दी & उसे पूल के पानी मे गिर जाने दिया.
राजा साहब की चाल काम कर गयी थी.वो भी पूल मे उतर गये & उसे बाहों मे भर उसे चूमने लगे.मेनका ने अपने हाथ मे उनका लंड पकड़ लिया & उनकी किस का जवाब देने लगी.राजा साहब ने उसकी गंद को दबाना चालू कर दिया तो मेनका हंसते हुए छितक कर उनसे दूर हो गयी & पानी मे तैरने लगी.राजा साहब भी उसके पीछे हो लिए & थोड़ी ही देर मे उसे पकड़ लिया.
पीछे से पकड़ के वो उस से चिपक गये & अपना लंड उसकी गंद की दरार मे अटका दिया.फिर तैरते हुए उसे कम गहराई वाली जगह लाके पूल की दीवार से लगा के पीछे से लंड चूत मे डालने लगे.
मेनका पलट गयी & उनके गले से लग गयी.अब उसकी चूत उसके ससुर के लंड के सामने थी उसने अपनी टाँगे फैला कर अपने हाथ से उनका लंड अपनी चूत मे डाला & फिर टाँगे उनकी कमर पर कस दी.दोनो के पेट के नीचे के हिस्से पानी मे थे.राजा साहब इसी तरह अपनी बहू की चूत चोदने लगे.मेनका उनसे चिपक कर मज़े के समंदर मे गोते लगाने लगी.अपने ससुर की चुदाई से ना जाने वो कितनी बार झड़ी उसे बाद मे याद भी नही था. बस इतना याद था कि उसकी चूत मे उसके ससुर का गरम वीर्या गिरा था & उसके बाद वो वैसे ही चूत मे लंड डाले उसे उठाए घर के अंदर आ गये थे & वो थक कर उनकी बाहों मे सो गयी थी.
मेनका की नींद खुली तो उसने देखा कि वो ड्रॉयिंग रूम के मखमली ईरानी गाळीचे पे लेटी थी,बगल मे उसके ससुर लेते थे & अपने ख़यालों मे खोए थे.घड़ी देखी तो 4 बज रहे थे...तो वो पिच्छले 4-5 घंटो से सो रही थी.और सोती भी क्यू ना,कल पूरी रात चोदने के बाद राजा साहब ने उसे सुबह 3:30 बजे छ्चोड़ा था.उसने करवट लेके उनके सीने पे सर रख दिया & वाहा पर के बालों से खेलने लगी,"क्या सोच रहे हो?"
"कुच्छ नही.",राजा साहब उसके सर पे हाथ फेरने लगे.
"ऐसी क्या बात है जो तुम मुझे बता नही रहे?उस दिन भी फोन आया &तुम भागते हुए शहर चले गये.आख़िर क्या मामला है,मैं जानना चाहती हू.",मेनका उनके सीने पे कोहनी रख उनके चेहरे को देख रही थी.
"बात तुम्हे पसंद नही आएगी."
"मैं फिर भी सुनना चाहती हू."
"तो सुनो मैं विश्वा के बारे मे सोच रहा था."
मेनका मुँह घुमा कर दूसरी तरफ देखने लगी.
"देखा,मैने कहा था ना.हो गयी ना अपसेट.",उ उसके गालों को सहलाने लगे.
"फिर भी बताओ शहर शहर क्यू गये थे?"
"तो सुनो.",राजा साहब ने करवट ली तो मेनका भी करवट लेकर लेट गयी.अब दोनो 1 दूसरे को देखते हुए करवट से लेते थे,"ये विश्वा की अपनी कमज़ोरी है कि वो इस बुरी लत का शिकार हुआ पर आख़िर वो कौन शख्स था जो उसे ड्रग्स देता था.मैं यही जानने की कोशिश कर रहा हू.",फिर उन्होने उसे दुष्यंत वेर्मा &उनके इन्वेस्टिगेशन के बारे मे बताया.
उन्होने उसकी बाई जाँघ खींच कर अपनी दाई जाँघ पर चढ़ा दी & अपनी दाई टांग उसकी टाँगो के बीच ऐसे डाल दी की लंड छूट से आ सता.अपनी बाई हाथ उसकी गर्दन के नीचे दल उसी हाथ से उसके कंधे को सहलाने लगे & डाए हाथ से उसकी चूत को.मेनका ने अपना बाया हाथ उनकी गंद पे रख दिया & दया नीचे ले जाकर उनके लंड & अंदो को रगड़ने लगी.
"आख़िर ये जब्बार आपसे इतनी नफ़रत क्यू करता है?"
"इसका जवाब तो हम नही जानते.पहले तो सोचते थे कि वो पैसो के लिए ऐसा कर रहा है पर अब लगता है कि दुश्मनी की वजह कुच्छ और है...पर हमे समझ नही आता कि क्या?हम तो उसे जानते तक नही थे जब उसने हमारी मिल्स मे हुन्गामा करने की कोशिश की थी.",अब तक लंड तन चुका था & चूत भी गीली हो गयी थी.उन्होने अपनी बहू को लिटाया & एक बार फिर उस पर सवार हो उसकी चिकनी चूत चोदने लगे.
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जब्बार बॅंगलुर पहुँच चुका था & डॉक्टर.पुरन्दारे का क्लिनिक भी उसने देख लिया था.अब असल काम शुरू होता था,उसे अंदर जाकर ये पता करना था कि अंदर कितने लोग हैं & विश्वा कहाँ पे रहता है.तभी उसके मोबाइल पे मलिका को फ़ोन किया,वो बॅंगलुर एरपोर्ट से बोल रही थी.जब्बार जब तक उसे लेने एरपोर्ट पहुँचा तब तक उसके शैतानी दिमाग़ ने क्लिनिक के अंदर जाने का रास्ता सोच लिया था.
थोड़ी देर बाद 1 कार रहाब सेंटर के गेट पर खड़ी थी,"प्लीज़ मैं देल्ही से आई हू &डॉक्टर.साहब से मिलना बहहुत ज़रूरी है."
"मैं समझता हू,मेडम पर बिना अपायंटमेंट आप डॉक्टर.साहब से नही मिल सकती."
"अच्छा भाय्या तो बस 1 बार मुझे उनसे फोन पर ही बात करवा दो,प्लीज़!मेरी रिसर्च का सवाल है."
"अच्छा मेडम मैं कोशिश करता हू.",वो गार्ड अपने कॅबिन मे जा अपने फोन का रिसीवर उठा कर डाइयल करने लगा.
"लीजिए बात कीजिए."
"हेलो!डॉक्टर.पुरन्दारे.गुड ईव्निंग,सर!मेरा नाम कविता कपूर है,मैं देल्ही के 'हेल्ती' मॅगज़ीन मे रिपोर्टर हू.बॅंगलुर 1 पर्सनल विज़िट पे आई थी कि मुझे आपके सेंटर & आपकी डे-अडिक्षन थियरीस का पता चला.सिर,मैं माफी चाहती हू कि बिना अपायंटमेंट,बिना फोन मैं इस तरह आ गयी पर सर क्या करू बिना आपका सेंटर देखे,आपसे मिले बिना जाने को मन नही माना.",जी हां,ये मलिका ही है जोकि सेंटर के अंदर जाने की कोशिश कर रही है.
जब्बार जानता था कि विश्वा उसे & कल्लन की शक्ल पहचानता है तो वोडोनो तो अंदर जेया ही नही सकते,इसीलिए उसने मलिका को इस्तेमाल किया.उसे इतना पता था कि सनडे की वजह से 6 बजे शाम तक केवल ट्रेनी डॉक्टर. ड्यूटी पे रहते हैं & सीनियर्स छुट्टी पे तो मलिका के पकड़े जाने का डर भी कम था.
"......थॅंक यू,सर!थॅंक यू सो मच!",उसने फोन गार्ड की तरफ बढ़ा दिया,"आपसे बात करेंगे."
"मेडम,आपका काम हो गया.मैं आपको सेंटर डॉक्टर.कुमार दिखा देंगे.जाइए.",मलिका के चेहरे पर जीत की मुस्कान खेल रही थी.
थोड़ी देर बाद मलिका की कार इन्स्टिट्यूट से बाहर आ गयी & बॅंगलुर शहर की ओर दौड़ने लगी.शहर पहुँचते ही जब्बार & वो 1 रेस्टोरेंट मे बैठ गये.,"क्या पता चला?"
"सेंटर मे सेक्यूरिटी बस गेट पे है.अंदर मे 2 फ्लोर्स पे 30 पेशेंट्स है.विश्वजीत किस फ्लोर पर है मुझे ये पता नही.पर रात मे बस 12 स्टाफ के लोग हैं &गेट पर 1 गार्ड."
"वेल डन,जान!",जब्बार ने टेबल के नीचे उसकी जाँघ पे हाथ से दबाया."अब बस कल्लन का इंतेज़ार है.चलो,कल तक वो भी आ जाएगा."
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राजा साहब अपनी बहू के साथ वापस महल आ गये थे & अब बैठ कर टीवी पर न्यूज़ देख रहे थे.मेनका अपने कमरे मे थी.सारे नौकर जा चुके थे & उन्हे डिस्टर्ब करने वाला कोई भी नही था.
तभी मेनका वाहा आ गयी,उसने फिर वोही बॉमबे वाली काली नाइटी पहनी थी & उसके गले मे से उसका क्लीवेज चमक रहा था.,"क्या देख रहे हो,सोना नही है क्या?"
"नही.",कह कर उन्होने उसे खींच कर अपने पास बिठा लिया.
"फिर वही बात.अभी तक मन नही भरा?",उसने उनके शरारती हाथों को अपने सीने से हटाते हुए बोला.
"नही & कभी भरेगा भी नही.",वो उसे चूमने लगे & रिमोट उठा कर टीवी बंद कर दिया.
फिर उसे गोद मे उठा लिया & चढ़ने लगे सीढ़ियाँ.थोड़ी देर बाद दोनो उनके बिस्तर मे लेते 1 दूसरे को चूम रहे थे.राजा साहब उसके उपर चढ़े हुए थे & उनके हाथ उसकी नाइटी मे घुस कर उसकी ब्रा मे कसी चुचियाँ दबा रहे थे.मेनका उनके कुर्ते मे हाथ डाल उनकी पीठ सहला रही थी.
राजा साहब बेसबरे हो गये & उठ कर नंगे हो गये & अपनी बहू को भी नंगा कर दिया.मेनक अब केवल काले रंग की ब्रा & पॅंटी मे थी.राजा साहब उस पर सवार हो उसे पागलों की तरह चूमने लगे.मेनका उनकी मर्दानगी का लोहा मान गयी पिच्छले 2 दीनो से इस आदमी ने सिवाय उसे चोदने के और कोई काम नही किया था फिर भी इतने जोश मे था.
उसने उनकी गांद को दबाना & अपने नाकुनो से हल्के-2 नोचना शुरू कर दिया.राजा साहब पॅंटी के उपर से ही उसकी चूत पर धक्के लगा रहे थे & मेनका गीली होती जा रही थी.उसने हाथ गंद से हटा उनका लंड पकड़ लिया & हिलाने लगी.राजा साहब ने करवट ली & उसे सीने से चिपका लिया &चूमते हुए हाथ पीछे ले जाके उसकी ब्रा खोल दी.
थोड़ी देर तक उसकी पीठ सहलाते हुए उसके मुँह मे अपनी जीभ घुसा उसकी जीभ से खेलते रहे & फिर अपना हाथ पीछे से उसकी पॅंटी के अंदर उसकी गंद पे सरका दिया & उसकी फांकों को मसल्ने लगे.मेनका मस्त हो गयी & जब राजा साहब उसकी पॅंटी सरका कर घुटनो तक ले आए तो उसने खुद ही उसे अपने जिस्म से अलग कर दिया.
राजा साहब ने उसकी गांद मसल्ते हुए उसकी दरार को सहलाना शुरू कर दिया.ऐसा पहले उन्होने कभी नही किया था &मेनका के लिए ये बिल्कुल नया एहसास था.तभी उन्होने अपनी 1 उंगली उसकी गंद की छेद मे डाल दी.
"ओउ..च!",मेनक चिहुनक कर उनसे अलग होने लगी पर राजा साहब ने अपनी पकड़ मजबूत कर उसकी गंद मे उंगली जस की तस रहने दी.
"क्या कर रहे हो...वाहा नही?"
"प्लीज़...",
"नही...तुम पागल हो...दर्द होगा..",मेनका शर्मा गयी.
"नही होगा...प्रॉमिस..होगा तो निकाल लूँगा...प्लीज़..जान,प्लीज़!",
"ओके..पर दर्द हुआ तो मैं फिर कभी कैसे भी प्यार नही करने दूँगी."
"अरे मेरी जान दर्द होगा तब तो.",राजा साहब ने उसके होठों को अपने होठ से बंद कर दिया &अपनी उंगली से उसकी गंद मारने लगे.थोड़ी देर मे 2 फिर 3 उंगलिया उसकी गंद मे अंदर-बाहर हो रही थी.मेनका को मज़ा आ रहा था.उसने सिर्फ़ सुना था पर आज पहली बार वो गंद मरवाने वाली थी.
राजा साहब उस से अलग होकर अपने क्लॉज़ेट मे गये & वाहा से 1 क्रीम ले कर आए.उन्होने अपनी बहू को उल्टा कर दिया & झुक कर उसकी मोटी गंद को चूमने& चूसने लगे.जम के चूसने के बाद उन्होने अपनी जीभ उसकी गंद के छेद मे डाल दी.मेनका फिर चिहुनकि,"..ऊऊ...ऊ.."
पर राजा साहब उसे मज़बूती से थामे अपनी जीभ से उसके छेद को चाट ते रहे.थोदिदेर के बाद उसकी गांद सहलाते हुए उन्होने कहा,"जान...बिल्कुल मत घबराना.हम पर भरोसा रखो.ज़रा भी दर्द होगा तो हम रुक जाएँगे.तुम बस रिलॅक्स होकर अपने बदन & इसको ढीला छ्चोड़ दो.",उन्होने उसकी गंद मे फिर उंगली कर दी.
काफ़ी दे तक उसकी गंद को उंगली से मारते हुए वो उसको चूमते & सहलाते रहे.जब उन्होने देखा कि मेनका अब रिलॅक्स हो रही है तो उन्होने उसे उठा कर घुटनो पे कर दिया.मेनका ने भी अपनी गंद हवा मे उठा दी & मुँह तकिये मे छुपा लिया.राजा साहब अपनी उंगलियो मे क्रीम लगा कर उसके छेद मे लगा रहे थे.कुच्छ क्रीम उन्होने अपने लंड पे भी लगाई & फिर उसकी गंद के पीछे पोज़िशन ले ली.
अपने हाथ से पकड़ कर उन्होने बहुत धीरे-2 से अपना लंड उसकी गंद मे घुसाना शुरू किया.लंड का सूपड़ा बहुत मोटा था,"...ऊओ...ऊहह..",मेनका की आह निकल गयी.
"बस मेरी जान..शुरू मे थोड़ी तकलीफ़ हो गी.."राजा साहब उसकी पीठ सहलाते हुए अपने सूपदे को अंदर धकेलने लगे.थोड़ी ही देर मे सूपड़ा अंदर था & उन्होने बस सूपदे को ही आंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.मेनका कदर्द ख़तम हो गया & उसे अब मज़ा आने लगा.उसने सोचा भी नही था कि गंद मेलंड इतना मज़ा देता है.जब लंड अंदर जाता था तो उसकी गंद अपनेआप सिकुड कर लंड को कस लेती थी & उसके बदन मे मज़े की लहरें दौड़ जाती थी.गंद की इस हरकत से राजा साहब भी पागल हो रहे थे.
हल्के-2 धक्कों से उन्होने अब अपने पूरे लंड को गंद मे घुसाना शुरू किया.मेनका को हल्का दर्द हो रहा था पर उस से कही ज़्यादा मज़ा आ रहा था.गंद मरवाने से होनेवाले दर्द का डर भी ख़तम हो गया था & वो अब पूरा लुत्फ़ उठा रही थी.
थोड़ी ही देर मे लंड जड़ तक उसकी गंद मे था.जब राजा साहब ने धक्का मारा तो वो उठ कर पीछ्हे बैठ गयी तो राजा साहब भी बैठ गये.
अब राजा साहब अपने घुटनो पे बैठे थे & उनकी गांद उनकी आएडियो पे थी & मेनका भी वैसे ही उनके उपर बैठी थी & उसकी गंद उनके लंड से भरी थी.राजा साहब ने हाथ आगे ले जाकर उसकी चूचियो को मसल्ने लगे.उसके निपल्स पहले ही कड़े हो गये थे.राजा साहब उसकी गर्दन को चूम रहे थे की मेनका ने अपनी गर्दन घुमाई &अपने होठों को उनके होठों पर कस दिया.
"दर्द तो नही हो रहा?",उन्होने उसके होठों को छ्चोड़ते हुए & उसकी चुचियाँ दबाते हुए पूछा.अब उनका 1 हाथ उसकी चूत पे था & उसके दाने कोसेहला रहा था.
"उन्न.उन्ह.",मेनका ने इनकार किया.राजा साहब अब फिर से उठ गये & दोनो डॉगी पोज़िशन मे आ गये.अब मेनका ने अपना सारा वजन अपने हाथों & घुटनो पे लिया हुआ था & पीछे से अपने ससुर से गंद मरवा रही थी.थोड़ी देर तक राजा साहब उसकी कमर थामे घुटनो पे खड़े बस उसकी गंद मारते रहे.
फिर वो झुक गये & अपना सीना उसकी पीठ से सटा दिया,अपना मुँह उसकी गर्दन मे च्छूपा लिया & 1 हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूचियो दबाने लगे.मेनका को अपनी पीठ पे राजा साहब के सीने के बाल गुदगुदी करते महसूस हुए.उसकी चूत तो बस पानी छ्चोड़े जा रही थी & गंद मे तो वो मज़ेदार एहसास हो रहा था की पुछो मत.
राजा सहब ने अपना हाथ उसकी चूचियो से हटा उसकी चूत पे लगा दिया & लगे उसकी चूत मे उंगली करने & उसके दाने को रगड़ने.मेनका ने मुँह पीछे किया & अपने ससुर को पागलों की तरह चूमने लगी.राजा साहब ने भी लंड के धक्के & उंगलियो की रगड़ तेज़ कर दी.मेनका की गंद ने भी अब तेज़ी से उनके लंड को कसना शुरू कर दिया था & उसकी चूत बस पानी छ्चोड़न ही वाली थी.
राज साहब ने अपनी जीभ से उसकी जीभ के साथ खेलना शुरू कर दिया कि तभी मेनका का जिस्म आकड़ गया & उसकी कमर हिलने लगी & उसकी चूत ने उनकी उंगली & गंद ने लंड को बिल्कुल कस के जाकड़ लिया.वो झाड़ गयी थी &गंद ने जैसी ही लंड को दबोचा,उनके लंड ने भी पानी छ्चोड़ दिया.मेनका की गंद ने अपने आप सिकुड कर उनके लंड का सारा पानी निचोड़ लिया.
दोनो निढाल होकर बिस्तर पे गिर गये.जब लंड सिकुड गया तो राजा साहब ने उसे बाहर खींचा & मेनका को सीधा कर अपनी बाहों मे भर लिया.,"तकलीफ़ नही हुई ना?",वो उसके चेहरे को चूम रहे थे.
"नही..",मेनका ने उन्हे अपने पास खींचा & उनके सीने मे मुँह च्चिपाकर वाहा हौले-2 चूमने लगी.
क्रमशः..................
mast menaka paart-8
gataank se aage...............
Savere Raja Sahab ki neend khuli to unhone dekha ki vo bistar par akele hain,Menaka shayad bathroom me thi.vo uthkar kitchen me aa gaye & apna underwear utha kar pahan liya,pant utha kar usme se mobile nikala & bangalore dr.purandare se baat karne lage.
khabar achhi thi,vishwa apni lat chhodne ki puri koshish kar raha tha.raja sahab ko khushi hui par fir menaka ka khayal aaya to chehre pe aayi muskan gayab ho gayi.vo jante the ki vishwa aayega to ye sab band karna padega par vo menaka ke husn & ishq ke deewane ho chuke the.isiliye unhone ye farmhouse ka program banaya tha.vo chahte the ki bete ke aane se pehle vo menaka ke sath jam ke pyar ke maze loot le.
inhi khayalon me gum unhone dushyant verma ko fone milaya,"kya haal hai,dost?"
"sab badhiya,tu suna."
"thik hu.us tasveer vale shakha ke bare me kuchh pata chala?"
"nahi yaar.pahunchi cheez lagta hai.uska koi surag nahi mila hai.jabbar se bhi uske taar judte nahi dikhte hain.vaise jabbar aajkal shahar se bahar gaya hua hai.kaha ye malum nahi."
"dost,idhar jabbar hume pareshan nahi kar raha.isiliye hume dar hai ki ya to vo koi badi sazish rach raha hai ya sazish ki shuruat kar chuka hai.pata nahi kyu humara dil kahta hai ki vishwa ko nashe ki lat lagane me usi ka hath hai."
"tu ab itni fikr mat kar,dost.sab thik ho jayega & mera pathha manish is mamle ki teh tak pahunch teri sari mushkil aasan kar dega."
"tere pe mujhe pura bharosa hai,dost."
iske baad dono dosto ne kuchh idhar-udhar ki baaten ki & phone kaat diya....sab thik ho jayega..ho to jayega par menaka & unke beech ka rishta...kya hai is rishte ki manzil?..raja sahab ke man me sawal ghumad rahe the ki tabhi menaka vaha aa gayi.
usne 1 bathrobe pehna hua tha joki uski gand tak hi aa raha tha,"mujhe kapde chahiye?"
"pehne to hue ho.",raja sahab ka dil use dekhte hi fir se halka ho gaya & masti ke mood me aa gaya.
"please yash.do na kapde.",menaka bachchon ki tarah machli.
"ok.",raja sahab vaise hi kewal 1 kala underwear pehne bahar car tak gaye & 1 packet lakar use thama diya.
"ye..ise pehnu na pehnu sab barabar hai.",menaka ke hathon me 1 red color ki 2-piece string bikini thi.
"are pehan kar dikhao to."
"pehnungi & 2 minute me tum utar bhi doge.raat bhar to meri halat kharab karte rahe.ab aaj mujhme itni taaqat nahi hai.please dhang ke kapde do na."
"are,jaan!bas 1 bar ise pehan kar dikha do.",raja sahab zid karne lage.
"1 shart pe pehnungi."
"kya?"
"pehanane ke baad tum mujhe bilkul bhi hath nahi lagaoge."
"ye kaisi ajeeb shart hai?ise pehan ne ke baad to tumhe pyar karne aur zyada maza aayega.please chhodo ye shart-vart & pehan kar dikhao na."
"oonn-hunh.shart mano to pehnungi."
"thik hai maanta hu shart,par meri bhi 1 shart hai,tum khud apne kapde utarogi & fir main tumhe tab tak pyar karunga jab tak main chahu."
"thik hai.karte rehna intezar.khud to main kapde utarne se rahi."
menaka ne bathrobe khol kar apne kism se sarka diya.ab vo puri nangi thi bas gale me vohi chain latak kar uski chhatiyan chum rahi thi.menaka ne bikini ki panty uthai & use apni taango se upar kiya & apni chut ko dhankte hue apni kamar par uski doriyan bandhne lagi.uski nazre apne sasur ke chehre par tiki thi & hothon pe shararat bhari muskan khel rahi thi.
raja sahab ke hoth sukh gaye the.vo bas bhukhi nigahon se apni bahu ko ghur rahe the.menaka ne bikini ka bra uthaya & apne gale me dal liya & apne hath peechhe le jakar uski doriyan bandhne lagi.phir ghum kar apni makhmali peeth apne sasur ke samne kar di,"ise bandh do na,pleasse!...aur haan chhuna nahi."
raja sahab ke samne unki bahu ki lagbhag nangi pith thi & neeche swimsuit ki panty me mushkil se samati gand.unhone hath badha kar dori bandh di.menaka ne khane ka saman nikala & apne sasur ko baithne ka ishara kiya & jhuk-2 kar apni chhatiyan unke munh ke samne chhalkate hue unhe nashta parosne lagi.raja sahab ki pet ki bhukh to unke lund ki bhukh ke aage kuchh bhi nahi thi.jab tak dono kahte rahe unki nazre bikini ke top se jhankte apni bahu ke cleavage ko ghurti rahi.
menaka ko apne sasur ko tadpane me bahut maza aa raha tha.vo uthi & ghum kar kitchen se bahar chali gayi.raja sahab bhi uske peechhe-2 chalne lage.
menaka janti thi ki uske sasur uske peechhe uske roop ke jadu se khinche chale aa rahe hain & shart ke karan unke hath bandhe hai.usne unhe aur tadpane ki sochi & apni gand thoda zyada matka ke & lehra ke chalne lagi.raja sahab ka lund unke underwear ko phaad kar bahar aane ko betab ho utha.
menaka farmhouse ke peechhe bane pool par aa gayi,"wow!kitna achha pool hai.",aur usne usme gota laga diya & lagi tairne.raja sahab vahi baith kar us jalpari ko niharne lage.menaka tairte hue aati & pani me upar neeche hoti to uski choochiyan jaise uske bra me se nikalne ko machal uthti.
tabhi menaka pool ke us hisse me jaha sirf 4 ft pani tha,aake khadi ho gayi thi apne sasur ke samne.uske gore badan pe pani ki boonde heeron ki tarah chamak rahi thi.
"kya hua,yash?tabiyat to thik hai na?",keh kar usne hath sar ke upar le jake angdai li.aisa karne se uski chhatiyan uske bra ke gale me se aur zyada numaya ho gayi.raja sahab buri tarah tadap rahe the par kya kar sakte the,shart jo mani thi.
menaka ne fir tairte hue pool ke 2 chaakkr lagaye & fir vahi aa ke khadi ho gayi & lagi apni adaon se apne sasur ko tadpane.par is bar raja sahab ne bhi jawab soch liya tha.vo khade ho gaye & apna underwear utar diya.raja sahab ka lund fanfanata hua bahar aa gaya.raja sahab ne use hath me liya & lage hilane.
menaka hairat se unhe dekhne lagi.vo pehli baar kisi mard ko is tarah se apne lund se khelte dekh rahi thi.uski nigahe apne sasur ke lund se chipak gayi.is lund ki to vo diwani ho gayi thi.usne raja sahab ko yuhi tadpane ke liye shart di thi par haqiqat me vo bhi har waqt bas unse lipat kar unke lund ko apne hathon me,apne munh me ya apni chut me mehsus karna chahti thi.
uska hath apne aap apni chut par chala gaya tha & use sehlane laga tha.raja sahab apna lund hilaye chale ja rahe the & menaka ki chut gili hue ja rahi thi.vo masti me aa rahi thi & use ab koi shart yaad nahi thi.usne apne hathon se bikini ki doriya khol di & use pool ke pani me gir jane diya.
raja sahab ki chaal kaam kar gayi thi.vo bhi pool me utar gaye & use baahon me bhar use chumne lage.menaka ne apne hath me unka lund pakad liya & unki kiss ka jawab dene lagi.raja sahab ne uski gand ko dabana chalu kar diya to menaka hanste hue chhitak kar unse dur ho gayi & pani me tairne lagi.raja sahab bhi uske peechhe ho liye & thodi hi der me use pakad liya.
peechhe se pakad ke vo us se chipak gaye & apna lund uski gand ki darar me atka diya.fir tairte hue use kam gehrai vali jagah lake pool ki deewar se laga ke peechhe se lund chut me dalne lage.
menaka palat gayi & unke gale se lag gayi.ab uski chut uske sasur ke lund ke samne thi usne apni tange phaila kar apne hath se unka lund apni chut me dala & fir tange unki kamar par kas di.dono ke pet ke neeche ke hisse pani me the.raja sahab isi tarah apni bahu ki chut chodne lage.menaka unse chipak kar maze ke samandar me gote lagane lagi.apne sasur ki chudai se na jane vo kitni baar jhadi use baad me yaad bhi nahi tha. bas itna yaad tha ki uski chut me uske sasur ka garam virya gira tha & uske bad vo vaise hi chut me lund dale use uthaye ghar ke andar aa gaye the & vo thak kar unki bahon me so gayi thi.
Menaka ki neend khuli to usne dekha ki vo drawing room ke makhmali irani galiche pe leti thi,bagal me uske sasur lete the & apne khayalon me khoye the.ghadi dekhi to 4 baj rahe the...to vo pichhle 4-5 ghanto se so rahi thi.aur soti bhi kyu na,kal puri raat chodne ke baad Raja Sahab ne use subah 3:30 baje chhoda tha.usne karwat leke unke seene pe sar rakh diya & vaha par ke baalon se khelne lagi,"kya soch rahe ho?"
"kuchh nahi.",raja sahab uske sar pe hath ferne lage.
"aisi kya baat hai jo tum mujhe bata nahi rahe?us din bhi phone aaya &tum bhagte hue shahar chale gaye.aakhir kya mamla hai,main jaanana chahti hu.",menaka unke seene pe kohni rakh unke chehre ko dekh rahi thi.
"baat tumhe pasand nahi aayegi."
"main fir bhi sunana chahti hu."
"to suno main vishwa ke bare me soch raha tha."
menaka munh ghuma kar dusri taraf dekhne lagi.
"dekha,maine kaha tha na.ho gayi na upset.",vu uske gaalon ko sehlane lage.
"fir bhi batao shahar shahar kyu gaye the?"
"to suno.",raja sahab ne karwat li to menaka bhi karwat lekar let gayi.ab dono 1 dusre ko dekhte hue karwat se lete the,"ye vishwa ki apni kamzori hai ki vo is buri lat ka shikar hua par aakhir vo kaun shakhs tha jo use drugs deta tha.main yahi jaanane ki koshish kar raha hu.",fir unhone use dushyant verma &unke investigation ke bare me bataya.
unhone uski baayi jangh khinch kar apni daayi jangh par chadha di & apni daayi tang uski taango ke beech aise daaldi ki lund chut se aa sata.apni baayi hath uski gardan ke neeche dal usi hath se uske kandhe ko sahlane lage & daaye hath se uski chut ko.menaka ne apna baaya hath unki gand pe rakh diya & daya neeche le jakar unke lund & ando ko ragadne lagi.
"aakhir ye jabbar aapse itni nafrat kyu karta hai?"
"iska jawab to hum nahi jante.pehle to sochte the ki vo paiso ke liye aisa kar raha hai par ab lagta hai ki dushmani ki wajah kuchh aura hai...par hume samajh nahi aata ki kya?hum to use jaante tak nahi the jab usne humari mills me hungama karane ki koshish ki thi.",ab tak lund tan chuka tha & chut bhi gili ho gayi thi.unhone apni bahu ko litaya & ek baar fir us par savar ho uski chikni chut chodne lage.
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jabbar bangalore pahunch chuka tha & dr.purandare ka clinic bhi usne dekh liya tha.ab asal kaam shuru hota tha,use andar jakar ye pata karna tha ki andar kitne log hain & vishwa kahan pe rehata hai.tabhi uske mobile pe malika ka callaya,vo bangalore airport se bol rahi thi.jabbar jab tak use lene airport pahuncha tab tak uske shaitani dimagh ne clinic ke andar jaane ka rasta soch liya tha.
thodi der baad 1 car rehab centre ke gate par khadi thi,"please main delhi se aayi hu &dr.sahab se milna bahhut zaruri hai."
"main samjhata hu,madam par bina appointment aap dr.sahab se nahi mil sakti."
"achha bhaiyya to bas 1 bar mujhe unse phone par hi baat karwa do,please!meri research ka sawal hai."
"achha madam main koshish karta hu.",vo guard apne cabin me ja apne phone ka receiver utha kar dial karne laga.
"lijiye baat kijiye."
"hello!dr.purandare.good evening,sir!mera naam kavita kapur hai,main delhi ke 'Healthy' magazine me reporter hu.bangalore 1 personal visit pe aayi thi ki mujhe aapke centre & aapki de-addiction theories ka pata chala.sir,main maafi chahti hu ki bina appointment,bina phone main is tarah aa gayi par sir kya karu bina apka centre dekhe,aapse mile bina jane ko man nahi maana.",ji haan,ye malika hi hai joki centre ke andar jaane ki koshish kar rahi hai.
jabbar jaanta tha ki vishwa use & kallan ki shakl pahchanta hai to vodono to andar jaa hi nahi sakte,isiliye usne malika ko istemal kiya.use itna pata tha ki sunday ki vajah se 6 baje sham tak kewal trainee drs. duty pe rehte hain & seniors chhutti pe to malika ke pakde jane ka dar bhi kam tha.
"......thank you,sir!thank you so much!",usne phone guard ki taraf badha diya,"aapse baat karenge."
"madam,aapka kaam ho gaya.main aapko centre dr.kumar dikha denge.jaaiye.",malika ke chehre par jeet ki muskan khel rahi thi.
thodi der baad malika ki car institute se bahar aa gayi & bangalore shahar ki aur daudne lagi.shahar pahunchte hi jabbar & vo 1 restaurant me baith gaye.,"kya pata chala?"
"centre me security bas gate pe hai.andar me 2 floors pe 30 patients hai.vishwajeet kis floor par hai mujhe ye pata nahi.par raat me bas 12 staff ke log hain &gate par 1 guard."
"well done,jaan!",jabbar ne table ke neeche uski jangh pe hath se dabaya."ab bas kallan ka intezar hai.chalo,kal tak vo bhi aa jayega."
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raja sahab apni bahu ke sath vapas mahal aa gaye the & ab baith kar tv par news dekh rahe the.menaka apne kamre me thi.sare naukar ja chuke the & unhe disturb karne wala koi bhi nahi tha.
Tabhi Menaka vaha aa gayi,usne fir vohi bombay vali kali nighty pehni thi & uske gale me se uska cleavage chamak raha tha.,"kya dekh rahe ho,sona nahi hai kya?"
"nahi.",kah kar unhone use khinch kar apne paas bitha liya.
"phir vahi baat.abhi tak man nahi bhara?",usne unke shararati haathon ko apne seene se hatate hue bola.
"nahi & kabhi bharega bhi nahi.",vo use chumne lage & remote utha kar tv band kar diya.
phir use god me utha liya & chadhne lage seedhiyan.thodi der baad dono unke bistar me lete 1 dusre ko chum rahe the.Raja Sahab uske upar chadhe hue the & unke hath uski nighty me ghus kar uski bra me kasi chuchiyan daba rahe the.menaka unke kurte me hath daal unki pith sehla rahi thi.
raja sahab besabra ho gaye & uth kar babge ho gaye & apni bahu ko bhi nanga kar diya.menak ab kewal kale rang ki bra & panty me thi.raja sahab us par savar ho use paaglon ki tarah chumne lage.menakaunki mardangi ka loha maan gayi pichhle 2 dino se is aadmi ne siway use chodne ke aur koi kaam nahi kiya tha fir bhi itne josh me tha.
usne unki gaand ko dabana & apne nakuno se halke-2 nochna shuru kar diya.raja sahab panty ke upar se hi uski chut par dhakke laga rahe the & menaka gili hoti ja rahi thi.usne hath gand se hata unka lund pakad liya & hilane lagi.raja sahab ne karwat li & use seene se chipaka liya &chumte hue hath peechhe le jake uski bra khol di.
thodi der tak uski pith sehlate hue uske munh me apni jibh ghusa uski jibh se khelte rahe & fir apna hath peeche se uski panty ke andar uski gand pe sarka diya & uski faankon ko masalne lage.menaka mast ho gayi & jab raja sahab uski panty sarka kar ghutno tak le aaye to usne khud hi use apne jism se alag kar diya.
raja sahab ne uski gaand masalte hue uski darar ko sehlana shuru kar diya.aisa pehle unhone kabhi nahi kiya tha &menaka ke liye ye bilkul naya ehsas tha.tabhi unhone apni 1 ungli uski gand ki chhed me daldi.
"ouu..chhh!",menak chihunk kar unse alag hone lagi par raja sahab ne apni pakad majbut kar uski gand me ungli jas ki tas rehne di.
"kya kar rahe ho...vaha nahi?"
"please...",
"nahi...tum pagal ho...dard hoga..",menaka sharma gayi.
"nahi hoga...promise..hoga to nikal lunga...please..jaan,please!",
"ok..par dard hua to main fir kabhi kaise bhi pyar nahi karne dungi."
"are meri jaan dard hoga tab to.",raja sahab ne uske hothon ko apne hotho se band kar diya &apni ungli se uski gand marne lage.thodi der me 2 fir 3 ungliya uski gand me andar-bahar ho rahi thi.menaka ko maza aa raha tha.usne sirf suna tha paraaj pehli bar vo gand marwane wali thi.
raja sahab us se alga hokar apne closet me gaye & vaha se 1 cream le kar aaye.unhone apni bahu ko ulta kar diya & jhuk kar uski moti gand ko chumne& chusne lage.jam ke chusne ke baad unhone apni jibh uski gand ke chhed me daldi.menaka fir chihunki,"..oooo...ooh.."
par raja sahab use mazbuti se thame apni jibh se uske chhed ko chat te rahe.thodider ke baad uski gaand sehlate hue unhone kaha,"jaan...bilkul mat ghabrana.humpe bharosa rakho.zara bhi dard hoga to hum ruk jayenge.tum bas relax hokar apne badan & isko dheela chhod do.",unhone uski gand me fir ungli kar di.
kafi de tak uski gand ko ungli se marte hue vo usko chumte & sehlate rahe.jab unhone dekha ki menaka ab relax ho rahi hai to unhone use utha kar ghutno pe kar diya.menaka ne bhi apni gand hawa me utha di & munh takiye me chhupa liya.raja sahab apni ungliyo me cream laga kar uske chhed me laga rahe the.kuchh cream unhone apne lund pe bhi lagayi & fir uski gand ke peechhe position le li.
apne hath se pakad kar unhone bahut dheere-2 se apna lund uski gand me ghusana shuru kiya.lund ka supada bahut mota tha,"...ooo...oohhhhh..",
"bas meri jaan..shuru me thodi taklif ho gi.."raja sahab uski pith sehlate hue apne supade ko andar dhakelne lage.thodi hi der me supada andar tha & unhone bas supade ko hi and andar-bahar karna shuru kar diya.menaka kadard khatam ho gaya & use ab maza aane laga.usne socha bhi nahi tha ki gand melund itna maza deta hai.jub lund andar jata tha to uski gand apneaap sikud kar lund ko kas leti thi & uske badan me maze ki lehren daud jati thi.gand ki is harkat se raja sahab bhi pagal ho rahe the.
halke-2 dhakkon se unhone ab apne pure lund ko gand me ghusana shuru kiya.menaka kohalka dard ho raha tha par us se kahi zyada maza aa raha tha.gand marwane se honewale dard ka dar bhi khatam ho gaya tha & vo ab pura lutf utha rahi thi.
thodi hi der me lund jad tak uski gand me tha.jab raja sahab ne dhakka mara to vo uth kar peechhhe baith gayi to raja sahab bhi baith gaye.
Ab Raja Sahab apne ghutno pe baithe the & unki gaand unki aediyo pe thi & Menaka bhi vaise hi unke upar baithi thi & uski gand unke lund se bhari thi.raja sahab ne hath age le jakar uski chhatiyon ko masalne lage.uske nipples pehle hi kade ho gaye the.raja sahab uski gardan ko chum rahe the ki menaka ne apni gardan ghumai &apne hothon ko unke hothon par kas diya.
"dard to nahi ho raha?",unhone uske hothon ko chhodte hue & uski chuchiyan dabate hue poochhha.ab unka 1 hath uski chut pe tha & uske dane kosehla raha tha.
"unn.unh.",menaka ne inkar kiya.raja sahab ab phir se uth gaye & dono doggie position me aa gaye.ab menaka ne apna sara vajan apne hathon & ghutno pe liya hua tha & peechhe se apne sasur se gand marwa rahi thi.thodi der tak raja sahab uski kamar thame ghutno pe khade bas uski gand marte rahe.
fir vo jhuk gaye & apna seena uski pith se sata diya,apna munh uski gardan me chhupa liya & 1 hath neeche le jakar uski chhatiyan dabane lage.menaka ko apni pith pe raja sahab ke seene ke baal gudgudi karte mehsus hue.uski chut to bas pani chhode ja rahi thi & gand me to vo mazedar ehsaas ho raha tha ki puchho mat.
raja sahb ne apna hath uski chhatiyon se hat uski chut pe laga diya & lage uski chut me ungli karne & uske dane ko ragadne.menaka ne munh peechhe kiya & apne sasur ko paaglon ki tarah chumne lagi.raja sahab ne bhi lund ke dhakke & ungliyo ki ragad tez kar di.menaka ki gand ne bhi ab tezi se unke lund ko kasna shuru kar diya tha & uski chut bas pani chhodn hi wali thi.
raj sahab ne apni jibh se uski jibh ke sath khelna shuru kar diya ki tabhi menaka ka jism akd gaya & uski kamar hilne lagi & uski chut ne unki ungli & gand ne lund ko bilkul kas ke jakad liya.vo jhad gayi thi &gand ne jaisi hi lund ko dabocha,unke lund ne bhi pani chhod diya.menaka ki gand ne apne aap sikud kar unke lund ka sara pani nichod liya.
dono nidhal hokar bistar pe gir gaye.jab lund sikud gaya to raja sahab ne use bahar khincha & menaka ko seedha kar apni baahon me bhar liya.,"taklif nahi hui na?",vo uske chehre ko chum rahe the.
"nahi..",menaka ne unhe apne paas khincha & unke seene me munh chhipakar vaha haule-2 chumne lagi.
kramshah..................
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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