Sunday, May 4, 2014

FUN-MAZA-MASTI नौकरी हो तो ऐसी--10

FUN-MAZA-MASTI

  नौकरी हो तो ऐसी--10

  गतान्क से आगे...... 

मैने देखा तो रावसाब ने वकील बाबू की लड़की को उपर उठाया और उसकी चढ्ढि बाहर निकाल के पॅंटी भी निकाल दी… कांट्रेक्टर बाबू ने चुपके से पॅंटी अपनी पॉकेट मे रख दी, और रावसाब ने फिरसे उसको चढ्ढि पहेना दी. अभी उनका लंड अंदर जानेके लिए कोई प्राब्लम नही थी क्यूकी अभी पॅंटी की मुसीबत बीच मे नही थी. 


 फिर उन्होने वकील बाबू के बेटी के चुचिया ज़ोर्से दबाई और उसे थोड़ा उपर उठा दिया, जैसे ही उन्होने उसे उपर उठा दिया मुझे पता चल गया कि अभी तो वकील बाबू की बेटी की लगने वाली है क्यू कि रावसाब वकील बाबू से दो गुना तगड़े थे और मजबूत भी…. इसीलिए वकील बाबू की बेटी उनकी गोद मे बैठने से भाग रही होगी क्यू कि उसे पता होगा कि इधर वो अगर फस गयी तो फिर उसे कोई बचा नही सकता रावसाब से…

रावसाब ने उसे उपर उठाया और निशाना लगाके उसे नीचे दबाने लगे पर वो नीचे आने के लिए ज़्यादा ही विरोध करने लगी, तभी कॉंट्रॅक्टर बाबू ने उसकी कमर पकड़ कर नीचे दबोच दिया वैसे ही उसके मुँह से “उईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआ….” “उहह…….ईईईईई…….उूुुुउउ….ईईईईई…

“उूुुुुुउउ….आअहह…..उहह….”
की आवाज़ बड़ी ही बारीक चीख  खुद पे नियत्रन करते हुए निकली
मैं समझ गया था कि उसके लिए रावसाब का लंड सहन से बाहर था, तब भी वो ज़्यादा कुछ आवाज़ किया बिना खुद पे काबू पाने की कोशिश कर रही थी.

अभी फिरसे रावसाब ने बड़ी हिम्मत करके उसे उपर उठाया और ज़ोर्से दबा के अपने लंड पे बिठा दिया, फिरसे थोड़ी आवाज़ आई ….अभी राव साब ने थोड़ा नीचे  दबाना शुरू किया…. मैं ठीक से देख नही पा रहा था लेकिन ऐसे लग रहा था कि उसके पैर नियंत्रण से बाहर हिल रहे है. वो सिकुड रही थी…

अभी धक्को की गति बढ़ने के कारण वो और सिकुड़ने लगी …और रावसाब उसे उपर नीचे करने लगे…. उन्होने उसकी कमर अपने हाथ मे पकड़ के ज़ोर्से उसे उपर नीचे करने लागे और एक दम से “आहह….” की आवाज़ निकली और फिर गाड़ी मे शांति हो गयी…. वकील बाबू की बेटी की हालत काफ़ी पतली हो चुकी थी वो ठीक से हिल भी न्ही पा रही थी ….उसकी चूत से वीर्य की धारा गाड़ी की सीट पे गिर रही थी…उसमे कॉंट्रॅक्टर बाबू हाथ लगाके उस वीर्य के हाथ वकील बाबू की लड़की के मुँह मे डाल रहे थे…. वो इच्छा नही होते हुए भी अपना मुँह खोल के उनकी उंगलिया चूस रही थी…. मुझे तो लग रहा था कि ये गाड़ी से उतरने के बाद चल भी नही पाएगी......

मेरे एक हाथ मे सेठानी की चुचि थी…जो मैं ये दृश्य देख के ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था …एक दृश्य के बीच मे मैने दो बार शेतानी के निपल्स नाख़ून से दबा दिए जिसके कारण शेतानी हॅकीबॅक्की रह गयी परंतु गाड़ी मे होने के कारण वो कुछ नही कर पाई….

अभी 30 मिनट का रास्ता बाकी था……

 अब कॉंट्रॅक्टर बाबू जो कद मे वकील बाबू से दुगने थे और रावसाब के बराबर दिखते थे, वो बहुत ही ज़्यादा गरम हो गये थे, उन्होने वकील बाबू की बेटी की चूत मे उंगली डाल दी. चुदाई की वजह से उसकी चूत बहुत आकर्षक और गुलाबी हो गयी थी. कॉंट्रॅक्टर बाबू वकील बाबू की बेटी की चूत की फाके खीच रहे थे फिर उंगलिया अंदर डाल रहे थे, वकील बाबू की बेटी मुँह उपर नीचे कर रही थी पर इससे ज़्यादा, उससे हो नही पा रहा था… उसका विरोध एक चीटी के बराबर का लग रहा था. उधर कॉंट्रॅक्टर बाबू ने वकील बाबू की बेटी के चूत के बाल, जो मुलायम और छोटे छोटे थे, चूत से उंगली निकाल के, खिचने शुरू कर दिए ….. उन्हे इससे बहुत ही मज़ा आ रहा था…

इधर रावसाब ने वकील बाबू के बेटी के भरे फूले आम जिनके उपर, लाल –लाल और छोटे निपल्स थे, उन निपल्स को ज़ोर्से निचोड़ा, तो वैसेही वो कराह उठी, रावसाब इस खेल के बहुत पुराने खिलाड़ी मालूम हो रहे थे, मैं अपना मुँह नीचे करके बैठा था लगभग 1.30 घंटे से, मेरे मन मे दर्द होने लगा था, उसी समय रावसाब ने वकील बाबू की बेटी की कामीज़ से हाथ निकाल के कमीज़ नीचे से नाभि तक उपर उठाई और नाभि मे अपनी एक बड़ी मज़ली उंगली डाल दी और उस बड़ी उंगली को ज़ोर्से घुमाने लगे, वैसे ही वो और ज़ोर्से कराह उठी…. 

खिड़की मे बैठे वकील बाबू अभी अपनी बेटी की चुदाई देख के खुश लग रहे थे, क्यूँ कि उनका काला घोड़ा फिरसे खड़ा हो गया था ...उनका काला घोड़ा जिसपे अभी भी बाजू बाजू मे गाढ़ा चिपचिपा वीर्य और बेटी के कमनीय चूत का मादक रस लगा था.... वकील बाबू ने अपनी बेटी का कोमल हाथ पकड़ा और चुपके से अपने काले घोड़े के सूपदे पे रख दिया और अपने हाथ से उसके हाथ को जो काले गहरे रंग के सूपदे पर था, उसे उपर नीचे करने लागे, वकील बाबू की बेटी अपने बाप के लंड की काली चमड़ी खुद अपने हाथोसे उपर नीचे कर रही थी….

 अब वकील बाबू ने बेटी की चूत पर हाथ रखना चाहा वैसे ही उन्हे उस जगह पे कंटॅकटर बाबू का हाथ महसूस हुआ, उन्होने उसका हाथ और उंगलिया झटके से निकाल दी, और अपने बेटी की चिकनी गीली चट के अंदर जो गधे जैसे लंड की चुदाई से फूली हुई थी उसमे डाल दी और अंदर बाहर करने लागे, इससे वकील बाबू के बेटी का हाल बहुत बुरा होने लगा और उसकी चूत जो अब तक 4-5 बार पानी छोड़ चुकी थी, फिरसे पानी छोड़ने लगी….

इधर मेरे बाजू मे बैठे कॉंट्रॅक्टर का गहरा काले-लाल रंग के सुपादे के छेद से हल्का हल्का वीर्य के पहले का पानी छोड़ रहा था….. उनके सूपदे का आकर लगभग गधे के सूपदे से ज़रूर मिलता होगा…मैने जिंदगी मे पहली बार इतना बड़ा सूपड़ा देखा… मैं सोच मे पड़ गया… इनका सूपड़ा ही इतना बड़ा है तो पूरा लंड कितना बड़ा होगा और अगर ये लंड इस बेचारी की चूत मे अगर गया तो वो तो ज़रूर बेहोश हो जाएगी..   


मैने कब्से सेठानी का निपल अपने एक हाथ मे दबोच रखा था, और अपने नखुनो से उसे तडपा रहा था, सेठानी की साँसे इस वजह से काफ़ी तेज़ चल रही थी.. पर वो अपने पे काबू पाने की पूरी कोशिश कर रही थी … क्यू कि उसे पता था ये बात अगर सेठ जी को पता चल गयी तो उसकी और मेरी खैर नही…. मैने अपना हाथ सेठानी के पीठ के उपर्से से निकाल के पीठ मे डाल दिया… वैसे ही मुझे सेठानी के घने बालो ने इशारा किया मैने 10-15 बॉल हाथ मे पकड़े और उन्हे सहलाने लगा और बीच मे ही ज़ोर्से खिचने लगा इससे सेठानी की और पतली होने लगी वो चरम सीमा के द्वार पे पहुच रही थी.


अब इधर फिरसे रावसाब रंग मे आ गये और उन्होने वकील बाबू की बेटी के बाल ज़रा एक साथ समेटे और एक हाथ मे पकड़ लिए, उसकी चूत मे जो वकील बाबू का हाथ था उसे निकाल दिया, और अपनी एक बड़ी उंगली उसकी चूत की फांको के बीच मे से चूत मे डाल दी और ज़ोर्से अंदर बाहर करने लागे उनकी गति बहुत ज़्यादा थी उस वजह से वकिलबाबू की बेटी ज़्यादा ही हिलने लगी, फिर रावसाब ने अपनी दूसरी उंगली और फिर मैं तो देखते ही रह गया, तीसरी उंगली भी उस फूली चूत मे डाल दी उस वजह से वकील बाबू की लड़की छटपटाने लगी, वैसेही रावसाब ने अपनी तीनो उंगलिया ज़ोर्से अंदर बाहर- अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…लड़की की साँसे बहुत ही तेज़ चलने लगी, वो अपने चरमा सीमा पर बहुत ही जल्दी पहुचने वाली थी, रावसाब ने और गति बढ़ाई और उंगलियो को अंदर तक डालने लगे…. वैसे ही मैने देखा लड़की सिकुड़ने लगी और उसकी चूत से पानी के 2-3 फवारे उड़े…फिर रावसाब थोड़े शांत हुए…. लड़की कुछ समझने की हालत से बाहर जा चुकी थी… उसकी हालत एक बकरी के जैसे हो गयी थी जो जंगल के शिकारी कुत्तो के जाल मे बुरी तरह फसि थी….


ये नज़ारा देख के कॉंट्रॅक्टर बाबू की आँखे और ज़्यादा चमकने लगी, उन्होने वकील बाबू की लड़की को अपने तगड़े और काले हाथो से रावसाब की गोद से आराम से और चुपके से उठाया और अपनी गोद मे ले लिया, जैसे के वो मेरे बाजू मे ही बैठे थे.. जैसे ही उन्होने वकील बाबू के लड़की को हाथो मे उठा कर अपनी गोद मे रखा तो, उसकी कोमल गांद का स्पर्श मेरी पीठ को हुआ और मेरे अंग अंग मे एक लहर दौड़ गयी….. मेरी हालत तो भीगी बिल्ली जैसी थी… मैं इधर कुछ भी नही कर सकता था…. अभी कॉंट्रॅक्टर बाबू पूरी तैय्यारि के साथ वकील बाबू की बेटी की गीली मुलायम चूत चोदने के लिए तैय्यार होने लगे, और ये सोच सोच के पागल हुए जा रहे थे, उन्होने अपने लंड की चमड़ी सूपदे से पीछे की…. और वो अब निशाना साधने के लिए तैय्यार थे..



तभी मैने देखा बाहर कुछ ज़्यादा ही प्रकाश दिखने लगा, मैने थोड़ा खिड़की से बाहर झाँक के देखा तो मैने देखा कि वो प्रकाश कही और से नही बल्कि जिस मदिर मे जा रहे थे वहाँ से आ रहा था इसका मतलब मंदिर आ गया था… कॉंट्रॅक्टर बाबू ने जब ये समझा तो उनका तो केएलपीडी(खड़े लंड पे डंडा) हो गया… दोस्तो कहानी अभी जारी है आपका दोस्त राज शर्मा
 क्रमशः………………………………










हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator