Sunday, June 13, 2010

गहरी चाल पार्ट--18

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गहरी चाल पार्ट--18

सवेरे कामिनी की नींद खुली तो उसने देखा की षत्रुजीत सिंग अभी तक वही उसके बगल मे सो रहा था.उसने घड़ी देखी,अभी थोड़ा वक़्त था & वो 1 बार और इस तगड़े लंड का लुत्फ़ उठा सकती थी.शत्रुजीत उसकी दाई तरफ लेटा था,कामिनी ने करवट लेकर अपनी बाई टांग उसके उपर चढ़ा दी & बाए हाथ से उसके लंड को हिलाते हुए उसके चेहरे को चूमने लगी.

शत्रुजीत की आँख खुली तो उसने मुस्कुराते हुए करवट ली & कामिनी से लिपट गया.उसका दाया हाथ उसकी बाई जाँघ की लंबाई पे घूम रहा था & उसका मुँह कामिनी की छातियो से चिपका हुआ था.कामिनी करवट ले अपनी पीठ के बल हो गयी तो शत्रुजीत उसका इशारा समझ गया,उसने फ़ौरन उसकी फैली टाँगो के बीच उसकी चूत मे अपना लंड घुसा दिया,"..य्याहह..!"

कामिनी उसे जकड़े हुए आहे भरते हुए चुदने लगी,तभी शत्रुजीत का मोबाइल बजा.उसने वैसे ही उसे चोद्ते हुए फोन उठा के नंबर देखा,"हां,बेटा...क्या?!!..मैं फ़ौरन नीचे आता हू.",उसने फोन किनारे रख कामिनी की चुदाई जारी रखी,"क्या...हू..आ..जे..ईत्त्त.
..आनह...उउउन्न्ह...?"

"कुच्छ नही...अभी तुम बस अपने मज़े पे ध्यान दो..",शत्रुजीत ने धक्के लगते हुए अपने होंठ उसकी चूची पे कस दिए तो कामिनी ने भी आँखे बंद कर ली & नशे के समंदर मे गोते लगाने लगी.

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नत्थू राम मिल गया था.पोलीस ने उसे पंचमहल के बाहर शत्रुजीत के फार्महाउस मे पाया था.जैसे ही अब्दुल पाशा को ये बात पता चली उसने तुरंत शत्रुजीत को फोन कर दिया था.इस वक़्त न्यूज़ चॅनेल्स & अख़बार वालो की भीड़ त्रिवेणी ग्रूप के दफ़्तर & शत्रुजीत के घर के बाहर खड़ी थी.उन्हे पता नही था की शत्रुजीत कामिनी के साथ होटेल ऑर्किड से निकल कर सीधा उसके कोर्ट के चेंबर मे चला गया था,जयंत पुराणिक & पाशा भी वाहा मौजूद थे.

"समझ मे नही आता,वो फार्महाउस कैसे पहुँच गया!",पाशा कमरे मे चहल कदमी कर रहा था.

"बेटा,केर्टेकर से बात हुई तेरी."

"हां,भाई.उसे कुच्छ नही पता.वो तो अपने परिवार के साथ आउटहाउस मे सो रहा था,जब सुबह कोई 4 बजे पोलीस वाहा पहुँची.उसने उसी वक़्त मुझे फोन किया.तब तक पोलीस अंदर घुस के नत्थू राम को ढूंड चुकी थी."

"केर्टेकर ने देखा था उन्हे नत्थू राम को घर से निकलते?",पुराणिक 1 कुर्सी पे बैठे काफ़ी गहरी सोच मे डूबे थे.

"हां,अंकल.पोलीस ने उसे फार्महाउस की लॉबी का गेट खोलने को कहा,फिर वो उनके साथ अंदर गया तो 1 बंद कमरे को भी उसी ने चाभी से खोला वही नत्थू राम बैठा मिला.उसके बाद से केर्टेकर पोलीस हिरासत मे है."

"नत्थू राम का कहना है कि कुच्छ नकाब पोश गुन्दो ने उसे उसके घर & बाज़ार के बीच पड़ने वाली 1 सुनसान गली से उठाया & फार्महाउस पे ले गये.उसने किसी की शक्ल तो नही देखी पर वो बार-2 शत्रुजीत का नाम ले रहे थे.",सभी मर्द कामिनी की बात सुन रहे थे.

"..ये गुत्थी तो हम बाद मे सुलझायेंगे.फिलहाल मैने आंटिसिपेटरी बैल की अर्ज़ी दाखिल करा दी है,मुझे यकीन है मुकुल थोड़ी देर मे बैल मंज़ूरी के काग़ज़ ले के आता ही होगा."

"कामिनी,वो ग़रीब केर्टेकर बेवजह मुसीबत मे फँसा हुआ है,उसे भी बाहर निकालो प्लीज़."

"देखो,शत्रुजीत.हमे पक्का यकीन नही की वो केर्टेकर बिल्कुल बेगुनाह है & तुम्हे बैल मिल गयी तो फिर पोलीस उसे कभी नही छ्चोड़ेगी.अभी उनका शक़ सबसे ज़्यादा उसी के उपर होगा,क्यूकी वो वाहा मौजूद था जब गुमशुदा बरामद हुआ.आख़िर उन्हे भी तो ये केस सुलझाना है."

"मॅ'म,ज़मानत मंज़ूर हो गयी,लेकिन 12 बजे कोर्ट मे पेशी है.",मुकुल चेंबर मे दाखिल हुआ.

"ओके,मुकुल.पेशी से तो हम निबट लेंगे लेकिन सवाल ये है की आख़िर नत्थू राम वाहा पहुँचा कैसे?"

"उस से भी बड़ा सवाल ये है कामिनी,की उसे वाहा पहुचने वाला कौन है?",पुराणिक अभी भी वैसे ही बैठे थे.

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इस सवाल का जवाब था जगबीर ठुकराल के पास,जोकि इस वक़्त शैतानी मुस्कुराहट लिए अपने बड़े टीवी स्क्रीन पे न्यूज़ देख रहा था.उसका प्लान शुरू हो चुका था,शत्रुजीत अब उसके रास्ते से हटने ही वाला था.उसने 1 लड़की को इशारा किया तो वो फोन लेकर आई & सोफे पे उस से सॅट के बैठ गयी,ठुकराल ने भी अपनी बाई बाँह के घेरे मे उसे ले लिया,"माधो?"

"जी,हुज़ूर."

"बहुत बढ़िया काम किया है तुमने.",लड़की उसके सीने के बालो मे उंगलिया घुमा रही थी.

"शुक्रिया,हुज़ूर."

"अब आज आगे का प्लान भी इसी तरह बढ़ाना है."

"बिल्कुल हुज़ूर.मैं नज़र रखे हुए हू,जैसे ही मौका मिलेगा हम दूसरी सीढ़ी भी पार कर लेंगे.",लड़की का हाथ ठुकराल के पाजामे मे घुस चुका था.

"बहुत अच्छे,माधो.अपना ख़याल रखना."

"आप बेफ़िक्रा रहें हुज़ूर.",ठुकराल ने फोन रख दिया,"अभी नही,डार्लिंग.",उसने लड़की का हाथ अपने अंडरवेर से निकाला,"..आज बहुत काम है.",वो तैय्यार होने चला गया.

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"मिलर्ड!गुमशुदा की बरामदगी शत्रुजीत सिंग के फार्महाउस से हुई है,नत्थू राम भी कह रहा है कि उसे अगवा करने वाले इनका नाम ले रहे थे,इस मामले की तह तक जाने के लिए पोलीस को इनसे पुच्छ-ताछ करनी होगी & इसके लिए मैं आपसे दरखास्त करता हू की शत्रुजीत सिंग को पोलीस हिरासत मे लेने की इजाज़त दी जाए.",सरकारी वकील ने अपनी दलील पेश की.

"मिलर्ड!केवल बरामदगी & कुच्छ अंजान लोगो के नाम लेने से ये कहा से साबित हो जाता है की मेरे मुवक्किल ही दोषी हैं.नत्थू राम ने ये तो नही कहा की खुद शत्रुजीत सिंग ने उसे अगवा किया था,उसने अगवा करने वालो के मुँह से उनका नाम सुना था.कोई मेरे क्लाइंट को फँसाने की कोशिश कर रहा है वरना आप ही बताएँ सर,क्या कोई मुजरिम इतनी बड़ी ग़लती कर सकता है की हर जगह अपना नाम का प्रचार करता चले.फिर भी,मैने अपने क्लाइंट की अग्रिम ज़मानत ले ली है,ये हैं उसके काग़ज़ात.थॅंक यू,सर.",उसने काग़ज़ात कोर्ट पीयान को थमा दिए.

"मिलर्ड!मुलज़िम नत्थू राम को धमकाता आ रहा था-.."

"ऑब्जेक्षन!मिलर्ड..",कामिनी बोली,"..वकील साहब मेरे मुवक्किल पे बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा रहे हैं.नत्थू राम ने 1 बार भी अपने किसी बयान मे ये नही कहा है की उसे शत्रुजीत सिंग ने धमकाया है."

"ऑब्जेक्षन सस्टेंड."

"मैं माफी चाहता हू,मिलर्ड.मुलज़िम ने नत्थू राम पे घर बेचने के लिए दबाव डाला था.नत्थू राम के इनकार से बौखला कर उसे डरने की गरज से उसने ऐसा किया है."

"मिलर्ड!जब मेरे मुवक्किल ने आज तक उसे कभी भी धमकी तक नही दी फिर वो अचानक उसे अगवा क्यू कराएगा जब की वो बड़ी आसानी से क़ानून के सहारे उसके मकान का क़ब्ज़ा पा सकता था.",अपनी-2 दलीलें पेश करने के बाद दोनो वकील जड्ज के फैल्से का इंतेज़ार करने लगे.

"मुझे शत्रुजीत सिंग की अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी खारिज करने की कोई मज़बूत वजह नज़र नही आती,इस लिए अभी पोलीस उन्हे हिरासत मे नही ले सकती,लेकिन अदालत उन्हे ये हिदायत देती है की वो पोलीस की करवाई मे पूरा सहयोग दे.पोलीस उनसे कभी ही पुच्छ-ताछ कर सकती है,मगर इसके लिए पोलीस को उन्हे कम से कम 2 घंटे पहले इत्तिला देनी होगी.इस केस की अगली सुनवाई तक मिस्टर.सिंग बिना अदालत की इजाज़त के शहर के बाहर नही जाएँगे.केर्टेकर को पोलीस हिरासत मे रख सकती है.",जड्ज के फ़ैसले को सुन सब कोर्ट से बाहर आए जहा रिपोर्टर्स & तमाशबीनो का हुजूम उमड़ा हुआ था.उनके सवालो को नज़रअंदाज़ करते हुए शत्रुजीत & बाकी लोग अपनी गाडियो मे चढ़ कर वाहा से निकल लिए.

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कामिनी & पुराणिक अपने-2 ऑफीस चले गये थे & पाशा & शत्रुजीत 1 कार मे कही जा रहे थे,कार पाशा चला रहा था,"साइट पे ही चलना है ना भाई?"

"हां,बेटा.",दोनो केस के बारे मे बाते करने लगे & शायद इसी वजह से उनका ध्यान उस काली फ़ोर्ड एंडेवर पे नही गया जोकि ट्रॅफिक की भीड़-भाड़ का फ़ायदा उठा के उनके कुच्छ पीछे चल रही थी.

साइट पे बहुत तेज़ी से काम चल रहा था,बड़ी-2 मशीन्स & बहुत सारे मज़दूर इंजिनीयर्स की देख-रेख मे उस इमारत पे काम कर रहे थे.1 बड़ी सी टॉवेर क्रॅन 1 तरफ से सेमेंट की बोरिया उठाती & उसे बन रही इमारत की दसवी मंज़िल पे पहुँचा रही थी.साइट के सुपोवर्विज़र से बात करने के बाद पाशा बाथरूम चला गया & शत्रुजीत अकेला ही घूमने लगा.उसके ज़हन मे नत्थू राम के केस की ही बात घूम रही थी.वो अपने ख़यालो मे खोया हुआ था की तभी उसे पीछे से किसी ने ज़ोर का धक्का दिया & वो रेत के ढेर पे गिर पड़ा,वो धक्का देने वाला शख्स उसके उपर था.शत्रुजीत कुच्छ समझता ठीक उसी वक़्त उसके गिरते ही सेमेंट की 5 बोरिया वही पे गिरी जहा पे वो पहले खड़ा था.

उसकी समझ मे सब आ गया,इस इंसान ने उसकी जान बचाई थी.वो कपड़ो से धूल झाड़ता उठा & हाथ बढ़ा के उस अंजन आदमी को उठाया,तब तक वाहा काम करने वाले & पाशा उसके पास भागते हुए आ चुके थे.शत्रुजीत ने उस आदमी को सहारा दे के खड़ा किया,"शुक्रिया."

वो आदमी बस हांफे जा रहा था,उसके कपड़ो पे गिरने से धूल जम लग गयी थी मगर फिर भी सॉफ ज़ाहिर था की वो पहले से ही बड़े पुराने & मैइले हैं.उसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी & वो काफ़ी कमज़ोर लग रहा था,"तुम यहा काम करते हो?,जवाब मे उसने इनकार मे सर हिलाया.शत्रुजीत अपनी जेब मे हाथ डालता उस से पहले ही पाशा ने अपनी जेब से वॉलेट निकाल के उसके सारे पैसे उस आदमी की ओर बढ़ाए,"ना...मैने जो किया इंसानियत के नाते..मैं ये पैसे नही लूँगा..",वो हांफता हुआ घुमा & 4 कदम चल के चक्कर खा के गिर गया.सभी दौड़ के उसके करीब पहुँचे,शत्रुजीत ने उसे उठाया,"पाशा,ये बीमार लगता है..देखो बेहोश तो नही हुआ पर फिर भी आँखे नही खोल पा रहा है.."

"हां,भाई.इसे हॉस्पिटल ले चलते हैं."

"हां,चल."
क्रमशः......................


GEHRI CHAAL paart--18

Savere Kamini ki neend khuli to usne dekha ki Shatrujeet Singh abhi tak vahi uske bagal me so raha tha.usne ghadi dekhi,abhi thoda waqt tha & vo 1 baar aur is tagde lund ka lutf utha sakti thi.shatrujeet uski daayi taraf leta tha,kamini ne karwat lekar apni baayi tang uske upar chadha di & baaye hath se uske lund ko hilate hue uske chehre ko chumne lagi.

shatrujeet ki aankh khuli to usne muskurate hue karwat li & kamini se lipat gaya.uska daaya hath uski baayi jangh ki lambai pe ghum raha tha & uska munh kamini ki chhatiyo se chipka hua tha.kamini karwat le apni pith ke bal ho gayi to shatrujeet uska ishara samajh gaya,usne fauran uski faili tango ke beech uski chut me apna lund ghusa diya,"..yyaahhhh..!"

kamini use jakde hue aahe bharte hue chudne lagi,tabhi shatrujeet ka mobile baja.usne vaise hi use chodte hue fone utha ke number dekha,"haan,beta...kya?!!..main fauran neeche aata hu.",usne fone kinare rakh kamini ki chudai jari rakhi,"kya...hu..aa..je..eettt...aanhhh...uuunnhhh...?"

"kuchh nahi...abhi tum bas apne maze pe dhyan do..",shatrujeet ne dhakke lagate hue apne honth uski choochi pe kas diye to kamini ne bhi aankhe band kar li & nashe ke samandar me gote lagane lagi.

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Natthu Ram mil gaya tha.police ne use Panchmahal ke bahar shatrujeet ke farmhouse me paya tha.jaise hi Abdul Pasha ko ye baat pata chali usne turant shatrujeet ko fone kar diya tha.is waqt news channels & akhbar valo ki bheed Triveni group ke daftar & shatrujeet ke ghar ke bahar kkkhadi thi.unhe pata nahi tha ki shatrujeet kamini ke sath Hotel Orchid se nikal kar seedha uske court ke chamber me chala gaya tha,Jayant Puranik & pasha bhi vaha maujood the.

"samajh me nahi aata,vo farmhouse kasie pahunch gaya!",pasha kamre me chahal kadmi kar raha tha.

"beta,caretaker se baat hui teri."

"haan,bhai.use kuchh nahi pata.vo to apne parivar ke sath outhouse me so raha tha,jab subah koi 4 baje police vaha pahunchi.usne usi waqt mujhe fone kiya.tab tak police andar ghus ke natthu ram ko dhund chuki thi."

"caretaker ne dekha tha unhe natthu ram ko ghar se nikalte?",puranik 1 kursi pe baithe kafi gehri soch me dube the.

"haan,uncle.police ne use farmhouse ki lobby ka gate kholne ko kaha,fir vo unke sath andar gaya to 1 band kamre ko bhi usi ne chabhi se khola vahi natthu ram baitha mila.uske baad se caretaker police hirasat me hai."

"natthu ram ka kehna hai ki kuchh nakab posh gundo ne use uske ghjar & bazar ke beech padne vali 1 sunsan gali se uthaya & farmhouse pe le gaye.usne kisi ki shakl to nahi dekhi par vo baar-2 shatrujeet ka naam le rahe the.",sabhi mard kamini ki baat sun rahe the.

"..ye gutthi to hum baad me suljhayenge.filhal maine anticipatory bail ki arzi dakhil kara di hai,mujhe yakeen hai Mukul thodi der me bail manzuri ke kagaz le ke aata hi hoga."

"kamini,vo gareeb caretaker bevajah musibat me fansa hua hai,use bhi bahar nikalo please."

"dekho,shatrujeet.hume pakka yakeen nahi ki vo caretaker bilkul begunah hai & tumhe bail mil gayi to fir police use kabhi nahi chhodegi.abhi unka shaq sabse zyada usi ke upar hoga,kyuki vo vaha maujood tha jab gumshuda baramd hua.aakhir unhe bhi to ye case suljhana hai."

"ma'am,zamanat manzoor ho gayi,lekin 12 baje court me peshi hai.",mukul chamber me dakhil hua.

"ok,mukul.peshi se to hum nibat lenge lekin sawal ye hai ki aakhir natthu ram vaha pahuncha kaise?"

"us se bhi bada sawal ye hai kamini,ki use vaha pahuchane vala kaun hai?",puranik abhi bhi vaise hi baithe the.

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is sawal ka jawab tha Jagbir Thukral ke paas,joki is waqt shaitani muskurahat liye apne bade tv screen pe news dekh raha tha.uska plan shuru ho chuka tha,shatrujeet ab uske raste se hatne hi vala tha.usne 1 ladki ko ishara kiya to vo phone lekar aayi & sofe pe us se sat ke baith gayi,thukral ne bhi apni baayi banh ke ghere me use le liya,"Madho?"

"ji,huzur."

"bahut badhiya kaam kiya hai tumne.",ladki uske seene ke baalo me ungliya ghuma rahi thi.

"shukriya,huzur."

"ab aaj aage ka plan bhi isi tarah badhana hai."

"bilkul huzur.main nazar rakhe hue hu,jaise hi mauka milega hum dusri seedhi bhi paar kar lenge.",ladki ka haath thukral ke pajame me ghus chuka tha.

"bahut achhe,madho.apna khayal rakhna."

"aap befikra rahen huzur.",thukral ne fone rakh diya,"abhi nahi,darling.",usne ladki ka hath apne underwear se nikala,"..aaj bahut kaam hai.",vo taiyyar hone chala gaya.

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"milord!gumshuda ki baramadgi shatrujeet singh ke farmhouse se hui hai,natthu ram bhi keh raha hai ki use agva karne vale inka naam le rahe the,is mamle ki teh tak jane ke liye police ko inse puchh-tachh karni hogi & iske liye main aapse darkhast karta hu ki shatrujeet singh ko police hirasat me lene ki ijazat di jaye.",sarkari vakil ne apni dalil pesh ki.

"milord!kewal baramadgi & kuchh anjan logo ke naam lene se ye kaha se sabit ho jata hai ki mere muwakkil hi doshi hain.natthu ram ne ye to nahi kaha ki khud shatrujeet singh ne use agva kiya tha,usne agva karne valo ke munh se unka naam suna tha.koi mere client ko phansane ki koshish kar raha hai varna aap hi batayen sir,kya koi mujrim itni badi galti kar sakta hai ki har jagah apna naam ka prachar karta chale.phir bhi,maine apne client ki agrim zamanat le li hai,ye hain uske kagzat.thank you,sir.",usne kagzat court peon ko thama diye.

"milord!mulzim natthu ram ko dhamkata aa raha tha-.."

"objection!milord..",kamini boli,"..vakil sahab mere muwakkil pe bebuniyad ilzam laga rahe hain.natthu ram ne 1 bar bhi apne kisi bayan me ye nahi kaha hai ki use shatrujeet singh ne dhamkaya hai."

"objection sustained."

"main mafi chahta hu,milord.mulzim ne natthu ram pe ghar bechne ke liye dabav dala tha.natthu ram ke inkar se baukhla kar use darane ki garaj se usne aisa kiya hai."

"milord!jab mere muwakkil ne aaj tak use kabhi bhi dhamki tak nahi dit o fir vo achanak use agva kyu karayega jab ki vo badi aasani se kanoon ke sahare uske magan ka kabza pa sakta tha.",apni-2 dalilen pesh karne ke baad dono vakil judge ke failse ka intezar karne lage.

"mujhe shatrujeet singh ki agrim zamanat ki arzi kharij karne ki koi mazboot vajah nazar nahi aati,is liye abhi police unhe hirasat me nahi le sakti,lekin adalat unhe ye hidayat deti hai ki vo police ki karvayi me pura sahyog de.police unse kabhi hi puchh-tachh kar sakti hai,magar iskel liye police ko unhe kam se kam 2 ghante pehle ittila deni hogi.is case ki agli sunwai tak mr.singh bina adalat ki ijazat ke shahar ke bahar nahi jayenge.caretaker ko police hirasat me rakh sakti hai.",judge ke faisle ko sun sab court se bahar aaye jaha reporters & tamashbeeno ka hujum umda hua tha.unke sawalo ko nazarandaz karte hue shatrujeet & baki log apni gadiyo me chadh kar vaha se nikal liye.

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kamini & puranik apne-2 office chale gaye the & pasha & shatrujeet 1 car me kahi ja rahe the,car pasha chala raha tha,"site pe hi chalna hai na bhai?"

"haan,beta.",dono case ke bare me baate karne lage & shayad isi vajah se unka dhayn us kali ford endeavour pe nahi gaya joki traffic ki bheed-bhad ka fayda utha ke unke kuchh peechhe chal rahi thi.

site pe bahut tezi se kaam chal raha tha,badi-2 machines & bahut sare mazdoor engineers ki dekh-rekh me us imarat pe kaam kar rahe the.1 badi si tower crane 1 taraf se cement ki boriya uthati & use ban rahi imarat ki dasvi manzil pe pahuncha rahi thi.site ke supwervisor se baat karne ke baad pasha bathroom chala gaya & shatrujeet akela hi ghumne laga.uske zehan me natthu ram ke case ki hi baat ghum rahi thi.vo apne khayalo me khoya hua tha ki tabhi use peechhe se kisi ne zor ka dhakka diya & vo ret ke dher pe gir pada,vo dhakka dene vala shakhs uske upar tha.shatrujeet kuchh samajhta thik usi waqt uske girte hi cement ki 5 boriya vahi pe giri jaha pe vo pehle khada tha.

uski samajh me sab aa gaya,is insan ne uski jaan bachayi thi.vo kapdo se dhool jhaadta utha & hath badha ke us anjan aadmi ko uthaya,tab tak vaha kaam karne vale & pasha uske paas bhagte hue aa chuke the.shatrujeet ne us aadmi ko sahara de ke khada kiya,"shukriya."

vo aadmi bas haanfe ja raha tha,uske kapdo pe girne se dhool jam lag gayi thi magar fir bhi saaf zahir tha ki vo pehle se hi bade purane & maile hain.uski dadhi bhi badhi hui thi & vo kafi kamzor lag raha tha,"tum yaha kaam karte ho?,jawab me usne inkar me sar hilaya.shatrujeet apni jeb me hath dalta us se pehle hi pasha ne apni jeb se wallet nikal ke uske asre paise us aami ki or badhaye,"na...maine jo kiya insaniyat ke nate..main ye paise nahi loonga..",vo haanfta hua ghuma & 4 kadam chal ke chakkar kha ke gir gaya.sabhi daud ke uske kareeb pahunche,shatrujeet ne use uthaya,"pasha,ye bimar lagta hai..dekho behosh to nahi hua par fir bhi aankhe nahi khol pa raha hai.."

"haan,bhai.ise hospital le chalte hain."

"haan,chal."










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