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गहरी चाल पार्ट--25
कामिनी करण के बिस्तर मे नंगी पड़ी थी & वो उसकी टाँगो के बीच घुटनो पे बैठा बड़ी तेज़ी से उसकी चूत मे अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था.उसके हाथ कामिनी के घुटनो को मोडे हुए थे & कामिनी के हाथ उसकी जाँघ पे लगे हुए थे & वो बहुत ज़ोर-2 से आहे भर रही थी.
"..ऊऊऊव्व्वव..!",कामिनी ने बदन कमान की तरह मोड़ कर पीठ बिस्तर से उठा दी &आँखे बंद किए हुए सर पीछे झुका के झाड़ गयी मगर करण अभी नही झाड़ा था.करण थोड़ी देर तक वैसे ही उसकी चूत मे लंड को शांत रखे बस प्यार से उसके बालो को सहलाता रहा.
थोड़ी देर बाद कामिनी ने आँखे खोली तो करण ने उसे घूम कर अपने घुटनो पे होने का इशारा किया.मुस्कुराती हुई कामिनी अपने घुटनो पे आ गयी,सहारे के लिए उसने पलंग के हेअडबोअर को थाम लिया.कारण ने अपना तना लंड पीछे से उसकी चूत मे घुसा दिया & 1 बार फिर उसकी चुदाई मे लग गया.थोड़ी देर मे ही फिर से कमरा कामिनी की मदहोश आहो से गुलज़ार हो गया.
उनके मज़े मे खलल डालता हुआ करण का मोबाइल बज उठा तो करण ने वैसे ही अपनी प्रेमिका को चोद्ते हुए 1 हाथ उसकी कमर से हटाया & फोन उठा लिया मगर नंबर देखते ही जैसे उसका जोश हवा हो गया.उसने झट से लंड बाहर खींचा तो कामिनी थोडा झल्ला के पीछे मूडी तो पाया की करण बात करते हुए बिस्तर से उतर गया था.
कामिनी को बहुत बुरा लगा...माना की उसके पिता का फोन थे मगर इस तरह से बीच मे छ्चोड़ कर जाना...हुंग!..."ओके..ठीक है...हां-2 मैं एरपोर्ट पहुँच जाऊँगा...थर्स्डे मॉर्निंग याद है बाबा!ह्म्म...",करण वही कमरे के दरवाज़े पे खड़ा बात कर रहा था & कामिनी पलंग पे मुँह फेरे पड़ी थी,तभी करण कमरे के बाहर चला गया & फिर कोई 1 मिनिट बाद वापस आया.
"आइ'एम सॉरी!..रियली सॉरी!",उसने करवट ले कर लेटी हुई कामिनी को पीछे से बाहो मे भरना चाहा तो कामिनी ने उसे परे धकेल दिया,"प्लीज़ जानेमन!..बुरा मत मानो...मुझे क्या च्छा लगा इस तरह से जाना!..मगर क्या करता..हेड ऑफीस से 1 सीनियर अफ़सर का फोन था..अब उसके चक्कर मे ये वीकेंड बर्बाद होने वाला है...वो यहा आ रहा है & मुझे उसकी खिदमत मे लगा रहना पड़ेगा...अब आ जाओ."
"..तो अभी भी उसी के पास चले जाओ,उसी के साथ अपनी प्यास बुझा लेना!",कामिनी ने तुनक के उसका हाथ झटक दिया.मगर वो कब तक कारण के इसरार को ठुकराती.दो नंगे जवान मर्द & औरत चाहे कितना भी खफा हों,उनके जिस्म तो उन्हे सुलह पे मजबूर कर ही देते हैं.कुच्छ करण की मिन्नतो & कुच्छ उसके जिस्म की गर्मी ने कामिनी को 1 बार फिर उसके घुटनो पे खड़ा कर दिया & करण फिर से अपनी प्रेमिका को डॉगी स्टाइल मे चोदने लगा...मगर कामिनी को इस बार उतना मज़ा नही आ रहा था...उसे ऐसा लगा जैसे की उस फोन के चलते कारण थोड़ा परेशान हो गया था & इसका असर उसकी चुदाई मे भी पड़ रहा था.
उसने सर घुमा कर उसे देखा तो उसे उसका शक़ यकीन मे बदलता नज़र आया-इस वक़्त चुदाई करते हुए भी करण थोड़ा असहज लग रहा था.उसने अपनी प्रेमिका को यू खुद को घूरते देखा तो झुक कर अपना सीने को उसकी पीठ से लगा दिया,फिर दाए हाथ से उसकी चूत & बाए से उसकी चूचियो को मसल उसके होंठ चूमता हुआ उसे चोदने लगा.
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आज शुक्रवार की रात थी & कामिनी अपने बिस्तर मे अकेली पड़ी करवटें ले रही थी.जब से उसके तीनो प्रेमी उसकी ज़िंदगी मे आए थे,शायद ही कोई रात उसने यू तन्हा बिताई हो & वीकेंड या छुट्टी के दिन तो वो जम के चुदाई का लुत्फ़ उठाती थी.मगर आज की रात हालात ही कुच्छ ऐसे बन गये थे.करण अपने अफ़सर के साथ लगा हुआ था & षत्रुजीत सिंग को भी आज कंपनी अकाउन्त के पेपर्स निपटाने थे,अगले हफ्ते से ऑडिटिंग शुरू होने वाली थी...& चंद्रा साहब..वो बेचारे तो बीवी की नज़र बचा के यहा आने से रहे.
रात के 12:30 बज रहे थे & कामिनी अभी भी करवटें बदल रही थी.उसने सोचा की थोडा टीवी देखा जाए.ड्रॉयिंग रूम मे जाके उसने टीवी ओं किया.चॅनेल्स बदलते हुए वो न्यूज़ चॅनेल पे पहुँची.."ब्रेकिंग न्यूज़....बॉर्नीयो मे गोलीबारी..1 शख्स की मौत.",सभी चॅनेल्स पे यही खबर आ रही थी.बॉर्नीयो पंचमहल का काफ़ी पुराना पब था & शायद उसमे ये पहली ऐसी घटना घटी थी....जयंत पुराणिक तो वाहा लगभग रोज़ ही जाते थे...कामिनी को ख़याल आया.उसने चॅनेल्स बदले...1 फिल्म चॅनेल पे 1 अच्छी फिल्म आ रही थी,कामिनी उसे देखने लगी...कोई 10 मिनिट बाद उसमे ब्रेक हुआ तो कामिनी ने वापस न्यूज़ चॅनेल लगाया.ठीक उसी वक़्त उसका मोबाइल भी बज उठा.
"हेलो,",कामिनी ने फोन कान से लगाया.
"का-..का..कामिनी..मा..मैं..करण बोल रहा हू...",वो काफ़ी घबराया हुआ था.
"हां,कारण बोलो..क्या हुआ?ऐसे घबराए क्यू हो?"
"कामिनी..कामिनी.."
"हां,करण बोलो क्या बात है?",अब कामिनी को भी चिंता होने लगी थी.
"मु-..मुझसे खून हो गया है.."
"क्या?!!",ठीक उसी वक़्त कामिनी ने टीवी स्क्रीन की ओर देखा,"..त्रिवेणी ग्रूप के वाइस-प्रेसीडेंट जयंत पुराणिक का खून."
"हां,कामिनी...पता नही कैसे-"
"करण,तुम इस वक़्त कहा हो?"
"पोलीस मुझे थाने ले जा रही है..बड़ी मुश्किल से तुम्हे कॉल करने की इजाज़त मिली है."
"ठीक है..मैं थोड़ी देर मे वाहा पहुँचती हू."
कोई 40 मिनिट बाद कामिनी थाने मे थी,"मेडम,इन्होने ही मिस्टर.पुराणिक का खून किया है,मर्डर वेपन भी हुमारे पास है & चश्मदीद गवाह भी."
"ठीक है,इनस्पेक्टर.क्या मैं 1 बार अपने क्लाइंट से मिल सकती हू?"
"जाइए...हवलदार इन्हे करण मेहरा के पास ले जाओ."
कामिनी लॉक-अप के पास पहुँची तो देखा की 1 खूबसूरत सी लड़की सलाखो के इस तरफ खड़े उनके पीछे खड़े कारण से बाते कर रही है,दोनो ने 1 दूसरे के हाथ थाम रखे थे.लड़की के बॉल बिल्कुल मॉडर्न अंदाज़ मे कंधो तक कटे हुए थे & उसने जीन्स के साथ 1 ब्राउन जॅकेट पहनी हुई थी,पैरो मे ऊँची हील्स के सॅंडल्ज़ थे.लड़की देखने से ही काफ़ी अमीर घराने की लग रही थी.
कामिनी को देखते ही करण ने लड़की का हाथ छ्चोड़ दिया,"आओ..कामिनी..मुझे यहा से निकालो..प्ल..प्लीज़..",उसके चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ा हुआ था & इस हल्की ठंड के मौसम मे भी माथा पसीने से भीगा हुआ था.कामिनी ने लड़की की तरफ देखा,"हाई!कामिनी,आइ'एम शीना मित्तल.मैं करण की मंगेतर हू."
कामिनी चौंक पड़ी,करण ने आजतक उसे इस बारे मे नही बताया था,उसने करण की ओर देखा तो करण ने नज़रे चुरा ली,"हेलो,शीना.मैने तुम्हे पहले कभी करण के साथ नही देखा?"
"मैं कल ही लंडन से यहा आई हू."
"ओह्ह..अच्छा हवलदार,ज़रा लॉक-अप खोलो."
"जी,मेडम.",कामिनी के अंदर जाते ही उसने लॉक-अप को वापस बंद कर दिया,"शीना,प्लीज़ ज़रा पानी की 1बॉटल ले आओगी."
"हां-2 क्यू नही.",शीना वाहा से चली गयी.
"कामिनी..वो मैं..मुझे...शीना...के..आइ मीन-.."
"देखो,करण मैने पहली रात ही तुम्हे कह दिया था की मैं हुमारे रिश्ते को कोई नाम नही देना चाहती थी.अगर तुमने मुझे शीना के बारे मे नही भी बताया तो मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता,लेकिन अब तुम मेरे क्लाइंट हो & मुझे बाते छुपाने वाले क्लाइंट्स बिल्कुल पसंद नही.मैने इनस्पेक्टर से जो भी बात की है उस से 1 बात तो तय है की तुम्हारे खिलाफ बहुत मज़बूत केस है,इसीलिए,अगर तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारी ठीक तरीके से मदद करू तो मुझे 1-1 बात बताओ.",तब तक शीना पानी ले आई थी.कामिनी ने करण को बॉटल थमायी जिसे उसने 1 ही घूँट मे खाली कर दिया,"..हां,अब बताओ,करण.",फिर वो शीना की तरफ घूमी,"शीना,अगर करण कोई बात मिस कर जाए तो तुम ध्यान रखना प्लीज़."
"ओके,कामिनी."
"शीना & मैं आज रात कोई 11 बजे बॉर्नीयो पहुँचे.मैं वाहा कभी-कभार जाता हू & वाहा का बारटेंडर भी मुझे पहचान गया है...मैं शीना को घुमाने के लिए ले गया था.हम बार के सामने स्टूल्स पे बैठे अपने ड्रिंक्स ले रहे थे.हुमारे स्टूल्स के 2 स्टूल्स बाद शीना की बाई तरफ 1 बूढ़े के साथ 2-3 लोग बैठे थे.बूढ़ा तो काफ़ी शरीफ लग रहा था मगर बाकियो को थोड़ी चढ़ गयी थी,उनमे से 1 उठ कर बाथरूम की तरफ गया & जाते हुए शीना की पीठ से जान बुझ कर सटा.मैने उसकी खबर उसी वतक़ लेता मगर इसने मुझे रोक दिया..",उसने बाहर खड़ी शीना की ओर इशारा किया,"..उस कमिने ने बाथरूम से लौटते हुए फिर वही हरकत दोहराई तो इस बार मुझ से रहा नही गया.मैं उठा & उसका कॉलर पकड़ लिया..हम दोनो मे हाथापाई होने लगी तो उसके साथ आए लोग बीच-बचाव करने लगे & शीना भी मुझे खींचने लगी.."
"..पब मे आकर मैने अपनी जॅकेट उतार दी थी..शीना मुझे मेरी जॅकेट पहनने लगी की तभी मेरे हाथ मे उसकी पॉकेट मे कुच्छ सख़्त चीज़ महसूस हुई...मैने उस से झगड़ते हुए उस चीज़ को निकाला,वो मेरी लाइसेन्स्ड पिस्टल थी...पता नही मुझे इतना नशा कैसे हो गया था..मैने पिस्टल उस पे तान दी..तो वो भी ताव मे आ गया..अब वो बूढ़ा शख्स हम दोनो के बिल्कुल बीच मे आ गया था & शीना भी मेरा हाथ खींचने लगी..& पता नही कब...& कैसे-कैसे गोली चल गयी & उस बूढ़े को लग गयी.",करण काँपने लगा.
कामिनी ने उसकी पीठ सहलाई,"करण..तुमने कितनी शराब पी थी?"
"वही अपनी रेग्युलर 2 पेग विस्की मगर मुझे नशा कुच्छ ज़्यादा हो गया था.",कामिनी सारी बाते नोट करती जा रही थी.
"कामिनी..मैं उसे मारना नही चाहता था..पता-"
"कोई बात नही,करण.सब ठीक हो जाएगा..1 बात बताओ.आख़िर तुमने अपनी जेब मे पिस्टल रखी ही क्यू?"
"पता नही,कामिनी.घर से निकालने से पहले मैने शीना को वो पिस्टल दिखाई थी मगर जहा तक मुझे याद है,उसे मैने वापस अपनी सेफ मे रख दिया था."
"शीना,तुमने माँगी थी गन?"
"हां.वो हुआ ये था कि कामिनी हम बाते कर रहे थे की आजकल रहजनी,लूट.मर्डर...क्राइम कितना बढ़ गया है & 1 आम आदमी इस से कैसे बच सकता है..1 बात से दूसरी बात निकली & करण ने मुझे अपनी पिस्टल के बारे मे बताया..तो मैने उस से दिखाने को कहा."
"तो तुमने उसे गन वापस सेफ मे रखते हुए देखा था?"
"पता नही,कामिनी.गन देखने के बाद मैं बाथरूम चली गयी थी.उसके बाद हम दोनो ही घर से निकल गये थे."
"ह्म्म..",कामिनी लॉक-अप से बाहर निकल आई,करण ने अंजाने मे जयंत पुराणिक का खून कर दिया था.उसने करण को दिलासा दिया & 1 बार फिर इनस्पेक्टर के पास चली गयी.
"मेडम,इसका ब्रहलाइसर टेस्ट दिखाता है की इसने काफ़ी शराब पी थी,फिर हमने इसका गन लाइसेन्स मगाया है.उस से मर्डर वेपन को मॅच करेंगे..वैसे वो तो बस 1 फॉरमॅलिटी ही है..जब इसने गोली चलाई उस वक़्त बारटेंडर मिस्टर.पुराणिक & उनके तीनो गेस्ट्स & इसकी मंगेतर के अलावा 5 और लोग थे.ऐसा हमे पब के स्टाफ ने बताया है.उन 5 मे से 3 लोगो से हमने कॉंटॅक्ट किया है,उनमे से 2 ने इसे गोली चलाते देखा था & 1 का कहना है उस वक़्त उसकी पीठ थी इसकी तरफ इसी लिए नही देख पाया लेकिन जब वो घुमा तो उसने इसे गन पकड़े खड़ा देखा था...अब बताइए...ऐसे मे ये क्या बच सकता है?"
"देखती हू,इनस्पेक्टर..",कामिनी खड़ी हो गयी,"..अगर भगवान ने चाहा तो बच भी सकता है.थॅंक्स.अब मैं चलती हू.",कामिनी थाने से निकलते हुए सोच रही थी की पुराणिक के खून के बाद भी शत्रुजीत यहा कैसे नही पहुँचा.
"..क्या?!षत्रुजीत सिंग के यहा....व्हाट?!",कामिनी ठिठक गयी.उसने घूम कर देखा.इनस्पेक्टर अपने फोन पे बात करते हुए चौंक कर खड़ा हो गया था,उसी वक़्त 1 हवलदार उसके पास आया,"सर,अभी-2 वाइर्ले पे कंट्रोल रूम से मेसेज आया हैकि-.."
"..कि शत्रुजीत सिंग की बीवी नंदिता का खून हो गया.",इनस्पेक्टर ने अपनी कॅप लगाई,"..पाठक को बुलाओ...पहले ये बॉर्नीयो का केस & अब ये..आज की रात की नींद तो गयी!"
क्रमशः.....................
GEHRI CHAAL paart--25
Kamini Karan ke bistar me nangi padi thi & vo uski tango ke beech ghutno pe baitha badi tezi se uski chut me apna lund andar-bahar kar raha tha.uske hath kamini ke ghutno ko mode hue the & kamini ke hath uski jangh pe lage hue the & vo bahut zor-2 se aahe bhar rahi thi.
"..OOOOOOWWWW..!",kamini ne badan kaman ki tarah mod kar pith bistar se utha di &aankhe band kiye hue sar peechhe jhuka ke jhad gayi magar karan abhi nahi jhada tha.karan thodi der tak vaise hi usaki chut me lund ko shant rakhe bas pyar se uske baalo ko sehlata raha.
thodi der baad kamini ne aankhe kholi to kara n ne use ghum kar apne ghutno pe hone ka ishar kiya.muskurati hui kamini apne ghutno pe aa gayi,sahare ke liye usne palang ke headboar ko tha mliya.karan ne apna tana lund peechhe se uski chut me ghusa diya & 1 bar fir uski chudai me lag gaya.thodi der me hi fir se kamra kamini ki madhosh aaho se gulzar ho gaya.
unke maze me khalal dalta hua karan ka mobile baj utha to karan ne vaise hi apni premika ko chodte hue 1 hath uski kamar se hataya & fone utha liya magar number dekhte hi jaise uska josh hawa ho gaya.usne jhat se lund bahar khincha to kamini thoda jhalla ke peechhe mudi to paya ki karan baat karte hue bistar se utar gaya tha.
kamini ko bahut bura laga...mana ki uske pita ka fone the magar is tarah se beech me chhod kar jana...hunh!..."ok..thik hai...haan-2 main airport pahunch jaoonga...thursday morning yaad hai baba!hmm...",karan vahi kamre ke darwaze pe khada baat kar raha tha & kamini palang pe munh fere padi thi,tabhi karan kamre ke bahar chala gaya & fir koi 1 minute baad vapas aaya.
"i'm sorry!..really sorry!",usne karwat le kar leti hui kamini ko peechhe se baaho me bhrana chaha to kamini ne use pare dhakel diya,"please janeman!..bura mat mano...mujhe kya chha laga is tarah se jana!..magar kya karta..head office se 1 senior afsar ka fone tha..ab uske chakkar me ye weekend barbad hone wala hai...vo yaha aa raha hai & mujhe uski khidmat me laga rehna padega...ab aa jao."
"..to abhi bhi usi ke paas chale jao,usi ke sath apni pyas bujha lena!",kamini ne tunak ke uska hath jhatak diya.magar vo kab tak karan ke israr ko thukrati.do nange jawan mard & aurat chahe kitna bhi khafa hon,unke jism to unhe sulah pe majboor kar hi dete hain.kuchh karan ki minnato & kuchh uske jism ki garmi ne kamini ko 1 baar fir uske ghutno pe khada kar diya & karan fir se apni premika ko doggie style me chodne laga...magar kamini ko is baar utna maza nahi aa raha tha...use aisa laga jaise ki us fone ke chalte karan thoda pareshan ho gaya tha & iska asar uski chudai me bhi pad raha tha.
usne sar ghuma kar use dekha to use uska shaq yakeen me badalta nazar aaya-is waqt chudai karte hue bhi karan thoda asahaj lag raha tha.usne apni premika ko yu khud ko ghurte dekha to jhuk kar apna seene ko uski pith se laga diya,fir daaye hath se uski chut & baaye se uski chhatiyo ko masal uske honth chumta hua use chodne laga.
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aaj shukravar ki raat thi & kamini apne bistar me akeli padi karwate le rahi thi.jab se uske teeno premi uski zindagi me aaye the,shayad hi koi raat usne yu tanha bitayi ho & weekend ya chhutti ke din to vo jam ke chudai ka lutf uthati thi.magar aaj ki raat halaat hi kuchh aise ban gaye the.karan apne afsar ke sath laga hua tha & Shatrujeet Singh ko bhi aaj company acoounts ke papers niptane the,agle hafte se auditing shuru hone wali thi...& chandra sahab..vo bechare to biwi ki nazar bacha ke yaha aane se rahe.
raat ke 12:30 baj rahe the & kamini abhi bhi karwate badal rahi thi.usne socha ki thoda tv dekha jaye.drawing room me jake usne tv on kiya.channels badalte hue vo news channel pe pahunchi.."BREAKING NEWS....Borneo me golibari..1 shakhs ki maut.",sabhi channels pe yehi khabar aa rahi thi.Borneo Panchmahal ka kafi purana pub tha & shayad usme ye pehli aisi ghatna ghati thi....Jayant Puranik to vaha lagbhag roz hi jate the...kamini ko khayal aaya.usne channels badle...1 film channel pe 1 achhi film aa rahi thi,kamini use dekhne lagi...koi 10 minute baad usme break hua to kamini ne vapas news channel lagaya.thik usi waqt uska mobile bhi baj utha.
"hello,",kamini ne fone kaan se lagaya.
"ka-..ka..kamini..ma..main..karan bol raha hu...",vo kafi ghabraya hua tha.
"haan,karan bolo..kya hua?aise ghabraye kyu ho?"
"kamini..kamini.."
"haan,karan bolo kya baat hai?",ab kamin i ko bhi chinta hone lagi thi.
"mu-..mujhse khoon ho gaya hai.."
"kya?!!",thik usi waqt kamini ne tv screen ki or dekha,"..Triveni Group ke Vice-President Jayant Puranik ka khoon."
"haan,kamini...pata nahi kaise-"
"karan,tum is waqt kaha ho?"
"police mujhe thane le ja rahi hai..badi mushkil se tumhe call karne ki ijazat mili hai."
"thik hai..main thodi der me vaha pahunchti hu."
koi 40 minute baad kamini thane me thi,"madam,inhone hi Mr.Puranik ka khoon kiya hai,murder weapon bhi humare paas hai & chashmadid gawah bhi."
"thik hai,inspector.kya main 1 baar apne client se mil sakti hu?"
"jaiye...hawaldar inhe Karan Mehra ke paas le jao."
kamini lock-up ke paas pahunchi to dekha ki 1 khubsurat si ladki salaklho ke is taraf khade unke peechhe khade karan se baate kar rahi hai,dono ne 1 dusre ke hath tham rakhe the.ladki ke baal bilkul modern andaz me kandho tak kate hue the & usne jeans ke sath 1 brown jacket pehni hui thi,pairo me oonchi heels ke sandals the.ladki dekhne se hi kafi amir gharane ki lag rahi thi.
kamini ko dekhte hi karan ne ladki ka hath chhod diya,"aao..kamini..mujhe yaha se nikalo..pl..please..",uske chehre ka rang bilkul uda hua tha & is halki thand ke mausam me bhi matha paseene se bhiga hua tha.kamini ne ladki ki taraf dekha,"hi!kamini,i'm Sheena Mittal.main karan ki mangetar hu."
kamini chaunk padi,karan ne aajtak use is bare me nahi bataya tha,usne karan ki or dekha to karan ne nazre chura li,"hello,sheena.maine tumhe pehle kabhi karan ke sath nahi dekha?"
"main kal hi London se yaha aayi hu."
"ohh..achha hawaldar,zara lock-up kholo."
"ji,madam.",kamini ke nadar jate hi usne lock-up ko vapas band kar diya,"sheena,please zara pani ki 1bottle le aaogi."
"haan-2 kyu nahi.",sheena vaha se chali gayi.
"kamini..vo main..mujhe...sheena...ke..i mean-.."
"dekho,karan maine pehli raat hi tumhe keh diya tha ki main humare rishte ko koi naam nahi dena chati thi.agar tumne mujhe sheena ke bare me nahi bhi batay to mujhe koi fark nahi padta,lekin ab tum mere client ho & mujhe baate chhupane vale clients bilkul pasand nahi.maine inspector se jo bhi baat ki hai us se 1 baat to tay hai ki tumhare khilaf bahut mazbut case hai,isiliye,agar tum chahte ho ki main tumhari thik tarike se madad karu to mujhe 1-1 baat batao.",tab tak sheena pani le aayi thi.kamini ne karan ko bottle thamayi jise usne 1 hi ghunt me khali kar diya,"..haan,ab batao,karan.",fir vo sheena ki taraf ghumi,"sheena,agar karan koi baat miss kar jaye to tum dhyan rakhna please."
"ok,kamini."
"sheena & main aaj raat koi 11 baje borneo pahunche.main vaha kabhi-kabhar jata hu & vaha ka bartender bhi mujhe pehchan gaya hai...main sheena ko ghumane ke liye le gaya tha.hum bar ke samne stools pe baithe apne drinks le rahe the.humare stools ke 2 stools baad sheena ki baayi taraf 1 boodhe ke sath 2-3 log baithe the.boodha to kafi sharif lag raha tha magar bakiyo ko thodi chadh gayi thi,unme se 1 uth kar bathroom ki taraf gaya & jate hue sheena ki pith se jan bujh kar sata.maine uski khabar usi watq leta magar isne mujhe rok diya..",usne bahar khadi sheena ki or ishara kiya,"..us kamine ne bathroom se lautate hue fir vahi harkat dohrayi to is baar mujh se raha nahi gaya.main utha & uska collar pakad liya..hum dono me hathapayi hone lagi to uske sath aaye log beech-bachav karne lage & sheena bhi mujhe khinche lagi.."
"..pub me aakar maine apni jacket utar di thi..sheena mujhe meri jacket pehnane lagi ki tabhi mere hath me uski pocket me kuchh sakht chiz mehsus hui...maine us se jhagadte hue us chiz ko nikala,vo meri licensed pistol thi...pata nahi mujhe itna nasha kaise ho gaya tha..maine pistol us pe taan di..to vo bhi taav me aa gaya..ab vo boodha shakhs hum dono ke bilkul bneech me aa gaya tha & sheena bhi mera hath khinchne lagi..& pata nahi kab...& ka-kaise goli chal gayi & us boodhe ko lag gayi.",karan kaanpne laga.
kamini ne uski pith sehlai,"karan..tumne kitni sharab pi thi?"
"vahi apni regular 2 peg whisky magar mujhe nasha kuchh zyada ho gaya tha.",kamini sari baate note karti ja rahi thi.
"kaimini..main use marna nahi chahta tha..pata-"
"koi baat nahi,karan.sab thik ho jayega..1 baat batao.aakhir tumne apni jeb me pistol rakhi hi kyu?"
"pata nahi,kamini.ghar se nikalne se pehle maine sheena ko vo pistol dikhayi thi magar jaha tak mujhe yaad hai,use maine vapas apni safe me rakh diya tha."
"sheena,tumne mangi thi gun?"
"haan.vo hua ye tha ki kamini hum baate kar rahe the ki aajkal rahzani,loot.murder...crime kitna badh gaya hai & 1 aam aadmi is se kaise bach sakta hai..1 baat se dusri baat nikli & karan ne mujhe apni pistol ke bare me bataya..to maine us se dikhane ko kaha."
"to tumne use gun vapas safe me rakhte hue dekha tha?"
"pata nahi,kamini.gun dekhne ke baad main bathroom chali gayi thi.uske baad hum dono hi ghar se nikal gaye the."
"hmm..",kamini lock-up se bahar nikal aayi,karan ne anjane me Jayant Puranik ka khoon kar diya tha.usne karan ko dilasa diya & 1 bar fir inspector ke paas chali gayi.
"madam,iska breathalyser test dikhata hai ki isne kafi sharab pi thi,fir humne iska gun license magaya hai.us se murder weapon ko match karenge..vaise vo to bas 1 formality hi hai..jab isne goli chalayi us waqt bartender mr.puranik & unke teeno guests & iski mangetar ke alawa 5 aur log the.aisa hume pub ke staff ne bataya hai.un 5 me se 3 logo se humne contact kiya hai,unme se 2 ne ise goli chalate dekha tha & 1 ka kehna hai us waqt uski pith thi iski taraf isi liye nahi dekh paya lekin jab vo ghuma to usne ise gun pakde khada dekha tha...ab bataiye...aise me ye kya bach sakta hai?"
"dekhti hu,inspector..",kamini khadi ho gayi,"..agar bhagwan ne chaha to bach bhi sakta hai.thanx.ab main chalti hu.",kamini thane se nikalte hue soch rahi thi ki puranik ke khoon ke baad bhi shatrujeet yaha kaise nahi pahuncha.
"..kya?!Shatrujeet Singh ke yaha....what?!",kamini thithak gayi.usne ghum kar dekha.inspector apne fone pe baat karte hue chaunk kar khada ho gaya tha,usi waqt 1 hawaldar uske paas aaya,"sir,abhi-2 wireless pe control room se message aaya haiki-.."
"..ki shatrujeet singh ki biwi Nandita ka khoon ho gaya.",inspector ne apni cap lagayi,"..pathak ko bulao...pehle ye borneo ka case & ab ye..aaj ki raat ki nind to gayi!"
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