Monday, June 14, 2010

गहरी चाल पार्ट--37

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गहरी चाल पार्ट--37

"जीत..",कामिनी अदालत के अहाते मे अब्दुल पाशा & टोनी के साथ अपनी कार से उतरते षत्रुजीत सिंग के पास पहुँची,"..मुझे तुमसे अकेले मे कुच्छ बात करनी है.",शत्रुजीत ने पाशा & टोनी की तरफ देखा तो वो उसका इशारा समझ कर वाहा से हट गये.

"अब कहने को क्या बाकी रहा है,कामिनी."

"बहुत कुच्छ,जीत.वो सब 1 नाटक था."

"क्या?!"

"हां,जीत..",कामिनी उसे अदालत के अंदर ले जा रही थी,"..तुम 1 शातिर इंसान की गहरी चाल के शिकार हुए हो."

"सॉफ-2 बोलो कामिनी,पहेलियाँ मत बुझाओ.",शत्रुजीत की आवाज़ मे परेशानी,बेसब्री & चिंता के भाव घुले हुए थे.

"बस थोड़ा सब्र रखो,जीत & अपने केस की पैरवी खुद करने की बात दिमाग़ से निकाल दो."

"तुम्हे ये बात कैसे पता चली?",शत्रुजीत चौंका.

"थोड़ी देर मे तुम्हे सब मालूम चल जाएगा,बस मुझ पे भरोसा रखो,मेरी जान.",दोनो उस कमरे मे आ गये थे जहा सुनवाई शुरू होने से पहले मुलज़िम बैठते थे.कमरा बिल्कुल खाली था & कामिनी ने मौका पाके जल्दी से उसके होंठो पे 1 किस ठोंक दी.

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जड्ज रस्टों कवास के कोर्टरूम मे दाखिल होते ही सभी मौजूद लोग उठ के खड़े हो गये,"प्लीज़ बी सीटेड.",कवास अपनी सीट पे बैठ गये.

"मैं देख रहा हू कि आप सभी लोगो को चेहरो पे हैरानी के भाव हैं..",दोनो केसस से जुड़े लोगो को हैरत हो रही थी की आख़िर उन्हे 1 साथ 1 ही कोर्टरूम मे क्यू बिठाया गया है,"..पर दोनो तरफ के वकिलो की गुज़ारिश पे ऐसा किया गया है..आप मे से कोई ये ना सोचे की अदालत इस से किसी 1 पक्ष की तरफ़दारी कर रही है.अदालत सिर्फ़ इंसाफ़ की तरफ़दारी कर रही है..क्या किसी के मन मे कोई शुभहा है?"

जवाब मे खामोशी च्छाई रही.कामिनी थोड़ा परेशान थी,जगबीर ठुकराल अभी तक नही आया था..कही उसे पता तो नही चल गया.जड्ज ने केस से जुड़े लोगो को ही कोर्टरूम मे बैठने की इजाज़त दी थी,बाकी लोगो को बाहर कर दरवाज़े बंद किए जा रहे थे कि तभी 1 गार्ड ने ठुकराल को अंदर का रास्ता दिखाया.अंदर घुसते ही ठुकराल कामिनी की तरफ देख के मुस्कुराया फिर झुक के जड्ज का अभिवादन किया & 1 बेंच के किनारे बैठ गया.

"अदालत की करवाई शुरू की जाय."

"मिलर्ड!",कामिनी खड़ी हुई,"..मैं सबसे पहले मिस्टर.जगबीर ठुकराल को कटघरे मे बुलाना चाहती हू."

"इजाज़त है."

ठुकराल कटघरे मे आया & कसम खाई,"मिस्टर.ठुकराल,मैं सीधे मुद्दे पे आती हू..क्या आपकी शत्रुजीत सिंग से कोई दुश्मनी है?"

"जी नही..",ठुकराल मुस्कुराया,"..ये लोगो की ग़लतफहमी है..हम राजनीति के मैदान मे 1 ही पार्टी मे हैं & 1 ही क्षेत्र के..मेरी जगह शत्रुजीत जी को चुनाव का टिकेट मिल गया तो लोगो ने ये कहानी बना दी है."

"यानी की आपका जवाब है नही?"

"जी बिल्कुल."

"तो फिर आपने शत्रुजीत जी के घर मे अपना 1 भेदिया..1 जासूस क्यू घुसा रखा है?",अदालत मे लोगो की ख़ुसरपुसर का शोर उठा & ठुकराल के चेहरे का तो रंग ही बदल गया.उसने 1 बार जड्ज के सामने बैठे लोगो की भीड़ पे नज़र डाली तो उसे ख़तरे का अंदेशा हुआ..वो समझ गया की उसे फँसाया गया है..मगर अब किया क्या जा सकता था?

"ऑर्डर,ऑर्डर!"

"वकील साहिबा,आप क्या बेबुनियाद बकवास कर रही हैं!",उसने कामिनी की तरफ 1 नफ़रत भरी निगाह डाली.

"मिस्टर.ठुकराल,आप अदालत मे खड़े हैं..अपनी भाषा का ख़याल रखिए.",जड्ज कवास की भारी आवाज़ गूँजी.

"माफ़ कीजिएगा,मिलर्ड,मगर मुझपे झूठा इल्ज़ाम लगाया जा रहा है."

"युवर ऑनर!मैं इल्ज़ाम को साबित करने के लिए 1 और गवाह को बुलाना चाहती हू."

"इजाज़त है."

टोनी के कटघरे मे आते ही ठुकराल के चेहरे पे गुस्से के साथ-2 परेशानी भी झलकने लगी.जैसे-2 टोनी ने अपनी कहानी सुनाई उसके माथे पे पसीने की बूंदे छल्छलाने लगी,ये आदमी झूठ बोल रहा है."

"नही,मिलर्ड,मैं बिल्कुल सच कह रहा हू..इस आदमी के चलते मैं शत्रुजीत साहब के घर मे जासूस बन के धोखे से घुसा..मुझे माफ़ करना,सर.",उसने शत्रुजीत को हाथ जोड़े जोकि सब कुच्छ देखते हुए बड़ी मुश्किल से अपनी हैरानी छुपाये हुए था,"..& मिलर्ड,इन्होने ही मेरे बेटे की स्कूल फीस भरी है वो भी चेक से."

"जी युवर ऑनर,ये हैं वो काग़ज़ात जो ये साबित करते हैं कि मिस्टर.ठुकराल ने टोनी को उसके बेटे के दाखिले & पैसो का लालच दिया & उस से ये काम करवाया."

"मिलर्ड..",विकास खड़ा हुआ,"..ये सारी बाते ठीक हैं मगर इस से ये कहा साबित होते है कि नंदिता जी का खून शत्रुजीत सिंग ने नही किया है."

जड्ज कवास ने कामिनी की ओर देखा,"मैं सभी बातो का खुलासा करूँगी,मिलर्ड & आपको ये भी बताउन्गि की कैसे दोनो केसस 1 ही दिमाग की उपज थे जिसका सिर्फ़ 1 मक़सद था शत्रुजीत जी की बर्बादी..अब मुझे इन दोनो गवाहॉ से कुच्छ नही पुच्छना है."

ठुकराल आँखो से अंगारे बरसता कभी कामिनी को कभी टोनी को घूरते हुए अपनी जगह पे बैठ गया.टोनी भी उसे खा जाने वाली निगाहो से देखा रहा था.

"मिलर्ड,अब मैं जयंत पुराणिक मर्डर केस के सिलसिले मे कुच्छ बाते अदालत को बताना चाहती हू & इसके लिए सबसे पहले मुलज़िम करण मेहरा को कटघरे मे बुलाना चाहती हू."

"इजाज़त है."

"करण,क़त्ल से पहले तुमने कितनी शराब पी थी?"

"2 पेग विस्की."

"पीते वक़्त तुम्हे कैसा लगा?"

अदालत मे हँसी की 1 लहर दौड़ गयी,"ऑर्डर,ऑर्डर."

"मुझे विस्की का स्वाद थोड़ा अजीब लाग."

"तो तुमने क्या किया?"

"मैने बारटेंडर विकी से बोला मगर उसने कहा की ऐसा कुच्छ नही है बाकी लोगो ने भी पी है..हो सकता है मुझे वहाँ हो रहा हो."

"विस्की पी लेने के बाद तुम्हे कैसा महसूस हो रहा था?"

"मुझे लग रहा था की मुझे चढ़ गयी है जबकि आमतौर पे मैं 2 पेग के बाद पूरे होश मे रहता हू..मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था & मैं शीना से घर लौटने को कहने वाला था की फिर वो हादसा हो गया."

"मिलर्ड,इस पॉइंट पे गौर कीजिए,मुलज़िम ने उतनी ही शराब पी जितनी की वो आमतौर पे पीता था मगर उसे नशा ज़्यादा हुआ,साथ ही शराब का स्वाद भी अजीब लगा..ये फोरेन्सिक रिपोर्ट है जिसमे करण के खून मे शराब की मात्रा के बारे मे लिखा है & साथ ही ये है सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर की साइंड रिपोर्ट जिसमे 2 पेग विस्की के बाद करण जैसे इंसान के खून मे शराब की मात्रा के बारे मे लिखा है..दोनो को मिलाने से सॉफ ज़ाहिर है की करण की विस्की से छेड़-छाड़ कर उसे जान बुझ के ज़्यादा नशा करवाया गया था.",कोर्ट पीओन ने जड्ज को दोनो काग़ज़ात थमाए.

"मिलर्ड..",विकास फिर खड़ा हुआ,"..वकील साहिबा क्या साबित करना चाहती हैं?..अगर मुलज़िम को धोखे से शराब पिलाई भी गयी तो भी सीक्ट्व फुटेज से सॉफ ज़ाहिर है की पुराणिक जी पे गोली उसी ने चलाई थी."

"युवर ऑनर,मैं उस मुद्दे पे भी आऊँगी मगर उस से पहले मैं ज़रा उस रोज़ मिस्टर.पुराणिक के साथ गये त्रिवेणी ग्रूप के उन 3 लोगो से कुच्छ पुच्छने की इजाज़त चाहती हू."

"इजाज़त है."

कामिनी को तीनो से बात करने की ज़रूरत ही नही पड़ी क्यूकी सबसे पहले गवाह ने ही उसका काम कर दिया,"मिस्टर जुनेजा,आप त्रिवेणी ग्रूप के किस प्रॉजेक्ट पे काम कर रहे थे?"

"जी,माहरॉशट्रे कोस्ट पे महलन नाम की जगह पे सेज़ बन रहा है,उसी मे."

"आपका काम क्या है एग्ज़ॅक्ट्ली?"

"मैं इन्वेंटरी सूपरवाइज़र हू."

"थोड़ा तफ़सील से बताएँ."

"साइट पे सारे कन्स्ट्रक्षन मेटीरियल्स & बाकी ज़रूरत के समान को मँगवाने & उसके रख-रखाव की ज़िम्मेदारी मेरी है."

"ये समान वाहा कैसे आता है."

"ट्रक्स से."

"तो ये ट्रक्स भी आप ही को रिपोर्ट करते होंगे."

"सीधे नही,पहले करीम को..",उसने अपने दूसरे साथी की ओर इशारा किया,"..ये ट्रक्स का इंचार्ज है..फिर ये मुझे."

"वो समान रखा कहा जाता है?"

"वेर्हाउसस & स्टोर्स मे."

"उनका इंचार्ज कौन है?"

"भूषण.",उसने तीसरे साथी की ओर इशारा किया.

"पॉइंट नोट कीजिए,मिलर्ड की तीनो क्या काम करते थे & उसके साथ-2 इन काग़ज़ो पे भी 1 नज़र डालिए.",उसके कहने पे मुकुल ने पुराणिक के पहुँचवाए हुए काग़ज़ो का पुलिंदा कोर्ट पेओन के हाथ सौंप दिया.

"सर,इन काग़ज़ो को देख कर & पुराणिक जी का मेरे नाम खत पढ़ कर आपको सारी साज़िश समझ आ जाएगी मगर मैं सरकारी वकील साहब & यहा मौजूद बाकी लोगो के लिए इतना बता दू की ये तीनो 1 बहुत गंदे धन्दे मे लगे हुए थे.महलन के कोस्ट पे दूसरे मुल्क से आने वाली हेरोइन ड्रग उतरती है जिसे ये अपने ट्रको मे डाल कर बोम्बे के बाहर तक पहुँचाते हैं जहा से ये पूरे देश मे फैला दी जाती है.."

"सर,महलन से कुच्छ दूरी पे बुक्शिटे की खदाने हैं जहा से निकले हुए ओर को उन ट्रक्स से,जोकि सेज़ के लिए सप्लाइस लेके आते हैं,वापस बॉमबे के पास त्रिवेणी ग्रूप के प्लांट मे भेजा जाता है.बस उन्ही ट्रक्स मे ओर के साथ-2 ये ड्रग्स भी चले जाते थे."

"य-ये..सब..झ-झूठ है..",अनेजा का बदन पसीने से भीग गया था.जड्ज कोई 15 मिनिट तक काग़ज़ो को देखते रहे,"ऑफीसर..",उन्होने कोर्ट मे मौजूद पोलीस ऑफीसर को तलब किया.

"सर."

"इन तीनो को हिरासत मे लीजिए & अदालत ये हुक्म देती है की इन सबूतो के आधार पे इन तीनो के खिलाफ मुकद्दमा चलाया जाए & इस मामले की पूरी छानबीन की जाए."

"सर.",उस अफ़सर ने तीनो को हिरासत मे ले लिया.

"मिलर्ड..वकील साहिबा ने मुल्क की अवाम को बर्बाद करने के इस गलीज़ काम का पर्दाफाश करके क़ाबिले तारीफ काम किया है मगर हम यहा पुराणिक साहब के क़त्ल के केस पे बहस कर रहे हैं नकी महलन मे हो रही ड्रग रन्निंग की."

"हूँ,कामिनी जी हम मुद्दे से थोड़ा भटक रहे हैं."

"मिलर्ड,ये मुद्दे से जुड़ी हुई ही बात है.मिस्टर.पुराणिक को सारी बात का पता चल गया था इसलिए उनका मुँह बंद करने के लिए ये चाल चली गयी थी.अब मैं शीना जी से कुच्छ सवाल करना चाहती हू & फिर अदालत के सामने सारी सॉफ हो जाएँगी.",जड्ज ने उसे आगे बढ़ने का इशारा किया.

"शीना जी,आप क्या करती हैं?"

"मैं पढ़ती हू..एमबीए कर रही हू."

"कहा से?"

"लंडन के 1 कॉलेज से."

"तो आपने उसके पहले की भी पढ़ाई लंडन से ही की है?"

"नही..उसके पहले तो मैं आवंतिपुर मे रहती थी & वही के ए.पी.कॉलेज से पढ़ाई की है."

"अच्छा..तो फिर आप लंडन कैसे चली गयी?"

"मुझे एमबीए तो करना ही था,फिर मेरी बुआ वही रहती थी..इसलिए वाहा चली गयी."

"सिर्फ़ यही बात थी कि कोई और भी वजह थी?"

"जी..",शीना के माथे पे शिकन पड़ गयी,"..और क्या वजह हो सकती है?"

"सच बताइए आप दिल से लंडन जाना चाहती थी?"

"ऑफ कोर्स.",शीना अब परेशान दिख रही थी.

"अदालत मे झूठ बोलना भी गुनाह है शीना जी & किसी का क़त्ल करना भी."

"आप कहना क्या चाहती हैं!"

"आप सिर्फ़ इतना बता दीजिए की आप आवंतिपुर से लंडन क्यू गयी थी?"

"कहा ना..!पढ़ाई के लिए."

"झूठ!शीना जी,ये बताइए की आप किसी समीर नाम के लड़के को जानती हैं?"

"नही..",शीना ने कामिनी से नज़रे चुरा ली.

"मेरी तरफ देख के बोलिए!",कामिनी की आवाज़ सख़्त हो गयी.

"नही!",शीना उसके तरफ देख के चीखी.

"तो फिर हर रोज़ उस से फोन पे लंबी-2 बाते क्यू करती थी?",कामिनी की भी आवाज़ ऊँची हो गयी.कोर्ट मे बिल्कुल सन्नाटा था & सभी लोग दम साधे ये जिरह देख रहे थे.

"क्या सबूत है आपके पास?"

"ये कॉल डीटेल्स..",कामिनी ने काग़ज़ जड्ज को थमा दिए,"..अब ये नंबर तो आप ही का है ना."

"मिलर्ड,शीना जब ए.पी.कॉलेज मे पढ़ती थी तब इन्हे & समीर नाम के 1 लड़के को 1 दूसरे से प्यार हो गया मगर इनके घरवाले इस रिश्ते के सख़्त खिलाफ था लेकिन ये दोनो 1 दूसरे को दीवानगी की हद तक चाहते थे.घरवाली की बंदिशे बढ़ी तो शीना समीर के साथ भाग गयी."

"..इनके पिता ने इन्हे ढूंड निकाला & जब समीर के घरवालो को इस बात का पता चला तो उन्होने भी उसे खूब लताड़ा.नतीजा ये हुआ की दोनो को अलग कर दिया गया,उसके बाद समीर को कभी आवंतिपुर मे नही देखा गया & शीना को लंडन रवाना कर दिया गया.वक़्त के साथ दोनो के घरवालो ने सोचा की उनकी मोहब्बत की आग ठंडी पड़ गयी है..",शीना अब हाथो मे चेहरा च्छुपाए सूबक
रही थी & करण बस माथे पे हाथ रखे सब सुन रहा था.

"..मगर ऐसा नही था वो आग बस रख के नीचे दबी हुई थी..घरवालो को बस रख दिख रही नीचे सुलगते शोले नही..इन्ही शोलो ने पुराणिक जी की जान ली & बेगुनाह करण को सलाखो के पीछे पहुँचाया."

"मगर युवर ऑनर,बात अभी भी वही की वही है..",विकास बीच मे बोला,"..सीक्ट्व फुटेज मे सॉफ दिखता है की क़त्ल करण ने किया है."

"जी,हां..आप सही कह रहे हैं..मगर ज़रा 1 नज़र इस फुटेज पे डालिए..",कामिनी के इशारे पे मुकुल ने 1 कोने मे रखी मेज़ पे से कपड़ा हटाया & 1 कंप्यूटर को नुमाया किया,फिर उसने उस पाँचवे कमेरे की फुटेज चला दी जिसे देखते ही कोर्ट मे बैठे सभी लोगो-जड्ज कवास के भी गले से बस हैरत भरी आवाज़े निकल गयी.

ये कॅमरा बार के पीछे लगा था & इस से पहली फुटेज से बिल्कुल उल्टा आंगल दिख रहा था.सॉफ दिख रहा था की जॅकेट थमाते हुए शीना ने गन करण के हाथो से च्छुआ दी जिसने उसे फ़ौरन हाथ मे थामा & सामने तान दी.गन देख पुराणिक के साथ के तीनो लोग बस ज़रा से पीछे हुए & शीना गन खींचने की कोशिश करने लगी.ऐसा करते हुए उसने करण की जॅकेट दोनो के हाथो पे कर दी इस से पहली फुटेज को बस केरेन का बंदूक थामे हाथ दिख रहा था बाँह नही.

इस नयी फुटेज मे सॉफ नज़र आ रहा था कि करण के पिस्टल थामे हाथ & ट्रिग्गर पे रखी उंगली के उपर शीना ने अपनी उंगली रख के दबा दिया जिस वजह से गोली चली जोकि सीधा पुराणिक के सीने के पार हो गयी.

"ये उस केमरे की फुटेज है जिसे की उस रात के बाद हटा दिया गया & इस फुटेज को भी डेटबेस से डेलीट कर दिया गया था जिसे हमने बड़ी जद्दोजहद के बाद खोज ही लिया.अब मैं ज़रा पब के बारटेंडर विकी को बुलाना चाहती हू."

"शीना को हिरासत मे ले लिया जाए & विकी को बुलाया जाए."

"विकी,आपने सब कुच्छ देख लिया & सुन लिया है,अब बिना डरे ये बताओ की क्या तुमने करण की ड्रिंक के साथ छेड़खानी की थी?"

"ज-जी,हां."

"क्यू?"

"हमारे मॅनेजर साहब ने कहा था.",जब मॅनेजर को तलब किया गया तो उसने पब के मालिक ठुकराल का नाम ले लिया जिसपे ठुकराल शोर मचाने लगा.जड्ज ने उसे फटकार लगाई & कामिनी को करवाई आगे बढ़ाने को कहा.

"युवर ऑनर,पुराणिक जी के क़त्ल की गुत्थी तो सुलझ गयी अब हम नादिता जी के क़त्ल की ओर ध्यान देते हैं.अभी तक की बातो से ये तो साबित हो गया है की शतरंज के इस खेल की ऐसी गहरी चाल के पीछे जगबीर ठुकराल का हाथ था मगर ये इस बिसात के राजा हैं & शीना,अनेजा,टोनी सब प्यादे.."

"..लेकिन जैसा की हम जानते हैं,मिलर्ड की शतरंज के खेल का सबसे ताक़तवर मोहरा होता है वज़ीर & इस खेल मे वज़ीर है समीर जिसका पूरा नाम है-समीर अब्दुल पाशा."

"कामिनी!..ये क्या बक रही हो!",शत्रुजीत चीखा.

"ऑर्डर,ऑर्डर!..मिस्टर.सिंग बैठ जाइए."

अदालत मे सभी हैरानी से मुँह बाए कामिनी की ओर देख रहे था-पाशा..शत्रुजीत का भाई..बल्कि उस से भी कही ज़्यादा..वो!

"युवर ऑनर,मुझे मिस्टर.पाशा को कटघरे मे बुलाने की इजाज़त दीजिए."

"इजाज़त है."

सफेद कमीज़ & नीली जीन्स पहने वो लंबा-चौड़ा शख्स धीमे कदमो से कटघर मे आ खड़ा हुआ.उसकी आँखे अभी भी वैसे ही ठंडी थी,"मिलर्ड,प्लीज़ इनस्पेक्टर को कहिए कि इनकी तलाशी लें,इनसे 1 आख़िरी सबूत की बरामदगी का मुझे पूरा यकीन है."

इस से पहले की इनस्पेक्टर वाहा आता पशा ने अपना दाया हाथ खड़ा कर उसे रोक दिया & बाए से अपनी पिच्छली जेब से अपना बटुआ निकाल के उसके काय्न पॉकेट से नंदिता के कमरे की वो तीसरी चाभी कामिनी को दे दी.आज पहली बार कामिनी को उन ठंडी आँखो मे देखते हुए कोई डर नही लग रहा था,"थॅंक्स."

"मिलर्ड,शत्रुजीत जी के घर & उस कमरे जहा नंदिता जी का खून हुआ,सभी मे 1 अमेरिकन कंपनी के कस्टमिस्ड ताले लगे हुए हैं जिनकी चाभीया अगर गुम हो जाए तो सीधे उस कंपनी से ही मिलती हैं.ऐसी ही 1 ड्यूप्लिकेट चाभी नंदिता जी ने बनवाई थी ये है उसकी रसीद..",कामिनी ने उसे कोर्ट पेओन को थमाया,"..मिलर्ड,मैने जब छानबीन की तो पाया की दोनो चाभियाँ घर मे मौजूद थी तो आख़िर नंदिता जी ने ये तीसरी चाभी क्यू बनवाई?'

"..फिर मुझे उनके ड्रेसिंग टेबल से ये लिपस्टिक मिली जिसका निचला हिस्सा 1 पेन ड्राइव है & इस ड्राइव मे कुच्छ वीडियोस जिन्हे मैं चाहती हू की केवल आप ही देखें.",कामिनी ने अपना लॅपटॉप जड्ज को दिया साथ ही पेन ड्राइव भी,"..मैं अदला-.."

"जड्ज साहब..",कामिनी की बात काटते हुए पाशा की आवाज़ गूँजी,"..मैं अपना बयान देना चाहता हू.".जड्ज ने लॅपटॉप स्क्रीन से नज़रे उठाई.उन सभी वीडियो फाइल्स मे नंदिता & पाशा की 1 साथ चुदाई करते हुए की फिल्म्स थी जिन्हे नंदिता ने 1 कॅमरा छुपा के शूट किया था.हर वीडियो के शुरू मे कॅमरा सेट करती नंदिता नज़र आती & फिर कोई थोड़ी देर बाद पाशा आता & दोनो 1 दूसरे के आगोश मे समा हमबिस्तर होने लगते.अब नंदिता ने ये वीडियोस क्यू रखे थे ये तो वोही जाने!

"ठीक है..तुम ये बयान अपनी मर्ज़ी से दे रहे हो?"

"हां."

"तुमपे कोई दबाव तो नही है?"

"नही."

"ठीक है बयान दो.",जड्ज ने बयान दर्ज करने का हुक्म दिया & पाशा की ओर देखने लगे.

"नंदिता भाभी & मैं कब 1 दूसरे के करीब आ गये मुझे पता नही..उन्हे जहा प्यार चाहिए था वही मुझे बस जिस्मानी खुशी..वो तो यही समझती थी की मैं भी उनसे प्यार करता हू..मगर मैं उनसे कैसे प्यार करता मेरा दिल तो शीना के पास था!1 कमज़ोर लम्हे मे मैने & नंदिता भाभी ने सारी हदें तोड़ दी थी लेकिन मैं दिलोजान से बस शीना को चाहता था..",शत्रुजीत की आँखो मे दुख दिख रहा था & शीना बस सूबके जा रही थी.

"..शीना & मुझे जुदा करते वक़्त बाबा यानी अमरजीत जी ने मुझे बहुत लताड़ा था & उनकी मौत के बाद मुझे ये पता चला कि उन्होने बस नाम के लिए मुझे बेटे का दर्जा दिया हुआ था..उनकी वसीयत मे मेरा कोई ज़िक्र नही था..इतने बरस इस परिवार के साथ रहते हुए मैं खुद को भाई के जैसा ही घर का बेटा समझने लगा था & कुच्छ ना मिलने की वजह से मेरे दिल मे ये ख़याल पैदा हुआ की मेरे साथ नाइंसाफी हुई है & मेरी हैसियत बस 1 नौकर की है.."

"..उस दिन से मेरे अंदर ही अंदर कुच्छ सुलगने लगा था..शीना को तो कभी नही भुला हम फोन से 1 दूसरे से बाते करते थे मगर वक़्त के साथ-2 नंदिता भाभी मुझ से दिल से मोहब्बत करने लगी थी..वो भाई को छ्चोड़ मुझसे शादी करना चाहती थी..मैं बात को टाल रहा था मगर 1 दिन भाई ने उनके सामने तलाक़ की बात रख दी तो उन्हे लगा मानो उन्हे मुँह माँगी मुराद मिल गयी.."

"..मगर मैं ऐसा नही चाहता था..इस से पहले करीम मुझे मिला-ये & मैं आफ्गानिस्तान के 1 ही कबीले के हैं..",उसने उन तीन मे से 1 की ओर इशारा किया,"..करीम ने मुझे बाते की सिविल वॉर & वाहा के हालात के चलते हमारे कबीले को कितनी मुश्किले & ज़िल्लत उठानी पड़ी थी & उसका बदला लेने के लिए अब वाहा हमारे भाई पैसे इकट्ठा कर रहे हैं.."

"..ये ड्रग रन्निंग उसी का हिस्सा थी..परिवार से बेरूख़ी तो दिल मे पहले से ही थी..करीम मुझे अपने भाई जैसे लगने लगा & मैने भी अपने कबीले की मदद करने की ठान ली,मगर अंकल जे को इस बात का पता चल गया.उन्ही दीनो टोनी सामने आया..भाई ने इसके बारे मे मुझे पता करने को कहा & मैने फ़ौरन पता लगा लिया कि ये बेवकूफ़ किसके लिए काम करता है & मैने ठुकराल से इस बारे मे आमने-सामने बात करने की सोची.मैं सीधे उसके घर पहुँच गया & उसे सब बता दिया.."

"..मैने सोचा था कि ये डरेगा,घबराएगा..मगर नही..ये मुस्कुराता रहा & फिर इसने मेरी दुखती रग पे हाथ रख दिया..& मुझे खुद से मिल जाने को कहा..इसने अपनी बात ऐसे कही की मुझे उसमे काफ़ी दम लगा..फिर अंकल जे अगर ड्रग्स वाली बात सामने ले आते तो मेरी बर्बादी तो तय थी..मैने इस से हाथ मिला लिया..हम दोनो ने मिलके सारा प्लान बनाया..टोनी हमारे किसी काम का नही था मगर उसे अब हटा देते तो भाई को शक़ होता..इसलिए हमने इसे रहने दिया & दोनो क़त्लो को अंजाम दिया."

"समीर अब्दुल पाशा,तुमने नंदिता सिंग का खून कैसे & क्यू किया?"

"मुझे बस शीना चाहिए थी.जब तलाक़ की बात उठी तो मैने नंदिता भाभी के दिमाग़ मे ये बात डाल दी की भाई की तलाक़ की बात अगर वो खुशी से मान जाती है तो भाई उसे बेवकूफ़ बना देंगे & बड़े कम पैसे देंगे.उन्हे तो पैसो का लालच नही था मगर मैने उन्हे कहा की ये पैसो की नही नाइंसाफी की बात है इसलिए वो भाई से इस बात पे झगड़ने लगी थी.इस से हमने भाई पे शक़ डालने की वजह पैदा कर दी थी & उनके क़त्ल से मेरा रास्ता भी सॉफ हो जाता & अगर सब कुच्छ ठीक से हो जाता तो त्रिवेणी ग्रूप पे सिर्फ़ मेरा हक़ होता.."

"..उस रोज़ जब तीनो अंकल जे को लेके निकल गये तो मैं,जहा हम बैठे थे,उसकी कमरे के बाथरूम मे फ्रेश होने के बहाने गया,वाहा 1 खिड़की है जिसमे 1 ग्रिल है जो पेंच पे कसा हुआ है.टोनी ने उसे निकाल के रखा था & वो वाहा की निगरानी कर रहा था..मैं उस खिड़की के रास्ते बाहर आया & फिर नीचे से 1 सीढ़ी लगाके बाल्कनी पे चढ़ गया,फिर चाभी खोल के भाभी के कमरे मे घुसा,वो सो रही थी.मैने उन्हे उठाया & कहा की कुच्छ पेपर्स लेने आया हू.."

"..भाई ने मुझपे हमेशा भरोसा किया था..मैं बेरोक टोक उनके कमरे मे आता-जाता था..इसलिए भाभी को कुच्छ अजीब नही लगा.मैने अलमारी खोली & गन निकली & अपने कपड़ो मे छुपा ली,फिर भाभी को बहाने से कुर्सी पे बिठाया & गोली मार दी.फिर गन को वही गिराया,लाइट बंद की & दरवाज़ा लॉक कर उसी रास्ते वापस हो गया.इस सब मे बमुश्किल 7-8 मिनिट लगे होंगे..भाई को ज़रा भी शक़ नही हुआ."

अदालत मे खामोशी च्छाई हुई थी,पाशा,शत्रुजीत,करण,शीना सभी सर झुकाए बैठे थे.शत्रुजीत & करण के चेहरे पे अपने माथे पे लगे इल्ज़ाम के मिटने की कोई खुशी नही झलक रही थी.काफ़ी देर तक सोचने के बाद जड्ज कवास ने फ़ैसला सुनाना शुरू किया,"..आज अदालत ने 1 ऐसा कदम उठाया था जोकि शायद ही पहले कभी उठाया गया हो-2 केसस की सुनवाई 1 साथ की गयी & मुझे खुशी है की 1 बार फिर इंसाफ़ की जीत हुई.डिफेन्स लॉयर ने काफ़ी पुख़्ता सबूत पेश किए हैं & फिर समीर अब्दुल पाशा के इक़बालिया बयान ने अदालत का काम और आसान कर दिया.."

"..टोनी भी इस साज़िश मे शामिल था मगर उसपे धोखाधड़ी मे साथ देने से ज़्यादा का जुर्म साबित नही होता.उसकी सज़ा है 1 साल की क़ैद.."

"..अदालत इस नतीजे पे पहुँची है की इस पूरी साज़िश के पीछे जगबीर ठुकराल का हाथ था जिसने बिना कारण 1 मासूम शहरी को बर्बाद करना चाहा & इस चक्कर मे 2 निर्दोष लोगो की जाने भी गयी.अदालत जगबीर ठुकराल को 14 साल की उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है..शीना ने अपने प्रेमी के बहकावे मे आके ना केवल 1 खून किया बल्कि 1 मासूम को भी उसमे फँसाने की कोशिश की..चूकि उसने ये जुर्म बहकावे मे किया था नकी खुद साज़िश रच कर अदालत उसे भी 14 साल की उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है.."

"..समीर अब्दुल पाशा ने जिस थाली मे खाया उसी मे छेद किया..अपने मुंहबोले भाई की बीवी से नाजायज़ ताल्लुक़ात बनाए & फिर मतलब के लिए उसका क़त्ल भी किया..इस घिनोने जुर्म के लिए उसे सज़ा-ए-मौत दी जाती है..टू बी हॅंग्ड टिल देअथ.",जड्ज कवास ने कलाम की निब तोड़ दी.

जगबीर ठुकराल का खेल ख़त्म हो चुका था.वो सर झुकाए बैठा फ़ैसला सुन रहा था.आज तक उसने औरत को केवल 1 खिलोना समझा था & उनके जिस्मो से बस खेलता आया था मगर आज 1 खिलोने ने उसे ही खिलोना बना दिया था.उसने सर उठाया & नफ़रत से लोगो की बधाइया कबुलति कामिनी को देखा..इसी धोखेबाज़ ने उसे बर्बाद किया था..वो इसे नही छ्चोड़ेगा..उसने नज़र घुमाई & बगल मे खड़े इनस्पेक्टर की ओर देखा जोकि किसी से बाते करने मे मशगूल था,उस इनस्पेक्टर को ही उसे अरेस्ट करने का हुक्म मिला था.उसने उसकी कमर पे होल्सटर मे रखे रेवोल्वेर को देखा & 1 ही झटके मे उसे निकाल के खड़ा हो गया.

"आए...!",इनस्पेक्टर चिल्लाया तो सभी की गर्दन उधर ही घूम गयी....कामिनी की भी जोकि शत्रुजीत के साथ खड़ी थी.

"हॅट..",ठुकराल ने इनस्पेक्टर को धकेला & गन लहराई,"..कामिनी..हराम्जादि!मुझे बर्बाद करके खुद मज़े से रहेगी ....नही!",उसने रेवोल्वेर तान के ट्रिग्गर दबा दिया.कामिनी ने डर से आँखे बंद कर ली & ज़ोर से चीखी मगर उसे गोली नही लगी क्यूकी उसके ठीक सामने ढाल बनके पाशा आ गया था.

"बेटा!",शत्ृजीत ने गिरते हुए पाशा को पीछे से थाम लिया.ठीक उसी वक़्त 1 कॉन्स्टेबल ने अपनी राइफल से गोली चलाई जोकि सीधा ठुकराल की खोपड़ी मे लगी.शैतान & हवस के पुजारी जगबीर ठुकराल का खेल हमेशा-2 के लिए ख़त्म हो गया था.
क्रमशः.................................




GEHRI CHAAL paart--37

"Jeet..",Kamini adalat ke ahate me Abdul Pasha & Tony ke sath apni car se utarte Shatrujeet Singh ke paas pahunchi,"..mujhe tumse akele me kuchh baat karni hai.",shatrujeet ne pasha & tony ki taraf dekha to vo uska ishara samajh kar vaha se hat gaye.

"ab kehne ko kya baki raha hai,kamini."

"bahut kuchh,jeet.vo sab 1 natak tha."

"kya?!"

"haan,jeet..",kamini use adalat ke andar le ja rahi thi,"..tum 1 shatir insan ki gehri chaal ke shikar hue ho."

"saaf-2 bolo kamini,paheliyan mat bujhao.",shatrujeet ki aavaz me pareshani,besabri & chinta ke bhav ghule hue the.

"bas thoda sabra rakho,jeet & apne case ki pairavi khud karne ki baat dimagh se nikal do."

"tumhe ye baat kaise pata chali?",shatrujeet chaunka.

"thodi der me tumhe sab maloom chal jayega,bas mujh pe bharosa rakho,meri jaan.",dono us kamre me aa gaye the jaha sunwai shuru hone se pehle mulzim baithate the.kamra bilkul khali tha & kamini ne mauka pake jaldi se uske hotho pe 1 kiss thonk di.

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Judge rustom Kavas ke courtroom me dakhil hote hi sabhi maujood laog uth ke khade ho gaye,"please be seated.",kavas apni seat pe baith gaye.

"main dekh raha hu ki aap sabhi logo ko chehro pe hairani ke bhav hain..",dono cases se jude logo ko hairat ho rahi thi ki aakhir unhe 1 sath 1 hi courtroom me kyu bithaya gaya hai,"..par dono taraf ke vakilo ki guzarish pe aisa kiya gaya hai..aap me se koi ye na soche ki adalat is se kisi 1 paksh ki tarafdari kar rahi hai.adalat sirf insaf ki tarafdari kar rahi hai..kya kisi ke man me koi shubha hai?"

jawab me khamoshi chhayi rahi.kamini thoda pareshan thi,Jagbir Thukral abhi tak nahi aaya tha..kahi use pata to nahi chal gaya.judge ne case se jude logo ko hi courtroom me baithne ki ijazat di thi,baki logo ko bahar kar darvaze band kiye ja rahe the ki tabhi 1 guard ne thukral ko andar ka rasta dikhaya.andar ghuste hi thukral kamini ki taraf dekh ke muskuraya fir jhuk ke judge ka abhivadan kiya & 1 bench ke kinare baith gaya.

"adalat ki karvai shuru ki jai."

"milord!",kamini khadi hui,"..main sabse pehle Mr.jagbir Thukral ko katghare me bulana chahti hu."

"ijazata hai."

thukral katghare me aaya & kasam khayi,"mr.thukral,main seedhe mudde pe aati hu..kya aapki shatrujeet singh se koi dushmani hai?"

"ji nahi..",thukral muskuraya,"..ye logo ki galatfehmi hai..hum rajneeti ke maidan me 1 hi party me hain & 1 hi chhetra ke..meri jagah shatrujeet ji ko chunav ka ticket mil gaya to logo ne ye kahani bana di hai."

"yani ki aapka jawab hai nahi?"

"ji bilkul."

"to fir aapne shatrujeet ji ke ghar me apna 1 bhediya..1 jasoos kyu ghusa rakha hai?",adalat me logo ki khusarpusar ka shor utha & thukral ke chehre ka to rang hi badal gaya.usne 1 baar judge ke samne baithe logo ki bheed pe nazar dali to use khatre ka andesha hua..vo samajh gaya ki use fansaya gaya hai..magar ab kiya kya ja sakta tha?

"order,order!"

"vakil sahiba,aap kya bebuniyad bakwas kar rahi hain!",usne kamini ki taraf 1 nafrat bhari nigah dali.

"mr.thukral,aap adalat me khade hain..apni bhasha ka khayal rakhiye.",judge kavas ki bhari aavaz gunji.

"maaf kijiyega,milord,magar mujhpe jhutha ilzam lagaya ja raha hai."

"your honor!main ilzam ko sabit karne ke liye 1 aur gawah ko bulana chahti hu."

"ijazat hai."

tony ke katghare me aate hi thukral ke chehre pe gusse ke sath-2 pareshani bhi jhalakne lagi.jaise-2 tony ne apni kahani sunai uske mathe pe paseene ki boonde chhalchhalane lagi,ye aadmi jhuth bol raha hai."

"nahi,milord,main bilkul sach keh raha hu..is aadmi ke chalte main shatrujeet sahab ke ghar me jasoos ban ke dhokhe se ghusa..mujhe maaf karna,sir.",usne shatrujeet ko hath jode joki sab kuchh dekhte hue badi mushkil se apni hairani chhupaye hue tha,"..& milord,inhone hi mere bete ki school fees bhari hai vo bhi cheque se."

"ji your honor,ye hain vo kagzat jo ye sabit karte hain ki mr.thukral ne tony ko uske bete ke dakhile & paiso ka lalach diya & us se ye kaam karvaya."

"milord..",Vikas khada hua,"..ye sari baate thik hain magar is se ye kaha sabit hote hai ki Nandita ji ka khun shatrujeet singh ne nahi kiya hai."

judge kavas ne kamini ki or dekha,"main sabhi baato ka khulasa karungi,milord & aapko ye bhi bataungi ki kaise dono cases 1 hi dimagh ki upaj the jiska sirf 1 maqsad tha shatrujeet ji ki barbadi..ab mujhe in dono gawaho se kuchh nahi puchhna hai."

thukral aankho se angaray barsata kabhi kamini ko kabhi tony ko ghurte hue apni jagah pe baith gaya.tony bhi use kha jane vali nigaho se dekha raha tha.

"milord,ab main Jayant Puranik murder case ke silsile me kuchh baate adalat ko batana chahti hu & iske liye sabse pehle mulzim Karan Mehra ko katghare me bulana chahti hu."

"ijazat hai."

"karan,qatl se pehle tumne kitni sharab pi thi?"

"2 peg whisky."

"pite waqt tumhe kaisa laga?"

adalat me hansi ki 1 lehar daud gayi,"order,order."

"mujhe whisky ka swad thoda ajeeb laag."

"to tumne kya kiya?"

"maine bartender Vicky se bola magar usne kaha ki aisa kuchh nahi hai baki logo ne bhi pi hai..ho sakta hai mujhe vaham ho raha ho."

"whisky pi lene ke baad tumhe kaisa mehsus ho raha tha?"

"mujhe lag raha tah ki mujhe chadh gayi hai jabki aamtaur pe main 2 peg ke baad pure hosh me rehta hu..mujhe thoda ajeeb lag raha tha & main Sheena se ghar lautne ko kehne vala tha ki fir vo hadsa ho gaya."

"milord,is point pe gaur kijiye,mulzim ne utni hi sharab pi jitni ki vo aamtaur pe pita tha magar use nasha zyada hua,sath hi sharab ka swad bhi ajeeb laga..ye forensic report hai jsime karan ke khun me sharab ki matra ke bare me likha ahi & sath hi ye hai City Hospital ke doctor ki signed report jisme 2 peg whisky ke baad karan jaise insan ke khun me sharab ki matra ke bare me likha hai..dono ko milane se saaf zahir hai ki karan ki whisky se chhed-chhad kar use jaan bujh ke zyada nasha karwaya gaya tha.",court peon ne judge ko dono kagzat thamaye.

"milord..",vikas fir khada hua,"..vakil sahiba kya sabita karna chahti hain?..agar mulzim ko dhokhe se sharab pilayi bhi gayi to bhi cctv footage se saaf zahir hai ki puranik ji pe goli usi ne chalayi thi."

"your honor,main us mudde pe bhi aaoongi magar us se pehle main zara us roz Mr.Puranik ke sath gaye Triveni group ke un 3 logo se kuchh puchhne ki ijazat chahti hu."

"ijazat hai."

kamini ko teeno se baat karne ki zarurat hi nahi padi kyuki sabse pehle gawah ne hi uska kaam kar diya,"Mr.Aneja,aap triveni group ke kis project pe kaam kar rahe the?"

"ji,Maharashtra coast pe Mahlan naam ki jagah pe SEZ ban raha hai,usi me."

"aapka kaam kya hai exactly?"

"main inventory supervisor hu."

"thoda tafsil se batayen."

"site pe sare construction materials & baki zarurat ke saman ko mangawane & uske rakh-rakhav ki zimmedari meri hai."

"ye saman vaha kaise aata hai."

"trucks se."

"to ye trucks bhi aap hi ko report karte honge."

"seedhe nahi,pehle Karim ko..",usne apne dusre sathi ki or ishara kiya,"..ye trucks ka incharge hai..fir ye mujhe."

"vo saman rakha kaha jata hai?"

"warehouses & stores me."

"unka incharge kaun hai?"

"Bhushan.",usne teesre sathi ki or ishara kiya.

"point note kijiye,milord ki teeno kya kaam karte the & uske sath-2 in kagazo pe bhi 1 nazar daliye.",uske sihare pe Mukul ne puranik ke pahunchvaye hue kagazo ka pulinda court peon ke hath saunp diya.

"sir,in kagazo ko dekh kar & puranik ji ka mere naam khat padh kar aapko sari sazish samajh aa jayegi magar main sarkari vakil sahab & yaha maujood baki logo ke liey itna bata du ki ye teeno 1 bahut gande dhande me lage hue the.mahlan ke coast pe dusre mulk se aane vali heroin drug utarti hai jise ye apne trucko me daal kar bombay ke bahr tak pahunchate hain jaha se ye pure desh me faila di jati hai.."

"sir,mahlan se kuchh duri pe buxite ki khadane hain jaha se nikle hue ore ko un trucks se,joki SEZ ke liye supplies leke aate hain,vapas bombay ke paas triveni group ke plant me bheja jata hai.bas unhi trucks me ore ke sath-2 ye drugs bhi chale jate the."

"y-ye..sab..jh-jhut hai..",aneja ka badan pasine se bhig gaya tha.judge koi 15 minute tak kagazo ko dekhte rahe,"officer..",unhone court me maujood police officer ko talab kiya.

"sir."

"in teeno ko hirasat me lijiye & adalat ye hukm deti hai ki insabooto ke aadhar pe in teeno ke ki & is mamle ki puri chhanbeen ki jaye."

"sir.",us afsar ne teeno ko hirasat me le liya.

"milord..vakil sahiba ne mulk ki avam ko barbad karne ke is galeez kaam ka pardafash karke kabile tarif kaam kiya hai magar hum yaha puranik sahab ke qatl ke case pe bahas kar rahe hain naki mahlan me ho rahi drug running ki."

"hun,kamini ji hum mudde se thoda bhatak rahe hain."

"milord,ye mudde se judi hui hi baat hai.mr.puranik ko sari baat ka pata chal gaya tha isliye unka mumnh band karne ke liye ye chaal chali gayi thi.ab main Sheena ji se kuchh sawal karna chahti hu & fir adalat ke samen sari saaf ho jayengi.",judge ne use aage badhne ka ishara kiya.

"Sheena ji,aap kya karti hain?"

"main padhti hu..MBA kar rahi hu."

"kaha se?"

"London ke 1 college se."

"to aapne uske pehle ki bhi padhai london se hi ki hai?"

"nahi..uske pehle to main Avantipur me rehti thi & vahi ke A.P.College se padhai ki hai."

"achha..to fir aap london kaise chali gayi?"

"mujhe MBA to karna hi tha,fir meri bua vahi rehti ahin..isliye vaha chali gayi."

"sirf yahi baat thi ki koi aur bhi vajah thi?"

"ji..",sheena ke mathe pe shikan pad gayi,"..aur kya vajah ho sakti hai?"

"sach bataiye aap dil se london jana chahti thi?"

"of course.",sheena ab pareshan dikh rahi thi.

"adalat me jhuth bolna bhi gunah hai sheena ji & kisi ka qatl karna bhi."

"aap kehna kya chahti hain!"

"aap sirf itna bata dijiye ki aap avantipur se london kyu gayi thi?"

"kaha na..!padhai ke liye."

"jhuth!sheena ji,ye bataiye ki aap kisi Samir naam ke ladke ko janti hain?"

"nahi..",sheena ne kamini se nazre chura li.

"meri taraf dekh ke boliye!",kamini ki aavaz sakht ho gayi.

"nahi!",sheena uske taraf dekh ke chikhi.

"to fir har roz us se fone pe lambi-2 baate kyu karti thi?",kamini ki bhi aavaz oonchi ho gayi.court me bilkul sannata tha & sabhi log dam sadhe ye jirah dekh rahe the.

"kya sabut hai aapke paas?"

"ye call details..",kamini ne kagaz judge ko thama diye,"..ab ye number to aap hi ka hai na."

"milord,sheena jab a.p.college me padhti thi tab inhe & samir naam ke 1 ladke ko 1 dusre se pyar ho gaya magar inke gharwale is rishte ke sakht khilaf tha lekin ye dono 1 dusre ko deewangi ki had tak chahte the.gharwali ki bandishe badhi to sheena samir ke sath bhag gayi."

"..inke pita ne inhe dhoond nikala & jab samir ke gharwalo ko is baat ka pata chala to unhone bhi use khub lathada.natija ye hua ki dono ko alag kar diya gaya,uske baad samir ko kabhi avantipur me nahi dekha gaya & sheena ko london ravana kar diya gaya.waqt ke sath dono ke gharvalo ne socha ki unki mohabbat ki aag thandi pad gayi hai..",sheena ab hatho me chehra chhupaye subak
rahi thi & karan bas mathe pe hath rakhe sab sun raha tha.

"..magar aisa nahi tha vo aag bas rakh ke neeche dabi hui thi..gharwalo ko bas rakh dikh rahi neeche sulagte shole nahi..inhi sholo ne puranik ji ki jaan li & begunah karan ko salakho ke peechhe pahunchaya."

"magar your honor,baat abhi bhi vahi ki vahi hai..",vikas beech me bola,"..cctv footage me saaf dikhta hai ki qatl karan ne kiya hai."

"ji,haan..aap sahi keh rahe hain..magar zara 1 nazar is footage pe daliye..",kamini ke ishare pe mukul ne 1 kone me rakhi mez pe se kapda hataya & 1 computer ko numaya kiya,fir usne us paanchve camere ki footage chala di jise dekhte hi court me baithe sabhi logo-judge kavas ke bhi gale se bas hairat bhari aavaze nikal gayi.

ye camera bar ke peechhe laga tha & is se pehli footage se bilkul ulta angle dikh raha tha.saaf dikh arah tah ki jacket thamate hue sheena ne gun karan ke hatho se chhua di jisne use fauran hath me thama & samne taan di.gun dekh puranik ke sath ke teeno log bas zara se peechhe hue & sheena gun khinchne ki koshish karne lagi.aisa karte hue usne karan ki jacket dono ke hatho pe kar di is se pehli footage ko bas karan ka banduk tahme hath dikh raha tha banh nahi.

is nayi footage me saaf nazar aa raha tha ki karan ki pistol thame hath & trigger pe rakhi ungli ke upar sheena ne apni ungli rakh ke daba diya jis vajah se goli chali joki seedha puranik ke seene ke paar ho gayi.

"ye us camere ki footage hai jise ki us raat ke baad hata diya gaya & is footage ko bhi database se delete kar diya gaya tha jise humne badi jaddojahad ke bad khoj hi liya.ab main zara pub ke bartender vicky ko bulana chahti hu."

"sheena ko hirasat me le liya jaye & vicky ko bulaya jaye."

"vicky,aapne sab kuchh dekh liya & sun liya hai,ab bina dare ye batao ki kya tumne karan ki drink ke sath chhedkhani ki thi?"

"j-ji,haan."

"kyu?"

"humare manager sahab ne kaha tha.",jab manager ko talab kiya gaya to usne pub ke malik thukral ka naam le liya jispe thukral shor machane laga.judge ne use fatkar lagayi & kamini ko karvai aage badhane ko kaha.

"your honor,puranik ji ke qatl ki gutthi to sulajh gayi ab hum nadita ji ke qatl ki or dhyan dete hain.abhi tak ki baato se ye to sabit ho gaya hai ki shatranj ke is khel ki aisi gehri chaal ke peechhe jagbir thukral ka hath tha magar ye is bisat ke raja hain & sheena,aneja,tony sab pyade.."

"..lekin jaisa ki hum jante hain,milord ki shatranj ke khel ka sabse taqatwar mohra hota hai wazir & is khel me wazir hai samir jiska pura naam hai-Samir Abdul Pasha."

"kamini!..ye kya bak rahi ho!",shatrujeet chikha.

"order,order!..mr.singh baith jaiye."

adalat me sabhi hairani se munh baaye kamini ki or dekh rahe tha-pasha..shatrujeet ka bhai..balki us se bhi kahi zyada..vo!

"your honor,mujhe Mr.Pasha ko katghare me bulane ki ijazat dijiye."

"ijazat hai."

safed kamiz & nili jeans pehne vo lamba-chauda shakhs dheeme kadmo se katghar me aa khada hua.uski aankhe abhi bhi vaise hi thandi thi,"milord,please inspector ko kahiye ki inki talashi len,inse 1 aakhiri sabut ki baramadgi ka mujhe pura yakin hai."

is se pehle ki inspector vaha aata pasha ne apna daaya hath khada kar sue rok diya & baaye se apni pichhli jeb se apna batua nikal ke uske coin pocket se nandita ke kamre ki vo teesri chabhi kamini ko de di.aaj pehli baar kamini ko un thandi aankho me dekhte hue koi darr nahi lag raha tha,"thanx."

"milord,shatrujeet ji ke ghar & us kamre jaha nandita ji ka khun hua,sabhi me 1 american company ke customised tale lage hue hain jinki chabhiya agar gum ho jaye to seedhe us company se hi milti hain.aisi hi 1 duplicate chabhi nandita ji ne banwayi thi ye hai uski rasid..",kamini ne use court peon ko thamaya,"..milord,maine jab chhanbeen ki to paya ki dono chabhiyan ghar me maujood thi to aakhir nandita ji ne ye teesri chabhi kyu banwayi?'

"..fir mujhe unke dressing table se ye lipstick mili jiska nichla hissa 1 pen drive hai & is drive me kuchh videos jinhe main chahit hu ki kewal aap hi dekhen.",kamini ne apna laptop judge ko diya sath hi pen drive bhi,"..main adala-.."

"judge sahab..",kamini ki baat kaatate hue pasha ki aavaz gunji,"..main apna bayan dena chahta hu.".judge na laptop screen se nazara uthayi.un sabhi video files me nandita & pasha ki 1 sath chudai karte hue ki films thi jinhe nadnita ne 1 camera chhupa ke shoot kiya tha.har video ke shuru me camera set karti nandita nazar aati & fir koi thodi der baad pasha aata & dono 1 dusre ke aagosh me sama humbistar hone lagte.ab nandita ne ye videos kyu rakhe the ye to vohi jane!

"thik hai..tum ye bayan apni marzi se de rahe ho?"

"haan."

"tumpe koi dabav to nahi hai?"

"nahi."

"thik hai bayan do.",judge ne bayan darj karne ka hukm diya & pasha ki or dekhne lage.

"nandita bhabhi & main kab 1 dusre ke karib aa gaye mujhe pata nahi..unhe jaha pyar chahiye tha vahi mujhe bas jismani khushi..vo to yehi samajhti thi ki main bhi unse pyar karta hu..magar main unse kaise pyar karta mera dil to sheena ke paas tha!1 kamzor lame me maine & nandita bhabhi ne sari haden tod di thi lekin main dilojaan se bas sheena ko chahta tha..",shatrujeet ki aankho me dikh dukh raha tha & sheena bas subake ja rhai thi.

"..sheena & mujhe juda karte waqt baba yani Amarjeet ji ne mujhe bahut lathad tha & unki maut ke baad mujhe ye paat chala ki unhone bas naam ke liye mujhe bete ka darja diya hua tha..unki vasiyat me mera koi zikr nahi tha..itne baras is parivar ke sath rehte hue main khud ko bhai ke jaisa hi ghar ka beta samajhne laga tha & kuchh na milne ki vajah se mere dil me ye khayal paida hua ki mere sath nainsafi hui hai & meri haisiyat bas 1 naukar ki hai.."

"..us din se mere andar hi andar kuchh sulagne laga tha..sheena ko to kabhi nahi bhula hum fone se 1 dusre se baate karte the magar waqt ke sath-2 nandita bhabhi mujh se dil se mohabbat karne lagi thi..vo bhai ko chhod mujhse shadi karna chahti thi..main baat ko taal raha tha magar 1 din bhai ne unke samne talaq ki baat rakh di to unhe laga mano unhe munh mangi murad mil gayi.."

"..magar main aisa nahi chahta tha..is se pehle karim mujhe mila-ye & main Afghanistan ke 1 hi kabile ke hain..",usne un teen me se 1 ki or ishara kiya,"..karim ne mujhe batay ki civil war & vaha ke halaat ke chalte humare kabile ko kitni mushkile & zillat uthani padi ahi & uska badla lene ke liye ab vaha humare bhai paise ikattha kar rahe hain.."

"..ye drug running usi ka hissa thi..parivar se berukhi to dil me pehle se hi thi..karim mujhe apne bhai jaise lagne laga & maine bhi apne kabile ki madad karne ki than li,magar uncle jay ko is baat ka pata chal gay.unhi dino tony samne aaya..bhai ne iske bare me mujhe pata karne ko kaha & maine fauran pata laga liya ki ye bevkuf kiske liye kaam karta hai & maine thukral se is bare me aamne-samne baat karne ki sochi.main seedhe uske ghar pahunch gaya & use sab bata diya.."

"..maine socha tha ki ye darega,ghabrayega..magar nahi..ye muskurata raha & fir isne meri dukhti rag pe hath rakh diya..& mujhe khud se mil jane ko kaha..isne apni baat aise kahi ki mujhe usme kafi dum laga..fir uncle jay agar drugs vali baat samne le aate to meri barbadi to tay thi..maine is se hath mila liya..hum dono ne milke sara plan banaya..tony humare kisi kaam ka nahi tha magar use ab hata dete to bhai ko shaq hota..isliye humne ise rehne diya & dono qatlo ko anjam diya."

"samir abdul pasha,tumne nandita singh ka khun kaise & kyu kiya?"

"mujhe bas sheena chahiye thi.jab talaq ki baat uthi to maine nandita bhabhi ke dimagh me ye baat daal di ki bhai ki talaq ki baat agar vo khushi se maan jati hai to bhai use bevkoof bana denge & bade kam paise denge.unhe to paiso ka lalach nahi tha magar maine unhe kaha ki ye paiso ki nahi nainsafi ki baat hai isliye vo bhai se is baat pe jhagadne lagi thi.is se humne bhai pe shaq dalne ki vajah paida kar di thi & unke qatl se mera rasta bhi saaf ho jata & agar asb kuchh thik se ho jata to triveni group pe sirf mera haq hota.."

"..us roz jab teeno uncle jay ko leke nikal gaye to main,jaha hum baithe the,uski kamre ke bathroom me fresh hone ke bahane gaya,vaha 1 khidki hai jisme 1 grill hai jo pench pe kasa hua hai.tony ne use nikal ke rakha tha & vo vaha ki nigrani kar raha tha..main us khidki ke raste bahar aaya & fir neeche se 1 sidhi lagake balcony pe chadh gaya,fir chabhi khol ke bhabhi ke kamre me ghusa,vo so rahi thi.maine unhe uthaya & kaha ki kuchh papers lene aaya hu.."

"..bhai ne mujhpe humesha bharosa kiya tha..main berok tok unke kamre me aaat-jata tha..isliye bhabhi ko kuchh ajib nahi laga.maine almari kholi & gun nikali & apne kapdo me chhupa li,fir bhabhi ko bahane se kursi pe bithaya & goli maar di.fir gun ko vahi giraya,light band ki & darvaza lock kar usi raste vapas ho gaya.is sab me bamushkil 7-8 minute lage honage..bhai ko zara bhi shaq nahi hua."

adalat me khamoshi chhayi hui thi,pasha,shatrujeet,karan,sheena sabhi sar jhukaye baithe the.shatrujeet & karan ke chehre pe apne mathe pe lage ilzam ke mitne ki koi khushi nahi jhalak rahi thi.kafi der tak sochne ke baad judge kavas ne faisla sunana shuru kiya,"..aaj adalat ne 1 aisa kadam uthaya tha joki shayad hi pehle kabhi uthaya gaya ho-2 cases ki sunwai 1 sath ki gayi & mujhe khushi hai ki 1 baar fir insaaf ki jeet hui.defence lawyer ne kafi pukhta saboot pesh kiye hain & fir samir abdul pasha ke iqbaliya bayan ne adalat ka kaam aur aasan kar diya.."

"..tony bhi is sazish me shamil tha magar uspe dhokhadhadi me sath dene se zyada ka jurm sabit nahi hota.uski saza hai 1 saal ki qaid.."

"..adalat is natije pe pahunchi hai ki is puri sazish ke peechhe jagbir thukral ka hath tha jisne bina karan 1 masoom shehri ko barbad karna chaha & is chakkar me 2 nirdosh logo ki jaane bhi gayi.adalat jagbir thukral ko 14 saal ki umra qaid ki saza sunati hai..sheena ne apne premi ke bahkave me aake na keval 1 khun kiya balki 1 masoom ko bhi usme fansane ki koshish ki..chuki usne ye jurm behkave me kiya tha naki khud sazish rach kar adalat use bhi 14 saal ki umra qaid ki saza sunati hai.."

"..samir abdul pasha ne jis thali me khaya usi me chhed kiya..apne munhbole bhai ki biwi se najayaz tallukat banaye & fir matlab ke liye uska qatl bhi kiya..is ghinone jurm ke liye use saza-e-maut di jati hai..to be hanged till death.",judge kavas ne kalam ki nib tod di.

jagbir thukral ka khel khatm ho chuka tha.vo sar jhukaye baitha faisla sun raha tha.aaj tak usne aurat ko kewal 1 khilona samjah tha & unke jismo se bas khelta aaya tha magar aaj 1 khilone ne use hi khilona bana diya tha.usne sar uthaya & nafrat se logo ki badhayiyaa kabulti kamini ko dekha..isi dhokhebaaz ne use barbad kiya tha..vo ise nahi chhodega..usne nazar ghumayi & bagal me khade inspector ki or dekha joki kisi se baate karne me mashgul tha,us inspector ko hi use arrest karne ka hukm mila tha.usne uski kamar pe holster me rakhe revolver ko dekha & 1 hi jhatke me use nikla ke khada ho gaya.

"aye...!",inspector chillaya to sabhi ki gardan udhar hi ghum gayi....kamini ki bhi joki shatrujeet ke sath khadi thi.

"hatt..",thukral ne inspector ko dhakela & gun lehrayi,"..kamini..haramzadi!mujhe barbad karke khud maze se rahegi ....nahi!",usne revolver taan ke trigger daba diya.kamini ne darr se aankhe band kar li & zor se chikhi magar use goli nahi lagi kyuki uske thik samne dhaal banke pasha aa gaya tha.

"beta!",shatrujeet ne girte hue pasha ko peechhe se tham liya.thik usi waqt 1 constable ne apni rifle se goli chalayi joki seedha thukral ki khopdi me lagi.shaitan & hawas ke pujari jagbir thukral ka khel humesha-2 ke liye khatm ho gaya tha.














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