गहरी चाल पार्ट -2
उस रात कामिनी अपने पेयिंग गेस्ट अयमोडेशन पे नही गयी,बल्कि विकास के साथ उसके फ्लॅट पे गयी जिसे वो 3 और दोस्तो के साथ शेर करता था.वो तीनो होली के मौके पे अपने-2 घर गये हुए थे,सो फ्लॅट पूरा खाली था.वैसी होली कामिनी ने कभी खेली थी & आगे ना फिर कभी खेली.बाहर लोग 1 दूसरे को अबीर-गुलाल से रंग रहे थे & फ्लॅट के अंदर दोनो प्रेमी 1 दूसरे के रंग मे रंग रहे थे. इसके कुच्छ 3 महीने बाद दोनो ने शादी कर ली & उसके कुच्छ ही दीनो के बाद 1 रोज़ शाम को काम ख़त्म होने के बाद चंद्रा साहब ने दोनो के अपने कॅबिन मे बुलाया & ये सलाह दी कि अब दोनो अपनी-2 प्रॅक्टीस शुरू कर दे. "मगर सर,इतनी जल्दी?" "हां,बेटा.मैं समझ रहा हू,तुम दोनो को लग रहा है कि तुम अभी तैय्यार नही हो पर मेरी बात मानो,तुम दोनो अब अपनी प्रॅक्टीस के लिए रेडी हो.बस जैसे यहा 1 टीम की तरह काम करते थे,वैसे ही आगे भी करना.बेस्ट ऑफ लक!" दोनो ने चंद्रा साहब की बात मान ली.शुरू मे तो काफ़ी परेशानी हुई,पर धीरे-2 दोनो को केसस मिलने लगे.पहले की ही तरह दोनो अपने-2 केसस को 1 दूसरे से डिसकस करते थे.इसका नतीजा ये हुआ कि दोनो का केस जीतने का रेकॉर्ड बाकी वकिलो से कही ज़्यादा अच्छा हो गया & 2 साल होते-2 दोनो के पास केसस की भरमार हो गयी. अब दोनो अपने पेशे मे इतने माहिर हो चुके थे कि पहले की तरह 1 दूसरे से अपने-2 केसस के बारे मे सलाह-मशविरे की ज़रूरत भी उन्हे नही पड़ती थी.कामयाबी के साथ-2 दौलत & ऐशो-आराम ने भी उनकी ज़िंदगी मे कदम रखा पर उनके पास 1 चीज़ की कमी हो गयी-वो थी वक़्त.वही वकालत के पेशे मे भी दोनो थोड़ा अलग राहो पे चल रहे थे,जहा कामिनी को प्राइवेट केसस ज़्यादा मिलते थे वही विकास को सरकारी केसस यानी कि वो काई मुक़ादंमो मे सरकारी वकील की हैसियत से खड़ा होता था. आज से कोई 4 महीने पहले की बात है,कामिनी ने फिर 1 जीत हासिल की थी & आज उसका दिल किया ये खुशी पहले की तरह अपने हमसफर की बाहो मे उसके साथ चुदाई करके मनाने का.उसने विकास को खबर देने के लिए अपना मोबाइल उठाया,पर फिर सोचा की क्यू ना दफ़्तर जाकर उसे सर्प्राइज़ दे तो वो कोर्ट से सीधा अपने ऑफीस के लिए रवाना हो गयी.दोनो ने 1 ही इमारत को 2 हिस्सो मे बाँट कर अपने-2 ऑफीस बनाए थे. उस इमारत मे घुस वो तेज़ कदमो से विकास के कॅबिन की ओर बढ़ने लगी.शाम के 8 बज रहे थे & इस वक़्त ऑफीस बिल्कुल खाली था.तभी उसके कानो मे विकास के कॅबिन से कुच्छ अजीब सी आवाज़े आती सुनाई दी तो वो ठिठक गयी.फिर दबे पाँव वो दरवाज़े तक पहुँची & बहुत धीरे से उसे खोला.दरवाज़ा खोलते ही सामने का नज़ारा देख कर उसके होश उड़ गये & वो जैसे बुत बन गयी. उसकी तरफ पीठ किए खड़ा विकास अपनी असिस्टेंट सीमी को चोद रहा था.सीमी डेस्क को पकड़ कर खड़ी थी,उसकी स्कर्ट को कमर तक उठाए उसका पति पीछे से उसकी चूत मे अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था.विकास की पॅंट उसके टख़नो के पास मूडी पड़ी थी & वो सीमी को पकड़ कर बड़े तेज़ धक्के लगा रहा था.सीमी भी आहे भर रही थी.तभी सीमी थोड़ा सीधी हुई & 1 हाथ पीछे ले जाकर उसने विकास के गले मे डाल दिया & उसके होठ से अपने होठ सटा दिए.विकास ने भी 1 हाथ उसकी कमर से उठाया & उसकी चूचियो पे रख दिया. थोड़ी देर के बाद कामिनी जैसे नींद से जागी & उसकी आँखो मे आँसू छल्छला आए.वो मूडी & वाहा से सीधा अपने घर आ गयी.वो चाहती तो दोनो को बीच मे रोक सकती थी पर ऐसा करना उसकी गैरत के खिलाफ होता.उस रात विकास घर लौटा तो उसने उसे बता दिया कि शाम को उसने क्या देखा था. "ओह्ह,तो तुम्हे पता चल ही गया.मैं तुम्हे बताना चाहता था पर...खैर,चलो." "मुझे तलाक़ चाहिए,विकास." "ओके.",विकास कुच्छ पल उसे देखता रहा & फिर कमरे से बाहर चला गया. 1 वकील के ऑफीस मे ही कामिनी का प्यार पुख़्ता हुआ था & आज 1 वकील के ऑफीस मे ही उस प्यार के टुकड़े-2 हो गये थे.तलाक़ के वक़्त विकास ने उसे उनका बंगला & ऑफीस रखने को कहा था पर उन जगहो से जुड़ी यादें उसे चैन से जीने नही देती.उसने मना कर दिया & अपने दूसरे बंगल शिफ्ट हो गयी & अपना 1 अलग ऑफीस भी ले लिया. ड्राइवर ने ब्रेक लगाया तो कामिनी यादो से बाहर आई,कार 1 ट्रॅफिक सिग्नल पे खड़ी थी.उसने शीशे से बाहर देखा तो सड़क के बगल की पार्किंग मे 1 जानी-पहचानी सी कार रुकती दिखी...ये तो विकास की कार थी.कार का दरवाज़ा खुला & विकास सीमी के साथ बाहर आया.दोनो सामने वाले रेस्टोरेंट मे जा रहे थे.विकास का हाथ सीमी की कमर से चिपका हुआ था.तभी उसने सड़क पे खड़े लोगो की नज़र बचा कर टाइट पॅंट मे कसी सीमी की गंद पे चिकोटी काट ली.सीमी ने बनावटी गुस्से से उसे 1 मुक्का मारा & फिर दोनो 1 दूसरे की बाँह थामे रेस्टोरेंट के अंदर चले गये.कामिनी ने उड़ती-2 खबर सुनी थी की आजकल दोनो बिना शादी किए 1 साथ रह रहे हैं,पर डाइवोर्स के बाद आज पहली बार उसने दोनो को देखा था. कामिनी का मिज़ाज थोडा और खराब हो गया.बत्ती हरी हुई तो कार आगे बढ़ गयी.तभी उसका मोबाइल बजा,"हेलो." "नमस्कार,मेडम.मैं जायसवाल बोल रहा हू." "नमस्कार,जायसवाल साहब.कहिए क्या बात है?" "मेडम,कल शाम 8 बजे मेजेसटिक होटेल मे मैं 1 पार्टी दे रहा हू & आपको वाहा ज़रूर आना है." "जायसवाल साहब,बुरा मत मानीएगा पर मैं..-" "मेडम,आप नही आएँगी तो पार्टी कॅन्सल कर दी जाएगी.ये पार्टी मैं अपने केस जीतने की नही बल्कि आपके सम्मान मे दे रहा हू.आपको कल आना ही पड़ेगा!",जायसवाल ने उसकी बात बीच मे ही काट दी. "आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं.मैं किसी सम्मान की हक़दार नही हू." "बिल्कुल हैं.आप ना होती तो माइन तो इस बुढ़ापे मे बेगुनाह होते हुए भी जैल की सलाखो के पीच्चे होता.प्लीज़ मेडम,मैं हाथ जोड़ कर आपसे गुज़ारिश करता हू..-" "प्लीज़,जायसवाल साहब अबके आपने मुझे सचमुच शर्मिंदा कर दिया.आप मेरे पिता की उम्र के हैं,इसीलिए ऐसी बाते ना करे.मैं कल ज़रूर आऊँगी." "शुक्रिया,मेडम.बहुत-2 शुक्रिया!",उसका पार्टी मे जाने का बिल्कुल भी मन नही था पर जायसवाल साहब ने ऐसी बात कह दी थी कल अब उसे बेमान से ही जाना ही पड़ेगा. कार उसके क्लाइव रोड के बंगल मे दाखिल हो चुकी थी. ------------------------------
------------------------------------------------- कामिनी नहा कर बाथरूम से निकली,उसने अपने जिस्म पे लपेटा तौलिया उतारा & अपने कपबोर्ड से कपड़े निकालने के लिए उसे खोला कि अचानक कपबोर्ड पे लगे आदम कद शीशे मे अपने अक्स को देख ठिठक गयी.उसने कपबोर्ड का दरवाज़ा बंद किया & शीशे मे अपने नंगे बदन को निहारने लगी. क्या कमी थी उसमे?आख़िर क्यू विकास ने उसे छ्चोड़ दिया...वो भी...वो भी..उस सीमी के लिए जोकि खूबसूरती के मामले मे कामिनी के पैर की छ्होटी उंगली के नाख़ून के बराबर भी नही थी!उसने अपनी 38डी साइज़ की छातियो को दबाया,बिना ब्रा के भी कैसी तनी हुई खड़ी थी,अभी तक ज़रा भी नही झूली थी उसकी चूचियाँ...& उसका सपाट पेट....28 इंच की कमर के नीचे 36 इंच की भरी मगर पुष्ट गंद तो लोगो को दीवाना कर देती थी.1 भरा शरीर होने के बावजूद कही से भी माँस की कोई परत झूलती नही दिखाई दे रही थी-ऐसी कसी,गदराई जवानी को छ्चोड़ विकास उस सुखी सी सीमी के पास कैसे चला गया? उसने आज तक ये सवाल विकास से नही पुचछा था.वो 1 बहुत स्वाभिमानी लड़की थी-वो उसके सामने रो कर गिड़गिदकर उसके सामने कमज़ोर नही पड़ना चाहती थी.कमर को मोड़ उसने शीशे मे अपनी गंद को निहारा & जैसे उसे जवाब मिल गया...विकास सीमी की गंद के पीछे पागल हो गया था.सीमी छ्होटे कद की पतली-दुबली लड़की थी मगर उसकी गंद बहुत मस्त थी...उस दिन ऑफीस मे विकास उसे पीछे से चोद रहा था,आज भी उसकी गंद पे उसके हाथ पागलो की तरह मचल रहे थे.... हुन्ह..!तो बस 1 गंद के लिए उसने अपनी बीवी से बेवफ़ाई की!वो नंगी ही अपने बिस्तर पे लेट गयी..क्या यही गहराई थी उनके प्यार मे?उसने विकास के अलावा कभी किसी और के बारे मे नही सोचा...उसे अपने तन,मन से पूरी तरह टूट कर चाहा & विकास..लेकिन क्या सिला मिला इस अच्छाई का,इस वफ़ा का उसे?जिसने ग़लती की थी वो तो आज भी मज़े से गुलच्छर्रे उड़ा रहा था & वो यहा विधवाओं जैसा जीवन बिता रही थी. पर अब ऐसा नही होगा.वो भी अपनी ज़िंदगी का पूरा मज़ा उठाएगी.अब वो ऐसे उदास नही रहेगी.1 विकास चला गया तो क्या हुआ?कल कोई और आएगा जोकि फिर से उसका अकेलापन दूर करेगा...& ऐसा क्यू नही होगा-वो खूबसूरत थी,जवान थी....पर इस बार वो प्यार & रिश्तो के पचदे मे नही पड़ेगी,केवल अपने जिस्म की ज़रूरतो को पूरा करेगी.....अगर कोई मर्द स्वार्थी हो केवल अपने मज़े के बारे मे सोच सकता है तो 1 औरत क्यू नही?...आज 4 महीनो मे पहली बार उसे 1 मर्द के बदन की ज़रूरत महसूस हुई थी,लेकिन ऐसा भी नही था कि वो जिस किसी के भी साथ सो जाने को तैय्यार हो गयी थी,उसने तय कर लिया था की वो केवल उस मर्द के साथ हमबिस्तर होगी जो उसकी कद्र करेगा & जिसमे उसे अपने बिस्तर तक ले जाने का हौसला होगा,हिम्मत होगी. पहले तो उसे कल की पार्टी मे जाने का दिल नही था पर अब उसने सोच लिया कि कल वो ज़रूर जाएगी & पार्टी को पूरी तरह से एंजाय करेगी.वो पहले वाली,आत्मा-विश्वास से भारी,ज़िंदाडिल कामिनी लौट आई थी & इस बार उसके दिल मे ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाने की उमंग और भी ज़्यादा थी. नीले रंग की सारी & स्लीव्ले ब्लाउस मे खुले बालो वाली कामिनी शायद पार्टी मे सबसे खूबसूरत लग रही थी.पार्टी बड़ी शानदार थी,ऐसा लगता था जैसे जायसवाल ने पूरे पंचमहल को बुला रखा था. "..ये मिस्टर.शर्मा हैं,मेडम & शर्मा जी,कामिनी जी को तो आप जानते ही हैं.ये नही होती तो मैं तो लूट ही गया था,साहब!",जब केस जीतने के बाद जायसवाल ने पहली बार ये बात कही थी तो कामिनी को अच्छा लगा था,कल फोन पे पार्टी का इन्विटेशन देते वक़्त उसने ये बात कुच्छ ऐसे दोहराई थी कि कामिनी को शर्मिंदगी महसूस हुई पर आज शायद ये पचसवाँ मेहमान था जिस से वो ये बात कह रहा था & अब कामिनी को कोफ़्त होने लगी थी.वो बहाने से दोनो के पास से हटी & 1 गुज़रते हुए वेटर की ट्रे से मोकक्थाइल का ग्लास उठा कर 1 कोने मे खड़ी हो पीने लगी. "आपका मुँह दर्द कर रहा होगा ना?",कामिनी ने चौंक कर गर्दन घुमाई तो पाया कि लगभग उसी की उम्र का एक 6 फ्ट का लंबा,गोरा,क्लीन-शेवन,हॅंडसम शख्स खड़ा है & उसके चेहरे पे 1 शरारत भरी पर भली मुस्कान सजी है. "जी?!" "मैं काफ़ी देर से देख रहा हू,मिस्टर.जायसवाल आपको हर गेस्ट से 1 ही बात कह के इंट्रोड्यूस करवा रहे हैं & आपको ज़बरदस्ती मुस्कुराना पड़ रहा है.अब ऐसे मे मुँह तो दुखेगा ही ना!",उसने आख़िरी लाइन कुच्छ इस अंदाज़ मे कही की कामिनी को हँसी आ गयी,"आपकी तारीफ?" "करण मेहरा",उसने अपना हाथ कामिनी की तरफ बढ़ाया,"..& मेरा भी हाल कुच्छ-2 आप ही के जैसा है." "वो कैसे?",कामिनी ने उस से हाथ मिलाया. "मैं प्लेक्ट्रॉनिक्ष कंपनी के सेल्स & मार्केटिंग डिविषन का रीजनल मॅनेजर हू & जायसवाल साहब 8हमारे बड़े डीलर्स मे से 1 हैं.अब उनको नाराज़ करना तो अपने पैरो पे खुद कुल्हाड़ी मारने जैसा होता तो मुझे इस पार्टी मे आना पड़ा.आपकी तरह मैं भी यहा आए काफ़ी लोगो को नही जानता हू.आपको ज़बरदस्ती मुस्कुराना पड़ रहा है & मुझे अकेले बोर होना पड़ रहा है!",दोनो हंस पड़े. "मैं कामिनी शरण हू." "अब आपके बारे मे कौन नही जानता-आप नही होती तो जायसवाल साहब तो लुट गये होते!",दोनो 1 बार फिर खिलखिला उठे.तभी कारण ने हँसी रोक कर संजीदा शक्ल बना ली,"लीजिए,आपका शुक्रगुज़ार फिर से आपको ढूंढता चला आ रहा है.",कामिनी ने परेशानी से आँखे उपर की & फिर मुस्कुराते हुए घूमी. "मेडम,आइए आपको अपंहे सबसे खास मेहमान से मिलवाऊं." "एक्सक्यूस मी.",कामिनी ने करण से कहा & जायसवाल के साथ चली गयी. "इनसे मिलिए,मेडम मिस्टर.शत्रुजीत सिंग & उनकी पत्नी.",सामने 6'3" का 1 कसरती बदन वाला सांवला सा हॅंडसम शख्स खड़ा था...तो ये था शत्रुजीत सिंग,अमरजीत सिंग का बेटा.अमरजीत सिंग पंचमहल के एंपी थे & त्रिवेणी ग्रूप के मालिक & अभी 3 महीने पहले ही उनका देहांत हुआ था.त्रिवेणी ग्रूप कन्स्ट्रक्षन,आइरन ओर एक्सपोर्ट,ऑटो पार्ट्स,सेमेंट मॅन्यूफॅक्चरिंग के बिज़्नेस से जुड़ा 1 काफ़ी बड़ा नाम था.शत्रुजीत सिंग की तस्वीरे कामिनी को हुमेशा अख़बारो के पेज 3 मे छप्ने वाली हाइ प्रोफाइल पार्टीस की तस्वीरो मे नज़र आती रहती थी.उसकी इमेज 1 प्लेबाय की थी. "..ये नही होती तो मैं तो लुट ही गया था!",जायसवाल फिर से वही बात कह रहा था. "आपने ऐसा कैसे सोच लिया था,जायसवाल साहब?ये संतोष चंद्रा साहब की शागिर्द हैं.जब इन्होने आपका मुक़दमा लड़ने की हामी भरी थी,आपको तो तभी निश्चिंत हो जाना चाहिए था कि अब आप केस ज़रूर जीतेंगे.",उसने कामिनी की तरफ हाथ बढ़ाया. "आपको कैसे पता कि मैं चंद्रा सर की असिस्टेंट थी?",कामिनी ने हाथ मिलाया,शत्रुजीत की बड़ी सी हथेली मे उसका नाज़ुक सा कोमल हाथ जैसे खो सा गया.शत्रुजित ने उसके हाथ को हल्के से दबाया तो कामिनी के बदन मे झुरजुरी सी दौड़ गयी.वो बेबाक निगाहो से उसकी आँखो मे झाँक रहा था.रीमा को उसका हाथ दबाना 1 प्लेबाय की हरकत लगी पर उसकी आँखो मे कही भी छिछोरपन नही था. "चंद्रा साहब हुमारे ग्रूप के लीगल आड्वाइज़र थे & हमारे सारे केसस वही हॅंडल करते थे.अब उनकी तबीयत कुच्छ ठीक नही रहती सो उन्होने काम करना कम कर दिया है & अब वो हमारे केस नही देखते.",कामिनी को थोड़ी शर्म आई की वो अभी तक अपने गुरु का हाल पुच्छने 1 बार भी नही गयी थी.उसने उसकी पत्नी की तरफ हाथ बढ़ाया,"हेलो!आइ'एम कामिनी शरण." "हाई!आइ'एम नंदिता.",उस खूबसूरत महिला ने उस का बढ़ा हाथ थाम लिया.दोनो मिया-बीवी की उम्र 35 के करीब होगी पर दोनो 29-30 बरस से ज़्यादा के नही लगते थे. "चलिए,खाना खाते हैं.",जायसवाल सबको खाने की टेबल की तरफ ले गया. ------------------------------------------------------------------------------- रात बिस्तर पे कामिनी नंगी पड़ी हुई थी.आज वो पार्टी मे कयि लोगो से मिली पर 2 ही लोग ऐसे थे जिन्होने उसके उपर कोई असर किया था.पहला था करण जिसका अच्छे बर्ताव & खुशदील मिज़ाज उसे बहुत पसंद आया था,उसने 1 बार भी उसके साथ फ्लर्ट करने की कोशिश नही की थी. और दूसरा शख्स था शत्रुजीत सिंग.वो 1 अय्याश के रूप मे मशहूर था..तो क्या उसकी पत्नी को उस बात से कोई परेशानी नही होती थी?वो तो अपने पति की बेवफ़ाई ज़रा भी बर्दाश्त नही कर पाई थी,फिर नंदिता कैसे उसके साथ रह लेती थी?शत्रुजीत के हाथो की छुअन याद आते ही उसके नंगे बदन मे झुरजुरी दौड़ गयी & उसका हाथ उसकी चूत से सॅट गया.कैसी बेबाक नज़रे थी शत्रुजीत की,लगता था जैसे उसके अंदर तक झाँक रही हो. दोनो ही मर्द हॅंडसम थे पर स्वाभाव कितना अलग था दोनो का!कामिनी का दूसरा हाथ उसके सीने को दबाने लगा.दोनो मर्दो की याद से उसके बदन मे कसक सी उठने लगी थी.कामिनी अपनी उंगली से अपने चूत के दाने को रगड़ती हुई उस कसक को शांत करने की कोशिश करने लगी.वो जानती थी कि थोड़ी देर मे वो झाड़ जाएगी & फिर उसे नींद आ जाएगी पर उसके दिल को वो सुकून नही मिल पाएगा जिसकी उसे तलाश थी.वो सुकून तो केवल 1 मर्द की बाहो मे ही उसे मिल सकता था. पर जब तक कोई मर्द उसकी ज़िंदगी मे नही आता,उसे खुद ही अपनी प्यास बुझानी होगी.उसने करवट ली & अपने हाथ को अपनी जाँघो मे भींच अपने हाथ की रफ़्तार तेज़ कर अपनी मंज़िल की ओर बढ़ने लगी. क्रमशः...................
-- साधू सा आलाप कर लेता हूँ , मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ .. मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,, बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ आपका दोस्त राज शर्मा (¨`·.·´¨) ऑल्वेज़ `·.¸(¨`·.·´¨) कीप लविंग & (¨`·.·´¨)¸.·´ कीप स्माइलिंग ! `·.¸.·´ -- राज
Us raat Kamini apne paying guest accomodation pe nahi gayi,balki Vikas ke sath uske flat pe gayi jise vo 3 aur dosto ke sath share karta tha.vo teeno holi ke mauke pe apne-2 ghar gaye hue the,so flat pura khali tha.vaisi holi kamini ne kabhi kheli thi & aage na fir kabhi kheli.bahar log 1 dusre ko abeer-gulal se rang rahe the & flat ke andar dono premi 1 dusre ke rang me rang rahe the. iske kuchh 3 mahine baad dono ne shadi kar li & uske kuchh hi dino ke bad 1 roz sham ko kaam khatm hone ke baad Chandra sahab ne dono ke apne cabin me bulaya & ye salah di ki ab dono apni-2 practice shuru kar de. "magar sir,itni jaldi?" "haan,beta.main samajh raha hu,tum dono ko lag raha hai ki tum abhi taiyyar nahi ho par meri baat mano,tum dono ab apni practice ke liye ready ho.bas jaise yaha 1 team ki tarah kaam karte the,vaise hi aage bhi karna.best of luck!" dono ne chandra sahab ki baat maan li.shuru me to kafi pareshani hui,par dheere-2 dono ko cases milne lage.pehle ki hi tarah dono apne-2 cases ko 1 dusre se discuss karte the.iska nateeja ye hua ki dono ka case jeetne ka record baki vakilo se kahi zyada achha ho gaya & 2 saal hote-2 dono ke paas cases ki bharmar ho gayi. ab dono apne peshe me itne mahir ho chuke the ki pehle ki tarah 1 dusre se apne-2 cases ke bare me salah-mashvire ki zarurat bhi unhe nahi padti thi.kamyabi ke sath-2 daulat & aisho-aaram ne bhi unki zindagi me kadam rakha par unke paas 1 chiz ki kami ho gayi-vo thi waqt.vahi vakalat ke peshe me bhi dono thoda alag raaho pe chal rahe the,jaha kamini ko private cases zyada milte the vahi vikas ko sarkari cases yani ki vo kayi mukadammo me sarkari vakil ki haisiyat se khada hota tha. aaj se koi 4 mahine pehle ki baat hai,kamini ne fir 1 jeet hasil ki thi & aaj uska dil kiya ye khushi pehle ki tarah apne humsafar ki baaho me uske sath chudai karke manane ka.usne vikas ko khabar dene ke liye apna mobile uthaya,par fir socha ki kyu na daftar jakar use surprise de to vo court se seedha apne office ke liye rawana ho gayi.dono ne 1 hi imarat ko 2 hisso me baant kar apne-2 office banaye the. us imarat me ghus vo tez kadmo se vikas ke cabin ki or badhne lagi.sham ke 8 baj rahe the & is waqt office bilkul khali tha.tabhi uske kaano me vikas ke cabin se kuchh ajeeb si aavaze aati sunai di to vo thithak gayi.phir dabe paanv vo darwaze tak pahunchi & bahut dheere se use khola.darwaza kholte hi samne ka nazara dekh kar uske hosh ud gaye & vo jaise but ban gayi. uski taraf pith kiye khada vikas apni assistant Simi ko chod raha tha.simi desk ko pakad kar khadi thi,uski skirt ko kamar tak uthaye uska pati peechhe se uski chut me apna lund andar-bahar kar raha tha.vikas ki pant uske takhno ke paas mudi padi thi & vo simi ko pakad kar bade tez dhakke laga raha tha.simi bhi aahe bhar rahi thi.tabhi simi thoda seedhi hui & 1 hath peechhe le jakar usne vikas ke gale me daal diya & uske hotho se apne hoth sata diye.vikas ne bhi 1 hath uski kamar se uthaya & uski chhatiyo pe rakh diya. thodi der ke baad kamini jaise neend se jagi & uski aankho me aansoo chhalchhala aaye.vo mudi & vaha se seedha apne ghar aa gayi.vo chahti to dono ko beech me rok sakti thi par aisa karna uski gairat ke khilaf hota.us raat vikas ghar lauta to usne use bata diya ki sham ko usne kya dekha tha. "ohh,to tumhe pata chal hi gaya.main tumhe batana chahta tha par...khair,chalo." "mujhe talak chahiye,vikas." "ok.",vikas kuchh pal use dekhta raha & fir kamre se bahar chala gaya. 1 vakil ke office me hi kamini ka pyar pukhta hua tha & aaj 1 vakil ke office me hi us pyar ke tukde-2 ho gaye the.talak ke waqt vikas ne use unka bungla & office rakhne ko kaha tha par un jagaho se judi yaaden use chain se jeene nahi deti.usne mana kar diya & apne dusre bungle shift ho gayi & apna 1 alag office bhi le liya. driver ne brake lagaya to kamini yaado se bahar aayi,car 1 traffic signal pe khadi thi.usne shheshe se bahar dekha to sadak ke bagal ki parking me 1 jani-pehchani si car rukti dikhi...ye to vikas ki car thi.car ka darwaza khula & vikas simi ke sath bahar aaya.dono samne wale restaurant me ja rahe the.vikas ka haath simi ki kamar se chipka hua tha.tabhi usne sadak pe khade logo ki nazar bacha kar tight pant me kasi simi ki gand pe chikoti kaat li.simi ne banawati gusse se use 1 mukka mara & fir dono 1 dusre ki baanh thame restaurant ke andar chale gaye.kamini ne udit-2 khabar suni thi ki aajkal dono bina shadi kiye 1 sath rah rahe hain,par divorce ke baad aaj pehli baar usne dono ko dekha tha. kamini ka mizaj thoda aur kharab ho gaya.batti hari hui to car aage badh gayi.tabhi uska mobile baja,"hello." "namaskar,madam.main jaiswal bol raha hu." "namaskar,jaiswal sahab.kahiye kya baat hai?" "madam,kal sham 8 baje Majestic hotel me main 1 party de raha hu & aapko vaha zaroor aana hai." "jaiswal sahab,bura mat maaniyega par main..-" "madam,aap nahi aayengi to party cancel kar di jayegi.ye party main apne case jeetne ki nahi balki aapke samman me de raha hu.aapko kal aana hi padega!",jaiswal ne uski baat beech me hi kaat di. "aap mujhe sharminda kar rahe hain.main kisi samman ki haqdar nahi hu." "bilkul hain.aap na hoti to maain to is budhape me begunah hote hue bhi jail ki salakho ke peechhe hota.please madam,main hath jod kar aapse guzarish karta hu..-" "please,jaiswal sahab abke aapne mujhe sachmuch sharminda kar diya.aap mere pita ki umra ke hain,isiliye aisi baate na kare.main kal zaroor aaoongi." "shukriya,madam.bahut-2 shukriya!",uska party me jane ka bilkul bhi man nahi tha par jaiswal sahab ne aisi baat kah di thi kal ab use beman se hi jana hi padega. car uske clive road ke bungle me dakhil ho chuki thi. ------------------------------------------------------------------------------- kamini naha kar bathroom se nikli,usne apne jism pe lapeta tauliya utara & apne cupboard se kapde nikalne ke liye use khola ki achanak cupboard pe lage aadam kad sheeshe me apne aks ko dekh thithak gayi.usne cupboard ka darwaza band kiya & sheeshe me apne nange badan ko niharne lagi. kya kami thi usme?aakhir kyu vikas ne use chhod diya...vo bhi...vo bhi..us simi ke liye joki khubsurati ke mamle me kamini ke pair ki chhoti ungli ke nakhun ke barabar bhi nahi thi!usne apni 38d size ki chhatiyo ko dabaya,bina bra ke bhi kaisi tani hui khadi thi,abhi tak zara bhi nahi jhuli thi uski choochiyaan...& uska sapat pet....28 inch ki kamar ke neeche 36 inch ki bhari magar pusht gand to logo ko deewana kar deti thi.1 bhara sharir hone ke bawjood kahi se bhi maans ki koi parat jhulti nahi dikhayi de rahi thi-aisi kasi,gadrayi jawani ko chhod vikas us sukhi si simi ke paas kaise chala gaya? usne aaj tak ye sawal vikas se nahi puchha tha.vo 1 bahut swabhimani ladki thi-vo uske samne ro kar gidgidakar uske samne kamzor nahi padna chahti thi.kamar ko mod usne sheeshe me apni gand ko nihara & jaise use jawab mil gaya...vikas simi ki gand ke peechhe pagal ho gaya tha.simi chhote kad ki patli-dubli ladki thi magar uski gand bahut mast thi...us din office me vikas use peechhe se chod raha tha,aaj bhi uski gand pe uske hath paaglo ki tarah machal rahe the.... hunh..!to bas 1 gand ke liye usne apni biwi se bewafai ki!vo nangi hi apne bistar pe let gayi..kya yahi gehrai thi unke pyar me?usne vikas ke alawa kabhi kisi aur ke bare me nahi socha...use apne tan,man se puri tarah tut kar chaha & vikas..lekin kya sila mila is achhai ka,is wafa ka use?jisne galti ki thi vo to aaj bhi maze se gulchharre uda raha tha & vo yaha vidhvaon jaisa jiwan bita rahi thi. par ab aisa nahi hoga.vo bhi apni zindagi ka pura maza uthaegi.ab vo aise udas nahi rahegi.1 vikas chala gaya to kya hua?kal koi aur aayega joki fir se uska akelapan dur karega...& aisa kyu nahi hoga-vo khubsurat thi,jawan thi....par is bar vo pyar & rishto ke pachde me nahi padegi,kewal apne jism ki zarurato ko pura karegi.....agar koi mard swarthi ho kewal apne maze ke bare me soch sakta hai to 1 aurat kyu nahi?...aaj 4 mahino me pehli baar use 1 mard ke badan ki zarurat mehsus hui thi,lekin aisa bhi nahi tha ki vo jis kisi ke bhi sath so jane ko taiyyar ho gayi thi,usne tay kar liya tha ki vo kewal us mard ke sath humbistar hogi jo uski kadr karega & jisme use apne bistar tak le jane ka hausla hoga,himmat hogi. pehle to use kal ki party me jane ka dil nahi tha par ab usne soch liya ki kal vo zarur jayegi & party ko puri tarah se enjoy karegi.vo pehle vali,aatma-vishvas se bhari,zindadil kamini laut aayi thi & is bar uske dil me zindagi ka lutf uthane ki umang aur bhi zyada thi. Neele rang ki sari & sleeveless blouse me khule baalo wali Kamini shayad party me sabse khubsurat lag rahi thi.party badi shandar thi,aisa lagta tha jaise Jaiswal ne pure Panchmahal ko bula rakha tha. "..ye Mr.Sharma hain,madam & sharma ji,kamini ji ko to aap jante hi hain.ye nahi hoti to main to lut hi gaya tha,sahab!",jab case jeetne ke bad jaiswal ne pehli bar ye baat kahi thi to kanini ko achha laga tha,kal phone pe party ka invitation dete waqt usne ye baat kuchh aise dohrayi thi ki kamini ko sharmindgi mehsus hui par aaj shayad ye pachasvaan mehman tha jis se vo ye baat kah raha tha & ab kamini ko koft hone lagi thi.vo bahane se dono ke paas se hati & 1 guzarte hue waiter ki tray se mocktail ka glass utha kar 1 kone me khadi ho peene lagi. "aapka munh dard kar raha hoga na?",kamini ne chaunk kar gardan ghumai to paya ki lagbhag usi ki umra ka ek 6 ft ka lamba,gora,clean-shaven,handsome shakhs khada hai & uske chehre pe 1 shararat bhari par bhali muskan saji hai. "ji?!" "main kafi der se dekh raha hu,mr.jaiswal aapko har guest se 1 hi baat kah ke introduce karwa rahe hain & aapko zabardasti muskurana pad raha hai.ab aise me munh to dukhega hi na!",usne aakhiri line kuchh is andaz me kahi ki kamini ko hansi aa gayi,"aapki tareef?" "Karan Mehra",usne apna hath kamini ki taraf badhaya,"..& mera bhi haal kuchh-2 aap hi ke jaisa hai." "vo kaise?",kamini ne us se hath milaya. "main Plectronix company ke sales & marketing division ka regional manager hu & jaiswal sahab hu8mare bade dealers me se 1 hain.ab unko naraz karna to apne pairo pe khud kulhadi marne jaisa hota to mujhe is party me aana pada.aapki tarah main bhi yaha aaye kafi logo ko nahi janta hu.aapko zabardasti muskurana pad raha hai & mujhe akele bore hona pad raha hai!",dono hans pade. "main kamini sharan hu." "ab aapke bare me kaun nahi janta-aap nahi hoti to jaiswal sahab to lut gaye hote!",dono 1 bar fir khilkhila uthe.tabhi karan ne hansi rok kar sanjeeda shakl bana li,"lijiye,aapka shukraguzar fir se aapko dhundhta chala aa raha hai.",kamini ne pareshani se aankhe upar ki & fir muskurate hue ghumi. "madam,aaiye aapko apnhe sabse khas mehman se milwaoon." "excuse me.",kamini ne karan se kaha & jaiswal ke sath chali gayi. "inse miliye,madam Mr.Shatrujeet Singh & unki patni.",saamne 6'3" ka 1 kasrati badan vala saanvla sa handsome shakhs khada tha...to ye tha shatrujeet singh,Amarjeet Singh ka beta.amarjeet singh panchmahal ke MP the & Triveni group ke malik & abhi 3 mahine pehle hi unka dehant hua tha.triveni group construction,iron ore export,auto parts,cement manufacturing ke business se juda 1 kafi bada naam tha.shatrujeet singh ki tasveere kamini ko humesha akhbaro ke page 3 me chhapne vali high profile parties ki tasveero me nazar aati rahti thi.uski image 1 playboy ki thi. "..ye nahi hoti to main to lut hi gaya tha!",jaiswal fir se vahi baat kah raha tha. "aapne aisa kaise soch liya tha,jaiswal sahab?ye Santosh Chandra sahab ki shagird hain.jab inhone aapka mukadama ladne ki hami bhari thi,aapko to tabhi nishchint ho jana chahiye tha ki ab aap case zaroor jeetenge.",usne kamini ki taraf hath badhaya. "aapko kaise pata ki main chandra sir ki assistant thi?",kamini ne hath milaya,shatrujeet ke bade si hatheli me uska nazuk sa komal hath jaise kho sa gaya.shatrujit ne uske hath ko halke se dabaya to kamini ke badan me jhurjhuri si daud gayi.vo bebak nigaho se uski aankho me jhank raha tha.reema ko uska hath dabana 1 playboy ki harkat lagi par uski aankho me kahi bhi chhichhorapan nahi tha. "chandra sahab humare group ke legal advisor the & humare sare cases wahi handle karte the.ab unki tabiyat kuchh thik nahi rahti so unhone kaam karna kam kar diya hai & ab vo humare case nahi dekhte.",kamini ko thodi sharm aayi ki vo abhi tak apne guru ka haal puchhne 1 bar bhi nahi gayi thi.usne uski patni ki taraf hath badhaya,"hello!i'm kamini sharan." "hi!i'm nandita.",us khubsurat mahila ne us ka badha hath tham liya.dono miya-biwi ki umra 35 ke kareeb hogi par dono 29-30 baras se zyada ke nahi lagte the. "chaliye,khana khate hain.",jaiswal sabko khane ki table ki taraf le gaya. ------------------------------------------------------------------------------- raat bistar pe kamini nangi padi hui thi.aaj vo party me kayi logo se mili par 2 hi log aise the jinhone uske upar koi asar kiya tha.pehla tha karan jiska achhe bartav & khushdil mizaj use bahut pasand aaya tha,usne 1 baar bhi uske sath flirt karne ki koshish nahi ki thi. aur dusra shakhs tha shatrujeet singh.vo 1 ayyash ke roop me mashoor tha..to kya uski patni ko us baat se koi pareshani nahi hoti thi?vo to apne pati ki bewafai zara bhi bardasht nahi kar payi thi,fir nandita kaise uske sath rah leti thi?shatrujeet ke hatho ki chhuan yaad aate hi uske nange badan me jhurjhuri daud gayi & uska hath uski chut se sat gaya.kaisi bebak nazre thi shatrujeet ki,lagta tha jaise uske andar tak jhank rahi ho. dono hi mard handsome the par svabhav kitna alag tha dono ka!kamini ka dusra hath uske seene ko dabane laga.dono mardo ki yaad se uske badan me kasak si uthne lagi thi.kamini apni ungli se apne chut ke dane ko ragadti hui us kasak ko shant karne ki koshish karne lagi.vo janti thi ki thodi der me vo jhad jayegi & fir use neend aa jayegi par uske dil ko vo sukun nahi mil payega jiski use talash thi.vo sukun to kewal 1 mard ki baaho me hi use mil sakta tha. par jab tak koi mard uski zindagi me nahi aata,use khud hi apni pyas bujhani hogi.usne karwat li & apne hath ko apni jaangho me bheench apne hath ki raftar tez kar apni manzil ki or badhne lagi. --
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ॥
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
-- साधू सा आलाप कर लेता हूँ , मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ .. मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,, बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ आपका दोस्त राज शर्मा (¨`·.·´¨) ऑल्वेज़ `·.¸(¨`·.·´¨) कीप लविंग & (¨`·.·´¨)¸.·´ कीप स्माइलिंग ! `·.¸.·´ -- राज
Us raat Kamini apne paying guest accomodation pe nahi gayi,balki Vikas ke sath uske flat pe gayi jise vo 3 aur dosto ke sath share karta tha.vo teeno holi ke mauke pe apne-2 ghar gaye hue the,so flat pura khali tha.vaisi holi kamini ne kabhi kheli thi & aage na fir kabhi kheli.bahar log 1 dusre ko abeer-gulal se rang rahe the & flat ke andar dono premi 1 dusre ke rang me rang rahe the. iske kuchh 3 mahine baad dono ne shadi kar li & uske kuchh hi dino ke bad 1 roz sham ko kaam khatm hone ke baad Chandra sahab ne dono ke apne cabin me bulaya & ye salah di ki ab dono apni-2 practice shuru kar de. "magar sir,itni jaldi?" "haan,beta.main samajh raha hu,tum dono ko lag raha hai ki tum abhi taiyyar nahi ho par meri baat mano,tum dono ab apni practice ke liye ready ho.bas jaise yaha 1 team ki tarah kaam karte the,vaise hi aage bhi karna.best of luck!" dono ne chandra sahab ki baat maan li.shuru me to kafi pareshani hui,par dheere-2 dono ko cases milne lage.pehle ki hi tarah dono apne-2 cases ko 1 dusre se discuss karte the.iska nateeja ye hua ki dono ka case jeetne ka record baki vakilo se kahi zyada achha ho gaya & 2 saal hote-2 dono ke paas cases ki bharmar ho gayi. ab dono apne peshe me itne mahir ho chuke the ki pehle ki tarah 1 dusre se apne-2 cases ke bare me salah-mashvire ki zarurat bhi unhe nahi padti thi.kamyabi ke sath-2 daulat & aisho-aaram ne bhi unki zindagi me kadam rakha par unke paas 1 chiz ki kami ho gayi-vo thi waqt.vahi vakalat ke peshe me bhi dono thoda alag raaho pe chal rahe the,jaha kamini ko private cases zyada milte the vahi vikas ko sarkari cases yani ki vo kayi mukadammo me sarkari vakil ki haisiyat se khada hota tha. aaj se koi 4 mahine pehle ki baat hai,kamini ne fir 1 jeet hasil ki thi & aaj uska dil kiya ye khushi pehle ki tarah apne humsafar ki baaho me uske sath chudai karke manane ka.usne vikas ko khabar dene ke liye apna mobile uthaya,par fir socha ki kyu na daftar jakar use surprise de to vo court se seedha apne office ke liye rawana ho gayi.dono ne 1 hi imarat ko 2 hisso me baant kar apne-2 office banaye the. us imarat me ghus vo tez kadmo se vikas ke cabin ki or badhne lagi.sham ke 8 baj rahe the & is waqt office bilkul khali tha.tabhi uske kaano me vikas ke cabin se kuchh ajeeb si aavaze aati sunai di to vo thithak gayi.phir dabe paanv vo darwaze tak pahunchi & bahut dheere se use khola.darwaza kholte hi samne ka nazara dekh kar uske hosh ud gaye & vo jaise but ban gayi. uski taraf pith kiye khada vikas apni assistant Simi ko chod raha tha.simi desk ko pakad kar khadi thi,uski skirt ko kamar tak uthaye uska pati peechhe se uski chut me apna lund andar-bahar kar raha tha.vikas ki pant uske takhno ke paas mudi padi thi & vo simi ko pakad kar bade tez dhakke laga raha tha.simi bhi aahe bhar rahi thi.tabhi simi thoda seedhi hui & 1 hath peechhe le jakar usne vikas ke gale me daal diya & uske hotho se apne hoth sata diye.vikas ne bhi 1 hath uski kamar se uthaya & uski chhatiyo pe rakh diya. thodi der ke baad kamini jaise neend se jagi & uski aankho me aansoo chhalchhala aaye.vo mudi & vaha se seedha apne ghar aa gayi.vo chahti to dono ko beech me rok sakti thi par aisa karna uski gairat ke khilaf hota.us raat vikas ghar lauta to usne use bata diya ki sham ko usne kya dekha tha. "ohh,to tumhe pata chal hi gaya.main tumhe batana chahta tha par...khair,chalo." "mujhe talak chahiye,vikas." "ok.",vikas kuchh pal use dekhta raha & fir kamre se bahar chala gaya. 1 vakil ke office me hi kamini ka pyar pukhta hua tha & aaj 1 vakil ke office me hi us pyar ke tukde-2 ho gaye the.talak ke waqt vikas ne use unka bungla & office rakhne ko kaha tha par un jagaho se judi yaaden use chain se jeene nahi deti.usne mana kar diya & apne dusre bungle shift ho gayi & apna 1 alag office bhi le liya. driver ne brake lagaya to kamini yaado se bahar aayi,car 1 traffic signal pe khadi thi.usne shheshe se bahar dekha to sadak ke bagal ki parking me 1 jani-pehchani si car rukti dikhi...ye to vikas ki car thi.car ka darwaza khula & vikas simi ke sath bahar aaya.dono samne wale restaurant me ja rahe the.vikas ka haath simi ki kamar se chipka hua tha.tabhi usne sadak pe khade logo ki nazar bacha kar tight pant me kasi simi ki gand pe chikoti kaat li.simi ne banawati gusse se use 1 mukka mara & fir dono 1 dusre ki baanh thame restaurant ke andar chale gaye.kamini ne udit-2 khabar suni thi ki aajkal dono bina shadi kiye 1 sath rah rahe hain,par divorce ke baad aaj pehli baar usne dono ko dekha tha. kamini ka mizaj thoda aur kharab ho gaya.batti hari hui to car aage badh gayi.tabhi uska mobile baja,"hello." "namaskar,madam.main jaiswal bol raha hu." "namaskar,jaiswal sahab.kahiye kya baat hai?" "madam,kal sham 8 baje Majestic hotel me main 1 party de raha hu & aapko vaha zaroor aana hai." "jaiswal sahab,bura mat maaniyega par main..-" "madam,aap nahi aayengi to party cancel kar di jayegi.ye party main apne case jeetne ki nahi balki aapke samman me de raha hu.aapko kal aana hi padega!",jaiswal ne uski baat beech me hi kaat di. "aap mujhe sharminda kar rahe hain.main kisi samman ki haqdar nahi hu." "bilkul hain.aap na hoti to maain to is budhape me begunah hote hue bhi jail ki salakho ke peechhe hota.please madam,main hath jod kar aapse guzarish karta hu..-" "please,jaiswal sahab abke aapne mujhe sachmuch sharminda kar diya.aap mere pita ki umra ke hain,isiliye aisi baate na kare.main kal zaroor aaoongi." "shukriya,madam.bahut-2 shukriya!",uska party me jane ka bilkul bhi man nahi tha par jaiswal sahab ne aisi baat kah di thi kal ab use beman se hi jana hi padega. car uske clive road ke bungle me dakhil ho chuki thi. ------------------------------
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ॥
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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