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बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई {पार्ट --3}
ऐसे तो लीना की पिच्छली रात अपने जीजू के साथ और आज सुबह ही रोमा की प्लमबर के साथ चुदाई हो चुकी थी लेकिन चूत का मज़ा देखो अभी बात करते-करते दोनो की चूत मे फिर से खाज शुरू हो चुकी थी. रोमा ने सुरेश प्लमबर के लवदे का पूरा फिगर अपनी बातों से रोमा को बताया. सुनते ही लीना के मुहन से सिसकारियाँ निकलनी चालू हो गयी. अपने हाथ से वो रोमा के बूब्स को हल्के हल्के सहला रही थी. रोमा के दिल और दीमग पर सुरेश द्वारा की गयी चुदाई छायि हुई थी. उसे अपने बूब्स पर लीना का हाथ फेरना अच्च्छा लग रहा था. लेते लेते रोमा ने अपनी आँखों को बूँद कर लिया और इस आनंद का खूब मज़ा ले रही थी. लीना की चेस्टाय बढ़ने लगी. उसने रोमा की अस्त- व्यस्त हुई नाइटी को निकाल फेंका. अपनी जीभ को उसके मुम्मो के पासलेजा कर उसे चाटने लगी. उसकी जीभ नीचे से उपर उसके संगमरमरी कबूतरो को हल्के हल्के चाट रही थी. भारी बूब्स को चाटने मे लीना को भी खूब मज़ा आ रहा था. "उफ़फ्फ़, छत ... रग़ाद रग़ाद कर छत," ऐसा कह कर रोमा ने अपने हाथ बढ़कर उसकी जाँघो पर फेरना चालू कर दिया. जाँघो पर हाथ फेरते ही लीना को गुदगुदी का एहसाश हुया. उसके बदन मे करंट दौड़ने लगा. अपनी दोनो जाँघो को उसने फेला दिया. जगह मिलते ही रोमा के हाथ लीना की जाँघो के और अंदर घुसने लगे. उसके हाथ किसी खास जगह को तलाश रहे दा. तोड़ा गीलापन उसके हाथ को महसूष हुया. उसे अपनी मंज़िल मिल गयी. अपनी अंगूलियों से लीना की चूत को सहलाने लगी. चूत पर अंगूलियों के च्छुटे ही लीना की जीभ की स्पीड रोमा के बूब्स को चाटने के लिए और बढ़ गयी. लीना के दंटो की हल्की-हल्की चुभन भी रोमा को महसूष हो रही थी. लेकिन यह चुभन पीड़ा देने की बजे ज़्यादा आनंद दे रही थी. रोमा ने अपनी एक अंगूली लीना की रूस से भीगी हुई चूत के अंदर पेल दी. अपनी अंगूली को वो लंड की जगह उपयोग मे ला रही थी. दोनो के मुहन से सिसकारियेयन निकल रही थी. अब दोनो एक दूसरे को अपनी बाहों मे लेकर अपने गरम जिस्म को आपस मे रगड़ना शुरू कर दिया. दोनो के बदन की रगड़ान से पुर कमरे का माहौल नशीला हो गया. दोनो को अब एक-एक लंड की ज़रूरत महसूष हो रही थी लेकिन मजबूरी मे दोनो और क्या कर सकती थी. दोनो एक दूसरे से छिपात कर एक दूसरे के मुममे को, चूत को सहला रही थी. फिर थोड़ी ही देर मे दोनो हाँफने लगी और निढाल हो कर बिस्तर पर लेट गयी.लेकिन ऐसे पड़े पड़े दोनो ही अपनी चूत की आग को और भड़कट्ी हुई देख सिसकारियाँ ले ले कर अपनी ही अंगूलिओं से चूत को छोड़ना चालू कर दिया. फिर आपस मे ही घूम कर एक दूसरे की चूत को चूसने लगी. जीभ लगते ही दोनो की सिसकारियाँ और बढ़ गयी. जहाँ रोमा सिसकारी मरते हुए सीख रही थी, "आह्ह...उफ्फ....देख कैसी चूत...ंए आग लगि..्ऐ....तु मेरी चूत को....उफ्फ्फ..ऽउर चत....येस्स...हत-ती जेया." वही लीना सिसकारी मरते हुए मादक आवाज़ मे चीख रही थी, "है! काया चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को. और अंदर तक अपनी जीभ घुसेदो. है! मेरी चूत के दाने को भी चतो. बहुत मज़ा आ रहा है." दोनो मदहोश हो कर एक दूसरे की प्यास मिटाने मे लगी हुई थी. लेकिन प्यास जो थी वा बुझाने की जगह और बढ़ गयी. इसी समय रवि, उनका जीजू, घर मे हॉस्पिटल से आया और घर मे किसी को ना पाकर चौंक गया. तभी एक बेडरूम से सिसकारीओं की आवाज़े सुनाई दी. अंदर गया तो रूम का सीन देख कर उसकी आँखों मे चमक आ गयी. दोनो सालिया अपनी चूत की खाज मिटाने के लिए एक दूसरे के साथ गुटम-गूत हो कर अपनी-अपनी चूत चटवा रही थी. यह देख कर उसका लंड एक दूं से खड़ा हो गया. दोनो, रोमा और लीना बेख़बर हो कर एक दूसरे की चूत चाटने मे लगी हुई थी. रवि ने अपने कपड़े उतार कर अपने लंड को टोला. मानो लंड को समझा रहा था की आज रात को एक नही बुल्की दो- दो छूटो को पानी पिलाना है. आयेज बढ़कर उसने अपने लंड को लीना की चूत के पास लेजा कर खड़ा हो गया. रोमा तोड़ा चोणकी. मून ही मून सोचा की यह लंड कहाँ से आ गया. चेहरा उपर उठाया तो अपने जीजू को खड़े पाया. उसकी तो मून की मुराद पूरी हो गयी. उसने लपक कर लंड को अपने हाथो मे समेत लिया.मानो कोई दूसरा आ कर नही ले जाए या कोई दूसरा कब्जा नही कर ले. लंड को हाथो से सहलाती हुई अपनी जीभ लीना की चूत से हटा कर अब लंड को चाटने लगी. "क्या हुअ..हतो ना मेरी चूत को." कोई जवाब ना पाकर लीना ने अपनाचेहरा उपर उठा कर देखा की रोमा तो जीजू के लंड को छत रही है. नाराज़ होने की जगह उसके अंदर भी अब चूत की खाज मिटने का औजार मिलने की खुशी ही महसूष हो रही थी. लीना के चेहरा को देख रवि ने अपनी आँख मार कर उसके चूतड़ पर अपना हाथ रख दिया और लगा सहलाने. रोमा ने रवि के लंड को पूरा मुहन मे लेकर चूस चूस कर बहाल कर दिया. रवि अपने लंड को आयेज-पेच्चे कर चुस्वा रहा था मानो की यह रोमा का मुहन नही बुल्की उसकी चूत है. रवि के आनंद की कोई सीमा नही रही. अपने हाथो से लीना का चूतड़ कूस कर पकड़ वो मारे बेकाबू हो कर बड़बड़ा रहा था, ""वाउ, मज़ा आ रहा है. लेती है तुऽइस की मज़ा आ रहा है.. किसीने ऐसे चूसा नही मेरे लंड को पहले. मेरे लंड को जन्नत मिल गयी, आज...ले...उफ्फ..हूस मेरा लंड और चूस और ले ले...ंएरे लंड को पूरा मूह मे ले कर चूस."लेकिन जवाब दिया लीना ने दूसरे छ्होर से. वा रवि के लंड की चूसैई बड़े गौर से देख रही थी. उसने कहा, "मैने भी पहले ऐसा बेकाबू लंड नही देखा. पहली बार ऐसी चूसैई देख रही हून पर मज़ा आ रहा है इस बड़े लंड को चूस्टे देखकर मुझे. कितना मोटा और बड़ा है,.मेरे तो मूह मे पानी आ गया.." तभी रवि ने अपना लंड रोमा के मुहन से निकल कर लीना के मुहन मे पेल दिया और कहा, "ले मेरी लीना रानी, तू क्यों बाकी रहती है.चूस के मुझे पागल कर दे. है, वा जिब से कर, मूह मे ले और अंदर ले. पूरा खा इस बड़े लंड को." लीना को अब लंड चूसने मे बड़ा मज़ा आ रहा था. अपने हाथ से लंड को हीला-हीला कर चूस रही थी. कभी अपनी जीभ बहार निकल कर लंड के सुपरे और लंड की बॉल्स को छत रही थी तो कभी लंड को मुहन मे लेकर गपा-गॅप चूस रही थी. रोमा रवि के सामने आकर खड़ीहो गयी. रवि ने उसके कबूतरो को दबोच लिया. अपने हाथो से उन दोनो फड़फदते कबूतरो को मसालने लगा. मसालने के साथ ही रोमा के मुहन से सिसकारी निकल गयी. रवि ने अपना मुहन बढ़कर उसके मुम्मो को जीभ से चाटने लगा. वासना की आग मे जलते हुए उसके मुममे भारी हो चुके दा. उसके निपल्स कड़क होकर एकद्ूम से तन गये दा. निपल्स पर रवि जब अपना दाँत गादता तो रोमा की सिसकारी और बढ़ जाती. अब लीना ने लंड को मुहन से निकाल कर बेड पर चिट हो कर लेट गयी और रवि के लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी. "जीजू, आओ. घुसाओ अपने लंड को. बड़ी बैचानी हो रही है मेरी चूत मे." "ले मेरी रानी. संभाल अपनी चूत को." इतना बोलकर अपने लंड का एकधक्का रवि ने दिया तो लंड सुर्र्रर से लीना की चूत मे घुस गया. लीना ख़ुसी से पागल हो गयी. रवि ने लगातार अपने धक्के देने चालू रखे. चूत भी धक्के खाकर लगातार पानी छ्चोड़ रही थी. तभी रोमा उठाकर लीना के मुहन पर बैठ गयी. पोज़िशन यह थी की लीना का मुहन रोमा की चूत पर और रोमा के मुममे रवि के मुहन मे और रवि का लंड लीना की चूत मे. बड़ा ही कामुक सीन था यह. तीनो बड़े मज़े से चूसैई और चुदाई मे लगे हुए दा. तभी रोमा ने अपने हाथ बढ़कर रवि का लंड अपने हाथ मे जाकड़ लिया. रवि जब भी धक्का मार रहा था तो लीना की चूत का दाना भी रोमा के हाथ से रग़ाद का रहा था. इसके कारण लीना का चुदाई का मज़ा डबल हो गया.लीना रवि को उसका रही थी, "छोड़ो मेरे राजा, खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाओ. मेरी चूत की खाज मितओ...उफ्फ्फ...ंएरे चोदु रज....होदो मुझे....जोर से चोदो....तुम्हरे लंड से मुझे रात भर चोदो....ऽअह्ह्ह....खूब चुदाई करो मेरि.....ओह्ह्ह्ह...ंएरे लुन्द...ंएरि चूत के दीवने....ंएरे रूस को पीने वले....ंएरे जिजु....होदो मुझे.....धक्के..... अह्ह्ह्ह...उछल-उच्छल कर...ंअरो धक्के मुझे...होदो....खज मिटाओ मेरी चूत की... मरो धक्के मरो..."रवि भी उसी हिसाब से जवाब दे रहा था, "ले मेरी रनि....ख मेरे....लुन्द को...ले..ऽउर ले... मेरे...लुन्द्द्द को....तुम्हरि चूत आज कितनी ज़्यादा जुवैसी हो गयी है....ले मेरी... चुड़दकड़ सालि....ले और ले....ख मेरे लंड के धक्के...्आऐ...हुद अपनी चूत को... ले खा... और खा... मेरे लंड के धक्के." रोमा उस चुदाई को बड़ी बेसब्री से देख रही थी. उसकी चूत बुरी तरह से पानी छ्चोड़ रही थी. वो भी लीना से चुस्वते चुस्वते बोलने लगी, "चूस मेरी चूत को....सालि.. छुड़वा छुड़वा कर अपनी चूत कि...खज तो मितलि....लेकिन मेरी... चूत...को चूसेगी कौन..हूस मेरी चूत को... लो जीजू... साली का और ज़ोर से धक्के मरो...फाद दो इसकी चूत....को...पेलो.. पेलो..ऽउर ज़ोर से पेलो.ऽप्ने लंड को....उफ्फ्फ्फ..ंएरे बूब्स... देखो.... दाँत ना गदओ....प्लीzzz... हन ऐसे...जीभ से चतो मेरे बूब्स को.... मेरे ... निपल्स को...हतो..." तभी लीना की सिसकारी बहुत ज़्यादा बढ़ गयी, "उफ़फ्फ़.... हाई हाई.... छोड़ो मुझे... उफ़फ्फ़... मेरी चूत... आह... मेरा पानी.... ओह दैया.... निकला मेरा पानी... मार धक्के मेरे राजा... और ज़ोर से.... आअहह... निकला मेरा पानी... हन... हन... निकला मेरा पनि..होद सेयेल ... चोद सेयेल.... चोद मुझे.... चोदते जाओ... चोदो... चोदो मुझे... यह लो मैं झाड़ गयी.... एस.... एस... झाड़ गयी मे.." रवि ने आकहरी धक्का लगाया और अपने मूसल लंड को लीना की चूत से निकाल कर रोमा को घोड़ी बनाकर उस पर सॉवॅर हो गया. एक झटके मे ही उसकी चूत मे अपना लंड पेल दिया. लीना को छोतदे चोद्ते उसका लंड तका नही था बुल्की उसकी चोदने की भूख बढ़ गयी थी. लीना साइड मे लेट कर अपनी उखड़ती सांसो को बराबर करने मे और रोमा और रवि की चुदाई देखने मे लग गयी. "अया ...हान्ं ...और ज़ोर्से चोदो.... इसी तरह से ...छोड़ते ... रहो ... हाइईइ दैयया ....... बहुत ग़ज़ब के छोड़ते हो ...जीजू .... चोदो और ज़ोर्से .... हाई रे दैया!" रोमा के मुहन से सिसकारी निकालने के साथ बेडरूम मे केवल चुदाई चुदाई हो रही थी. रवि भी अपने लंड से रोमा की चूत की चुदाई फुल स्पीड से चालू रखी. रोमा का मज़ा बढ़ता ही जेया रहा था, "इसको देखो ... कितना ज़ालिम लौदाहै तुम्हारा जीजू! हाइईइ ... कैसा अकड़ कर खड़ा है.... बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे तुमसे छुड़वाने में डियर... ....ऊओह डियर तुम बहुत अच्च्छा चोद्ते हो....ऽआह्ह.....उउउह्ह..... ऊफ़फ्फ़.... डियर यूँही... हन डियर यूँही चोदो मुझे...बुस चोद्ते जाओ मुझे..ऽअब कुच्छ और नहीं चाहिए मुझे...ऽअज जी भर के चोदो मुझे...देअर ...हन डियर जूम कर छोडई करो मेरि...तुम बहुत अच्च्चे हो...बस यूँही छोडई करो मेरी... ऊऊहह ..... खूब चोदो मुझे..." रवि भी उसका जवाब देते हुए बोला, "ले साली, खा मेरे लंड को... देख कैसे साली... छुड़वा रही है... ले संभाल अपनी चूत को... उफ़फ्फ़..संभाल... कितनी नरम और कोमल है तुम दोनो की चूतेन...सल्लि..हुद...और..हुद..ऽइस लंड और चूत का संगम तुझे और कहीं नही मिलेगा... ले चुद्व...सालि...तुम दोनो को आज रात भर चोदुन्ग...ले खा मेरे लंड को....खूब चुद्वओ....उफ्फ्फ" "छोड़ डालो मुझे! मेरे लुन्द...ंउझे लूट लो.....ये बदन तुम्हारा है. आ! चढ़ जाओ मुझ पर मेरे जिस्म के मलिक, मेरी चूत च्चिन्न भिन्न कर दो. मेरी चूत चिर डालो. मेरे चूत के शारटज़... अपने मूसल,मोटे, लंबे और.... घधे जैसे लंड से! मेरी चूत.... के अंदर तकपेलो!.... मई और मेरी चूत केवल और केवल तुम्हारी है. आओ, मेरे राजा..... प्लीज़ मेरी चूत को ज़ोर ज़ोर से.... रग़ाद रगदकर.... पूरी तरह से पेलो अपने लंड से!" साथ ही उसका भी पानी निकलना शुरू हो गया. लेकिन रवि का लंड अभी भी झाड़ा नही था. रात भर दोनो को थोड़ी थोड़ी देर से छोड़ता रहा. जब भी उसका लंड झड़ने के करीब होता तो चुदाई रोक देता. उसे आज रात भर दोनो को छोड़ना जोत हा. सुबह जैसे ही हुई रवि ने दोनो सालियो को पलंग केनीचे बैठकर अपने लंड को हाथ से उनके उपर आयेज पीच्चे करने लगा."ऑश.... उउउहह.... अब मेरा लंड झदेगा.... लो संभलो मेरी धार को... मेरा अमृत निकल रहा है," कहता हुआ अपने लंड को दोनो के मुहन पर बारी बारी से ले गया और अपनी वीर्या की धार छ्चोड़ दी. रात भर का रुका हुवा माल ज़ोर की पिचकारी बन कर च्छुटा. दोनो सालिया हैरानी के साथ इतना ज़्यादा मखहान एक साथ निकलते हुए देख रही थी. रवि ने झड़ने के बाद अपना लंड बारी-बारी से दोनो मुहन मे तेल दिया. उसको पिचकारी मरने के बाद इस छूसा मे बड़ा ही मज़ा आया. थोड़ी देर बिस्तर पर लेटने के बाद दोनो सालिया लीना और रोमा एक पार्टी की फरमाइश कर बैठी. शाम की पार्टी फिक्स हुई. जगह के बारे मे बोला की मेरे दोस्त भी उस पार्टी मे आएँगे तो जगह दोपहर मे फाइनल करके बता दूँगा. फिर नहा कर ऑफीस मे निकल गया. लीना और रोमा रात भर की चुदाई के बाद तक चुकी थी. दोनो बिस्तर परएक दूसरे के गले लिपट कर सो गयी.
एंड ऑफ दा पार्ट 3
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