मैं हूँ हसीना गजब की--पार्ट--9
गतान्क से आगे........................
उनके हाथ मेरे दोनो बूब्स को बुरी तरह मसल रहे थे. आईने मे
हमारा ये पोज़ बड़ा ही सेक्सी लग रहा था. उन्होने मेरे दोनो निपल्स
अपनी उंगलियों से पकड़ कर आईने की तरेफ खींचा. मेरे दोनो निपल्स
खींचाव के कारण लंबे लंबे हो गये थे. उनके मसल्ने के कारण
दोनो
बूब्स की रंगत सफेद से गुलाबी हो गयी थी. उनकी गर्म साँसे मैं
अपनी गर्देन पर इधर से उधर फिरते हुए महसूस कर रही थी. उनके
होंठ मेरी गर्देन के पीछे जहाँ से मेरे बॉल शुरू हो रहे हैं
वहाँ जा कर चिपक गये. फिर उन्हों ने मेरी गर्देन पर हल्के से
दाँत गड़ाए. उनके होंठ मेरी गर्देन पर घूमते हुए मेरे बाएँ कान तक
आए. वो मेरे लेफ्ट कान के उपर अपने होंठ
फिराने लगे. कान औरत का एक जबरदस्त एग्ज़ाइट्मेंट पॉइंट होता है.
मई उनकी हरकतों से उत्तेजित हो गयी. मैने अपने हाथों से अपनी
योनिको सख्ती से दाब रखा था. मेरे मुँह से उत्तेजना मे टूटे हुए शब्द
निकल रहे थे. मैने अपने होंठ को दन्तो मे दबा रखा था फिर भी
पता नही किस कोने से मेरे मुँह
से "आआआअहह… .म्म्म्ममममम… ..ऊऊऊओ" की आवाज़ें निकल रही थी.
फिर उसने कान पर अपनी जीभ फिराते हुए कान के निचले हिस्से को अपने
मुँह मे भर लिया और. हल्के हल्के से उसे दाँत से काटने लगे. मैने
उनके सिर को अपने हाथों से थाम रखा था. हुमारे बदन एक दूसरे से
सटे हुए संगीत की धुन पर इस तरह से थिरक रहे थे मानो दो
नही एक ही जिस्म हो. उन्हों ने मुझे अपनी ओर घुमाया और मेरे बूब्स
परअपने होंठ रख कर मेरे निपल्स को चूसने लगे. इसी तरह की
हरकतों की ख्वाहिश तो जब से मैने उन्हे पहली बार देखा तब से
मेरे मन मे थी. मुझे उनके साथ पॅरिस आने का निमंत्रण स्वीकार
करतेसमय ही पता था कि इस तौर मे हम दोनो के बीच किस तरह का
रिश्ताजन्म लेने वाला है. मैं उसके लिए शुरू से ही उतावली थी.मैने भी
उनको अपनी ओर से पूरा आनंद प्रदान करना चाहती थी. मैं भी उनकी
चूचियो पर झुक कर उनके छ्होटे छ्होटे निपल्स को अपने दाँतों से
कुरेदने लगी. मैने अपनी जीभ से उनके निपल्स को सहलाना शुरू
किया.
उत्तेजना से उनके निपल्स भी खड़े हो गये. मैं उनके
बालों से भरे सीने को सहला रही थी. मैने अपने दन्तो को उनके
सीने मे गाड़ा कर जगह जगह अपने दाँतों के निशान छ्चोड़ दिए.
मैने कुच्छ देर तक उनके निपल्स से खेलने के बाद अपने होंठ नीचे
की ओर ले जाते हुए उनकी नाभि मे अपनी जीभ घुसा दी. उसनकी नाभि को
अपनी जीभ से चाटने लगी. वो मेरे खुले बालों मे अपनी उंगलियाँ फिरा
रहे थे. फिर मैं घुटनो के बल उनके सामने बैठ गयी और उनके लिंग
को अपने हाथों मे लेकर निहारने लगी. मैने मुस्कुरा कर उनकी ओर
देखा. फिर मैने उसके लिंग के उपर से चाँदी को नीचे की ओर
खींचा.
उनके लिंग का गोल
मटोल टोपा बाहर निकल आया. मैने उसके टिप पर अपने होंठ लगा दिए.
एक छ्होटा सा किस लेकर अपने चेहरे के सामने उनके लिंग को सहलाने
लगी. उनके लिंग को अपने मुँह मे लेने की इच्च्छा तो हो रही थी लेकिन
मैं उनके द्वारा रिक्वेस्ट करने का इंतेज़ार कर रही थी. मैं उनके
सामनेये नही शो करना चाहती थी कि मैं पहले से ही कितना खेली खाई
हुई हूँ. "इसे मुँह मे लेकर प्यार करो. " "एम्म्म नही ये गंदा
है. "
मैने लिंग को अपने से दूर करने का अभिनय किया, "छि इससे तो
पेशाब भी किया जाता है. इसे मुँह मे कैसे लूँ? " " तूने अभी तक
पंकज के लिंग को मुँह मे नही लिया क्या? " " नही वो ऐसी गंदी
हरकतें नही करते हैं. " "ये गंदा नही होता है एक बार तो लेकर
देख. ठीक उसी तरह जैसे चोकोबार आइस्क्रीम को मुँह मे लेकर
चाटतीहो." मैने झिझकते हुए अपनी जीभ निकाल कर उनके लिंग के टोपे पर
फिराने लगी. मेरे
बाल खुले होने के कारण उनको देखने मे परेशानी हो रही थी.
इसलिए उन्हों ने मेरे बालों को पकड़ कर जुड़े के रूप मे बाँध दिया.
फिर मेरे चेहरे को पकड़ कर अपने लिंग को मेरी ओर ठेलने लगे. मैने
उनकी हरकत के समर्थन मे अपना मुँह खोल दिया. उनका लिंग आधा
अंदरजा कर मेरे गले के द्वार मे फँस गया.
"बुसस्स और नही जाएगा." मैने कहना चाहा मगर मुँह से
बस, "उम्म्म्मम
उम्म्म्म" जैसी आवाज़ निकली. इसलिए मैने उनके लिंग को अपने मुँह मे
लिएलिए ही उन्हे इशारा किया. वो अपने लिंग को अब आगे पीछे करने लगे.
मैं उनके लिंग को अपने मुँह से चोद रही थी. साथ साथ उनके लिंग
पर अपनी जीभ भी फिरा रही थी. "पूरा ले. मज़ा नही आ रहा है.
पूरा अंदर जाए बिना मज़ा नही आएगा." उन्हों ने अपने लिंग को बाहर
खींचा. "इतना बड़ा लंड पूरा कैसे जाएगा. मेरा मुँह मेरी योनि
जैसा तो है नही की कितना भी लंबा और मोटा हो सब अंदर ले लेगा."
मैने कहा. उन्हों ने मुझे उठाया और बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया.
मैं पीठ के बल लेट गयी. अब उन्हों ने मेरे बदन को कंधों से
पकड़ कर बिस्तर से बाहर की तरफ खींचा. अब मेरा सिर बिस्तर से
नीचे लटकने लगा था. "हाँ ये ठीक है अब अपने सिर को बिस्तर से
नीचे लटकाते हुए अपने मुँह को खोल." मैने वैसा ही किया. इस
पोज़िशन मे मेरा मुँह और गले का च्छेद एक सीध मे हो गये थे.
ससुरजी अब मेरे मुँह मे अपने लिंग को डालते हुए मुझसे बोले, "एक ज़ोर
की साँस खींच अंदर." मैने वैसा ही किया. वो अपने लिंग को अंदर
थेल्ते चले गये. उनका मोटा लंड सरसरता हुया गले के अंदर
घुसताचला गया. पहले तो उबकाई जैसी आई. लेकिन उनका लिंग फँसा होने के
कारण कुच्छ नही हुआ. उनका लिंग अब पूरा अंदर घुस चुका था. उनके
लंड के नीचे लटकते दोनो गेंद अब मेरे नाक को दाब रहे थे. एक
सेकेंड इस अवस्था मे रख कर उन्हों ने वापस अपने लंड को बाहर
खींचा उनका लिंग जैसे ही गले को खाली किया मैने आवने फेनफ्डो मे
जमी हवाखाली की और वापस साँस लेकर उनके अगले धक्के का इंतेज़ार
करने लगी. उन्हों ने झुक कर मेरे दोनो स्तनो को अपनी मुट्ठी मे भर
लिया और उन्हे मसल्ते हुए वापस अपने लिंग को जड़ तक मेरे मुँह मे
थेल दिया. फिर एक के बाद एक धक्के मारने लगे. मैं अपनी सांसो को
उनके धाक्को के साथ अड्जस्ट कर ली थी. हर धक्के के साथ मेरे
स्तनो को वो बुरी तरह मसल्ते जा रहे थे. साथ साथ मेरे निपल्स
को भी उमेथ देते. जैसे ही वो मेरे निपल्स को पकड़ कर खींचते
मेरा पूरा बदन धनुष की तरह उपर की ओर उठ जाता. काफ़ी देर तक
यूँ ही मुख मे लेने के बाद उन्हों ने अपना लिंग बाहर निकाल लिया. और
ज़यादा देर चूसने से हो सकता है मुँह मे ही निकल जाता. उनका लिंग
मेरी थूक से गीला हो गया था और चमक रहा था.
उनके उठते ही मैं भी उठ बैठी. उन्हों ने मुझे बिस्तर से उतार कर
वापस अपनी आगोश मे ले लिया. मैने उनके सिर को अपने हाथों से थाम
कर उनकी होंठों पर अपने होंठ सख्ती से दाब दिए. मेरी जीभ उनके
मुँह मे घुस कर उनकी जीभ से खेलने लगी. मैने अपने पंजे उनके
पैरों के उपर रख कर अपनी एडी को उपर किया जिससे मेरा कद उनके
कदके कुच्छ हद तक बराबर हो जाए. फिर मैने अपने दोनो स्तनो को
हाथोंसे उठा कर उनके सीने पर इस तरह रखा कि उनके निपल्स को मेरे
निपल्स छूने लगे. उनके निपल्स भी मेरी हरकत से एक दम कड़े हो
गये थे. मेरे निपल्स तो पहले से ही उत्तेजना मे तन चुके थे.
मैनेअपने निपल्स से उनके निपल्स को शहलाना शुरू किया. उन्हों ने मेरे
नितंबों को सख्ती से पकड़ कर अपने लिंग पर खींचा. "म्म्म्मम
सीमीईीईईईईई म्म्म्मम. तुम बहुत सेक्सी हो. अब अफ़सोस हो रहा है कि तुम्हे
इतने दीनो तक मैने च्छुआ क्यों नही. ओफफफफफफफफफफो तुम तो मुझ पागल
कर डालगी. आआआअहह हाआअँ आइसे हीईीईईईईई " वो अपने लिंग को
मेरी योनि के उपर रगड़ रहे थे. कुच्छ देर तक हम एक दूसरे के
बदन को रगड़ने के बाद उन्हों ने मुझे बिस्तर के पास ले जाकर मेरे
एक पैर को उठा कर बिस्तर के ऊपर रख दिया. अब घुटनो के बल
बैठने की उनकी बारी थी. वो मेरी टाँगों के पास बैठ कर मेरे
रेशमी झांतों पर अपनी जीभ फिराने लगे. मुझे अपनी योनि पर हल्के
रेशमी बॉल रखना बहुत अच्च्छा लगता है इसलिए अक्सर मेरी योनि
छ्होटे छ्होटे रेशमी बालों से घिरी रहती थी. शायद उन्हे भी वहाँ
बाल देखना पसंद था इसलिए राज जी अपने दाँतों से मेरी सिल्की
झांतों को पकड़ कर उन्हे हल्के हल्के से खींच रहे थे. फिर उनकी
जीभ मेरे टाँगों के जोड़ पर घूमने लगी. उनकी जीभ मेरे घुटने
परसे धीरे धीरे आगे बढ़ती हुई मेरे टाँगों के जोड़ तक पहुँची.
उन्हों ने अपनी जीभ से मेरी चूत को उपर से चाटना शुरू किया. वो
अपने हाथों से मेरी चूत की फांकों को अलग करके मेरी चूत के
भीतरअपनी जीभ डालना चाहते थे. " नही. ऐसे नही. " कहकर मैने उनके
हाथों को अपने बदन से हटा दिया और मैं खुद एक हाथ की उंगलियों
सेअपनी चूत को खोल कर दूसरे हाथ से उनके सिर को थाम कर अपनी योनि
से सटा दिया. "लो अब चॅटो इसे. " उनकी जीभ किसी छ्होटे लिंग की
तरह मेरे योनि के अंदर बाहर होने लगी. मैं बहुत उत्तेजित हो गयी
थी. मैं उनके बालों को अपनी मुट्ठी मे पकड़ कर उन्हे खींच रही
थी
मानो उन्हे उखाड़ ही देना चाहती हौं. दूसरे हाथों की उंगलियों से
मैने अपनी योनि को फैला रखा था और साथ साथ एक उंगली से अपनी
क्लीत्टोरिस को सहला रही थी. मैने सामने आईने मे देखा तो हम दोनो
कीअवस्था को देख कर और अपने उपर कंट्रोल नही कर पायी और मेरे
बदन से लावा बह निकाला. मैने सख्ती से दूसरे हाथो की मुट्ठी मे
उनके बालों को पकड़े हुए उनके सिर को अपनी योनि मे दाब रखा था.
उनकी जीभ मेरी योनि से बहते हुए अमृत धारा को अपने अंदर समा
लेने मे व्यस्त हो गयी. काफ़ी देर तक इसी तरह चूसने के बाद जब
मेरी बर्दस्त से बाहर हो गया तो मैने उनके सिर को अपनी चूत से
खींच कर अलग किया. उनके सिर के कई बाल टूट कर मेरी मुट्ठी मे
आगये थे. उनके होंठ और ठुड्डी मेरे वीर्य से चमक रहे थे. "ऊवू
राअज" अब मैं अपने संबोधन मे चेंज लाते हुए उन्हे उपर अपनी ओर
खींची.वो खड़े हो कर मुझ से लिपट गये. और मेरे होंठों पर
अपने होंठ रख कर मेरे होंठों को अपने मुँह मे खींच लिया और
उन्हे बुरी तरह चूसने लगे. मैं नही जानती थी कि उधर भी इतनी
ज़्यादा आग लगी हुई है. उन्हों ने अपनी जीभ मेरे मुँह मे डाल दी.
मुँह मे अजीब सा टेस्ट समा गया. मैने जिंदगी मे पहली बार अपने
वीर्य का स्वाद चखा. मैने उनके चेहरे पर लगे अपने वीर्य को
चाटकर सॉफ किया.
उन्हों ने थिरकते हुए बिस्तर के साइड मे अपने साथ लाए फ्रेंच वाइन
की बॉटल उठा ली. उसके कॉर्क को खोल कर उन्हों ने उसमे से एक घूँट
लगाया. फिर मुझे अपने से अलग कर अपने सामने खड़ा कर दिया. फिर उस
बॉटल से मेरे एक ब्रेस्ट पर धीरे धीरे वाइन डालने लगे. उन्होने
अपने होंठ मेरी निपल के उपर रख दिए. रेड वाइन मेरे बूब्स से
फिसलती हुई मेरे निपल के उपर से होती हुई उनके मुँह मे जा रही
थी. बहुत ही एग्ज़ोटिक सीन था वो. फिर उन्हों ने बॉटल को उपर कर
मेरे सिर पर वाइन उधलने लगे. साथ साथ मेरे चेहरे से मेरे कानो
से मेरे बालों से टपकते हुए वाइन को पीते जा रहे थे. मैं वाइन मे
नहा रही थी और उनकी जीभ मेरे पूरे बदन पर दौड़ रही थी. मैं
उनकी हरकतों से पागल हुई जा रही थी. इस तरह से मुझे आज तक
किसीने प्यार नही किया था. इतना तो साफ़ दिख रहा था कि मेरे ससुरजी
सेक्स के मामले मे तो सबसे अनोखे खिलाड़ी थे. जब बॉटल आधी से
ज़्यादाखाली हो गयी तो उन्हों ने बॉटल को साइड टेबल पर रख कर मेरे
पूरे बदन को चाटने लगे. मेरा पूरा बदन वाइन और उनकी लार से
चिप चिपा हो गया था. उन्हों ने एक झटके मे मुझे अपनी बाहों मे
उठा लिया और अपनी बाहों मे उठाए हुए बाथरूम मे ले गये. इस उम्र
मे भी इतनी ताक़त थी की मुझको उठाकर बाथरूम लेजाते वक़्त एक बार
भी उनकी साँस नही फूली. बाथरूम मे बात टब मे दोनो घुस गये
और
एक दूसरे को मसल मसल कर नहलाने लगे. साथ साथ एक दूसरे को
छेड़ते जा रहे थे. सेक्स के इतने रूप मैने सिर्फ़ कल्पना मे ही सोचा
था. आज ससुर जी ने मेरे पूरे वजूद पर अपना अधिकार जमा दिया.
वहीं पर बाथ टब मे बैठे बैठे उन्हों ने मुझे टब का सहारा
लेकर घुटने के बल झुकाया और पीछे की तरफ से मेरी योनि और
मेरे गुदा पर अपनी जीभ फिराने
लगे. "ऊऊऊओह…….ऱाआअज…….जाआअँ……..यी क्य्ाआ कर रहीई
हूऊ. चिईीईईईईईईई नहियीईईईईईईई वहाआन जीईईभ सीई
माआतचटूऊऊ. नाआहियीई……..हाआअँ आआऔउर अंडाअर और अंडाअर."
मैंउत्तेजना मे ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. ससुर जी मेरे गुदा द्वार को अपनी
उंगलियों से फैला कर उसके अंदर भी एक बार जीभ डाल दिए. मेरी
योनि मे आग लगी हुई थी. मैं उत्तेजना मे अपने ही हाथों से अपने
स्तनो को बुरी तरह मसल रही थी.
"बस बस और नही….अब मेरी प्यास बुझा दो. मेरी चूत जल रही है
इसेअपने लंड से ठंडा कर दो. अब मुझे अपने लंड से चोद दो.अब और
बर्दस्त नही कर सकती. ये आअप्ने क्या कर डाला मेरे पूरे बदन मे
आग जल रही है. प्लीईईसससे अओर नहियीई". मैं तड़प रही थी.
उन्हों ने वापस टब से बाहर निकाल कर मुझे अपनी बाहों मे उठाया और
गीले बदन मे ही कमरे मे वापस आए.
उन्हों ने मुझे उसी अवस्था मे बिस्तर पेर लिटा दिया. वो मुझे लिटा
करउठने को हुए तो मैने झट से उनके गर्देन मे अपनी बाहें डाल दी.
जिससे वो मुझसे दूर नही जा सकें. अब इंच भर की दूरी भी
बर्दास्तसे बाहर हो रही थी. उन्हों ने मुस्कुराते हुए मेरी बाँहों को अपनी
गर्देन से अलग किया और अपने लिंग पर बॉटल मे बची हुई वाइन से
कुच्छ बूँद रेड वाइन डाल कर मुझसे कहा
" अब इसे चूसो." मैने वैसा ही किया. मुझे वाइन से भीगा उनका
लिंगबहुत ही टेस्टी लगा. मैं वापस उनके लिंग को मुँह मे लेकर चूसने
लगी. उन्हों ने अब उस बॉटल से बची हुई वाइन धीरे धीरे अपने
लिंगपर उधेलनी शुरू की. मैं उनके लिंग, उनके अंडकोषों पर गिरते वाइन
कोपीरही थी. कुच्छ देर बाद उन्हों ने मुझे लिटा दिया और मेरी टाँगे
अपनेकंधों पर रख दिया. फिर उन्हों ने मेरे कमर के नीचे एक तकिया
लगा कर मेरी योनि के उपर से मेरी झांतों को हटा कर योनि की
फांकोंको अलग किया. मैं उनके लिंग के प्रवेश का इंतेज़ार करने लगी. उनके
लिंग को मैं अपनी योनि के उपर सटे हुए महसूस कर रही थी. मैने
आँखें बंद कर अपने आप को इस दुनिया से काट लिया था. मैं दुनिया
केसारे रिश्तों को सारी मर्यादाओं को भूल कर बस अपने ससुर जी का,
अपने बॉस का, अपने हुह राज शर्मा, अपने राजू के लंड को अपनी चूत मे घुसते
हुए महसूस करना चाहती थी. अब वो सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे प्रेमी थे.
उनसे बस एक ही रिश्ता था जो रिश्ता किसी मर्द और औरत के बीच
जिस्मों के मिलन से बनता है. मैं उनके लिंग से अपनी योनि की दीवारों
को रगड़ना चाहती थी. सब कुच्छ एक स्वर्गिक अनुभूति दे रहा था.
उन्हों ने मेरी चूत की फांकों को अलग कर के अपने लिंग को मेरे
प्रवेशद्वार पर रखा. "अब बता मेरी जान कितनी प्यास है तेरे अंदर मे?
मेरे लंड को कितना चाहती है?" राज जी ने मुझे अपने लिंग को
योनि के द्वार से रगड़ते हुए पूचछा. "अयाया क्या करते हो....म्म्म्मम
अनदर घुसा दो इसे." मैने अपने सूखे होंठों पर जीभ फेरी. "मैं
तो तुम्हारा ससुर हूँ.....क्या ये उचित है?" "ऊऊओह राअज राआज
मेरे जाआअन मेराआ इम्तेहाअन मत लूऊ. म्म्म्मम दाल्दू इसे अपने
ल्डकेकी बीवी की चूत फाड़ दो अपने लंड से.....कब से प्यासी हूओ....ऊ
कितने दिनूओ से ईए आअग जल रहीइ थाइयीयियी. मैं तो शुरू से
तुम्हरीइ बनना चह्तीइ थी. ऊऊऊओह तुम कितने पत्थर दिल
हूऊऊओ...किठनाआ तर्सयाआअ मुझीए आअज भिओ तरसा रहे हो."
मैने उनके लिंग को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी योनि की ओर ठेला
मगर उन्हों ने मेरी कोशिश को नाकाम कर दिया. मेरी योनि का मुँह
लिंगके आभास से लाल हो कर खुल गया था जिससे उनके लिंग को किसी तरह
की परेशानी ना हो. मेरी योनि से काम रस झाग के रूप मे निकल कर
मेरे दोनो नितंबों के बीच से बहता हुआ बिस्तर की ओर जा रहा था.
मेरी योनि का मुँह पानी से उफान रहा था और उस पत्थर को मुझे
छेड़ने से फ़ुर्सत नही थी. "अंदर कर दूँ...?" "हाआँ ऊवू
हाआन" "मेरे लंड पर किसी तरह का कोई कॉंडम नही है. मेरा
वीर्यअपनी कोख मे लेने की इच्च्छा है क्या?" "हाआन ऊहह माआ हाआँ
मेरियोनि को भाअर दो अपने वीर्य सीई. डाअल दो अपनाअ बीज़ मेरि
कोख मईए." मैं तड़प रही थी. पूरा बदन पसीने से तरबतर हो
रहा था. मेरी आँखें उत्तेजना से उलट गयी थी और मेरे होंठ खुल
गये थे. सूखे होंठों पर अपनी जीभ चला कर गीला कर रही
थी. "फिर तुम्हारे कोख मे मेरा बच्चा आ जाएगा." "हाआँ हाआँ मुझे
बनाडो प्रेगञेन्ट. अब बस करूऊऊ. मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ और
मत सतऊओ. मत तड़पाव मुझे." मैने अपने दोनो पैर बिस्तर पर
जितनाहो सकता था फैला लिए,"देख तुम्हारे बेटे की दुल्हन तुम्हारे सामने
अपनी चूत खोल कर लेती तुमसे गिड़गिदा रही है कि उसके योनि को फाड़
डालो. रगड़ दो उसके नाज़ुक बदन को. मसल डालो मेरे इन स्तनो को जिन
पर मुझे नाज़ है. ये साब आपके स्पर्श आपके प्यार के लिए तड़प
रहेहैं." मैं बहकने लगी थी. अब वो मेरी मिन्नतो पर पसीज गये और
अपनी उंगलियों से मेरी क्लाइटॉरिस को मसल्ते हुए अपने लिंग को अंदर
करने लगे. मैं अपने हाथों से उनकी छाती को मसल रही थी.
उनकेलिंग को अपने चूत की दीवारों को रगड़ते हुए अंदर प्रवेश करते
महसूस कर रही थी. "हाआअँ मेरीई राआअज इस आनानद काअ मुझे
जन्मूऊ से इंतएजाआर थाअ. तुउँ इतनईए नासमझ कयूओं हूओ.
मेरीए दिल को समझनईए मे इतनीी देर क्यूँ कर दीईइ."उन्हों ने
वापस मेरी टाँगों को अपने कंधों पर रख दिया. उनके दोनो हाथ अब
मेरे दोनो बूब्स पर थे. दोनो हाथ मेरी चूचियो को ज़ोर ज़ोर से
मसल
रहे थे. मेरे निपल्स को उंगलियों से मसल रहे थे. मेरी छूट बुरी
तरह से गीली हो रही थी इसलिए उनके लिंग को प्रवेश करने मे
ज़्यादा
परेशानी नही हुई. उनका लिंग पूरी तरह मेरी योनि मे समा गया
था.फिर उन्हों ने धीरे धीरे अपने लिंग को पूरी तरह से बाहर खींच
कर वापस एक धक्के मे अंदर कर दिया. अब उन्हों ने मेरी टाँगें अपने
कंधे से उतार दी और मेरे ऊपर लेट गये. मुझे अपनी बाँहों मे भर
कर मेरे होंठों को चूमने लगे. सिर्फ़ उनकी कमर उपर नीचे हो
रहीथी. मेरे पैर दोनो ओर फैले ही थे. कुच्छ ही देर मे मैं उत्तेजित
होकर उनके हर धक्के का अपनी कमर को उनकी तरफ उठा कर और
उच्छलकर स्वागत करने लगी. मैं भी नीचे की ओर से पूरे जोश मे धक्के
लगा रही थी. एर कंडीशनर की ठंडक मे भी हम दोनो पसीने
पसीने हो रहे थे. कमरे मे सिर्फ़ एर कंडीशनर की हमिंग के
अलावा हुमारी "उउउहह" "ऊऊहह" की आवाज़ गूँज रही थी. साथ मे हर
धक्के पर फूच फूच की आवाज़ आती थी. हुमारे होंठ एक दूसरे से सिले
हुए थे. हुमारे जीभ एक दूसरे के मुँह मे घूम रही थी. मैने
अपने पावं उठा कर उनकी कमर को चारों ओर से जाकड़ लिया. काफ़ी देर
तक इसी तरह चोदने के बाद वो उठे और मुझे बिस्तर के किनारे
खींच कर अढ़लेते अवस्था मे लिटा कर मेरी रांगो के बीच खड़े
होकर मुझे चोदने लगे. उनके हर धक्के के साथ पूरा बिस्तर हिलने
लगता था. मेरी योनि से दो बार पानी की बोछर हो चुकी थी. कुच्छ
देर तक और चोदने के बाद उन्हों ने अपने लिंग को पूरे जड़ तक्मेरी
योनि के अंदर डाल कर मेरे दोनो स्तनो को अपनी मुट्ठी मे भर कर
इतनी बुरी तरह मसला कि मेरी तो जान ही निकल गयी. "ले ले मेरा
बीज मेरा वीर्य अपने पेट मे भर ले. ले ले मेरे बच्चे को अपने पेट
मे. अब नौ महीने बाद मुझसे शिकायत नही करना." उन्हों ने मेरे
होंठों के पास बड़बदते हुए मेरी योनि मे अपना वीर्य डाल
दिया. मैं उनके नितंबों मे अपने नाख़ून गाड़ा कर अपनी योनि को जितना
हो सकता उपर उठा दिया और मेरा भी रस उनके लंड को भिगोने निकल
पड़ा. दोनो खल्लास होकर एक दूसरे के बगल मे लेट गये. कुच्छ देर
तक यूँ ही लंबी लंबी साँसे लेते रहे. फिर वो करवट लेकर अपना एक
पैर मेरे बदन के उपर चढ़ा दिया और मेरे स्तनो से खेलते हुए
बोले,
"ऊओफफफ्फ़ स्मृति तुम भी गजब की चीज़ हो. मुझे पूरी तरह थका
दिया मुझे."
"अच्च्छा?"
"इसी तरह अगर अक्सर चलता रहा तो बहुत जल्दी ही मुझे दवाई लेनी
पड़ेगी ताक़त की."
" मज़ाक मत करो अगर दवाई की किसी को ज़रूरत है तो मुझे. जिससे
कहीं प्रेग्नेंट ना हो जाउ."
हम दोनो वापस एक दूसरे से लिपट गये और उस दिन सारी रात एक
दूसरे से खेलते हुए गुजर गयी. उन्हों ने उस दिन मुझे रात मे कई
बार अलग अलग तरीके से चोदा.
सुबह और उठने की इच्च्छा नही हो रही थी. पूरा बदन टूट रहा
था. आज हॅमिल्टन और शशा भी हमारे साथ मिल गये. हॅमिल्टन
मौकाखोज रहा था मुझ संग संभोग का. लेकिन अब मैं राज जी के ही
रंगों मे रंग चुकी थी. मेरा रोम रोम अब इस नये साथ को तरस
रहाथा. उस दिन भी वैसी ही चुहल बाजी चलती रही. मैने स्विम्मिंग
पूलपर अपनी सबसे छ्होटी बिकनी पहनी थी. मेरा आशिक़ तो उसे देखते ही
अपने होश खो बैठा. हॅमिल्टन के होंठ फदक उठे थे. हॅमिल्टन ने
पूल के अंदर ही मेरे बदन को मसला. शाम को हम डॅन्स फ्लोर पर
गये डॅन्स फ्लोर पर कुच्छ देर हॅमिल्टन के साथ रहने के बाद
राज जी ने मुझे अपने पास खींच लिया. शशा भी उनके बदन
सेचिपकी हुई थी. दोनो को अपनी दोनो बाजुओं मे क़ैद करके वो थिरक
रहेथे. हॅमिल्टन टेबल पर बैठा हम तीनो को देखते हुए मुस्कुराता
हुया अपने कॉकटेल को सीप कर रहा था. हम दोनो ने राज जी की
हालत सॅंडविच जैसी कर दी थी. मैं उनके सामने सटी हुई थी तो
शशा उनकी पीठ से चिपकी हुई थी. हम दोनो ने उनके बदन से शर्ट
नोच कर फेंक दी थी. उन्हों ने भी हम दोनो को टॉपलेस कर दिया था.
हम अपने स्तनो को अपने सख़्त निपल्स को उनके बदन पर रगड़ रहे
थे. कुच्छ देर बाद हॅमिल्टन भी स्टेज पर आ गया उसके साथ कोई
औरलड़की थी. इसे देख कर शशा हम से अलग होकर हॅमिल्टन के पास
चली गयी. जैसे ही हम दोनो अकेले हुए.राज जी ने अपने तपते
होंठ मेरे होंठों पर रख कर एक गहरा चुंबबन लिया. "आज तो तुम
स्विम्मिंग पूल पर गजब ढा रही थी." "अच्च्छा? मिस्टर. राज एक
स्टडऐसा कह रहा है. जिसपर यहाँ कई लड़कियों की आँखें गढ़ी हुई
हैं.
जनाब जवानी मे तो आपका घर से निकलना मुश्किल रहता
होगा?" "शैतान मेरी खिंचाई कर रही है." राज जी ने मुझे अपनी
बाहों मे लिए लिए स्टेज के साइड मे चले गये' "चलो यहा बहुत
भीड़ है. स्विम्मिंग पूल पर शेलेट हैं अभी पूल खाली
होगा." "लेकिन पहले बिकनी तो ले लें." "उसकी क्या ज़रूरत" मैने उनकी
तरफ देखा," आज मूनलाइट मे न्यूड स्विम्मिंग करेंगे. बस तुम और
मैं." उनकी प्लॅनिंग सुनते ही उत्तेजना मे मेरा रोम रोम थिरक उठा.
मैने कुच्छ कहा नही बस चुपचाप राज जी के साथ हो ली. हम
लोगों से बचते हुए कमरे से बाहर आ गये. स्विम्मिंग पूल का नज़ारा
बहुत ही दिल्कूश था. हल्की रोशनी मे पानी का रंग नीला लग रहा
था. तब शाम को 9 बज रहे थे इसलिए स्विम्मिंग पूल पर कोई नही
था और शायद इसीलिए रोशनी कम कर दी गयी थी. उपर पूनम का
चाँद ठंडी रोशनी बिखेर रहा था. हम दोनो वहाँ पूल के निकट
पहुँच कर कुच्छ देर टके क दूसरे को निहारते रहे फिर हम दोनो ने
एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किए. मैने आस पर ड्रेस कोड इन्नर
गारमेंट्स नही पहन रखा था. इसलिय जैसे ही वो मेरी स्कर्ट को
खींचने लगे मैने उन्हे रोका. "प्लीज़. इसे नही. किसीने देख
लिया तो?" "यहा कोई नही आएगा. और किसे परवाह है? देखा नही हॉल
मे सब नंगे घूम रहे थे." हम दोनो बिल्कुल निवस्त्र हो गये.
सबसेपहले राज जी ने पूल मे प्रवेश किया फिर मुझे हाथ पकड़ कर
अंदर खींच लिया. मैं खिल खिला कर हंस पड़ी. मैने अपनी अंजूरी
मे पानी भर कर उनके चेहरे पर फेंका. तो वो मुझे पकड़ने के लिए
मेरे पीछे तैरने लगे. हम दोनो काफ़ी देर तक चुहल बाजी करते
रहे. एक दूसरे के बदन से खेलते रहे. हम दोनो कस्के एक दूसरे से
लिपट जाते और एक दूसरे का बदन को चूमने लगते. राज जी ने
मेरे बदन का कोई हिस्सा नही छ्चोड़ा जहाँ उनके होंठों का स्पर्श ना
हुआ हो. मैने स्विम्मिंग पूल के किनारे को पकड़ कर अपने आप को स्थिर
किया. राज जी पीछे से मेरे बदन से लिपट कर मेरे गीले
स्तनोको मसल रहे थे. मैं अपनी गर्दन को पीछे घुमा कर उनके होंठों
को अपने दन्तो से काट रही थी. उनका लिंग मेरे दोनो नितंबों के
बीचसटा हुआ था. मैने अपने एक हाथ से उनके लिंग को थाम कर देखा लिंग
पूरी तरह तना हुआ था. " आज जाओ जान पानी भी मेरे बदन की आग
को बुझा नही पा रहा है. जब तक तुम मेरे बदन को शांत नही
करोगे मैं ऐसे ही फूंकति रहूंगी " मैने उनके बालों को अपनी मुट्ठी
मे भर कर अपनी तरफ मोड़ा और उन्हों ने मुझे अपनी बाहों मे भर
लिया. उस जगह पर पानी कम था. वो पानी पर खड़े होकर मुझे उठा
कर स्विम्मिंग पूल के उपर बिठा दिया. मेरी टाँगें पूल के किनारों
परझूल रही थी. वो अपने दोनो हाथों से मेरी टाँगों को फैला कर मेरी
टाँगों के बीच आ गये. मैने अपनी टाँगें उठा कर उनके कंधों पर
रख दी.इससे मेरी योनि उपर होकर उनके चेहरे के सामने हो गयी.
उन्होंने मेरी योनि पर अपने होंठ टीका दिए और अपनी जीभ को योनि के
ऊपरफिराने लगे. "अयाया म्म्म्मा...उउउउउउउउम्म्म एमेम" मैने उनके सिर को अपने
एकहाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ को ज़मीन पर रखते हुए. उनके सिर को
अपनी योनि पर दबा दिया. वो अपनी जीभ को मेरी योनि के अंदर डाल
करउसे आगे पीछे करने लगे. मैने उत्तेजना मे अपने दोनो हाथों से
राज जी को पकड़ लिया और अपनी कमर को उसके मुँह की तरफ उठाने
लगी. उन्हो ने मेरे दोनो नितंबों पर अपनी उंगलिया गढ़ा दी और मेरे
क्लिट को अपने दाँतों के बीच दबा कर हल्के हल्के से कुतरने लगे.
वोइस हालत मे पीछे हटे तो मैं उनको पकड़े पकड़े ही वापस स्विम्मिंग
पूल मे उतर गयी. मैने अपनी टाँगों को कैंची की तरह उनके बदन
को चारों ओर से जाकड़ लिया था. फिर उनके सिर को थामे हुए अपने
टाँगों को हल्का सा लूज करते हुए उनके बदन पर फिसलती हुई
नीचेकी ओर खिसकी. जैसे ही अपने बदन पर उनके लिंग का स्पर्श महसूस
किया तो अपने हाथों से उनके लिंग को अपनी योनि पर सेट करके वापस
अपनेबदन को कुच्छ नीचे गिराया. उनका लिंग मेरी योनि के दरवाजे को
खोलता हुआ अंदर घुसता चला गया. उनको ने मेरी पीठ को स्विम्मिंग
केकिनारे से सटा दिया मैने अपने हाथों से पीछे की ओर स्विम्मिंग पूल
का सहारा लेकर अपने बदन को सहारा दिया. वैसे मुझे सहरे की
ज़्यादाज़रूरत नही थी क्योंकि मेरी टाँगों ने उनके बदन को इस तरह जाकड़
रखा था कि वो मेरी इच्च्छा के बिना हिल भी नही पा रहे थे.
उन्होनेज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू
किया. "अया.....अयाया. ......राज. ....राआाज. .......हाआअन्न. ....
हाा
अनन्न.....और जूऊर सीए......एम्म्म. ....म्म्माअजाआ आआ
गय्ाआअ.... ..ऊऊऊफ़फ्फ़. ....जूऊओरो सीईए.....म्म्म्मम. ....."
मैनेअपनी बाहों का हार उनके गले मे डाल दिया और उनके होंठों से अपने
होंठ चिपका दिए. मैं उनके होंठों को काट खा रही थी. "ले ले
लेले अंदर लेले अंदर पूरा....आआअहह क्य्ाआ चीज़
हाईईइ...... .म्म्म्ममम.. ..." कहते हुए उन्हों ने मुझे सख्ती से अपनी
बाहों मे जाकड़ लिया और अपने रास की धार मेरी योनि मे बहाना शुरू
किया. मैने इस मामले मे भी उनसे हार नही मानी. मेरा भी वीर्य
उनकेरस से मिलने निकल पड़ा. हम दोनो अपने जिस्म को दूसरे के जिस्म मे
समा गये
क्रमशः.......................
--
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) ऑल्वेज़
`·.¸(¨`·.·´¨) कीप लविंग &
(¨`·.·´¨)¸.·´ कीप स्माइलिंग !
`·.¸.·´ -- राज
main hun hasina gajab ki--paart--9
gataank se aage........................
unke hath mere dono boobs ko buri tarah masal rahe the. Aine me
humara ye pose bada hi sexy lag raha tha. Unhone mere dono nipples
apni ungliyon se pakad kar aine ki taref kheencha. Mere dono nipples
khinchaw ke karan lambe lambe ho gaye the. Unke masalne ke karan
dono
boobs ki rangat safed se gulabi ho gayee thi. Unki garm saanse mai
apni garden par idhar se udhar firte huye mahsoos kar rahithi. Unke
honth meri garden ke peechhe jahan se mere baal shuru ho rahe hain
wahan ja kar chipak gaye. Fir unhon ne meri garden par halke se
daant
gadaye. Unke honth meri garden par ghoomte huye mere bayen kaan tak
aye. Wo mere left kaan ke upar apne honth
firane lage. Kaan aurat ka ek jabardast excitement point hota hai.
Mai unki harkaton se uttejit ho gayee. maine apne hathon se apni
yoni
ko sakhti se dab rakha tha. Mere munh se uttejna me tute huye shabd
nikal rahe the. Maine apne honth ko danto me daba rakha tha fir bhi
pata nahi kis kone se mere munh
se "aaaaaaahhhhhh… .mmmmmmmm… ..oooooooh" ki awajen nikal rahi thi.
Fir usne kan par apni jeebh firate huye kan ke nichle hisse ko apne
munh me bhar liya aur. halke halke se use dant se katne lage. Maine
unke sir ko apne hathon se tham rakha tha. Humare badan ek doosre se
sate huye sangeet ki dhun par is tarah se thirak rahe the mano do
nahi ek hi jism ho. unhon ne mujhe apni or ghumaya aur mere boobs
par
apne honth rakh kar mere nipples ko choosne lage. Isi tarah ki
harkaton ki khwahish to jab se maine unhe pahli baar dekha tab se
mere man me thi. Mujhe unke sath Paris ane ka nimantran sweekar
karte
samay hi pata tha ki is tour me hum dono ke beech kis tarah ka
rishta
janm lene wala hai. Mai uske liye shuru se hi utawli thi.Maine bhi
unko apni or se poora anand pradan karma chahti thi. Mai bhi unki
chhatiyon par jhuk kar unke chhote chhote nipples ko apne danton se
kuredne lagi. Maine apni jeebh se unke nipples ko sahlana shuru
kiya.
Uttejna se unke nipples bhi khade ho gaye. Mai unke
balon se bhare seene ko sahla rahi thi. Maine apne danto ko unke
seene me gada kar jagah jagah apne danton ke nishaan chhod diye.
Maine kuchh der tak unke nipples se khelne ke baad apne honth neeche
ki or le jate huye unki nabhi me apni jeebh ghusa di. Usnki nabhi ko
apni jeebh se chatne lagi. Wo mere khule balon me apni ungliyan fira
rahe the. Fir mai ghutno ke bal unke samne baith gayee aur unke ling
ko apne hathon me lekar niharne lagi. Maine muskura kar unki or
dekha. Fir maine uske ling ke upar se chamdi ko niche ki or
kheencha.
Unke ling ka gol
matol topa bahar nikal aya. Maine uske tip par apne honth laga diye.
Ek chhota sa kiss lekar apne chehre ke samne unke ling ko sahlane
lagi. Unke ling ko apne munh me lene ki ichchha to ho rahi thi lekin
mai unke dwara request karne ka intezaar kar rahi thi. Mai unke
samne
ye nahi show karna chahti thi ki mai pahle se hi kitna kheli khayi
hui hoon. "ise munh me lekar pyaar karo. " "mmmm nahi ye ganda
hai. "
maine ling ko apne se door karne ka abhinay kiya, "chhi isse to
peshaab bhi kiya jata hai. Ise munh me kaise loon? " " tune abhi tak
Pankaj ke ling ko munh me nahi liya kya? " " nahi wo aisi gandi
harkaten nahi karte hain. " "ye ganda nahi hota hai ek baar to lekar
dekh. Theek usi tarah jaise chocobar icecream ko munh me lekar
chatti
ho." Maine jhijhakte huye apni jeebh nikal kar unke ling ke tope par
firane lagi. Mere
baal khule hone ke karan unko dekhne me pareshaani ho rahi thi.
Isliye unhon ne mere balon ko pakad kar jude ke roop me bandh diya.
Fir mere chehre ko pakad kar apne ling ko meri or thelne lage. Maine
unki harkat ke samarthan me apna munh khol diya. Unka ling adha
andar
ja kar mere gale ke dwar me fans gaya.
"busss aur nahi jayega." Maine kahna chaha magar munh se
bus, "ummmmm
ummmm" jaisi awaj nikali. Isliye maine unke ling ko apne munh me
liye
liye hi unhe ishara kiya. Wo apne ling ko ab age peechhe karne lage.
Mai unke ling ko apne munh se chod rahi thi. Saath saath unke ling
par apni jeebh bhi fira rahi thi. "poora le. Maja nahi a raha hai.
poora andar jaye bina maja nahi ayega." Unhon ne apne ling ko bahar
kheencha. "itna bada lund poora kaise jayega. Mera munh meri yoni
jaisa to hai nahi ki kitna bhi lamba aur mota ho sab andar le lega."
Maine kaha. Unhon ne mujhe uthaya aur bistar par le jakar lita diya.
Mai peeth ke bal let gayee. Ab unhon ne mere badan ko kandhon se
pakad kar bistar se bahar ki taraf kheencha. Ab mera sir bistar se
neeche latakne laga tha. "haan ye theek hai ab apne sir ko bistar se
neeche latkate huye apne munh ko khol." Maine waisa hi kiya. Is
position me mera munh aur gale ka chhed ek seedh me ho gaye the.
Sasurji ab mere munh me apne ling ko dalte huye mujhse bole, "ek jor
ki saans kheench andar." Maine waisa hi kiya. Wo apne ling ko andar
thelte chale gaye. Unka mota lund sarsarata huya gale ke andar
ghusta
chala gaya. Pahle to ubkai jaisi ayee. Lekin unka ling fansa hone ke
karan kuchh nahi hua. Unka ling ab poora andar ghus chuka tha. Unke
lund ke neeche latakte dono gend ab mere naak ko daab rahe the. Ek
second is awastha me rakh kar unhon ne wapas apne lund ko bahar
kheencha unka ling jaise hi gale ko khali kiya maine aone fenfdon me
jami hawakhali ki aur wapas saans lekar unke agle dhakke ka intezaar
karne lagi. Unhon ne jhuk kar mere dono stano ko apni mutthi me bhar
liye aur unhe masalte huye wapas apne ling ko jad tak mere munh me
thel diye. Fir ek ke beed ek dhakke marne lage. Mai apni sanso ko
unke dhaakon ke saath adjust kar li thi. Har dhakke ke sath mere
stano ko wo buri tarah masalte ja rahe the. Saath saath mere nipples
ko bhi umeth dete. Jaise hi wo mere nipples ko pakad kar kheencte
mera poora badan dhanush ki tarah upar ki or uth jata. Kafi der tak
yun hi much me lene ke baad unhon ne apna ling bahar nikal liya. Aur
jayada der choosne se ho sakta hai munh me hi nikal jata. Unka ling
meri thook se geela ho gaya tha aur chamak raha tha.
Unke uthte hi mai bhi uth baithi. Unhon ne mujhe bistar se utar kar
wapas apni agosh me le liya. Maine unke sir ko apne hathon se tham
kar unki honthon par apne honth sakhti se dab diye. Meri jeebh unke
munh me ghus kar unki jeebh se khelne lagi. Maine apne panje unke
pairon ke upar rakh kar apni edi ko upar kiya jisse mera kad unke
kad
ke kuchh had tak barabar ho jaye. Fir maine apne dono stano ko
hathon
se utha kar unke seene par is tarah rakha ki unke nipples ko mere
nipples chhone lage. Unke nipples bhi meri harkat se ek dum kade ho
gaye the. Mere nipples to pahle se hi uttejna me tan chuke the.
Maine
apne nipples se sunke nipples ko shahlana shuru kiya. Unhon ne mere
nitambon ko sakhti se pakad kar apne ling par kheencha. "mmmmm
Simiiiiiiiii mmmmm. Tum bahut sexy ho. Ab afsos ho raha hai ki tumhe
itne dino tak maine chhua kyon nahi. Offffffffffo tum to mujh pagal
kar dalogi. Aaaaaaahhhhhh haaaaan aaise hiiiiiiiii " wo apne ling ko
meri yoni ke upar ragad rahe the. Kuchh der tak hum ek doosre ke
badan ko ragadne ke baad unhon ne mujhe bistar ke paas le jakar mere
ek pair ko utha kar bistar ke oopar rakh diya. Ab ghutno ke bal
baithne ki unki bari thi. Wo meri tangon ke paas baith kar mere
reshmi jhanton par apni jeebh firane lage. Mujhe apni yoni par halke
reshmi baal Rakhna bahut achchha lagta hai isliye aksar meri yoni
chhote chhote reshmi balon se ghiri rahti thi. Shayad unhe bhi wahan
bal dekhna pasand tha isliye Rajkumarji apne danton se meri silky
jhanton ko pakad kar unhe halke halke se kheench rahe the. Fir unki
jeebh mere tangon ke jod par ghoomne lagi. Unki jeebh mere ghtune
par
se dheere dheere age badhti hui mere tangon ke jod tak pahunchi.
Unhon ne apni jeebh se meri chut ko upar se chatna shuru kiya. Wo
apne hathon se meri chut ki fankon ko alag karke meri chut ke
bheetar
apni jeebh daalna chahte the. " Nahi. Aise nahi. " kahkar maine unke
hathon ko apne badan se hata diya aur mai khud ek hath ki ungliyon
se
apni chut ko khol kar doosre hath se unke sir ko tham kar apni yoni
se sata diya. "lo ab chato ise. " Unki jeebh kisi chhote ling ki
tarah mere yoni ke andar bahar hone lagi. Mai bahut uttejit ho gayee
thi. Mai unke balon ko apni mutthi me pakad kar unhe kheench rahi
thi
mano unhe ukhad hi dena chahti houn. Dusre hathon ki ungliyon se
maine apni yoni ko faila rakha tha aur saath saath ek ungli se apni
clittoris ko sahla rahi thi. Maine samne aine me dekha to hum dono
ki
awastha ko dekh kar aur apne upar control nahi kar payee aur mere
badan se lava bah nikala. Maine sakhti se doosre hatho ki mutthi me
unke balon ko pakade huye unke sir ko apni yoni me dab rakha tha.
Unki jeebh meri yoni se bahte huye amrit dhara ko apne andar sama
lene me vyast ho gayee. Kafi der tak isi tarah choosne ke baad jab
meri bardast se bahar ho gaya to maine unke sir ko apni chut se
kheench kar alag kiya. Unke sir ke kai baal toot kar meri mutthi me
a
gaye the. Unke honth aur thuddi mere veery se chamak rahe the. "oooh
raaaj" ab mai apne sambodhan me change late huye unhe upar apni or
kheenchi.Wo khade ho kar mujh se lipat gaye. Aur mere honthon par
apne honth rakh kar mere honthon ko apne munh me kheench liya aur
unhe buri tarah choosne lage. Mai nahi janti thi ki udhar bhi itni
jyada aag lagi hui hai. Unhon ne apni jeebh mere munh me daal di.
Munh me ajeeb sa taste sama gaya. Maine jindagi me pahli baar apne
veerya ka swad chakha. Maine unke chehre par lage apne veerya ko
chat
kar saaf kiya.
Unhon ne thirakte huye bistar ke side me apne sath laye French wine
ki bottle utha li. Uske cork ko khol kar unhon ne usme se ek ghoont
lagaya. Fir mujhe apne se alag kar apne samne khada kar diya. Fir us
bottle se mere ek breast par dheere dheere wine dalne lage. Unhone
apne honth meri nipple ke upar rakh diye. Red Wine mere boobs se
fisalti hui mere nipple ke upar se hoti huyi unke munh me ja rahi
thi. Bahut hi exotic sceane tha wo. Fir unhon ne bottle ko upar kar
mere sir par wine udhelne lage. Saath saath mere chehre se mere kano
se mere balon se tapakte huye wine ko peete ja rahe the. Mai wine me
naha rahi thi aur unki jeebh mere poore badan par daud rahi thi. mai
unki harkaton se pagal hui ja rahi thi. Is tarah se mujhe aaj tak
kisine pyar nahi kya tha. Itna to saaf dikh raha tha ki mere sasurji
sex ke mamle me to sabse anokhe khiladi the. Jab bottle adhi se
jyada
khali ho gayee to unhon ne bottle ko side table par rakh kar mere
poore badan ko chatne lage. Mera poora badan wine aur unki laar se
chip chipa ho gaya tha. Unhon ne ek jhatke me mujhe apni bahon me
utha liya aur apni bahon me uthaye huye bathroom me le gaye. Is umr
me bhi itni takat thi ki mujhko uthakar bathroom lejate waqt ek baar
bhi unki saans nahi fooli. Bathroom me bath tub me dono ghus gaye
aur
ek doosre ko masal masal kar nahlane lage. Saath sath ek doosre ko
chhdete ja rahe the. Sex ke itne roop maine sirf kalpana me hi socha
tha. Aaj sasur ji ne mere poore wajood par apna adhikaar jama diya.
Wahin par bath tub me baithe baithe unhon ne mujhe tub ka sahara
lekar ghutne ke bal jhukaya aur peechhe ki taraf se meri yoni aur
mere guda par apni jeebh firane
lage. "ooooooohhhhh…….Raaaaaj…….
hoooo. Chhhiiiiiiiiiii nahiiiiiiiiiii wahaaaan jeeeeeebh seeee
maaaat
chatoooooo. Naaaahiiiii……..haaaaan aaaaauur andaaar aur andaaar."
Mai
uttejna me jor jor se cheekhne lagi. Sasur ji mere guda dwar ko apni
ungliyon se faila kar uske andar bhi ek baar jeebh daal diye. Meri
yoni me aag lagi huyee thi. Mai uttejna me apne hi hathon se apne
stano ko buri tarah masal rahi thi.
"bus bus aur nahi….ab meri pyaas bujha do. Meri chut jal rahi hai
ise
apne lund se thanda kar do. ab mujhe apne lund se chod do.ab aur
bardast nahi kar sakti. Ye aaapne kya kar dala mere poore badan me
aag jal rahi hai. Pleeeeeeessse aaur nahiiiii". Mai tadap rahi thi.
Unhon ne wapas tub se bahar nikal kar mujhe apni bahon me uthaya aur
geele badan me hi kamre me wapas aye.
Unhon ne mujhe usi awastha me bistar per lita diya. Wo mujhe lita
kar
uthne ko huye to maine jhat se unke garden me apni bahen daal di.
Jisse wo mujhse door nahi ja saken. Ab inch bhar ki doori bhi
bardast
se bahar ho rahi thi. Unhon ne muskurate huye meri banhon ko apni
garden se alag kiya aur apne ling par bottle me bachi hui wine se
kuchh boond Red wine daal kar mujhse kaha
" ab ise chooso." Maine waisa hi kiya. Mujhe wine se bheega unka
ling
bahut hi tasty laga. Mai wapas unke ling ko munh me lekar choosne
lagi. Unhon ne ab us bottle se bachi hui wine dheere dheere apne
ling
par udhelni shuru ki. Mai unke ling, unke andkoshon par girte wine
ko
pee
rahi thi. Kuchh der baad unhon ne mujhe lita diya aur meri tange
apne
kandhon par rakh diya. Fir unhon ne mere kamar ke neeche ek takiya
laga kar meri yoni ke upar se meri jhanton ko hata kar yoni ki
fankon
ko alag kiya. Mai unke ling ke pravesh ka intezar karne lagi. Unke
ling ko mai apni yoni ke upar sate huye mahsoos kar rahi thi. Maine
ankhen band kar apne aap ko is duniya se kaat liya tha. Mai duniya
ke
saare rishton ko saari maryadaon ko bhool kar bas apne sasur ji ka,
apne boss ka, apne huh Raj, apne Raju ke lund ko apni chut me ghuste
huye mahsoos karna chati thi. Ab wo sirf aur sirf mere premi the.
Unse bus ek hi rishta tha jo rishta kisi mard aur aurat ke beech
jismon ke milan se banta hai. Mai unke ling se apni yoni ki deewaron
ko ragadna chahti thi. Sub kuchh ek swargik anubhuti de raha tha.
Unhon ne meri chut ki fankon ko alag kar ke apne ling ko mere
pravesh
dwar par rakha. "ab bata meri jaan kitni pyaas hai tere andar me?
mere lund ko kitna chahti hai?" Rajkumar ji ne mujhe apne ling ko
yoni ke dwar se ragadte huye poochha. "aaaah kya karte ho....mmmmm
anadr ghusa do ise." maine apne sookhe honthon par jeebh feri. "mai
to tumhara sasur hoon.....kya ye uchit hai?" "ooooohhhh raaaj raaaaj
mere jaaaaan meraaaa imtehaaan mat loooo. mmmmm daaldoo ise apne
ldke
ki biwi ki chut fad do apne lund se.....kab se pyaasi hooo....ooh
kitne dinooo se yeee aaag jal rahiii thiiii. maiii to shuru se
tumhariiii banna chahtiii thi. ooooooohh tum kitne patthar dil
hooooooo...kitnaaaa tarsayaaaaa mujheee aaaj bhio tarsa rahe hoo."
maine unke ling ko apne hathon se pakad kar apni yoni ki or thela
magar unhon ne meri koshish ko nakam kar diya. meri yoni ka munh
ling
ke abhas se laal ho kar khul gayaa tha jisse unke ling ko kisi tarah
ki pareshani na ho. meri yoni se kaam ras jhaag ke roop me nikal kar
mere dono nitambon ke beech se bahta hua bistar ki or ja raha tha.
meri yoni ka munh pani se ufan raha tha aur us patthar ko mujhe
chhdne se fursat nahi thi. "andar kar doon...?" "haaan oooh
haaaan" "mere lund par kisi tarah ka koi condom nahi hai. mera
veerya
apni kokh me lene ki ichchha hai kya?" "haaaan oohh maaa haaan
meriii
yoni ko bhaaar do apne veerya seeee. daaal do apnaaa beeeej meriii
kokh meee." mai tadap rahi thi. poora badan paseene se tarbatar ho
raha tha. meri ankhen uttejna se ulat gayee thi aur mere honth khul
gaye the. sookhe honthon par apni jeebh chala kar geela kar rahi
thi. "fir tumhare kokh me mera bachcha a jayega." "haaan haaan mujhe
banado pregnent. ab bas karoooooo. mai tumhare hath jodti hoon aur
mat sataooo. mat tadpao mujhe." maine apne dono pair bistar par
jitan
ho sakta tha faila liye,"dekh tumhare bete ki dulhan tumhare samne
apni chut khol kar leti tumse gidgida rahi hai ki uske yoni ko fad
dalo. ragad do uske najuk badan ko. masal dalo mere in stano ko jin
par mujhe naaz hai. ye saab apke sparsh apke pyaar ke liye tadap
rahe
hain." mai bahakne lagi thi. Ab wo meri minnato par paseej gaye aur
apni ungliyon se meri clitoris ko masalte huye apne ling ko andar
karne lage. Mai apne hathon se unki chhatiyon ko masal rahi thi.
Unke
ling ko apne chut ki deewaron ko ragadte huye andar pravesh karte
mahsoos kar rahi thi. "haaaaan mereeee raaaaaj is aananad kaaa mujhe
janmoooo se intejaaaar thaaa. tuum itneee nasamajh kyooon hooo.
mereee dil ko samajhneee me itniii der kyoon kar diiiii."unhon ne
wapas meri tangon ko apne kandhon par rakh diye. Unke dono hath ab
mere dono boobs par the. Dono hath meri chhatiyon ko jor jor se
masal
rahe the. Mere nipples ko ungliyon se masal rahe the. Meri chut buri
tarah se geeli ho rahi thi isliye unke ling ko pravesh karne me
jyada
pareshani nahi hui. Unka ling poori tarah meri yoni me sama gaya
tha.
Fir unhon ne dheere dheere apne ling ko poori tarah se bahar kheench
kar wapas ek dhakke me andar kar diya. Ab unhon ne meri tangen apne
kandhe se utar di aur mere oopar let gaye. Mujhe apni banhon me bhar
kar mere honthon ko choomne lage. Sirf unki kamar upar neeche ho
rahi
thi. Mere pair dono or faile hye the. Kuchh hi der me mai uttejit
hokar unke har dhakke ka apni kamar ko unki taraf utha kar aur
uchhal
kar swagat karne lagi. mai bhi neeche ki or se poore josh me dhakke
laga rahi thi. Air conditioner ki thandak me bhi hum dono paseene
paseene ho rahe the. Kamre me sirf air conditioner ki humming ke
alawa humari "uuuhhhh" "oooohh" ki awaj goonj rahi thi. Sath me har
dhakke par fuch fuch ki awaj ati thi. Humare honth ek doosre se sile
huye the. Humare jeebh ek doosre ke munh me ghoom rahe the. Maine
apne paon utha kar unki kamar ko charon or se jakad liya. Kafi der
tak isi tarah chodne ke baad wo uthe aur mujhe bistar ke kinare
kheench kar adhlete awastha me lita kar meri nagon ke beech khade
hokar mujhe chodne lage. Unke har dhakke ke saath poora bistar hilne
lagta tha. Meri yoni se do baar pani ki bochhar ho chuki thi. Kuchh
der tak aur chodne ke baad unhon ne apne ling ko poore Jad takmeri
yoni ke andar daal kar mere dono stano ko apni mutthi me bhar kar
itni buri tarah masla ki meri to jaan hi nikal gayee. "le le mera
beej mera veerya apne pet me bhar le. le le mere bachche ko apne pet
me. ab nau maheene bad mujhse shikayat nahi karna." unhon ne mere
honthon ke paas badbadte huye meri yoni me apna veerya daal
diya. Mai unke nitambon me apne nakhoon gada kar aoni yoni ko jitna
ho sakta upar utha diya aur mera bhi ras unke lund ko bhigone nikal
pada. Dono khallas hokar ek doosre ke bagal me let gaye. kuchh der
tak yun hi lambi lambi sanse lete rahe. fir wo karwat lekar apna ek
pair mere badan ke upar chadha diya aur mere stano se khelte huye
bole,
"oooffff Smriti tum bhi gajab ki cheej ho. mujhe poori tarah thaka
diya mujhe."
"achchha?"
"isi tarah agar aksar chalta raha to bahut jaldi hi mujhe dawai leni
padegi takat ki."
" majak mat karo agar dawai ki kisi ko jaroorat hai to mujhe. Jisse
kahin pregnant na ho jaun."
Hum dono wapas ek doosre se lipat gaye aur us din saari raat ek
doosre se khelte huye gujar gayee. unhon ne us din mujhe raat me kai
baar alag alag tareeke se choda.
subah aur uthne ki ichchha nahi ho rahi thi. Poora badan toot raha
tha. Aj Hamilton aur Shasha bhi humare saath mil gaye. Hamilton
mauka
khoj raha tha mujh sang sambhog ka. Lekin ab mai Rajkumar ji ke hi
rangon me rang chuki thi. Mera rom rom ab is naye saath ko taras
raha
tha. Us din bhi waisi hi chuhal baji chalti rahi. Maine swimming
pool
par apni sabse chhoti bikni pahni thi. Mera ashiq to use dekhte hi
apne hosh kho baitha. Hamilton ke honth fadak uthe the. Hamilton ne
pool ke andar hi mere badan ko masla. Shaam ko hum dance floor par
gaye Dance floor par kuchh der Hamilton ke saath rahne ke baad
Rajkumar ji ne mujhe apne paas kheench liya. Shasha bhi unke badan
se
chipki hui thi. Dono ko apni dono bajuon me kaid karke wo thirak
rahe
the. Hamilton table par baitha hum teeno ko dekhte huye muskurata
huya apne cocktail ko sip kar raha tha. Hum don one Rajkumar ji ki
halat sandwich jaisi kar di thi. Mai unke samne sati hui thi to
Shasha unki peeth se chipki hui thi. Hum don one unke badan se shirt
noch kar fenk di thi. Unhon neb hi hum dono ko topless kar diya tha.
Hum apne stano ko apne sakht nipples ko unke badan par ragad rahe
the. Kuchh der baad Hamilton bhi stage par a gaya huske saath koi
aur
ladki thi. Ise dekh kar Shasha hum se alag hokar Hamilton ke paas
chali gayee. Jaise hi hum dono akele huye.Rajkumar ji ne apne tapte
honth mere honthon par rakh kar ek gahra chumbban liya. "aaj to tum
swimming pool par gajab dha rahi thi." "achchha? Mr. Rajkumar ek
stud
aisa kah raha hai. Jispar yahan kai ladkiyon ki ankhen gadi hui
hain.
Janab jawani me to apka ghar se nikalna mushkil rahta
hoga?" "shaitaan meri khinchai kar rahi hai." Rajkumar ne mujhe apni
bahon me liye liye stage ke side me chale gaye' "chalo yaha bahut
bheed hai. Swimming pool par chalet hain abhi pool khali
hoga." "lekin pahle bikni to le len." "uski kya jaroorat" maine unki
taraf dekha," aaj moonlight me nude swimming karenge. Bus tum aur
mai." unki planning sunte hi uttejna me mera rom rom thirak utha.
Maine kuchh kaha nahi bus chupchaap Rajkumar ji ke saath ho li. Hum
logon se bachte huye kamre se bahar a gaye. Swimming pool ka najara
bahut hi dilkush tha. Hanki roshni me pani ka rang neela lag raha
tha. Tab shaam ko 9 baj rahe the isliye swimming pool par koi nahi
tha aur shayad isiliye roshni kam kar di gayee thi. Upar poonam ka
chand thandi roshni bikher raha tha. Hum dono wahan pool ke nikat
pahunch kar kuchh der take k doosre ko niharte rahe fir hum don one
ek doosre ke kapde utarne shuru kiye. Maine as per dress code inner
garments nahi pahan rakha tha. Isliy jaise hi wo meri skirt ko
kheenchne lage maine unhe roka. "pleeeeese. Ise nahi. Kisine dekh
liya to?" "yaha koi nahi ayega. Aur kise parwah hai? Dekha nahi hall
me sab nange ghoom rahe the." Hum dono bilkul nivastra ho gaye.
Sabse
pahle Rajkumar ji ne pool me pravesh kiya fir mujhe hath pakad kar
andar kheench liya. Mai khil khila kar hans padi. Maine apni anjuri
me pani bhar kar unke chehre par fenka. To wo mujhe pakadne ke liye
mere peechhe tairne lage. Hum dono kafi der tak chuhal baaji karte
rahe. Ek doosre ke badan se khelte rahe. hum dono kaske ek doosre se
lipat jate aur ek doosre ka badan ko choomne lagte. Rajkumar ji ne
mere badan ka koi hissa nahi chhoda jahan unke honthon ka sparsh na
hua ho. maine swimming pool ke kinare ko pakad kar apne aap ko sthir
kiya. rajkumar ji peechhe se mere badan se lipat kar mere geele
stano
ko masal rahe the. mai apni gardan ko peechhe ghuma kar unke honthon
ko apne danto se kaat rahi thi. unka ling mere dono nitambon ke
beech
sata hua tha. maine apne ek hath se unke ling ko tham kar dekha ling
poori tarah tana hua tha. " aaj jao jaan pani bhi mere badan ki aag
ko bujha nahi pa raha hai. jab tak tum mere badan ko shant nahi
karoge mai aise hi funkti rahoongi " maine unke balon ko apni mutthi
me bhar kar apni taraf moda aur unhon ne mujhe apni bahon me bhar
liya. us jagah par pani kam tha. wo pani par khade hokar mujhe utha
kar swimming pool ke upar bitha diya. meri tangen pool ke kinaron
par
jhool rahe the. wo apne dono hathon se meri tangon ko faila kar meri
tangon ke beech a gaye. maine apni tangen utha kar unke kandhon par
rakh di.isse meri yoni upar hokar unke chehre ke samne ho gayi.
unhon
ne meri yoni par apne honth tika diye aur apni jeebh ko yoni ke
oopar
firane lage. "aaaah mmmma...uuuuuuuummm mm" maine unke sir ko apne
ek
hat se pakda aur doosre hath ko jameen par rakhte huye. unke sir ko
apni yoni par daba diya. wo apni jeebh ko meri yoni ke andar daal
kar
use age peechhe karne lage. mai uttejna me apne dono hathon se
rajkumar ji ko pakad li aur apni kamar ko uske munh ki taraf uthane
lagi. unhpon ne mere dono nitambon par apni ungliya gada di aur mere
clit ko apne danton ke beech daba kar halke halke se kutarne lage.
wo
is halat me peechhe hate to mai unko pakde pakde hi wapas swimming
pool me utar gayee. maine apni tangon ko kainchi ki tarah unke badan
ko charon or se jakad liya tha. fir unke sir ko thame huye apne
tangon ko halka sa loose karte huye unke badan par fisalti hui
neeche
ki or khiski. jaise hi apne badan par unke ling ka sparsh mahsoos
kiya to apne hathon se unke ling ko apni yon par set karke wapas
apne
badan ko kuchh neeche giraya. unka ling meri yoni ke darwaje ko
kholta hua andar ghusta chala gaya. unko ne meri peeth ko swimming
ke
kinare se sata diya maine apne hathon se peechhe ki or swimming pool
ka sahara lekar apne badan ko sahara diya. waise mujhe sahre ki
jyada
jaroorat nahi thi kyonki meri tangon ne unke badan ko is tarah jakad
rakha tha ki wo meri ichchha ke bina hil bhi nahi pa rahe the.
unhone
jor jor se dhakke dena shuru
kiya. "aaah.....aaaah. ......Raj. ....Raaaaaaj. .......haaaaann. ....
haaaa
annn.....aur joooor seee......mmmm. ....mmmaaajaaaa aaaa
gayaaaaa.... ..oooooofff. ....joooooro seeeee.....mmmmm. ....."
maine
apne bahon ka haar unke gale me daal diya aur unke honthon se apne
honth chipka diye. mai unke honthon ko kaat khaa rahi thi. "le le
lele andar lele andar poora....aaaaahhh kyaaaa cheeeej
haiiii...... .mmmmmm.. ..." kahte huye unhon ne mujhe sakti se apni
bahon me jakad liya aur apne raas ki dhaar meri yoni me bahana shuru
kiya. maine is mamle me bhi unse haar nahi mani. mera bhi veerya
unke
ras se milne nikal pada. hum dono apne jism ko doosre ke jism me
sama
--
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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