हिंदी सेक्सी कहानियाँ
कौन सच्चा कौन झूठा पार्ट -10
गतान्क से आगे.........
दीपक ने जल्दी से दोनो को घसीट कर वही लाया जहा वो लोग शराब पीने के लिए
बैठे . दोनो को वही लिटाया शराब की बोत्तेल खोली और उनके मूह और शरीर पर
डाल दी ,दीपक को पीछे से आती कुछ आवाज़ सुनाई दी वो वाहा से भागा और
दीवार के पीछे च्छूप गया दीपक जानता था के अब मदन आता ही होगा अबे कहा हो
भेन्चोदो सारा खंदार ढूंड लिया साले कहा मर गये , दीपक ने दीवार से झाँक
के देखा एक आदमी आ रहा था और उसके हाथ मे कुछ था .वो वही उन दोनो के पास
जा कर खड़ा हुआ. मदन उन दोनो के पास गया उसे शराब की माहेक आई मदन: साले
भोसड़ी के मुझे बुलाया और मुझ से पहले ही पी के पड़ गये (ज़ोर से बोला)
उठो सालो तँदोरी चिकन लाया हू मदन ने दोनो को हिलाया पर दोनो पहले हे
बेहोश थे उठने का कोई नाम नही था मदन: साले बहनचोड़ो उठो मेरा इंतेज़ार
तो करते पीछे से दीपक बोला. दीपक: तेरा इंतेज़ार में कर रहा हू ना मदन
पलटा सामने दीपक को खड़ा देख घबराया थोड़ा पीछे हुआ और भागा,, दीपक भी
उसके पीछे हुआ अभी मदन खंदार के कोने पे पहुचा ही था के दीपक ने उसे पीछे
धक्का दिया और मदन छाती के बाल नीचे ज़मीन पर गिरा दीपक ने अपनी लात ज़ोर
से मदन के पेट में मारी मदन ज़ोर से चींखा ",मेने कुछ नही किया मुझे जाने
दे" दीपक: जाने दूँगा पर पहले मेरे सवालो का जवाब तो दे हराम जादे ,ये
बोलते ही एक और लात पेट मे मारी दीपक मदन की पीठ पर बैठ गया और उसका गला
दबाने लगा , मदन चीखे जा रहा था पर आज दीपक उसको छ्चोड़ने वाला नही था
मदन (घुट्टी आवाज़ मे बोला) सब बता दूँगा छ्चोड़ मुझे पहले . दीपक ने एक
ज़ोर दार तमाचा मदन के मूह पर मारा और उसके उपर से उठा . दीपक: उठ साले
आज तू सब बताएगा वरना यही तुझे गाढ दूँगा . दीपक का सहारा ले कर मदन खड़ा
हुआ .वो अभी भी हाँफ्फ रहा था .फिर से उसने भागने की कोशिश की ,दीपक ने
अपनी जेब से चाकू निकाला और पास पहुच कर मदन की गर्देन पर लगा दिया.
दीपक: भागेगा चल भाग , तेरे और मेरे पास बहुत कम टाइम ही .. तेरे लिए उपर
जाने का और मेरे लिए अपने आप को बेगुनाह साबित करना समझा जल्दी बता सब
कुछ. मदन: चाकू पीछे कर सब बता दूँगा . दीपक ने चाकू को मदन की गर्देन से
हटाया . मदन: मेने कुछ नही किया ,और ना ही उस जागया ने कुछ किया था (
रोते हुए बोला) . दीपक: किसने किया ? मदन: मुझे नही पता ,बस इतना पता है
के जागया को तेरे घर का ताला खोलने के 100000र्स मिले थे (रोते हुए बोला)
. दीपक: तू झूठ बोल रहा है तुझे सब पता है ,बता दे वरना आज तुझे इसे
खंदार मे मार के गाढ दूँगा . मदन: मे तेरे से सच बोलता हू,,, सुबह जब तू
चंपा के घर से निकला तो मेने ही तुझे मारा था. दीपक ने एक ज़ोर दार तमाचा
मदन के मूह पर मारा और उसके उपर से उठा . दीपक: उठ साले आज तू सब बताएगा
वरना यही तुझे गाढ दूँगा दीपक का सहारा ले कर मदन खड़ा हुआ .वो अभी भी
हाँफ्फ रहा था .फिर से उसने भागने की कोशिश की ,दीपक ने अपनी जेब से चाकू
निकाला और पास पहुच कर मदन की गर्देन पर लगा दिया दीपक: भगेगा चल भाग ,
तेरे और मेरे पास बहुत कम टाइम है .. तेरे लिए उपर जाने का और मेरे लिए
अपने आप को बेगुनाह साबित करना समझा जल्दी बता सब कुछ मदन: चाकू पीछे कर
सब बता दूँगा दीपक ने चाकू को मदन की गर्देन से हटाया मदन: मेने कुछ नही
किया ,और ना ही उस जागया ने कुछ किया था ( रोते हुए बोला) दीपक: किसने
किया ? मदन: मुझे नही पता ,बस इतना पता है के जागया को तेरे घर का ताला
खोलने के 100000र्स मिले थे (रोते हुए बोला) दीपक: तू झूठ बोल रहा हे
तुझे सब पता है ,बता दे वरना आज तुझे इसे खंदार मे मार के गाढ दूँगा मदन:
मे तेरे से सच बोलता हू,,, सुबह जब तू चंपा के घर से निकला तो मेने ही
तुझे मारा था. मदन: जागया को कुछ दिन पहले दो लोग मिले थे,वो लोग कौन है
मुझे नही पता पर उन लोगो ने है जागया से तेरे घर का ताला खुलवाया था(रोते
हुए बोला). दीपक: तू भी शामिल है इसमे मुझे पता है मदन: नही मे नही था
,वो लोग जागया को काम होने के बाद बोले के अगर तेरी ज़बान खुली तो
ज़िंदगी मे कभी बोलेगा नही मदन: जागया काम होने के बाद बहुत घबराया मेरे
पास आया था उसको बहुत डर लग रहा था. मुझे उसने यही बताया के उन लोगो ने
तेरे घर का ताला उसको ये बोल के खुलवाया था के तेरे घर मे बहुत माल है और
उस वक्त घर मे कोई नही होगा .पर तेरे घर मे तेरा बाप और तेरे बेहन थी उस
वक्त मदन: वो नीचे खड़ा था तेरे बाप और बहन की चीख सुनी वो उपर गया तो वो
डर गया था (रोते हुए) .उसने बस मुझे यही बताया था और कुछ नही मैं सच बोल
रहा हू दीपक: वो लोग जागया को केसे मिले मदन: जागया अपुन की बस्ती का
हीरो था, सब लोगो की मदद करता था,उसको दारू पीने की आदत थी वो एक दिन
अप्सरा बार मे दारू पी रहा था अपुन के साथ के तभी दो लोग आए और जागया को
अपनी और बुलाया मदन: वो लोग जागया को अपने साथ बाहर ले कर गये , थोड़ी
देर बात करने के बाद ,जब जागया वापस अपनी टेबल पे आया ,तो अपुन उस को
पूछा के कौन थे वो लोग ,तो उसने अपुन को ये बोला के हाथ का सफाई दिखाना
है कही माल तगड़ा मिलेगा. दीपक: तूने उन दोनो को देखा था ना. मदन : हां
देखा था ,पर अपुन नही जानता वो लोग कौन हैं दीपक: तुझे सब पता है और तू
अभी बताएगा. दीपक ने चाकू से मदन की टाँग पर वार किया मदन: आआअहह!. दीपक:
अभी तो सिर्फ़ सज़ा दी हे मौत नही ,अगर तूने अपना मूह नही खोला तो तेरी
मौत तेरे बहुत करीब है . मदन: (रोते हुए बोला) वो वो .. अप्सरा बार के
माल्लिक ने ही जागया के बारे मे उन दो लोगो को बताया था ,सच बोल रहा हू
इस से ज़यादा मुझे कुछ नही पता . अपुन दोनो वाहा बहुत बार दारू पीने के
लिए जाते थे वो वाहा के माल्लिक का अपुन लोग एक काम किए थे बस तबीच से ही
अपुन लोगो के पहचान हो गयी थी उसके साथ. दीपक: नाम क्या है उसका मदन:
सत्या भाउ दीपक: कहा मिलेगा मदन: अपुन को नही मालूम अपुन तो दो चार बार
उसको वहिच बार मे मिला . दीपक: अगर तूने कुछ भी झूठ बोला है ना,तो तेरी
मौत तेरे बहुत करीब है. मदन: अपुन को जो पता था अपुन तुझ को बता दिया ,सच
बोलता है, अपुन लोग चोर है खूनी नही ,जागया जिस दिन से वो काम किया था तब
से एक रात भी चैन से नही सोया . वो लोग तेरे पे नज़र रखे थे तभी तो जागया
को उड़ा इच दिया उन लोगों ने. दीपक: अब यहा दिखना मत वरना आज तो तुझे
सिर्फ़ सज़ा दी हे अगली बार मौत दूँगा ये बोलते ही दीपक ने जागया को
ज़ोरदार घुसा मारा जागया ज़मीन पर नीचे निढाल गिरा दीपक ने खंदार मे नज़र
घुमाई कोई नही था छिपकलियो की आवाज़ आ रही थी .उसको पता था के उसने एक
कदम कातीलो के तरफ और बड़ा दिया,अब उसे और ध्यान से काम लेना होगा दीपक
खंदार से बाहर निकला के तभी मेन रोड पे खड़ी गाड़ी की हेड लाइट्स ऑन हुई
शीशा नीचे हुआ गाड़ी आगे को चलने लगी ,दीपक कुछ सोचता हुआ आगे बढ़ रहा था
. तभी गाड़ी से बाहर एक लंबी से राइफ़ल का मूह बाहर आया और गोली चली था
उधर दीपक की चीख निकली आहह.दीपक नीचे ज़मीन पर गिरा ,गाड़ी जल्दी से गायब
हो गयी. दीपक ज़मीन पर गिरा और ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगा गोली उसके पेट
मे लगी थी उसको पता था के मौत उसके करीब है उसकी आँखें बंद होने लगी ,उसे
ऐसा लगा सामने से कोई आ रहा है , चंपा थी साथ मे एक लड़का भी था . चंपा:
क्या हुआ साहेब जी . दीपक: च म्पा मुझे बचा लो ,मे अपने पिता और बेहन का
खूनी बन के नही मर सकता मुझे बचा लो. ये बोलते ही दीपक बेहोश हो गया .
क्रमशः.............. KAUN SACHCHA KAUN JHUTHA paart -10 gataank se
aage......... deepak ne jaldi se dono ko ghasit kar wahi laya jaha vo
log sharb pine ke liye baithe . dono ko wahi letaya sharab ki bottel
kholi aur unke muu aur sharir par daal di ,deepak ko piche se aati
kuch awaz sunai di vo waha se bhaga aur deewar ke piche chhup gaya
deepak janta tha ke ab madan ata he hoga abe kaha ho bhenchodo sara
khandar dhund liya saley kaha mar gaye , deepak ne deewar se jhank ke
dekha ek aadmi aa raha tha aur uske hath me kuch tha .vo wahi un dono
ke pass ja kar khada hua. madan un dono ke pass gaya use sharb ki
mahek aayi madan: saley bhosdike mujhe bulaya aur mujh se pahle he pee
ke pad gaye (zor se bola) utho salo tandori chicken laya hu madan ne
dono ko hilaya par dono pahle he behosh the uthne ka koi naam nahi tha
madan: saley behanchodo utho mera intezar to karte piche se deepak
bola. deepak: tera intezar mein kar raha hu na madan palta saamne
deepak ko khada dekh ghabraya thoda piche hua aur bhaga,, deepak bhi
uske piche hua abhi madan khandar ke kone pe pahucha he tha ke deepak
ne use piche dhaka diya aur madan chaati ke bal niche zameen par gira
deepak ne apni laat zor se madan ke pate mein maari madan zor se
chinkha ",meine kuch nahi kiya mujhe jane de" deepak: jaane dunga par
pahle mere sawalo ka jawab to de haramzade ,ye bolte he ek aur laat
pate me maari deepak madan ki pinth par baith gaya aur uska gala
dabane laga , madan cheekein ja raha tha par aaj deepak usko chhodne
wala nahi tha madan (ghutti awaz me bola) sab bata dunga chhod mujhe
pahle . deepak ne ek zor daar tamacha madan ke muu par mara aur uske
upar se utha . deepak: uth saley aaj tu sab bateyga warna yahi tujhe
gaad dunga . deepak ka sahara le kar madan khada hua .vo abhi bhi
haanff raha tha .fir se usne bhagne ki koshish ki ,deepak ne apni jeb
se chaku nikala aur pass pahuch kar madan ki garden par laga diya.
deepak: bhagega chal bhag , tere aur mere pass bahut kam time he ..
tere liye upar jane ka aur mere liye apne aap ko beghuna sabit karna
samjha jaldi bata sab kuch. madan: chaku piche kar sab bata dunga .
deepak ne chaku ko madan ki garden se hataya . madan: mene kuch nahi
kiya ,aur na hee us jagya ne kuch kiya tha ( rote hue bola) . deepak:
kisne kiya ? madan: mujhe nahi pata ,bus itna pata he ke jagya ko tere
ghar ka tala kholne ke 100000rs mile the (rote hue bola) . deepak: tu
jhut bol raha he tujhe sab pata he ,bata de warna aaj tujhe ise
khandar me mar ke gaad dunga . madan: me tere se sach bolta hu,,,
subha jab tu champa ke ghar se nikla to mene he tujhe mara tha. deepak
ne ek zor daar tamacha madan ke muu par mara aur uske upar se utha .
deepak: uth saley aaj tu sab bateyga warna yahi tujhe gaad dunga
deepak ka sahara le kar madan khada hua .vo abhi bhi haanff raha tha
.fir se usne bhagne ki koshish ki ,deepak ne apni jeb se chaku nikala
aur pass pahuch kar madan ki garden par laga diya deepak: bhagega chal
bhag , tere aur mere pass bahut kam time he .. tere liye upar jane ka
aur mere liye apne aap ko beghuna sabit karna samjha jaldi bata sab
kuch madan: chaku piche kar sab bata dunga deepak ne chaku ko madan ki
garden se hataya madan: mene kuch nahi kiya ,aur na hee us jagya ne
kuch kiya tha ( rote hue bola) deepak: kisne kiya ? madan: mujhe nahi
pata ,bus itna pata he ke jagya ko tere ghar ka tala kholne ke
100000rs mile the (rote hue bola) deepak: tu jhut bol raha he tujhe
sab pata he ,bata de warna aaj tujhe ise khandar me mar ke gaad dunga
madan: me tere se sach bolta hu,,, subah jab tu champa ke ghar se
nikla to mene he tujhe mara tha. madan: jagya ko kuch din pahle do log
mile the,wo log kaun he mujhe nahi pata par un logo ne he jagya se
tere ghar ka tala khulwaya tha(rote hue bola). deepak: tu bhi shamil
he isme mujhe pata he madan: nahi me nahi tha ,vo log jagya ko kaam
hone ke baad bole ke agar teri zabaan khuli to zindgi me kabhi bolega
nahi madan: jagya kaam hone ke baad bahut ghabraya mere pass aya tha
usko bahut darr lag raha tha. mujhe usne yahi bataya ke un logo ne
tere ghar ka tala usko ye bol ke khulwaya tha ke tere ghar me bahut
maal he aur us wakt ghar me koi nahi hoga .par tere ghar me tera baap
aur tere behan thi us wakt madan: vo niche khada tha tere baap
aurbehan ki cheekhh suni vo upar gaya to vo darr gaya tha (rote hue)
.usne bus mujhe yahi bataya tha aur kuch nahi me sach bol raha hu
deepak: vo log jagya ko kese mile madan: jagya apun ki basti ka hero
tha, sab logo ki madad karta tha,usko daru pine ki adadt thi vo ek din
apsara bar me daru pi raha tha apun ke sath ke tabhi do log aaye aur
jagya ko apni aur bulya madan: wo log jagya o apne sath bahar le kar
gaye , thodi der baat karne ke baad ,jab jagya wapas apni table pe
aaya ,to apun us ko pucha ke kaun the vo log ,to usne apun ko ye bola
ke hath ka safai dikhana he kahi maal tagda milega. deepak: tune un
dono ko dekha tha na. MADAN : haan dekha tha ,par apun nahi jaanta vo
log kaun he deepak: tujhe sab pata he aur tu abhi bateyga. deepak ne
chaku se madan ki taang par waar kiya madan: aaaaahhhhhhhhhh!. deepak:
abhi to sirf saza di he maut nahi ,agar tune apna muu nahi khola to
tere maut tere bahut karib he . madan: (rote hue bola) vo vo .. apsara
baar ke mallik ne he jagya ke bare me un do logo ko bataya tha ,sach
bol raha hu is se zayada mujhe kuch nahi pata . apun dono waha bahut
bar daru pine ke liye jate the vo waha ke mallik ka apun log ek kaam
kiye the bus tabich se he apun logo ke pahchan ho gayi thi uske sath.
deepak: naam kya he uska madan: satya bau deepak: kaha milega madan:
apun ko nahi malum apun to do char bar usko wahich baar me mila .
deepak: agar tune kuch bhi jhut bola he na,to teri maut tere bahut
karib he. madan: apun ko jo pata tha apun tujh ko bata diya ,sach
bolta he, apun log chor he khooni nahi ,jagya jis din se wo kaam kiya
tha tab se ek raat bhi chain se nahi soya . wo log tere pe nazar rakhe
the tabhi to jagya ko uda ich diya un logon ne. deepak: ab yaha dikhna
mat warna aaj to tujhe sirf saza di he agli bar maut dunga ye bolte he
deepak ne jagya ko zordaar ghusa mara jagya zameen par niche nidhaal
gira deepak ne khandar me nazar ghumayi koi nahi tha chipkaliyo ki
awaz aa rahi thi .usko pata tha ke usne ek kadam katilo ke taraf aur
bada diya,ab use aur dhayan se kaam lena hoga deepak khandar se bahar
nikla ke tabhi main road pe khadi gaddi ki head lights on hui sheesha
niche hua gaddi agge ko chalne lagi ,deepak kuch sochta hua agge bad
raha tha . tabhi gaddi se bahar ek lambi se riffel ka muu bahar aaya
aur goli chali THAAA udhar deepak ki cheekh nikli aahhhh.deepak niche
zameen par gira ,gaddi jaldi se gayab ho gayi. deepak zameen par gira
aur zor zor se saans lene laga goli uske pate me lagi thi usko pata
tha ke maut uske karib he uski aankhein band hone lagi ,use aisa laga
samne se koi aa raha he , champa thi saath me ek ladka bhi tha .
champa: kya hua saheb ji . deepak: cha mpa mujhe bacha lo ,me apne
pita aur behan ka khooni ban ke nahi mar sakta mujhe bacha lo. ye
bolte he deepak behosh ho gaya . kramashah.............. Tags = Future
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