Monday, October 25, 2010

स्वामी जी का कमाल --1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
स्वामी जी का कमाल --1
सुभद्रा ( सुबू ) एक 25 साल की बहुत ही सुंदर गड्राई (साइट्ली फाटटीश
)शरीर की औरत है****का पति रामजी देल्ही में होल्सेल का काम करता है.सुबू
पढ़ी लिखी औरत है . लेकिन उसकी आँखों में एक उदासी सी भरी रहती है. एक
ऐसी उदासी जो अधूरी काम वासना की निशानी है. लगता है रामजी उसकी प्यास
नही बुझा पाता.घर में सुबू की छोटी बेहन भी रहती है . उसका रिश्ता रामजी
के छोटे भाई ( मनोज )से पक्का हो चुका है. रश्मि ( सुबू की छोटी बेहन )
कॉलेज में पढ़ती है.सुबू की देवरानी (रीता)भी इसी घर में रहती है मगर आज
कल ग्वालियर में हॉस्टिल में रह कर पढ़ रही है. रामजी के मा बाप गाँव में
रहते हैं.ये तो है परिवार का इंट्रोडक्षन. सुबू की उदासी का कोई अंत नज़र
नहीं आता . चुदाई का मन करता है मगर क्या करे. दिल तो उसका चाहता है की
कहीं से कोई मर्द आए और उसकी प्यास बुझा दे. लगता है सुबू की प्रार्थना
पूरी होने को है. उसकी चूत की प्यास बुझने वाली है. एक दिन एक स्वामी जी-
लगभग 35 साल के गेरूए कपड़े पहने, छोटे छोटे बॉल और छोटी दाढ़ी , गोरा
देहकता रंग, 6 फुट का हॅटा कॅटा जिस्म- सुबू के घर आए, और भिक्षा माँगने
लगे. सुबू बाहर आई और स्वामी जी को प्रणाम कर के जैसे ही नज़र उपर उठाई,
की हैरान रह गयी. स्वामी जी की पर्सनॅलिटी नें उसे मस्त कर दिया. बरबस ही
सोचने लगी – इतना सुंदर शरीर !! ना जाने लंड कैसा होगा. मन ही मन में
उनके लंड की कल्पना करने लगी. उसे अपनी चूत स्वामी जी के लंड से भरी हुई
लगी. बरबस ही उसकी नज़र स्वामी जी के लंड की तरफ उठ गयी. स्वामी जी भाँप
गये की सुंदरी लंड की प्यासी है और इसका मर्द इसे सॅटिस्फाइ नही कर पाता.
वो बोले: स्वामी जी–` देवी कैसी हो, सब कुशल तो है ?` सुबू– `हां स्वामी
जी ठीक ही है.` स्वामी जी — `नहीं देवी ठीक नही, मुझे बताओ, में तुम्हारी
समस्या दूर करने की कोशिश करूँगा.` सुबू –` नहीं स्वामी जी कुछ नही.`
कहने को तो सुबू ने कह दिया मगर मन में सोच रही थी के काश कुछ ऐसा हो जाए
की स्वामी जी आज उसकी चोद चोद कर मन की मुराद पूरी कर दें. स्वामी जी भी
समझ गये की ये औरत लंड की प्यासी है मगर दिल की इच्छा बताने में शर्मा
रही है . सोचने लगे उन्हें ही पहल करनी पड़ेगी. बोले ` देवी घर में कोई
नही ? सेठ जी दिखाई नही दे रहे.` सुबू — `स्वामी जी वो तो दुकान पर गये
हैं रात को ही आएगे. उनहें अपने काम से समय नही मिलता.` स्वामी जी —
`अच्छा ये बात है, ये तो ग़लत है, ` शरारत से बोले,` घर में इतनी सुंदर
पत्नी और उनके पास घर के लिए समय नही ? तुम कहो तो में कोई साधन करूँ की
सेठ जी तुम्हारे आगे पीछे घूमने लगें.` सुबू –` उससे क्या होगा स्वामी
जी` यह कहते हुए सुबू नें आँखे दूसरी तरफ कर ली. स्वामी जी समझ गये की
माजरा सिर्फ़ चुदाई का ही नही है बलके लंड का भी है. सेठ का लंड भी इसकी
चूत में समाता नही है. अब स्वामी जी मूड मे आ गये. बोले: ` देवी अशांत
दिखती हो कहो तो तुम्हारी शान्ती के लिए प्रयास करूँ ? क्या अंदर नही
बुलाओगी ? ` अब सुबू को महसूस हुआ कि लंड के ध्यान में वो अभी तक दरवाज़े
पर ही खड़े हैं.बोली `हां हां स्वामी जी आईए ` अंदर आ कर स्वामी जी ने
इधर उधर नज़र घुमाई और पूछा ` घर में कोई नही है ………स्वामी जी ने इधर उधर
देखा और पूछा ` घर में कोई नहीं है क्या?` सुबू नें कहा, ` काम वालियाँ
सुबह शाम आती हैं और मेरी बेहन जो कॉलेज में पढ़ती है कॉलेज के बाद अपनी
फ्रेंड के साथ चली जाती है. वहाँ से होम वर्क कर के 6 6.30 बजे आती है.`
स्वामी जी समझ गये की मामला सॉफ है और चुदाई हो सकती है.बोले ,` तो फिर
हम तुम्हारी समस्या के समाधान के लिए अनुष्ठान कर सकते हैं.` सुबू –`
जैसा आप ठीक जाने` स्वामी जी –`तो ठीक है, में तुम्हें बता दूँ की में
तुम्हें सम्मोहित करूँगा और तुम्हारी समस्या का हल ढूँढने की कोशिश
करूँगा. सम्मोहित का अर्थ जानती हो ना? तुम्हे पूरा समर्पण करना होगा, और
में तुमसे कुछ पूछूँगा और तुम्हें उसके सच्चे जवाब देने होंगे` सुबू —
`ठीक है स्वामी जी, अगर इस से मेरी समस्या का हल होता है तो मुझे कोई
ऐतराज़ नही है` स्वामी जी — `तो चलो शुरू करते है` ये कहा कर स्वामी जी
ने सुबू को आँखे बंद करने को कहा और कुछ बुदबुदाने लगे`.अचानक वो बोले,`
देवी तुम्हारी समस्या मेरी समझ में आ गयी है. तुम अब आँखें बंद कर लो.
सोचो की तुम शून्य ( ज़ीरो) हो तुम्हारा जो भी अस्तित्वा है वो मुझ से
है. तुम मुझ में हो. हम दोनो एक हैं. क्या तुम मुझे सुन रही ही ?` सुबू `
हां स्वामी जी` स्वामी जी –` क्या तुम समझ रही हो में क्या कह रहा हूँ.`
सुबू — `हां स्वामी जी ` स्वामी जी –` ठीक है, अब अपना ध्यान अपनी समस्या
पर लगाओ.` इतना सुनते ही सुबू के सामने स्वामी जी का शरीर और लंड घूम
गया.` स्वामी जी –`क्या तुम अपनी समस्या को समझ सकती हो?` सबु — `हां
स्वामी जी.` स्वामी जी –` क्या ये तुम्हारे पति से संबंधित है?` –`हां
स्वामी जी` –`क्या ये सेक्स से संबधित है?` –………. ….. –`बोलो देवी` (देवी
मीन'स विमन) –………. ….. –`बोलो देवी` –………. ….. –`अगर तुम बोलॉगी नहीं तो
समस्या का हल नहीं होगा` –………. …. –`बोलो देवी बोलो.` – `हां स्वामी जी.`
–`क्या सेक्स नहीं करते` –………. …. –अब स्वामी जी ने ट्रंप कार्ड खेलने का
फ़ैसला कर लिया-`क्या चुदाई नहीं करते?` –………. … –`बोलो देवी क्या वो
तुम्हें चोद्ते नहीं?` –`हूंम्म्ममम. ….` –` यानी चोद्ते तो हैं`
–हूंम्म्मममम. …` –` –`सॅटिस्फाइ नहीं कर सकते?` –`हूंम्म्ममम. ..`
स्वामी जी समझ गये की लोहार की चोट करने का वक़्त आ गया है. बोले ` ठीक
है देवी. स्वामीजी समझ गये की मामला फिट करने का वक़्त आ गया है. वो
बोले,`देवी चुदवाने की इच्छा रखती हो?` सुबू –`ह्म्‍म्म्मम..` स्वामी जी
–`ठीक है अपना हाथ बढ़ाओ.`सम्मोहित सुबू नें अपने हाथ बढ़ा दिए. स्वामी
जी नें अपने हाथ मे उसके हाथ पकड़े और मसल्ने लगे.सुबू मस्ती में आने
लगी. उसकी साँस ज़ोर ज़ोर से चलने लगीसुबूने स्वामी जी का हाथ पकड़
लिया.थोड़ी देर के बाद स्वामी जी समझ गये की औरत मस्ती में है. उन्होंने
सुबू के हाथ में अपना फफनता लंड पकड़ा दिया. सुबू ने स्वामी का 8″ का 3″
गोलाई का लंड हाथ में कस लिया जैसे कहीं भाग ना जाए.सुबू की साँसे ज़ोर
ज़ोर से चलने लगी. स्वामी जी सुबू हाथ पकड़ कर खड़े हो गये, और पूछा, "
क्यों देवी अच्छा लग रहा है?` सुबू केवल हुंकार भर कर रह गयी. स्वामी जी
बोले,` देवी अंदर लोगि ?` सुबू –`जैसा आप ठीक समझे." स्वामी जी समझ गये
की अब लंड चूत में डाल देना चाहिए. स्वामी जी नें सुबू को बेड पर लिटा
दिया, और उसकी सारी उतार दी. सुबू की चूत बिल्कुल नवेली लग रही थी. चूत
के पल्लों को देख कर ऐसा लगता था की कभी चुदाई हुई ही नहीं. धीरे धीरे
स्वामीजी ने सुबू का ब्लाउस और ब्रा भी निकाल दी. सुबू आँखें बंद कर के
केवल कसमसाती रही. अब वो इंतज़ार में थी की कब स्वामी जी का बेलन उसकी
चूत में जाता है. वो डर भी रही थी की कहीं चूत का कचरा ही ना हो जाए.
स्वामी जी ने उसके होंठ चूसना शुरू कर दिए. सुबू भी पूरा साथ दे रही
थी.स्वामी जी सुबू की चूचियाँ दबाने लगे. कुछ ही देर में स्वामीजी नें
सुबू की चूचियाँ चूसनी शुरू कर दी. सुबू की चूत पानी छोड़ने लगी. स्वामी
जी ने एक हाथ से चूत को सहलाना शुरू कर दिया. सुबू की बुरी हालत थी. अब
रहा नहीं जा रहा था. उसने सोचा अब सम्मोहन की आक्टिंग बंद कर देनी चाहिए
और खुल कर चुदाई का मज़ा लेना चाहिए. सुबू नें आँखें खोली और स्वामी जी
से कहा,` अब डाल भी दीजिए ना` स्वामी जी नें सर उठाया और मुस्कुराए. वो
भी तो आक्टिंग ही कर रहे थे. `हां देवी…….. ..` सुबू बीच में ही रोक कर
बोली,` अब बस भी करिए स्वामी जी, मुझे सुबू बुलाए , पर में आप का लंड एक
बार फिर चूसना चाहती हूँ. ` स्वामी जी –` हां लो`. कह कर स्वामी जी ने
लंड उसके मुँह में डाल दिया. सुबू ऐसे लग रह था की सुबू पूरा लंड खा लेना
चाहती थी. स्वामी जी नें भे ऐसी चुसाइ नहीं करवाई थी. सुबू अपनी जीभ लंड
के सूर्ख पर रगड़ रही थी जिस-से स्वामी जी पागल हो रहे थे . स्वामी जी का
लंड अब 9″ का हो चला था स्वामी जी कोलगा अगर अब चूत में ना डाला गया तो
फॅट जाएगा. उन्हों-ने धीरे से लंड सुबू के मुँह में से निकाला और उसे
लिटा दिया. उसकी गांद के नीचे फ्सी तकिया रख दिया.सोबू की चूत एक तकिये
से ही उपर आ गयी. सुबू की चूत उपरी चूत थी.दूसरी तरहा की चूत नीचे की चूत
होती है . ऐसी चूत के नीचे बड़े तकिये रखने पड़ते हैं. नीचे की चूत को
पीछे से चोदने का ज़्यादा मज़ा आता है. खैर स्वामी जी नें सुबू की टाँगें
उठाई और लंड चूत के उपर रखा. सुबू मस्त हो चुकी थी ,बोली` स्वामी जी इतना
मोटा लंड है , मेरी चूत फॅट तो नहीं जाएगी?` ऐसा लग रहा था जैसे उसकी
आवाज़ बड़ी दूर से आ रही है. स्वामी जी बोले,` चिंता ना करो रानी, अगर
हमारे चोदने से चूत फॅट गयी तो बात ही क्या . चूत फटी है अनाड़ी के चोदने
से जो सबर से नहीं चोद्ते.` सुबू — `तो फिर डाल दो ना, अब और नहीं रहा
जाता . ना जाने कितनी बार ऐसे लंड का सपना देखा है, आज सामने मेरी चूत
में जाने के लिए तैयार है. अब डाल ही दो स्वामी.` यह सुन कर स्वामी जी
नें धीरे से एक धक्का लगाया और लंड का टोपा चूत में घुसेड दिया. सुबू की
चूत स्वामी जी की उम्मीद से ज़्यादा मस्त और टाइट थी. स्वामी जी भी लंबी
लंबी साँसें लेने लगे. थोड़ा और लंड अंदर डाल दिया . अब सुबू को दर्द
हुआ-"आईए, मर गयी रे….स्वामी जी धीरे चोदो दर्द हो रहा है.` मगर स्वामी
जी जानते थे की ये दरद अब मज़े में बदलने वाला है. उन्हों-ने थोड़ा लंड
और डाल दिया.. ` आआआ…… …मर गयी रे स्वामी जी मर जाऊंगी.` स्वामी जी नें
एक धक्का और लगाया और पूरा लंड चूत के अंदर कर दिया सुबू पूरे ज़ोर से
चिल्लाई, ` स्वाअमीइजीई बस मर जाऊंगी , फाड़ डी मेरी, बस करो स्वामीजी.`…
……… स्वामी जी सुबू के चीखने से समझ गये कि, चूत सच में ही कुँवारी है.
उन्हों-ने धक्के लगाने बंद कर दिए और सुबू की ओर देखने लगे. स्वामी जी
लंबी रेस के घोड़े थे, एक ही बार चुदाई कर के माल को हाथ से खोना नहीं
चाहते थे . सुबू दरद से उभर्चूकी थी. मज़ा लेने का मन होने लगा था.
स्वामी जी के धक्के रुकने पर आँखें खोल कर स्वामीजी की तरफ देखा, और
प्यासी आवाज़ में कहा, ` स्वामी जी चोदो ना, धीरे धीरे, बड़ा अच्छा लगता
है, आपका लंड तो मुझे आपकी गुलाम बना देगा. स्वामी जी प्लीज़ चोदो मुझे ,
अब नहीं चीखूँगी. फाड़ दो मेरी चूत, पर चुदाई करो, हाए स्वामी जी आप मुझे
पहले क्यों नहीं मिले, रामजी तो ख़ास्सी है . आप का लंड तो मस्त है चोदो
स्वामी जी चोदो. हमेशा चोद्ते रहना . धक्के लगाओ स्वामी जी , है आप का
लंड है कितना बड़ा है , कितना मोटा है , ऐसा लग रहा है मेरी पूरी चूत आप
के लंड से भर गयी है, आप पहले क्यूँ नहीं आए, स्वामी जी किस बात की
इंतेज़ार कर रहे हो, चोदो, मुझे स्वामी जी प्लीज़…… …` और सुबू बड़बड़ाती
जा रही थी. स्वामी जी खेले खाए थे . जानते थे की ये औरत प्यासी है लेकिन
चूत कुँवारी है. मोटा लंबा लंड नही झेल पाएगी इस लिए धीरे धीरे कर रहे
थे. वो जानते थे की जैसे ही लंड चूत में सेट हो जाएगा, सब कुछ ठीक हो
जाएगा. और वो वक़्त आने वाला था. सुबू लंड ले चुकी थी . उसका दरद कम हो
गया था . अब उसे धक्के चाहिए थे, मस्त और लंबे धक्के. स्वामी जी ने धीरे
धीरे आगे पीछे करना शुरू किए . हर धक्के के साथ सुबू मस्त हो रहे थे.`
हाई स्वामी जी….., क्या ये है चुदाई…., रामजी तो साला नमर्द है……है. ..
और ज़ोर से स्वामीजी …. और थोड़ा …मज़ा आ रहा है…….ऊऊहह. ..क्याआ. ..बात
है ……स्वामीजी आप महान हो….कसम से…..आप महानहो…. ..आह…आह बड़ा अच्छा लग
रहा है. हां हां और अंदर…. आह आह…….स्वामी …स्वामी आह….. खुद भी घुस जाओ
मेरी फुदी में …..आह फाड़ दो स्वामी …ओह स्वामी….ओह और ज़ोर से ….कसम से
…मुझे छोड़ना मत…. आह में तुम्हारी गुलामी करूँगी आह स्वामी
स्वामी….स्वामी आह आह….` स्वामी जी समझ गये की सुबू झड़ने को है.
उन्हों-ने धक्के तेज़ कर दिए, बिल्कुल ऐसे जैसा कुत्ता कुतिया पर चढ़ कर
100 की स्पीड से धक्के लगाता है. स्वामी जी अपनी पूरी मर्दानगी सुबू के
अंडर उडेल देना चाहते थे. उनके धक्कों की रफ़्तार बढ़ती गयी और सुबू के
सिसकारियाँ बढ़ती गयी.`आआह्ह. … मारो मेरी चूत तुम साले स्वामी कहाँ थे….
तुम अब तक….कहाँ थे…. आह….ऊऊहह. … चोदो… फाड़ डालो.. हाआन्न… ईईईई… …
आआआ.आ अगया गयी में हाए स्वामी ये क्या हो रहा है……आह. …आह
स्वायायायामियीयियैयियीयियी. …..स्वायायीययाया मी……एयाया. .
..हबाअस्सस्स. आअहह…. ` चीखने के साथ सुबू ने अपने चूतड़ ज़ोर ज़ोर से
उपर नीचे करने शुरू कर दिए मानो स्वामीजी का रत्ती भर भी लंड बाहर ना
छोड़ना चाहती हो. स्वामी जी को भी मज़ा आ गया . उन्हों-ने धक्कों की
रफ़्तार तेज़ कर दी. अब वो भी बुदबुदाने लगे,` हाई मेरी जान तेरी चूत तो
स्वर्ग का मज़ा दे रही है . साली बड़ा मस्त चुदवाति है तुझे अब कभी नही
छोड़ूँगा. हर हफ्ते तेरी चूत को चोदने आऊंगा.` दोनो ही बोल रहे थे . दोनो
मस्ती में थे , और अचानक लावा फट गया. स्वामीजी के गले से आवाज़ निकली….
आआआहह. …एयाया. …गया… तेरी चूऊऊत में रे एयाया…. गया.` उधर सुबू चिल्ला
रही थी,` आअहह… मर गयी में स्वामी साले मादर्चोद अब तक कहाँ था भोसड़ी
वाले. में तुझ से चुदने के लिए ही तो थी…..आह. ….आह आहह आआआआआ.. …बस
बस….स्वामी बस….बस स्वामी आआहह…बस स्वामी आह स्वामी सवं सवमी.` स्वामी जी
ने पूरा मज़ा ले कर और दे कर अपना लंड बाहर निकाल लिया. कम से कम 50 म्ल
वीरया तो निकला ही होगा. सुबू की चूत से बाहर भी वीर्या निकल रहा था.
स्वामी जी का पूरा लंड भी क्रीम से साना पड़ा था. सुबू तो वीर्य सने लंड
को देख कर मस्त हो गयी. वो चाट कर उसे सॉफ करने लगी. चाट-ते चाट- ते उसे
चूसने लगी. स्वामी जी ने उसका सिर पकड़ कर लंड पर दबा दिया. उनका लंड
खड़ा होने लगा था. सुबू ने फील किया की स्वामी जी फिर से मस्त होने लगे
हैं. उसने और ज़ोर से चुसाइ शुरू कर दी. स्वामी जी का लंड फिर तन गया.
सुबू को अप्नी चूत में खुजली महसूस हुई और वो चूत को खुजलाने लगी. स्वामी
जी बोले` सुबू यह काम तुम्हारा नही मुझे खुजलाने दो.` स्वामी जी की नियत
जान कर सुबू बोली,` अभी तो चोद कर हटे हो स्वामी जी अब क्या फाड़ ही
डालोगे.`स्वामी जी ने शरारत से कहा ,` फटनी होती तो फॅट गयी होती, अब तो
मस्त चोदने का टाइम है. सुबू अब में तुझे पीछे से चोदुन्गा. पीछे से
चुदाई का ज़्यादा मज़ा आता है. सही में चुदाई का असली और नॅचुरल तरीका तो
पीछे से ही चूत मारने क़ा है स्वामी जी नें सुबू को घुमा कर उसकी पीठ
अपन्नी तरफ कर ली सुबूकी नंगी बाहों के नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूचियाँ
पकड़ कर उन्हें दबाना शुरू कर दिया. सुबू मस्त थी. पूरा स्मर्पण करते हुए
उसने अपना सर पीछे झुकाया और स्वामी जी की तरफ देखा. स्वामी जी उसकी
सेक्सी गुलाबी आँखों को देख कर मस्त हो गये. उन्होंने झुक कर सुबू के
होंठ अपने होंठो में ले लिए और चूसने लगे. सुबू ने अपने होंठ खोल दिए.
स्वामी जी नें अपनी जीभ सुबू के मुँह मे डाल दी और घूमने लगे. दोनो की
मस्ती बढ़ गयी. अब औ रहा नहीं जा रहा था . स्वामी जी नें सुबू को बेड के
कॉर्नर पर घुटनों और कुहनियों के बल लिटा दिया. सुबू के कंधों को नीचे
झुका दिया और गांद उपेर उठा दी. सुबू की चूत टाँगों के बीच से दिखाई देने
लगी. नज़ारा सेक्सी था. सुबू अभी अभी चुद कर हटी थी. स्वामीजी का वीर्य
चूत केआस पास लगा हुआ था . मोटे लंड के कारण चूत की फाँकें कुछ फैल गयी
थी और एक गुलाबी लाइन सी दिखाई दे रही थी. सुबू अपने चूतड़ ऊपेर नीचे
करने लगी. स्वामीजी समझ गये कि वो लंड लेना चाहती है. स्वामीजी नें लंड
सुबू की चूत पर रखा और एक ही बार में धीरे से अंडर घुसेड दिया.सुबू के
मुँह से एक सिसकारी निकली, दर्द की नहीं ,मस्ती और मज़े की.स्वामी जी नें
लंड को अंडर बाहर करना शुरू कर दिया.पीछे से चुदाई में लंड पूरा अंडर जा
रहा था सुबू सोच रही थी स्वामीजी ठीक ही कह रहे थे की पीछे सेचुदाई का
मज़ा ही अलग है . सच ही था. सुबू चुदाई के साथ सोच रही थी की कैसे
स्वामीजी को कहा जाए की जल्दी जल्दी आ कर चुदाई किया करें. सुबू अपनी
बेहन रश्मि- जो उसकी देवरानी बन-ने वाली थी, को भी स्वामीजी से चुदाई का
मज़ा दिलवाना चाहती थी. वो जानती थी की उसका देवर मनोज भी रामजी की तरहा
ख़ास्सी है और रश्मि को नहीं चोद पाएगा. अचानक सुबू का ध्यान टूटा.
स्वामीजी ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहे थे. पूरा लंड बाहर निकाल फिर अंडर
डालते थे. सुबू मस्त हो चुकी थी. अपने चूतदों को ज़ोर ज़ोर से ऊपेर नीचे
कर रही थी. धीरे धीरे उसके दिमाग़ नें काम करना बंद कर दिया. वो कुछ भी
सोच नहीं पा रही थी. केवल चूत लंड चुदाई और स्वामीजी ही उसके ख़यालों में
थे.मस्ती पूरी तरह हावी थी. मज़ा आने वाला था. सुबू के मुँह से सिसकारिया
निकलने ल्गी थी. वो मुँहसे कुछ बड़बड़ा रही थी. धीरे धीरे उसकी मस्ती
बढ़ती गयी. उसकी आवाज़ ऊँची होती गयी. स्वामीजी का हर धक्का उसे स्वर्ग
की सैर करा रहा था,` आह स्वामी जी……. क्या चीज़ हो आप……. कैसे चोद्ते
हो…. आह…..स्वामीजी आप और कैसे कैसे चोद सकते हो….सब तरहा से चूत मारो
मेरी……मैं कहती थी ना की मेरी चूत फॅट ना जाए…….. अब कहती हूँ फाड़ दो
इसे…….धक्के मार कर.` सुबू को पता नही था की वो क्या बोल रही है. मॅन की
बातें ज़ुबान पर आ रही थी. स्वामीजी उसकी बातें सुन कर और भी सेक्सी हो
रहे थे. उनके धक्कों की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी. ` अहह….स्वामी जी
स्वामीजी….. …आअहह. स्वामी ……स्वामी आह….फाड़ दो ….फाड़ दे स्वामी
साले…..स्वामी मॅदर चोद…….स्वामी चूतिया….. .फाड़ दे साले. आह….स्वामीजी
प्लीज़ और ज़ोर से… और ..हां ऐसे ही…हः… आह…आह स्वामी जी मज़ा आने वाला
है….सवमीज़ी. …रोज़ चोदना मुझे….कभी जाना मत…..आह. ..स्वामीजी मेरी बेहन
को भी स्वर्ग दिखा दो…..अहहहः. …उसे भी चोदना ` सुबू को मज़ा आने वाला
था. वो अपने चूतड़ ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. स्वामीजी नें अप्ना मज़ा रोक
लिया और सुबू के बाद झड़ने का फ़ैसला किया. अचानक सुबू को मज़ा आ गया वो
ज़ोर से चिल्लाई, ` आह…….मर गयी रे……ये क्या कर दिया स्वामी…..इतना मज़ा
? हे भगवा…..ये स्वामी क्या चीज़ है ……..हाए ……और क्या चीज़ है ये लंड और
चूत…..आह आह आह ….स्वामी आह.. मर गयी…..मर गयी. स्वामी फाड़ दे साले फाड़
मेरी चूत…. फाड़ ….फा….. आह……. .` और इसके साथ ही वो पस्त हो गयी.अब
स्वामी जी की बारी थी. स्वामीजी नें मज़ा लेने का मॅन बनाया और ज़बरदस्त
धक्कों के साथ झाड़ गये. एक ऊँची आवाज़ उनके गले से निकली…..आआआआः हह….
….आआआगयाआ आ…स उउउब्ब्ब्ुऊउ… ..आअहह. ……..किययाया चूऊत है……..आआहह ह…….
..सुउुबुउउउ. ….सुउुउउ ब्ब्ब्बुउउउ` नीचे सुबू को अपनी चूत में स्वामीजी
का वीर्य गिरता महसूस हुआ तो उसेफिर मज़ा आने लगा. स्वामी जी का वीर्य
गिरता ही जा रहा था.थोड़ी देर में सब शांत हो गया. स्वामी जी नें लंड
बाहर निकाला. सुबू सीधी हुई और स्वामीजी का लंड प्यार से चूस चाट कर सॉफ
किया. खड़ी हो कर पूछने लगी, `स्वामीजी अब कब आओगे`. जल्दी ही आऊंगा,
रश्मि की कुँवारी चूत जो चोदनि है.` सुबू नें प्यार से उनकी तरफ देखा और
उनके गले लग गयी और अगली चुदाई के सपनों में डूब गयी. ———— ——— ——— ———
——— ——— ——— — ———– SWAMI JI KA KAMAL (Story) Subhadra ( Subu ) ek 25
saal kee bahut hi sunder gadrayee (Sightly fattish )shareer ki aurat
hai****ka pati Ramjee Delhi mein wholesale ka kaam karta hai.Subu
padhi likhi aurat hai . Lekin uski aankhon mein ek udsasi see bhari
rehti hai. Ek aisee udasee jo adhoori kaam vaasna ki nishani hai.
Lagtha hai Ramjee uski pyaas nahi bujhata.Ghar mein Subu ki choti
behan bhi rehti hai . Uska rishta Ramjee ke chote bhai ( Manoj )se
pakka ho chuka hai. Rshami ( Subu ki choti behan ) college mein padhti
hai.Subu ki devrani (Reeta)bhi isee ghar mein rehthi hai magar aaj kal
Gwlalior mein hostel mein reh kar padh rahee hai. Ramjee ke maa baap
gano mein rehte hain.Ye tho hai pariwar ka introduction. Subu ki udasi
ka koi anth nazar nahin aata . Chudai ka man kartha hai magar kaya
kare. Dil tho uska chata hai ki kahin se koi mard aye aur uskee pyaas
bujha de. Lagtha hai Subu ki prarthna puri hone ko hai. Uskee choot ki
pyaas bujhne wali hai. Ek din ek swami ji- lagbhag 35 saal ke geruye
kapde pehne, chote chote baal aur choti dadhi , gora dehkta rang, 6
foot ka hatta katta jism- Subu ke ghar aye, aur bhiksha mangne lage.
Subu bahar ayee aur swami ji ko pranam kar ke jaise hee nazar upar
uthai, ki hairan reh gayee. Sawami ji ki personality nein use mast kar
diya. Brabas hee sochne lagi – itna sunder sharir !! Naa jane land
kaisa hoga. Man hi man mein unke land ki kalpna karne lagi. Use apni
choot swami ji ke land se bhari hui lagi. Barbas hi uski nazar swami
ji ke land ki taraf uth gayee. Swami ji bhaamp gaye ki sundri land ki
pyasi hai aur iska mard ise satisfy nahi kar pata. Woh bole: Swami
ji–` Devi kasi ho, sab kushal tho hai ?` Subu– `haan swami ji theek
hee hai.` Swami ji — `Nahin devi theek nahee, mujhe bathao, mein
tumhari samasya door karne kee koshish karoonga.` Subu –` Nahin swami
jee kuch nahi.` Kehne ko tho Subu ne keh diya magar man mein soch rahi
thee ke kaash kuch aisa ho jaye ki swami ji aaj uskee chod chod kar
man ki murad puri kar dein. Swami ji bhi samajh gaye ki ye aurat land
ki pyasi hai mangar dil kee ichcha bataane mein sharma rahi hai .
Sochne lage unhen hee pehal karnee padegee. Bole ` Devi ghar mein koi
nahi ? Seth jee dikhai nahi de rahe.` Subu — `Swami ji woh to dukaan
par gaye hain raat ko hi ayege. Unehein apne kaam se samay nahi
milta.` Swami ji — `Achcha ye baat hai, ye tho galat hai, ` sharaat se
bole,` ghar mein itnee sunder patni aur unke paas ghar ke liye samay
nahi ? Tum kaho tho mein koee sadhan karoon ki seth ji tumahare aage
peeche ghoomne lagen.` Subu –` Usase kya hoga swami ji` Yeh kehte hue
Subu nein aankhe doosree taraf kar leee. Swami ji samajh gaye ki mazra
sirf chudai ka hee nahe hai balke land kaa bhee hai. Seth ka land bhi
iski choot mein samata nahi hai. Ab swami ji mood mien aa gaye. bole:
` Devi ashant dikhte ho kaho tho tumharee shaantee ke liye pryas
karoon ? Kya ander nahi bulaogi ? ` Ab Subu ko mehsoos hua ki land ke
dhyaan mein woh abhi tak darwaze par he kahre hain.Boli `Haan haan
swami ji ayeeye ` Andea aa kar swami jee ne idhar udhar nazar ghumai
aur poocha ` Ghar mein koi nahi hai ………Swami ji ne idhar udhar dekha
aur poocha ` Ghar mein koi nahin hai kya?` Subu nein kaha, ` kaam
valiyan subha shaam aati hain aur meri behan jo college mein padhti
hai college ke baad apni friend ke saath chalee jathee hai. Wahan se
home work kar ke 6 6.30 baje aatrhi hai.` Swami ji samjh gaye ki mamla
saaf hai aur chudai ho sakti hai.bole ,` Tho phir hm thumhari samsya
ke samadhaan ke liye anushthaan kar sakte hain.` Subu –` Jaisa aap
theek jaane` Swami ji –`Tho theek hai, mein thumhein bata doon kee
mein thumhen sammohit karunga aur thumharee samasya ka hal dhoondhne
ki koshish karoonga. Sammohit ka arth janthi ho naa? Tumhe poora
samarpan karna hoga, aur mein toumse kuch poochoonga aur tumhen uske
sachche jawaab dene honge` Subu — `Theek hai swami jee, agar is se
meri samsya ka hal hotha hai tho mujhe koi aitraaz nahi hai` Swami ji
— `Tho cchalo shuru karthe hauin` ye keha kar swami ji ne subu ko
aankhe band karne ko kaha aur kuch budbudane lage`.Achanak wo bole,`
devi tumhari samasya meri samajh mein aa gaye hai. Tum ab aankhein
band kar lo. Socho kee thum shuney ( zero) ho thumhara jo bhee astitva
hai wo mujh se hai. Tum mujh mein ho. Ham dono ek hain. Kya tum mujhe
sun rahi hi ?` Subu ` Haan swami ji` Swami ji –` Kya tum samajh rahi
ho mein kya keh raha hoon.` Subu — `Haan swami ji ` Swami ji –` Theek
hai, ab apna dhyaan apni samasya par lagao.` itna sunte he Subu ke
samne swami jee ka shreer aur land ghoom gayaa.` Swami ji –`Kya tum
apni samasya ko samajh sakti ho?` Sabu — `Haan swami ji.` Swami ji –`
Kya ye tumhare pati se sambandhit hai?` –`Haan swami ji` –`Kya ye sex
se sambadhit hai?` –………. ….. –`Bolo devi` (devi mean's women) –……….
….. –`Bolo devi` –………. ….. –`Agar tum bologi nahin tho samasya kaa hal
nahin hoga` –………. …. –`Bolo devi bolo.` – `Haan swami jee.` –`Kyaa sex
naheen karte` –………. …. –Ab swami jee ne trump card khelne ka phaisla
kar liya-`kya chudai nahin karte?` –………. … –`Bolo devi kya woh tumhen
chodte nahin?` –`Hummmmmm. ….` –` Yanee chodte tho hain` –Hummmmmmm.
…` –` –`Satisfy nahin kar sakthe?` –`Hummmmmm. ..` Swami ji samjh gaye
ki lohar ki chot karne ka waqt aa gayaa hai. Bole ` Theek hai devi.
Swamiji samajh gaye ki mamla phit karne ka waqt aa gaya hai. wo
bole,`devi chudvane ki ichcha rakhte ho?` Subu –`hmmmmm..` Swami ji
–`Theek hai apna haath badhao.`Sammohit Subu nein apne haath badha
diye. Swami ji nein apne haath me uske haath pakde aur masalne
lage.Subu masti mein aane lagee. Uski saans jor jor se chalne
lagi****ne swami ji ka haath pakad liye.thodi der ke baad swami ji
samajh gaye ki aurat masti mein hai. Unhonne Subu ke haath mein apna
phaphanata land pakda diya. Subu ne swami ka 8″ ka 3″ golai ka land
hath mein kas liya jaise kahin bhag naa jaye.Subu ki saanse jor jor se
chalne lagee. Swami ji subu haath pakad kar khade ho gaye, aur poocha,
" kyon devi acacha lag raha hai?` Subu kewal hunkar bhar kar reh
gayee. Swami ji bole,` devi andar logi ?` Subu –`Jaisa aap theek
samjhe." Swami ji samajh gaye ki ab land choot mein daal dena chahiye.
Swami ji nein Subu ko bed par lita diya, aur uskee sari utaar di. Subu
ki choot bilkul naveli lag rahi thee. Choot ke pallon ko dekh kar aisa
lagtha tha ki kabhi chudai hui hee nahin. Dheere dheere swamiji
neinSubu ka blouse aur bra bhi nikal di. Subu aankhen band kar ke
kewal kasmasati rahi. Ab woh intzar mein thee ki kab swami ji kaa
belan uski choot mein jatha hai. Woh dar bhi rahi thee ki kahin choot
ka kachra hi naa ho jaye. Swami ji ne uske honth choosna shuru kar
diye. Subu bhi poora saath de rahi thee.Swami ji Subu ki choochiyan
dabane lage. Kuch hi der mein swamiji nein Subu ki choochiyan choosni
shuru kar di. Subu ki choot pani chodne lagi. Swami ji ne ek haath se
choot ko sehlana shuru kar diya. Subu ki buri haalath thee. Ab raha
nahin ja raha thaa. Usne socha ab sammohan ki acting band kar deni
chahiye aur khul kar chudai ka maza lena chahiye. Subu nein aankhen
kholi aur swami ji se kaha,` ab daal bhi deejiye naa` Swami ji nein
sar uthaya aur muskuraye. Woh bhi tho acting hee kar rahe the. `Haan
devi…….. ..` Subu beech mein hii rok kar boli,` ab bas bhe kariye
swami ji, mujhe Subu bulaiye , par mein aap ka land ek baar phir
choosna chahti hoon. ` Swami ji –` haan lo`. keh kar swami ji ne land
uske munh mein daal diya. Subu aise lag rah tha ki Subu poora land
khaa lena chahti thee. Swami ji nein bhe aisee chusai naheen karvai
thee. Subu apnee jeebh land ke soorkh par ragad rahi thee jis-se swami
jee pagal ho rahe the . Swami ji kaa land ab 9″ kaa ho chala tha swami
ji kolaga agar ab choot mein naa daala gya tho phat jayega. Unhon-ne
dheere se land Subu ke munh mein se nikala aur use lita diya. Uski
gaand ke neeche fk takiya rakh diya.Sobu ki choot ek takiye se he upar
aa gayee. Subu ki choot upri choot thee.Doosree tarha ki choot neeche
ki choot hoti hai . Aisi choot ke neeche bade takiye rakhne padte
hain. Neeche ki choot ko peeche se chodne kaa jyada maza aatha hai.
Khair swami ji nein Subu ki taangen uthaee aur land choot ke upar
rakha. Subu mast ho chuki thee ,boli` swami ji itna mota land hai ,
meri choot phat tho nahin jayegee?` Aisa lag raha tha jaise uski awaaz
badi door se aa rahi hai. Swami ji bole,` Chinta na karo rani, agar
hamare chodne se choot phat gayee tho baat he kya . Choot phatee hai
andiyon ke chodne se jo sabar se nahin chodte.` Subu — `Tho phir daal
do naa, ab aur nahin raha jatha . Na jane kitnee baar aise land kaa
sapna dekha hai, aaj samne meri choot mein jaane ke liye taiyaar hai.
Abdaal hee do swami.` Yeh sun kar swami ji nein dheere se ek dhakka
lagaya aur land ka topa choot mein ghused diya. Subu ki choot swami ji
ki ummeed se jyada mast aur tight thee. Swami ji bhee lambi lambi
saansein lene lage. Thoda aur land andar daal diya . Ab Subu ko dard
hua-"Aayeee, mar gayee re….swami ji dheere chodo dard ho raha hai.`
Magar swami ji janthe the ki ye darad ab maze mein badalne wala hai.
Unhon-ne thoda land aur daal diya.. ` Aaaaaa…… …mar gayee re swaami ji
mar jaoongi.` Swami ji nein ek dhakka aur lagaya aur poora land choot
ke andar kar diya Subu poore jor se chillayee, ` swaaamiiijiiii bas
mar jaoongi , phaad dee meri, bas karo swamiji.`… ……… cont Swami ji
Subu ke cheekhne se samajh gaye ki, choot sach mein hee kunwari hai.
unhon-ne dhakke lagane band kar diye aur Subu ki or dekhne lage. Swami
ji lambi race ke ghode the, ek hee baar chudai kar ke maal ko haath se
khona nahin chate the . Subu darad se ubharchuki thee. Maza lene ka
man hone laga tha. swami ji ke dhakke rukne par aankhen khol kar
swamiji kee taraf dekha, aur pyasi awaaz mein kaha, ` swami ji chodo
naa, dheere dheere, bada achcha lagta hai, aapka land tho mujhe aapkee
ghulam bana dega. Swami ji please chodo mujhe , ab nahin cheekhoongee.
Phaad do meri choot, par chudai karo, haye swami ji aap mujhe pehley
kuon nahin mile, Ramjee tho khassee hai . Aap ka land tho mast hai
chodo swami ji chodo. Hamesha chodte rehna . Dhakke lagao swami ji ,
hai aap ka land hai kitna bada hai , kitna mota hai , aisa lag raha
hai meri poori choot aap ke land se bhar gayee hai, aap pehle kyun
nahin aaye, swami ji kis baat ki intezar kar rahe ho, chodo, mujhe
swami ji please…… …` aur Subu badbadati ja rahi thee. Swami ji khele
khaye the . Janthe the ki ye aurat pyasi hai lekin chhot kunwari hai.
Mota lamba land nahi jhel payegi is liye dheere dheere kar rahe the.
Woh janthe the ki jaise he land choot mein set ho jayega, sb kuch
theek ho jayega. Aur woh waqt aane wala tha. Subu land le chuki thee .
Uski darad kam ho gaye thee . Ab use dhakke chahiye the, Mast aur
lambe dhakke. Swami ji ne dheere dheere aage peeche karna shuru kiye .
Har dhakke ke saath Subu mast ho rahe the.` Hai swami je….., kya ye
hai chudai…., Ramji tho saala namard hai……hai. .. aur jor se swamiji
…. aur thoda …maza aa raha hai…….oooohhhh. ..kyaaaa. ..bat hai
……swamiji aap mahaan ho….kasam se…..aap mahaanho…. ..ah…ah bada
achacha lag raha hai. haan haan aur under…. ah ah…….swami …swami ah…..
khud bhe ghus jao meri phudi mein …..ah phad do swami …oh swami….oh
aur jor se ….kasam se …mujhe chorna mat…. ah mein tumhari ghulami
karoongi ah swami swami….swami ah ah….` Swami ji samajh gaye ki Subu
jhadne ko hai. unhon-ne dhakke tez kar diye, bilkul aise jaisa kutta
kutiya par chdh kar 100 kee speed se dhakke lagata hai. swami ji apni
pooree mardangi Subu ke under udel dena chahte the. Unke dhakkon ki
raftaar badhtee gayee aur Subu ke siskariyan badhte gayee.`AAhh. …
maro meri chhot tum saale swami kahan the…. tum ab tak….kahan the….
ah….oooohhhh. … chodo… phad daalo.. haaann… yeeeeeeee… … aaaaaa.aa
agya gayee mein haye swami ye kya ho raha hai……ah. …ah
swaaaaaamiiiiiiiii. …..swaaaaaaaaa mi……aaaaa. . ..hhhhbaaassss.
aaahhh…. ` Cheekhne ke saath Subu ne apne chutad jor jor se upar
neeche karne shuru kar diye mano swamiji ka ratti bhar bhi land bahar
naa chorna chahti ho. Swami ji ko bhi maja a gaya . Unhon-ne dhakkon
kee raftaar tez kar dee. Ab woh bhee budbudane lage,` Hai meri jaan
teri choot tho swarag ka mazade rhai hai . Too tho saali bada mast
chudwati hai tujhe ab kabhi nahien chorunga. har hafte teri choot ko
chodne aoonga.` Dono hee bol rahe the . Dono masti mein the , aur
achanak lava poot gya. Swamiji ke gale se awaaz niklee….
aaaaaahhhhhhh. …aaaaa. …gya… teri choooooot mein re aaaaa…. gya.`
Udhar Subu chilla rahi thee,` aaahhhh… maar gayee mein swami saale
matherchod ab thak kahan tha bhosdi wale. mein tujh se chudne ke liye
hee tho thee…..ah. ….ah aahhhh aaaaaaaaaa.. …bas bas….swami bas….bas
swami aaaahhh…bas swami ah swami sawm sawmi.` Swami ji ne poora maza
le kar aur de kar apna land bahar nikaal liya. Kam se kam 50 ml veerya
tho nikla hee hoga. Subu ki choot sebahar bhee virya nikal raha
thga.wami ji ka poora land bhe cream se sanna pada tha. Subu tho
veerya sane land ko dekh kar mast ho gayee. Woh chat kar use saaf
karne lagi. Chat-the chat- the use choosne lagee. Swami ji ne uska sir
pakad kar land par daba diya. Unka land kahada hone laga tha. Subu ne
feel kiya ki swami ji phir se mast hone lage hain. Usne aur zor se
chusai shuru kar dee. Swami ji ka land phir tan gaya. Subu ko upni
choot mein khujlee mehsoos hui aur woh choot ko khujlane lagee.
Swameee ji bole` Subu yeh kaam tumhara nain mujhe khujlane do.` Swami
ji kee niyat jaan kar Subu boli,` Abhi tho chod kar hate ho swami ji
ab kya phaad hi daaloge.`Swami ji ne sharat se kaha ,` phatnee hoti
tho phat gayee hotee, ab tho mast chodne ka time hai. Subu ab mein
tujhe peeche se chodunga. Peeche se chudai ka zyada maza aata hai.
Sahe mein chudai ka aslee aur natural tareeeka tho peeche se hee choot
marne kaa hai Swami ji nein Subu ko ghuma kar uskee peeth apnni taraf
kar lee****ki nangi bahon ke neeghe se haath daal kar uski choochiyan
pakad kar unhen dabana shuru kar diya. Subu mast thee. Poora smarpan
karthe huye usne apna sar peeche jhukaya aur swami ji kee taraf dekha.
Swami ji uski sexy ghulabi aankhon ko dekh kar mast ho gaye. Unhonne
jhuk kar Subu ke honth apne hontho mein le liye aur choosne lage. Subu
ne apne honth khol diye. Swami ji nein apnee jeebh Subu ke munh me
daal dee aur ghumane lage. Dono ki masti badh gayee. Ab au rahr nahin
jaa rahaa tha . Swami ji nein Subu ko bed ke corner par ghutnon aur
kuhniyon ke bal lita diya. Subu ke kandhon ko neeche jhuka diya aur
gaand uper utha dee. Subu kee choot tangon ke beech s dikhai dene
lagi. Nazara sexy tha. Subu abhi abhi chud kar hati thee. Swamiji ka
veerya choot keaas paas laga hua tha . Mote land ke karan choot ki
phankein kuch phail gayee thee aur ek ghulabee lini see dikhai de rahi
thee. Subu apne chootad ooper neeche karne lagi. swamiji samajh gaye
ki woh land lena chahti hai. Swamiji nein land Subu ki choot par rakha
auer ek hee baar mein dheere se under ghused diya.Subu ke munh se ek
siskari niklee, dard ki nahin ,masti aur maze ki.Swami ji nein land ko
under bahar karna shuru kar diya.Peeche se chudai mein land poora
under jaa rahe tha Subu soch rahi thee swamiji theek hee keh tahe the
ki peeche sechudai ka maza hee alag hai . Sach hee tha. Subu chudai ke
saath soch rahee thee ki kaise swamiji ko kaha jaye ki jaldi jaldi aa
kar chudai kiya karein. Subu apni behan Rashmi- jo uski devrani ban-ne
wali thee, ko bhe swamiji se chudai ka maza dilwana chahti thee. Woh
janti thee ki uska devar Manoj bhee Ramji kee tarha khassi hai aur
rashmi ko naheen chod payega. Achanak Subu ka dhyaan toota. Swamiji
jor jor se chudai kar rahe the. Poora land bahar nikal phir under
daalte the. Subu mast ho chuki thee. Apne chootdon ko jor jor se ooper
neeche kar rahi thee. Dheere dheere uske dimagh nein kaam karna band
kar diya. Woh kuch bhee soch naheen paa rahi thee. Kewal choot land
chudai aur swamiji hee uske khayalon mein the.Masti poori taraha havi
thee. Maza aane wala thaa. Subu ke munh se siskariya nikalne lgee
thee. Woh munh kuch badbada rahi thee. Dheere dheere uski masti badhti
gayee. Uskee awaaz oonchi hothi gayee. Swamiji ka ha dhakka use swarg
ki sai kara raha tha,` Ah swami ji……. kya cheez ho aap……. Kaise chodte
ho…. ah…..swamiji aap aur kaise kaise chod sakte ho….sab tarha se
choot maro meree……mrin kehtee thee naa ki meri choot phat naa jaye……..
ab kehtee hoon phad do ise…….dhakke maar kar.` Subu ko pata nahi thaa
ki woh kya bol rahi hai. Mann kee baathein jubaan par aa rahi thee.
swamiji uskee baathein sun kar aur bhee sexy ho rahe the. Unke dhakkon
ki raftaar badhti jaa rahi thee. ` Ahhhhhh….swami ji swamiji…..
…aaahhhhh. swami ……swami ah….phad do ….paad de swami sale…..swami
mather chod…….swami chutiya….. .phad de saale. Ah….swamiji pleese aur
jur se… aur ..haan aise hee…hah… ah…ah swami ji maza aane wala
hai….sawmiji. …roz chodana mujhe….kabhi jaana math…..ah. ..swamiji
meree behan ko bhee swarag dikha do…..ahahahah. …****e bhee chodna `
Subu ko maza aane wala tha. Woh apne chootad jor jor se hilane lagi.
Swamiji nein upna mazatrok liya aur Subu ke baad jhadne ka phasla
kiya. Achanak Subu ko maza aa gaya woh jor se chllaye, ` ah…….mar
gayee re……ye kya kar diya swami…..itna maza ? Hey bhagwa…..ye swami
kya cheez hai ……..haye ……aur kya cheez hai ye land aur choot…..ah ah
ah ….swami ah.. mar gayee…..mar gayee. swami phad de saale phad meri
choot…. phad ….pha….. ah……. .` aur iske saathhi woh past ho gayee.Ab
swami ji kee bari thee. Swamiji nein maza lene ka mann banaya aur
zabardast dhakkon ke saath jhad gaye. Ek oonchi awaz uhke gale se
niklee…..AAAAAAAH HHHHH…. ….AAAAAAGYAAAA AA…S UUUBBBUUU… ..AAAHHHHHHH.
……..KYAAAA CHOOOOT HAI……..AAAAHHHH HH……. ..SUUUBUUUU. ….SUUUUU
BBBBUUUU` Neeche Subu ko apni choot mein swamiji ka veerya girtha
mehsoos hua tho usephir maza aane laga. Swami ji ka veerya girta hee
ja raha tha.Thodi der mein sab shant ho gya. Swami ji nein land bahar
nikala. Subu seedhee huee aur swamiji ka land pyaar se choos cha kar
saaf kiya. Khadi ho kar poochne lagi, `swamiji ab kab aaoge`. Jaldi
hee aaoonga, Rashmi kee kunwari phddi chodni hai.` Subu nein pyar se
unki taraf dekha aur unke gale lag gayee aur aglee chudai ke sapnon
mein doob gayee. ———— ——— ——— ——— ——— ——— ——— — ———– Tags = Future |
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