Saturday, October 23, 2010

कामुक-कहानियाँ बदला पार्ट--24

कामुक-कहानियाँ

बदला पार्ट--24

गतान्क से आगे...
"तुम जाओ,रजनी.",देविका ने रजनी के हाथो से सवेरे धुले & इस्त्री किए
कपड़े लिए,"..आज मैं प्रसून का कपबोर्ड ठीक कर देती हू.",प्रसून वही बैठा
कोई बच्चो की किताब पढ़ रहा था.

"ओके,मॅ'म.",रजनी मुस्कुराते हुए वाहा से चली गयी.

"अरे ये क्या प्रसून?"

"क्या हुआ मम्मी?",प्रसून ने किताब से सर उठाया.

"तुमने कल 2 पाजामे पहने थे क्या?"

जवाब मे प्रसून मा से नज़रे चुराने लगा,"बोलो,बेटा."

"नही.."

"पर यहा तो तुम्हारे 2 पाजामे धुले हैं.",देविका ने प्रसून क चेहरा अपनी
ओर घुमाया,"बताओ ना बेटा."

प्रसून सर झुकाए बैठा रहा,"प्रसून,तुम्हे शर्म आ रही है क्या?",प्रसून ने
हाँ मे सर हिलाया.देविका को हँसी आ गयी मगर उसने उसे रोक लिया.

"बेटा,रात को पाजामा खराब हो गया था ना?"

राज़ खुलने से प्रसून और शर्मिंदा महसूस करने लगा & उसके चेहरे को देख के
ऐसा लगा की मानो अभी वो रो पड़ेगा,"घबराने की कोई बात नही बेटा.अब तुम
बड़े हो गये हो ना,इसलिए ऐसा हो रहा है."

प्रसून ने मा को सवालिया नज़रो से देखा,"हां बेटा.मेरी बात धान से
सुनो.बेटा,जब हम बड़े हो जाते हैं ना तो हमारे बदन मे बहुत से बदलाव आते
हैं.वही तुम्हारे मे भी आए हैं.ये सारे बदलाव लड़के को बाप & लड़की को मा
बनाने के लिए होते हैं."

"तो क्या अब मैं पापा बन गया हू?",प्रसून का मासूम सवाल सुन देविका इस
बार अपनी हँसी नही रोक पाई.

"नही बेटा.तेरी शादी कहा हुई है अभी!जब शादी होगी तब तू पापा & तेरी बीवी
मम्मी बनेंगे & यही मैं तुझे आज बताउन्गी की कैसे बनते हैं पापा &
मम्मी.",देविका अब संजीदा हो गई थी.

"प्रसून,तुम्हारा पाजामा खराब हुआ था तो जो चीज़ तुम्हारे वाहा से निकली
थी वो चिपचिपी सी थी ना?",प्रसून ने हाँ मे सर हिलाया.

"उसे पानी कहते हैं या फिर वीर्या.तुम्हारा वो जहा से तुम पेशाब करते हो
वो कभी-2 बहुत कड़ा हो जाता है ना?",देविका के गाल शर्म से लाल हो गये थे
मगर ये कम करना ज़रूरी था.प्रसून ने फिर से हाँ मे सर हिलाया.
"तो जब ये कड़ा हो जाता है तब इसे अपनी बीवी के पेशाब करने की जगह,जोकि 1
छेद जैसी होती है,उसमे घुसा के उस वीर्या को अंदर गिराते हैं.इसी से बीवी
के पेट मे बच्चा आ जाता है.",देविका ने जल्दी से बात कही.

"ये काम सिर्फ़ बीवी के साथ करते हैं,मम्मी?"

"हाँ,बेटा सिर्फ़ उसी के साथ.",देविका ने उसके गाल थपथपाए,"..ये काम
सिर्फ़ बीवी के साथ करते हैं & इसके बारे मे सभी बाते भी.कभी भी ये बातें
अपनी बीवी & मेरे सिवा और किसी से नही करना.ओके?"

"ओके,मम्मी."

"अब रात को पाजामा गंदा हो तो परेशान मत होना.ठीक है?"

"ठीक है,मम्मी.".प्रसून के चेहरे पे डर या शर्म का नामोनिशान नही था.

"चलो अब खाना खाने चलते हैं."

"चलिए,मम्मी."

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"उम्म्म....",कामिनी ने वीरेन का सर अपनी बाई चूची से उठाया.दोनो चादर
ओढ़े उसके बिस्तर पे लेटे थे & वीरेन उसके सीने पे झुका था,"..जब देखो
वही झुके रहते हो!",वीरेन हंसते हुए उसका चेहरा चूमने लगा.

"वीरेन.."

"ह्म्म..",वो उसके गले को चूम रहा था.

"तुम्हारे भाय्या का कारोबार तुम्हारी भाभी संभाल लेंगी?"

"हां.बहुत..",वीरेन ने चूमना छ्चोड़ दिया & जैसे कुच्छ सोचने
लगा,"..समझदार औरत है वो.",कुच्छ पॅलो बाद उसने जवाब दिया.

"वैसे एस्टेट को चलाने के लिए स्टाफ तो होगा ही?"

"हां,1 मॅनेजर होता है जोकि सभी चीज़ो पे & सारे वर्कर्स पे नज़र रखता है
फिर 1 सेक्यूरिटी मॅनेजर भी है जो एस्टेट की सेक्यूरिटी संभलता है."

"अच्छा."

"हाँ,वो शिवा नाम का आदमी था ना.."

"हाँ,वो लंबा सा."

"हाँ,वोही..",वीरेन लेट गया तो कामिनी उसके सीने पे ठुड्डी टीका वाहा के
बालो से खेलती उसकी बात सुनने लगी,"..वो है सेक्यूरिटी मॅनेजर.",वीरेन
उसके चेहरे को सहला रहा था,"..& वो इंदर है मॅनेजर जोकि कुच्छ ही दिन
पहले आया है."

"अच्छा.इस से पहले वो कहा था?"

"पता नही.ये डीटेल्स तो वही एस्टेट के लोग जानते होंगे.",कामिनी सोच मे
पड़ गयी.पहले उसने सोचा था की वीरेन को वो सुरेन सहाय की दवा वाली बात
बता दे मगर फिर उसने सोचा की पहले कुच्छ & पुख़्ता सबूत मिल जाए जिस से
किसी पे शक़ भी थोडा यकीन मे बदले,फिर बताएगी.

"क्यू पुच्छ रही हो?"


"बस ऐसे ही.इतनी बड़ी जयदाद कैसे संभलेगी ये ख़याल तो आता ही है ना."

"हां,वो तो है मगर भाभी सब संभाल लेगी.",वीरेन जैसे फिर कुच्छ सोचने लगा.

"कहा खो जाते हो?",कामिनी ने उसके निपल को नाख़ून से छ्चोड़ा.

"तुम्हारे यहा होते मैं कही और खो सकता हू!",उसने उसकी गंद पे चूटी काटी.

"ऊव्वव....!",जवाब मे शोखी से मुस्कुराती कामिनी ने उसके आंडो को पकड़ के
दबा दिया.1 बार फिर से दोनो का मस्ताना खेल शुरू हो गया.

"उन्न्ह...उन्न्ह.....",देविका अपने कमरे मे 1 सिंगल-सीटर सोफे पे पाई
उपर चढ़ाए बैठी थी,उसके जिस्म पे 1 धागा तक नही था & उसका दीवाना शिवा
ज़मीन प्यू अपने घुटनो पे बैठ उसकी चूत पे अपनी लपलपाति जीभ फिरा रहा था.

"आआननह...आनह....!",शिवा अपनी जीभ अब उसके दाने के बजाय उसकी चूत मे ऐसे
अंदर-बाहर कर रह हो मानो वो कोई लंड हो.देविका को बहुत मज़ा आ रह
था.मस्ती मे पागल हो उसने शिवा के बॉल पकड़ लिए & उन्हे खींचती हुई उसके
सर को अपनी चूत पे भींचते हुए कमर हिलाने लगी.

"शी..वाअ...ऊव्ववव...डार..लिंग...1 का..आम
है..तुमसे...आआअनन्नह..!",देविका उसके बाल खींचते हुए अपनी कमर हिलाते
हुए झाड़ रही थी.

"कैसा काम,मेरी जान.",शिवा ने अपनी प्रेमिका के झाड़ते ही सर उसकी चूत से
उठाया & घुटनो पे बैठे-2 ही अपना लंड सोफे पे बैठी देविका की चूत मे
घुसाने लगा.

"ऊव्वव...",देविका ने अपना सर सोफे के बॅक पे टीका के पीछे झुका लिया तो
शिवा ने लंड अंदर घुसते हुए मुँह मे उसकी दाई मोटी चूची को भर
लिया,"..मैं प्रसून की शादी करना चाहती हू."

"क्या?!!मगर वो..",देविका ने अपने हैरान प्रेमी के होंठो को अपने होंठो
से सील दिया.उसकी चूत मे उसका लंड बहुत गहरे तक उतरा था.उसने अपनी टाँगे
उसकी गंद पे कस उसे और अंदर किया & अपनी बाँहो मे उसका उपरी बदन भर उसे
खुद से चिपका लिया,"..तुम्हारी हैरानी बाद मे दूर करूँगी."

उसके होंठ छ्चोड़ उसने बेचैनी से कमर हिलाते हुए उसके सीने के बालो मे
उंगलिया फिराई,"..ये है उस लड़की की तस्वीर जिसे मैने प्रसून के लिए पसंद
किया है,इसका नाम है रोमा वेर्मा.प्नच्महाल मे रहती है अपने बड़े भाई
संजय वेर्मा के साथ."

"..ये हैं सारे डीटेल्स.",तस्वीर के साथ 1 काग़ज़ उसने शिवा को
दिखाया,"..शिवा मैं चाहती हू कि ज़रा तुम इस लड़की & इसके परिवार के बारे
मे सब पता कर दो ताकि ये पता चले की ये कैसे लोग हैं & ये लड़की मेरे
प्रसून के लिए सही है या नही."

"वो तो ठीक है मगर..",शिवा के माथे पे अभी भी शिकन पड़ी हुई थी.

"डार्लिंग,बस थोड़ी देर मे तुम्हे सारी बात बताउन्गि मगर पहले मुझे प्यार
तो करो.तुम्हारा लंड मेरे अंदर पड़ा मुझे पागल कर रहा है,जान!",अपनी
जान,अपनी प्रेमिका की बात भला शिवा कैसे टाल सकता था.उसने उसके होंठो को
अपने होंठो की गिरफ़्त मे लिया & उसकी छातिया मसल्ते हुए उसकी चुदाई करने
लगा.

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"आउच..!",बिस्तर पे लेटे वीरेन का लंड अपनी चूत मे लिए उसके उपर बैठी
कामिनी ने उसे 1 प्यार भरी चपत लगाई,उसने उसके निपल को अपनी उंगलियो के
बीच थोड़ा ज़ोर से मसल दिया था,"शरीर कही के!".कामिनी कमर हिला-2 के
वीरेन के तगड़े लंड का लुत्फ़ उठाने लगी.वीरेन के हाथ उसकी मोटी चूचियो
को मसले जा रहे थे.

"ऊहह..वीरेन....ये मॅनेजर लोग तुम्हारी ..आअहह...".उसकी कमर को अपनी बाहो
मे कसते हुए उसने उसे खुद पे झुका लिया था & अब उसकी छातिया अपने प्रेमी
के सीने से पीस गयी थी,"..तुम्हारी एस्टेट मे ही रहता
हैं...ऊऊहह..!",वीरेन उसकी कमर को थामे नीचे से गंद उचका-2 के धक्के लगा
रहा था.

"हां,एस्टेट मनेजर के लिए तो कॉटेज है मगर उस शिवा को भाय्या ने बंगल के
अंदर ही 1 कमरा दिया था अपनी हिफ़ाज़त के लिए.",वो अपना सर उठाए उसके
निपल्स पे जीभ चला रहा था.

"क्यू?उन्हे किसी से ख़तरा है क्या..आआआआआअहह..!",वीरेन ने अपना दाए हाथ
की 1 उंगली उसके गंद के छेद मे घुसा दी थी जिसकी वजह से उसकी मस्ती और भी
बढ़ गयी थी & उसकी कमर हिलाने की रफ़्तार भी.

"अरे नही,बस ऐसे ही प्रिकॉशन लिया था उन्होने."

"अच्छा..आहह..!",तो ये शिवा घर के अंदर रहता था..कही उस नयी दवा की
डिबिया की गुत्थी उसी से तो नही सुलझेगी?..लेकिन उस नये मनेजर इंदर के
बारे मे भी पता करना पड़ेगा....बहुत ज़रूरी था की वो अपने दिल का शक़ दूर
करे.वो नही चाहती थी की अगर सुरेन सहाय किसी साज़िश के शिकार हुए थे तो
उनके परिवार पे कोई आँच आए ख़ासकर के उसके प्रेमी पे जिसका लंड अब उसके
अंदर बहुत खलबली मचा रहा था.

वीरेन की चुदाई की खुमारी अब पूरी तरह से कामिनी के उपर च्छा गयी थी.उसके
ज़हन से एस्टेट की सारी चिंता हवा हो गयी & बस 1 ही बात रह गयी की वो
वीरेन के साथ इन लम्हो का पूरा लुत्फ़ उठाए.उसने अपने होंठ अपने प्रेमी
के होंठो से मिलाए & उछाल-2 कर उसके हर धक्के का जवाब देने लगी.


क्रमशः..................

BADLA paart--24

gataank se aage...
"Tum jao,Rajni.",Devika ne rajni ke hatho se savere dhule & istri kiye
kapde liye,"..aaj main Prasun ka cupboard thik kar deti hu.",prasun
vahi baitha koi bachcho ki kitab padh raha tha.

"ok,ma'am.",rajni muskurate hue vaha se chali gayi.

"are ye kya prasun?"

"kya hua mummy?",prasun ne kitab se sar uthaya.

"tumne kal 2 pajame pehne the kya?"

jawab me prasun maa se nazre churane laga,"bolo,beta."

"nahi.."

"par yaha to tumhare 2 pajame dhule hain.",devika ne prasun k chehra
apni or ghumaya,"batao na beta."

prasun sar jhukaye baitha raha,"prasun,tumhe sharm a rahi hai
kya?",prasun ne han me sar hilaya.devika ko hansi a gayi magar usne
use rok liya.

"beta,rat ko pajama kharab ho gaya tha na?"

raz khulne se prasun aur sharminda mehsus karne laga & uske chehre ko
dekh ke aisa laga ki mano abhi vo ro padega,"ghabrane ki koi bat nahi
beta.ab tum bade ho gaye ho na,isliye aisa ho raha hai."

prasun ne ma ko sawaliya nazro se dekha,"haan beta.meri baat dhayn se
suno.beta,jab hum bade ho jate hain na to humare badan me bahut se
badlav ate hain.vahi tumhare me bhi aye hain.ye sare badlav ladke ko
baap & ladki ko ma banane ke liye hote hain."

"to kya ab main papa ban gaya hu?",prasun ka masoom sawal sun devika
is bar apni hansi nahi rok payi.

"nahi beta.teri shadi kaha hui hai abhi!jab shadi hogi tab tu papa &
teri biwi mummy banenge & yehi main tujhe aaj bataungi ki kaise bante
hain papa & mummy.",devika ab sanjida ho agyi thi.

"prasun,tumhara pajama kharab hua tha to jo chiz tumhare vaha se nikli
thi vo chipchipi si thi na?",prasun ne han me sar hilaya.

"use pani kehte hain ya fir virya.tumhara vo jaha se tum peshab karte
ho vo kabhi-2 bahut kada ho jata hai na?",devika ke gaal sharm se laal
ho gaye the magar ye kam karna zaruri tha.prasun ne fir se han me sar
hilaya.
"to jab ye kada ho jata hai tab ise apni biwi ke peshab karne ki
jagah,joki 1 chhed jaisi hoti hai,usme ghusa ke us virya ko andar
girate hain.isi se biwi ke pet me bachcha aa jata hai.",devika ne
jaldi se baat kahi.

"ye kaam sirf biwi ke sath karte hain,mummy?"

"han,beta sirf usi ke sath.",devika ne uske gal thapthapaye,"..ye kaam
sirf biwi ke sath karte hain & iske bare me sabhi baate bhi.kabhi bhi
ye baten apni biwi & mere siwa aur kisi se nahi karna.ok?"

"ok,mummy."

"ab raat ko pajama ganda ho to pareshan mat hona.thik hai?"

"thik hai,mummy.".prasun ke chehre pe darr ya sharm ka namonishan nahi tha.

"chalo ab khana khane chalte hain."

"chaliye,mummy."

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"ummm....",kamini ne viren ka sar apni bayi choochi se uthaya.dono
chadar odhe uske bistar pe lete the & viren uske seene pe jhuka
tha,"..jab dekho vahi jhuke rehte ho!",viren hanste hue uska chehra
chumne laga.

"viren.."

"hmm..",vo uske gale ko chum raha tha.

"tumhare bhaiyya ka karobar tumhari bhabhi sambhal lengi?"

"haan.bahut..",viren ne chumna chhod diya & jaise kuchh sochne
laga,"..samajhdar aurat hai vo.",kuchh palo baad usne jawab diya.

"vaise estate ko chalane ke liye staff to hoga hi?"

"haan,1 manager hota hai joki sabhi chizo pe & sare workers pe nazar
rakhta hai fir 1 security manager bhi hai jo estate ki security
sambhalta hai."

"achha."

"han,vo Shiva naam ka aadmi tha na.."

"haan,vo lamba sa."

"han,vohi..",viren let gaya to kamini uske seene pe thuddi tika vaha
ke balo se khelti uski bat sunane lagi,"..vo hai security
manager.",viren uske chehre ko sehla raha tha,"..& vo Inder hai
manager joki kuchh hi din pehle aaya hai."

"achha.is se pehle vo kaha tha?"

"pata nahi.ye details to vahi estate ke log jante honge.",kamini soch
me pad gayi.pehle usne socha tha ki viren ko vo Suren Sahay ki dawa
vali bat bata de magar fir usne socha ki pehle kuchh & pukhta saboot
mil jaye jis se kisi pe shaq bhi thoda yakin me badle,fir batayegi.

"kyu puchh rahi ho?"


"bas aise hi.itni badi jaydad kaise sambhlegi ye khayal to aata hi hai na."

"haan,vo to hai magar bhabhi sab sambhal legi.",viren jaise fir kuchh
sochne laga.

"kaha kho jate ho?",kamimi ne uske nipple ko nakhun se chhoda.

"tumhare yaha hote main kahi aur kho sakta hu!",usne uski gand pe chuti kati.

"oowww....!",jawab me shokhi se muskurati kamini ne uske ando ko pakad
ke daba diya.1 bar fir se dono ka mastana khel shuru ho gaya.

"unnhhh...unnhh.....",Devika apne kamre me 1 single-seater sofe pe pai
upar chadhaye baithi thi,uske jism pe 1 dhaga tak nahi tha & uska
deewana Shiva zamin pew apne ghutno pe baith uski chut pe apni
laplapati jibh fira raha tha.

"aaaannhhh...aanhhhhhhh....!",shiva apni jibh ab uske dane ke bajay
uski chut me aise andar-bahar kar rah ho mano vo koi lund ho.devika ko
bahut maza aa rah tha.masti me pagal ho usne shiva ke baal pakad liye
& unhe khinchti hui uske sar ko apni chut pe bhinchte hue kamar hilane
lagi.

"shi..vaaa...oowwww...dar..ling...1 ka..am
hai..tumse...aaaaannnhhh..!",devika uske bal khincte hue apni kamar
hilate hue jhad rahi thi.

"kaisa kaam,meri jaan.",shiva ne apni premika ke jhadte hi sar uski
chut se uthaya & ghutno pe baithe-2 hi apna lund sofe pe baithi devika
ki chut me ghusane laga.

"oowww...",devika ne apna sar sofe ke back pe tika ke peeche jhuka
liya to shiva ne lund andar ghusate hue munh me uski daayi moti chhati
ko bhar liya,"..main Prasun ki shadi karna chahti hu."

"kya?!!magar vo..",devika ne apne hairan premi ke hotho ko apne hotho
se sil diya.uski chut me uska lund bahut gehre tak utra tha.usne apni
tange uski gand pe kas use aur andar kiya & apni baho me uska upari
badan bhar use khud se chipka liya,"..tumhari hairani bad me door
karungi."

uske honth chhod usne bechaini se kamar hilate hue uske seene ke balo
me ungliya firayi,"..ye hai us ladki ki tasvir jise maine prasun ke
liye pasand kiya hai,iska naam hai Roma Verma.Pnachmahal me rehti hai
apne bade bhai Sanjay Verma ke sath."

"..ye hain sare details.",tasveer ke sath 1 kagaz usne shiva ko
dikhaya,"..shiva main chahti hu ki zara tum is ladki & iske parivar ke
bare me sab pata kar do taki ye pat chale ki ye kaise log hain & ye
ladki mere prasun ke liye sahi hai ya nahi."

"vo to thik hai magar..",shiva ke mathe pe abhi bhi shikan padi hui thi.

"darling,bas thodi der me tumhe sari bat bataungi magar pehle mujhe
pyar to karo.tumhara lund mere andar pada mujhe pagal kar rah
hai,jaan!",apni jaan,apni premika ki baat bhala shiva kaise tal sakta
tha.usne uske hotho ko apne hotho ki giraft me liya & uski chhatiya
masalte hue uski chudai karne laga.

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"ouch..!",bistar pe lete Viren ka lund apni chut me liye uske upar
baithi Kamini ne use 1 pyar bhari chapat lagayi,usne uske nipple ko
apni ungliyo ke beech thoda zor se masal diya tha,"sharir
kahinke!".kamini kamar hila-2 ke viren ke tagde lund ka lutf uthane
lagi.viren ke hath uski moti choochiyo ko masle ja rahe the.

"oohhh..viren....ye manager log tumhari ..aaahhhhhh...".uski kamar ko
apni baaho me kaste hue usne use khud pe jhuka liya tha & ab uski
chatiya apne premi ke seene se pis gayi thi,"..tumhari estate me hi
rehta hain...oooohhhh..!",viren uski kamar ko thame neeche se gand
uchka-2 ke dhake laga raha tha.

"haan,estate manger ke liye to cottage hai magar us shiva ko bhaiyya
ne bungle ke andar hi 1 kamra diya tha apni hifazat ke liye.",vo apna
sar uthaye uske nipples pe jibh chala raha tha.

"kyu?unhe kisi se khatra hai kya..aaaaaaaaaaahhhhhhhh..!",viren ne
apna daye hath ki 1 ungli uske gand ke ched me ghusa di thi jiski
vajah se uski masti aur bhi badh gayi thi & uski kamar hilane ki
raftar bhi.

"are nahi,bas aise hi precaution liya tha unhone."

"achha..aahh..!",to ye shiva ghar ke andar rehta tha..kahi us nayi
dawa ki dibiya ki gutthi usi se to nahi suljhegi?..lekin us naye
manger Inder ke bare me bhi pata karna padega....bahut zaruri tha ki
vo apne dil ka shaq dor kare.vo nahi chahti thi ki agar Suren Sahay
kisi sazish ke shikar hue the to unke parivar pe koi anch aye khaskar
ke uske premi pe jiska lund ab uske andar bahut khalbali macha rah
tha.

viren ki chudai ki khumari ab puri tarah se kamini ke upar chha gayi
thi.uske zehan se estate ki sari chinta hawa ho gayi & bas 1 hi bat
reh gayi ki vo viren ke sath in lamhoi ka pura lutf uthaye.usne apne
honth apne premi ke hotho se milaye & uchal-2 kar uske har dhakke ka
jawab dene lagi.

kramashah........

आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर
लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी
कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep
Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj

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