स्वामी जी का कमाल--2 .
सुबू की बेहन रश्मि की चुदाई सुबू स्वामीजी से अलग हुई और कपड़े पहनने
लगी. स्वामीजी ने भी कपड़े पहन लिए. सुबू अंदर गयी और 5000 रुपये ले कर
आई और स्वामीजी को देने लगी, `स्वामीजी , ये लीजीए मेरी तरफ से भेंट.` `
ये क्या है?` `स्वामीजी आप ने मेरी इतनी अच्छी चुदाई की, आप इसे ले
लीजिए` `नहीं सुबू, में चुदाई के पैसे नहीं लेता, और ना मुझे इनकी ज़रूरत
है. हमारे आश्रम के पास बहुत पैसा है. हां अगर तुम इच्छा रखती हो तो में
1000 रुपये रख लेता हूँ , क्यों की हम इस शहर में भी आश्रम खोल रहे हैं.`
` ठीक है स्वामीजी, फिर आप बैठिए, में आप के लिए खाना बनाती हूँ`. `ठीक
है ` कह कर स्वामी जी बैठ गये. सुबू दूध भरा गिलास और ड्राइ फ्रूट लाई और
हंस कर बोली, `स्वामीजी आप ने बहुत मेहनत की है ये पीलीजिए, तब में खाना
बनाती हूँ`स्वामीजी भी हँसने लगे. खाना ख़तम हो गया. सुबू और स्वामी जी
सोफा पर बैठ गये.सुबू नें पूछा, ` अब कब आओगे स्वामी जी ?` `जब तुम
बुलाओ` ` मेरा क्या में तो कहती हों जाओ ही मत, दिन रात मुझेचोद्ते रहो`
`नहीं, पर तुम जब कहो में आ जाऊँगा` `जल्दी से जल्दी कब आ सकते हैं` सुबू
की आँखों के सामने स्वामीजी का लंड घूमने लगा. `ठीक है आज मँगवार है अगले
मंगलवार को आऊंगा` वो बातें कर ही रहे थे की रश्मि आ गयी. स्वामीजी को
देख कर वो रुक गयी. सुबू ने दोनो का परिचाए करवाया,` स्वामीजी ये मेरी
बेहन रश्मि है, रस्मी ये स्वामीजी हें प्रणाम करो`. रश्मि नें प्रणाम
किया और बोली,` दीदी में ज़रा फ्रेश हो लूँ`. ` सुबू बोली ठीक है जा.
स्वामीजी भी जाने वाले हें` रस्मी चली गयी. स्वामी जी नें पूछा, `सुबू
तुम इस लड़की की चुदाई की बात कर रही थी?` ` हां स्वामीजी`. `मगर क्यूँ,
ये तो कुँवारी है. मेने तुम्हें चोदा है इसका मतलब ये नही की में कुँवारी
लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करूँ. चुदाई मेरा पेशा नहीं है. में केवल
उनें ही चोद्ता हूँ जो अपने विवाहित जीवन से निराश होती हैं. इसे
चोदुन्गा तो इसकी सील टूट जाएगी चूत खुल जाएगी. ये इसके पति के साथ धोका
होगा ` स्वामीजी में आपकी भावनाओं की कदर करती हूँ मगर ये मेरी बेहन मेरी
देवरानी बन-ने वाली है और मेरा देवर मनोज भी मेरे पति रामजी की तरहा
नमार्द है. जहाँ तक सील का स्वाल है उसका लंड तो सील तक पहुचेगा भी नहीं
फिर जब मेरी तरहा कल भी चुदाई बाहर से ही करवानी है तो आज ही क्यों
नहीं.आआप परेशान ना हों और अगली बार इसकी भी चुदाई करें.` `अगर ये बात है
तो ठीक है, में अपने एक चेले को भी ले कर आऊंगा. मगर एक बात बताओ, तुम्हे
कैसे मालूम की मनोज भी नमार्द है, क्या उस-से भी चुदाई करवाई थी` `हाँ
स्वामीजी, जब रामजी मेरी प्यास नहें बुझा सका तो मेने मनोज को फँसाया, पर
वो भादुआ तो रामजी से भी बेकार निकला.` ` तो फिर तुम रश्मि की शादी इस-से
क्यों करवा रही हो` ` स्वामीजी जी , ये मेरे सामने रहेगी तो दिल को
तस्सली रहेगी. अगर कहीं और शादी हो गयी और भी कोई नमार्द ही मिल गया तो
क्या होगा . अपनी हालत देख कर मन डरने लगा है. बस अब आप हम दोनो बहनों को
चोद्ते रहिए` `ठीक है तो फिर अगले मंगलवार को अपने चेले के साथ आता हूँ.
` फिर धीरे से बोले, ` मेरा चेला तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ होगा`. सुबू
कुछ समझी नहीं. स्वामीजी चले गये. रश्मि बाहर आई, ` क्या स्वामीजी चले
गये दीदी?` ` दीदी एक बात पूछूँ, आज बड़ी खुश लग रही हो क्या बात है?`
सुबू शरमाई, `नही बस ऐसे ही`. `नही दीदी कुछ तो है , बताओ ना`. ` अरी कुछ
नहीं, अच्छा एक बात तो बता, कॉलेज में तेरा कोई बाय्फ्रेंड है?` रश्मि
हैरान हो गयी. दीदी नें कभी उस-से ऐसी बात नही की थी.बोली,` नहीं दीदी."
` पर आज कल तो सब लड़कियों के बॉय फ्रेंड्स होते हैं` ` हां पर मेरी शादी
भी तो तय हो गयी है` ये कहते हुए वो कुछ उदास हो गयी. वो मनोज और रामजी
जीजा जी के बारे में जानती और समझती थी. ` रश्मि, में जानती हूँ तू क्या
सोच रही है. तेरे जीजा जी में मर्दानगी की कमी है और मनोज भी ऐसा ही है.
फिर भी में तुम दोनो की शादी करवा रही हूँ. रश्मि में ये इस लिए कर रही
हूँ की इस-से तुम मेरे पास तो रहोगी. कहीं दूसरी जगहा भी ऐसा आदमी मिल
गया तो क्या होगा? या तो फिर तुम ही अपने लिए कोई ढूंड लो जो पूरा मर्द
हो. मगर एक बात है यहाँ ढेर सारा पैसा और आज़ादी है , कोई रोक टोक नही.
अगर थोड़ा सोच समझ कर चलें तो सब ठीक हो सकता है. आ इधर मेरे पास आ. तू
कह रही थी ना की आज में बहुत खुश हूँ, हां ये सच है, आज में खुश हूँ. तू
मेरी बेहन ही नहीं मेरी सहेली भी है. हम दोनो एक ही नाव के सवार हें. हमे
एक दूसरे का राज़दार भी बन-ना है. ये जो स्वामी जी आए थे, ये आज मुझे दो
बार चोद कर गये हैं. मेरी तस्सली हो गयी है. अगले मंगलवार को फिर आएँगे
और साथ इनका एक चेला भी होगा. अगली बार में चाहती हूं की तू भी चुदाई
करवा और मज़ा ले.` `मगर दीदी…….. .` `नहिएं रश्मि, में तड़पति रही हूँ
सेक्स के लिए, में तुझे तड़पने नहीं दूँगी.` ये कह कर सुबू नें रश्मि को
बाहों में ले लिया, और अंजाने ही उसके होंठ चूसने लगी……. ……… सुबू और
रश्मि देर तक एक दूसरे से लिपटी रही.अलग हुई तो दोनो की आँखें गुलाबी हो
रही थी. दोनो कामुक थी, और चूत गीली हो रही थी.सुबू को तो फिर स्वामीजी
की याद आ गयी. चूत फिर लंड माँगनें लगी. बड़ी मुश्किल से अपने मन पर काबू
किया. रश्मि को एक बार फिर चूमा और पूछा,` रश्मि सच सच बताओ, तुमने कभी
चूत नही चुदवाइ?` ` नहीं दीदी, सच`. `कभी दिल नहीं करता था ?` ` दिल तो
करता था, पर मेरी सहेली रेखा और में मूली चूत में डाल कर मज़ा लेती थी.`
`मूलीइीईई, ` सुबू हैरानी से चिल्लाई और हँसने लगी, `मेने सुना था की
जवान लड़किया केला चूत में लेती हैं या आजकल रब्बर या प्लास्टिक के लंड
मिलते हैं, पर ये मूली ? में कुछ समझी नही इसका मतलब है कुछ भी डाल लो
चूत में, लौकी, तौरई…कुछ भी? `अर्रे दीदी, ये कोइमामूली मूली नही होती,
इसे स्पेशल बनाया जाता है` `स्पेशल बनाया जाता है, वो कैसे?` `देखो दीदी,
पहले तो अपनी चूत के साइज़ के अनुसार मूली मूली सेलेक्ट कर लो. फिर इसे
7-8 दिन के लिए कहीं रख दो. 7-8 दिन के बाद ये नरम हो जाएगी- बिल्कुल लंड
की तरहा नरम और फ्लेक्सिबल- चूत को ना दुखाने वाली. बस मूली लंड तैयार
है. क्रीम लगाओ और जितना चाहे अंदर लो और जैसे चाहे चोदो.` `कमाल है, तू
कितनी बड़ी मूली लेती है ?` रश्मि नें हाथ से गोलाई और लंबाई बताई. सुबू
नें देखा, मूली का लंड स्वामीजी के लंड बहुत छोटा था. सुबू को तस्सली हुई
की रश्मि अभी चुड़दक़्कड़ नही हुई थी और स्वामी के लंड का पूरा मज़ा
लेगी. बोली, ` बस इतना ही.` `हां दीदी,में तो इतना ही लेती थी, पर रेखा
काफ़ी बड़ी मूली लेती थी.` फिर शरारत से बोली,` दीदी आप भी ले कर देखो ना
कभी.` `हॅट, तू भी एक बार स्वामीजी से चुद जा, मूली भूल जाएगी.` दोनो
बहनें हँसनें लगी. दिन बीत गये . मंगलवार आ गया. सुभह से ही सुबू स्वामी
जी का इंतेज़ार कर रही थी. 11 बजे डोरबेल बजी. सुबू भागी और दरवाजा खोला.
स्वामी जी ही थे. अपने चेले के साथ.चेला भी गुरु की तरह मस्त था. गोरा
लंबा, लेकिन क्लीन शेव. सुबू सोचने लगी रश्मि की चुदाई मस्त होगी. `आइए
स्वामी जी स्वागत है.` स्वामी जी अंदर आए और सोफा पर बैठ गये, और बोले `
सुबू ये है हमारा चेला. हम डाल है तो ये पात. हम से दो कदम आगे.` सुबू
शर्मा गयी, और चेले की तरफ देख भी नहीं सकी. स्वामी जी बोले, ` सुबू,
वक़्त कम है, क्या कहती हो. रश्मि घर में है क्या ?` `हाँ स्वामीजी` ` तो
फिर देर किस बात की है.` `वो शर्मा रही है स्वामीजी` `ओह तो फिर में जा
कर लाता हूँ`. `नहीं स्वामी जी में जाती हूँ और ले कर आती हूँ.` सुबू
अंदर गयी और कुछ देर बाद रश्मि के साथ वापस आ गयी……. सुबू रश्मि को ले कर
आ गयी. स्वामी जी नें अपने पास जगह बनाते हुए कहा, ` आओ रश्मि मेरे पास
बैठो.` रश्मि शरमाती शरमाती स्वामी जी के पास बैठ गयी. स्वामी जी बोले, `
रश्मि एक बात बताओ, क्या सुबू नें तुम्हें कुछ समझाया है, तुम समझ रही हो
ना.` रश्मि नें हां में सर हिलाया. स्वामी जी बोले, ` तो फिर शरम का परदा
उतार दो और पूरा मज़ा लो. क्या तुम तैयार हो रश्मि? में बार बार इस लिए
पूछ रहा हूंकि में किसी लड़की पर कोई ज़ोर ज़बदस्ती नही करता, बोलो
रश्मि.` रश्मि नें स्वामीजी के तरफ देखा और हां में सर हिला दिया.
स्वामीजी बोले, `तो ठीक है सुबू हमे सॉफ सॉफ बात करने चाहिए. में रश्मि
को चोदुन्गा और ये मेरा चेला तुम्हारी चुदाई करेगा.` सुबू को अच्छा नहीं
लगा. वो तो स्वामीजी का लंड लेना चाहती थी. स्वामीजी उसके चेहरे के भाव
पढ़ गये," सुबू चिंता मत करो, ये हमारा चेला चुदाई में हमारा गुरु है.
मेने तुम्हें कहा था ना की में तुम्हारे लिए सर्प्राइज़ लाऊंगा, ये है वो
सर्प्राइज़. दूसरी बात ये जवान है नातुज़रबेकार है रश्मि अभी नयी है , ये
उसकी चूत को नुकसान पहुँचा सकता है. रश्मि को मुझे ही चोदने दो. और एक
बात, इसका लंड ले कर तुम मेरा लंड भूल जाओगी.` सुबू अनमने मॅन से बोली,`
स्वामीजी में आपके लंड को भूलना नहीं चाहती, पर आप कहते हेँ तो ठीक है.
मगर स्वामीजी आप दोनो हम दोनो को यहीं चोदोगे?` स्वामी जी बोले ,` यहीं
ठीक रहेगा , अपनी चुदाई के साथ दूसरे की भी चुदाई देखो`. ये कह कर
उन्हों-ने सुबू को बाहों में भर कर चूम लिया और चेले से बोले, `लो
नारायण, इनकी कामाग्नि को शांत करो`.और खुद उन्होंने रश्मि को बाहों मे
ले लिया. स्वामीजी नें रश्मि के और नारायण नें सुबू के कपड़े उतार दिए.
दोनो उन्हें बेतहाशा चूमने लगे. दोनो औरतें गरम हो गयी.सुबू नें तो
नारारण का लंड हाथ में लिया और उसे एकदम शॉक लगा. स्वामी जी का लंड देखने
के बाद वो सोच रही थी की इस-से बड़ा लंड हो ही नहीं सकता, पर ये…..ये तो
गधे के लंड जैसा था. स्वामीजी ठीक ही कह रहे थे , ये लंड रश्मि की
कुँवारी चूत को फाड़ सकता था.सुबू से रहा नहीं गया. वो जल्दी से जल्दी
नारायण का लंड देखना चाहती थी. उसने नारायण के कपड़े उतार दिए. नारायण का
लंड ऐसे था मानो संसार मे नारायण का लंडसिर्फ़ एक बड़ा लंड है. सुबू नें
एक नज़र स्वामी जी की तरफ डाली. दोनो की नज़रा टकराई. सुबू की आखों में
ऐसा लंड देने के लिए स्वामीजी के लिए आभार था. स्वामी जी मुस्कुराए और
रश्मि को गरम करने में जुट गये. रश्मि नें जब स्वामीजी का लंड देखा तो
घबरा गयी. उसने सुबू की तरफ देखा मगर वो नारायण के साथ मस्त थी. स्वामीजी
रश्मि की उलझन को समझ गये. बोले ` रश्मि घबराओ मत. में तुम्हारी चूत में
उतना ही लंड डालूँगा जितना तुम ले सकोगी. अब शरम उतार दो और मस्ती करो.
देखो सुबू कैसी मस्ती कर रही है.` रश्मि नें उधर देखा. सुबू नारायण का
लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी, मगर इतना मोटा लंड मुँह में
समा नही रहा था. रश्मि सोचने लगी अगर ये लंड मुँह में नही जा रहा तो चूत
में कैसे जाएगा. जब रश्मि की ख्याल टूटा तो देखा की स्वामीजी अपना लंड
उसके मुँह के पास ले आए है. रश्मि नें सोचा जब चुदवाना ही है तो फिर शर्म
कर क्या फाय्दा. स्वामीजी सही कह रहे थे . रश्मि ने स्वामी जी का लंड
मुँह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया. पहली बार लंड मुँह में गया था, रश्मि
तो निहाल हो गयी. उसे मालूम नही था कि लंड की चुसाइ इतनी मस्त होती
है.रस्मी ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी. स्वामीजी मस्ती में आ गये. रश्मि
को लिटा कर उसकी चूत चूसने लगे. उधर सुबू के मुँह में नारायण का लंड समा
नही रहा था. मगर वो इस जंबो लंड को अपनी चूत में महसूस कर रही थीसुबूने
लंड चूसना बंद किया और प्यासी नज़रों से नारायण को देखा. नारायण समझ गया
की सुबू अंदर लेना चाहती है. अब तक नारायण शांत था. जैसे ही चुदाई का
टाइम आया वो जानवर बन गया. सुबू की टाँगें उठा कर उसने अपनें कंधों पर रख
दी और एक ही झटके में लंड सुबू की चूत में घुसेड दिया. सुबू को लगा की
कोई अंगारा उसकी चूत में चला गया हो. वो ज़ोर से चीखी, `हाई में मर गयी ,
स्वामीजी मुझे बचाओ इस-से, इसने मेरी चूत का कबाड़ा कर दिया, ये किस को
ले आए आप. ये तो जानवर है.` मगर नारायण चोदता जा रहा था. कोई तरस नही कोई
रहम नही. नारायण के धक्के सुबू कीजान निकाल रहे थे. उधर सुबू की हालत देख
कर रश्मि डर गयी. मगर स्वामीजी ने उसे हिम्मत बँधाई, ` डरो मत तुम्हारी
दीदी अभी ठीक हो जाएगी. अब तुम भी अपनी टाँगें खोलो ओए मेरा लंड ले लो.
रश्मि अब तक पतली छोटी मूली ही चूत में लेती थी,इतना बड़ा लंड कैसे चूत
में जाएगा समझ नही पा रही थी.स्वामी जी नें उसकी टाँगें फैलाई और अपना
लंड रश्मि की चूत पर रख दिया (मगर अंदर नही डाला) कुछ देर ऐसे ही लेटे
रहे. रश्मि अंदर लेने की इच्छा करने लगी और थोड़ा थोड़ा हिलने लगी.
स्वामीजी जी नें लंड थोड़ा सा अंदर डाला और रुक गये. ऐसे ही कुछ देर चलता
रहा. स्वामी जी का आधा लंड अंदर जा चुका था.रस्मी पेशोपश में थी के और
लंड ले तो कोई तकलीफ़ तो नहीं होगी? दिल तो चाह रहा था मगर दरद से डर रही
थी. मस्ती डर पर हावी थी. एक बार फिर लंड लेने के लिए हिली, और स्वामीजी
नें एक ही झटके में पूरा लंड अंदर डाल दिया. बकरी को एक दिन तो हलाल होना
ही था. `आआआआअ.. …….मर गइईई, डिडियीयैआइयीयिमिन मर गइईए. मेरी चूऊऊओत
फाड़ दी स्वामीजी नें. दीदी प्लीज़ मुझे बचाओ.` सुबू उसे क्या बचाती.
उसकी तो अपनी चूत का भोसड़ा बन रहा था. नारायण वहशयों की तरहा सुबू की
चुदाई कर रहा था.उधर स्वामीजी ने थोडा रुक कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.
दर्द का अहसास कम हो रहा था. मस्ती दोनो बहनों पर हावी हो रही थी. चीखो
के जगहा सिसकारियों ने ले ली थी. दोनो बहनें बड़बड़ा रही थी, ` हां
स्वामीजी मज़ा आ रहा हाइपर ज़रा धीरे चोदो. आआअहह. …स्वामी जी आआआ. पूरा
जा रहा है . हाआन नारायण तुम आदमी हो की जानवर. कैसे चोद्ते हो. पर आहह
ऐसे ही, ऐसे हीईई….. हन्न्न…. ऐसे ही चोदो. साले कितना मोटा है
तेरा…..स्वामीजी ठीक ही कहते थे….. साले तू रश्मि की तो फाड़ ही देता.
आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नारया…… ..ज़रा लंबे लगाओ.आआहहस्वँ ई जी आआहह क्या
मस्त चला लाए हूऊ……. आआअहहस्वँ ईज़ी रशमी को ज़बरदस्त चोदो. कोई हसरत ना
रह जाए.` उधर रशमी चिल्ला रही थी, ` डीडीिईई…. म्ज़ा आआआअ…. गया मेरपयारी
दीदी……क्या स्वरग की सैर करवाई है……स्वामीजी तो मस्त चोद रहे हैं आआआआ….
स्वामीजी …स्वामीजी …..करो स्वामीजी ज़ोर से करो…..हाए ये क्या हो रहा
है…….स्वामीजी ….प्लीज़ स्वामीजी …….चोदो. …जैसे मेरी दीदी को चोदा
था……..आआहह हौर रश्मि ज़ोर ज़ोर से चूतड़ उछालने लगी. स्वामीजी समझ गये
की लड़की गयी. उन्हों-ने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी. टाइट चूत ने उन्हें
भी मस्त कर दिया. उन्हों-ने भी मज़ा लेने का मंन बना लिया. रश्मि चिल्ला
रही थी, ` स्वामी जी ज़ोर से चोदो आज तो कमाल हो गया. है दीदी अब हमेशा
चुदवाउन्गि स्वामीजी ……स्वामीजी. …..स्वाआआआअ म्म्म्मीईज्ज्ज्जीइ. ….
..आआआआ आआआ`. उधेर स्वामीजी भी झाड़ गये,`आबीयेयेयीयायग गग्ग्घगया
…..सुबू तुम्हारी बेहन बड़ी सेक्सी है…….आआअहह हह`. सुबू और नारायण की
कुश्ती जारी थी. सुबू उचक उचक कर चुदवा रही थी. पूरी चूत लंड से भरी हुई
थी. रश्मि सुबू के पास आ कर बैठ गयी और चुदाई देखने लगी नारायण का मोटा
लंड जब बाहर निकलता था तो चूत की स्किन भी बाहर आ जाती थी. दोनो मस्ती
में ज़बरदस्त चुदाई कर रहे थे दुनिया से बेख़बर. रश्मि ने स्वामीजी की
तरफ देखा जो नंगे लेटे हुए थे. रश्मि नें उनका लंड चूसना शुरू कर दिया.
अब वो भी सुबू की तराहा लंड की प्यासी थी. स्वामीजी से दोबारा चुदने के
लिए तैयार….. ……… ….एंड ऑफ पार्ट2. Swami ji ka kamal-2 .Subu ki behan
rashmi ki chudai Subu swamiji se alag hui aur kapde pehanane lagi.
Swamiji ne bhi kapde pehan liye. Subu ander gayee aur 5000 rupaye le
kar aaee aur swamiji ko dene lagee, `swamiji , ye lijeeye meri taraf
se bheint.` ` Ye kyaa hai?` `Swamiji aap ne meri itnee achchi chudai
kee, aap ise le leejiye` `Nahin Subu, mein chudai ke paise naheen
leta, aur naa mujhe inkee zaroorat hai. Hamare ashram ke paas bahut
paisa hai. Haan agar tum ichcha rakhti ho tho mein 1000 rupaye rakh
leta hoon , kyon ki ham is shehar mein bhee ashram khol rahe hain.` `
Theek hai swamiji, phir aap baithiye, mein aap ke liye khana banati
hoon`. `Theek hai ` Keh kar swamij beith gaye. Subu doodh bhara gilas
aur dry fruit layee aur hans kar boli, `swamiji aap neon bahut mehnat
kee hai ye peelijiye, tab mein khana banati hoon`Swamiji bhee hansne
lage. Khana khatam ho gya. Subu aur swami ji sofa par baith gaye.Subu
nein poocha, ` Ab kab aoge swami ji ?` `Jab tum bulao` ` Mera kya mein
tho kahthi hon jao hi mat, din raat mujhechodte raho` `Nahin, par tum
jab kaho mein aa jaoonga` `Jaldi se jaldi kab aa sakte haein` Subu kee
aankhon ke samne swamiji ka land ghoomne laga. `Theek hai aaj mangawar
hai agle mangalwar ko aoonga` Woh baaten kar hee rahe the kee Rashmi
aa gayee. Swamiji ko dekh kar woh ruk gayee. Subu ne dono ka parichaye
karwaya,` Swamiji ye meri behan rashmi hai, Rasmi ye swamij hein
pranam karo`. Rashmi nein pranam kiya aur boli,` Didi mein jara fresh
ho loon`. ` Subu boli theek hai ja. Swamiji bhee jane wale hein` rasmi
chali gayee. Swami ji nein poocha, `Subu tum is ladki ki chudaii ki
baat ka rahi thee?` ` Haan swamiji`. `Magar kyun, ye tho kunwaree hai.
Meine tumhen chada hai iska matlab ye nahein ki mein kunwari ladkiyon
ki zindgi barbaad karoon. Chudai mera pesha nahin hai. Mein kewal unen
hee chodta hoon jo apne vivhit jeewan se niraash hoti hein. Ise
chodunga tho iskee seal toot jayegee choot khul jayegee. Ye iske pati
ke saath dhoka hoga ` Swamiji mein aapki bhawnaon ki kadar kartee hoon
magar ye meri behan meri devrani ban-ne wali hai aur mera dewar Manoj
bhi mere pati ramji ki tarha namard hai. Jahan tak seal ka swaal hai
uska land tho seal tak pahuchega bhi naheen Phir jab meri tarha kal
bhi chudai bahar se hee karwani hai tho aaj hi kyon nahin.AAp pareshan
naan hon aur aglee bar iskee bhi chudai karen.` `Agar ye baat hai tho
theek hai, mein apne ek chele ko bhi le kar aoonga. Maga ek baat
batao, tmhen kaise maloom ki Manoj bhi namard hai, kya us-se bhi
chudai kawai thi` `Han swamiji, jab Ramji meri pyaas nahein bujha saka
tho meine Manoj ko phansay, par wo bhadua tho Ramji se bhi bekaar
nikla.` ` Tho phir tum Rashmi ki shaadi is-se kyon karwa rahi ho` `
Swamiji ji , ye mere saamne rahegi tho dil ko tassali rhegi. Agar
kahin aur shadi ho gaye aur bhi koi namard hi mil gya tho kya hoga .
Aopnl halath dekh kar mann darne laga hai. Bas ab aap ham dono behnon
ko chodte rahiye` `Theek hai tho phir agle mangalwar ko apne chele ke
saath aatha hoon. ` Phir dhire se bole, ` Mera chela tumhare liye ek
surprise hoga`. Subu kuch samjhi nahin. Swamiji chale gaye. Rashmi
bahar ayee, ` Kya swamiji chale gaye didi?` ` Didi ek baath poochoon,
aaj badi kush lag rahi ho kya baat hai?` Subu sharmayee, `Nahi bas
aise hee`. `Nahi didi kuch tho hai , batho naan`. ` Aree kuch nahin,
achcha ek baath to batha, college mein thera koyee boyfriend hai?`
Rashmi hairaan ho gayee. Didi nein kabhi us-se aisee baath nahi kee
thee.Boli,` Nahin didi." ` Par aaj kal tho sab ladkiyon ke boy friends
hote hain` ` Haan par meri shadi bhi tho tai ho gayee hai` Ye kehthe
hue woh kuch udaas ho gayee. Woh Manoj aur Ramji jia ji ke bare mein
wh janto aut samajhti thi. ` Rashmi, mein jaanthi hoon thu kya soch
rahi hai. Tere jija ji mein mardangi ki kami hai aur Manoj bhi aisa hi
hai. Phir bhi mein tum dono ki shadi karwa rahi hoon. Rashmi mein ye
is liye kar rahi hoon ki is-se tum mere paas tho rahogi. Kahin doosree
jagaha bhi aisa aadmi mil gaya tho kya hoga? Ya tho phir tum hi apne
liye koi dhoond lo jo poora mard ho. Magar ek baath hai yahan dher
sara paisa aur azadi hai , koi rok tok naein. Agar thoda soch samjh
kar chalen tho sab theek ho saktha hai. AA idhar mere pass aa. Tu keh
rahi thee naa Ki aaj mein bahut khush hoon, haan ye sach hai, aaj mein
khush hoon. Tu meri behan hee nahin meri saheli bhe hai. Ham sono ek
hee naao swaar hein. Hame ek doosre ka raazdaar bhi ban-na hai. Ye jo
swami ji aye the, ye aaj mujhe do bar chod kar gaye hain. Meri tassali
ho gayee hai. agle mangalwaar ko phir ayenge aur saath inka ek chela
bhi hoga. Aglee baar mein chahti hoon ki tu bhi chudai karwa aur maza
le.` `Magar didi…….. .` `Nahien Rashmi, mein tadapti rahi hoon sex ke
liye, mein tujhe tadapne nahin doongi.` Ye keh kar Subu nein Rashmi ko
bahon mein le liya, aur anjane hi uske honth choosne lagee……. ……… Subu
aur Rashmi der tak ek doosre se lipti rahi.Alag hui tho dono kee
aankhein gulabi ho rahi thee. Dono kamuk thee, aur choot geeli ho rahi
thee.Subu ko tho phir swamiji ki yaad aa gayee. Choot phir land
mangnein lagi. Badi mushkil se apne mann par kabu kiya. Rashmi ko ek
baar phir chooma aur poocha,` Rashmi sach sach batao, thumne kabhi
choot nahien chudwai?` ` Nahin didi, sach`. `Kabhi dil nahin kartha
tha ?` ` Dil tho kartha tha, par meri saheli rekha aur mein mooli
choot mein daal kar maza leti thee.` `MOOLIIIIII, ` Subu hairani se
chllayee aur hansne lagi, `Meine suna tha ki jwan ldkiyan kela choot
mein leti hain yaa aajkal rubber ya plastic ke land miltey hain, par
ye MOOLI ? mein kuch samjhi nahein iska matlab hai kuch bhi daal lo
choot mein, lauki, taurai…kuch bhee? `Arrey didi, ye koimamuli mooli
nahien hoti, ise special banaya jatha hai` `Special banaya jata hai,
woh kaise?` `Dekho didi, pehle tho apni choot ke size ke anusaar mooli
mooli select kar lo. Phir ise 7-8 din ke liye kahin rakh do. 7-8 din
ke baad ye naram ho jayegi- bilkul land ki tarha naram aur flexible-
choot ko naa dukhane wali. Bas mooli land taiyaar hai. Cream lagao aur
jithna chahe ander lo aur jaise chahe chodo.` `Kamaal hai, too kitni
badi mooli leti hai ?` Rashmi nein haath se golai aur lambai bathai.
Subu nein dekha, mooli ka land swamiji ke land bahut chota tha. Subu
ko tassali hui ki Rashmi abhi chuddakkad nahien hui thee aur swami ke
land ka poora maza legi. Boli, ` Bas itnaa hi.` `Haan didi,mein tho
itna hee leti thee, par Rekha kaafi badi mooli leti thee.` Phir
shararat se boli,` didi aap bhi le kar dekho naa kabhi.` `Hatt, too
bhi ek baar swamiji se chud jaa, mooli bhool jayegee.` Dono behnein
hansnein lagi. Din beeth gaye . Mangalwar aa gyaa. Subha se hi Subu
swami ji ka intezaar kar rahi thee. 11 baje doorbell baji. Subu bhagi
aur darwaja khola. Swami ji he the. Apne chele ke saath.Chela bhi guru
ki trha mast tha. Gora lamba, lekin clean shave. Subu sochne lagi
Rashmi ki chudai mast hogi. `Ayiye swami ji swagat hai.` Swami ji
andur aye aur sofa par beith gaye, aur bole ` Subu ye hai hamara
chela. Hum daal hein tho ye paath. Hum se do kadam aage.` Subu sharma
gayee, aur chele ki taraf dekh bhi nahin saki. Swami ji bole, ` Subu,
waqt kam hai, kya kehti ho. Rashmi ghar mein hai kya ?` `Han swamiji`
` Tho phir der kis baath ki hai.` `Woh sharma rahui hai swamiji` `Oh
tho phir mein ja kar laata hoon`. `Naheen swami ji mein jaatee hoon
aur le kar aati hoon.` Subu ander gayee aur kuch der baad Rashmi ke
saath wapas aa gayee……. Subu Rashmi ko le kar aa gayee. Swami ji nein
apne paas jagha banate hue kaha, ` Ao rashmi mere paas baitho.` Rashmi
sharmati sharmati swami ji ke paas baith gayee. Swami ji bole, `
Rashmi ek baat batao, kya Subu nein tumhen kuch samjhaya hai, tum
samajh rahi ho naa.` Rashmi nein haan mein sar hilaya. swami ji bole,
` Tho phir sharam ka pardaa uthar do aur poora maza lo. Kya tum
taiyaar ho Rashmi? Mein baar baar is liye pooch raha hoonki mein kisi
ladki par koi jor zabadasti nahein kartha, bolo rashmi.` Rashmi nein
swamiji ke taraf dekha aur haan mein sar hila diya. Swamiji bole, `Tho
theek hai Subu hamien saaf saaf bat karne chahiye. Mein Rashmi ko
chodunga aur ye mera chela tumhari chudai karega.` Subu ko achcha
nahin laga. Woh tho swamiji ka lan dhi lena chahti thee. Swamiji uske
chehre ke bhav padh gaye," Subu chinta mat karo, ye hamara chela
chudai mein hamara guru hai. Meine tumhein kaha tha naa ki mein
tumhare liye surprise laoonga, ye hai woh surprise. Doosree baat ye
jawaan hai naatuzarbekaar hai Rashmi abhi nayee hai , ye uskee choot
ko nuksaan pahuncha sakta hai. Rashmi ko mujhe hee chodne do. Aur ek
baat, iska land le kar tum mera land bhool jaogi.` Subu anmane mann se
boli,` swamiji mein aapke land ko bhoolna naheen chahti, par aap kehte
hein tho theek hai. Magar swamiji aap dono ham dono ko yaheen
chodoge?` Swami ji bole ,` yaheen theek rahega , apni chudai ke saath
doosre ki bhee chudai dekho`. Ye keh kar unhon-ne Subu ko bahon mein
bhar kar choom liya aur chele se bole, `lo Narayan, inkee kamagnee ko
shant karo`.Aur khud unhonne Rashmi ko bahon me le liya. Swamiji nein
Rashmi ke aur Narayan nein Subu ke kapde uthar diye. Dono unhein
bethasha choomne lage. Dono aurtein garam ho gayee.Subu nein tho
Naryan ka land haath mein liya aur use ekdum shock laga. Swami ji ka
land dekhne ke baad woh soch rahi thee ki is-se bada land ho he naheen
saktha, par ye…..ye tho gadhe ke land jaisa tha. Swamiji theek hi keh
rahe the , ye land Rashmi ki kunwaree choot ko phaad sakta tha.Subu se
aha nahin gaya. woh jaldi se jaldi Narayan ka land dekhna chahti thee.
Usne Narayan ke kapde uthar diye. Narayan ka land aise tha mano sara
Narayn sirf ek bada land hee hai. Subu nein ek nazar swami ji kee
taraf dali. Dono ki nazra takraee. Subu ki aakhon mein aisa land dene
ke liye swamiji ke liye aabhaar tha. Swami ji muskuraye aur Rashmi ko
garam karne mein jut gaye. Rashmi nein jab swamiji ka land dekha tho
ghabra gayee. Usne Subu ki taraf dekha magar woh Narayan ke saath mast
thee. Swamiji Rahmi ki uljhan ko samajh gaye. Bole ` Rashmi ghabrao
mat. Mein tumharee choot mein utna hee land daloonga jitna tum le
sakogi. Ab sharam utar do aur masti karo. Dekho Subu kaisee masti kar
rahi hai.` Rashmi nein udhar dekha. Subu Narayan ka land apne munh
mein lene ki koshish kar rahi thee, magar itna mota land munh mein
sama nahee raha tha. Rashmi sochne lagi agar ye land munh mein nahee
ja raha tho choot mein kaise jayega. Jab Rashmi ki khyaal toota tho
dekha ki swamiji apna land uske munh ke paas le aaye haien. Rashmi
nein soch jab chudvani hee hai tho phir shama kar kya phayda. swamiji
sahi keh rahe the . Rashmi nien swami ji ka land munh me le kar
vhoosna shuru kar diya. Pehli baar land munh mein gaya tha, Rashmi tho
nihal ho gayee. Use maaloom nahein tha ki land ki chusai itni mast
hoti hai.Rasmi jor jor se land choosne lagee. Swamiji masti mein aa
gaye. Rashmi ko lita kar uskee choot choosne lage. Udhar Subu ke munh
mein Narayan ka land sama nahein raha tha. magar woh is jambo land ko
apnee choot mein mehsoos kar rahi thee****ne land choosna band kiya
aur pyasi nazron se Narayan ko dekha. Narayan samjh gya ki Subu andar
lena chahti hai. Ab thak Naraya shant tha. Jaise hi chudai ka time aya
woh janwar ban gya. Subu ki taangen utha kar usne apnein kandhon par
rakh dee aur ek hi jhatke mein land Subu ki choot mein ghused diya.
Subu ko laga ki koi angaraa uskee choot mein chala gaya ho. Woh jor se
cheekhi, `Hai mein mar gayee , swamiji mujhe bachao is-se, isne meri
choot ka kabada kar diya, ye kis ko le aye aap. Ye tho janwar hai.`
Magar Narayan chodtha jaa raha tha. Koi taras nahein koi reham nahein.
Narayan ke dhakke Subu keejaan nikal rahe the. Udhar Subu ki haalat
dekh kar Rashmi dar gayee. Magar swamiji ne use himmat bandhai, ` Daro
mat tumharee didi abhi theek ho jayegi. Ab tum bhi apni taangein kholo
aue mera land le lo. Rashmi ab tak patli choti mooli hi choot mein
letee thee,itna bada land kaise choot mein jayega samajh nahei paa
rahi thee.Swami ji nein uskee taangen phailayee aur apna land Rashmi
ki choot par rakh diya (magar andar nahien daala) Kuch der aise hee
lete rahe. Rashmi ander lene ki ichcha karne lagi aue thoda thoda
hilne lagi. Swamiji ji nein land thoda sa ander dala aur ruk gaye.
Aise hee kuch der chalta raha. Swami ji ka aadha land ander jaa chuka
tha.Rasmi shashopash mein thee ke aur land le tho koyee takleef tho
naheen hogi? Dil tho chah aha tha magar darad se darr rahi thee. Msti
darr par haavee thee. Ek baar phir land lene ke liye hilee, aur
swamiji nein ek hee jhatke mein poora land ander daal diya. Bakri ko
ek din tho halal hona hee tha. `AAAAAAAAA.. …….mar gayeeeeee,
didiiiiiiiiMein mar gayeeeee. Meri chooooooot phad di swamiji nein.
Didi please mujhe bachao.` Subu use kya bachati. Uskee tho apni choot
ka bhosda ban raha tha. Narayn vahshyon ki tarha Subu ki chudai kar
raha tha.Udhar swamiji ne thoda ruk kar dhakke lagane shuru kar diye.
Dard ka ahsaas kam ho raha tha. Masti dono behnon par havee ho rahi
thee. Cheekho ke jagaha siskariyon ne le li thee. Dono behnein Badbada
rahi thee, ` Haan swamiji maza aa raha haipar jara dheere chodo.
aaaaahhhhhh. …swami ji aaaaaa. poora ja raha hai . haaaan Narayan tum
aadmi ho ki janwar. kaise chodte ho. Par aahhhh aise heee, aise
heeeeee….. hannn…. aise he chodo. Sale kitna mota hai tera…..swamiji
theek hi kehte the….. sale tu Rashmi ki tho phad hi deta.
AAAAAhhhhhhhh Naraya…… ..jara lambe lagao.aaaahhhhhswam i ji aaaahhhh
kya mast chala laye hoooo……. aaaaahhhhhhhswam iji Rshmi ko zabardast
chodo. Koi hasrat na reh jae.` Udhar Rshmi chlla rahi thee, `
Didiiiii…. mza aaaaaaa…. gya meripyari didi……kya swarag ki sair karwai
hai……swamijim tho mast chod rahe hain aaaaaaaa…. swamiji …swamiji
…..karo swamiji jor se karo…..haye ye kya ho raha hai…….swamiji
….please swamiji …….chodo. …jaise meri didi ko choda tha……..aaaahhhh
haur Rashmi jor jor se chootad uchalne lagi. Swamiji samjh gaye ki
ladki gayee. Unhon-ne dakkon ki raftaar badha di. Tight choot nr unhen
bhi mast kar diya. Unhon-ne bhi maza lene ka mann bana liya. Rashmi
chilla rahi thee, ` Swami ji jor se chodo aaj tho kamal ho gya. hai
didi ab hamesha chudvaungi swamiji ……swamiji. …..swaaaaaaaaa
mmmmiiiijjjjiii. …. ..aaaaaaaa aaaaaa`. Udher swamiji bhee jhad
gaye,`aaaaaaaaaaagg gggghhhhhhhhhgya …..Subu tumhari behan badi sexy
hai…….aaaaahhhh hhhhhhh`. Subu aur Narayan ki kushti jari thee. Subu
uchak uchak kar chudva rahi thee. Poori choot land se bhari hui thee.
Rashmi Subu ke paas aa kar baith gayee aur chudai dekhne lagi Naraya
ka mota land jab bahar nikaltha tha to choot ki skin bhi bahar aa jati
thee. Dono masti mein zabardast chudai kar rahe the duniya se
bekhabar. Rashmi ne swamiji ki taraf dekha jo nange lete hue the.
Rashmi nein unka land choosna shuru kar diya. Ab woh bhi Subu ki
taraha land ki pyasi thee. Swamiji se dobara chudne ke liye taiyaar…..
……… ….end of part2 Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking |
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