Saturday, October 23, 2010

कौन सच्चा कौन झूठा पार्ट -21

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
कौन सच्चा कौन झूठा पार्ट -21
गतान्क से आगे........
हफ्फ़्ता हुआ चंदू खोली के अंदर घुसा , किचन मे बैठी चंपा खाना बनाने की
तय्यारी कर रही थी , कदमो की आहट से चंपा मूडी सामने चंदू को देखा चंपा:
क्या हुआ , तू इतना हाफ़फ़ क्यू रहा है चंदू: प्प्पन्नि दे पहले चंपा
पानी लेकर आई चंदू ने पानी गटका , हाफफ़्ते हुए बोला चंदू: वो .. वो तेरे
साहेब ने सत्या बोउ का खून कर दिया चंपा: क्या ? साहेब जी कहा है (ज़ोर
से बोली) चंदू: मुझे नही पता वो कहा है , खून करके वो भाग गया वाहा से ,
मुझे तो डर लग रहा है ,कही मे ना फस जाऊ चंपा कुछ बोल नही पाई , खोली के
बाहर गयी और दीपक की रह देखने लगी (परेशानी उसके चेहरे पे जाहिर थी)
....... राणे: अपने सारे स्टाफ को बुलाओ ( मॅनेजर को बोला) 10मिनट बाद
सारा स्टाफ नीचे लाइन मे खड़ा था, राणे सीडियो से नीचे उतरता हुआ स्टाफ
के सामने आया राणे: तुम लोगो मे से कोई इस खून के बारे मे कुछ जानता है
कोई कुछ नही बोला राणे: तुम मे से लॉंडरी की ड्यूटी पे कौन था एक आदमी
लाइन मे से आगे आया , साहेब मे था लॉंडरी की ड्यूटी पे राणे: आख़िरी बार
छत पर कब गये थे स्टाफ: सर कल सुबह गया था, हफ्ते मे तीन बार कपड़े धोए
जाते है राणे: ठीक है जाओ, तुम सब मे से आख़िरी बार उस रूम मे कौन गया था
( उसका इशारा सत्या की लाश वाले रूम की तरफ था) मॅनेजर: सर मे गया था
(घबरा के बोला) राणे: काहे गये थे भाई मॅनेजर: सर वो सत्या सर की
ड्रिंक्स ले कर मे खुद गया था ,वो हर शाम अपने कमरे मे ही ड्रिंक करते थे
राणे: एक शराबी कम होगया (आराम से बोला) , तुम कुछ देखे रूम मे , कोई था
वाहा मॅनेजर: सर जब गया सत्या सर अपने रूम मे नही थे , वो बाद मे रूम आए
थे , जब मे गया वाहा कोई नही था राणे: (हवलदार को बुलाया) इन सब के बयान
लो स्टाफ के लोगो मे से एक लड़का बाहर निकल के आया , राणे के पास गया
स्टाफ: सर मुझे कुछ बताना है आपको राणे: तुम खून किए हो का स्टाफ:
ना,,नही मेने कुछ नही किया , वो आज सुबह मेरा दोस्त सत्या साहब से मिलना
चाहता था राणे: कहा है तुम्हारा दोस्त , तेरा नाम क्या है स्टाफ: सर मेरा
नाम किशन है, मेरा दोस्त चंदू है वो आज सत्या साहब से मिलना चाहता था
राणे: वो मिलने आया था यहा किशन: सर मुझे पता नही , साहब ने मुझे कही काम
से भेज दिया था , उसने मुझे बोला था के वो शाम को आएगा राणे: तुम्हारा
दोस्त रहता कहा है किशन: सर यही पास मे रहता है ,आजकल मेरी खोली मे उसका
कोई रिश्तेदार रह रहा है राणे: ( 2 हवलदरो को बुलाया) इसके साथ जाओ , और
जो इसकी खोली मे मिले थाने मे लेकर पहुचो , और हां कोई गड़बड़ी नही सब के
सब मिलने चाहिए हवलदार: जी सर बोलकर किशन के साथ बार से बाहर हुए
फोरेन्सिक वालो ने सारे सबूत इकट्ठे किए , सत्या की लाश को आंब्युलेन्स
मे डाल दिया गया राणे: इस की रिपोर्ट सुबह मेरी टेबल पर होनी चाहिए
(फोरेन्सिक वाले को बोला) राणे बार से बाहर आया गाड़ी मे बैठा और पोलीस
स्टेशन की तरफ हुआ ..... दीपक एक अंधेरे कोने मे बैठा था, आस पास कुत्तो
के भोकने की आवाज़्ज़ आ रही थी, अपने आप से बाते कर रहा था सत्या उसकी
आँखों के सामने ही उपर उस कमरे मे गया था , पर जब वो वाहा पहुचा उसकी लाश
खून मे लथपथ बेड के उपर पड़ी थी , पर वाहा कोई था भी नही फिर वो मरा कैसे
, उसकी समझ मे आ चुका था के एक और खून का इल्ज़ाम उस पर लगने वाला है, अब
उसका चंपा के घर जाना ख़तरे से खाली नही था, पर उसे चंपा की फ़िक्र होने
लगी थी दीपक: कही मेरी वजह से चंपा को कुछ हो गया तो , चंपा मुझे माफ़ कर
देना दीपक अंधेरे मे बैठा आगे की सोच रहा था के उसे अब क्या करना है ,रात
घिर गयी थी उसे अपने रात के रुकने का इंतज़ाम करना था ... चंपा खोली के
बाहर खड़ी बड़ी देर से दीपक का इंतेज़ार कर रही थी ,कुछ देर बाद 3लोगो को
अपनी तरफ आता देखा ,जब वो लोग पास आए उसमे से दो ने पोलीस की वर्दी पहनी
हुई थी,चंपा घबरा के खोली के अंदर भागी,सामने चंदू ने उसे घबराया देख
उससे पूछा चंदू: क्या हुआ,इतना डर क्यू रही है चंपा: पोलिसेवाले आ रहे है
ये सुनते ही चंदू की साँसें रुक गयी चंदू: ये सब वो तेरे साहब की वजह से
हुआ है,मुझे भी क्या ज़रूरत थी तुमलोगो की मदद करने की ( गुस्से मे बोला)
इतना बोलते ही,पोलीस वाले भी किशन के साथ खोली मे घुसे हवलदार ने क्षण
किशन की तरफ देखा किशन: ये चंदू है पोलीस वालो ने आगे बढ़ कर उसे पकड़ा
चंदू: मुझे किस लिए पकड़ रहे हो मेने कुछ नही किया,जाने दो मुझे ( रोते
हुए बोला),किशन तू बचा ले मुझे मेने कुछ नही किया हवलदार: आइ छोकरी चल
हमारे साथ थाने किशन वही खड़ा था पर कुछ बोला नही हवलदार दोनो को खोली से
बाहर ले कर आए , लोगो की भीड़ घर के बाहर थी , उसमे से कुछ चंदू और चंपा
को जानने वाले भी थे .... दीपक रास्ते पे चल रहा था , जेब मे कुछ पैसे भी
नही थे , किसी होटेल मे रात भी कैसे गुज़ारता , कुछ सोचा और अपने कदम आगे
को बढ़ा दिए ... हवलदार दोनो को लेकर पोलीस स्टेशन मे पहुचे हवलदार:
साहेब ये चंदू है राणे ने अपनी नज़रे फाइल से हटाते हुए , उपर करी ,
सामने चंदू और चंपा को खड़ा देखा , चंपा उसे जानी पहचानी लगी राणे:
(हवलदार से पूछा) एई लड़की कौन है हवलदार: साहब ये भी उसी खोली मे मिली
हमे राणे को याद आया के वही लड़की है जो उस चोर की प्रेमिका थी राणे: तुम
ऊ चोर की लवर है ना (चंपा से बोला) चंपा चुप खड़ी रही कुछ बोली नही राणे:
लवर चेंज कर लिया का चंपा ने गुस्से से राणे की तरफ देखा राणे: अरे एई का
तो टेमप्रिटर हाइ हो गया , ह्म्‍म्म कम करना पड़ेगा उषा जी इधर आइए पास
के बेंच से लेडी पोलीस खड़े हो कर राणे की टेबल के पास मे आई और चंपा के
बगल मे खड़ी हो गयी राणे: हमरी बात का ठीक से जवाब दीजिए वरना एई जो उषा
जी है ना बहुत गूंगी लड़कियो की आवाज़ खुलवा दी है समझी का चंपा ने पास
खड़ी उषा की तरफ़ देखा , वो एक मोटी लंबी चौड़ी औरत थी उषा जी: साहेब के
सवाल का जवाब दे , वरना मे तुझे अभी ठीक करती हू राणे: अरे उषा जी काहे
इतना गुस्सा करती है , एई सब बोलेगी , अभी बोलेगी पहले ज़रा एई इसके लवर
से तो मिल ले राणे अपनी सीट से खड़ा हुआ , और चंदू के पास गया राणे : तुम
सत्या का खून किए ना चंदू: (रोते हुए बोला) नही साहब मेने कुछ नही किया
राणे: तो का हम किए , अरे बाबूराम मेहमान आए है खातिरदारी करो भाई हवलदार
ने आगे बाद कर चंदू के बॉल पकड़े और टेबल पे ज़ोर से मार दिया , चंदू के
मूऊ से चीखे निकल पड़ी और वो नीचे गिर पड़ा , उसका माथा एक दम लाल पड़
चुका था राणे: चंदू भाई और सेवा करे चंदू , राणे के पाँवो मे गिर पड़ा
चंदू: (रोते हुए बोला) साहब मेने कुछ नही किया , वो खून इसके साहब ने
किया है (चंपा की तरफ इशारा किया) चंपा ने अपना चेहरा नीचे कर लिया और
कुछ बोली नही राणे: कौन सा साहब चंदू : साहब वो जिसके घर मे कुछ दिन पहले
उसने खुद अपने बाप और बेहन का खून किया था राणे: दीपक चंदू: हां साहब
चंपा अभी भी अपना सिर झुखाए खड़ी थी राणे: अब सब जल्दी-2 बोल वरना तेरी
सेवा करना शुरू करू चंदू ने सब कुछ बताना शुरू किया राणे आराम से बैठा सब
कुछ सुन रहा था , उसको अपने कुछ सवालो का जवाब भी मिल रहा था , जिसकी वो
तलाश मे था चंदू ने सब कुछ बताया जितना वो जानता था, राणे : खाना खाए का
(चंदू से पूछा) चंदू बड़ी हैरानी से देख रहा था राणे: अरे खाना खाए का
चंदू : ना...नही राणे: बाबूराम खाना खिलाओ भाई , भूखे पेट है बेचारा
हवलदार के चेहरे पे हल्की सी हसी थी , पोलीस स्टेशन से बाहर हुआ खाना
लाने के लिए राणे: तुहार नाम का है (चंपा से बोला) चंपा राणे: तुम का पता
है , तुम इतने दिन जैल से भागे कैदी को अपने साथ रखे , तुझे सज़ा भी
होसकती है चंपा: मेरे साहब जी ने कुछ नही किया , वो बेकसूर है राणे:
तुहार कहने से मान ले का , कोई सबूत चंपा: अगर वो खूनी होते तो उनको जान
से मारने की कोशिश किसने की राणे: बच तो गया , और ऐसे लोगो के दुश्मन भी
तो हो सकता है चंपा: कोई उनका पीछा कर रहा था राणे: पर ऊ तो तुहार पीछे
था , उसका का होता चंपा ने अपनी आँखें उपर की और राणे की तरफ देखा चंपा:
सब जानते है , पोलीस सिर्फ़ बेकसूरो को ही पकड़ती है राणे: उषा जी इसे
हवालात मे डालो उषा जी उसे अपने साथ खिचते हुए हवालात के अंदर ले गयी
हवलदार: सर इनकी एंट्री करू रिपोर्ट मे राणे: नही यार , अभी रूको राणे
अपने दिमाग़ पर ज़ोर देने लगा था , घड़ी के तरफ नज़र डाली रात के 10:30
बज रहे थे , फोन उठाया नंबर डाइयल किए राणे: कहा तक पहुचे भाई डीटेक्टिव:
सर कुछ मिला है , पर वो यहा शहेर मे नही है , आस पास के लोगो से कुछ पता
लगा है डीटेक्टिव ने कुछ और बाते राणे को बताई और फोन काट दिया राणे ने
हवलदार को अपने पास बुलाया राणे: एक स्लिप हवलदार को दी , इस फोन नंबर की
कॉल डीटेल चाहिए जल्दी और हां इस नंबर की सारी कॉल टॅप करो समझे दीपक एक
बंगल के सामने पहुचा , डोरबेल बजाई , दरवाज़ा खुला नौकर बाहर निकल के आया
दीपक: मयूर साहब है नौकर: नही वो नही है दीपक: आंटी होंगी नौकर: आप कौन
दीपक: दीपक नौकर: रुकिये पूछ के आता हू नौकर अंदर गया वीना को दीपक के
आने की खबर दी , वीना अपने कमरे से भागते हुए दरवाज़े के पास पहुचि,
सामने दीपक को खड़ा देख वो खुश थी वीना: आओ बेटा अंदर आओ वीना ,दीपक को
अंदर ले कर आई वीना: बेटा तुम्हे बहुत दिन बाद देखा है दीपक: आंटी आप तो
सब जानती है के मुझ पर क्या इल्ज़ाम है वीना: बेटा मे नही मानती , मे
तुम्हारे परिवार को 25 साल से जानती हू , और मे कभी नही मान सकती के तुम
ऐसा पाप करोगे दीपक: आंटी आज रात मुझे छिपने के लिए कोई जगह चाहिए वीना:
बेटा ये तुम्हारा ही घर है , जब तक चाहो तब तक रहो यहा वीना ने नौकरो को
खाना लगाने के लिए बोला वीना: चलो बेटा खाना खा लो , मे जानती हू तुम किस
स्तिथि से गुज़र रहे हो , पर तुम्हे अपनी सेहत का ख़याल रखना चाहिए चलो
आओ दोनो टेबल पर बैठे दीपक: आंटी , अंकल कहा है वीना: बेटा वो काम के
सिलसिले मे बाहर गये है , कल वापस आ जाएँगे , चलो अब खाना शुरू करो .....
क्रमशः.............. KAUN SACHCHA KAUN JHUTHA paart -21 gataank se
aage........ haffta hua chandu khooli ke ander ghusa , kitchen me
baithi champa khana banane ki tayyari kar rahi thi , kadmo ki aahat se
champa muddi saamne chandu ko dekha champa: kya hua , tu itna haaff
kyu raha he chandu: pppanni de pahle champa pani lekar aayi chandu ne
pani gatka , haaffte hue bola chandu: vo .. vo tere saheb ne satya bau
ka khoon kar diya champa: kya ? saheb ji kaha he (zor se boli) chandu:
mujhe nahi pata vo kaha he , khoon karke vo bhag gaya waha se , mujhe
to darr lag raha he ,kahi me na fuss jaoo champa kuch bol nahi payi ,
khooli ke bahar gayi aur deepak ki rahh dekhne lagi (pareshani uske
chehre pe zaheer thi) ....... RANE: apne sare staff ko bulao ( manager
ko bola) 10min baad sara staff niche line me khada tha, RANE sidiyo se
niche utarta hua staff ke saamne aaya RANE: tum logo me se koi is
khoon ke bare me kuch janta he koi kuch nahi bola RANE: tum me se
laundery ki duty pe kaun tha ek aadmi line me se agge aaya , saheb me
tha laundery ki duty pe RANE: aakhiri baar chhat par kab gaye the
staff: sir kal subha gaya tha, hafte me teen baar kapde dhoye jate he
RANE: thik he jao, tum sab me se aakhiri baar us room me kaun gaya tha
( uska ishara satya ki laash wale room ki taraf tha) manager: sir me
gaya tha (ghabra ke bola) RANE: kahe gaye the bhai manager: sir vo
satya sir ki drinks le kar me khud gaya tha ,vo her shaam apne kamre
me he drink karte the RANE: ek sharabi kam hogaya (aaran se bola) ,
tum kuch dekhe room me , koi tha waha manager: sir jab gaya satya sir
apne room me nahi the , vo baad me room aaye the , jab me gaya waha
koi nahi tha RANE: (hawaldaar ko bulaya) in sab ke bayaan lo staff ke
logo me se ek ladka bahar nikal ke aaya , RANE ke pass gaya staff: sir
mujhe kuch batana he aapko RANE: tum khoon kiye ho ka staff: na,,nahi
mene kuch nahi kiya , vo aaj subha mera dost satya sahab se milna
chahta tha RANE: kaha he tumahra dost , tera naam kya he staff: sir
mera naam kishan he, mera dost chandu he vo aaj satya sahab se milna
chahta tha RANE: vo milne aaya tha yaha kishan: sir mujhe pata nahi ,
sahab ne mujhe kahi kaam se bhej diya tha , usne mujhe bola tha ke vo
shaam ko aayega RANE: tumahra dost rehta kaha he kishan: sir yahi pass
me rehta he ,aajkal meri khooli me uska koi rishtdar reh raha he RANE:
( 2 hawaldaro ko bulaya) iske sath jao , aur jo iski khooli me mile
thane me lekar pahucho , aur haan koi gadbadi nahi sab ke sab milne
chahiye hawaldar: ji sir bolkar kishan ke sath bar se bahar hue
forensic walo ne sare sabut ikhathe kiye , satya ki laash ko ambulance
me daal diya gaya RANE: is ki report subha meri table par honi chahiye
(forensic wale ko bola) RANE bar se bahar aaya gaadi me baitha aur
police station ki taraf hua ..... deepak ek andhere kone me baitha
tha, aas pass kutto ke bhokne ki awazz aa rahi thi, apne aap se
battein kar raha tha satya uski aankhon ke saamne hee upar us kamre me
gaya tha , par jab vo waha pahucha uski laash khoon me latpat bed ke
upar padi thi , par waha koi tha bhi nahi fir vo mara kaise , uski
samjh me aa chuka tha ke ek aur khoon ka ilzaam us par lagne wala he,
ab uska champa ke ghar jana khatre se khaalli nahi tha, par use champa
ki fikrr hone lagi thi deepak: kahi meri wajha se champa ko kuch ho
gaya to , champa mujhe maaf kar dena deepak andhere me baitha agge ki
soch raha tha ke use ab kya karna he ,raat ghir gayi thi use apne raat
ke rukne ka itezaam karna tha ... champa khooli ke bahar khadi badi
der se deepak ka intezaar kar rahi thi ,kuch der baad 3logo ko apni
taraf ata dekha ,jab vo log pass aaye usme se do ne police ki wardi
pehni hui thi,champa ghabra ke khooli ke ander bhagi,saamne chandu ne
use ghabraya dekh usse pucha chandu: kya hua,itna darr kyu rahi he
champa: policewale aa rahe he ye sunte he chandu ki saansein ruk gayi
chandu: ye sab vo tere sahab ki wajha se hua he,mujhe bhi kya zarurat
thi tumlogo ki madad karne ki ( gusse me bola) itna bolte he,police
wale bhi kishan ke sarth khooli me ghuse hawaldar ne kshan ki taraf
dekha kishan: ye chandu he police walo ne agge bad kar usse pakda
chandu: mujhe kis liye pakad rahe ho mene kuch nahi kiya,jaane do
mujhe ( rote hue bola),kishan tu bacha le mujhe mene kuch nahi kiya
hawaldar: ey chokri chal hamare sath thane kishan wahi khada tha par
kuch bola nahi hawaldar dono ko khooli se bahar le kar aaye , logo ki
bhid ghar ke bahar thi , usme se kuch chandu aur champa ko jaanne wale
bhi the .... deepak raste pe chal raha tha , jeb me kuch paise bhi
nahi the , kisi hotel me raat bhi kaise guzaarta , kuch socha aur apne
kadam agge ko bada diye ... hawaldaar dono ko lekar police station me
pahuche hawaldar: saheb ye chandu he RANE ne apni nazre file se hatate
hue , upar kari , saamne chandu aur champa ko khada dekha , champa use
jani pehchani lagi RANE: (hawaldar se pucha) ei ladki kaun he
hawaldar: sahab ye bhi usi khooli me mili humhe RANE ko yaad aaya ke
wahi ladki he jo us chor ki premika thi RANE: tum oo chor ki lover he
na (champa se bola) champa chup khadi rahi kuch boli nahi RANE: lover
change kar liya ka champa ne gusse se RANE ki taraf dekha RANE: are ei
ka to tempreture high ho gaya , hmmm kam karna padega USHA JI idhar
aayiye pass ke bench se lady police khade ho kar RANE ki table ke pass
me aayi aur champa ke bagal me khadi ho gayi RANE: hamri baat ka thik
se jawab dijiye warna ei jo USHA JI he na bahut gungi ladkiyo ki awaz
khulwa di he samjhi kaa champa ne pass khadi USHA ki tarf dekha , vo
ek moti lambi choodi aurat USHA JI: saheb ke sawaal ka jawab de ,
warna me tujhe abhi thik karti hu RANE: are USHA JI kahe itna gussa
karti he , ei sab bolegi , abhi bolegi pahle jara ei iske lover se to
mil le RANE apni seat se khada hua , aur chandu ke pass gaya RANE :
tum satya ka khoon kiye na chandu: (rote hue bola) nahi sahab mene
kuch nahi kiya RANE: to ka hum kiye , are baburam mehmaan aaye he
khatirdari karo bhai hawaldar ne agge bad kar chandu ke baal pakde aur
table pe zor se maar diya , chandu ke muu se cheekhe nikal padi aur vo
niche gir pada , uska matha ek dum lal pad chuka tha RANE: chandu bhai
aur sewa kare chandu , RANE ke pauu me gir pada chandu: (rote hue
bola) sahab MENE kuch nahi kiya , vo khoon iske sahab ne kiya he
(champa ki taraf ishara kiya) champa ne apna chehra niche kar liya aur
kuch boli nahi RANE: kaun sa sahab chandu : sahab vo jiske ghar me
kuch din pahle usne khud apne baap aur behan ka khoon kiya tha RANE:
deepak chandu: haan sahab champa abhi bhi apna sir jhukhaye khadi thi
RANE: ab sab jaldi-2 bol warna teri sewa karna shuru karo chandu ne
sab kuh batana shuru kiya RANE aaram se baitha sab kuch sun raha tha ,
usko apne kuch sawaloo ka jawab bhi mil raha tha , jiski vo talaash me
tha chandu ne sab kuch bataya jitna vo jaanta tha, RANE : khana khaye
ka (chandu se pucha) chandu badi hairani se dekh raha tha RANE: are
khana khaye ka chandu : na...nahi RANE: baburam khana khilao bhai ,
bhukhe paite he bechara hawaldar ke chehre pe halki see hassi thi ,
police station se bahar hua khana lane ke liye RANE: tuhaar naam ka he
(champa se bola) champa RANE: tum ka pata he , tum itne din jail se
bhage keadi ko apne sath rakhe , tujhe saja bhi hosakti he champa:
mere sahab ji ne kuch nahi kiya , vo bekasur he RANE: tuhaar kehne se
maan le kaa , koi sabut champa: agar vo khooni hote to unko jaan se
maarne ki koshish kisne ki RANE: bach to gaya , aur aise logo ke
dushman bhi to ho sakta he champa: koi unka picha kar raha tha RANE:
par oo to tuhaar piche tha , uska kaa hota champa ne apni aankhein
upar ki aur RANE ki taraf dekha champa: sab jaante he , police sirf
bekasuro ko hee pakadti he RANE: USHA JI ise hawalaat me daalo USHA JI
use apne sath khichte hue hawaalaat ke ander le gayi hawaldar: sir
inki entry karo report me RANE: nahi yaar , abhi ruko RANE apne dimag
par zor dene laga tha , ghaddi ke taraf nazar daali raat ke 10:30 baj
rahe the , phone uthaya number dial kiye RANE: kaha tak pahuche bhai
detective: sir kuch mila he , par vo yaha sheher me nahi he , aas pass
ke logo se kuch pata laga he detective ne kuch aur battein RANE ko
bataiye aur phone kaant diya RANE ne hawaldaar ko apne pass bulaya
RANE: ek slip hawaldar ko di , is phone number ki call detail chahiye
jaldi aur haan is number ki sari call tap karo samjhe deepak ek bungle
ke saamne pahucha , doorbell bajai , darwaza khula naukar bahar nikal
ke aaya deepak: mayur sahab he naukar: nahi vo nahi he deepak: aunty
hongi naukar: aap kaun deepak: deepak naukar: rukiye puch ke ata hu
naukar ander gaya veena ko deepak ke aane ki khabar di , veena apne
kamre se bhagte hue darwaze ke pass pahuchi, saamne deepak ko khada
dekh vo khush thi veena: aao beta ander aao veena ,deepak ko ander le
kar aayi veena: beta tumhe bahut din baad dekha he deepak: aunty aap
to sab jaanti he ke mujh par kya ilzaam he veena: beta me nahi maanti
, me tumhare pariwar ko 25 saal se jaanti ho , aur me kabhi nahi maan
sakti ke tum aisa paap karoge deepak: aunty aaj raat mujhe chhpne ke
liye koi jagha chahiye veena: beta ye tumhara hee ghar he , jab tak
chaho tab tak raho yaha veena ne naukaro ko khana lagane ke liye bola
veena: chalo beta khana kha lo , me jaanti hu tum kis stithi se guzar
rahe ho , par tumhe apni sahet ka khayal rakhna chahiye chalo aao dono
table par baithe deepak: aunty , uncle kaha he veena: beta vo kaam ke
silsile me bahar gaye he , kal wapas ajyenge , chalo ab khana shuru
karo ..... kramashah.............. Tags = Future | Money | Finance |
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