Thursday, June 10, 2010

महिला छात्रावास --2

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,

महिला छात्रावास --2
(गतांक से आगे)

विकी धड़कते दिल से कमरे से निकला बैठक की बत्ती जल रही थी वो समझ गया कि नवाब चचा वहीं होंगे। बैठक का बाहर जानेवाले गलियारे की तरफ खुलने वाला दरवाजा भी खुला था फिर भी विकी ने गलियारे से कतरा के निकल जाना चाहा। लेकिन नवाब चचा ने देख ही लिया।
नवाब सुलेमान- अमा कमाल है बिना चचा से दुआ सलाम किये कहॉ निकले जा रहे हो भतीजे।
विकी- हलो अंकल सॉरी अस्सलामोआलेकुम चचाजान। ये बात नहीं है अंकल दरअसल आंटी से गणित का एक सवाल समझने में बड़ी देर हो गयी इसीलिए जल्दी में था पिताजी फिक्र कर रहे होंगे।
नवाब सुलेमान- अमा तेरे बाप को तो हम समझा लेंगे खाना वाना खाया या नहीं।
विकी ने इन्कार में सिर हिलाया।
नवाब सुलेमान- अरे बेगम आपभी कमाल करतीं हैं बिना कुछ खिलाये पिलाये बच्चे से मेहनत करवाये जा रही हैं गणित क्या खाक समझ आयेगी जल्दी से बैठक में इसके लिए खाना भिजवाइये इतनी रात में कहॉ अपनी मॉ को परेशान करेगा।
अन्दर से बेगम सुलेमान की आवाज आयी-जी बहुत अच्छा।
नवाब सुलेमान- तुम खाना खाओ तबतक मैं तुम्हारे बाप को फोन मिलाता हूँ।
आनन फानन में बैठक में नवाब साहब निजी नौकर चुन्नन खाना लगा गया। विकी खाने लगा तो नवाब सुलेमान अथ्ययनकक्ष में लगे फोन पर पान्डेयजी को विकी के बारे में इत्तला करने चले गये। जब लौटे तो विकी खाने से निबट चुका था।
नवाब सुलेमान- अमा बड़ी जल्दी निबट लिए। क्या कही की गाड़ी छूट रही है मैं ने तुम्हारे बाप को बोल दिया है रात बहुत हो गई है लड़का आज यहीं सो जायेगा। अब तू बाप की फिक्र छोड़ दे आराम से बैठ चचा के पास और आंटी से सीखी गणित की थकान उतार आ बैठ।
विकी को बैठना ही पड़ा।
नवाब सुलेमान- और सुनाओ हमने सुना है आजकल कालेज की लड़कियों बड़े गुलफाम बने हुए हो।
विकी- नहीं अंकल लोग बस ऐसे ही अफवाह फैलाते हैं।
नवाब सुलेमान- अब रहने भी दो मियॉ हमने ये बाल धूप में नहीं सफेद किये चचा से क्या छिपाना चचा से मिल के रहोगे तो खुब मजे करोगे।
फिर नवाब सुलेमान ने ऐसे ऐसे सेक्सी किस्से सुनाए और विकी उनमें ऐसा खोया कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसका लण्ड उत्तेजना से फिर से टन्नाने लगा।वो तो तब चौंका जब उसने किसी का हाथ अपने लण्ड पर महसूस किया। उसने चौंक कर नीचे देखा तो पायाकि न जाने कब नवाब सुलेमान बातें करते करते उसके एकदम करीब आगये थे और अचानक नेकर के ढीले पायचे मे हाथ डाल के उसका लण्ड पकड़ लिया।
नवाब सुलेमान भई कमाल का जबरदस्त हथियार रखते हो बरखुरदार जिस औरत या लौन्डिया पर इस्तेमाल कर लोगे वो तो सारी जिन्दगी गुलामी करेगी। नवाब चचा के होते भतीजे को औरतों और लौन्डियों के पीछे भागना पड़े तो लानत है हमारी नवाबी पर। चचा से यारी करोगे तो औरतों और लौन्डियों की तो मैं लाइन लगा दूँंगा।
विकी की आँॅखों मे चमक आती देख वे आगे बोले- ठीक है तो अपनी दोस्ती पक्की। पर भतीजे तुम्हें भी चचा की मदद करनी होगी।
विकी- हुकुम करें चचाजान।
नवाब सुलेमान- भई हमारे नवाबी शौक का तुम्हें ख्याल रखना होगा।
विकी अब समझा कि चचा लौंडेबाज हैं इसीलिए चची जान मेरे बाप से फॅसी हैं।
विकी- फिक्र ना करें चचाजान जो लौंडा पसन्द हो बतायें साले को आपके कदमों में न डाल दूँ तो विकी मेरा नाम नहीं।
नवाब सुलेमान- शाबाश भतीजे हमें तुमसे यही उम्मीद थी। भई इस वख्त तुम्हारी जवानी की तरह हमारा भी नवाबी खून जोश मार रहा है चलो इसी खुशी में एक दफा हो जाय क्योंकि माहौल भी है मौका और दस्तूर भी।
यह कहकर नवाब सुलेमान अपने पजामे का नारा खोलने लगे। अब विकी घबराया उसे लगा कि नवाब सुलेमान उसीकी गांड़ मारने के चक्कर में हैं। वो घबराकर कुछ कहना ही चाहता था कि फिर चौंका नवाब चचा अपना पजामा उतारकर अपने लाल लाल घड़े जैसे चूतड़ उसके सामने कर सोफे पर झुके हुए थे ।अब विकी की समा में आया कि नवाब सुलेमान दरअसल उससे गांड़ मराना चाहते हैं।
विकी- चचा मुझे इसका शौक नहीं है।
नवाब सुलेमान- अमा नखरे मत करो, शौक नहीं है तो दोस्ती में की कुर्बानी समझ लो। हमने भी तो दोस्ती में कुर्बानी की है , क्या हम इतने बेवकूफ हैं कि ये नहीं समझते कि रातके साढ़े दस बजे तुम आन्टी से कौन सी गणित पढ़ के आरहे हो। पर हम यारों के यार हैं , यारी में अपना सब कुछ लुटा सकते हैं एक बेगम क्या चीज है। अब जल्दी कर जबसे तेरा हथियार देखा है तभी से चुलबुलाहट मची है हमारी चीज तुम्हारी आन्टी की टक्कर की न सही पर ऐसी बुरी भी नहीं है आजमा के देख ले।
विकी ने देखा नवाब सुलेमान के लाल लाल घड़े जैसे चूतड़ों पर एक भी बाल नहीं था गॉड़ का छेद भी मराते मराते काफी फैल गया लगरहा था। विकी जान गया कि नवाब सुलेमान को सब पता चल गया है। उसने सोचा कि आज मैं अगर इनकी गॉड़ मार दूँ तो गॉड़ मराके ये गॉड़ू फिर क्या बोलेगा और आन्टी की चूत तक का रास्ता तो मेरे लिए निष्कंटक हो ही जायेगा। फिर ये तो वैसे भी अपने खानदान और जान पहचान की सारी चूते दिलवाने का वादा कर रहा है , उम्मीद है आन्टी भी चुदने के बाद अब हास्टल के मामलों मे नरम रहेंगी , सो सौदा बुरा नहीं लगता आखिरकार विकी ने इस प्रकार मन को समझााकर नवाब सुलेमान की गॉड़ बजाही दी । एक तो थोड़ी देर पहले ही आन्टी की मखमली चूत में झड़ा था उसपर लौंडेबाजी का कोई शौक भी नही था , नवाब सुलेमान जबरदस्ती उससे अपनी बजवा रहे थे इसी झल्लाहट में नवाब सुलेमान की गॉड़ अपने फौलादी हथियार से दुश्मनों की तरह बजायी। गॉड़ू नवाब सुलेमान मस्त हो बोले भई एक जमाने के बाद इतना मजा आया कि आज तो मेरे छोटे नवाब भी जोश में आगये। ये देखो।
विकी की पहली बार नजर पड़ी नवाब सुलेमान का छोटे बच्चों जैसा लण्ड(छुनिया) टन्ना रहा था।
नवाब सुलेमान अपने चिकने नौकर चुन्नन को आवाज दी- अबे चुन्नन आजा आज तुझे जन्नत की सैर करा दूँ। विकी बेटा तू अब थक गया होगा तू अन्दर जा तेरी आन्टी ने तेरे सोने का इन्तजाम कर दिया होगा। जा आराम कर। हम तो आज दीवानखाने मे ही रहेंगे। जा मस्त रह।
विकी को ऐसा लगा जैसे नवाब साहब इशारे में कह रहे हों कि जा अन्दर आन्टी के साथ मजे कर मैं तो यहीं दीवानखाने में रहूँगा और चुन्नन की मारूँगा। विकी की खुशी का ठिकाना न था।वो अन्दर गया आन्टी अपने कमरे के सामने मिली। उनका हमेशा खिला रहने वाला चेहरा उतरा हुआ था।
उनके उतरे चेहरे को देख विकी जल्दी से बोला- आन्टी मेरी कोई गलती नहीं है न ही मुझे इस तरह का कोई शौक है वो अंकल जबरदस्ती
मिसेस सुलेमान(बीच में बात काटते हुए)- मुझे मालूम है अगर ये ऐसे न होते तो मुझे ऐसी बेगैरती करने की क्या जरूरत थी।
विकी- नहीं आन्टी आप बेगैरत नहीं बेगैरत तो वो है जिन्होंने आज मुझसे भी लौन्डेबाजी करवा ली।मुझे बड़ा अजीब लग रहा है क्या मैं नहा सकता हूँ।
मिसेस सुलेमान- हॉ हॉ मैं तो पूछने ही वाली थी।
बाथरूम की तरफ जाते हुए विकी लगातार उनके उतरे चेहरे की तरफ देख रहा था। वहॉ पहुँचकर मिसेस सुलेमान के हाथ से तौलिया लेते समय जब नजर मिली तो बोला- आन्टी आप बिलकुल जी छोटा न करें मेरी नजर में आपकी इज्जत कम न होकर बढ़ गई है।
मिसेस सुलेमान को हॅसी आ गई चुहल भरी आवाज में बोली- मेरी या मेरी चूत की? आन्टी की इज्जत के बच्चे आन्टी का पेटीकोट उठाके चोदते समय आन्टी की इज्जत का ख्याल नहीं आया ?
मिसेस सुलेमान को हॅसता देख विकी भी हॅंसते हुए बोला चूत पेश होने पर न चोदना चूत की बेज्जती है।
मिसेस सुलेमान ने एक हाथ में फव्वारे(शावर) का ट्यूब पकड़ा और दूसरे हाथ से पानी खोलते हुए बोली बस बस अब जल्दी से नहा ले रात बहुत हो चुकी है सोना नहीं है क्या?
विकी हॅंसते हुए फिर बोला पानी के शोर में आपके वाक्य का आखरी हिस्सा ठीक से सुनाई नहीं दिया मैडम मुझे लगा जैसे आपने पूछा कि रात बहुत हो चुकी है चोदना नहीं है क्या?
मिसेस सुलेमान(शावर से उसे नहलाते हुए)- तुझे तो सिर्फ‍ वही सुनाई देगा जो तू सुनना चाहेगा शैतान।
मिसेस सुलेमान विकी के सीने पर जल्दी जल्दी साबुन मलने लगी।फव्वारे के पानी के छीटों से भीग उनकी पारदर्शी नाइटी उनके बदन से चिपककर और भी पारदर्शी हो गई थी जल्दी जल्दी साबुन मलने से उनके दोनों लक्का कबूतर अन्दर ब्रा की कैद न होने के कारण जोर जोर से फड़फड़ा के पारदर्शी नाइटी के जाल से छूटने की कोशिश कर रहे थे। जिसे देखकर विकी का हथियार फिर से ठुनकने लगा मिसेस सुलेमान ने जब ये देखा तो एक हाथ में लण्ड थाम दूसरे से उसपर साबुन लगाती हुइ बोलीं देखो तो शैतान का शैतानी हथियार शिकार के लिए फिर से तैयार है।
विकी हॅंसते हुए (एक हाथ से फव्वारा पकड़ दूसरे हाथ से उनकी नाइटी खोलते हुए) हाय आन्टी शिकार देख शिकारी की बन्दूक तन जाना स्वाभाविक ही है। आप भीग तो गई ही हैं तो लगे हाथों आप भी नहा ही लीजिये मन हल्का हो जायेगा।
ये कह कर वो उन्हें भी एक हाथ में फव्वारा ले दुसरे हाथ से उनका संगमरमरी गदराया बदन मलमलकर नहलाने लगा। विकी के हाथ बड़े बड़े उरोजों पर फिसल रहे थे। मर्द‍ाने हाथों के स्पर्श से जाहिरा सुलेमान को हल्की मालिश का मजा आ रहा था और वो फिर से उत्तेजित होने लगी थी। थोड़ी देर में विकी ने देखा कि मिसेस सुलेमान के उभरे हुए बड़े बड़े खरबूजों जैसे गुलाबी स्तन और भी उभारदार व गोल हो गये। उनके निप्पल कठोर और बड़े बडे़ हो गये थे वो समा गया कि आन्टी फिर से चुदासी हो रही हैं। उसने देखा कि पानी की बूंदे उनके नंगे गदराये गोरे गुलाबी जिस्म संगमरमरी बाहों बड़े बड़े उरोजों पर मोती के समान चमक रही हैं। ये मोती उनक़ी बड़ी बड़ी चूचियों के जामुन जैसे निप्पलो से भी टपक रहे थे।विकी उन्हें होंठों से पकड़कर चूसने लगा निप्पलो को बारी बारी से होंठों में ले कर चुभलाने चूसने लगा उसके हाथ जाहिरा सुलेमान की मोटी मोटी चिकनी गुलाबी जांघों उनके बीच में उनकी गोरी पावरोटी सी फूली चूत से होते हुए भारी नितंबों सुन्दर टांगों पर फिसलने लगे। विकी के होंठ उनके बड़े बड़े उरोजों गदराये पेट गोल नाभी से फिसलकर पावरोेटी सी फूली दूधिया मलाई सी सफेद बिना बालों वाली चूत जोकि धुलकर और भी कमसिन लगरही थी पर पहुंचे। मारे उत्तेजना के विकी ने चूत होंठों में दबाली और चूसने लगा ।
जाहिरा सुलेमान ने विकी के होंठों में दबी चूत चुसवाते हुए सिसकी ली- स्स्स्स्स्स्स्सी हाय विकी ये तू क्या कर रहा है शैतान।
यह कहकर जाहिरा सुलेमान ने विकी का मुँह अपनी चूत से हटा कर उसे खड़ा किया फिर उसका साढ़े सात इंच का फौलादी लण्ड थाम लिया और लण्ड का हथौड़े जैसा सुपाड़ा अपनी फूली चूत पर रगड़ने लगी। विकी ने मिसेस सुलेमान की दाहिनी संगमरमरी टांग उठाकर अपनी कमर पर लपेटी और झुककर अपने लण्ड का सुपाड़ा चूत के मुंह पर सटा दिया मिसेस सुलेमान ने हाथ से पकड़ कर लण्ड और चूत का निशाना ठीक किया विकी ने अपने दोनो हाथों की उंगलियां उनके भारी चूतड़ों पर जमा लण्ड उचकाया तो सट से पूरा लण्ड अन्दर चला गया। पूरा लण्ड अन्दर जाते ह़ी जाहिरा सुलेमान ने सिसकारी भरी उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मह ।
विकी- उचक उचक के धक्के लगाने लगा।
थोड़ी देर में मिसेस सुलेमान हॉफने लगी और बोल़ी- उफ़ विकी अगर अब और नहीं नहाना तो कमरे में चल , मैं एक पैर पे खड़े खड़े थक गयी।
विकी ने अच्छे बच्चे की तरह अपना लन्ड चूत से निकाल कर आज्ञा का पालन किया। मिसेस सुलेमान ने उसे एक तौलिये से बना गाउन(बाथरोब) दिया और दूसरा स्वयं पहना और तौलिये से बदन पोछते हुए सोने के कमरे की तरफ चल दीं। आज्ञाकारी बच्चे विकी ने भी उनका अनुसरण किया। कमरे मे पहुँचते ही जाहिरा सुलेमान विकी पर टूट पड़ी उन्होने अपना बाथरोब निकाल फेका और विकी पर झपटीं उसका बाथरोब लगभग नोचकर निकाल फेकते हुए बोली अब तू देख आन्टी का दम।
विकी को बिस्तर पर धकेल उसपर कूद कर चढ़ गईं। अपनी पहले से पनियायी बुरी तरह चुदासी चूत को विकी के कुतुबमीनार की तरह खड़े लन्ड पर रख जोर का धक्का मारा। इस अकस्मात हमले से जाहिरा सुलेमान के साथ साथ विकी के मुँह से (उसके लण्ड के सुपाड़े की खाल अचानक पीछे खिच जाने से) उफ़ निकल गई।
विकी- उई आन्टी सम्हाल के…………
जाहिरा सुलेमान(कराहते हुए)- आह कितना बड़ा है शैतान कभी घुसेड़ते समय हम औरतौ के दर्द को समझा है । आज जरा सी खाल खिच गई तो उई उई कर रहा है। ले और ले सम्हाल।
ऐसा कहकर मिसेस सुलेमान ने अपनी चूत के दर्द को बद‍रस्त करते हुए एक और धक्का मारा। इस बीच विकी के लण्ड के सुपाड़े की खाल पीछे हटकर अपनी जगह बना चुकी थी , पर उसने देखा कि उसकी एक सिसकी से आन्टी का जोश इतना बढ़ गया तो झूठमूठ उई उई करना शुरू कर दिया।
विकी- अरे रहम करो आन्टी उई लगता है धीरे से प्लीज।
मिसेस सुलेमान(जोर जोर से उछल उछल कर धक्के लगाते हुए) तूने कौन सा रहम किया था मुझपर जो मै करूँ।
जब विकी ने ज्यादा शोर मचाया तो मिसेस सुलेमान ने झुुककर अपने बॉये स्तन का निपल उसके खुले मुँह में ठेल दिया जैसे खुले डिब्बे पर ढक्कन लग गया हो विकी चिल्लाना बन्द कर अच्छे बच्चे की तरह जोर जोर से निपल चूसने लगा। उसने झुकी हुई मिसेस सुलेमान की पीठ पर बाहें लपेटकर अपनी तरफ खीच रखा था जिससे कि यदि वो चाहे तो भी अपना स्तन उसके मुँह से न छुड़ा सकें । विकी अपना पुरा मुँह खोल कर निपल के साथ स्तन जितना ज्यादा से ज्यादा हिस्सा मुँह में आ रहा था को मुँह में भर कर चूस रहा था जिससे मिसेस सुलेमान और भी उत्तजित हो जोर जोर से आगे पीछे हिलकर और उछल उछल कर मर्दों की तरह धक्के लगा रही थीं जब मिसेस सुलेमान का बायॉं निपल चुसवाते चुसवाते दर्द करने लगा तो से निपल छुड़ाने के लिए कसमसायीं। विकी समझ गया और स्तन बदल बदल के चूसने और मुँह मारने लगा। उनकी घमासान चुदाई से कमरा पलंग की चरमराहट और उनकी सिसकियों से गूँूजने लगा।
विकी(कमर उचका कर मिसेस सुलेमान की चूत में लन्ड धॉसते हुए)- आ आआन्टी जरा आवाज दबाओ अंकल सुन लेंगे।
मिसेस सुलेमान- आह आह फिक्र न कर इसी वजह से कमरा साउण्डप्रूफ करवाया है। नखरे छोड़ थोड़ा जोर लगा मैं झड़ने ही वाली हूँ।
इतना सुनते ही विकी ने रोल कर अपने ऊपर औंधी मिसेस सुलेमान को नीचेकर दिया और हुमच हुमचकर उनकी चूतपर रगड़ा मारते हुए चोदने लगा। चार पॉच धक्के ही मारे होंगे कि
मिसेस सुलेमान- उम्म्म्म्उम्म्म्म्ह मैं गईईईईईई।
विकी- आााााान्टी म्म्म्म्मैं भी ईईईईईई
झड़ने के बाद विकी और मिसेस सुलेमान अगल बगल लेट कर अपनी सॉसे काबू में करने लगे। सामान्य होने के बाद विकी अपने बायीं तरफ चारो खाने चित्त पड़ी नंग धड़ंग मिसेस सुलेमान के मखमली बदन की तरफ घूमा, अपनी दाहिनी जॉघ उनकी संगमरमरी जॉघ पर चढ़ा दाहिने हाथ से उनके बड़े बडे आसमान की तरफ उठे उरोजों को सहलाने लगा।
मिसेस सुलेमान- क्या रे मन नहीं भरा क्या।
-आन्टी आप से भी क्कभी किसी का मन भर सकता है।
ऐसा कहते हुए विकी उनके बॉए निपल को होठों मे दबा जीभ से सहलाने लगा और दॉयें उरोज के निपल पर हाथ की गदेली से गोलियाने लगा पर ये क्या कुछ ही क्षणों में दोनों गहरी नींद में सो गये। वैसे आज दोनों ने मेहनत भी बहुत की थी सो नीद आजाना स्वाभाविक भी था।
अचानक किचन की खटर पटर की आवाजे सुनकर विकी की आँख खुली । वो इतनी गहरी नींद में सोया था कि अभी भी उसका एक हाथ मिसेज सुलेमान के एक उरोज पर और होठ दूसरे पर थे। उसने रात भर करवट तक नहीं बदली थी। सामने दीवार घड़ी पर नजर पड़ी सुबह के 9.30 बज रहे थे ।वो हड़बड़ा के उठा। गहरी नींद में चित्त पड़ी नंग धड़ंग मिसेस सुलेमान के बदन पर चादर डाली। तौलिया लपेट कमरे का दरवाजा खोल बाहर झाँॉका घर का नौकर चुन्नन किचन में नाश्ता बना रहा था। कोई नजर नहीं आया तो वो जल्दी से स्नानघर में घुस गया वहॉं विकी का नेकर बुश्शर्ट धो ड्रायर में सुखा प्रेस कर हेंगर में टॉगा हुआ था। विकी ने सोचा सुलेमान चचा ने चुन्नन से करवाया होगा। दैनिक क्रियाओं से निबट नहाधोकर विकी ने वो नेकर बुश्शर्ट पहना और ये सोच शान से स्नानघर से निकला कि अब रात का कोई सबूत नहीं बचा। सामने दोनों हाथ कमर पे रखे मिसेस सुलेमान की बेटी नाज़नीन खड़ी थी जैसे उसके निकलने का इन्तजार कर रही हो।
विकी- तू हास्टल से कब आई।
नाज़नीन आज सुबह साढ़े 6 बजे।
विकी को काटो तो खून नहीं, घबराया अगर इसने अपनी मॉ का कमरा झाँका होगा तो आज मेरी शामत का दिन है।
फिर भी झॉसा दिया विकी ने- माफ करना कल रात देर ज्यादा हो जाने की वजह से चचा ने रोक लिया तू थी नहीं थी सो मैंने तेरा सोने का कमरा इस्तेमाल कर लिया।
नाज़नीन- तो तू मेरे कमरे में सोया था।
विकी- हॉं।
-तो ये क्या है। कहते हुए नाज़नीन ने एक कम्प्यूटर से प्रिन्ट किया फोटो दिखाया जो विकी और मिसेस सुलेमान की गई रात की कहानी कह रहा था। फोटो में विकी का एक हाथ मिसेस सुलेमान के एक उरोज पर और होठ दूसरे पर व दाहिनी जॉघ मिसेस सुलेमान की संगमरमरी जॉघ पर चढ़ी थी। विकी समझ गया कि सुबह जब ये आयी तो अपनी मॉ के कमरे में गई होगी हमें उस हाल में देख डिजिटल कैमरे से ये फोटो खींचकर प्रिन्ट की होगी।
विकी- तू जो समझ रही है ये……।
नाज़नीन(बीच में बात काटते हुए)- अगर खैरियत चाहते हो तो सफाई देने के बजाये मेरी बात सुनो और मैं जो बोलूँं वो करो।
विकी (घबराती आवाज में)- ठठीक है।
नाज़नीन(मुस्कुराकर माहौल को हल्का करते हुए)- घबरा मत मैं तुझसे किसी का कत्ल नहीं करवाऊँगी।सुना है तेरा दाखिला इंजिनियरिगं कालेज में हो गया है और तेरे बापू तेरे जाने से पहले तेरी शादी मेरी सहेली मोना चौहान से कर रहे हैं, मुबारक हो।
विकी (बुरा सा मुँह बनाते हुए)- जी शुक्रिया तेरी शादी भी तो मेरे दोस्त असलम से हो रही है। तुझे भी मुबारक हो। तुझे असलम का वास्ता मेरे पर रहम कर।
नाज़नीन की मुस्कुराहट गहरी हुई रहम ही तो कर रही हूँं वरना अबतक तो तू चर्चा का विषय बन गया होता। अब ध्यान से सुन।
अचानक घर का नौकर चुन्नन आ गया इसलिए नाज़नीन ने बात बीच में छोड़ दी। चुन्नन नाश्ता लगाने के लिए पूछने लगा।
नाज़नीन दस मिनट बाद नाश्ता लगाना।
चुन्नन के जाने के बाद नाज़नीन विकी के कान में फुसफुसाके कुछ समझाने लगी सारी बात सुन के विकी बोला- ये कैसे हो सकता है ये तो ऐसे है जैसे आ बैल मुझे मार।
जो रात तुमने किया उसे पचाना मेरे लिए भी आसान नहीं। नाज़नीन ने धमकाया।










Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator